वो लाल बॅग वाली

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Dolly sharma
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Re: वो लाल बॅग वाली

Post by Dolly sharma »

बेटा तुम्हारी माँ जब तुमसे भी आधी उम्र की थी तब तक उसने पूरी दुनिया घूम ली थी, तुम मुझे समझते क्या हो, कि में तुम्हे ऐसे ही मर जाने दूंगी ? नहीं माय सन, तुम फ़ौरन ड्रिंक करना बंद करो, मैंने मेनेजर के पास तुम्हारी आज शाम की फ्लाइट के टिगिट रखवाए है, तुम रागिनी के जिन्दा होने के बारे में बिना किसी को कुछ भी बताये तुरंत इंग्लेंड आ जाओ, बाकि बाते बाद में करते है |
मयूर का मन मयूर नाच उठा, उसने फ़ौरन शेव किया, गर्म पानी से कई दिनों के बाद नहाया, अब उसकी शराब की सुस्ती थोड़ी कम हो गई थी, रागिनी जिन्दा है, और इंग्लैंड में है, उसको जैसे तीनो जहाँ की खुशिया मिल गई |
तभी दरवाजे पे थपथपाहट हुई, उसने अपने कमरे का गेट खोला, सामने वेटर खड़ा था, शराब की बोटेल ले कर, उसके चेहरे पे मुस्कुराहट उभर आई – ये ले जाओ और एक गिलास निम्बू का पानी ले कर आओ, बहुत हेंग ओवर हो रहा है |
वेटर ने उसे आश्चर्य से देखा और कहा – यस सर – और पलट कर बाहर आ गया, उसने शिफ्ट इंचार्ज से कहा – छोटे मालिक में कुछ चेंज आ गया है, आज निम्बू पानी मांग रहे है |
तो दो जल्दी ले जाकर – क्या पता कब फिर उनका मन दारू का हो जाये |
लगभग दो घंटे में वो अपने हैंगओवर से छुटकारा पा चूका था, उसने अपना पासपोर्ट, पेपर्स, और सारे सामान जमाये और मेनेजर के पास पहुचा, उसने मयूर में चेंज देखा और मुस्कुराया –गुड मोरिंग बाबा – और उसने एक लिफाफा मयूर के हाथ में थमा दिया |
उसने खोल कर देखा, उसमे इंग्लेंड की फ्लाइट के टिगिट थे, ये टिगिट नहीं उसके और रागिनी के पुन मिलन के लायसेंस थे, जो उसकी माँ ने उसको दिए थे |
वो बाहर निकला और नियत समय पर डेल्ही एअरपोर्ट पहुचा, भगवान करे अब सब ठीक हो उनसे मन ही मन कहा, उसकी और रागिनी की प्रेम कहानी कई खतरनाक मोड़ देख चुकी थी, वो अब और नही बर्दाश्त कर सकता |
फिर उसके दिमाग में सवाल घुमने लगे – मोम और रागिनी साथ कैसे, रागिनी तो मर चुकी थी, फिर जिन्दा कैसे, और वो उसे वहा क्यों बुला रहे थे ?
फ्लाइट ने इंग्लेंड एअरपोर्ट पर लैंड किया और वो बाहर आया, उसके साथ एक उसी की उम्र की लडकी भी जो बगल वाली सीट पर बैठी थी, साथ में चल रही थी, वो पूरी रात उसके पास ही बैठी थी पर उसने नजर उठा कर भी नहीं देखा था, अब जब वो साथ ही चल रही थी तो उसने गौर से देखा वो रागिनी जैसी ही दिख रही थी, पर वो रागिनी नहीं थी |
गेट पर लगभग 45 साल का लम्बी छोड़ी कद काठी, रुवाबदार चेहरे वाला व्यक्ति तख्ती लिए खड़ा था – मयूर फ्रेडरिक
मयूर ने तुरंत उसको पहचान लिया वो उसकी मोम के रिश्ते के भाई यानि कजिन थे, उसने कई बार उनसे फ़ोन पर और सोशल मीडिया पर बात की थी, कई बार जब वो इंग्लेड अपनी नानी का पास आया था तो उनसे मिला था |
वो उनके पास गया और बोला – अंकल हाउ आर यू |
उसके मामा के चेहरे पर ख़ुशी की लहर दौड़ गई, उन्होंने अपने हाथ में पकड़ी तख्ती छोड़ी और मयूर को गले लगा लिया, दोनों कुछ देर तक एक दुसरे के गले लगते रहे – अब तुम यही रहने आ गये हो तो मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है – उसके मामा सेमुअल फ्रेडरिक ने कहा – तुम्हारी मदर और तुम्हारे अलावा मेरा इस दुनिया में अब और कौन है |
हमेशा के लिए यही ? मयूर ने मन ही मन सोचा, मोम क्या खिचड़ी पका रही है, मुझे बिलकुल भी समझ नही आ रहा है |
अब सब ठीक हो जायेगा मयूर, तुम बिलकुल चिंता मत करो मैंने और तुम्हारी माँ ने सब सेट कर दिया है |
क्या सेट कर दिया है ? कैसे सेट कर दिया है ?

– मयूर ने अपने आप से पूछा

इंग्लेंड की चमकदार सडको को पार करते हुए वो अपनी माँ के गाँव ग्रिम्गाँव पहुचे, उसकी माँ इसी गाँव में पैदा हुई थी, इंग्लेंड के उस गाँव में उनकी लम्बी चौड़ी खेती थी, और उसकी नानी के पिता एक जमींदार थे |
एक बार जब वो अपनी नैनी के घर आया था तो उन्होंने उसे बताया – जहाँ तक तुम्हारी नजर जाये हमारी जमीन है, जो तुमको ही सम्भालनी है |

मयूर उस समय बहुत छोटा था, और आज भी इतना बड़ा नही हुआ था, गाड़ी फार्म हाउस के बाहर पहुचकर नैनी के घर के बाहर रुकी और वो उतरा, उसने देखा, नैनी, माँ और रागिनी, उसके जीवन में तीन ओरते उसके स्वागत में उस पुराने हवेलीनुमा लेकिन मजबूत मकान के बाहर खड़ी मुस्कुरा रही थी |

वो एक बच्चे की तरह उन तीनों से बारी बारी गले लगा, उसके चेहरे की ख़ुशी साफ झलक रही थी |

तुम तो डूब कर ऊपर चली गई थी, यहाँ कैसे आ गई ? – उसने रागिनी का हाथ अपने हाथ में पकड़े पकड़े पूछा |

पहले डिनर कर लो फिर तुम्हारे सब सवालों के जवाब तुम्हे मिल जायेंगे – उसकी मोम ने हस्ते हुए कहा |
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Dolly sharma
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Re: वो लाल बॅग वाली

Post by Dolly sharma »

ठण्ड का मौसम था और इंग्लैंड के उस शांत और प्राकृतिक रूप से संपन्न छोटे से गाँव ग्रिम्गाँव के उस सबसे बड़े हवेलीनुमा मकान में वो सभी एक अलाव के पास बैठे थे |

अच्छा हुआ तुम सभी यहाँ आ गये, अब मुझे अकेले नही मरना पड़ेगा – उसकी नानी जिसके बोलने से अब उनके चेहरे की झुरिया भी हिलने लगी थी, ने धीमी मगर खुशनुमा आवाज में कहा |

तो क्या अब हम सब यही रहेंगे ? – मयूर ने कुछ देर से पसरे सन्नाटे को तोड़ते हुए पूछा

हां – हमने सब बंदोबस्त कर दिया है |

लेकिन रागिनी तो मर चुकी थी मैंने उसका फोटो अख़बार में देखा है |

उसकी माँ मुस्कुराते हुए बोली – वो सब मेरा ही रचा नाटक था, जब मैंने देखा की तुम वाकई में रागिनी के बिना नही रह सकते, और उसके बिना मर जाओगे तो, मैंने इससे संपर्क किया, जब तुम इसके टापू पर रहने गये थे तब मैंने तुम्हारे पीछे अपने आदमी लगा दिए थे, उन्ही से मुझे इसके बारे में सब पता चल चूका था, की ये कहा रहती है, इसके पिता क्या करते है और उनका बिज़नस क्या है |

सारी बाते समझने के बाद मेरे दो लक्ष्य थे, एक तुमको और रागिनी को मिलवाना और दूसरा रागिनी के दुश्मनों का सफाया करना ताकि तुम दोनों चैन से अपना जीवन बसर कर सको | मैंने जबपता किया तो मुझे यकीन हो गया की इसका पुराना जीवन इसका पिछा छोड़ने वाला नही है, बहुत विचार के बाद में इस नतीजे पर पहुची की अगर रागिनी को आतंक और अपराध की उस दुनिया से छुटकारा दिला कर अपनी दुनिया में लाना है तो मुझे कुछ ऐसा करना पड़ेगा जिससे सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे, इसलिए मैंने और तुम्हारे मामा ने मिलकर एक प्लान बनाया |

जब प्लान बन गया तो हमने रागिनी से संपर्क किया और हमारा प्लान सुनने के बाद वो फ़ौरन हमारा साथ देने को राजी हो गई |

प्लान के अनुसार रागिनी ने अपने पिता से इंग्लेंड घुमने की अनुमति मांगी – कहते कहते समन्था रुक गई और रागिनी ने बोलना चालू किया |

इंग्लेंड ही क्यों ? – जब मेरे पिता ने पूछा तो मैंने कहा की मैंने एक किताब में वहाँ की सुन्दरता के बारे में पढ़ रखा है, इसलिए में इंग्लैंड घुमने जाना चाहती हु, मयूर के जाने के बाद मैं भी उदास रहने लगी थी, इसलिए मेरे पिता ने तुरंत सहमती दे दी और में अपनी कुछ सहेलियों को लेकर इंग्लेंड घुमने आ गई, पर यहाँ डेड ने मेरे साथ कुछ बॉडीगार्ड भी भेजे थे |

वो रुकी और समन्था ने अपनी विजय गाथा गानी शुरू की – प्लान के अनुसार रागिनी इंग्लेंड आ गई और इसने अपनी सहेलियों को जेम्स नदी में बोटिंग के लिए मना लिया, वहा इसने अकेले तैरने का निश्चय किया और उस तेज बहाव वालीं नदी में थोड़ी देर तेरने लगी, तभी तुम्हारे अंकल ने नदी के डेम का एक गेट खोल दिया और पानी की धारा तेज हो गई, रागिनी धारा के साथ बह गई, और नदी के मोड़ पर खड़ी हमारी बोट मैं लगे जाल में आकर रुक गई और तुम्हारी नानी और मैंने उसे अपनी बोट में चढ़ा लिया और किनारे से सीधे यहाँ आ गये |

उधर रागिनी को बहता देखकर उसकी सहेलियों और साथ आये बोट वाले और बॉडीगार्ड ने शोर मचाया, फिर उसे नदी में ढूंडने की कोशिश की पर वो कही नहीं मिली, पुलिस को बुलाया गया, पर वो भी उसे नही ढूंड पाई, ये मान लिया गया की वो नदी में बहते हुए दूर निकल गई होगी और जंगली जानवरों ने उसको अपना भोजन बना लिया होगा |

रागिनी ने एक जोर की झुरझुरी ली – और सब हंसने लगे

मतलब रागिनी दुनिया और अपने दुश्मनों की नजर में मर चुकी है, अब आगे क्या ?

अब आगे तुम और रागिनी दोनों हमेशा के लिए यही बस जाओगे, चुकी तुम मेरे बेटे हो और में इंग्लेंड की नागरिक हूँ, तुम्हारा जन्म भी यही हुआ है इसलिए तुम्हारे पास दोहरी नागरिकता है, और अब जब तुम रागिनी से शादी करोगो तो वो भी यही की नागरिक बन जाएगी और तुम दोनों यहाँ मेरी और नानी की सारी जमीन जायदाद संभालोगे |

पर रागिनी तो कानून की नजर में मर चुकी है ?

कानून की नजर में मोना मरी है, मालिक की बेटी, रागिनी नही, जो नकली पेपर इसने जुर्म की दुनिया से भागने के लिए बनवाए थे वो अब हमारे काम मैं आयेंगे |

तुम्हे याद है एक लडकी तुम्हारे साथ में तुम्हारी बगल वाली सीट पर बैठ कर यहाँ तक आई है, वो लडकी तुम्हारी पत्नी है |

क्या मयूर ने सकपका कर कहा – पर मैंने तो उसे ठीक से देखा तक नही, और में उससे शादी कैसे कर सकता हु ? मैं तो रागिनी से शादी करूंगा |सब खिलखिला कर हंस पड़े |

मतलब वो लडकी रागिनी के नकली पासपोर्ट पर यहाँ तक आई है, कानून की नजर में तुम दोनों यहाँ तक साथ आये हो, और कल हमको इमिग्रेंट ऑफिस जाकर मोना को रागिनी, के नाम से तुम्हारी बीवी के रूप में इंग्लेंड की नागरिकता दिलवानी है, इसके बाद तुम हमेशा के लिए यही रह जाओगे |

इंग्लेंड में उसके अंकल और नानी के परिचय की बदौलत रागिनी को बहुत जल्दी नागरिकता मिल गई |

अब वो दोनों एक थे, यहाँ उन्हें पहचानने वाला कोई नहीं था, उसकी मोम ने कहा, मैं कुछ दिन इंडिया में रह कर सारा कारोबार समेट कर यहाँ आ जाउंगी, उसके बाद हम सब साथ में ही रहेंगे |

रागिनी शाम के समय अपने इंग्लेड के हवेलीनुमा घर में पलंग पर लेटी फोटो का एल्बम पलट रही थी, आज उसको और मयूर को इंग्लैंड आये 10 साल से अधिक गुजर चुके थे, उसने एक एक कर एल्बम के पन्ने पलटे – एक फोटो में वो और मयूर दूल्हा - दुल्हन की ड्रेस में चर्च में थे – में आपको अब दूल्हा दुल्हन घोषित करता हु – फादर ने इंग्लिश में कहा, और मयूर ने उसे बांहों में भर कर किस किया, उसे शर्म आई पर ये तो इंग्लैंड का ट्रेडिशन है, मयूर ने बाद में कहा |

उसने कुछ पेज और पलटे – ये हॉस्पिटल में उनके दो जुडवा बच्चो के जन्मे के समय थे, मयूर उनके दोनों नवजात बच्चो के साथ ख़ुशी से दोहरा होकर फोटो पे फोटो खीचा रहा था |

फिर उसे मसूरी की याद आई और उसने सोचा – जीवन के कई यादगार लम्हों के फोटो नही होते है पर वो होते बहुत महत्वपूर्ण है – जैसे उसकी और मयूर की पहली मुलाकात |

और वो फिर मीठी यादो में खो गई |

समाप्त
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Ankit Kumar
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Re: वो लाल बॅग वाली

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(^^^-1$i7)
chusu
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Re: वो लाल बॅग वाली

Post by chusu »

sahi.....................
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