Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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33
सन्नी

अगले 10 दिन मानो पर लगाकर उड़ गए। पप्पू यानी प्रतीक के कागजात तैयार हो गए तो उसकी भी तैयारी हो गई। हम दोनों का कॉलेज selection final हो गया तो मम्मियां छुट्टी ले कर अपने बच्चों के साथ ज्यादा वक्त बिताना चाहती थी। लक्ष्मी आंटी रविवार को एक नई औरत को लेकर आई जो घर के सारे काम करेंगी। इसका नाम गंगा मासी था और वह किसी भी तरह से दादी से कम नहीं थी। मैंने पापा को पवन अंकल से कहते सुना कि बच्चे बंगाली मिठाई खा गए और हमें तो सुखा डिब्बा भी नसीब नहीं हुआ।

मंगलवार को दोनों पप्पा हमें ले कर मुंबई आ गए। Admission करवाने के बाद हम सब नए फ्लैट को देखने गए। टैक्स के लिए फ्लैट कंपनी के नाम पर था और बिल्कुल खाली था। पवन अंकल ने कहा कि 10 दिन में अंदर हमारे लिए एक अच्छा डबल बेड और वॉर्डरोब लगा होगा। पढ़ाई और बैठने के लिए हॉल में समान लगा दिया जाएगा। कमरा 1BHK है तो साफ सफाई के लिए ज्यादा नहीं है।

मैंने भोलेपन से कहा, "पर लक्ष्मी आंटी का क्या?"

दोनों पापा ने एक दूसरे की ओर देखा और उन्होंने हमारे कान पकड़ कर मोड़ दिए।

पापा ने हमें डांटते हुए कहा, "हम तुम्हारे बाप हैं!! तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई लक्ष्मी आंटी के साथ ऐसा करने की। 4 साल से वो हमारे भी सामने खड़ी थी। नौकर ऐसा करे तो वह जेल जाता है और मालिक ऐसा बरताव करे तो नौकर उसका गला काट देता है। लक्ष्मी आंटी नाजाने क्यों तुम दोनों का साथ दे रही है। पर उसके साथ के कारण हमने पप्पू को नौकरी के बहाने दूर भगाया। हम नहीं जानना चाहते कि यहां क्या होता है और कैसे। बस इतना याद रखो कि ये चार साल वापस नहीं आएंगे। दिल लगाकर पधो और लक्ष्मी आंटी का खयाल रखना। जानते हो मर्द को 21 से पहले शादी क्यों मना है? क्यूंकि शादी के बाद उसे अपने साथ अपनी बीवी की भी जिम्मेदारी उठानी पड़ती है। लक्ष्मी आंटी से कोई शिकायत आए तो हम उस वापस बुला लेंगे और तुम दोनों अपना हाल खुद संभालो। समझे?"

पवन अंकल ने कहा, "लक्ष्मी आंटी को हम ने कंपनी में नौकरी पर रखा है। उसे हेल्थ इंश्योरेंस भी मिलेगा जिसमें मैटरनिटी की अनुमति है। गलती से भी उसका इसतेमाल मत करना!!! औरत को रिझाया है तो आटे दाल का भाव जान लो। दुबारा गडबड की तो शायद उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

ये बताने की जरूरत नहीं की हम दोनों की अकल ठिकाने आ गई थी। एजेंसी को चाबी दे कर हम सब लौट आए। मम्मियों ने हमारा ऐसे स्वागत किया की हम जंग से लौटे हो। पापा ने गुस्सा थुंक दिया और हमारे कॉलेज और कमरे के बारे में सब बताने लगे।

प्रतीक के जाने की तारीख आते हुए हम सब में दोस्ती हो गई। प्रतीक को हम दोनों से 2 दिन पहले जाना था। मैं, विक्की और लक्ष्मी आंटी उसे एयरपोर्ट पर छोड़ने गए तो लक्ष्मी आंटी रो पड़ी। प्रतीक ने उसे गले लगाते हुए उसके कान में कुछ कहा तो लक्ष्मी आंटी ने शर्माकर हां कहा। उन्हें देख कर कोई भी उनके बीच के प्यार को महसूस कर सकता था। प्रतीक ने कहा कि उसने पापा से बात कर ली थी और लक्ष्मी आंटी आगे जा कर कमरा ठीक कर देगी।

प्रतीक का हवाई जहाज सुबह 10 बजे उड़ गया और लक्ष्मी आंटी ने शाम की ट्रेन पकड़ ली। अगले 2 दिन पॅकिंग और नसीहत में उड़ गए। जाने के दिन मम्मियां चिड़चिड़ी हो गई थी और दोनों पापा अकसर उनसे दूर भागते नजर आ रहे थे। आखिर में दोनों मम्मियों ने रोना शुरू किया और हमें गले लगाते हुए अपना खयाल रखने को कहा। सुबह की फ्लाइट से हम दोनों मुंबई पहुंचे तो थके हुए थे और लक्ष्मी आंटी को पकड़ने के लिए बेताब थे। कमरे का दरवाजा खटखटाया तो लक्ष्मी आंटी ने अंदर आने को कहा।

लक्ष्मी आंटी ने अपने चेहरे पर कुछ हरा लेप लगाया था और उसके बालों को एक जालीदार टोपी में ढका हुआ था। हाथों और पैरों में अजीब प्लास्टिक के मोजे थे। Satin dress छोड़कर लक्ष्मी आंटी को पहचानना मुश्किल था।

लक्ष्मी आंटी ने डांटते हुए कहा, "ऑफो, अब ऐसे ही खड़े मत रहो!! आप दोनों के कॉलेज से चिट्ठी आई है कि आज 12 बजे सब को मिलना है। यहां से आप के जहाज को चक्कर काटते देख मेरी जान गले में आ गई। अब पहले ही दिन देर से जाओगे क्या? चलो बाथरूम में घुस जाओ तब तक मैं आप दोनों के कपड़े रख देती हूं। चिट्ठी में लिखा था कि प्रोग्राम देर तक चलेगा तो सीधे खाने पर मिलेंगे।"

मैं और विक्की एक साथ नहाने लगे तो बड़ा अजीब लगा। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को तौलिए दिए। लक्ष्मी आंटी को हम ने अंदर खींच लेते इस से पहले ही वो भाग गई। बाहर आ गए तो लक्ष्मी आंटी ने हमारे कॉलेज के कपड़े पहनने के लिए तयार रखे थे और साथ में खाना भी लगाया था। लक्ष्मी आंटी के अंदर शायद कोई मिलिट्री का अफसर या कोई मम्मी आ गई थी जो हम दोनों को वक़्त पर तयार कर भेज रही थी। मुंह पर लगे लेप और हाथ पर लगे प्लास्टिक मोजे को दिखाते हुए लक्ष्मी आंटी ने हमारे साथ खाने से मना कर दिया।

उलझे हुए विचार और भारी लौड़े से हम दोनों भी कॉलेज गए। कॉलेज के गेट से अंदर जाते हुए विक्की बोल पड़ा,
"सन्नी, अगले 4 साल ऐसे ही बीते तो…"

"शुभ शुभ बोल विक्की। शुभ शुभ बोल।"

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josef
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34a
विक्की

कॉलेज की अगर ये शुरुवात थी तो अगले 4 साल जालिम होंगे ये बताने की जरूरत नहीं थी। बड़ी बड़ी हस्तियां हमें सिखाने के लिए आयेंगी और हमें परखेंगी। कॉलेज के अधिकतर लोग स्कूल से सीधे आए लग रहे थे और कुछ हसीनाओं ने हम से बात की। शायद पापा कि डांट या प्रतीक को दिया वादा या लक्ष्मी आंटी की लुभावनी छवि, किसी न किसी वजह से हम इनके हुस्न से बाहर निकल आए।

शाम के 7 बजे थोड़े डर और थोड़ी उत्तेजना से हम दोनों ने दरवाजा खटखटाया। जवाब न मिलने पर चाबी से दरवाजा खोला। पूरे घर में अंधेरा था और मेज पर एक मोमबत्ती के नीचे चिट्ठी रखी थी।

"नहाकर वापस यहां आओ। मैं आप दोनों का इंतजार कर रही हूं। आप दोनों की
लक्ष्मी आंटी"

हम दोनों ने बाथरूम की ओर दौड़ लगाई और बिना कुछ सोचे नहा कर साफ हो गए। हम दोनों ने दाढ़ी बनाई। दोनों के तौलिए अंदर ही रखे हुए थे तो उन्हें पहनकर हम वापस बाहर आए।

कमरे में एक और मोमबत्ती जल रही थी और मेज पर एक नई चिट्ठी थी।

"मेज के नीचे रखे हुए कपड़े पहन कर रोशनी के साथ आओ।
लक्ष्मी आंटी"

कमरे में अब दो मोमबत्तियां थी। एक मेज पर तो दूसरी बेडरूम के दरवाजे में। हमने लक्ष्मी आंटी की तयारी कि कदर करते हुए नीचे से कपड़े निकाले। दो जोड़ी कुर्ता और पजामा देख हम ने जल्दी से अपने कपड़े पहन लिए। मैंने मेज पर रखी मोमबत्ती उठाई तो सन्नी ने आगे बढ़ कर बेडरूम के दरवाजे में रखी मोमबत्ती उठाई।

हम दोनों ने बेडरूम में देखा तो वहां पूरा अंधेरा था। हम दोनों अंदर गए तो अलग अलग जगह पर मोमबत्तियां लगी हुई थी। हमें लक्ष्मी आंटी की आवाज सुनाई दी,

"बाहर से अंदर तक उजाला कर दो पर जो मेरी ओर देखेगा वह कल सुबह तक सिर्फ देखेगा।"

लक्ष्मी आंटी की बात मान कर, हम दोनों ने सारी मोमबत्तियां जलाई। आखरी मोमबत्तीयां बेड किनारे बनी मेजों पर रखी थी। मोमबत्ती जलाने पर वहां हमें दूध का एक एक प्याला मिला जिसके नीचे एक और चिट्ठी थी।

"दूध ले कर बेड पर आ जाओ।"

हम दोनों को पता था कि लक्ष्मी आंटी ने क्या किया है पर फिर भी लक्ष्मी आंटी को देख दिल की धड़कन बढ़ गई। लक्ष्मी आंटी दुल्हन का जोड़ा पहने बेड के बीच में बैठी थी। लक्ष्मी आंटी ने सर से घूंघट में अपना चेहरा छिपाया था। लक्ष्मी आंटी के मेहंदी से रंगे हाथों से उसके घुटनों को घेरा था। पायल में बंधे हुए मेहंदी लगे पांव अपनी हिचकिचाहट में कांपती उंगलियों को गद्दे पर दबा रहे थे। हम दोनों लक्ष्मी आंटी के दोनों तरफ बैठ गए।

हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी के घूंघट को हाथ लगाया तो लक्ष्मी आंटी ने हमारे हाथ पकड़ लिए।

लक्ष्मी आंटी ने चिढ़ाते हुए कहा, "ऐसे नहीं होता बाबू!! पहले मुंह दिखाई कि कीमत चुकानी पड़ेगी। बोलो क्या दोगे आप दोनों?"

ये तो हम ने सोचा ही नहीं था। खड़े लौड़े के सिवा हमारे पास देने लायक कुछ नहीं था।

सन्नी ने दिमाग लगाया और कहा, "रामायण के भगवान राम के तरह हम तुम्हें वचन देते हैं कि…"

लक्ष्मी आंटी ने सन्नी के होटों पर मेहेंदी लगी उंगली रख कर उसे रोक दिया। लक्ष्मी आंटी बोली,
"बाबू, वादा ऐसा करो जो निभा पाओ। क्यों न आप दोनों मुझे कैकई की तरह 2 वचन दो?"

हम दोनों को लक्ष्मी आंटी पर विश्वास था और हम दोनों ने हां कहा।

लक्ष्मी आंटी ने कहा, "आप मुझे वचन देते हो के जब तक हम साथ हैं आप किसी और लड़की के प्यार में नहीं पड़ेंगे। मेरे साथ धोका नहीं करेंगे। यहां सिर्फ पढ़ाई करोगे और बाकी मुझ पर छोड़ दोगे। मंजूर है?"

हम दोनों ने खुशी खुशी हां कहा।

लक्ष्मी आंटी ने अपनी दूसरी शर्त कही, "बाबू आप दोनों अब मुझे दूसरा वादा करो कि आप दोनों मुझे किसी और के साथ बांटोगे नहीं। अब आप दोनों बड़े शहर के कॉलेज के लड़के हो गए हो और शहरी लोगों से डर लगता है बाबू।"

हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी से वादा किया कि हम उसके प्यार को उसके खिलाफ इस्तमाल नहीं करेंगे। हम दोनों ने लक्ष्मी आंटी को अपनी बाहों में भर लिया और लक्ष्मी आंटी ने हमारे बीच में बैठ कर हमारे सर पर हाथ रखा। हम पीछे हो गए और लक्ष्मी आंटी का घूंघट उठने लगे। लक्ष्मी आंटी के सर से घूंघट उतर गया और लक्ष्मी आंटी के अवर्णनीय रूप ने हमें मोह लिया।

नई नवेली दुल्हन की तरह सजी हुई लक्ष्मी आंटी को हम दोनों आंखे फाड़कर देखते रह गए। लक्ष्मी आंटी ने हम दोनों को देख कहा,
"बाबू, ऐसे क्या देख रहे हो? मैंने भी आप दोनों के लिए कुछ किया है। अभी दिखाऊं?"

हम दोनों बस सर हिलाकर हां कर पाए। लक्ष्मी आंटी ने तकिए के नीचे से कुछ निकाल कर हमें दिया। मोमबत्तियों के उजाले में, लक्ष्मी आंटी के रूप से चोंधियाई आंखों को वह चीज पहचानने में थोड़ी दिक्कत हुई । वह गर्भनिरोधक गोलियों का चौकोनी पैकेट था जिस में से 6 गोलियों खाई गई थी।

सन्नी के दिमाग की बत्ती जली तो उसने लक्ष्मी आंटी की ओर देखा। लक्ष्मी आंटी ने शर्माकर मुस्कुराते हुए अपने मेहंदी लगे हाथ को आगे कर दिया। सन्नी ने एक गोली लक्ष्मी आंटी के हाथ में रख दी और लक्ष्मी आंटी ने हमारी नज़रों में देखते हुए उसे निगल लिया। मैंने होश में आ कर दूध का ग्लास लक्ष्मी आंटी को दिया और उसने शरमाते हुए आधे से थोड़ा कम पी लिया। सन्नी ने भी लक्ष्मी आंटी को अपना ग्लास दिया तो उसके ग्लास को भी जूठा कर लक्ष्मी आंटी ने लौटाया। आगे की बात समझकर हम दोनों ने बाकी दूध गटक लिया और ग्लास मेजों पर रख दिए।

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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34b
सन्नी

आज शाम को कॉलेज की कई हसीनाओं ने शरमाते हुए हम से बात की थी पर लक्ष्मी आंटी को देख उन्हें याद करना भी मुश्किल था। घूंघट बना दुपट्टा उतरने के बाद लेहेंगे चोली में बैठी लक्ष्मी आंटी पर झपट पड़ने से हम दोनों ने खुद को रोका। मैंने लक्ष्मी आंटी के पैरों के उंगलियों को सहलाकर चूमते हुए उसके पायल को अपनी जीभ से बजाया। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के बालों में सजे मांग टिक्के को चूमकर हटाया तो उसके नीचे लक्ष्मी आंटी की मांग में सिंदूर भरा हुआ था।

हमें याद आया की लक्ष्मी आंटी प्रतीक कि बीवी है। लेकिन प्रतीक कि अनुमति याद करते हुए सोचा कि बीवी किसी की हो तो भी हम दोनों की सुहागन है। मैंने इंच इंच करके लक्ष्मी आंटी के लेहेंज को मोड़ते हुए उसके सुडौल पैरों को उजागर किया। मोमबत्तियों के उजाले में लक्ष्मी आंटी की काया सोने की तरह चमक रही थी। विक्की ने मांग टिक्के से मिलती बालियों को चूमते हुए लक्ष्मी आंटी की उत्तेजना से बन्द होती आंखों को चूमा। लक्ष्मी आंटी के घुटनों को चूमकर मैंने फैलाया तो लक्ष्मी आंटी बेड पर लेट गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के गले को चूमते हुए उसकी चोली के गले में जाते मंगलसूत्र को भी चूमा।

प्रतीक कि अनुमति से उसे धोका देने की बात से लक्ष्मी आंटी के बदन में उत्तेजना से लहर दौड़ गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को पेट के बल लिटा दिया और उसके पीठ पर लगी चोली की गांठ को अपने दातों से खोलने लगा। मैंने मौके का फायदा उठाकर लक्ष्मी आंटी के घुटनों के पीछे का हिस्सा चूमा। लक्ष्मी आंटी ने सर उठाकर उत्तेजना से आह भरी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी की चोली खोली और पीठ चूमते हुए कंधे पर से चोली का कपड़ा सरकाकर उतारने लगा। मैंने लक्ष्मी आंटी की मांसल जांघों को चूमते हुए उसकी गोल मटोल गांड़ को छिपाते पैंटी के किनारे चूमे।

लक्ष्मी आंटी ने उत्तेनापूर्ण नजरों से हमें देख कर कहा, "बाबू अब और मत तड़पाओ। मेरा बदन जल रहा है। इस आग को अपने प्यार से बुझाओ।"

मैंने लक्ष्मी आंटी के लहंगे का नाड़ा खींच लिया तो लक्ष्मी आंटी ने अपनी कमर उठकर उसे उतारने में मेरी मदद की। लहंगा घुटनों तक उतार दिया तो विक्की ने लक्ष्मी आंटी को पलट दिया। लक्ष्मी आंटी ने अपने हाथ और पैर उठाए और हम दोनों ने लहंगा चोली उतार फेंका। लक्ष्मी आंटी ने सेक्सी लाल ब्रा और पैंटी कि जोड़ी पहनी थी। मैंने लक्ष्मी आंटी की जांघों को चूमते हुए खोला। लक्ष्मी आंटी की गीली पैंटी से आती उसकी यौन खुशबू ने मुझे बुलाया। मैंने लक्ष्मी आंटी की चूत को उस पैंटी में से चूमना और चूसना शुरू किया।

लक्ष्मी आंटी से अब और इंतजार नहीं हुआ और उसने अपनी पैंटी उतार फेंकते हुए अपनी जांघों को फैलकर मुझे जगह दी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी की ब्रा उतारी और लक्ष्मी आंटी के रसीले फलों को चूसने लगा। लक्ष्मी आंटी ने एक हाथ से विक्की के बालों को सहलाते हुए दूसरे हाथ से मेरे बाल पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींच लिया। लक्ष्मी आंटी की चूत को मेरा कुर्ता पजामा में बन्द लौड़ा रगड़ रहा था। लक्ष्मी आंटी ने विक्की के सर को अपने स्तन पर दबाते हुए मेरे पजामे का नाड़ा तोड दिया।

लक्ष्मी आंटी ने मेरी आंखों में देख कर सिर्फ 1 शब्द कहा, "चोदो!!"

मैंने पल दो पल में अपने सारे कपड़े उतार फेंके और लक्ष्मी आंटी के बदन पर लेट गया। लक्ष्मी आंटी ने अपने पैरों से मेरी कमर पकड़ ली और मुझे अपनी धधकती गरमी में खींच लिया। मेरा लौड़ा लक्ष्मी आंटी चूत की गहराई नापने अंदर गया तो लक्ष्मी आंटी ने विक्की के सर को पकड़ कर उसे चूमते हुए उसके होंठों से अपनी चीखें दबाई।

लक्ष्मी आंटी ने विक्की का भी नाड़ा तोड दिया और उसके लौड़े को हिलाने लगी। मैंने लक्ष्मी आंटी की लाल बरियों को चूमते, चूसते हुए अपनी रफ़्तार बढ़ा दी तो लक्ष्मी आंटी ने अपना बदन अकड़ते हुए मुझे अंदर खींच लिया। लक्ष्मी आंटी के खजाने में से यौन रस की नदी फुट कर बहने लगी और लक्ष्मी आंटी ने झडते हुए अपना बदन ढीला छोड़ दिया। मैं झडने के करीब था पर मैंने विक्की को आंख मारी और वह समझ गया।

विक्की ने लक्ष्मी आंटी की पकड़ से खुद को छुड़ाकर अपने कपड़े उतार दिए। विक्की जल्द ही मेरे पास आ गया और मैंने अपना लौड़ा बाहर निकाला। लक्ष्मी आंटी ने बस पल भर के लिए विरोध किया था कि विक्की ने मेरी जगह ले ली।

"विक्की बाबू!!", लक्ष्मी आंटी ने पुकारते हुए अपने दूसरे प्रेमी को आलिंगन में भर लिया। विक्की ने तेज धक्कों से लक्ष्मी आंटी को चोदना चालू रखा और लक्ष्मी आंटी ने तप कर दुबारा अपना पानी छोड़ दिया। विक्की लक्ष्मी आंटी को बाहों में भर कर चूमते हुए चोद रहा था और मुझे डर था कि वह अपने आप को रोक नहीं पायेगा। विक्की के तेज धक्कों से लक्ष्मी आंटी ने लगातार दूसरी बार पानी छोड़ा तो विक्की ने लक्ष्मी आंटी को घोड़ी बनाया। विक्की ने मुझे आंख मारी और मैंने विक्की कि जगह ले ली।

"बाबू! आप दोनों क्या कर रहे हो! उन्हहह… मुझे भर दो ना… मैं आपके प्यार की प्यासी हूं।", लक्ष्मी आंटी ने गिड़गिड़ाते हुए कहा।

लक्ष्मी आंटी को मैंने पैर फैलाकर घुटनों पर खड़ा किया और अपने लौड़े को एक झटके में पूरा पेल दिया। लक्ष्मी आंटी ने अपने होठों को दातों में पकड़ कर अपनी चीख निगल ली। विक्की ने लक्ष्मी आंटी की हालत का मजा लेते हुए उसके नीचे सरक गया और लक्ष्मी आंटी के झूलते मम्मों को अपने हाथों में पकड़ कर उन मम्मों की लाल बेरियों को चूसने लगा।

लक्ष्मी आंटी ने बात करने की सारी कोशिशों को भूल कर अपने बदन को छूट दी।

"हनहह…हम्ममम… अन्ह… आंह… आईआईइश… आह… अम्म्म… मां… अंहह… हां… हा हा हा…", करते हुए लक्ष्मी आंटी लगातार झडती रही।

दूसरी बार लक्ष्मी आंटी की गरमी में से बाहर निकल पाना मुझसे नहीं हुआ और मैंने लक्ष्मी आंटी की कमर पकड़ कर उसे अपने लौड़े पर खींच कर दबाया।

"अहहह… आंटी… आह… हुँहह…" करते हुए मैंने अपना गाढ़ा घोल लक्ष्मी आंटी को भेंट चढ़ा दिया।

विक्की मेरे लिए तयार था और मेरा लौड़ा बाहर निकलते ही विक्की ने लक्ष्मी आंटी को पीठ पर लिटाकर उसकी गांड़ के नीचे एक तकिया रख दिया। लक्ष्मी आंटी की गांड़ उठ गई और मेरा रस लक्ष्मी आंटी के अंदर जमा रहा। विक्की ने अब अपने लौड़े को लक्ष्मी आंटी की चूत में उतार कर लक्ष्मी आंटी के बदन पर लेट गया। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को चोदना शुरू किया तो लक्ष्मी आंटी ने उसे अपने पैरों से जकड़ लिया। विक्की के तेज धक्के अब लंबे नहीं थे पर हर धक्के से ऐसा आवाज आता जैसे भरी बाल्टी में लोटा गिरने से होता है। लक्ष्मी आंटी ने अपनी कामुक आवाज से उसका साथ दिया और विक्की ने अपनी ताल पकड़ ली।

"पुच्च… अन्ह… चुपक… पुच्च… आह… चूपाक… पुच्च… हां…"

इस संगीतमय कामक्रीड़ा को कोई ज्यादा भोग नहीं पता और विक्की जल्द ही लक्ष्मी आंटी को पुकारते हुए उस से चिपक गया।

लक्ष्मी आंटी अपनी टांगे फैला कर बेड पर लेटी छत देख रही थी और हम दोनों उसकी बगल में लेट कर उसके कंगन, बाली और पायल के साथ खेल रहे थे।

लक्ष्मी आंटी ने पूछा, "बाबू, मैं ये मंगलसूत्र उतार कर रख दूं? पहले मैंने इसे गिरवी रखा था और प्रतिकजी ने इसे छुड़ाकर छिपा दिया था। पर शायद अब ये आप दोनों को पसंद नहीं आए।"

"जानू, ये मंगलसूत्र निशानी है प्रतीक ने हम दोनों पर तुम्हे खुश रखने की दी हुई जिम्मेदारी कि। इसे कभी नहीं निकालना।"

लक्ष्मी आंटी ने कहा, "बाबू आप दोनों मेरी बात मान लीजिए कि मै आप दोनों को बाबू ही कहूंगी और आप दोनों मुझे लक्ष्मी आंटी कहोगे। इस से किसी और के सामने हमारा भेद नहीं खुलेगा। ठीक है?"

विक्की और मैं लक्ष्मी आंटी की इस बात में छिपी सच्चाई को स्वीकार कर मान गए। थोड़ी देर सुस्ताने के बाद हमारे लौड़े फिर से बढ़ने लगे। लक्ष्मी आंटी ने हमारा इरादा पहचानते हुए कहा, "अब क्या 1/2 ग्लास दूध पीकर पिलाकर पूरी रात गुजारनी है? चलो खाना तयार है। (शर्माकर) बाकी का काम खाना खाने के बाद करेंगे।"

लक्ष्मी आंटी का शर्माना हमारा दिल जीत गया और हम लक्ष्मी आंटी के पीछे पीछे गए। खाने में लक्ष्मी आंटी की दिन भर की मेहनत दिख रहा थी और हम दोनों खाने पर टूट पड़े। खाना खाने के बाद विक्की बड़े नटखट अंदाज में बोला,
"लक्ष्मी आंटी, कल कॉलेज को छुट्टी है। हमें किताबें खरीदने और शहर देखने को कहा है। तो जल्दी सोने की जरूरत नहीं। चाहें तो पूरी रात जाग सकते हैं।"

लक्ष्मी आंटी का चेहरा शर्म से लाल हो गया और उसके होंठों से, "हे राम…" निकल गया।

लक्ष्मी आंटी सोने से पहले ही बेसुध हो गई पर हम दोनों सबेरे 3 तक हर तरह अपनी सुहागरात मनाते रहे।

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