Adultery चूत लंड की राजनीति

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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अब तक आपने पढ़ा की राज को डॉली के असली मा बाप का राज पता चलता हैं. डॉली ने चुदाई का लालच देते हुए नंगे होकर राज को सिर्फ़ तडपाया पर दिया कुच्छ नही और नहाने चली गयी.

अब आगे…

डॉली जब नहा कर बाहर आई तो बदन पर बड़ा सा तौलिया बूब्स के उपर से लेकर घुटनो के थोड़ा उपर तक लपेटा हुआ था.
बाहर आई तो सोफे पर पसरे हुए राज पड़ा हुआ था और डॉली का ब्रा और पैंटी सूंघ रहा था और स्माइल कर रहा था.

डॉली: “तू अभी तक गया नही?”'

राज: “आज तो मैं तुम्हे चोद कर ही जाउन्गा”


डॉली: “इतना कॉन्फिडेन्स कहाँ से लाया?”

राज: “मुझे पता हैं की वो ड्राइवर राजेश तुम्हारे बाप हैं”

डॉली: “तो छूप छूप कर लोगो की बातें सुनना तेरी आदत मे शुमार हैं!”

राज: “तुम लोगो ने कई सालो तक इसको राज रखा पर मैं पूरी दुनिया को बता सकता हूँ. मेरा मूह बंद रखने के लिए मेरा मूह भरना होगा”

डॉली: “तुझ जैसे कमीने इंसान से यही उम्मीद थी. कितना पैसा चाहिए बोल”

राज: “मुझे मेरे मूह मे तुम्हारे बूब्स, होंठ, और चूत भरनी हैं. एक बार चोदना हैं तुम्हे”

डॉली: “बस एक बार?”

राज: “एक बार चुदवा कर तो देखो, कसम से तुम खुद बार बार मुझे चोदने को बोलॉगी”

डॉली: “कुत्ते, तू मुझे चोदेगा? तू मेरा नौकर हैं”

राज: “नौकरी गयी भाड़ मे. वैसे कुत्ते से याद आया. तुझे तो मैं कुतिया बना कर चोदुन्गा. चल कपड़े खोल. आज तेरी चूत का भोसड़ा ना बना दिया तो मेरा नाम राज नही”

डॉली: “जा कुत्ते, तुझे जिसके सामने भौकना हैं भोक ले. मुझे अब फ़र्क नही पड़ता की सबको यह पता चले की मेरे असली मा – बाप कौन हैं”

राज: “मैं नौकर तो तू कौन? एक ड्राइवर की बेटी ही तो हैं. मुझ पर हुकुम तो ऐसे चला रही हैं जैसे किसी बड़े घर की बेटी हो”

डॉली: “तू आज भी नौकर हैं और मैं तेरी मालकिन. चल निकल यहा से”

राज आगे बढ़ा और डॉली की छाती से तौलिया निकालने लगा. डॉली ने उसका हाथ झटक दिया और फिर पीछे मूड गयी ताकि वहाँ पड़ा डंडा उठा पाए.

राज ने डॉली को पीछे से कमर से पकड़ लिया. डॉली अपने आप को राज की पकड़ से छुड़ाने लगी. राज ने फिर डॉली को खिसकाते हुए पास मे पड़े एक टेबल तक आया और उस पर डॉली को सामने से झुका कर लेटा दिया.

एक हाथ से डॉली के सर को टेबल पर दबा दिया. राज ने दूसरे हाथ से डॉली का तौलिया नीचे से उपर करने की कोशिश की.

डॉली की गोरी जाँघ दिखने लगी और तौलिए से डॉली की पैंटी दिखाई दी. इसके पहले की राज पैंटी उतारता, डॉली ने राज को कोहनी से पेट मे मारा. राज झटके से दूर हो गया.

डॉली ने घूम कर राज के मूह पर चांटा मार दिया और चिल्ला कर सेक्यूरिटी को अंदर बुला लिया. सेक्यूरिटी बाहर से दौड़ते अंदर आए और राज को पकड़ लिया.

राज: “यह तू ठीक नही कर रही, मैं सबको बता दूँगा राजेश के बारे मे”

डॉली: “इसको बाहर फेकने से पहले इसके हाथ पैर अच्छे से तोड़ देना”

राज चिल्लाने लगा. सेक्यूरिटी ने उसको बाहर ले जाकर बुरी तरह से पिता औ फिर सड़क पर छोड़ दिया. लंगड़ाता हुआ राज जैसे तैसे टॅक्सी पकड़ कर अपने घर पहुचा.

घर पर आकर राज दर्द के मारे कराह भी रहा था और गुस्से मे फुफ्कार भी रहा था. डॉली को ब्लॅकमेल करने का दाव नही चला.

डॉली एक ड्राइवर की बेटी हैं इस से शायद डॉली को कोई नुकसान नही था. फ़र्क तो सिर्फ़ ज्योति और सतीश को पड़ता. राज अब कोई दूसरा रास्ता ढूँढने लगा.

घर पर बैठे बैठे राज अपनी प्लॅनिंग मे जुट गया की कैसे वो डॉली को घुटनो पर लेकर आएगा.

कुच्छ समय बाद डॉली अपने एरिया की ही एक बस्ती मे एक महापुरुष की मूर्ति का उद्घाटन करने गयी. उसकी पार्टी के वर्कर्स ने थोड़ी भीड़ भी जुटा ली जो तालिया बजा पाए.

मूर्ति का उद्घाटन हुआ और डॉली अपना भाषण देने लगी. भाषण ख़त्म होने के बाद भीड़ मे एक यंग लड़का खड़ा हो गया, जिसका नाम शमित था.

शमित: “यह मूर्ति लगाने से इन बस्ती वालो का कोई भला नही होने वाला हैं”

डॉली की पार्टी के वर्कर्स ने ज़बरदस्ती डाट दपट कर शमित को नीचे बैठाने की कोशिश की. डॉली ने उनको रोक दिया और अपने पास बुलाया.

शमित ने साधारण से थोड़े से गंदे कपड़े पहन रखे थे. डॉली उसको उपर से नीचे देखने लगी.

शमित: “मूर्ति लगाने की बजाय बस्ती मे सॉफ सफाई पर ध्यान दिया होता तो लोग इतना बीमार नही पड़ते, और यहा का स्कूल सुधर जाता तो बच्चो को फ़ायदा मिलता”

डॉली: “तुमने बात करने की तमीज़ नही हैं की बड़ी पोस्ट वालो से बात कैसे करते हैं. स्कूल की बात कर रहे हो, लगता नही तुम कभी स्कूल गये होगे!”

शमित: “दीज़ पीपल्स डिड्न’ ट् एलेक्ट यू टू रूल देम, दे एलेक्टेड यू टू हेल्प देम. इफ़ यू कॅन’ ट् हेल्प उस देन डॉन’ ट् ह्युमिलियेट आइदर”

इसका मतलब यह था की बस्ती के लोगो ने डॉली को इलेक्शन मे वोट राज करने को नही दिया बल्कि उनकी मदद को दिया हैं. अगर वो मदद नही कर सकती तो अपमानित भी नही करना चाहिए.

एक साधारण से दिखने वाले युवक के मूह से इतनी अच्छी इंग्लीश सुनकर डॉली चौंक गयी. शमित वहाँ से चला गया. डॉली ने बस्ती के ही एक प्रधान को बुलाया.

डॉली: “कौन हैं यह लड़का?”

प्रधान: “मेडम इसका नाम शमित हैं. बस्ती के बच्चो को ऐसे ही आकर रोज फ्री मे पढ़ाता हैं. बस्ती के ही लोगो के साथ मिलकर रोड पर पसरी गंदगी भी सफाई करता हैं. यहा नही रहता, बस कुच्छ घंटे यहा पर सेवा करके चला जाता हैं”
josef
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डॉली ने प्रधान को बस्ती की सफाई का निर्देश दिया और स्कूल मे क्या प्राब्लम हैं वो भी देखने को कहा. डॉली फिर वहाँ से चली गयी.

कुच्छ समय बाद प्रधान के कहने पर डॉली फिर से उस बस्ती मे देखने गयी की उसके कहे अनुसार सारी व्यवस्त ठीक से हुई हैं या नही.

वहाँ पर उसको शमित फिर से मिल गया. मगर इस बार शमित ने सॉफ सुथरे अच्छे कपड़े पहने हुए थे. बहुत ही सुंदर और आकर्षक लग रहा था. किसी अच्छे घर का मालूम पड़ रहा था.

डॉली: “अब तो खुश हो तुम, तुमने बताया वैसा काम हो चुका हैं”

शमित: “थॅंक्स. उस दिन बुरा लगा हो तो सॉरी, पर यहा के पॉलिटीशियन को लेकर मेरे मन मे कोई अच्छे विचार नही हैं”

डॉली: “मेरे बारे मे क्या ख्याल हैं?”

शमित: “क्या मतलब!”

डॉली: “शादी का प्रपोज़ल नही दे रही, मेरे काम के बारे मे बात कर रही थी”

डॉली और शमित मे अच्छे से बात हुई. डॉली को शमित पसंद आ गया था. मगर अपने दिल की बात वो कह नही पाई. डॉली ने शमित को नौकरी की पेशकश दी पर शमित ने माँग त्हुकरा दी.

डॉली ने शमित को अपने घर कॉफी पर बुलाया, थोड़ी रिक्वेस्ट के बाद शमित मान गया. शमित अगले सनडे के दिन डॉली के घर पहुच गया.

डॉली: “तुम्हारे घर मे कौन हैं?”

शमित: “घर मे सिर्फ़ पापा हैं. मेरी मा तो जनम देते ही चल बसी. ग़रीब लोगो की हेल्प करना मेरी हॉबी हैं”

डॉली फिर शमित के करीब गयी और उसके कंधे पर हाथ रख दिया. शमित चौंक गया. डॉली ने फिर अपनी हथेली शमित के शर्ट पर सीने पर रगडी.

शमित थोड़ा घबराया और डॉली का हाथ दूर किया और खड़ा हो गया. डॉली अपनी उंगली शमित के चिकने चेहरे पर घुमाते हुए उसके चेहरे के पास अपना चेहरा लाकर उसको सूंघने लगी.

शमित ने “एक्सक्यूस मी” कहा और डॉली से दूर हुआ. डॉली फिर शमित के चिपकने लगी.

शमित: “मैं इस टाइप का लड़का नही हूँ”

डॉली: “मतलब तुम लड़के तो हो. मैं बहुत ज़िद्दी हूँ, जो चीज़ पसंद आ जाती हैं वो पाकर रहती हूँ”

शमित: “मैं कोई चीज़ नही हूँ”

डॉली ने वही खड़े खड़े अपना सफेद कुर्ता सर से होते हुए बाहर निकाल दिया और दोनो हाथ अपने शरीर से चिपकाते हुए अपनी छाती को आगे कर दिया.

डॉली के ब्रा से उसके बूब्स और भी फूलकर बाहर निकल गये. डॉली ने एक नज़र अपने बूब्स पर डाली तो दूसरी नज़र आश्चर्य मे पड़े शांति पर डाली.

डॉली: “यह देखने के बाद भी तुम्हारी ना हैं?”

शमित: “इसमे कोई शक नही हैं की तुम बहुत खूबसूरत हो. मगर मैं इस तरह लड़कियो के साथ हुक अप नही करता”

डॉली फिर सामने की तरफ़ झुक गयी और अपने दोनो बूब्स के बीच की गली भी दिखाते हुए उसने अपनी लेगिंग निकाल दी. शमित गंभीर चेहरा बनाए डॉली की हरकत देख रहा था.

डॉली ने सीधा खड़े होकर शमित को हल्का सा धक्का दिया और वो पीछे पड़ी कुर्सी पर धडाम से बैठ गया.

डॉली ने अपनी चिकनी टाँग को शमित की चेयर पर रख दिया. शमित की आँखों के सामने डॉली की गोरी, चिकनी और पतली टांगे थी.

डॉली: “इसको पाने के लिए लोग मरते हैं और मैं खुद तुमको यह सब देना चाहती हूँ और तुम मना कर रहे हो!”

शमित ने डॉली के गोरे चिकने टखने पकड़े. शमित की उस च्छुअन से डॉली खुश हो गयी. शमित ने डॉली की टाँग को उठाते हुए अपनी कुर्सी से नीचे ज़मीन पर रख दिया. फिर शमित उठ खड़ा हुआ

शमित: “कॉफी के लिए थॅंक यू, अब मैं चलता हूँ”

डॉली दंग रह गयी. आज तक उसके हुस्न का जादू कभी फैल नही हुआ था, मगर शमित पर इसका की असर ही नही था.

डॉली: “कही ऐसा तो नहीं की तुम मर्द ही नही हो. ज़रा अपनी पैंट खोल कर दिखाओ”

शमित ने यह सुनकर स्माइल करते हुए अपना सर ना मे हिलाया.

शमित: “तुम मुझे नही बहला सकती. अगर तुम्हे लगता हैं की मैं मर्द नही तो यह ही सही. बाइ”

शमित वहाँ से निकलने लगा. डॉली उसके पीछे दौड़ती हुई गयी और उसको धक्का देते हुए दीवार के पास लाई. फिर शमित को दीवार से पीठ के सहारे चिपका दिया.

डॉली ने शमित के शर्ट के दोनो हिस्सो को खींचा जिससे उपर का बटन खुल गया और डॉली ने शमित के नंगे दिखते सीने को चूमना शुरू किया.

शमित ने डॉली को अपने से दूर किया. डॉली ने शमित की पैंट सहित उसका लंड पकड़ लिया. उसका लंड ठंडा पड़ा था. शमित ने अपना लंड डॉली की पकड़ से छुड़ाया.

डॉली: “इतना कुच्छ किया फिर भी तुम्हारा लंड कड़क नही हुआ”

शमित: “जिसको दिल से चाहो उसी के लिए लंड उठता हैं. मैं किसी और को प्यार करता हूँ, उसके अलावा किसी के साथ चुदाई नही कर सकता”

डॉली ने अपना ब्रा निकाल दिया और अपने गोरे बड़े से बूब्स बाहर निकाल दिए और शमित का चेहरा पढ़ने लगी. डॉली फिर शमित के पास गयी और उसकी हाथ पकड़ कर अपने बूब पर रख दिया.

डॉली का वो बूब शमित ने दबा दिया और अगले ही पल धक्के के साथ डॉली दो कदम पीछे चली गयी. शमित ने डॉली को पीछे हटाने के लिए जो धक्का दिया था उसकी वजह से बूब दब गया था.

डॉली: “नाम तो बता दो वो कौन खुशनसीब लड़की हैं”

शमित ने पीछे मुड़कर देखा और बिना जवाब दिए ही वहाँ से चला गया. डॉली खड़ी की खड़ी ही रह गयी. उसको शमित चाहिए था पर वो उसके चंगुल मे फसा नही.

थोड़े दिन बाद कार से जाते हुए डॉली ने रोड के किनारे थोड़ी दूर राज को शमित और एक और लड़की से बात करते देखा.
डॉली सोचने लगी की क्या राज और शमित एक दूसरे को जानते हैं! साथ मे जो लड़की थी कही वो शमित की गर्लफ्रेंड तो नही!

डॉली आगे कभी राज से कॉंटॅक्ट नही करना चाहती थी पर शमित को पाने के लालच मे उसने मन मार कर राज से कॉंटॅक्ट करने की सोची.

डॉली ने अपनी कार वहाँ रुकवाई और थोड़ा वेट किया. जैसे ही शमित और वो लड़की वहाँ से गये तो डॉली ने अपने ड्राइवर को भेज कर राज को बुलाया.

अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या राज और डॉली एक साथ मिलकर काम करेंगे!

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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अब तक आपने पढ़ा की डॉली का दिल शमित पर आ गया पर शमित को डॉली मे कोई इंटेरेस्ट नही था क्यू की ऐसा लगा की उसकी पहले ही कोई गर्लफ्रेंड हैं. फिर डॉली ने शमित को एक लड़की और राज के साथ देखा. डॉली ने अब राज को मिलने के लिए बुलाया.

अब आगे…

कार मे अब सिर्फ़ राज और डॉली ही अकेले मे बात कर रहे थे.

राज: “आज मेरी याद कैसे आ गयी तुम्हे?”

डॉली: “तुम्हारी एक हेल्प चाहिए”

राज: “मैं तो कब्से कह रहा था की मुझे चोदने दो, आख़िर आज मेरी चुदाई की ज़रूरत पड़ ही गयी”

डॉली: “दिन मे सपने देखना छोड़ दो. यह बताओ की अभी तुम्हारे साथ एक लड़का और एक लड़की बात कर रहे थे. उनका आपस मे क्या रिश्ता हैं और तुम उनको कैसे जानते हो?”

राज: “तुम्हे क्या लेना देना उनसे? पूरी बात बताओ तो मैं हेल्प करूँगा”

डॉली: “मुझे वो लड़का शमित चाहिए. क्या वो लड़की शमित की गर्लफ्रेंड हैं?”

राज: “मैं तो एक दलाल हूँ, लोगो को नौकरी पर लगवाता हूँ. वो लड़का उस लड़की को नौकरी के लिए मेरे पास लाया था. वो लड़की तुम्हारी तरह बहुत कड़क हैं”

डॉली: “तू कमीना हैं, तेरी आदत मैं जानती हूँ. तुम्हे वो लड़की चाहिए और मुझे वो लड़का. दोनो एक दूसरे की हेल्प करेंगे तो दोनो का काम हो जाएगा”

राज:”अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को किसी और के साथ चुदते हुए देख ले तो वो अपनी गर्लफ्रेंड से रिश्ता तोड़ लेगा”

डॉली: “मगर वो लड़की किसी और के साथ क्यू चुदवायेगी?”

राज: “तुमने तो बड़े बड़े लोगो को फसाया हैं, तुम सोच लो. मैं उन लोगो को तुम तक ले कर आउन्गा”

डॉली: “उस लड़की को मेरे घर भेज दो, मैं अपने यहा काम पर रखूँगी. उसको मैं चोरी के इल्ज़ाम मे फसाउन्गी और उसको बचाने के बदले तुम उसके साथ जो करना चाहो कर लेना. फिर वो सब शमित को दिखा देना, फिर मैं शमित को अपना बना लूँगी”

राज: “क्या चक्कर हैं मेडम, उस लड़के मे इतना इंटेरेस्ट क्यू हैं?”

डॉली: “तुम अपने मतलब से मतलब रखो”

राज: “तुमने तो मुझे कुत्ते की तरह भागा दिया था. मैं तुम्हारी हेल्प क्यू करू?”

डॉली: “जितना पैसा चाहिए ले लेना इस काम के लिए”

राज: “पैसा नही चाहिए, मुझ तुम्हे चोदना हैं”

डॉली: “मैं तुम्हारी मदद के बिना भी यह काम कर सकती हूँ. मुझे तुम्हारी ज़रूरत नही हैं”

राज: “उस लड़की और उसके घर वालो को मैं अच्छे से जानता हूँ, मैं उनको तुम्हारा पूरा गंदा प्लान बता दूँगा. तुम मेरी हेल्प के बिना कुच्छ नही कर सकती”

डॉली: “मजबूरी का फ़ायदा उठाना कोई तुझसे सीखे. शमित को पाने के लिए तेरे साथ भी एक बार सो लूँगी”

राज: “याद हैं मैने तुमने क्या कहा था! तुम्हे कुतिया बना कर चोदुन्गा. मुझे मेरी वो इक्षा पूरी करने दो तो ही मैं तुम्हारी मदद करूँगा”

डॉली: “अपनी औकात से बाहर मत निकल”
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