Adultery चूत लंड की राजनीति

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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सतीश: “आरके, यह क्या बोल रहे हो! यह मेरी बीवी हैं, कोई नौकरानी नही की किसी को गिफ्ट मे दे दूं”

आरके: “अर्रे, हमने तो ज्योति की खूबसूरती की बहुत तारीफे सुनी हैं. आज इतने करीब से देख भी लिया. अभी और अंदर से इनको जानना हैं. वैसे भी इनके बारे मे कुच्छ सुना हैं. क्या नाम था उस ड्राइवर का राज”

राज: “राजेश नाम हैं”

आरके: “हा राजेश. सुना हैं उसने तो ज्योति के साथ एक बच्चा भी पैदा कर लिया हैं. हम क्या ड्राइवर से भी गये गुज़रे हैं!”

सतीश: “यह आप क्या बोल रहे हो. ऐसा कुच्छ नही हैं. सब अफवाह हैं. मेरा टाइम खराब चल रहा हैं इसलिए आप मेरा फ़ायदा उठा रहे हो”

आरके: “सोच लो सतीश. अपना सर बचाना हैं तो झुकाना पड़ेगा. एक बार एंक्वाइरी आगे बढ़ गयी तो बचना मुश्किल होगा. तुम रोड पर आ जाओगे और तुम्हारी सुंदर वाइफ भी रोड पर होगी”

सतीश ने अपनी वाइफ ज्योति की तरफ देखा. ज्योति ने अपनी आँखे झपका कर उसको इशारा कर दिया. ज्योति अपने पति के लिए त्याग करने को तैयार थी.

ज्योति: “मैं तैयार हूँ. पर सतीश जी पर कोई आँच नही आनी चाहिए”

आरके: “बहुत बढ़िया. चिंता मत करो ज्योति. तुम मुझे खुश करो, मैं सतीश को बचा लूँगा”

ज्योति: “बताइए, क्या करना होगा मुझे”

आरके: “तुम्हारे घर मे कितने नौकर हैं. सबको यहा बुलाओ”

सतीश ने अपने सारे नौकरों को हॉल मे बुला लिया.

आरके: “आ गये सब!”

सतीश: “हा, 10 नौकर हैं. 2 छुट्टी पर हैं, 8 लोग हैं यहा”

आरके: “जो नौकर छुट्टी पर हैं, उनकी बदनसीबी. सबसे पहले तो ज्योति अपने कपड़े खोल कर नंगी हो जाओ”

सतीश: “यह क्या बोल रहे हो आरके. यहा सब नौकर खड़े हैं”

आरके: “तुम बीच मे मत बोलो. तुम आज के लिए अपनी बीवी मुझको सौंप चुके हो. मैं उसके साथ चाहे जो करू. अगर तुम नही चाहते तो मैं चला जाता हूँ”

ज्योति: “नही आप रूको. मैं करती हूँ”

सारे घर के नौकर नौकारणी सकते मे आ गये. जो जवान नौकर थे उनकी आँखों मे हवस आ गयी. अपनी खूबसूरत मालकिन को कपड़ो मे देखकर ही उनको कुच्छ कुच्छ होता था, आज तो उनको बहुत कुच्छ दिखने वाला था.

ज्योति ने बिना नौकरो की आँखों मे झाँके नीची नज़रे किए अपनी साड़ी उतार ली. ज्योति का यौवन जैसा बदन ब्लाउस और पेटीकोट मे दिख रहा था.

सतीश ने आँखें झुका ली. घर की नौकरानियो ने भी नज़रे झुका ली. जो पुराने बुजुर्ग नौकर थे उन्होने भी नज़रे झुका ली. जिन लोगो की नज़रे कपड़े खोलती ज्योति पर थी उनमे थे आरके, राज और घर के सारे नये नौकर.

ज्योति ने अपना पेटीकोट निकाला और फिर अपना ब्लाउस. अब वो सब लोगो के सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी मे खड़ी थी. आरके और राज एक दूसरे को देख खुश हो रहे थे और ज्योति की खूबसूरती और बदन की तारीफ़ करते रहे.

ज्योति ने भारी दिल से अपना ब्रा और पैंटी भी निकाल दी और शरमाते हुए वहाँ खड़ी रही.

आरके: “वाह ज्योति. बहुत सुंदर. सतीश तुम बड़े खुशकिस्मत हो जो तुम्हे ऐसी सुंदर बीवी मिली हैं. राज, देखा तुमने! ज्योति के बूब्स इतने कड़क हैं की थोड़े दिन पहले जो लड़की आई थी हमारे मज़े के लिए उस से भी अच्छे बूब्स हैं”

राज: “हा सर. मैने इतने जबरदस्त बूब्स नही देखे”

आरके: “ज़्यादा लार मत टपका. और यह थोड़े से नौकर नज़रे नीचे किए क्यू खड़े हैं. आए चलो तुम सब देखो अपनी मालकिन को. और ज्योति, तुम भी मत शरमाओ. देखो हर एक नौकर की आँखों मे झाँक कर की तुम्हारे लिए उनके मन मे क्या हैं”

आरके ने सब नौकरो को नंगी ज्योति की तरफ देखने को मजबूर किया. फिर ज्योति को एक एक नौकर के सामने जाकर उनकी आँखों से आंखें मिलाने को कहा.

ज्योति अपने दिल पर पत्थर रखे सब कुच्छ सहती रही. उसको अपने पति और बच्चो के भविष्य को बचाने का यही उपाय आसान लगा. उधर राज भी अपनी ज़ुबान बाहर लटकाए ज्योति के नंगे बदन को देख रहा था.
josef
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आरके: “राज, क्या देख रहा हैं!”

राज: “गान्ड बहुत सुंदर हैं”

आरके: “अबे घर जाकर तेरी बीवी की गान्ड देख लेना. अभी बाहर कार लगवा. ज्योति मेडम को इसी हालत मे अपने फार्म हाउस लेकर जाना हैं. शाम होने के पहले इसी हालत मे यहा लाकर ड्रॉप कर देंगे”

राज: “जी सर”

राज भागते हुए बाहर गया ड्राइवर को पोर्च मे कार लगाने को कहने के लिए.

सतीश: “कम से कम बाहर तो कपड़े पहन कर जाने दो”

आरके: “इतना क्यू शर्मा रहे हो. सारे नौकर तो यही हैं. वॉचमन तो बाहर मैनगेट पर होंगे, उनको कुच्छ नही दिखेगा. फिर सिर्फ़ मेरा ड्राइवर हैं और बॉडी गौरड़”

थोड़ी देर मे राज दौड़ता हुआ अंदर आया..

राज: “सर, कार लग गयी हैं, मैं ज्योति मेडम को बाहर लेकर जाऊ?”

आरके: “क्यू भाई, ज्योति को अपने घर के बाहर जाने का रास्ता नही पता क्या! हाथ भी मत लगाना उसको”

राज पीछे हट गया. ज्योति अब उसी नंगी हालत मे घर के मैंन डोर की तरफ बढ़ने लगी. गंदी नीयत वाले नौकर ज्योति को जाते हुए पीछे से गान्ड देख रहे थे और लार टपका रहे थे.

राज भी ज्योति के ठीक पीछे चल रहा था और उसकी मटकती गान्ड को देख खुश हो रहा था. ज्योति मैंन डोर से बाहर गयी.

ड्राइवर और बॉडीगार्ड ने नंगी ज्योति को देखा तो चौंक गये. राज ने गाड़ी का दरवाजा खोल कर ज्योति को कार मे बैठाया. आरके भी सतीश को बाइ बोलते हुए कार मे बैठ गया.

वो लोग ज्योति को आरके के फार्म हाउस पर लाए. फार्महाउस के नौकर भी नंगी ज्योति को देख रहे थे. राज जल्दी से रास्ता दिखाते हुए ज्योति को अंदर लेकर गया.

हालाँकि वहाँ के नौकरो के लिए यह कुच्छ नया नही था. आए दिन आरके को खुश करने के लिए ऐसी नंगी लड़किया आती रहती थी.
ड्रॉयिंग रूम मे ज्योति बिना कपड़ो के शरमाये खड़ी थी. आरके अंदर आया. राज की नज़रे ज्योति के नंगे बूब्स पर टिकी हुई थी.

आरके: “शुरू कर ज्योति!”

ज्योति: “बेडरूम नही हैं!”

आरके: “शरमाओ मत. इन सब नौकरो के लिए यह रोज का हैं. बंद बेडरूम मे क्या मज़ा आएगा! हम लोग तो यही करेंगे सोफे पर”

ज्योति: “पहले आप अपना वादा निभाओ और एंक्वाइरी रुकवाओ”

आरके ने फोन लगाया और हाइ कमान से बात कर उनको सतीश के अगेन्स्ट कोई कार्यवाही करने से मना बोल दिया.

आरके ने अपना कुर्ता निकाला. फिर अपना पाजामा निकाल कर नंगा हो गया. एक मोटी सी तौंड के नीच एक छोटे से नल जैसा लंड था.

आरके: “आओ ज्योति, तुमको खुश कर दूं”

ज्योति: “इस मूँगफली की साइज़ वाले लंड से आप मुझे खुश करेंगे!”

राज मूह दबा कर खिशियाते हुए हँसने लगा. आरके ने तुरंत राज को डाट दिया. फिर गुस्से मे ज्योति की तरफ देखा.

आरके: “तुम्हे अभी अपनी मूँगफली की ताक़त दिखाता हूँ”
आरके अब गुस्से मे ज्योति की तरफ बढ़ा.

अगले एपिसोड मे पढ़िए आरके आगे ज्योति को कितना जॅलील करता हैं.

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josef
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति

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अब तक आपने पढ़ा की विपक्षी नेता आरके इलेक्शन जीत जाता हैं. वो सतीश को नीचा दिखाने पहले तो ज्योति को नौकरो के सामने नंगा करता हैं और फिर उसी नंगी अवस्था मे ज्योति को अपने फार्म हाउस लाता हैं.

ज्योति परेशान होकर आरके के छोटे लंड का मज़ाक बनाती हैं. आरके गुस्से मे ज्योति को चोदने आगे बढ़ता हैं.

अब आगे…

आरके ने ज्योति की गर्दन को पीछे से पकड़ा और सोफे पर डॉगी स्टाइल मे बैठा दिया. फिर अपना एक पाव ज़मीन पर तो दूसरा सोफे पर माड कर खड़ा हो गया.

आरके अब ज्योति की गान्ड पर तेज तेज चान्टे मारने लगा. ज्योति तेज आ निकलती गयी. आरके फिर भी 8-10 बार और तेज तेज चान्टे ज्योति की गान्ड पर मारता रहा.

जल्दी ही ज्योति की गोरी चिकनी गान्ड लाल हो गयी. आरके अपनी मिड्ल फिंगर को ज्योति की चूत और गान्ड की दरार मे रगड़ने लगा. वो कुच्छ ज़्यादा ही तेज़ी से रगड़ रहा था.

उस तेज रगड़ से ज्योति की चूत के बाल खींच गये और वो तेज चीखती हैं. आरके अपनी उंगली ज्योति की चूत मे डाल देता हैं और अंदर बाहर करने लगता हैं.

शुरू मे धीरे धीरे करता हैं पर उंगली चिकनी होते ही वो पागलो की तरह तेज तेज उंगली से चोदने लगता हैं. उस चक्कर मे वो ज्योति की चूत की दीवारो को भी खोद देता हैं और ज्योति को दर्द दे देता हैं. ज्योति फिर चीखती हैं.

ज्योति घोड़ी बनकर सोफे पर बैठी हुई थी और उसके बड़े मम्मे छाती से मधुमक्खी के छत्ते की तरह लटके हुए थे. आरके ने अपनी हथेली का प्याला बनाया और ज्योति के मम्मे को अपनी हथेली मे थाम लिया.

फिर ज्योति ने अपनी नुग़लियो बंद करते हुए ज्योति के मम्मे को दबोच लिया. ज्योति दर्द के साथ कराह उठी. फिर आरके ने आराम से ज्योति के मम्मों की गुदगूदेपन को हल्के हाथ से मसल कर महसूस किया.

आरके अपने दूसरे हाथ की उंगली से ज्योति की चूत मे उंगली करता रहा. फिर थोड़ी देर बाद आरके ने ज्योति के नीचे झुके हुए चेहरे को उपर उठाया.

ज्योति के खूबसूरत चेहरे पर आँखें बंद थी. आरके ने ज्योति के दोनो गालो को पकड़ कर थोड़ा खींचा. फिर अपने मोटे होंठो से ज्योति के पतले होंठो पर एक किस कर दिया.

आरके अब फिर से ज्योति के पिच्छवाड़े आया. उसका लंड कड़क था पर फिर भी काफ़ी छोटा था. अपनी बड़ी सी तोंद के नीचे उसको उसका लंड दिख नही रहा था.

आरके ने अपना लंड पकड़ा और थोड़ा खींच कर बड़ा करने की कोशिश की. फिर अपना लंड ज्योति की गान्ड और चूत के छेद के आस पास रगड़ता रहा.

राज: “सर, कॉंडम तो पहन लीजिए. पता नही ज्योति जी का किस किसने फ़ायदा उठाया हो. आपको बीमारी लग सकती हैं”
राज ने आरके को कॉंडम पकड़ाया. वो कॉंडम आरके के लंड के लिए काफ़ी लंबा था. फिर भी उसने पहन लिया और फिर से पोज़िशन ले ली.

आरके का लंड कब ज्योति की चूत मे घुस गया की ज्योति को पता ही नही चला. आरके ने फिर धक्का मारना शुरू किया तो ज्योति को थोड़ा अहसास हुआ की आरके ने उसको चोदना शुरू कर दिया हैं.

मगर ज्योति अब कोई मौका नही छोड़ना चाहती थी जहाँ वो आरके का मज़ाक उड़ा पाए.

ज्योति: “आरके जी, ऐसे ही बाहर बाहर धक्के मारते रहेंगे या अपना लंड मेरी चूत मे अंदर भी डालेंगे. चोदने के लिए अंदर भी डालना पड़ता हैं”

राज यह सुनकर मूह पर हाथ रख कर फिर हँसने लगा. आरके ने उसको डाट दिया. फिर एक ज़ोर का ज्झटका अपने लंड से ज्योति की चूत पर मारा.

ज्योति की चूत के अंदर तो इतना फ़र्क महसूस नही हुआ पर ज़ोर के झटके से ज्योति थोड़ा आगे खिसक गयी और उसका सर सोफे के हॅंडल से टकरा गया और उसकी चीख निकल गयी.

आरके को लगा की उसके लंड के ज्झटके से ज्योति की चीख निकली. आरके ने ज्योति की गान्ड को पकड़ कर फिर पीछे खींचा और अपना एक ज़ोर का झटका फिर से मारा.

इस बार ज्योति तैयार थी और ज़्यादा आगे नही खिसकी. आरके ने फिर से ट्राइ किया पर वो ज्योति की चीख नही निकलावा पाया. 3-4 ट्राइ के बाद आरके ने अपनी बेइज़्ज़ती होते देख झटके मारने बंद किए.

आरके अब खुद के मज़े लेते हुए ज्योति की चूत मे धक्के मारते हुए चोदता रहा. आरके का इतना स्टॅमिना नही था. अपनी मोटी तोंद के साथ वो थोड़ी ही देर मे हाफ्ना लगा था.

थोड़ी थोड़ी देर मे रेस्ट करते हुए वो ज्योति की पतली गोरी कमर देखता और फिर नीचे लटकते मम्मे देखकर फिर जोश मे भर जाता.
कुच्छ समय के बाद आरके ज़ोर ज़ोर से हल्ला करने लगा. उसके लंड की हलचल ज्योति की चूत मे कुच्छ ज़्यादा ही हो गयी थी.
आरके ऐसे करने लगा जाइए उसका दम घुट रहा हो.

आरके झड़ते हुए जोश मे आ गया और फिर शांत होकर अपने लंड को ज्योति की चूत मे ही रखे रखा. कुच्छ सेकेंड्स मे ही उसका लंड नरम पड़ कर अपने आप ज्योति की चूत से बाहर आ गया.

चिकने हो चुके कॉंडम ने ज्योति की चूत के मूह और चूत के गालो को भी गंदा कर दिया. ज्योति की चूत के बाल उस चिकने पानी से गीले हो चुके थे.
josef
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आरके ने अपने कपड़े पहन लिए. ज्योति के तो कपड़े थे ही नही. वो बस खड़े खड़े देखती रही. अपनी दोनो टांगे एक दूसरे से दूर ही रखी क्यू की उसको चूत पर गीला गीला लग रहा था.

राज: “सर, मैं भी थोड़ा मज़ा ले लू ज्योति जी का?”

आरके: “चुप. अपनी औकात देखी हैं! चुपचाप ज्योति जी को सम्मान सहित उनके घर ड्रॉप करके आ. एक काम करना, कार को मैनगेट पर ही रोक कर ज्योति जी को उतार देना”

ज्योति अब गुस्से मे आरके को देखने लगी. मैनगेट पर सड़क पर छोड़ने का मतलब था की वॉचमन भी ज्योति को नंगा देख लेंगे.
ज्योति दरवाजे की तरफ चलने लगी. आरके ने ध्यान दिया की ज्योति पाव दूर रखते हुए चल रही हैं क्यू की उसकी चूत अभी गंदी हैं.
आरके: “आए राज. ज़रा कपड़ा लाकर दे, ज्योति जी की चूत गंदी हो गयी हैं. मेरी कार की सीट गंदी हो जाएगी”

राज: “मैं अपने हाथ से ज्योति जी की चूत सॉफ कर दूं सर?”

आरके: “साला हरामी, कोई मौका नही छोड़ता लड़की की चूत को च्छुने का!”

राज भाग कर ज्योति के पास पहुचा और जैसे ही झुकने लगा तो ज्योति ने उसको रोक दिया.

आरके: “ज्योति जी, सफाई ही तो कर रहा हैं यह. इन छोटे लोगो को सफाई करने दो”

ज्योति: “कोई ज़रूरत नही. इतनी बेइज़्ज़ती हुई काफ़ी नही हैं क्या!”

आरके: “राज से अपनी चूत की सफाई करवा लो. मेरा मूड बदल गया तो कही मैं राज को उसके लंड से आपकी चूत को अंदर से गंदा करने का ना बोल दूं कही”

ज्योति यह सुनकर डर गयी. राज अच्छा ख़ासा लंबा चोडा इंसान था. ज्योति फिर से सीधा खड़ी हो गयी.

राज खुश हो गया और अपनी उंगलियो को ज्योति की चूत पर फेरने लगा. बीच बीच मे अपनी उंगली ज्योति की चूत मे भी डाल कर थोड़ा चोद लेता. उसकी उंगलिया थोड़ी मोटी और लंबी थी.

ज्योति उसकी उंगलियो को अपनी चूत मे अंदर घुसता हुआ महसूस कर पा रही थी. राज अपनी उंगली से ज्योति की चूत को चोदने का मज़ा ले रहा था.

आरके: “ओये राज, हरामी. चोदने के मज़े ले रहा हैं या सफाई कर रहा हैं”

राज ने फिर अपनी उंगली ज्योति की चूत से निकाली और अपनी उंगलियो से ज्योति की चूत को सॉफ किया. हाथ गंदे हो गये तो अपना रुमाल निकाला और अपने हाथ पोंच्छ डाले.

आरके: “ज्योति, अगर रास्ते मे राज कोई ग़लत हरकत करे तो चांटा मार देना”

राज फिर ज्योति को नंगी हालत मे लेकर बाहर आया और कार मे बैठाया. राज आगे ड्राइवर के साथ बैठा था और ज्योति नंगी हालत मे पीछे.

पूरे रास्ते राज बार बार पलट कर पीछे ही देख रहा था और ज्योति उसको खुन्नस खाते हुए उसको देख रही थी. राज सिर्फ़ एक स्माइल देकर मज़े लेता रहा.

ज्योति के घर के बाहर आकर राज ने कार रुकवा दी. फिर उसने ज्योति को वही उतरने को बोला. वॉचमन ने नेता जी की कार देखकर गेट पहले ही खोल दिया था.

ज्योति ने दरवाजा खोला और नीची नज़रे किए तेज़ी से चलते हुए घर के अंदर जाने लगी. वॉचमन देखता ही रह गया की मालकिन की क्या हालत हो गयी हैं.

ज्योति घर के अंदर पहुचि. सतीश वही बैठा था. ज्योति को देखते ही वो उठ खड़ा हुआ. उनकी बेटी डॉली भी आ चुकी थी और उसके पिता ने उसको सब कुच्छ पहले ही बता दिया था.

डॉली वहाँ पड़ी सारी को उठा कर दौड़ते हुए अपनी मा ज्योति के पास गयी और उसके नंगे बदन को धक दिया. ज्योति सीधा अपने बेडरूम मे चली गयी.


डॉली: “उस हरामी आरके को मैं नही छोड़ूँगी. उसने मेरी मा का अपमान किया हैं, और पापा आप देखते ही रह गये!”

उस घटना के बाद सतीश पर से एंक्वाइरी हट गयी. अपनी बीवी की हुई बेइज़्ज़ती को देखते हुए सतीश ने राजनीति से सन्यास ले लिया.

ज्योति के घर आने से पहले ही सतीश ने अपने सारे नौकरो को हमेशा के लिए छुट्टी दे दी थी. फिर वॉचमन की भी छुट्टी कर दी. नये नौकर सुबह शाम को ही कुच्छ घंटे काम के लिए आते थे.

ज्योति के छोटे बेटे जय को जब पता चला तो वो भी गुस्से मे भर गया. ज्योति ने भी ठान लिया था की वो अपने अपमान का बदला लेकर रहेगी.

मगर उस वक़्त हवा उनके खिलाफ थी. वो कुच्छ नही कर पाए और सही समय का इंतेजार करने लगे.

अगले एपिसोड मे पढ़िए आरके और सतीश के परिवार के बीच यह दुश्मनी कहा जाती हैं.
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