Adultery एक कायर भाई
- Rakeshsingh1999
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Re: Adultery एक कायर भाई
अगले दिन मैं अपने घर की छत पर बने हुए कमरे में अपने दोस्त के साथ बैठा हुआ लूडो खेल रहा था... शाम का समय था और हम दोनों पूरे मन से लूडो खेलने में व्यस्त थे... छत पर काफी शांति थी और हम दोनों भी चुपचाप खेल में व्यस्त थे... अचानक किसी की सीढ़ियां चढ़कर ऊपर आने की आवाज सुनके हमारे कान खड़े हो गए.. मेरे दोस्त को समझते देर नहीं लगी कि कौन ऊपर आ रही है... उसके मन की मुराद पूरी हो गई थी... शायद इसी लालच में वह मेरे साथ लूडो खेलने मेरे घर की छत पर आया था... मेरी रूपाली दीदी छत पर आ चुकी थी मुन्नी को अपनी गोद में लिय हुए.... हमारे कमरे का दरवाजा बंद था और खिड़कियां ऐसी बनी हुई थी कि अंदर से बाहर का नजारा तो देखा जा सकता था पर बाहर से अंदर कुछ भी दिखाई नहीं देता था... मेरी दीदी को बिल्कुल भी पता नहीं था कि हम दोनों छत पर ही हैं.. मेरी दीदी छत की एक तरफ जहां पड़ोसी की छत थी जाकर खड़ी हो गई और दूसरी तरफ देखने लगी.... मेरे दोस्त का मन अब लूडो खेलने में बिल्कुल नहीं लग रहा था... वह तो अब रूपाली दीदी को घूरे जा रहा था... और क्यों ना घूरे... आज मेरी रूपाली दीदी चिकनी चमेली बनी हुई थी बन ठन के... गुलाबी रंग की बैकलेस और स्लीवलैस चोली लो कट आधी चूचियां तो चोली के बाहर ही थी... बड़ी बड़ी चूची दूध की तरह सफेद और दूध से भरी हुई कसमसा रही थी मेरी रूपाली दीदी की चोली के अंदर... उनकी सांसों के साथ ऊपर नीचे होती हुई उनकी गोलाई जो चोली से बाहर निकलने को बेताब थे. चेहरे पर हल्का मेकअप.... बालों में गजरा आंखों में कजरा... कानों में बड़े-बड़े झुमके... होठों पर लाल लिपस्टिक.. चूचियो पर गुलाबी रंगत के 'अनार दाने' तन कर खड़े दूध से भरे हुए, लेकर मेरी रूपाली दीदी छत पर खड़ी थी और उनको देखकर मेरा दोस्त ऊपर से अपने औजार को मसलने लगा तो इसमें कोई हैरत की बात नहीं थी पर मेरे लिए शर्म की बात थी... उसे कुछ बोल भी नहीं पा रहा था मैं शर्म के मारे... अपने दोस्त की हरकतें देखकर मैं शर्म से पानी पानी हो गया था.. मैंने लूडो को बंद कर दिया था... वाह टकटकी लगाकर मेरी दीदी को निहार रहा था... मैंने भी देखा उन्हें अच्छी तरह... मेरी रूपाली दीदी का लहंगा उनकी पतली कमर के काफी नीचे बंधा हुआ था... सपाट पेट और गहरी नाभि साफ दिखाई दे रही थी उनकी गोरी गोरी चिकनी मक्खन जैसी..... उन्होंने चुनरी भी डाल रखी थी पर वह नाम मात्र की थी ..गले में पड़ी हुई थी और कुछ भी छुपाने ढकने में नाकाम थी मेरी दीदी की.... मैं गहरी सोच में पड़ा हुआ था कि आखिर मेरी रूपाली दीदी क्यों छत पर आई है इतनी" छम्मक छल्लो" बन ठन के.... मैंने सोचा शायद शादी के बाद इसी प्रकार बन ठन के रहती होगी घर में भी... सच कहूं दोस्तों तो मेरी दीदी स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी जिनको देखकर किसी का भी मन खराब हो जाए मेरे दोस्त का तो हो ही गया था..
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क्या.....ये गलत है?(Complete)....चुदाई का ज्ञान(complete)
हाय रे ज़ालिम....(Complete)..माँ बेटी की मज़बूरी(Complete)परिवार(दि फैमिली) Completeपापा की दुलारी जवान बेटियाँ(Complete)....परिवार की लाड़ली(complete)....दीदी से सेटिंग(Complete)...
नाना ने बनाया दीवाना(Complete)...तीन बेटियाँ (complete) -----मेरे गाँव की नदी(complete)....,मेरी कमसिन भांजी और बेटी -1(complete) मेरी कमसिन भांजी और बेटी-2 (complete)-----पापा तुम गंदे हो(complete).......माँ की अधूरी इच्छा(Complete.....मेरी बहु की मस्त जवानी(Complete)....ठरकी अंकल(Complete)
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Re: Adultery एक कायर भाई
मेरे दोस्त की हरकतें काबू से बाहर हो चुकी थी... उससे रहा नहीं गया उसने अपनी पैंट उतार दी .. वह खिड़की के सामने जाकर खड़ा हो गया और अपना लण्ड हिलाने लगा मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए..... रूपाली ...रूपाली...ओह… उसके मुंह से निकल रहा था...
साले तू क्या कर रहा है.. यह मेरी दीदी है.... मैंने उससे कहा..
बहन चोद मेरा निकल जाने दे पानी..ओह…ओह… रूपाली... उसने धीरे से कहा...
साले बंद कर हिलाना देखकर.. वरना तेरी गांड मार लूंगा मैं.... गुस्से में मैंने कहा...
बहन के लोड़े मैं तो बस हिला रहा हूं... तेरी रूपाली दीदी आज इसी छत पर नंगी होने वाली है... अगर मेरा विश्वास नहीं करता तो यहां देख ले दूसरी छत पर कौन लोग हैं.... मेरे दोस्त ने मुझसे कहा..
पहले मुझे उसकी बात का विश्वास नहीं हुआ पर जब मैं उसके पास गया और मैंने दूसरी छत की तरफ देखा तो मुझे यकीन हो गया कि आज मेरी दीदी छत पर कोई न कोई कांड करने आई है.. मेरे बगल वाली छत पर दो मुस्टडे खड़े थे... दिनेश और रवि... दिनेश मेरी रूपाली दीदी का पुराना यार... शादी के पहले मेरी रूपाली दीदी का टांका दिनेश से जुड़ा हुआ था... सब लोग कहते थे कि मेरी रूपाली दीदी को दिनेश दुल्हन बना के ले जाएगा.. कुछ कारणों से मेरी रूपाली दीदी की शादी नहीं हो पाई दिनेश के साथ.. इसके पीछे का कारण आपको फिर कभी बाद में बताऊंगा..
आज तो दिनेश अपने जिगरी दोस्त रवि के साथ छत पर खड़ा था.. शायद उन्हें पता था कि मेरी रूपाली दीदी आने वाली है छत पर... मेरी दीदी उनके सामने जाकर खड़ी हो गई थी... दिनेश मेरी दीदी को कुछ कह रहा था जो हमें तो बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रहा था पर सुनकर मेरी दीदी मुस्कुरा रही थी... रवि जो हमारे गांव का सबसे बदनाम और ठरकी लड़का है उसके साथ मेरी दीदी हंस हंस के बातें कर रही थी... मुझे बड़ा ही अजीब लग रहा था ऐसा देखकर..... कुछ देर तक उनकी बातें चलती रही फिर मेरी रूपाली दीदी का चेहरा एकदम गंभीर हो गया..
मुन्नी को अपने सीने पर टिका के खड़ी थी मेरी दीदी सर झुका के.. इसके बाद मेरी दीदी ने जो हरकत की मैं अंदर तक हिल गया... उन्होंने मुन्नी को साइड किया और अपने एक हाथ को चोली के अंदर डाल के अपनी एक चूची को चोली की कैद से आजाद कर दी.. मेरी रूपाली दीदी की एक चूची उनकी चोली के ऊपर से बाहर निकल के दिनेश और रवि की आंखों के सामने थी.... मैं और मेरा दोस्त भी इस नजारे को आंखें फाड़ फाड़ के देख रहे थे.. मेरा दोस्त तो मेरी रूपाली दीदी के चूची पर जड़े मोती जैसे गुलाबी दाने को देखकर पागल सा हो गया...
साले तू क्या कर रहा है.. यह मेरी दीदी है.... मैंने उससे कहा..
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पहले मुझे उसकी बात का विश्वास नहीं हुआ पर जब मैं उसके पास गया और मैंने दूसरी छत की तरफ देखा तो मुझे यकीन हो गया कि आज मेरी दीदी छत पर कोई न कोई कांड करने आई है.. मेरे बगल वाली छत पर दो मुस्टडे खड़े थे... दिनेश और रवि... दिनेश मेरी रूपाली दीदी का पुराना यार... शादी के पहले मेरी रूपाली दीदी का टांका दिनेश से जुड़ा हुआ था... सब लोग कहते थे कि मेरी रूपाली दीदी को दिनेश दुल्हन बना के ले जाएगा.. कुछ कारणों से मेरी रूपाली दीदी की शादी नहीं हो पाई दिनेश के साथ.. इसके पीछे का कारण आपको फिर कभी बाद में बताऊंगा..
आज तो दिनेश अपने जिगरी दोस्त रवि के साथ छत पर खड़ा था.. शायद उन्हें पता था कि मेरी रूपाली दीदी आने वाली है छत पर... मेरी दीदी उनके सामने जाकर खड़ी हो गई थी... दिनेश मेरी दीदी को कुछ कह रहा था जो हमें तो बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रहा था पर सुनकर मेरी दीदी मुस्कुरा रही थी... रवि जो हमारे गांव का सबसे बदनाम और ठरकी लड़का है उसके साथ मेरी दीदी हंस हंस के बातें कर रही थी... मुझे बड़ा ही अजीब लग रहा था ऐसा देखकर..... कुछ देर तक उनकी बातें चलती रही फिर मेरी रूपाली दीदी का चेहरा एकदम गंभीर हो गया..
मुन्नी को अपने सीने पर टिका के खड़ी थी मेरी दीदी सर झुका के.. इसके बाद मेरी दीदी ने जो हरकत की मैं अंदर तक हिल गया... उन्होंने मुन्नी को साइड किया और अपने एक हाथ को चोली के अंदर डाल के अपनी एक चूची को चोली की कैद से आजाद कर दी.. मेरी रूपाली दीदी की एक चूची उनकी चोली के ऊपर से बाहर निकल के दिनेश और रवि की आंखों के सामने थी.... मैं और मेरा दोस्त भी इस नजारे को आंखें फाड़ फाड़ के देख रहे थे.. मेरा दोस्त तो मेरी रूपाली दीदी के चूची पर जड़े मोती जैसे गुलाबी दाने को देखकर पागल सा हो गया...
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Re: Adultery एक कायर भाई
वाह.. इसको कहते हैं चूचक.. कितना प्यारा और रसीला है.." आगे वह कुच्छ ना बोला.. वह जोर-जोर से अपने औजार को हिलाने लगा..
दिनेश और रवि का तो लग रहा था कपड़े फाड़ फाड़ कर बाहर आ जाएगा औजार .. उनकी पेंट में से... दोनों बड़ी बेशर्मी से मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए ऊपर से ही अपने मोटे लण्ड को मसल रहे थे.. रवि की आंखों में भी साफ हवस दिखाई दे रही थी.. शादी के पहले तो वह मेरी रूपाली दीदी को भाभी भाभी बुलाता था... पर आज उसके तेवर भी बदले हुए लग रहे थे.... मैं सोच में डूबा हुआ था कि ऐसी क्या मजबूरी है मेरी रूपाली दीदी कि जो ऐसी हरकत कर रही है..
उन्होंने जो अगली हरकत कि उसे देखकर तो बड़े बड़ों का ईमान डोल जाए..... उन्होंने एक हाथ से अपनी चूची को पकड़ा और उसे अच्छी तरह दबाया... मेरी दीदी के गुलाबी निप्पल पर दूध की बूंदे चमकने लगी... उन्होंने मुन्नी को अपनी चूची पर रख लिया और उसके मुंह में अपना निप्पल ठेल उसे अपना दूध पिलाने लगी.
…. आह... साले .. बहन के लोड़े... वैसे तो तेरी रूपाली दीदी बड़ी संस्कारी बनती है ... साली...…. आह.... पर यह तो पूरी रंडी छिनाल है....…. आह…. आह देख कैसे यारों को दिखा दिखा कर अपना दूध पिला रही है... अपनी बच्ची को..…. आह मादरजात…. आह... जी चाहता है अभी जाकर तेरी दीदी की चोली फाड़ के रंडी का सारा दूध पी जाऊं... पूरा सुखा दूंगा तेरी दीदी की छातियों को चूस चूस …. आह.. साले वैसे तेरी दीदी की चूचियां है जबरदस्त.... ऐसी चूची टाइट बिल्कुल खड़ी खड़ी मैंने तो आज तक नहीं देखी...…. आह.... मेरा दोस्त अपने हवस के आवेश में बके जा रहा था और मैं चुपचाप सुन रहा था...
और सुनने के अलावा मेरे पास चारा ही क्या रह गया था. बेशर्मी की हद पार कर दी थी मेरी रूपाली दीदी.... एक बेचारा भाई भला क्या जवाब देता मेरे दोस्त की कामुक बातें और हरकत का...
खुले आसमान के नीचे मेरी रूपाली दीदी अपनी चोली खोल दूध पिला रही थी मुन्नी को अपने यार और उसके दोस्त के आगे..
मेरी दीदी अपने सीने से चिपकाए हुए मुन्नी को मातृत्व सुख का अनुभव करती हुई आंखें बंद किए खड़ी थी... और मेरा दोस्त... वह तो अपने लण्ड को ऐसे हिला रहा था मानो मेरी दीदी को अपने लण्ड पर बिठा के उछाल रहा हो....
साले मेरा मन कर रहा है तेरी रूपाली दीदी को अभी यही छत की रेलिंग पर झुका की रंडी की गांड मार लू..... बोलते बोलते मेरे दोस्त ने अपने औजार को निचोड़ के रख दीया....
दिनेश और रवि का तो लग रहा था कपड़े फाड़ फाड़ कर बाहर आ जाएगा औजार .. उनकी पेंट में से... दोनों बड़ी बेशर्मी से मेरी रूपाली दीदी को देखते हुए ऊपर से ही अपने मोटे लण्ड को मसल रहे थे.. रवि की आंखों में भी साफ हवस दिखाई दे रही थी.. शादी के पहले तो वह मेरी रूपाली दीदी को भाभी भाभी बुलाता था... पर आज उसके तेवर भी बदले हुए लग रहे थे.... मैं सोच में डूबा हुआ था कि ऐसी क्या मजबूरी है मेरी रूपाली दीदी कि जो ऐसी हरकत कर रही है..
उन्होंने जो अगली हरकत कि उसे देखकर तो बड़े बड़ों का ईमान डोल जाए..... उन्होंने एक हाथ से अपनी चूची को पकड़ा और उसे अच्छी तरह दबाया... मेरी दीदी के गुलाबी निप्पल पर दूध की बूंदे चमकने लगी... उन्होंने मुन्नी को अपनी चूची पर रख लिया और उसके मुंह में अपना निप्पल ठेल उसे अपना दूध पिलाने लगी.
…. आह... साले .. बहन के लोड़े... वैसे तो तेरी रूपाली दीदी बड़ी संस्कारी बनती है ... साली...…. आह.... पर यह तो पूरी रंडी छिनाल है....…. आह…. आह देख कैसे यारों को दिखा दिखा कर अपना दूध पिला रही है... अपनी बच्ची को..…. आह मादरजात…. आह... जी चाहता है अभी जाकर तेरी दीदी की चोली फाड़ के रंडी का सारा दूध पी जाऊं... पूरा सुखा दूंगा तेरी दीदी की छातियों को चूस चूस …. आह.. साले वैसे तेरी दीदी की चूचियां है जबरदस्त.... ऐसी चूची टाइट बिल्कुल खड़ी खड़ी मैंने तो आज तक नहीं देखी...…. आह.... मेरा दोस्त अपने हवस के आवेश में बके जा रहा था और मैं चुपचाप सुन रहा था...
और सुनने के अलावा मेरे पास चारा ही क्या रह गया था. बेशर्मी की हद पार कर दी थी मेरी रूपाली दीदी.... एक बेचारा भाई भला क्या जवाब देता मेरे दोस्त की कामुक बातें और हरकत का...
खुले आसमान के नीचे मेरी रूपाली दीदी अपनी चोली खोल दूध पिला रही थी मुन्नी को अपने यार और उसके दोस्त के आगे..
मेरी दीदी अपने सीने से चिपकाए हुए मुन्नी को मातृत्व सुख का अनुभव करती हुई आंखें बंद किए खड़ी थी... और मेरा दोस्त... वह तो अपने लण्ड को ऐसे हिला रहा था मानो मेरी दीदी को अपने लण्ड पर बिठा के उछाल रहा हो....
साले मेरा मन कर रहा है तेरी रूपाली दीदी को अभी यही छत की रेलिंग पर झुका की रंडी की गांड मार लू..... बोलते बोलते मेरे दोस्त ने अपने औजार को निचोड़ के रख दीया....
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Re: Adultery एक कायर भाई
बगल वाले छत पर दिनेश और रवि की हालत भी कुछ इसी प्रकार की थी... उनके मन में भी कुछ इसी प्रकार की इच्छाएं जग गई थी... शायद इसीलिए अब दिनेश से रहा नहीं गया और वह छत से कूद के हमारी छत पर आ गया... मेरी दीदी को इस बात का एहसास तब हुआ जब दिनेश उनके बिल्कुल पास आ गया... दिनेश की आंखों में हवस और उसकी पैंट में खड़े मोटे लंबे बांस को देखकर मेरी दीदी घबरा गई और पीछे की तरफ हटने लगी... दिनेश ने उन्हें पकड़ने की कोशिश की तो मेरी दीदी भागने लगी...
भागकर मेरी दीदी हमारे कमरे की तरफ ही आने लगी... मेरी तो गांड फट गई कि कहीं मेरी दीदी इस कमरे में ही ना घुस जाए और मेरे दोस्त को ऐसी हालत में देख ले... पर दिनेश ने मेरी दीदी को पकड़ लिया कमरे में घुसने के ठीक पहले हमारी खिड़की के सामने जिसके पीछे मैं और मेरे दोस्त खड़े थे...
कहां भाग रही है बहन की लोहड़ी.... दिनेश ने मेरी दीदी का हाथ पकड़ते हुए कहा.
देखो कुछ ऐसी वैसी हरकत मत करना... मुझे डर लग रहा है.. मेरी रूपाली दीदी न सर झुका के जवाब दे दिया उसे...
हम दोनों को अब उनकी बातें साफ-साफ सुनाई दे रही थी... बस एक खिड़की का फासला था हमारे बीच...
मुन्नी ने मेरी दीदी का दूध पीना बंद कर दिया था .वह भी डर गई थी और दिनेश को टुकुर-टुकुर देख रही थी...... मेरी रूपाली दीदी की एक चूची अभी भी चोली के बाहर थी दूध से लथपथ..
मुझे भी तेरा दूध पीना है.... दिनेश ने अजीब सी डिमांड मेरी दीदी के सामने रख दी.. मेरी दीदी शर्म के मारे लाल हो गई...
देखो तुम अपने वादे से मुकर रहे हो... हमारी बात तो बस दिखाने भर की हुई थी.. दीदी ने शर्माते हुए कहा.
हां साली मैंने वादा किया था... पर अब मेरा मूड बदल गया है देख कर.... मुझे तो बस पीना है तेरी छाती का दूध.. दिनेश की आंखें वासना से लाल हो रही थी...
उसने अपने एक हाथ की उंगलियों से मेरी दीदी की गुलाबी चूचक पर लगे हुए दूध की बूंदों को लपेटा और अपने मुंह में ले लिया..
उसकी हरकत से मेरी दीदी सिसक उठी....
आह , उई ई ओह्ह.... दिनेश ऐसा मत करो.... यह तो छोटे बच्चों के लिए होता है.... मेरी बात को समझो.. रूपाली दीदी ने सिसक के कहा...
साली मुझे मत सिखा क्या बच्चों के लिए होता है और क्या मर्दों के लिए.... तेरा पति भी तो पीता होगा ..रात भर .... खुद अपनी चूचियां पकड़ कर उसे पिलाती होगी रंडी तु और मुझे नखरे दिखा रही है.. बोलते बोलते दिनेश ने मेरी रूपाली दीदी की खुली हुई चूची को अपने हाथ में दबोच कर दबाना शुरू कर दिया... मेरी दीदी की चूची से दूध की धार निकलने लगी....
भागकर मेरी दीदी हमारे कमरे की तरफ ही आने लगी... मेरी तो गांड फट गई कि कहीं मेरी दीदी इस कमरे में ही ना घुस जाए और मेरे दोस्त को ऐसी हालत में देख ले... पर दिनेश ने मेरी दीदी को पकड़ लिया कमरे में घुसने के ठीक पहले हमारी खिड़की के सामने जिसके पीछे मैं और मेरे दोस्त खड़े थे...
कहां भाग रही है बहन की लोहड़ी.... दिनेश ने मेरी दीदी का हाथ पकड़ते हुए कहा.
देखो कुछ ऐसी वैसी हरकत मत करना... मुझे डर लग रहा है.. मेरी रूपाली दीदी न सर झुका के जवाब दे दिया उसे...
हम दोनों को अब उनकी बातें साफ-साफ सुनाई दे रही थी... बस एक खिड़की का फासला था हमारे बीच...
मुन्नी ने मेरी दीदी का दूध पीना बंद कर दिया था .वह भी डर गई थी और दिनेश को टुकुर-टुकुर देख रही थी...... मेरी रूपाली दीदी की एक चूची अभी भी चोली के बाहर थी दूध से लथपथ..
मुझे भी तेरा दूध पीना है.... दिनेश ने अजीब सी डिमांड मेरी दीदी के सामने रख दी.. मेरी दीदी शर्म के मारे लाल हो गई...
देखो तुम अपने वादे से मुकर रहे हो... हमारी बात तो बस दिखाने भर की हुई थी.. दीदी ने शर्माते हुए कहा.
हां साली मैंने वादा किया था... पर अब मेरा मूड बदल गया है देख कर.... मुझे तो बस पीना है तेरी छाती का दूध.. दिनेश की आंखें वासना से लाल हो रही थी...
उसने अपने एक हाथ की उंगलियों से मेरी दीदी की गुलाबी चूचक पर लगे हुए दूध की बूंदों को लपेटा और अपने मुंह में ले लिया..
उसकी हरकत से मेरी दीदी सिसक उठी....
आह , उई ई ओह्ह.... दिनेश ऐसा मत करो.... यह तो छोटे बच्चों के लिए होता है.... मेरी बात को समझो.. रूपाली दीदी ने सिसक के कहा...
साली मुझे मत सिखा क्या बच्चों के लिए होता है और क्या मर्दों के लिए.... तेरा पति भी तो पीता होगा ..रात भर .... खुद अपनी चूचियां पकड़ कर उसे पिलाती होगी रंडी तु और मुझे नखरे दिखा रही है.. बोलते बोलते दिनेश ने मेरी रूपाली दीदी की खुली हुई चूची को अपने हाथ में दबोच कर दबाना शुरू कर दिया... मेरी दीदी की चूची से दूध की धार निकलने लगी....
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Re: Adultery एक कायर भाई
हाए राम!.... आह , उई ई मम्मी... दिनेश..... यह क्या कर रहे हो.... आह प्लीज छोड़ दो.... आह ... कोई देख लेगा.... मेरी रूपाली दीदी बिलबिला उठी... गुहार लगा रही थी मेरी दीदी दिनेश से...
पर दिनेश ने मेरी दीदी की गुहार पर ध्यान नहीं दिया बल्कि उसने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए मेरी दीदी की चूची को अपने मुंह में भर लिया और सरप सरप दूध पीने लगा.. जितना बड़ा हो सकता था उतना बड़ा मुंह खोलकर उसमें मेरी दीदी की चूची को भर कर दिनेश पी रहा था... मेरी दीदी की आंखें बंद हो गई और वह सिसक रही थी...…. आह... कोई देख लेगा... हाय राम..... रवि भी देख रहा है...उई ई ओह्ह मां..... दांत क्यों काट रहे हो.... बोलते हुए मेरी दीदी चीख उठी थी.... दिनेश ने दीदी के गुलाबी निपल्स पर दांत काट लिया था...
हरामजादा रवि ना सिर्फ देख रहा था बल्कि छत कूद के हमारी छत पर आ गया था और मेरी दीदी और दिनेश से कुछ ही कदम की दूरी पर खड़ा था.... उसने अपना मोटा लंबा काला 10 इंच का लण्ड पैंट से बाहर निकाल रखा था और मेरी दीदी की तरफ खड़ा करके अपने हाथ में पकड़े हुए था...
दिनेश....आह... तुम्हें मेरी कसम.आहआह.... रुक जाओ ना...आहआह... मेरी दीदी ने बिलखते सीसकते हुए कहा.
दिनेश ने मेरे रूपाली दीदी की बात मान ली... और उनकी चूची को अपने मुंह से आजाद कर दिया.... उसके चेहरे और मुंह पर मेरी दीदी का दूध लगा हुआ था ठीक वैसे ही जैसे हिरनी का शिकार करने के बाद शेर के मुंह पर खून लगा होता है....
साली रंडी अपनी चोली खोल .. मुझे तो तेरा दूध पीना है अच्छी तरह से... दिनेश ने कामुक तरीके से मुस्कुरा कर कहा..
प्लीज मेरी बात मान जाओ... आज के लिए.. घर में सब लोग हैं और छत पर कोई भी आ सकता है... मैं बर्बाद हो जाऊंगी मेरी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी.. मेरी दीदी लगभग रोने ही लगी थी...
साली रांड... ज्यादा नखरे मत दिखा... आज अच्छे से पी लेने दे मुझे तेरा दूध... बोलते हुए दिनेश ने मेरे रूपाली दीदी की गोद में से मुन्नी को खींच लिया और सामने पड़ी हुई खटिया पर मुन्नी को लिटा दिया...
मेरी दीदी खड़े-खड़े रोने लगी... जालिम दिनेश ने मेरी दीदी के रोने की परवाह किए बिना बड़ी तेजी से उनकी चोली खोल दी.. दिनेश को अच्छी तरह पता था कि मेरी दीदी के चोली के हुक कैसे खोलते हैं...
सुनील ने मेरी रूपाली दीदी की चोली खोल के नीचे जमीन पर फेंक दी... दीदी ने ब्रा तो पहनी नहीं थी सो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां दूध की तरह सफेद और दूध से भरी हुई दिनेश के सामने अकड़ के खड़ी थी.. गुलाबी निप्पल खड़े खड़े .... दिनेश ने बिना देर किए अपने मजबूत हाथों में मेरी दीदी के दोनों बड़े उभारों को दबोच लिया और दबाने लगा... नीचे झुककर मेरी दीदी की दोनों चुचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर चूसने लगा दिनेश...
" उं उं ,छोड़ न हट... दिनेश....... पागल हो क्या.... कोई आ जाएगा...…. आह , उई ई मां... रवि तुम ही समझाओ ना दिनेश को...…. आह , ... यह तुम क्या कर रहे हो... मेरी दीदी की निगाह जैसे ही रवि पड़ी वह चीख उठी...
रवि तो मैं रूपाली दीदी के बिल्कुल पास खड़ा था... और देख रहा था दिनेश की हरकतें मेरी दीदी के साथ.... उसने अपनी पैंट की जिप खोल रखी थी और उसके हाथ में उसका मोटा खड़ा ,कड़ा खूब भूखा ,तन्नाया ,... मुसल था..जैसे संपेरा कोई पिटारा खोले और खुलते ही मोटा कड़ियल जहरीला नाग फन काढ़ कर खड़ा हो जाए। काफी बड़ा और खूब मोटा लण्ड है रवि का.. मैंने बिल्कुल पास से देखा....... असलम और जुनैद से भी बढ़कर... मैंने मन ही मन तुलना की....ये देख के मेरी आँखे फटी रह गयी...
पर दिनेश ने मेरी दीदी की गुहार पर ध्यान नहीं दिया बल्कि उसने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए मेरी दीदी की चूची को अपने मुंह में भर लिया और सरप सरप दूध पीने लगा.. जितना बड़ा हो सकता था उतना बड़ा मुंह खोलकर उसमें मेरी दीदी की चूची को भर कर दिनेश पी रहा था... मेरी दीदी की आंखें बंद हो गई और वह सिसक रही थी...…. आह... कोई देख लेगा... हाय राम..... रवि भी देख रहा है...उई ई ओह्ह मां..... दांत क्यों काट रहे हो.... बोलते हुए मेरी दीदी चीख उठी थी.... दिनेश ने दीदी के गुलाबी निपल्स पर दांत काट लिया था...
हरामजादा रवि ना सिर्फ देख रहा था बल्कि छत कूद के हमारी छत पर आ गया था और मेरी दीदी और दिनेश से कुछ ही कदम की दूरी पर खड़ा था.... उसने अपना मोटा लंबा काला 10 इंच का लण्ड पैंट से बाहर निकाल रखा था और मेरी दीदी की तरफ खड़ा करके अपने हाथ में पकड़े हुए था...
दिनेश....आह... तुम्हें मेरी कसम.आहआह.... रुक जाओ ना...आहआह... मेरी दीदी ने बिलखते सीसकते हुए कहा.
दिनेश ने मेरे रूपाली दीदी की बात मान ली... और उनकी चूची को अपने मुंह से आजाद कर दिया.... उसके चेहरे और मुंह पर मेरी दीदी का दूध लगा हुआ था ठीक वैसे ही जैसे हिरनी का शिकार करने के बाद शेर के मुंह पर खून लगा होता है....
साली रंडी अपनी चोली खोल .. मुझे तो तेरा दूध पीना है अच्छी तरह से... दिनेश ने कामुक तरीके से मुस्कुरा कर कहा..
प्लीज मेरी बात मान जाओ... आज के लिए.. घर में सब लोग हैं और छत पर कोई भी आ सकता है... मैं बर्बाद हो जाऊंगी मेरी इज्जत मिट्टी में मिल जाएगी.. मेरी दीदी लगभग रोने ही लगी थी...
साली रांड... ज्यादा नखरे मत दिखा... आज अच्छे से पी लेने दे मुझे तेरा दूध... बोलते हुए दिनेश ने मेरे रूपाली दीदी की गोद में से मुन्नी को खींच लिया और सामने पड़ी हुई खटिया पर मुन्नी को लिटा दिया...
मेरी दीदी खड़े-खड़े रोने लगी... जालिम दिनेश ने मेरी दीदी के रोने की परवाह किए बिना बड़ी तेजी से उनकी चोली खोल दी.. दिनेश को अच्छी तरह पता था कि मेरी दीदी के चोली के हुक कैसे खोलते हैं...
सुनील ने मेरी रूपाली दीदी की चोली खोल के नीचे जमीन पर फेंक दी... दीदी ने ब्रा तो पहनी नहीं थी सो उनकी बड़ी-बड़ी चूचियां दूध की तरह सफेद और दूध से भरी हुई दिनेश के सामने अकड़ के खड़ी थी.. गुलाबी निप्पल खड़े खड़े .... दिनेश ने बिना देर किए अपने मजबूत हाथों में मेरी दीदी के दोनों बड़े उभारों को दबोच लिया और दबाने लगा... नीचे झुककर मेरी दीदी की दोनों चुचियों को बारी-बारी से मुंह में लेकर चूसने लगा दिनेश...
" उं उं ,छोड़ न हट... दिनेश....... पागल हो क्या.... कोई आ जाएगा...…. आह , उई ई मां... रवि तुम ही समझाओ ना दिनेश को...…. आह , ... यह तुम क्या कर रहे हो... मेरी दीदी की निगाह जैसे ही रवि पड़ी वह चीख उठी...
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