अब तक आपने पढ़ा की डॉली ने इलेक्शन टिकेट पाने के लिए ससुर आरके से चुदवा लिया जब की वो पहले ही किसी से चुदवा कर प्रेग्नेंट हो चुकी थी.
मगर हॅंडिकॅप बच्चा होने से उसका प्लान फैल हो गया. ज्योति को शक हो गया और उसने अपने परिवार को एक साथ बुलाकर एक राज बताना शुरू किया.
अब आगे…
ज्योति: “इसके पहले की मैं वो राज बताऊ, डॉली तुम सच सच बताओ तुम्हे किसने प्रेग्नेंट किया था?”
डॉली: “मैं सच बोल रही हूँ, यह बच्चा कौशल का ही हैं”
ज्योति: “झूठ मत बोलो डॉली, तुमको अमर ने प्रेग्नेंट किया था ना?”
डॉली की आँखें फटी की फटी रह गयी और हा मे सर हिलाया. उसको समझ मे नही आया की उसकी मम्मी को कैसे पता चल गया.
जय: “अमर! हमारे ड्राइवर राजेश अंकल का बेटा अमर?”
डॉली: “हा”
सतीश अपना सर ना मे घुमाते हुए निराश हो गया.
डॉली: “आइ एम सॉरी मम्मी पापा. मैं उस आरके को उल्लू बनाना चाहती थी. मुझे नही पता था की मेरा बच्चा अपंग निकलेगा. मगर आपको कैसे पता चला की वो अमर ही था?”
ज्योति: “मैने डॉक्टर से पूछा था की इस तरह के बच्चे पैदा होने का क्या कारण हो सकता हैं. उसने एक कारण यह भी बताया था की अगर सगे भाई बहन आपस मे रीलेशन बना कर बच्चा पैदा करे तो जीन्स के वजह से ऐसा हो सकता हैं”
जय: “वॉट!! डॉली दीदी और अमर रियल ब्रदर सिस्टर हैं. और मैं?”
ज्योति: “शुरू से बताती हूँ. तब मैं कॉलेज मे पढ़ती थी. साथ मे पढ़ने वाले एक लड़के शांतनु से प्यार हो गया था. शादी के सपने देख रहे थे. हमने यह भी सोच लिया था की शांतनु और मेरे दोनो के नामो से मिला कर जो नाम बनेगा वो होने वाले बच्चे का नाम रखेंगे. उसने मुझे प्रेग्नेंट भी कर दिया. जब मैने उसको यह बताया तो फिर वो अचानक से गायब हो गया”
डॉली और जय अब एक दूसरे की शकल देखने लगे और फिर मम्मी की तरफ देखने लगे. पहले उन्हे सिर्फ़ ड्राइवर राजेश पर शक था मगर स्टोरी मे एक और मर्द आ चुका था.
ज्योति: “मेरे पापा सतीश जी के यहा मुनीम थे. उन्होने जब यह समस्या बताई तो सतीश जी मुझसे शादी करने को तैयार हो गये और बच्चा अपनाने को भी तैयार थे. हमारी शादी हुई तब मैं 3 महीने की प्रेग्नेंट थी”
सतीश ने अपनी बीवी ज्योति की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसको सहलाया.
ज्योति: “लोगो को शक ना हो की मैं पहले से प्रेग्नेंट हूँ इसलिए सतीश जी ने मुझे पढ़ाई के बहाने दूसरे शहर मे रखा. मैं पहली बार मा बनी. मगर मा बनने के कुच्छ दिन पहले ही हॉस्पिटल मे मुझसे शांतनु मिला”
ज्योति थोड़ा एमोशनल होने लगी. सतीश ने उसके कंधे पर हाथ रख कर थोड़ा दबाया और सांतवना दी.
ज्योति: “शांतनु मुझसे शादी करना चाहता था पर मैं तो पहले ही सतीश जी से शादी कर चुकी थी. सतीश जी ने मुझे बोला की मैं शांतनु के साथ जा सकी ती हूँ पर मैं उनको धोखा नही दे सकती थी. मैने शांतनु को वादा किया की वो बच्चा ले जा सकता हैं. शांतनु उस बच्चे के पैदा होते ही उसको लेकर अपने साथ चला गया”
डॉली: “क्या! तो फिर वो बच्चा अभी कहा हैं?”
ज्योति: “पता नही. तीन दिन तक मैं हॉस्पिटल मे बेहोश थी. मैने तो उस बच्चे को देखा तक नही. शांतनु फिर कभी मिला भी नही”
ज्योति अब रोने लगी तो सतीश ने बात संभाली.
सतीश: “इधर मैने सबको बता दिया था की ज्योति को बच्चा होने वाला हैं. हमें अब एक बच्चे की ज़रूरत थी. तब पता चला की हमारी शादी के ठीक 8 महीने बाद ड्राइवर राजेश की वाइफ को भी बच्चा होने वाला हैं. हमने राजेश से रिक्वेस्ट की. मगर उसकी वाइफ इसके लिए नही मानी”
Adultery चूत लंड की राजनीति
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति
ज्योति: “मगर हमारी किस्मत थी की राजेश की वाइफ ने जुड़वा बच्चे पैदा किए. राजेश उसमे से एक बच्चा हमें देने को मान गया. लड़के को उसने खुद रखा जो अमर हैं और लड़की हमें दे दी जो तुम डॉली हो”
डॉली और जय अब एक दूसरे को मूह फाड़कर देख रहे थे. डॉली ने अपना माथा पकड़ लिया.
डॉली: “शीत! मैने अपने ही रियल ब्रदर के साथ ऐसा काम कर लिया!”
जय ने आगे बढ़कर अपनी बहन के कंधे पर हाथ रख उसको संभाल दिया.
डॉली: “सॉरी जय, मैं आज तक तुमको ताने मारती रही की तुम ड्राइवर के बेटे हो, जब की मैं खुद एक ड्राइवर की बेटी हूँ”
ज्योति: “राजेश ने अपनी वाइफ को झूठ बोल दिया की उसको एक ही ज़िंदा बच्चा हुआ हैं और डॉली को हमें सौंप दिया. राजेश को तो सच पता था इसलिए वो च्छुपकर अपनी बच्ची डॉली को देखने मेरे बेडरूम मे आता रहता था. जिसका लोगो ने ग़लत मतलब निकाला और मेरा नाजायज़ संबंध राजेश के साथ होने की अफवाह फेलाइ.”
जय: “यह सब अफवाह थी. इसका मतलब मेरे पापा सतीश ही हैं”
सतीश: “नही, कुदरत ने मुझे वो शक्ति दी ही नही की मैं बाप बन पाऊ. मुझसे शादी करके कोई लड़की कैसे खुश रहती, इसलिए मैने बहुत पहले ही ब्रहंचर्य अपना लिया था. मैने यह बात शादी के पहले ज्योति और उसके पापा को बता दी थी. ज्योति प्रेग्नेंट थी और मजबूरी मे मुझसे शादी कर ली. मैने ज्योति को छूट दे रखी थी की वो किसी के भी साथ शारीरिक सुख ले सकती हैं, और मैं उसके बच्चे को अपना लूँगा.”
जय: “तो फिर मेरे असली पापा कौन हैं?”
ज्योति: “मैने अपनी लाइफ मे सिर्फ़ 3 लोगो से चुदवाया हैं. पहला शांतनु, दूसरा तुम्हे पता ही हैं वो कमीना आरके. तीसरा आदमी वो हैं जिस से मुझे जय पैदा हुआ. वो आदमी हैं मेरे ससुर, और सतीश के पापा.”
जय: “क्या!! दादा जी! वो मेरे पापा हैं. मगर उन्होने आपके साथ…”
ज्योति ने अब अपनी स्टोरी सुनानी शुरू की, किस तरह जय पैदा हुआ था.
जब डॉली का फर्स्ट बर्त डे था और उसकी पार्टी हुई थी. पार्टी के बाद सब मेहमान जा चुके थे. ड्राइवर राजेश अपनी बच्ची डॉली से मिलना चाहता था और आशीर्वाद देना चाहता था.
मगर सबके सामने तो कुच्छ कर नही सकता था, लोगो को शक हो जाता. इसलिए पार्टी के बाद देर रात वो ज्योति के पास पहुचा. ज्योति ने उसको अपने बेडरूम मे लिया और दरवाजा बंद कर दिया.
राजेश ने एक साल की बच्ची डॉली को गोद मे लिया और प्यार किया. वो काफ़ी रोया भी जिसको ज्योति ने संबल देकर समझाया की वो डॉली का ज़्यादा अच्छे से अपनी बेटी की तरह पालेगी.
आधे घंटे बाद जब राजेश बेडरूम से बाहर निकला और ज्योति उसको दरवाजे तक छोड़ने बाहर आई तो सामने खड़े ससुर जी ने उनको देख लिया.
राजेश वहाँ से निकल गया पर ससुर जी ने ज्योति को सुनाना शुरू कर दिया
ससुर जी: “ज्योति, मैने लोगो से सुना पर कभी यकीन नही किया की तुम्हारा कॅरक्टर ऐसा होगा. एक ड्राइवर के साथ रंगरेलिया मनाते तुमको शर्म नही आई!. मेरा बेटा सतीश तुमसे अलग सोता हैं इसका फ़ायदा उठा कर तुम किसी के साथ भी मूह काला करोगी?”
ज्योति ना तो राजेश का सच बता सकती थी और ना ही सतीश का सच बता सकती थी क्यूकी उस पर उसके अहसान थे. वो चुप चाप खड़े सब इल्ज़ाम सहती रहती.
ससुर जी: “अब तुम्हारे जैसी कुलटा औरत इस घर मे नही रहेगी, तुम इस घर से निकल जाओ, अपने इस पाप को लेकर. मैं इस लड़की का डीयेने टेस्ट करवाउन्गा, और सब पता चल जाएगा की यह लड़की सतीश की नही हैं”
ज्योति: “मैं इस घर से नही जा सकती. बदनामी सिर्फ़ मेरी नही आपकी भी होगी. इसलिए ऐसा गजब मत करो”
ससुर जी: “मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ कर सकता हूँ की मैं जैसा बोलू तुम वैसा करोगी”
ज्योति: “आप जो बोलॉगे मैं वैसा करने को तैयार हूँ”
ससुर जी: “अंदर बेडरूम मे चलो”
ज्योति और ससुर जी बेडरूम मे आ गये. ससुर जी ने दरवाजा लॉक कर दिया.
ससुर जी: “ज्योति, अपने कपड़े खोलो”
ज्योति: “क्या!!”
ससुर जी: “मुझे तुम्हारी खूबसूरती शुरू से ही पसंद थी. मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ. मुझसे चुदवा लो, फिर मेरा मूह बंद ही रहेगा”
ज्योति को पता था की अगर डॉली का राज खुलेगा तो बाय्फ्रेंड शांतनु से प्रेग्नेंट होने का राज भी खुल जाएगा. इसलिए उसने समझौता कर लिया.
डॉली और जय अब एक दूसरे को मूह फाड़कर देख रहे थे. डॉली ने अपना माथा पकड़ लिया.
डॉली: “शीत! मैने अपने ही रियल ब्रदर के साथ ऐसा काम कर लिया!”
जय ने आगे बढ़कर अपनी बहन के कंधे पर हाथ रख उसको संभाल दिया.
डॉली: “सॉरी जय, मैं आज तक तुमको ताने मारती रही की तुम ड्राइवर के बेटे हो, जब की मैं खुद एक ड्राइवर की बेटी हूँ”
ज्योति: “राजेश ने अपनी वाइफ को झूठ बोल दिया की उसको एक ही ज़िंदा बच्चा हुआ हैं और डॉली को हमें सौंप दिया. राजेश को तो सच पता था इसलिए वो च्छुपकर अपनी बच्ची डॉली को देखने मेरे बेडरूम मे आता रहता था. जिसका लोगो ने ग़लत मतलब निकाला और मेरा नाजायज़ संबंध राजेश के साथ होने की अफवाह फेलाइ.”
जय: “यह सब अफवाह थी. इसका मतलब मेरे पापा सतीश ही हैं”
सतीश: “नही, कुदरत ने मुझे वो शक्ति दी ही नही की मैं बाप बन पाऊ. मुझसे शादी करके कोई लड़की कैसे खुश रहती, इसलिए मैने बहुत पहले ही ब्रहंचर्य अपना लिया था. मैने यह बात शादी के पहले ज्योति और उसके पापा को बता दी थी. ज्योति प्रेग्नेंट थी और मजबूरी मे मुझसे शादी कर ली. मैने ज्योति को छूट दे रखी थी की वो किसी के भी साथ शारीरिक सुख ले सकती हैं, और मैं उसके बच्चे को अपना लूँगा.”
जय: “तो फिर मेरे असली पापा कौन हैं?”
ज्योति: “मैने अपनी लाइफ मे सिर्फ़ 3 लोगो से चुदवाया हैं. पहला शांतनु, दूसरा तुम्हे पता ही हैं वो कमीना आरके. तीसरा आदमी वो हैं जिस से मुझे जय पैदा हुआ. वो आदमी हैं मेरे ससुर, और सतीश के पापा.”
जय: “क्या!! दादा जी! वो मेरे पापा हैं. मगर उन्होने आपके साथ…”
ज्योति ने अब अपनी स्टोरी सुनानी शुरू की, किस तरह जय पैदा हुआ था.
जब डॉली का फर्स्ट बर्त डे था और उसकी पार्टी हुई थी. पार्टी के बाद सब मेहमान जा चुके थे. ड्राइवर राजेश अपनी बच्ची डॉली से मिलना चाहता था और आशीर्वाद देना चाहता था.
मगर सबके सामने तो कुच्छ कर नही सकता था, लोगो को शक हो जाता. इसलिए पार्टी के बाद देर रात वो ज्योति के पास पहुचा. ज्योति ने उसको अपने बेडरूम मे लिया और दरवाजा बंद कर दिया.
राजेश ने एक साल की बच्ची डॉली को गोद मे लिया और प्यार किया. वो काफ़ी रोया भी जिसको ज्योति ने संबल देकर समझाया की वो डॉली का ज़्यादा अच्छे से अपनी बेटी की तरह पालेगी.
आधे घंटे बाद जब राजेश बेडरूम से बाहर निकला और ज्योति उसको दरवाजे तक छोड़ने बाहर आई तो सामने खड़े ससुर जी ने उनको देख लिया.
राजेश वहाँ से निकल गया पर ससुर जी ने ज्योति को सुनाना शुरू कर दिया
ससुर जी: “ज्योति, मैने लोगो से सुना पर कभी यकीन नही किया की तुम्हारा कॅरक्टर ऐसा होगा. एक ड्राइवर के साथ रंगरेलिया मनाते तुमको शर्म नही आई!. मेरा बेटा सतीश तुमसे अलग सोता हैं इसका फ़ायदा उठा कर तुम किसी के साथ भी मूह काला करोगी?”
ज्योति ना तो राजेश का सच बता सकती थी और ना ही सतीश का सच बता सकती थी क्यूकी उस पर उसके अहसान थे. वो चुप चाप खड़े सब इल्ज़ाम सहती रहती.
ससुर जी: “अब तुम्हारे जैसी कुलटा औरत इस घर मे नही रहेगी, तुम इस घर से निकल जाओ, अपने इस पाप को लेकर. मैं इस लड़की का डीयेने टेस्ट करवाउन्गा, और सब पता चल जाएगा की यह लड़की सतीश की नही हैं”
ज्योति: “मैं इस घर से नही जा सकती. बदनामी सिर्फ़ मेरी नही आपकी भी होगी. इसलिए ऐसा गजब मत करो”
ससुर जी: “मैं तुम्हे एक शर्त पर माफ़ कर सकता हूँ की मैं जैसा बोलू तुम वैसा करोगी”
ज्योति: “आप जो बोलॉगे मैं वैसा करने को तैयार हूँ”
ससुर जी: “अंदर बेडरूम मे चलो”
ज्योति और ससुर जी बेडरूम मे आ गये. ससुर जी ने दरवाजा लॉक कर दिया.
ससुर जी: “ज्योति, अपने कपड़े खोलो”
ज्योति: “क्या!!”
ससुर जी: “मुझे तुम्हारी खूबसूरती शुरू से ही पसंद थी. मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ. मुझसे चुदवा लो, फिर मेरा मूह बंद ही रहेगा”
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति
ज्योति ने अपनी सारी निकाल दी. बुड्ढे ससुर की लार टपकने लगी. ज्योति को पता था की उसका ससुर थोड़ा ठरकी किस्म का हैं पर अपनी ही बहू पर हाथ डालेगा यह पता नही था.
ज्योति के पूरा नंगा होते ही ससुर आगे बढ़ा अपनी दोनो हथेलिया ज्योति के बूब्स के उपर से रगड़ते हुए जाँघो तक ले आया. वो 21 साल की ज्योति के जवान चिकने शरीर को महसूस करने लगा.
ज्योति फिर बिस्तर पर थी और ससुर ज्योति की दोनो जाँघो के बीच अपना मूह घुसाए ज्योति की चूत को चाट रहा था. ज्योति उपर छत की तरफ निहारते हुए अपने पाव खोले लेटी रही.
थोड़ी देर बाद ससुर अपना मूह ज्योति की चूत से रगड़ते हुए पेट से होते हुए बूब्स के बीच मूह मारने लगा. फिर ज्योति के निपल अपने मूह मे भरकर चूस्ता ही रहा.
ससुर तो ज्योति के होंठो को भी चूसना चाहता था पर ज्योति ने अपने चेहरे को अपने हाथो से धक लिया. ससुर ने ज्योति के बूब्स को अपने दोनो हाथो से दबोच कर मसल दिया.
ससुर फिर ज्योति के उपर लेट गया. उसका लंड ज्योति की चूत से चिपक गया तो सीने ने ज्योति के बूब्स को दबा दिया. ससुर ने फिर अपना लंड पकड़ कर ज्योति की चूत मे डाल दिया.
ज्योति: “अयाया, आपने प्रोटेक्षन नही पहना हैं. प्लीज़ बाहर निकालो”
ससुर: “उस ड्राइवर का लंड तो बड़े मज़े से ले लिया था अपनी चूत मे और एक बच्चा भी पैदा कर लिया. अब मेरे बच्चे की मा बनने मे क्या प्राब्लम हैं?”
ज्योति: “यह ग़लत हैं. आपने सिर्फ़ चुदाई की बात की थी, प्रेग्नेंट करने की बात नही हुई थी”
ससुर: “इतना क्या शर्मा रही हैं. मेरे बच्चे की मा बन या सतीश के. दोनो का खून तो एक ही हैं. आ मेरी जान, तुझे चोद कर मा बनाता हूँ. बरसो बाद चोद कर मज़ा आ रहा हैं”
ससुर ने ज्योति की चूत मे अपने लंड से धक्का मारते हुए पूरा ज़ोर लगा दिया था. मगर उम्र के उस पड़ाव पर ससुर बार बार थक रहा था.
जैसे ही ससुर थकता तो वो धक्के मारना बंद कर देता और अपना लंड ज्योति की चूत मे ही रखे हुए थोड़ा रेस्ट करता. मगर अपने नीचे लेटी एक खूबसूरत लड़की को देख उसका दिल फिर मचल उठता.
ससुर फिर से ताक़त बटोरते हुए ज्योति की चूत मे अपना लंड मार कर चोदने लगता. इस तरह काफ़ी देर हो गयी पर झड़ने के पहले ही ससुर थक जाता.
इसका उसको फ़ायदा भी हुआ, वो बहुत देर तक ज्योति को चोदने के मज़े ले पा रहा था. ज्योति भी नीचे लेटी लेटी अपने ससुर का वजन उठाए थक चुकी थी.
ज्योति: “आपसे नही होगा, आप रहने दो जितना मज़ा लिया”
ससुर: “बिना पूरा चोदे और अपना जूस तेरी चूत मे खाली किए मैं नही मानने वाला”
ज्योति: “अच्छा ठीक हैं, मैं आपके उपर आकर पूरा करती हूँ”
ससुर मान गया. वो ज्योति के उपर से हटा और ज्योति ससुर के उपर लेट गयी और एक बार फिर वो कड़क लंड अपनी चूत मे उतार कर चोदने लगी.
ज्योति के लगातार धक्को के ससुर बेबस हो गया. वो दहाड़े मार कर आहें भरने लगा. ज्योति को ज़्यादा वक़्त नही लगा और कुच्छ ही मिनिट्स के बाद ससुर ने ज्योति की कमर को कस कर पकड़ लिया और हिलने नही दिया.
ससुर का लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतर गया था और ससुर के लंड का पानी पिचकारी मारते हुए सारा माल ज्योति की चूत मे छोड़ चुका था.
ज्योति फिर ससुर के उपर से हटने लगी तो ससुर ने ज्योति के दोनो बूब्स दबोच लिए. ज्योति को दर्द हुआ. उसने अपने बूब्स ससुर से चुदवाये और हटी.
उस्के बाद 1 महीने तक ससुर ऐसे ही ज्योति को चोदने के मज़े लेता रहा. परेशान होकर ज्योति ने यह सारी बात अपने पति सतीश को बता दी. सतीश को अपने बाप पर गुस्सा आया. सतीश ने यह सच अपने पिता को बताया की वो बाप नही बन सकता और वो बच्ची राजेश से उन्होने गोद ली हैं.
कुच्छ साप्ताह बाद ज्योति को पता चला की वो प्रेग्नेंट हो चुकी हैं. ज्योति का ससुर बहुत शर्मिंदा हुआ और हार्ट अटॅक से उसकी मौत हो गयी.
दो नाजायज़ बच्चो को जनम देने के बाद ज्योति ने फिर ऑपरेशान करवा कर अपनी बच्चेदानी ही निकलवा दी. ताकि वो फिर कभी प्रेग्नेंट ना हो सके.
डॉली ने मम्मी से सॉरी बोला की वो जाने अंजाने ड्राइवर राजेश का नाम लेकर छेड़ा करती थी जब की मम्मी के राजेश अंकल के साथ कोई रीलेशन थे ही नही.
अगले एपिसोड मे पढ़िए यह राज जानने के बाद डॉली और जय का रेस्पॉन्स क्या होगा.
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ज्योति के पूरा नंगा होते ही ससुर आगे बढ़ा अपनी दोनो हथेलिया ज्योति के बूब्स के उपर से रगड़ते हुए जाँघो तक ले आया. वो 21 साल की ज्योति के जवान चिकने शरीर को महसूस करने लगा.
ज्योति फिर बिस्तर पर थी और ससुर ज्योति की दोनो जाँघो के बीच अपना मूह घुसाए ज्योति की चूत को चाट रहा था. ज्योति उपर छत की तरफ निहारते हुए अपने पाव खोले लेटी रही.
थोड़ी देर बाद ससुर अपना मूह ज्योति की चूत से रगड़ते हुए पेट से होते हुए बूब्स के बीच मूह मारने लगा. फिर ज्योति के निपल अपने मूह मे भरकर चूस्ता ही रहा.
ससुर तो ज्योति के होंठो को भी चूसना चाहता था पर ज्योति ने अपने चेहरे को अपने हाथो से धक लिया. ससुर ने ज्योति के बूब्स को अपने दोनो हाथो से दबोच कर मसल दिया.
ससुर फिर ज्योति के उपर लेट गया. उसका लंड ज्योति की चूत से चिपक गया तो सीने ने ज्योति के बूब्स को दबा दिया. ससुर ने फिर अपना लंड पकड़ कर ज्योति की चूत मे डाल दिया.
ज्योति: “अयाया, आपने प्रोटेक्षन नही पहना हैं. प्लीज़ बाहर निकालो”
ससुर: “उस ड्राइवर का लंड तो बड़े मज़े से ले लिया था अपनी चूत मे और एक बच्चा भी पैदा कर लिया. अब मेरे बच्चे की मा बनने मे क्या प्राब्लम हैं?”
ज्योति: “यह ग़लत हैं. आपने सिर्फ़ चुदाई की बात की थी, प्रेग्नेंट करने की बात नही हुई थी”
ससुर: “इतना क्या शर्मा रही हैं. मेरे बच्चे की मा बन या सतीश के. दोनो का खून तो एक ही हैं. आ मेरी जान, तुझे चोद कर मा बनाता हूँ. बरसो बाद चोद कर मज़ा आ रहा हैं”
ससुर ने ज्योति की चूत मे अपने लंड से धक्का मारते हुए पूरा ज़ोर लगा दिया था. मगर उम्र के उस पड़ाव पर ससुर बार बार थक रहा था.
जैसे ही ससुर थकता तो वो धक्के मारना बंद कर देता और अपना लंड ज्योति की चूत मे ही रखे हुए थोड़ा रेस्ट करता. मगर अपने नीचे लेटी एक खूबसूरत लड़की को देख उसका दिल फिर मचल उठता.
ससुर फिर से ताक़त बटोरते हुए ज्योति की चूत मे अपना लंड मार कर चोदने लगता. इस तरह काफ़ी देर हो गयी पर झड़ने के पहले ही ससुर थक जाता.
इसका उसको फ़ायदा भी हुआ, वो बहुत देर तक ज्योति को चोदने के मज़े ले पा रहा था. ज्योति भी नीचे लेटी लेटी अपने ससुर का वजन उठाए थक चुकी थी.
ज्योति: “आपसे नही होगा, आप रहने दो जितना मज़ा लिया”
ससुर: “बिना पूरा चोदे और अपना जूस तेरी चूत मे खाली किए मैं नही मानने वाला”
ज्योति: “अच्छा ठीक हैं, मैं आपके उपर आकर पूरा करती हूँ”
ससुर मान गया. वो ज्योति के उपर से हटा और ज्योति ससुर के उपर लेट गयी और एक बार फिर वो कड़क लंड अपनी चूत मे उतार कर चोदने लगी.
ज्योति के लगातार धक्को के ससुर बेबस हो गया. वो दहाड़े मार कर आहें भरने लगा. ज्योति को ज़्यादा वक़्त नही लगा और कुच्छ ही मिनिट्स के बाद ससुर ने ज्योति की कमर को कस कर पकड़ लिया और हिलने नही दिया.
ससुर का लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतर गया था और ससुर के लंड का पानी पिचकारी मारते हुए सारा माल ज्योति की चूत मे छोड़ चुका था.
ज्योति फिर ससुर के उपर से हटने लगी तो ससुर ने ज्योति के दोनो बूब्स दबोच लिए. ज्योति को दर्द हुआ. उसने अपने बूब्स ससुर से चुदवाये और हटी.
उस्के बाद 1 महीने तक ससुर ऐसे ही ज्योति को चोदने के मज़े लेता रहा. परेशान होकर ज्योति ने यह सारी बात अपने पति सतीश को बता दी. सतीश को अपने बाप पर गुस्सा आया. सतीश ने यह सच अपने पिता को बताया की वो बाप नही बन सकता और वो बच्ची राजेश से उन्होने गोद ली हैं.
कुच्छ साप्ताह बाद ज्योति को पता चला की वो प्रेग्नेंट हो चुकी हैं. ज्योति का ससुर बहुत शर्मिंदा हुआ और हार्ट अटॅक से उसकी मौत हो गयी.
दो नाजायज़ बच्चो को जनम देने के बाद ज्योति ने फिर ऑपरेशान करवा कर अपनी बच्चेदानी ही निकलवा दी. ताकि वो फिर कभी प्रेग्नेंट ना हो सके.
डॉली ने मम्मी से सॉरी बोला की वो जाने अंजाने ड्राइवर राजेश का नाम लेकर छेड़ा करती थी जब की मम्मी के राजेश अंकल के साथ कोई रीलेशन थे ही नही.
अगले एपिसोड मे पढ़िए यह राज जानने के बाद डॉली और जय का रेस्पॉन्स क्या होगा.
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अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
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Re: Adultery चूत लंड की राजनीति
ज्योति ने अपनी सारी निकाल दी. बुड्ढे ससुर की लार टपकने लगी. ज्योति को पता था की उसका ससुर थोड़ा ठरकी किस्म का हैं पर अपनी ही बहू पर हाथ डालेगा यह पता नही था.
ज्योति के पूरा नंगा होते ही ससुर आगे बढ़ा अपनी दोनो हथेलिया ज्योति के बूब्स के उपर से रगड़ते हुए जाँघो तक ले आया. वो 21 साल की ज्योति के जवान चिकने शरीर को महसूस करने लगा.
ज्योति फिर बिस्तर पर थी और ससुर ज्योति की दोनो जाँघो के बीच अपना मूह घुसाए ज्योति की चूत को चाट रहा था. ज्योति उपर छत की तरफ निहारते हुए अपने पाव खोले लेटी रही.
थोड़ी देर बाद ससुर अपना मूह ज्योति की चूत से रगड़ते हुए पेट से होते हुए बूब्स के बीच मूह मारने लगा. फिर ज्योति के निपल अपने मूह मे भरकर चूस्ता ही रहा.
ससुर तो ज्योति के होंठो को भी चूसना चाहता था पर ज्योति ने अपने चेहरे को अपने हाथो से धक लिया. ससुर ने ज्योति के बूब्स को अपने दोनो हाथो से दबोच कर मसल दिया.
ससुर फिर ज्योति के उपर लेट गया. उसका लंड ज्योति की चूत से चिपक गया तो सीने ने ज्योति के बूब्स को दबा दिया. ससुर ने फिर अपना लंड पकड़ कर ज्योति की चूत मे डाल दिया.
ज्योति: “अयाया, आपने प्रोटेक्षन नही पहना हैं. प्लीज़ बाहर निकालो”
ससुर: “उस ड्राइवर का लंड तो बड़े मज़े से ले लिया था अपनी चूत मे और एक बच्चा भी पैदा कर लिया. अब मेरे बच्चे की मा बनने मे क्या प्राब्लम हैं?”
ज्योति: “यह ग़लत हैं. आपने सिर्फ़ चुदाई की बात की थी, प्रेग्नेंट करने की बात नही हुई थी”
ससुर: “इतना क्या शर्मा रही हैं. मेरे बच्चे की मा बन या सतीश के. दोनो का खून तो एक ही हैं. आ मेरी जान, तुझे चोद कर मा बनाता हूँ. बरसो बाद चोद कर मज़ा आ रहा हैं”
ससुर ने ज्योति की चूत मे अपने लंड से धक्का मारते हुए पूरा ज़ोर लगा दिया था. मगर उम्र के उस पड़ाव पर ससुर बार बार थक रहा था.
जैसे ही ससुर थकता तो वो धक्के मारना बंद कर देता और अपना लंड ज्योति की चूत मे ही रखे हुए थोड़ा रेस्ट करता. मगर अपने नीचे लेटी एक खूबसूरत लड़की को देख उसका दिल फिर मचल उठता.
ससुर फिर से ताक़त बटोरते हुए ज्योति की चूत मे अपना लंड मार कर चोदने लगता. इस तरह काफ़ी देर हो गयी पर झड़ने के पहले ही ससुर थक जाता.
इसका उसको फ़ायदा भी हुआ, वो बहुत देर तक ज्योति को चोदने के मज़े ले पा रहा था. ज्योति भी नीचे लेटी लेटी अपने ससुर का वजन उठाए थक चुकी थी.
ज्योति: “आपसे नही होगा, आप रहने दो जितना मज़ा लिया”
ससुर: “बिना पूरा चोदे और अपना जूस तेरी चूत मे खाली किए मैं नही मानने वाला”
ज्योति: “अच्छा ठीक हैं, मैं आपके उपर आकर पूरा करती हूँ”
ससुर मान गया. वो ज्योति के उपर से हटा और ज्योति ससुर के उपर लेट गयी और एक बार फिर वो कड़क लंड अपनी चूत मे उतार कर चोदने लगी.
ज्योति के लगातार धक्को के ससुर बेबस हो गया. वो दहाड़े मार कर आहें भरने लगा. ज्योति को ज़्यादा वक़्त नही लगा और कुच्छ ही मिनिट्स के बाद ससुर ने ज्योति की कमर को कस कर पकड़ लिया और हिलने नही दिया.
ससुर का लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतर गया था और ससुर के लंड का पानी पिचकारी मारते हुए सारा माल ज्योति की चूत मे छोड़ चुका था.
ज्योति फिर ससुर के उपर से हटने लगी तो ससुर ने ज्योति के दोनो बूब्स दबोच लिए. ज्योति को दर्द हुआ. उसने अपने बूब्स ससुर से चुदवाये और हटी.
उस्के बाद 1 महीने तक ससुर ऐसे ही ज्योति को चोदने के मज़े लेता रहा. परेशान होकर ज्योति ने यह सारी बात अपने पति सतीश को बता दी. सतीश को अपने बाप पर गुस्सा आया. सतीश ने यह सच अपने पिता को बताया की वो बाप नही बन सकता और वो बच्ची राजेश से उन्होने गोद ली हैं.
कुच्छ साप्ताह बाद ज्योति को पता चला की वो प्रेग्नेंट हो चुकी हैं. ज्योति का ससुर बहुत शर्मिंदा हुआ और हार्ट अटॅक से उसकी मौत हो गयी.
दो नाजायज़ बच्चो को जनम देने के बाद ज्योति ने फिर ऑपरेशान करवा कर अपनी बच्चेदानी ही निकलवा दी. ताकि वो फिर कभी प्रेग्नेंट ना हो सके.
डॉली ने मम्मी से सॉरी बोला की वो जाने अंजाने ड्राइवर राजेश का नाम लेकर छेड़ा करती थी जब की मम्मी के राजेश अंकल के साथ कोई रीलेशन थे ही नही.
अगले एपिसोड मे पढ़िए यह राज जानने के बाद डॉली और जय का रेस्पॉन्स क्या होगा.
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ज्योति के पूरा नंगा होते ही ससुर आगे बढ़ा अपनी दोनो हथेलिया ज्योति के बूब्स के उपर से रगड़ते हुए जाँघो तक ले आया. वो 21 साल की ज्योति के जवान चिकने शरीर को महसूस करने लगा.
ज्योति फिर बिस्तर पर थी और ससुर ज्योति की दोनो जाँघो के बीच अपना मूह घुसाए ज्योति की चूत को चाट रहा था. ज्योति उपर छत की तरफ निहारते हुए अपने पाव खोले लेटी रही.
थोड़ी देर बाद ससुर अपना मूह ज्योति की चूत से रगड़ते हुए पेट से होते हुए बूब्स के बीच मूह मारने लगा. फिर ज्योति के निपल अपने मूह मे भरकर चूस्ता ही रहा.
ससुर तो ज्योति के होंठो को भी चूसना चाहता था पर ज्योति ने अपने चेहरे को अपने हाथो से धक लिया. ससुर ने ज्योति के बूब्स को अपने दोनो हाथो से दबोच कर मसल दिया.
ससुर फिर ज्योति के उपर लेट गया. उसका लंड ज्योति की चूत से चिपक गया तो सीने ने ज्योति के बूब्स को दबा दिया. ससुर ने फिर अपना लंड पकड़ कर ज्योति की चूत मे डाल दिया.
ज्योति: “अयाया, आपने प्रोटेक्षन नही पहना हैं. प्लीज़ बाहर निकालो”
ससुर: “उस ड्राइवर का लंड तो बड़े मज़े से ले लिया था अपनी चूत मे और एक बच्चा भी पैदा कर लिया. अब मेरे बच्चे की मा बनने मे क्या प्राब्लम हैं?”
ज्योति: “यह ग़लत हैं. आपने सिर्फ़ चुदाई की बात की थी, प्रेग्नेंट करने की बात नही हुई थी”
ससुर: “इतना क्या शर्मा रही हैं. मेरे बच्चे की मा बन या सतीश के. दोनो का खून तो एक ही हैं. आ मेरी जान, तुझे चोद कर मा बनाता हूँ. बरसो बाद चोद कर मज़ा आ रहा हैं”
ससुर ने ज्योति की चूत मे अपने लंड से धक्का मारते हुए पूरा ज़ोर लगा दिया था. मगर उम्र के उस पड़ाव पर ससुर बार बार थक रहा था.
जैसे ही ससुर थकता तो वो धक्के मारना बंद कर देता और अपना लंड ज्योति की चूत मे ही रखे हुए थोड़ा रेस्ट करता. मगर अपने नीचे लेटी एक खूबसूरत लड़की को देख उसका दिल फिर मचल उठता.
ससुर फिर से ताक़त बटोरते हुए ज्योति की चूत मे अपना लंड मार कर चोदने लगता. इस तरह काफ़ी देर हो गयी पर झड़ने के पहले ही ससुर थक जाता.
इसका उसको फ़ायदा भी हुआ, वो बहुत देर तक ज्योति को चोदने के मज़े ले पा रहा था. ज्योति भी नीचे लेटी लेटी अपने ससुर का वजन उठाए थक चुकी थी.
ज्योति: “आपसे नही होगा, आप रहने दो जितना मज़ा लिया”
ससुर: “बिना पूरा चोदे और अपना जूस तेरी चूत मे खाली किए मैं नही मानने वाला”
ज्योति: “अच्छा ठीक हैं, मैं आपके उपर आकर पूरा करती हूँ”
ससुर मान गया. वो ज्योति के उपर से हटा और ज्योति ससुर के उपर लेट गयी और एक बार फिर वो कड़क लंड अपनी चूत मे उतार कर चोदने लगी.
ज्योति के लगातार धक्को के ससुर बेबस हो गया. वो दहाड़े मार कर आहें भरने लगा. ज्योति को ज़्यादा वक़्त नही लगा और कुच्छ ही मिनिट्स के बाद ससुर ने ज्योति की कमर को कस कर पकड़ लिया और हिलने नही दिया.
ससुर का लंड ज्योति की चूत के अंदर तक उतर गया था और ससुर के लंड का पानी पिचकारी मारते हुए सारा माल ज्योति की चूत मे छोड़ चुका था.
ज्योति फिर ससुर के उपर से हटने लगी तो ससुर ने ज्योति के दोनो बूब्स दबोच लिए. ज्योति को दर्द हुआ. उसने अपने बूब्स ससुर से चुदवाये और हटी.
उस्के बाद 1 महीने तक ससुर ऐसे ही ज्योति को चोदने के मज़े लेता रहा. परेशान होकर ज्योति ने यह सारी बात अपने पति सतीश को बता दी. सतीश को अपने बाप पर गुस्सा आया. सतीश ने यह सच अपने पिता को बताया की वो बाप नही बन सकता और वो बच्ची राजेश से उन्होने गोद ली हैं.
कुच्छ साप्ताह बाद ज्योति को पता चला की वो प्रेग्नेंट हो चुकी हैं. ज्योति का ससुर बहुत शर्मिंदा हुआ और हार्ट अटॅक से उसकी मौत हो गयी.
दो नाजायज़ बच्चो को जनम देने के बाद ज्योति ने फिर ऑपरेशान करवा कर अपनी बच्चेदानी ही निकलवा दी. ताकि वो फिर कभी प्रेग्नेंट ना हो सके.
डॉली ने मम्मी से सॉरी बोला की वो जाने अंजाने ड्राइवर राजेश का नाम लेकर छेड़ा करती थी जब की मम्मी के राजेश अंकल के साथ कोई रीलेशन थे ही नही.
अगले एपिसोड मे पढ़िए यह राज जानने के बाद डॉली और जय का रेस्पॉन्स क्या होगा.
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