Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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अपडेट.....32 ......

दीदी की बात सुन राज के मन में लड्डू फूटने लगते है और राज फॉरन अपना काम धाम छोड़ देता है ....

राज ...चलो दीदी चलते है

डॉली भी बिना कुछ कहे राज के साथ निकल पड़ती है...

डॉली के मन में एक कसक सी थी ज्योति राज के साथ किस हद तक गुजर चुकी थी...

राज दीदी के साथ एक डेलक्स होटल में पहुचता है ...

और रिसेप्षन पर बैठी एक लड़की से रूम के लिए पूछता है ...

राज ... में एक एसी रूम बुक करना है रेसेप्सनिस्ट... जी सर कितने टाइम के लिए रूम चाहिए
राज ... शाम तक के लिए

रेसेप्सनिस्ट राज की तरफ मुस्कुराते हुए देखती है . सर हमारे पास एक स्पेशल कपल रूम है लेकिन थोड़ा कॉसट्ली है चलेगा ...

राज भी मेडम की तरफ मुस्कुराते हुए बोलता है
राज ... चलेगा दिखाइए ..

रेसेप्सनिस्ट दोनो को लेकर 3र्ड फ्लोर पर पहुचती है और राज को रूम दिखाती है ....

रूम बड़ा ही आलीशान था जो सिर्फ़ हनिमून के लिए था

राज और डॉली रूम की डेकोरेशन्स को देखते रह जाते है ....
राज रेसेप्सनिस्ट से .... में वेरी ब्यूटीफूल रूम थॅंक यू सो मच ...
और रेसेप्सनिस्ट राज को देखकर मुस्कुराती हुई ....वेलकम सर न एंजाय यू एवेरी पल

राज रेसेप्सनिस्ट के जाते ही रूम का दरवाज़ा लॉक कर देता है ....

डॉली भी रूम में टहलते हुए राज पर बिजलियाँ गिराती है अपना दुपट्टा गले से उतार कूल्हे मटकाते हुए राज को ऐसे दिखाती है की राज के लंड में फॉरन करेंट सा जाता है और राज आगे बढ़कर पीछे से डॉली को बाँहो में भर लेता है राज का खड़ा लंड सीधी डॉली को अपनी गान्ड में महसूस हो जाता है ...

राज अपने लंड पर दबाव देते हुए
राज .... तो बोलो दीदी कहाँ से शुरू करे..

डॉली भी अपनी गान्ड पीछे करती हुई ..
डॉली... राज तुम कुछ नही करोगे जो भी करना है में करूँगी तुम बस इतना बताओ रात स्टार्ट कहाँ से किया था ...

राज ... ऊहह कम ओंन दीदी आपको तो सब मालूम है फिर क्यूँ पूछ रही हो ..

डॉली... हा राज मुझे सब मालूम है मगर ये मेरा नया अपना स्टाइल है ....

राज ... ऊऊ दीदी क्या बात है लगता है आपके मन में कोई गेम चल रहा है ...

डॉली... हा राज गेम खेलते हुए प्यार करने का मज़ा भी डबल हो जायगा .. ...

राज ...ओह्ह्ह वूओव दीदी आपका ये स्टाइल मुझे दीवाना बना देता है ....

डॉली... तू मेरा दीवाना मेरे लिए में तेरी दीवानी तेरे लिए

राज ... ओके दीदी तो सुनो रात मेंने सबसे पहले आपको अपनी बाँहो में भर लिया था फिर आपके प्यारे रसीले होंटो को अपने होंटो में लेकर इनका अमृत पिया था .....

डॉली ये सुनते ही राज की तरफ बढ़ती है और राज की बाँहो में अपने हाथ डालकर बड़े स्टाइल से अपने होंटो को धीरे धीरे राज के होंटो के पास लाती है ....

दीदी का ये स्टाइल राज को उत्तेजित कर रहा था ...
और डॉली राज के होंटो को बड़े कामुक स्टाइल में अपने होंटो में भींच लेती है ....

राज के लंड में लगातार उत्तेजना बढ़ती जा रही थी ...
और डॉली आगे बढ़ती हुई राज को होंटो को चूसने लगती है ... राज से भी कंट्रोल नही होता और राज भी अपने होंठ चलाते हुए दीदी का साथ देने लगता है ....

राज का लंड खड़े होने से डॉली की चूत पर टच हो रहा था ...

काफ़ी देर दोनो एक दूसरे को चूमते चूस्ते रहते है ....
थोड़ी देर बाद डॉली राज के होंटो को छोड़ती है

डॉली... राज इसके आगे क्या हुआ

राज ... दीदी इसके बाद में आपके आमों को
अपने हाथो में लेकर कपड़ो के ऊपर से ही निचोड़ने लगा था ....
और डॉली राज के दोनो हाथ अपने हाथो में लेकर अपने उभारों पर रख देती है
और राज के हाथो से अपनी चुचि मसलवाने लगती है ...


डॉली की हालत खुद खराब होनी शुरू ही गई थी ...धड़कने बड़ी स्पीड से चलने लगी थी ..मगर फिर भी डॉली राज से कहती है ...फिर क्या हुआ...

राज ... उसके बाद दीदी में आपका टॉप उतार फेंकता हू और दोनो रसीले आमों का जूस अपने होंटो में लेकर उनका जूस जीभरकर पीता हू ...
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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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डॉली राज की बाँहो से अलग होती है और अपने दोनो हाथो की मदद से अपना टॉप उतार फेंकती है ...डॉली ने में नीचे ब्रा नही पहन रखही थी दीदी के दोनो रस से भरे रसीले आम राज के सामने आ जाते है ...

डॉली... राज क्या ये सब तुम कपड़े पहने हुए कर रहे थे ...

दीदी की बात सुन राज ...ओह्ह्ह में तो अपने बारे में भूल ही गया था ...
और राज फटाफट अपने कपड़े उतारकर सिर्फ़ अंडरवेर में आ जाता है ....

राज ... लो दीदी अब में भी अपने असली रूप में आ गया...

डॉली आगे बढ़ खुद ही राज के होंटो से अपनी चुचि लगा देती है ...
डॉली... लो राज पी लो जी भर कर इनका जूस ...

राज भी कहा पीछे हट रहा था एक चुचि का निप्पल मूह में तो दूसरा राज के हाथो में मसल रहा था ...
दीदी तो तड़पने सी लगी थी ....

डॉली.... आआहह ओह ईएसस्स्सस्स आअहह राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज उूुुुउउम्म्म्मममम

राज कभी इस निप्पल को कभी दूसरे निप्पल को चूसे जा रहा था ...



राज के ऐसा करने से अब तो डॉली की चूत भी गीली होने लगी थी और राज निप्पल छोड़ अपने होंटो को नीचे लाना शुरू कर देता है ...
डॉली को भी जवानी का नशा पूरा चढ़ चुका था



राज अपने होंटो को नीचे लाते हुए नाभि तक पहुच चुका था डॉली के पेट पर उत्तेजना में कंपन होने लगी थी ...
राज थोड़ा और नीचे अपने होंठ दीदी की जींस तक ले आया था ....

राज ... दीदी इसके आगे मेंने तुम्हारी सलवार उतार दी थी जिसके बाद मेंने आपके जिस्म पर बची इकलौती पेंटी भी उतार दी थी ....

राज के सामने पूरी तरह निवस्त्र खड़ी थी

इस बार तो राज के मूह से ये सुन डॉली को भी शरम आ जाती है ...मगर फिर हिम्मत कर डॉली अपने कपड़े उतार देती है राज के सामने इकलौती पेंटी में खड़ी थी और अगले पल डॉली अपने जिस्म पर बची एक मात्र पेंटी भी उतार देती है .....

उफफफफ्फ़ डॉली का नंगा जिस्म राज के सामने बिल्कुल कयामत ढा रहा राज रात को दीदी के इस रूप को निहार नही पाया था और अब राज की नज़ारे ठीक दीदी की टाँगों के बीच चूत के छोटे छोटे लिप्स को निहार रही थी ....

डॉली राज की तंद्रा भंग करते हुए ...

राज मुझे नंगा करके फिर क्या किया तुमने ...
राज अपनी नज़रे दीदी की चूत से बिन हटाए डॉली को बताता है
राज ... फिर में आपके कली जेसे चिपके हुए होंटो पर अपनी जीब रखकर उन्हे अलग करने करने लगता हू ...
राज के ये शब्द डॉली को अंदर तक
उत्तेजना से भर देते है और डॉली की चूत फर्श पर एक बूँद टपका देती है ...

डॉली बड़ी हैरान थी सोचती है ज्योति और कितना आगे तक पहुच गई थी ...
ये सोचकर डॉली राज को बॅड पर धक्का देती है ...
और राज के ऊपर चढ़ते हुए बिल्कुल अपनी चूत को राज के मूह से लगा देती है ....

राज ने कभी सपने में भी नही सोचा था दीदी इस्कदर ओपन होकर ये सब कर सकती है .... मगर जब दीदी खुद इतना ओपन हो रही थी भला राज क्यूँ पीछे रहता ...

राज फॉरन अपनी जीब बाहर निकालता है और
दीदी की चूत की बंद फांको में अपनी जीब फेरने लगता है ...

जेसे ही डॉली को अपनी चूत पर गीली गीली जीब महसूस होती है ....

डॉली को बड़ा अच्छा महसूस होता है
और डॉली के मूह से मज़े की सिसकारियाँ निकलने लगती है ...

डॉली...ऊहह राज्ज्जज्ज्ज आअहह ऊहह असेस ईएसस्स्सस्स ससीईई सीईईईईईईईई

राज कई बार चूत चाट चुका था मगर डॉली को ये अहसास पहली बार हो रहा था
कितना मज़ा आ रहा था डॉली को ये तो सिर्फ़ डॉली ही जान सकती थी .....

डॉली.... ऊहह राज मुझे कुछ हो रहा है ...
मगर राज लगातार चूत में अपनी जीब चलाते चाट्ता रहता है .....



डॉली.... ऊहह राअज फास्टथत्तत्त ऊओह ईियंनम्मममममम कोँम्मिननगगगगगगग
ऊहह आअहह
और अगले पल डॉली अपनी चूत से ढेर सारा लिक्विड छोड़ देती है ........

राज का सारा मूह डॉली के लिक्विड से सन जाता है ...
और डॉली निढाल होकर बॅड पर लूड़क जाती है .....

राज का लंड भी इस वक़्त पूरी तरह आकड़ा हुआ था राज से अपने लंड की उत्तेजना बर्दास्त करना मुश्किल हो रही थी ..
दीदी अपनी आँखे बंद किए तृप्त होकर बॅड पर लेटी थी ...
और राज अपना अंडरवेर उतार फेंकता है लंड को अपने हाथो में पकड़ आगे पीछे करता है ...मगर सामने दीदी की नंगी चूत देखकर राज का दिल बहकने लगता है और राज अपना लंड हाथो में लिए बिल्कुल दीदी के पैरों के बीच बैठ जाता है और फिर खड़े लंड को दीदी की गीली चूत पर सेट करते हुए एक धक्का लगा देता है ...
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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ये तो शूकर था इस धक्के में राज का लंड फिसल जाता है वरना डॉली की वर्जिनिटी टूटने में चन्द सेकेंड का फासला रह गया था ...
राज के इस हमले से डॉली भी उठकर बैठ जाती है ....

डॉली...ये क्या कर रहे थे तुम क्या रात भी ये सब किया था तुमने

राज... नही दीदी रात आप तो करना चाहती थी मगर में ही हिम्मत ना कर पाया ...
मगर दीदी अब करना चाहता हू प्लीज़ एक बार करने दो देखना आपको भी कितना मज़ा आयेगा ....

डॉली...तुम बहकने लगे हो राज मेंने कहा था जितना रात किया था बस उतना ही करोगे ...

राज ...दीदी आज मत रूको प्लीज़ बहकने दो मुझे रात तो आप बिल्कुल मना नही कर रही थी अब क्या हो गया आपको ...

डॉली... रात में बहक गई थी मगर अब नही सब कुछ कर सकते हो मगर वो नही ...

राज ... ओह्ह्ह गॉड दीदी फिर तो मेंने रात आपको छोड़कर बहुत बड़ी ग़लती कर दी ....

राज का चेहरा देखकर डॉली के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है ....

डॉली.... अच्छा तो बस इतना ही हुआ था हमारे बीच रात ...

राज ...हा दीदी तुम्हे अपना वादा याद है
मेरा कुछ नही चूत में ना सही कम से कम जेसे रात लॉलीपोप की तरह मूह में लिया था इतना तो कर दो .....

डॉली.... ओह्ह्ह राज में तो सच में भूल गई ....
और डॉली उठकर राज के लंड को अपने हाथ में पकड़ते हुए अपने होंठ खोल देती है ...

राज की भी सिसकी निकल जाती है ....सस्सीईई अहह आआआहह ऊहह





डॉली लंड के टोपे टोपे पर होंठ चले जा रही थी

राज तड़प रहा था
राज ...द्ददडियड्ड्डिईईईईई अंदर तक लो ना

डॉली जेसे ही अपना मूह खोलती है





राज अपने लंड को दीदी के मूह में अंदर बाहर करने लगता है

काफ़ी देर बाद भी जब राज फारिग नही होता डॉली हान्फते हुए राज का लंड मूह से निकाल देती है ...

डॉली...ओह्ह्ह राज मेरा तो मूह दुखने लगा है ....

राज ... क्या करूँ दीदी आज इसे भी आपकी चूत में जाना है ....

डॉली... नही राज वो तो इसे मिलने वाली नही है और कोई ऑप्षन हो तो बताओ ...

राज ... अपनी चूत के ऊपर ऊपर करवा लो

डॉली...नही राज कही इस तरह में ही बहक गई तो ...

राज ...ठीक है दीदी फिर आप हाथ से ही कर दो ...राज बड़ी उदासी से डॉली से कहता है ..

डॉली राज की हालत पर पिघल जाती है ....
डॉली...ठीक है राज आ जाओ मेरे ऊपर
और कर्लो अपने मन की ...

राज ... नही दीदी में आपसे बेपनाह प्यार करता हू जबतक आप दिल से तैयार नही होगी में ये नही करूँगा .....

डॉली... ओह्ह्ह्ह राज आई लव यू

राज... आई लव यू तो दीदी

डॉली राज के लंड को अपने हाथो से पकड़कर आगे पीछे करने लगती है ...
और थोड़ी ही देर में राज भी चरम पर पहुचने लगता है ...

राज.... ऊहह आअहहाअ एसस्स्सस्स कूमी ऊन्न्‍नणणन् दीदी फास्ट आअहहाा
सस्सीईई ऊऊऊऊऊम्म्म्ममिईीईईईईईई
और राज का लंड डॉली के हाथो में झटके मारता हुआ अपना लिक्विड निकाल देता है ...

राज अपनी दीदी के ऊपर लुड़कता चला जाता है
और काफ़ी देर दोनो भाई बहन एक दूसरे के ऊपर तृप्त होकर यू ही लेटे रहते है ...

करीब 2 घंटे बाद दोनो होटल से निकल घर पहुचते है ...

डॉली को पता चल चुका था ज्योति राज के साथ किस हद तक गुजर चुकी थी ....

मगर डॉली ज्योति से इस मीटर पर कुछ बात नही कर सकती थी क्यूँकी ज्योति को भी दीदी और राज के चक्कर का मालूम था ....

रात दोनो बहने बिना कुछ बात किए सो जाती है ....

दूसरी तरफ राज के मोबाइल पर नेहा के मेसेज आ रहे थे ...

नेहा ... राज तुमसे मिलने को बहुत दिल कर रहा है ...

मगर राज का दिल तो अब दीदी के प्यार में पागल हो चुका था दीदी के सिवा राज को अब कुछ अच्छा नही लग रहा था ......
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अपडेट....33.....

नेहा से राज की दूरी बर्दास्त नही हो रही थी...नेहा के मेसेज का राज कोई रिप्लाइ नही दे रहा था ...इससे नेहा और भी तड़प जाती है... और फिर नेहा राज को कॉल करती है ....

राज ... हेलो नेहा केसी हो

नेहा ... मत पूछो राज पता नही केसी आग लगा दी तुमने. तुम्हारे बिना बिल्कुल दिल नही लग रहा ....

राज .... तो आ जाओ मेरे पास तुम्हारी सारी
आग बुझा दूँगा

नेहा ... मेरा दिल तो चाह रहा है अभी सबको छोड़कर हमेशा हमेशा के लिए तुम्हारे पास आ जाऊ. मम्मी पापा से हमारी शादी की कब बात करोगे राज ...

राज ... ऊवू हो नेहा तुम्हे शादी की इतनी जल्दी क्यूँ है पहले दीदी की शादी तो हो जाने दो उसके बाद देखते है ...

नेहा ... तुम क्या जानो मुझपर क्या गुजर रही है एक पल जेसे बरसो समान लगता है
नेहा अपने दिल का हाल राज को सुनाती है
..........
राज के प्यार में पागल नेहा रात भर अपनी शादी के सपने देख रही थी ...

सुबह ज्योति से पहले डॉली की आँखे खुलती है..

ज्योति गहरी नींद में सोई थी डॉली ज्योति के चेहरे को देखते हुए सोचती है ..
कितनी मासूम है हमारी ज्योति अभी इसकी उमर ही क्या है इस उमर में ये किस रास्ते चल चुकी है
...उफफफ्फ़ कैसे समझाऊं इसको ये रास्ता सही नही है ग़लत है ...

बड़ी बहन होने के नाते डॉली का फर्ज़ भी बनता है अपनी छोटी बहन को ग़लत रास्ते पर चलने से रोके ...

डॉली हिम्मत कर ज्योति को समझाने का फेसला करती है और ज्योति का उठने का इंतज़ार करती है ... थोड़ी देर बाद जेसे ही ज्योति नींद से जागते हुए अपनी आँखे खोलती है सामने अपनी दीदी को मुस्कुराते हुए देखती है ...

ज्योति ...हेलो दीदी गुड मॉर्निंग

डॉली...गुड मॉर्निंग ज्योति

डॉली बिल्कुल ज्योति के बराबर में बैठते हुए

डॉली... और बता ज्योति केसा चल रहा है सब कुछ... जब से मेरी जॉब लगी है तुझसे बाते करने का टाइम ही नही मिलता ...

ज्योति ...दीदी मेरा तो सब कुछ फॅंटॅस्टिक चल रहा है ...

डॉली... ज्योति मुझे तुझसे कुछ कहना है ...


ज्योति ... कहो दीदी क्या बात है

डॉली... मुझे तेरी बड़ी फिकर हो रही है और बड़ी बहन होने के नाते मेरा फ़र्ज़ बनता है तुझे ग़लत रास्ते पर चलने से रोकू...

ज्योति समझ तो गई थी दीदी राज के मॅटर पर बात कर रही है ...

ज्योति ...क्या बात है दीदी आपको ऐसा क्यूँ लग रहा है में ग़लत रास्ते चल रही हू ..
बल्कि में तो आप ही के रास्ते चल रही हू ...

डॉली भी ज्योति का इशारा समझ जाती है ...

डॉली... ओह्ह्ह गुड तुझे कैसे समझाऊं
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