Adultery चूत लंड की राजनीति

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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राज: “तुमने मेरा कुच्छ भी बिगाड़ा तो मैं शमित के सामने तुम्हारी पोल खोल दूँगा. मुझे बहुत मानता हैं वो. फिर तुम्हे कभी शमित नही मिलेगा. सोच लो…”

डॉली फिर सोच मे पड़ गयी.

डॉली: “आ जाना कभी रात को मेरे घर पर.म्‍मगर पहले पायल को मेरे यहा काम के लिए भेज देना”

राज: “कल ही भेज दूँगा. और कल रात को ही मैं तुम्हे चोदुन्गा. अपने नौकरो को छुट्टी पर भेज देना, उनके सामने कुतिया बनकर तुम्हे अच्छा नही लगेगा”

राज कार से बाहर गया और डॉली फिर अपने काम पर लौट गयी.

डॉली के यहा अगले ही दिन पायल नाम की एक लड़की आ गयी. डॉली ने अपने यहा काम करने वाली पार्टी वर्कर को कह दिया की वो पायल को काम दे दे.

शाम को डॉली ने अपने नौकरो को एक रात के लिए छुट्टी दे दी. राज रात को डॉली के घर पहुचा. बाहर सेक्यूरिटी थी पर अंदर नौकर नही थे.

डॉली नाइटी पहने राज का ही वेट कर रही थी. राज ने डॉली को उस सेक्सी नाइटी मे देखा और ललचाई आँखों से देखता ही रह गया.

राज: “तो आख़िर वो रात आ ही गयी जब मैं तुम्हे चोद पाउन्गा”

डॉली: “हर कुत्ते का दिन आता हैं, आज तेरा हैं”

राज: “आज तो सच मे मैं कुत्ते की तरह चोदुन्गा और तुम कुतिया की तरह चुदवाओगी”

डॉली: “बड़ी बड़ी डींगे हांकता था की तेरा लंड बहुत मज़े दिलाता हैं, एक बार चुदवाया तो बार बार चुदवाने का मन करेगा. चल देखती हूँ आज, कितना दम हैं तेरे मे”

राज: “चल कपड़े खोल कर कुतिया बन जा”

राज अपने कपड़े खोलने लगा और फिर नंगा होकर सोफे पर पाव फेलाए बैठ गया और डॉली को कपड़े खोलते देखने लगा.

डॉली ने भी अपनी नाइटी निकाल दी और अंदर पहने डिज़ाइनर ब्रा और पैंटी मे बहुत मादक लग रही थी. डॉली ने फिर अपना ब्रा खोला.

डॉली के उछलते हुए मम्मों को देखकर राज आहें भरने लग और उसका लंड झटके मारने लगा.

डॉली ने फाइनली अपनी पैंटी उतारी और पूरी नंगी खड़ी हो गयी. डॉली की चूत पहली बार देखकर राज को शांति मिली.

राज: “बहुत सालो बाद जवान चूत दिखी हैं. वरना अपनी बीवी की ढलती जवानी की चूत देखकर बोर हो चुका हूँ”

डॉली की नज़र फिर राज के मोटे लंबे लंड पर पड़ी. डॉली उस लंड के साइज़ देखकर बहुत इंप्रेस हुई.

डॉली: “मगर तेरी ढलती जवानी मे भी तेरा लंड अभी तक जवान लग रहा हैं”

राज: “अपनी मा ज्योति को पुच्छना, कितना मज़ा दिलाया था उसको. वैसे ज्योति की ढलती जवानी की चूत तुम्हारी तरह जवान थी और चुदाई मे भी बहुत मज़ा आया था. देखता हूँ तुम दोनो मा बेटी मे से कौन मुझे ज़्यादा मज़ा दिलाता हैं”
josef
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डॉली: “चोदना हैं तो चोद ले मगर मेरी मा को बीच मे मत ला”

राज: “चल कुतिया बन जा, और कुतिया की तरह मेरे पास आकर मेरी गोटियो को चाट”

डॉली अपने घुटनो और हाथ के पंजो के बाल गाय की तरह बैठ गयी और चलते हुए राज की दोनो खुली टाँगो के बीच पहुचि.
राज का लंड कड़क होकर उपर उठा हुआ था और उसके लंड की गोटिया नीचे लटकी हुई थी.

राज: “चल कुतिया मेरी गोटियो को चाट”

डॉली ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और राज की काली गोटियो पर ज़ुबान रगड़ने लगी. राज की सिसकिया निकलने लगी. थोड़ी ही देर मे राज की गोटिया भी कड़क हो चुकी थी.

राज के लंड और गोटियो पर बाल उघे हुए थे और डॉली ने गोटियो पर उघे बालो को गीला कर दिया था. राज अभी भी आहें भर रहा था और उसकी गोटियो मे उत्तेजना मे वीर्य बनना शुरू हो चुका था.

राज: “अब रुक भी जा, मेरी गोटिया चाटने मे इतनी स्वादिष्ट लग रही हैं तुझे. चल अपनी गान्ड मेरी तरफ कर”

डॉली ऐसे ही गाय की तरह खड़े पलट गयी. डॉली की गोरी चिकनी गान्ड अब सोफे पर बैठे हुए राज की तरफ थी.

राज ने अपने एक हाथ की हथेली फेलाइ और एक ज़ोर का चांटा डॉली की गोरी गान्ड पर मारा. डॉली की एक ज़ोर की चीख निकली.

डॉली: “कुत्त्त्त्त्त्त्त्ते .. धीरे मार, वरना अभी उठ कर तुझको मारूँगी”

डॉली की गान्ड का गाल पूरी तरह लाल हो चुका था. राज हँसने लगा और फिर उतनी ही तेज़ी से गान्डके दूसरे गाल पर भी एक चांटा मारा.

डॉली: “आययययए .. हरामी … रुक मैं बताती हूँ”

राज: “ऐसे ही कुतिया बन कर बैठी रह. मेरी शर्त याद हैं ना. मेरी हेल्प चाहिए ना शमित को पाने के लिए या खोना हैं”

डॉली उठना चाहती थी पर मान मार कर फिर से पहले की तरह गाय की तरह खड़ी हो गयी. डॉली की गान्ड के दोनो पार्ट्स अब लाल हो चुके थे और राज की उंगलियो के निशान वहाँ पड़ गये.

राज ने फिर अपनी उंगलियो से डॉली की गान्ड को सहलाया. फिर हर कुच्छ सेकेंड्स सहलाने के बाद एक चांटा डॉली की गान्ड पर मार “चतत्त” की आवाज़ निकाल देता.

यह चान्टे पहले जीतने तेज नही थे पर फिर भी डॉली की एक सिसकी निकल जाती. डॉली की गान्ड अब जलने लगी थी.

राज ने फिर गान्ड सहलाना बंद किया और अपनी एक उंगली को गान्ड की दरार मे फेरता हुआ चूत तक फेरने लगा. राज की उंगली डॉली की चूत और गान्ड के छेद के आस पास ही रगड़ खा रही थी.


दोनो गान्ड के गाल के बीच से डॉली की चूत के होंठ देख कर राज तरस रहा था. राज फिर सोफे से उठ कर डॉली के साइड मे आया.

अपना एक हाथ डॉली की गर्दन से लेकर नंगी पीठ और पतली कमर और गान्ड तक फेरता गया, उपर से नीचे और फिर नीचे से फिर गर्दन तक.

साइड से उसको डॉली के बड़े से बूब्स लटके हुए दिख रहे थे और उसने अपनी एक हथेली की प्याली बनाई और उसमे डॉली का एक मम्मा भर लिया.

और फिर हल्के हल्के से उंगलिया बंद कर और खोलते हुए मम्मा दबाने लगा. फिर अचानक से अपनी उंगलिया तेज़ी से बंद करते हुए डॉली के मम्मे को मसल सा दिया.

डॉली की फिर से एक चीख निकली और राज ने मम्मा छोड़ दिया और दूसरे मम्मे को सहलाने लगा. दूसरे मम्मे को भी उसने इसी तरह मसल दिया और डॉली की चीख निकाल दी.

राज फिर जाकर सोफे पर बैठ गया और अपने पाव सामने की तरफ फेला कर डॉली की कमर पर रख दिए जो की घोड़ी की तरह खड़ी थी.
josef
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डॉली: “ऐसे ही राजा महाराजा की तरह बैठा रहेगा की चुदाई शुरू भी करेगा”

राज: “चल तू मेरी गोद मे आकर बैठ और मम्मों को मेरे मूह मे डाल”

डॉली अब उठ खड़ी हुई और सोफे पर बैठे राज की तरफ मूह करके उसकी गोद मे पॅव मोड़ते हुए बैठ गयी. डॉली की चूत से राज का लंड टकरा गया.

डॉली को एक कड़क मोटे लंड की च्छुअन का अहसास हुआ. डॉली की छाती राज की आँखों के सामने थी.

राज अपना मूह थोड़ा खोला डॉली ने घुटनो के बल थोड़ा उपर उठते हुए अपने निपल को राज के मूह मे डालने की कोशिश की.
शुरू मे राज ने अपना मूह इधर उधर करते हुए डॉली को तरसाया और फिर रुक गया तो डॉली ने अपना निपल उसके मूह मे डाल दिया.

एकदम कड़क तना हुआ निपल अब राज के मूह मे था और वो होंठ बंद किए उस निपल को चूसने लगा. डॉली के मोटे बूब्स को अपने होंठो से रगड़ता हुए राज आवाज़ निकाल रहा था.

फिर डॉली ने अपने दूसरे मम्मे के निपल को भी राज के मूह मे भर दिया. राज ने दोनो निपल्स और मम्मों को बहुत देर तक चूसा.
अपने होंठो से डॉली के बूब्स को इतना ज़्यादा दबाया की डॉली के बूब्स भी गोरे रंग से बदल कर लाल हो गये.

राज ने कभी बूब्स की मोटाई को चूसा तो कभी दोनो बूब्स के बीच की गली मे अपनी ज़ुबान रगडी और चूमा. फिर मम्मों के साइड से होंठह चला कर चूमा और चूसा. अपने हाथों से भी बूब्स को भॉम्पू की तरह बार बार दबा कर मज़े लिए.

डॉली की पूरी छाती अब राज की लार से गीली हो गयी थी. डॉली घुटनो के बल सोफे पर थोड़ा खड़ी थी और राज ने अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी उंगलिया एक साथ डॉली की चूत पर रगडी.

इस बीच उसकी ज़ुबान लगातार डॉली के निपल और बूब्स को चूस रही थी. डॉली की चूत मे भी अपना पानी छोड़ना शुरू कर दिया था जो की आकर राज की उंगलियो को लग रहा था.

राज की उंगलिया अब चूत से निकले पानी से चिकनी हो चुकी थी. राज ने डॉली के बूब्स चूसना छोड़ा और डॉली उस से थोड़ा पीछे हटी.

राज ने अपनी ज़ुबान बाहर निकाली और डॉली ने भी अपनी ज़ुबान बाहर निकाल कर ज़ुबान आपस मे लड़ाई. डॉली नीचे उतर गयी तो राज ने अपनी उंगली पर लगी चूत के पानी की चिकनाई को अपने लंड पर रगड़ा.

राज: “चल अब कुतिया बनकर मेरा लंड चूस”

डॉली फिर से नीचे ज़मीन पर घोड़ी की तरह खड़ी हुई और राज की दोनो टाँगो के बीच आकर उसका लंड पकड़े अपने मूह मे लेने लगी.

राज का लंड बहुत मोटा था और डॉली का छोटा सा मूह पूरा भर गया. डॉली ने अपने होंठो को राज के लंड पर रगड़ते हुए उसका लंड अपने मूह मे अंदर बाहर किया.


राज अब आहें भरते हुए सिसकिया मारने लगा. डॉली एक हाथ की नैल्पोलिश लगी उंगलियो से राज के लंबे लंड को नीचे से पकड़े हुए अपने मूह मे अंदर बाहर कर रही थी.

डॉली के लाल लिपस्टिक मे रंगे होंठ लंड के चारो तरफ घिस कर आगे पीछे हो रहे थे. राज की सिसकिया और आहें अब और गहरी होने लगी.

राज के लंड से थोड़ा पानी भी छूट गया था जिसको अपनरना अपने मूह मे दबाए हुए थी. डॉली के होंठ जब राज के लंड पर रगड़ खा रहे थे तो मूह से थोड़ा लंड का पानी भी निकल कर बाहर होंठो पर आ गया था.

लाल लिपस्टिक के होंठो पर अब सफेद गाढ़ा पानी थोड़ा आकर कर लग गया था. पर डॉली ने लंड को मूह मे रगड़ना जारी रखा.
राज: “बंद कर कुतिया, लंड का सारा पानी अपने मूह मे ही ले लेगी तो चूत मे क्या लेगी!”

राज ने डॉली के माथे पर हाथ रखा और उसको पीछे पुश करते हुए अपना लंड डॉली के मूह से बाहर निकाला.

राज का लंड गंदे पानी से भीग का गीला और चिकना हो चुका था. डॉली के खुले मूह मे भी वो पानी थोड़ा जमा था. डॉली अपना मूह बंद नही कर पा रही थी.

राज: “जा कुल्ला करके आ”

अगले एपिसोड मे पढ़िए राज और डॉली की चुदाई जारी रहेगी

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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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अब तक आपने पढ़ा की शमित को पाने के लिए डॉली ने राज से समझौता किया और कुतिया बनकर राज से चुदवाने लिए मान गयी थी. राज ने डॉली के नंगे बदन के बहुत मज़े लिए.

अब आगे…

राज ने अपने लंड को डॉली से चुसवाने के मज़े लिए. डॉली अब कुल्ला करने के बाद नंगी हालत मे चलते हुए राज के पास आई.
राज: “चल अब मेरे होंठो को चूस और फिर मैं तेरे होंठो को चुसूगा”

राज सोफे पर बैठा था और डॉली आगे बढ़कर एक बार फिर राज की तरफ मूह किए उसकी गोद मे सोफे पर चढ़ कर बैठ गयी.
राज का लंड इस ब्रेक के दौरान थोड़ा नरम पड़ गया था पर अभी भी काफ़ी लंबा था. लंड के लचीलापन डॉली ने अपनी चूत पर भी महसूस किया, जिस पर वो बैठी थी.

डॉली ने आगे बढ़कर अपना सीना राज के नंगे सीने से चिपकाया और अपनी दोनो बाहें राज के सर और गर्दन के पीछे ले जाकर पकड़ते हुए अपने होंठ राज के होंठो पर रखे.

डॉली ने फिर राज के मोटे सूखे हुए होंठो को चूसना शुरू किया. डॉली ने अपनी मूह की लार से राज के होंठो को गीला और लचीला कर दिया था.

चप्प चप्प करते हुए डॉली ने राज के होंठो को चूसा और अपने होंठो का रस राज को पिलाया. कुच्छ ही सेकेंड्स मे उसका असर दिखने लगा था.

थोड़ी देर पहले राज का नरम लचीला लंड डॉली की चूत को छू रहा था जो की अब कड़क हो चुका था और डॉली की चूत मे चुभने लगा था.

डॉली ने ना चाहते हुए भी राज को खुश करते हुए उसके होंठो को थोड़ी देर चूसा और फिर पीछे हटी.

डॉली: “मैने तुम्हारे होंठ चूम लिए, अब तुम्हे भी मेरे होंठ चूसने थे तो चूस लो”

डॉली ने अपने होंठ थोड़े खोल दिए. पर राज स्माइल करने लगा और सर हिला कर ना बोला.

राज: “यह होंठ नही, तुम्हारी चूत के होंठ चूसने हैं”

डॉली वही सोफे पर खड़ी हो गयी और अपना एक पाव उठा कर सोफे के हेडरेस्ट पर रखते हुए अपनी चूत को राज के मूह के करीब ले आई.

राज ने अपने होंठ खोले और डॉली की चूत के होंठो को अपने होंठो मे भर लिया और चूसने लगा. राज ने डॉली की चूत के एक होंठ को एक बार मे निशाना बनाया और अपने मूह मे भरा.

राज के होंठ डॉली की चूत की दरार मे भी जा रहे थे और गीले हो रहे थे. एक एक कर राज ने डॉली की चूत के दोनो होंठो को अपने होंठो मे भरे दबा कर चूसा.\

डॉली की ना चाहते हुए भी आहें निकालने लगी थी. राज के मोटे होंठ चूत मे बड़ी सफाई से चल रहे थे और डॉली की चूत को र्गदते हुए मज़ा दिला रहे थे.

मज़े के मारे डॉली ने अपनी चूत को टाइट करते हुए सकडा कर दिया था मगर फिर भी थोड़ी ही देर मे डॉली की चूत ने थोड़ा थोड़ा पानी निकलना शुरू कर दिया था.

राज ने भी चूत को चाटते हुए अंदर से निकले पानी का थोड़ा स्वाद चख लिया था. डॉली की आती सिसकियो से राज और भी उत्साहित होकर चूत को चूस्ता रहा.

राज फिर थोड़ा पीछे हटा और फिर एक बार अपनी जीभ बाहर निकाल कर डॉली की चूत की दरार मे उपर नीचे रगड़ने लगा.

डॉली: “आआआईए … उम्म्म्म … ईईएह”

डॉली की आहें सुनकर राज ने अपनी ज़ुबान और भी चूत मे अंदर घुसाते हुए रूपर नीचे रगड़ना जारी रखा.

राज ने डॉली को उसकी गान्ड से पकड़ रखा था जहाँ अब वो पकड़ और टाइट हो गयी थी और डॉली की गान्ड के दोनो गाल दब गये थे.

डॉली की चूत का और भी पानी निकलने लगा था और चूत के होंठो की दीवार पर आ गया जो राज चाट रहा था. ज़्यादा पानी ज़ुबान पर लगने से राज ने चूत को चाटना बंद किया.
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