Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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Masoom
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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Shandar update brother....
keep writing....
keep posting......
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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विक्की

लक्ष्मी आंटी कि seal तोड़कर जैसे हमने किसी बोतल में से जिन्न निकाला था। सफेद sexy set में अपनी कमर मटकाकर वोह मुझे और सन्नी को ललचा रही थीं। पीछे से देखने से पैंटी में लगे खून के दाग तो मुझे गर्व का एहसास करते थे। लक्ष्मी आंटी ने सन्नी को उबले अंडे छीलने को और मुझे प्याज काटने को कहा था। ये लक्ष्मी आंटी का मुझसे बदला था उसे रुलाने के लिए। खैर, हम सब ने मिलकर काम किया तो खाना आधे घंटे में बन गया।

सन्नी ने वहीं एक चटाई फैलाई और हम सब नीचे बैठ कर खाने लगे। अगर कोई नया जोड़ा खाने बैठे तो क्या नजारा होगा? अब अगर इस जोड़े में दुल्हन एक और दूल्हे दो हो तो? हम लक्ष्मी आंटी को छेड़ रहे थे, छू रहे थे और उसे खिला रहे थे। लक्ष्मी आंटी ने भी मुझे माफ़ कर दिया था और हम दोनों के साथ मजे ले कर foreplay का खेल, खेल रही थी।

जैसे तैसे हमने खाना पूरा किया और लक्ष्मी आंटी के न चाहते हुए भी बर्तन साफ किये। मैं नहीं चाहता था कि बाद में लक्ष्मी आंटी किसी और बारे में सोचे। जैसे ही बर्तन साफ हो गए मैंने लक्ष्मी आंटी को उठाकर अपने कंधे पर डाला। लक्ष्मी आंटी चीखते हुए हसने लगी तो सन्नी ने उसकी उभरी हुई गांड पर एक छोटा थप्पड़ मारा।

सन्नी, “जी भर के हंस लो आंटी क्योंकि ऊपर ले जा कर हम तुझे रात भर रुलाएंगे।”

सन्नी कि बात पर विश्वास नहीं करने की गलती लक्ष्मी आंटी ने की। ऊपर लक्ष्मी आंटी को मैंने bed पर पटखा तो वह झूठ मुठ में भागने लगी। हम दोनों ने उसे अपने नीचे दबाया तो वह गिड़गिड़ाने का नाटक करने लगी।

लक्ष्मी आंटी, “छोड़ दो मुझे विक्की बाबू, सन्नी बाबू। आप दोनों ने मुझे जो सजा दी उस से अब मैं मुंह दिखाने के लायक नहीं बची। तुम दोनों ने ही मुझे ऐसे फाड़ दिया है कि मैं अंदर से छिल गई हूं। भला कोई भी एक कुंवारी दुल्हन के साथ ऐसा करता है क्या? अब मुझे जाने दो वरना मैं तुम दोनों की शिकायत करूँगी।”

इस खेल में हमें भी मजा आ रहा था पर लक्ष्मी आंटी नहीं जानती थी कि वह कहां फस चुकी थी। मैंने सन्नी से कहा कि अगर लक्ष्मी आंटी हमारी शिकायत करे तो वह कैसे बताएगी की किसने उसके साथ क्या किया? सन्नी मेरा इशारा समझ गया और bed से उतरकर कुछ ले आया। जब लक्ष्मी आंटी सन्नी के हाथ में क्या है देखने के लिए मुड़ी तो मैंने उसके हाथ पकड़कर bed के ऊपर लटकाये हुए हथकड़ियों में बंद कर दिये। लक्ष्मी आंटी हाथों की तरफ देख रही थी कि सन्नी ने उसकी आँखों के ऊपर एक पट्टी बांध दी। अब जब लक्ष्मी आंटी की आंखे बंद हो गई थी तो वह अपने शरीर के साथ हो रहे हर बात को ज्यादा महसूस कर सकती थी। लक्ष्मी आंटी नहीं जानती थी कि उनके साथ क्या होने वाला है तो वह डर गई। मैंने उसे पीठ पर लिटा दिया और उसके ऊपर लेट गया। लक्ष्मी आंटी ने मुझे चूमने के लिए जैसे ही अपना मुंह उठाया तो सामने मेरे मोटे लौड़े का सुपाड़ा पाया। लक्ष्मी आंटी ने बिना वक़्त गंवाए मुझे अपने मुंह में लेकर मुझे जोर जोर से चूसने लगी। मेरी आंखों के सामने लक्ष्मी आंटी कि मेरे और सन्नी के रस से भरी जख्मी चूत थी। मैंने सोचा कि अगर सन्नी मेरे रस में अपना लौड़ा डालने से नहीं हिचकिचाता तो मैं क्यों रुकूँ? वैसे भी लक्ष्मी आंटी को चूत साफ करने से हम ने ही रोका है। मैंने अपनी उंगलियों से लक्ष्मी आंटी के जख्मी फूल को छेड़ना शुरू किया, तो लक्ष्मी आंटी ने आँहें भर मुझे उसकी पसंद सीखने लगी। लक्ष्मी आंटी कि चूत के ऊपर से उंगली घूमने से वह अपने कूल्हे उठाकर मेरा साथ देते हुए मेरी उंगली अंदर लेनेकी कोशिश करती, तो चूत के ऊपर के उभरे हुए दाने को छेड़ने पर कसमसाहट से आह भर देती। सन्नी इस दौरान लक्ष्मी आंटी कि हर हरकत को record कर रहा था।


मैंने भी अपनी ताल बना ली और लक्ष्मी आंटी के बदन की सितार बजाने लगा। मेरे बाए हाथ की बीच उंगली से लक्ष्मी आंटी की चूत के मुंह में अंदर बाहर होते हुए मैं उसी ताल में दहिन हाथ की बीच उंगली से लक्ष्मी आंटी कि चूत का दाना घुमा रहा था। लक्ष्मी आंटी तडपकर मुझे चूस रही थी तो मैं भी हिल कर उसका मुंह चोद रहा था।। आखिर में लक्ष्मी आंटी का बदन अकड़ा और उसकी चूत से रस का रिसाव हुआ। लक्ष्मी आंटी ने मुझे इतनी जोर से चूसा के मेरा लंड सीधे उसके गले में दाखिल हुआ। मेरी सबर का बांध टुटा और मेरा रस उसका पेट भरने लगा। लक्ष्मी आंटी के गले में अटका मेरा डंडा उसकी सांस रोक रहा था और इस बात के कारण लक्ष्मी आंटी बस झड़ते जा रही थीं।

जब मेरा रस बह गया तब मैंने अपने लौड़े को बाहर खींच लिया। लक्ष्मी आंटी ने एक गहरी सांस ली और फिर धीरे धीरे उसका झड़ना बंद हुआ। झड़ के पस्त मैंने घूम कर लक्ष्मी आंटी को अपने ऊपर ले लिया। अब लक्ष्मी आंटी कि चूत मेरे गले पर थी तो उसके दोनों जांघों के बीच में मेरा सिर था। लक्ष्मी आंटी ने मेरी जांघों पर सर रख कर एक बडी गलती कर दी।

लक्ष्मी आंटी ने मुझे अपने दांतों से चिमटी काटकर पुकारा, “सन्नी बाबू?”

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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7
सन्नी

मेरा खून खौल उठा जब मैंने लक्ष्मी आंटी को विक्की को मेरे नाम से पुकरते सुना। Camera बगल में रख मै भी बेड पर चढ गया और लक्ष्मी आंटी के पीछे घुटनों के बल खड़ा हो गया। विक्की ने मेरे इरादे को भांप लेते हुए लक्ष्मी आंटी के पैरों को और फैला दिया। मैंने लक्ष्मी आंटी की कमर को कस कर पकड़ लिया और उसे पिछे खींचते हुए कूत्तीया के जैसे हाथों और घुटनों पर खड़ा कर दिया। मैंने लक्ष्मी आंटी को पहले चाट कर झडाया था तो विक्की ने लक्ष्मी आंटी की seal खोली और फाड़ी थी, तो लक्ष्मी आंटी के मन में हम बस वही कर सकते थे।

मेरे लौड़े का सुपारा पीछे से छूटे ही लक्ष्मी आंटी ने हंस कर कहा, “थोड़ा रुक जाओ विक्की बाबू। मै अभी… आ… आह… सन्नी बाबू!!! ईश… उफ्फ… धीरे से बाबू आपका ज्यादा लंबा है। पूरा झटका मत करो, आप दोनों ने कहा था कि मुझे प्यार करेंगे। आह… गुस्सा मत करो, अंह… धीरे सन्नी बाबू।”

विक्की नीचे से थोड़ा सरक गया और लक्ष्मी आंटी के झूलते हुए मम्मे दबाकर बोला, “लक्ष्मी आंटी तेरे पास दो प्रेमी है तो हम तेरे साथ के लिए सब कुछ बांट लेंगे। मगर तू हमारी प्रेमिका है तो तू अपने यारों कि पहचान सीख। हम एक दूसरे की पहचान नहीं बाटेंगे।”

बेचारी लक्ष्मी आंटी क्या करती? चिल्ला चिल्लाकर मेरे झटके खाकर मजे लेती रही। विक्की ने नीचे से बाहर आकर लक्ष्मी आंटी के सामने घुटनों के बल खड़ा हो गया। अपना फिर से खड़ा होता लौड़ा लक्ष्मी आंटी को चूसने दिया। आंखे बंद लक्ष्मी आंटी हाथ बंधे हुए दोहरा मार झेल रही थी। मेरा हर झटका विक्की के सुपाड़े को लक्ष्मी आंटी के गले के नीचे उतार देता और लक्ष्मी आंटी सांस लेने के लिए पीछे आती तो मेरी तलवार को अंदर तक लेकर फिर गांड़ से मुझे धकेलना पड़ता। कुछ ही समय में अपनी अपनी ताल पकड़ कर हम सब इस तिकड़म के मज़े लेने लगे। लक्ष्मी आंटी मजे से एक साथ चूसने और चुधने के मजे लेती आहें भर रही थी।

दस मिनट बाद जब मैंने लक्ष्मी आंटी की बूर को अपने गरम पानी से धोया तब तक लक्ष्मी आंटी की कई बार चीखें निकल गई थी। झडकर थकी हुई लक्ष्मी आंटी को हम दोनों ने राहत देने से मना किया। जैसे ही मैं लक्ष्मी आंटी की कोख में से अपनी तलवार बाहर निकाल कर बाजू हुआ तो लक्ष्मी आंटी भी थोड़ी पिछे हो गई। विक्की ने मौक़ा पकड़ कर मेरे साथ अपनी जगह बदल ली। मैंने लक्ष्मी आंटी की बूर चाटी थी पर उसने अब तक मेरा रस पिया नहीं था तो मैं लक्ष्मी आंटी के मुंह में हम सब के रस और लक्ष्मी आंटी के खून से रंगा मेरा लौड़ा घुसा दिया। लक्ष्मी आंटी गुं……… गूं…की आवाज कर चुध रही थीं। लक्ष्मी आंटी नज़ाने कितनी बार झड़ चुकी थी पर हम दोनों ने अपनी सलामी देने तक रात के १०बज गए थे। लक्ष्मी आंटी किसी sex-doll की तरह बेड पर पड़ी थी तो हम दोनों ने उसे अपने बीच लेकर सोना ठीक समझा।

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josef
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Re: Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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8
विक्की
अगर 2 18साल के लौड़ों को 1 कोरी जवान बूर मिले तो क्या होगा?

रात को सोते समय हम दोनों दो दो बार लक्ष्मी आंटी की चूत के मज़े लेते हुए एक एक बार लक्ष्मी आंटी के मुंह में दिया था। सबेरे 5 बजे flush के आवाज से मेरी नींद खुली। रात को ठीक से सोया नहीं था क्यूंकि जैसे ही हम दोनों में से कोई भी उठ जाता वह सोती लक्ष्मी आंटी की सुनी मुन्निया को अपने कड़े लौड़े का साथ देने में लग जाता। जब तक वह लक्ष्मी आंटी का पेट भर बगल में लेट जाए दूसरा उसके रस में अपना योगदान देना शुरु कर देता। सुबह होते होते तो लक्ष्मी आंटी की हालत ऐसी थी कि हम दोनों को वह अपने पैर फैला कर देते हुए बस नींद में चूध रही थीं।

5 बजे जब दबे पांव लक्ष्मी आंटी toilet में गई तो हम दोनों ने अपनी मर्दानगी का सबूत बेड के बीच देखा। खून और यौन क्रीड़ा के रसों का एक तकिए जितना बड़ा दाग हम दोनों को शाबाशी दे रहा था। सन्नी ने उठकर bag खोली तो मैंने उसका इशारा समझते हुए कैमरा उठाया। लक्ष्मी आंटी ने toilet का दरवाजा खोला और हमें उठा देख वहीं पर रुक गई।

“लक्ष्मी आंटी, हमने बताया था कि हमारे प्यार के निशानी को धोना नहीं। तो चलो इधर आओ और दिखाओ के निशानी बाकी है या नहीं।”

“विक्की बाबू, सुबह जल्दी उठकर अंदर जाने की आदत है मुझे। फिर धोते हुए सब कुछ धूल जाता है ना?”

सन्नी लक्ष्मी आंटी को bed पर ले आया और लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर उसकी गीली पंखुड़ियों को चाटने लगा। लक्ष्मी आंटी ने बस नाम का विरोध करते हुए मजे लेने लगी। लक्ष्मी आंटी को हम दोनों ने अब तक 5-5 बार चोदा था और अभी तो हमें यहां आए १२ घंटे भी नहीं हुए थे। लक्ष्मी आंटी की चूत साफ पाकर सन्नी ने झूठ मुट की डांट लगाई।

सन्नी, “लक्ष्मी आंटी, हमारे रात भर की मेहनत और प्यार को इतनी बेरहमी से धो देने की सजा तुम्हें देनी पड़ेगी। अब मैं यह सजा सुनता हूं कि तुमने हमारा जितना प्यार धोया है वह फिर से भर दिया जाए। इस बार तुम्हें ऐसे भर देंगे कि तुम उसे धो नहीं पाओगी।”

लक्ष्मी आंटी, “सन्नी बाबू, इतना न सताओ। कल रात को तुम दोनों ने मेरी हालत पतली कर दी। जरा सोचिए कि मुझे कितनी बार आपके प्यार को लेना पड़ा है। मैं कच्ची कली कल से 10 बारी आप दोनों से कुटी हुई हूं। 4 बारी आप दोनों ने मुझे अपना पानी पिलाया। अब और नहीं झेल पाऊंगी। थोड़ी देर रुक जाओ, मैं तुम दोनों के लिए बढ़िया चाय नाशता ले आती हूं।”

सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की बात नहीं मानी और लक्ष्मी आंटी को पेट पर लिटाते हुए उसके ऊपर लेट गया। लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर सन्नी का हतियार बीच में घुस कर लक्ष्मी आंटी की चूत चूम रहा था। लक्ष्मी आंटी भी गरमाने लगी और अपने कु्हे उठा कर सन्नी को जगह देने लगी। मैं उन दोनों की रासलीला को कैमरे में कैद कर रहा था। सन्नी ने अब अपनी जगह बना ली थी और उसने अपने हाथ लक्ष्मी आंटी के बगल में से अंदर लेते हुए लक्ष्मी आंटी के कंधों को पकड़ लिया। सन्नी के लन्ड का सुपारा लक्ष्मी आंटी की बूर के रस से भीग अब बिलकुल चिकना चमकदार हो गया था।

लक्ष्मी आंटी, “सन्नी बाबू, अब और मत तड़पाओ। डाल दो अपना छुरा मेरी कोख में। फ़ाड़ दो मुझे अपने हतियार से!”

सन्नी ने अपनी कमर उठाई और अपनी गाड़ी का इंजन full speed में आगे चला दिया।

लक्ष्मी आंटी, “सन्नी बाबू, जल्दी से करो। अब मत तड़पाओ। सन्नी बाबू, रुक जाओ!! गलत जगह आ… आह… उंह… उफ्फ… इय्या… माँ… मरी… बचाओ… हा… हा… हा… नहीं… नहीं… विक्की बाबू!!! बचाओ मुझे!!!”




सन्नी का सुपारा लक्ष्मी आंटी के संभलने से पहले ही लक्ष्मी आंटी की गांड़ को फाड़ अंदर दाखिल हो गया था। लक्ष्मी आंटी अपना बदन हिला कर सन्नी को बाहर निकाल ने कि कोशिश कर रही थी पर लक्ष्मी आंटी की कोशिशें सन्नी का लौड़ा और अंदर घुसा रही थी। लक्ष्मी आंटी की गांड़ ने सन्नी के सुपाड़े को ऐसे जकड़ लिया था कि सन्नी अब चाहकर भी अपना लौड़ा बाहर निकाल नहीं पाता।

लक्ष्मी आंटी अपने पैर पटख रही थी, सर झटक रही थी, मुठियों में चादर पकड़ कर अपने शरीर का पूरा जोर लगा रही थी। लक्ष्मी आंटी के आंखों में आंसू छलक आए और लक्ष्मी आंटी ने अपने सर को झुका कर अपना चेहरा छुपाने की कोशिश की। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी के बाल पकड़ कर खींच उसका रोता हुआ चेहरा camera को दिखाया। लक्ष्मी आंटी ने समझ लिया कि कल शाम जो शिकारी विक्की के रूप में उसकी कुंवारी चूत फाड़ गया वह अब सन्नी के रूप में उसका आखरी छेद फाड़ रहा है। लक्ष्मी आंटी छटपटा कर रो रही थी और सन्नी का लौड़ा लक्ष्मी आंटी की गांड़ पर अपना वजन बनाए हुए था। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी के रुकते प्रतिकार को देख धीरे धीरे आगे पीछे होना शुरू कर दिया। लक्ष्मी आंटी ने रोना चालू रखा पर रोका नहीं। लक्ष्मी आंटी को bed पर लिटाने से पहले सन्नी ने अपने लौड़े पर gel लगाकर रखा था जिस से गांड़ के अंदर चिकनाहट की कमी ना हो। वही gel कारगर उपाय निकला। धीरे धीरे सन्नी के धक्के तेज होने लगे और साथ में ही उन धक्कों की गहराई भी बढ़ी। 5 मिनट तक लक्ष्मी आंटी को बड़े प्यार से पेलने के बाद अब सन्नी का पूरा लौड़ा लक्ष्मी आंटी की गांड़ को फाड़ कर चौड़ा कर रहा था।। लक्ष्मी आंटी ने भी अब गांड़ मराने का तरीका सीख लिया था। लक्ष्मी आंटी ने अब गांड़ उठा कर सन्नी को साथ देना शुरू कर दिया था। मैं इस पूरे खेल को camera में से देख सोच रहा था कि अगर रात में 2 बार सोती लक्ष्मी आंटी की कोख ना भरी होती तो इस गांड़ की नथ उतारने का scene एक और लौड़े को ले कर पूरा होता।

लक्ष्मी आंटी की कोरी कसी हुई गांड़ या कल शाम से 7 बार झडने की वजह से, लेकिन सन्नी 15 मिनिट तक ठुकाई करने के बाद भी झड़ा नहीं था। शायद सन्नी थक रहा था या वोह कोई और pose में लक्ष्मी आंटी की गांड़ बजाना चाहता था। सन्नी ने लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर करवट ली और अपनी बाईं ओर मुड़कर लेट गया। इस दौरान सन्नी ने लक्ष्मी आंटी की गांड़ में से अपना लौड़ा बाहर निकाला नहीं। थोड़ी हिलने कि जगह मिलने से लक्ष्मी आंटी ने सन्नी को रोकने की कोशिश की।



सन्नी उसे छोड़ दे इतना बेवकूफ नहीं था। उसने अपने धक्के लगाने चालू रखे और लक्ष्मी आंटी की अब झूलती चूचियों को पकड़ कर मसलने लगा। लक्ष्मी आंटी भी क्या करती? अपनी दहिने हाथ की उंगलियों से लक्ष्मी आंटी ने अपनी चूत के दाने को रगड़ना शुरू किया। अपनी उंगलियों और सन्नी के लौड़े को जगह देते हुए लक्ष्मी आंटी ने अपना पैर सन्नी के पैरों पर रख दिया।



अगले 10 मिनट सन्नी ठोकता रहा और लक्ष्मी आंटी झडती रही। आखिर कार सन्नी ने कराह कर लक्ष्मी आंटी की गांड़ का उदघाटन समारोह पूरा कर दिया। पक्क… की आवाज के साथ सन्नी ने अपने लौड़े को लक्ष्मी आंटी की गदाराई मांसल गांड़ में से खिंच बाहर निकाला तो लक्ष्मी आंटी ने एक आह भरी। लक्ष्मी आंटी की गांड़ का छेद खुला पड़ा था और उसमें से एक बूंद गढ़ा वीर्य छलक आया था। सन्नी अपनी जगह से उठ गया और मैं लक्ष्मी आंटी की गांड़ मारने का पूरा रेकॉर्डिंग का काम करने के बाद अब अपनी बारी लेने निकला।
josef
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सन्नी

विक्की ने छोड़ा हुआ कैमरा उठाते हुए मैंने आगे बढ़कर रेकॉर्डिंग शुरू कर दी। लक्ष्मी आंटी अपनी आखरी virginity खोने के बाद वैसे ही bed पर पड़ी गहरी सांसे ले रही थी। मेरी मेहनत का नतीजा अब एक गाढ़े cream के जैसे उसके बंद न हो रहे छेद से छलक आया था।

विक्की ने लक्ष्मी आंटी को पिछे से पकड़ कर कुंडली मार दी। लक्ष्मी आंटी के दहिने पैर को अपने घुटनों पर ले, विक्की की उंगलियां लक्ष्मी आंटी की चूत कि पंखुड़ियों को फैलाकर उनके उपर छिपे हुए दाने को छेड़ने लगी। लक्ष्मी आंटी को हम दोनों ने ठंडा होने का मौका दिया ही नहीं था। कुछ ही पलों में लक्ष्मी आंटी आहें भरने लगी। लक्ष्मी आंटी ने अपने आप कमर हिलाना शुरू कर दिया तो विक्की ने मेरा गाढ़ा cream अपने लौड़े पर उठाया। लक्ष्मी आंटी ने विक्की का सुपारा अपनी गांड़ के छेद में घुसता पाया तो उन्हहह… की एक मजेदार आह भरी।

विक्की अब रूकने वाला नहीं था। उसने अपने मूसल को पूरी तरह लक्ष्मी आंटी की गांड़ में पेल दिया। लक्ष्मी आंटी की गांड़ और फट गई और लक्ष्मी आंटी तड़पकर कराहने लगी। विक्की ने अपना लौड़ा सुपाड़े तक लक्ष्मी आंटी की गांड़ में से बाहर खींच लिया और फिर से जम कर ठोक दिया। लक्ष्मी आंटी ने अपने भविष्य को समझते हुए विक्की का साथ देने लगी। विक्की को मेरे cream से काफी मदत मिली। विक्की के तेज वार बिना ज्यादा छिले लक्ष्मी आंटी की गांड़ फैला रहे थे और लक्ष्मी आंटी की गांड़ के चारों ओर सफेद गुलाबी झाग जमा हो गया था। लक्ष्मी आंटी भी अपनी कमर को आगे पीछे कर विक्की का पूरा लौड़ा अपनी गांड़ में ले रही थी। 5 मिनट तक ऐसे ही लक्ष्मी आंटी की गांड़ मारने के बाद जब विक्की ने अपना लौड़ा बाहर खिंच लिया। लक्ष्मी आंटी ने किसी बच्चे से lollypop खिंच लिए जाने पर कि जाने वाले आवाज से विरोध किया।

विक्की ने लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर उठाया कि लक्ष्मी आंटी की गांड़ छत की ओर इशारा करती दिख रही थी। लक्ष्मी आंटी ने अपने हाथों से कुत्तों के जैसे खड़े न होकर उलटा अपनी गांड़ के छेद को चौड़ा करके विक्की को बुलावा दिया। लक्ष्मी आंटी के इस बुलावे को नजर अंदाज करना हम दोनों के लिए मुमकिन नहीं था।

विक्की ने अपना सुपाड़ा लक्ष्मी आंटी की गांड़ में पेल दिया तो आगे बढ़कर लक्ष्मी आंटी ने अपनी गांड़ मरवाना शुरु कर दिया।



विक्की भी उसे पूरा मज़ा लेकर चोदने लगा। लक्ष्मी आंटी की आहों से पूरा घर गूंज उठा। इसी pose में लक्ष्मी आंटी न जाने कितनी बार झड़ गई पर विक्की ने बिना रूके उसकी गीली गांड़ मारने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इन दिनों के कारनामे देख मैं फिर से खड़ा होने लगा। लक्ष्मी आंटी को इस तरह से 10 मिनट तक पेलने के बाद विक्की ने अपना लौड़ा जड़ तक लक्ष्मी आंटी की गांड़ में दबा दिया। लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर उसे अपने शरीर के ऊपर लिटा दिया। अब लक्ष्मी आंटी को खुली छूट थी कि वह उठ कर भागे या फिर अपनी गांड़ में दबे मूसल को प्यार करे।



पर लक्ष्मी आंटी ने चाव से अपनी गांड़ मरवाते हुए आहें भरी। मैं इस पूरे खेल को record करते हुए लक्ष्मी आंटी की कामुकता को कैद कर रहा था। 5 मिनट तक लक्ष्मी आंटी ने अपनी गांड़ मरवाते हुए विक्की को ऐसे निचोड़ा की विक्की ने करहाते हुए लक्ष्मी आंटी की गांड़ में अपना रस छोड़ा। लक्ष्मी आंटी भी अपनी गांड़ में विक्की का पूरा लौड़ा लेकर उस पर पड़ी थी।

कुदरत किसके काबू में होती है? पकक… की आवाज से विक्की का लौड़ा बाहर निकाला और लक्ष्मी आंटी की गांड़ में से वीर्य की पिचकारी छूट नीचे चादर पर गिरी। लक्ष्मी आंटी बगल में लेट गई तो विक्की ने उठकर लक्ष्मी आंटी की गांड़ पर एक छोटा थप्पड़ जड़ा दिया। जैसे विक्की बेड से उतरा तो लक्ष्मी आंटी को कुछ होश आया।

“तो लक्ष्मी आंटी, कैसे लगा तेरे यारों का प्यार? तू तो ऐसे झड़ रही थी कि हमें लगा तेरा झडना रुकेगा ही नहीं।”

लक्ष्मी आंटी “अगर तुम मिठाई खाओ या कोई और तुम्हारे मुंह में मिठाई ठूस दे फिर भी मिठाई मीठी ही होती है। काश मैं तुम दोनों का भी वही हाल कर पाती जो तुम दोनों ने मेरा किया है।”

विक्की “लक्ष्मी आंटी, शुक्र मना की माली चाचा को पहले ही भगा दिया है वरना अभी वह और गांड़ फाड़ रहा होता।”

लक्ष्मी आंटी “हां हां, हंस लो। सारे मर्द एक जैसे होते हैं। एक बेबस लड़की मिली तो शिकारी कुत्तों की तरह टूट पड़ते हैं।”

“ठीक है लक्ष्मी आंटी। इस बार तुम्हें भी एक मौका मिलेगा। कल रात के कपड़े हमारे लिए यादगार निशानियां हैं। आज के कपड़े बाहर निकाल कर रखे हैं। क्यों ना तुम वोह पेहन के नीचे आ जाती? तुम्हें मौका कैसे देना हैं वह सोचेंगे।”

सुबह के 6 बज गए थे तो हम दोनों नीचे चाय बनाने चले गए। लक्ष्मी आंटी ने bed पर रखे कपड़े देखे।

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