Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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24
सन्नी

हम सब एक दूसरे को सुखाकर वापस kitchen पहुंच गए और नाश्ता बनाया। लक्ष्मी आंटी के साथ हंसी मजाक में वक्त का पता नहीं चला और नाश्ता करने के बाद हम सब हॉल में पहुंच गए।

सामने टीवी पर एक वीडियो चल रहा था तो लक्ष्मी आंटी ने हम से पूछा, "बाबू, अगर आप दोनों का इस खेल में कोई तजुर्बा नहीं था तो जरा बताओ ऐसे अलग अलग पैंतरे कहां से लाए? ये मत कहना कि अभी अभी सोचा। सारे कपड़े और वो जो मेरे अंदर डाला था, ये ऐसेही नहीं आया। अब बताओ!!"

विक्की बोला, "अरे लक्ष्मी आंटी, अब तुमसे क्या छुपाना!! जैसे टीवी पर प्यार या हंसी कि फिल्में होती हैं वैसे ही इन बातों की भी होती हैं। पर उन्हें चुपके से वीडियो बनाकर देखते हैं।"

लक्ष्मी आंटी को अभी ऐसी फिल्म देखनी थी पर हम दोनों में से किसी ने भी इस बारे में कुछ इंतजाम नहीं किया था। मैंने कुछ सोचा और उपर से हमारा कैमेरा ले आया। पहला सीन ही बलात्कार का था और वो भी लक्ष्मी आंटी के बलात्कार का। खैर जो होगा सो होगा ऐसे सोच कर मैंने टीवी चालू कर दिया। हम दोनों के बीच में बैठकर लक्ष्मी आंटी ने अपना बलात्कार होते हुए देखने लगी। जब टीवी पर विक्की, लक्ष्मी आंटी को उत्तेजित करता दिखा तो लक्ष्मी आंटी सच में तपने लगी। उसने हम दोनों के लौड़े पकड़ कर हमें हिलाने लगी।

लक्ष्मी आंटी इस सीन में इतनी खो गई थी कि जब उसने अपनी झिल्ली फटते देखी तो वह चीख पड़ी। लक्ष्मी आंटी ने गुस्से से विक्की कि ओर देखते हुए कहा, "विक्की बाबू, आप बहुत बुरे हो!! अब मैं आपका लौड़ा नहीं हिलाऊगी। पता है कितना दर्द हुआ? आप को सजा देनी पड़ेगी।"

लक्ष्मी आंटी ने मेरी गोद में आते हुए मेरा लौड़ा अपने हाथों में लिया और अपनी चूत पर रखा। लक्ष्मी आंटी बैठी तो मेरा लौड़ा उसकी चूत में समा गया। लक्ष्मी आंटी की गीली गरमी मेरे लौड़े को चूमती चूसती रही और मैं विक्की को लक्ष्मी आंटी का बलात्कार करता देख लक्ष्मी आंटी का मज़ा ले रहा था। टीवी पर विक्की के कर धक्के के साथ लक्ष्मी आंटी अपनी कमर उठकर मुझसे चुधवा रही थी। टीवी पर चलते हर चीख और हर आह के साथ लक्ष्मी आंटी मज़े से आह भर रही थी। पाच मिनट बाद जब टीवी पर विक्की कि एक राहत भरी आह निकली तो लक्ष्मी आंटी मेरे लौड़े पर झडने लगी और मैं भी लक्ष्मी आंटी की गरम चूत को गरमी से भरने लगा।

लक्ष्मी आंटी ने मुझे बदन पर लेट कर विक्की को देखा। विक्की लक्ष्मी आंटी की चुधाई देख अपनी उत्तेजना बड़ी मुश्किल से काबू में रखे हुए था। टीवी पर लक्ष्मी आंटी फूटफूट कर रो रही थी और उसकी चूत से खून और वीर्य निकालना साफ दिख रहा था।

लक्ष्मी आंटी बोली, "विक्की बाबू, पता है कि मै इतनी क्यों रो रही थी?"

हम दोनों ने अपने सर हिलाते हुए ना कहा।

लक्ष्मी आंटी ने बताया, "मैंने मन ही मन तयारी कर ली थी कि मेरा आप दोनों से बुरा हाल होने वाला है। जब आप ने मेरी झिल्ली फाड़ी तो मुझे दर्द हुए पर मैं उसके लिए तयार थी। बाद में को मज़ा आया उसके लिए मैं तयार नहीं थी। जब आप ने मेरी कोरी जवानी में अपना पानी छोड़ दिया तब मैं झडी और उसके लिए मैं तयार नहीं थी।"

मेरे रस से भरी चूत को मेरे लौड़े से उठाते हुए लक्ष्मी आंटी ने अपनी चूत को विक्की के लौड़े पर रखा। टीवी पर अब तक मैंने लक्ष्मी आंटी के हाथ अटका दिए थे उसे उत्तेजित करता दिख रहा था। लक्ष्मी आंटी ने विक्की को लौड़ा पूरा अन्दर लेते हुए मेरी ओर देखते हुए अपनी आंख मारी।

लक्ष्मी आंटी, "सन्नी बाबू, आप तो किसी भी लड़की को खुद अपने कपड़े उतारने पर मजबूर कर सकते हो।"

टीवी पर लक्ष्मी आंटी को मैंने धीरे धीरे चोदना शुरू किया और लक्ष्मी आंटी ने विक्की को अपने अंदर रखते हुए अपनी चूत के दाने को सहलाना शुरू किया। जल्द ही टीवी पर मैंने लक्ष्मी आंटी को अच्छे से चोदना चालू किया और लक्ष्मी आंटी ने विक्की के लौड़े पर बैठ आगे पीछे करते हुए अपने दाने को सहलाना चालू रखा।

हालांकि लक्ष्मी आंटी विक्की से चूधा नहीं रही थी पर लक्ष्मी आंटी के योनि की अकड़न से बनती मालिश विक्की को मज़े दे रही थी। टीवी पर जैसे ही मैंने अपना रस लक्ष्मी आंटी की जख्मी चूत में उड़ेला, लक्ष्मी आंटी ने आह भरते हुए झडना चालू कर दिया और इस से विक्की भी अपना बांध खोल लक्ष्मी आंटी की कोख भरने लगा।

लक्ष्मी आंटी ने मुस्कुराते हुए विक्की को चूमा और दोपहर का खाना पकाने के लिए किचन में चली गई। विक्की ने कहा, "यार, ये हमें निचोड़ कर ही दम लेगी!!"

"तू उसे रोकना चाहता है?"

हम दोनों ने हंसते हुए लक्ष्मी आंटी पीछे जाना ठीक समझा।

Score Card रविवार सुबह 10.30 बजे तक
लक्ष्मी आंटी मुंह----चूत----गांड
विक्की---------8-----8-----7
सन्नी------------8-----8-----7

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josef
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25
विक्की

शायद हम सब थक रहे थे या अब एक दुसरे को समझ रहे थे पर दोपहर का खाना खाने के बाद कोई लक्ष्मी आंटी पर झपटा नहीं। हम सब एक दूसरे के हाथ पकड़ कर बेडरूम में सुस्ताने गए। लक्ष्मी आंटी ने अपनी बैग में से एक सलवार कमीज़ निकाली और पहन ली।

"लक्ष्मी आंटी, ऐसी चीजें पर क्यों वक़्त जाया करती हो जो बस पल दो पल बची रहेंगी।"

लक्ष्मी आंटी ने अपने पैरों को देखते हुए कहा, "आप जाने दो विक्की बाबू। मैं आप दोनों को कुछ करने से थोड़े ना रोक रही हूं। बस मेरी एक बात मानो लो। एक बार मुझे इन कपड़ों में ही मज़ा दिला दो।"

लक्ष्मी आंटी को चोदने के लिए हम दोनों ने अलग अलग कपड़े और समान लाया था पर लक्ष्मी आंटी की इस बात से हम उलझन में पड़ गए।

सन्नी, "लक्ष्मी आंटी, तुम जो चाहो हम से मांग सकती हो और हम मना नहीं करेंगे। बस ये बता दो कि इस जोड़ी में ऐसा क्या खास है?"

लक्ष्मी आंटी ने शरमाते हुए कहा, "पप्पुजी के साथ शादी के एक साल बाद मुझे लगा कि शायद उन्हें मदद की जरूरत है। इस लिए मैंने ये जोड़ी सिलाई जिसका गला और पीठ देख पप्पूजी मुझे अपना ले। मुझे इस जोड़े में देख पप्पुजी ने मुझ पर शक करते हुए काफी पीटा और सो गए। मैं शायद इस जोड़ी को गलती से ले आई पर अब मैं इस से जुड़ी बुरी यादें मिटाना चाहती हूं। मेरी बात मानोगे?"

सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में उठा लिया और बेड के बीच रखा। लक्ष्मी आंटी शायद मन ही मन अनेक बातों और यादों से जुंझ रही थी। अब लक्ष्मी आंटी अपनी मर्जी से अपने शराबी पति को धोका देने वाली थी। उसकी इस ड्रेस से बनी आशाएं जागते हुए इस ड्रेस से बनी यादें बदलना चाहती थी।

मैंने लक्ष्मी आंटी के गालों को चूमते हुए उसके कान और गले को निशाना बनाया। सन्नी ने भी वही किया जिस से लक्ष्मी आंटी ने आह भरते हुए अपने सर को उठते हुए हमें जगह बना कर दी। लक्ष्मी आंटी के गले से नीचे सरक कर हम दोनों उसके कंधों को चूमते हुए ड्रेस के उपर से ही उसके बदन के साथ खेलने लगे। लक्ष्मी आंटी ने कमीज़ के अंदर ब्रा पहनी नहीं थी तो उसकी गुलाबी बेरियों ने अपनी उत्तेजना कमीज़ के पार प्रदर्शित की।

सन्नी लक्ष्मी आंटी के पेट को चूमते हुए उसकी सलवार का नाडा खोल कर अंदर चूमने लगा। मैंने कमीज़ को उतारे बगैर अपना मुंह लक्ष्मी आंटी की रसीली बेरीयों को लगा दिया। मैं और सन्नी लक्ष्मी आंटी की ड्रेस सिर्फ इतनी खोल रहे थे जितनी जरूरी है। लक्ष्मी आंटी भी खुशी से आहें भरते हुए अपने सर को झटकते हुए हम दोनों को और करने को कह रही थी।

सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की सलवार को घुटनों तक उतार कर उसके पैरों के बीच में अपनी जीभ से हमला कर दिया। मैंने लक्ष्मी आंटी के प्यारे मम्मों को ठीक से दबाते हुए चूसना चालू रखा। लक्ष्मी आंटी ने अपने हाथों से मेरे बालों को और अपनी जांघों में सन्नी को पकड़ कर अपने शरीर में बनती अकड़न को तोड दिया।

सन्नी के चेहरे पर लक्ष्मी आंटी के रसों का झरना फुट कर खुशी में दौड़ पड़ा। लक्ष्मी आंटी का बदन ढीला पड़ गया तो सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को चोदने का मन बना लिया। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को घोड़ी बनाया और उसकी बहती चूत में अपनी तलवार पेल दी। लक्ष्मी आंटी ने आह भरते हुए सन्नी का स्वागत किया और सन्नी ने तेज धक्कों से चुधाई शुरू कर दी। लक्ष्मी आंटी ने खुद को मोड़ते हुए अपने मुंह में मेरा लौड़ा भर लिया और चूसने लगी। सलवार घुटनों में होने से लक्ष्मी आंटी के पैरों में ज्यादा जगह नहीं थी और सन्नी को इस से ज्यादा पकड़ मिल रही थी। सन्नी और मैं लक्ष्मी आंटी के दोनों छोर पर मज़े ले रहे थे कि लक्ष्मी आंटी ने सन्नी को धक्का देते हुए दूर किया।

लक्ष्मी आंटी, "सन्नी बाबू, बहुत मज़ा आया पर अब आप मेरी गांड़ मारो।"

सन्नी की आंखे चमक उठी और उसने अपने लौड़े का सुपारा लक्ष्मी आंटी की गरम कसी हुई गांड़ पर लगाकर जोर दिया। लक्ष्मी आंटी ने अपनी गांड़ को खोल कर सन्नी को अंदर लिया। लक्ष्मी आंटी ने अपनी उंगलियों को अपनी चूत में भर कर हिलाने लगी तो सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की पीठ पर गिरते हुए अपनी धारा को लक्ष्मी आंटी की गरम कसी गांड़ में भर दिया। लक्ष्मी आंटी ने चूस कर मेरा लौड़ा तयार कर दिया था तो मैंने बिना रुके सन्नी की जगह ले ली।

लक्ष्मी आंटी की खुली गांड़ मेरा इंतजार कर रही थी और मेरा सुपारा अन्दर लेते हुए उसे चूसने लगी। मैंने लक्ष्मी आंटी के ड्रेस के अंदर हाथ डालकर उसके कड़क दूधिया गोलों को पकड़ लिया। मैं अब काफी रुक चुका था और अब लक्ष्मी आंटी की गांड़ में दौड़ने लगा। लक्ष्मी आंटी के पैर साथ होने से मेरे पैर लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर रखे हुए थे। गोलों को पकड़ कर अपनी कमर को तेज हिलाते हुए मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ मारी। लक्ष्मी आंटी की आहें मुझे उकसा रही थी।

सन्नी अब आराम से लक्ष्मी आंटी के बगल में लेट कर उसके होटों को चूमते हुए उसकी आहें बढ़ा रहा था। मुझसे ज्यादा सहा नहीं गया और मैं भी लक्ष्मी आंटी की गरम गांड़ में ढेर हो गया। जब मैंने लक्ष्मी आंटी की गांड़ में से अपना लौड़ा बाहर खींच लिया तो लक्ष्मी आंटी की गांड़ पर जमा वीर्य का झाग देखा। मैंने अपनी उंगलियों से उस झाग को उठा लिया और लक्ष्मी आंटी को खिलाया।

लक्ष्मी आंटी ने उस झाग को ऐसे चाट कर साफ़ किया जैसे वो कोई मिठाई हो। हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में लेकर आंखे बंद कर ली। अगर आज कोई पूछे मेनाका ने विश्वामित्र को कैसे जीता तो मैं लक्ष्मी आंटी का नाम बोल दूं।

Score Card रविवार दोपहर 1.30 बजे तक
लक्ष्मी आंटी मुंह----चूत----गांड
विक्की---------8-----8-----8
सन्नी------------8-----8-----8
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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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26
सन्नी

शाम तक सुस्ताने के बाद जब मैंने आंखे खोली तो फिर से लक्ष्मी आंटी को गायब पाया। मेरे साथ ही विक्की भी उठ गया और हम दोनों नीचे उतर आए। लक्ष्मी आंटी हमें देख कर मुस्कुराई और अपनी बाहें फैला कर आगे आईं।

लक्ष्मी आंटी ने कहा, "क्या मेरे आशिक अब भी थके हुए हैं या चाय बिस्किट के लिए तयार हैं?"

हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी की बाहों में जाते हुए उसके गाल चूमते हुए चाय के लिए कहा। शाम को हम ने लक्ष्मी आंटी को हमारा आखरी तोहफा दिया। पुराने अख़बार में लिपटा तोहफा देख लक्ष्मी आंटी के चेहरे पर बनी खुशी देख कोई भी समझ सकता था कि इस लड़की को कभी कोई तोहफा मिला नहीं।

लक्ष्मी आंटी तोहफे को लेकर बेडरूम में भाग गई। थोड़ी देर बाद लक्ष्मी आंटी एक एक कदम रखते हुए जब नीचे आई तो उसके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी। Satin में बने night set पहन कर इतराते हुए आखरी सीढ़ी से किसी मेमसहब कि तरह उतरने के बाद लक्ष्मी आंटी किसी लड़की की तरह खुशी से चीखती हुई दौड़ पड़ी। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को गले लगाते हुए हमारे गाल चूमे।

लक्ष्मी आंटी बोली, "आप दोनों बड़े शैतान हो। इतनी अच्छी चीज आखरी पल तक छुपाके रखी! ओह, इसे देखो तो! मैं कब से ऐसा सेट चाहती थी।"

लक्ष्मी आंटी ने अपने सीने पर हाथ फेरते हुए satin को महसूस करते हुए कहा, "बाबू, कल चाहे जो हो जाए पर ये मुझे हमेशा आप दोनों के साथ बिताए इन दिनों की याद दिलाकर मेरी सुनी जिंदगी के बोझ को थोड़ा हलका करेगा। मैं जानती हूं कि मुझे क्या करना है। आप दोनों को कुछ खास खिलाती हूं।"

मैंने विक्की को इशारा कर लक्ष्मी आंटी को चोदने का मन बना लिया था कि फोन की घंटी बज उठी।

पवन अंकल का कॉल था। उन्होंने बताया कि IIT results तारीख आज के समाचार में बताई गई है और 15 दिन बाद हमें एडमिशन किस कॉलेज में मिला ये पता चल जाएगा। हम दोनों ने अंकल को बताने के लिए शुक्रिया कहा और अपने और लक्ष्मी आंटी के ठीक होने का भरोसा दिलाया।

फोन पर आई खबर अपेक्षित थी लेकिन फिर भी हमें हिला गई। हम दोनों फिर से कॉलेज और कोर्स के बारे में बातें करने लगे।

8 बजे लक्ष्मी आंटी से रहा नहीं गया और उसने हमसे पूछा कि फोन पर किसीने हमें डांटा तो नहीं? हम दोनों ने जी जान से पढ़ाई की थी और हमें यकीन था कि हमारे अच्छे नंबर आएंगे पर फिर भी डर तो था। लक्ष्मी आंटी ने हमें अपना सब कुछ दिया था (या हम ने वो सब लूट लिया था)। लक्ष्मी आंटी का हम पर इतना हक बनता था कि हम उसकी बातों का सही और पूरा जवाब दें।

मैंने विक्की कि आंखो में वही बात देखी और हम लक्ष्मी आंटी को पूरी बात समझाने लगे। जब बात पूरी हुई तो लक्ष्मी आंटी भी सोच में पड़ गई।

लक्ष्मी आंटी ने कहा, "अगर आप दोनों के नंबर 15 दिन बाद आएंगे तो आप दोनों चाहकर भी आज कुछ नहीं कर सकते। साथ ही अगर कॉलेज के चुनाव में आप दोनों बिछड़ गए तो भी वह आप दोनों के हाथ में नहीं। सही कहा ना मैंने? तो क्यूं ना हम सब कल के बारे में कल देखें। आज अपनी सारी दुनिया बस अपनी लक्ष्मी आंटी की बाहों तक ही रहने दो।"

हम दोनों मुस्कुरा कर मान गए तो लक्ष्मी आंटी ने हमारी पकड़ से बाहर निकल कर कहा, "अब ऐसे खुश होकर जल्दी से खाना खा लो।"

लक्ष्मी आंटी ने Chinese dish और खीर बनाई थी। हम दोनों को परोसकर लक्ष्मी आंटी satin dress का नाड़ा अपनी उंगलियों में पकड़कर खड़ी हो गई।

"लक्ष्मी आंटी, क्या मस्त बनाया है!! अरे आओ नहीं तो कुछ नहीं बचेगा!!"

लक्ष्मी आंटी भी खाना खाने लगी। लक्ष्मी आंटी ने चुपके से कहा कि यह Chinese बनाने की उसकी पहली कोशिश थी। लक्ष्मी आंटी के अंदर एक शर्मीली लड़की की अपने प्रेमियों को रिझाने की कोशिश साफ दिख रही थी और हमें मोह रही थी। लक्ष्मी आंटी ने हमें अपने गांव की मजेदार यादें बताकर हमारा मन हलका किया।

खाना खाने के बाद हम दोनों ने जिद करके लक्ष्मी आंटी को उपर भेजा ताकि हम दोनों बरतन और किचन की साफ सफाई कर दें।

जब हम उपर बेडरूम में पहुंचे तो वहां लक्ष्मी आंटी हमारा इंतजार कर रही थी। हमारे आते लक्ष्मी आंटी उठ गई और उसने हमें बैठने को कहा। फिर लक्ष्मी आंटी ने शरमाते हुए बड़े मादक अंदाज से धीरे धीरे अपना satin में बना gown उतारने लगी। पहले gown का wrap उतारा।
फिर पतला छोटा gown उतारा। अब लक्ष्मी आंटी satin में बने ब्रा और पैंटी में हम दोनों के सामने खड़ी थी।

मैंने आगे बढ़कर लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और उसे सहलाते हुए वहीं खड़ा रहा। कुछ पलों में विक्की भी आ गया और लक्ष्मी आंटी को पीछे से चिपक गया। लक्ष्मी आंटी ने अपने सर को उठाते हुए मुझे अपना गला चूमने के लिए दिया तो अपनी उंगलियों से विक्की के बालों को सहलाते हुए उसके साथ को अपनाया।

मैंने लक्ष्मी आंटी की कमर को अपने हाथों में लिया और वहां लगी satin पैंटी कि गांठ को खोला। विक्की ने लक्ष्मी आंटी की satin ब्रा की गांठ खोलने की मेहनत न करते हुए सीधे उसके सर से उतारी। अब हम खड़े होकर ही अपने बदन एक दूसरे से रगड़ते हुए अपनी काम अग्नि को बढ़ा रहे थे। मैंने लक्ष्मी आंटी को उठाकर बेड पर लिटा दिया और उसके पैरों को फैला कर उनके बीच से बहती यौन नदी का रस पीने लगा। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के मुंह में अपना लौड़ा डाल दिया। मैं नीचे से लक्ष्मी आंटी को चाट रहा था तो उपर लक्ष्मी आंटी विक्की को चूस रही थी।

मेरे मुंह में अचानक रस की फुहार हुई तो लक्ष्मी आंटी तयार है समझकर मैंने लक्ष्मी आंटी की गरम गुंफा में अपना लौड़ा डाल दिया। मेरे धक्कों के साथ लक्ष्मी आंटी आहें भरते हुए विक्की को चूस रही थी। लक्ष्मी आंटी ने विक्की को दूर किया और कहा कि वह हम दोनों को एक साथ मज़ा देना चाहती है।

लक्ष्मी आंटी ने कहा, "विक्की बाबू आप का हथियार ज्यादा मोटा है तो सन्नी बाबू का लंबा। मैं आप दोनों को एक साथ मज़ा देना चाहती इसलिए आप दोनों मेरे बगल में लेट जाओ।"

विक्की और मैं लेट गए तो लक्ष्मी आंटी ने विक्की कि और मुड़ कर उसे अपनी बाहों में भर लिया। लक्ष्मी आंटी का पैर विक्की कि कमर पर गया तो विक्की ने अपना थूंक से गीला लौड़ा लक्ष्मी आंटी की बहती नदी में उतार दिया। लक्ष्मी आंटी ने आह भरते हुए उसे कस कर पकड़ लिया। मैंने लक्ष्मी आंटी का इरादा समझते हुए पीछे से आकर अपने लौड़े को उसकी गांड़ में भरने लगा।

लक्ष्मी आंटी चीख पड़ी, "बाबू!! मुझे प्यार करो बाबू!! मुझमें अपना पानी छोड़ दो!! मुझे हर तरह से अपना बना लो!!"

विक्की और मैं पहले से ही गरम हो गए थे और लक्ष्मी आंटी की चीखों ने हम दोनों के होश उड़ा दिए। हम दोनों ने वो दौड़ लगाई कि लक्ष्मी आंटी की चीखों ने पूरा फार्महाउस भर दिया। लक्ष्मी आंटी चीखते हुए झड रही थी और झडते हुए चीख रही थी। हम दोनों ने अपने लौड़ों से रस की फुहार उड़ाते हुए लक्ष्मी आंटी के दोनों छेद भर दिए।

लक्ष्मी आंटी अब भी थक कर अपना सुख बटोर रही थी जब मैंने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में खींच लिया। लक्ष्मी आंटी ने आंखे खोली और मुझे देख शर्माकर हां बोली। मैंने लक्ष्मी आंटी की विक्की के रस से भरी चूत में अपनी तलवार पेल दी। लक्ष्मी आंटी ने मुझे कस कर अपनी बाहों में भर लिया और अपने पैर से मेरी कमर पकड़ ली। विक्की ने लक्ष्मी आंटी और मेरी मुद्रा देख अपना लौड़ा अब रस से भरी गांड़ में डाल दिया। लक्ष्मी आंटी एक ही मुद्रा में दो अलग अलग लौड़ों से चुधनें से यौन सुख के चोटी पर घूमने लगी। मैं लक्ष्मी आंटी की कमर पर हाथ रखकर उसे चूमते हुए उसके चूत के मज़े ले रहा था और विक्की, लक्ष्मी आंटी के कंधे पकड़कर उसके पीछे से उसकी गांड़ मार रहा था। लक्ष्मी आंटी चीखते हुए मानो अपनी पूरी जवानी की खुशी आज और यहां लेना चाहती थी। 10 मिनट तक हम सब सुध बुध खोकर जानवरों की तरह अपने शारीरिक आकर्षण को खुली छूट देते हुए कामक्रीड़ा के खेल में डूब गए। गांड़ के घर्षण से विक्की छूट पड़ा और उसके धड़कते लौड़े को बीच की पतली परत से महसूस कर मैं भी छूट गया। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को पकड़ कर अपनी आंखें बंद कर ली और हम सब कल को भुलाकर आज अभी में सो गए।

Score Card रविवार रात 9.30 बजे तक
लक्ष्मी आंटी मुंह----चूत----गांड
विक्की---------8-----9-----9
सन्नी------------8-----9-----9
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