वो लाल बॅग वाली

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Dolly sharma
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Re: वो लाल बॅग वाली

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एअरपोर्ट से बाहर निकलकर उसने एक टैक्सी की और इशारा किया, और टैक्सी के उसके पास रुकते ही उसने उन दो गुंडों का फोटो निकल कर बताया – क्या तुम इसे जानते हो ?
ड्राईवर ने गौर से फोटो देखे और मयूर का चेहरा देखा फिर इंकार से अपना सर हिला दिया |
मयूर को थोड़ी मायूसी हुई – मतलब ये यहाँ के चर्चित गुंडे नही है, कोई बात नही फिर भी मैं हार नही मानुगा – उसने सोचा
होटल पहुचते ही मयूर ने अपना सामान रखा और सोचा – जैसे रागिनी वह मूवीज देखने नही आई थी वैसे ही मैं भी यहाँ घुमने नही आया हूँ जल्दी से जल्दी उसे ढूंडना ही मेरा लक्ष्य है और वो होटल से निकल कर सड़क पर आ गया |
साफ सुथरी सड़के, किनारों पर पड़ी बालुरेत और समुद्र से आती उमसभरी हवा के बीच वो सोच रहा था की कैसे वो उन दोनों को ढूंढे |
वो एक पान की दुकान पर गया और उसने दोनों फोटो पानवाले के आगे किये – क्या आप इनको जानते है ?
पानवाले ने गौर से फोटो देखा, उसके चेहरे पर भय के भाव साफ दिखाई दे रहे थे, उसने उन दोनों को पहचान लिया था, उसने मयूर की तरफ देखा और अपना सर इंकार में हिला दिया |
ये सिलसिला दिन भर चलता रहा, रात को लगभग 8 बजे तक मयूर उन दोनों का फोटो लिए घूम रहा था, इस दुकान से उस दुकान इस रिक्शा वाले से उस रिक्शा वाले तक, पर उसे कोई जानकारी नही दे रहा था, कई बार उसे लगा की जिसे उसने फोटो बताया है उसने उनकी पहचान कर ली है, और वो कुछ बताने ही वाले है पर उनके चेहरे पर छाया भय का भाव और सन्नाटा साफ बता रहा था की वो कोई मुसीबत मोल नही लेना चाहते थे |
रात के दस बजे मयूर एक गोवा स्टाइल में बांस से बने बार के सामने रुका, जो पूरी तरह से ओपन था, बांस की छत और आस पास बांस की बनी टेबल की हाइट की बौऊन्डरी से उस बार का आर्किटेक्ट शानदार लग रहा था, हलकी रोशनी और म्यूजिक से समा सुहाना लग रहा था वैसे वो शराब नही पिता था पर आज वो दिनभर घूमते घूमते बहुत थक गया था, और वैसे भी टोस्ट के नाम पर कभी कभी एक आध पेग उसकी अंग्रेज माँ समन्था के कल्चर में था
बार पूरी तरह से लोकल लोगो से भरा पड़ा था, वो एक खाली टेबल की और बढ़ा जहा पहले से एक बीमार सा दिखने वाला बुढा आदमी बैठा था |
वेटर को उसमे कोई दिलचस्पी नही थी, मयूर ने कहा – एमबी वाइन ?
उसने इंकार से सर हिलाया – फिर मयूर ने कुछ और महंगी वाइन के नाम बोले, फिर वेटर ने इंकार से सर हिलाया और बोला – यहाँ ये महंगी वाइन नही मिलती है, अगर आप डिएगो में आये हो तो यहाँ की मशहूर शराब चैनी पी कर देखो, हमारे यहाँ वही ताजी और असली अंजीर से बनी हुए चैनी मिलती है |
मयूर राजी हो गया तभी उसके सामने बैठे आदमी ने वेटर की तरफ इशारा किया और बोला मेरा एक और डबल ले कर आ |
उस पर हल्का हल्का नशा चढ़ रहा था, मयूर अनजान लोगो के साथ शराब नही पिता था, पर अभी उसकी मज़बूरी थी, बार में और कोई टेबल खाली नहीं थी |
थोड़ी देर में वेटर उन दोनों के आर्डर ले कर आ गया, मयूर ने फोटो निकाले और वेटर के आगे कर दिए – इनको जानते हो ?
वेटर ने फोटो देखा और बिना कुछ बोले आगे बढ़ गया, उसे ऐसे सवालों में कोई रूचि नही थी |
मयूर ने वेटर के लाये चैनी के गिलास में से एक तगड़ा घुट लिया और एक अजीब सी मस्ती उसके दिमाग पे छाने लगी, उसके मुह से निकला – बहुत तेज है ये |
सामने बैठे आदमी ने कहा – यहाँ का असली मॉल है ये, एक पेग में तो तुमको जन्नत का मजा मिल जायेगा, कहा से आये हो ?
मयूर उससे दोस्ती नही करना चाहता पर जवाब तो देना ही था – हिमाचल से चाचा |
किसको ढूंढ रहे हो ? – वो आदमी मयूर में दिलचस्पी ले रहा था |
मयूर ने दोनों गुंडों के फोटो निकले और उस आदमी के आगे कर दिए – उसने फोटो देखे और उसको सांप सूंघ गया – क्यों ढूंढ रहे हो तुम इनको ?
ऐसे ही कुछ काम था, कुछ हिसाब चुकता करना था, आप इनको जानते हो – मयूर ने अधीरता से पूछा
देखो बेटे – तुम जितना जल्दी हो सके यहाँ से निकल जाओ – अगर तुम इनसे कोई हिसाब चुकता करने आये हो तो तुमको बता देता हु, तुम्हारी लाश समुद्री मछलियों का भोजन बन जाएगी |
मयूर कुछ नही बोला, बुढ्ढा हैवी ड्रिंकर था, उसने एक साँस में ही पूरा गिलास खाली कर दिया था, मयूर ने वेटर को इशारा किया – और कहा हम दोनों के लिए एक एक टोस्ट और लाओ |
बुढ्ढा अपनी जगह से उठा और बोला – नही मुझे नही पीनी, में जा रहा हु, और तेजी से बाहर निकल गया |
मयूर ने तेज साँस ली – अजब डर था इन दोनों का, कोई कुछ बताने को ही तेयार नही था, ऐसे डर रहे थे जैसे फोटो नही कोई कोबरा सांप दिखा दिया हो, पर एक बात तो अब तय थी की वो बुढ्ढा इनको पहचानता था, मतलब वो दोनों यही कही थे |
उसने वेटर को फिर बुलाया अपना बिल दिया और फिर से फोटो दिखाते हुए कहा – तुम इनको जानते हो तो बता दो मुंह मांगी कीमत दूंगा |
जान है तो जहाँ है – मालिक ने बोला है आज के बाद आप इस बार में मत आना – उसने बिल के पैसे उठाते हुए कहा |
थोडा भय थोड़ी ख़ुशी से उसका सीना भरा गया, भय इस बात का की सब इन दोनों से डरते थे, ख़ुशी इस बात की कि वो दोनों यही के रहने वाले थे हर कोई उन्हें पहचानता था, बस बताने से डर रहा था, उसकी रागिनी नाम की पहेली अब बहुत जल्द सुलझने वाली थी |
उसने टैक्सी की और होटल में जा कर सो गया |
अगले दिन वो दोपहर तक सोता रहा, शाम 6 बजे वो तैयार हुआ और कल वाले बार के सामने एक चने की रेहड़ी वाले के पास जा कर खड़ा हो गया, उसे इंतजार था उस बेवडे चाचा का जो कल उसे यहाँ से चले जाने की सलाह दे रहा था |
उसकी कमजोरी मयूर जानता था, और उसकी कमजोरी थी शराब, चाचा अपने नियत समय पर आता हुआ दिखाई दिया, वो एक गली में से निकल कर धीरे धीरे बार की तरफ बढ़ रहा था, वो ठेले वाले के पास से निकला और सीधा चाचा के सामने जा कर खड़ा हो गया – कहा जा रहे हो चाचा ?
बुढ्ढे ने उसको देखा और उसकी अनुभवी आखो ने फ़ौरन ताड लिया वो उसके सामने क्यों खड़ा था बोला – तुम नही मानोगे मतलब |
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Dolly sharma
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मयूर ने कहा – चलो आज कही दूसरी जगह चलते है, में अकेले नही पिता, मुझे एक साथ की जरूरत है |
बुढ्ढा उसके पीछे हो लिया – दोनों टैक्सी से शहर की एक महंगी बार में पहुचे, बुढ्ढा पहले इतनी महंगी होटल में कभी नही आया था, दरबान ने दरवाजा खोला और दोनों एक चमचमाते हाल में एक आलिशान बार में लगी कुर्सियों पर बैठ गये, बार के काउंटर पे सैकड़ो तरह की अलग अलग डिजाईन की बोतेल्स लगी थी, जिनमे रंग बिरंगी शराब भरी पड़ी थी, बुढ्ढा बार बार उन बोतलों को ललचाई नजर से देख रहा था, मयूर ने कहा – बोलो चाचा कौन सी लोगे ?
बुढ्ढे ने कहा – अब बेटा तुम बोल ही रहे हो तो आज तुम्हारी वाली इंग्लिश ही पी लूँगा |
मयूर ने वेटर को आर्डर किया, और बार के ऊपर लगे टीवी देखने लगा |
एक के बाद एक पेग बुढ्डे पर हावी होते जा रहे थे, चार पेग के बाद उस पर शराब पूरी तरह हावी हो चुकी थी और वो तरंग में बोला – वो जो फोटो तुमने दिखाया था कल उसको देखने के बाद मैंने तुमसे कभी बात नही करने की कसम खाई थी, पर क्या करू में इतना डरपोक भी नही हूँ – शराब अपना कमाल दिखा रही थी और उसका डर अब कम पड़ने लगा था |
मयूर ने वेटर को एक और पेग का इशारा किया |
नही नहीं बेटा, अब बस और नही | - कहते कहते उसने वेटर के हाथ से शराब का गिलास झपट लिया |
मयूर ने देखा बुजुर्ग फुल टुन्न हो चूका है, इसी समय का वो इंतजार कर रहा था – उसने कहा – वो दोनों से आप इतना डरते क्यों हो, मेरे शहर में तो मैंने उनकी नाक तोड़ दी थी |
बुढ्ढे ने नशे में लडखडाते हुए अपने दोनों हाथ हवा में उठाए – में किसी से नही डरता, एक समय था जब ये सब मेरे नाम से कापते थे, और अभी भी वो मेरे ही पठ्ठे है, उनको चाकू पकड़ना मैंने सिखाया है, पर अब शरीर साथ नही देता है |
एक पेग और चलेगा – कहते हुए मयूर ने वेटर की और इशारा किया |
बुढ्ढे को अपनी किस्मत पर भरोसा नही हो रहा था, अब वो पूरी तरह से खुल चूका था, शराब के तेज नशे ने उसका सारा डर ख़त्म कर दिया था |
तो आपने उनको चाकू पकड़ना सिखाया – मयूर के सामने अब भी वेटर द्वारा लाया पहला गिलास पड़ा था, उसकी सांसे तेज हो रही थी, ये बुढ्ढा अब किसी भी वक्त उसे उन दोनों की जानकारी दे सकता था |
और नही तो क्या – चड्डी पहन के आये थे मेरे सामने और आज बोनी के खास बने बैठे है, दोनों, ये शराब की लत के कारण अब मेरा शरीर चलता नही तो मुझे कोई पूछता भी नहीं पर तुम जैसे लोगो की बदोलत मेरी जिन्दगी आराम से कट रही है – बूढ़े ने एक सास में फिर अपना गिलास खाली करते हुए कहा, आज उसे मजा आ गया था, कई दिनों के बाद जी भर के विदेशी महंगी शराब पिने को मिली थी |
मयूर ने फिर वेटर की और इशारा किया – और बुढा समझ गया – बस अब ये आखरी है, इसके बाद में नही पियूँगा और खुद से बद्बदाने लगा |
मयूर ने वेटर को कुछ खाने का लाने को कहा, अब बूढ़े को खाने के बाद ही पूछताछ करनी चाहिए |
कुछ देर में टेबल पर आमलेट, टूना और मिक्स वेज आ गई, बूढ़े ने रोटी का एक टुकड़ा तोड़ते हुए कहा – तो तुम उनको मारने आये हो ?
मयूर ने कहा – ऐसा ही समझ लो, क्या आपकी भी उनसे कुछ दुश्मनी है ?
हाँ उन दोनों को छोड़ना मत, में उनको इस धंधे में लाया और उन्होंने मुझे ही दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर बाहर फेंक दिया |
कौन सा धंधा ? - मयूर ने बहुत धीमी आवाज में दूसरी और देखते हुए पूछा
देखो वो दोनों अंडरवर्ल्ड डॉन बोनी के लिए काम करते है, बोनी एक खतरनाक गैंगस्टर है जिसका दबदबा इस पुरे इलाके में चलता है, और ये दोनों उसके शार्प शूटर है, जब भी कोई बोनी से दुश्मनी लेने की गलती करता है, ये दोनों उसका ऊपर जाने का इंतजाम करते है, बस इतनी सी कहानी है |
तो बोनी की रागिनी से क्या दुश्मनी हो सकती है ? – मयूर ने मन ही मन सोचा
आप किसी रागिनी नाम की लडकी को जानते है ? – मयूर ने बूढ़े से पूछा
नहीं में किसी रागिनी को नही जनता, पर तुम क्यों पूछ रहे हो – बूढ़े ने प्लेट में रखा सारा खाना लगभग अपने पेट में डाल लिया था, और वेटर के लाये आखरी पेग को अपने होठो तक लगाने की कोशिश कर रहा था |
और मयूर ने कहा – ये दोनों रागिनी नाम की एक लडकी को जान से मारना चाहते थे, मैं उसी लडकी को ढूंडते यहाँ आया हूँ |
मुझे इस लडकी के बारे में कुछ नही पता, पर ये बात निश्चित है ये दोनों हथियार सिर्फ बोनी के लिए उठाते है, और अगर बोनी चाहता है की उस लडकी का टिगिट कट जाये तो ये मान लो वो अब इस दुनिया में नहीं है, और तुम भी चुपचाप इस इलाके से बाहर निकल जाओ, क्योकि अब तक निश्चित ही बोनी को खबर लग गई होगी की तुम उसके दोनों पठ्ठो को ढूंड रहे हो |
मयूर का मन भारी हो गया – डर का हल्का भाव उसके मन में आया – वो गैंगस्टर से भिड़ने जा रहा था, फिर उसने सोचा अब जो हो सो हो, वो पीछे नही हटेगा |
ये दोनों गुंडे कहा मिलेगे – मयूर ने पूछा
देखो तुम इन सबमे मुझे मत घसीटना और हा आज के बाद मुझसे मिलने की कोशिश भी मत करना, वो दोनों तुमको बे एंड बेब्स बार एंड डांस क्लब में मिलेंगे दोनों वहा रोज जाते है, वो डांस क्लब इन दोनों का ही है |
मयूर को अपनी जानकारी मिल चुकी थी, उसने एक 500 का हरा नोट निकला और बूढ़े को देते हुए बोला, आप बाहर से टैक्सी लेकर अपने घर चले जाओ, में थोड़ी देर यहीं रुकुंगा |
बूढ़े ने कुछ देर मयूर को देखा और बोला – देखो बेटा, तुम भले घर के लगते हो, ऊपर वाले ने तुमको सबकुछ दिया है, खूबसूरत हो, जवान हो पूरी जिन्दगी पड़ी है, इन चक्करों में मत पड़ो, वो बहुत खतरनाक लोग है, खामखा क्यों मछलियों का भोजन बनना चाहते हो, मेरी सलाह मानो अभी इसी समय इस इलाके से दूर चले जाओ, अभी भी सबकुछ तुम्हारे हाथ में है |
मयूर ने बैचेनी से पहलू बदला – पिछले दो दिनों में उसने अनगिनत लोगो को उन दोनों गुंडों के फोटो दिखाई थी और उनकी आँखे भय से पिली होते देखी थी, कुछ तो सर इंकार में हिलाने का साहस भी नहीं कर पाए थे |
उसने बूढ़े के हाथ पर हाथ रखा और बोला – आप मेरी चिंता मत करो चाचा आपकी सलाह के लिए शुक्रिया |
बूढ़े के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई – जवानी में जान से ज्यादा लडकी प्यारी होती है, मैं भी तुम्हारी तरह ही था |
मयूर मुस्कुराया – फिर कभी आपकी भी कहानी सुनेगे
बे एंड बेब्स बार, अंडरवर्ल्ड, बोनी डॉन ये सब उसने सोचा नही था, आखिर पहाड़ो के एक होटलइएर लडके और रागिनी जैसे मासूम लड़की को एक डॉन से क्या लेना देना, पर किस्मत ने उसे इस खतरनाक मोड़ पर ला खड़ा किया था, और वो अपने कदम वापिस नही ले सकता था, अब जो हो सो हो, मौत तो मौत, जीवन तो जीवन, वैसे भी रागिनी के बिना जीना भी कोई जीना होगा |
फिर उसने सोचा – आखिर उस सादी सी दिखने वाली लडकी का किसी पावरफुल डॉन से क्या कनेक्शन हो सकता है, कोई बात नही मंजिल अब बहुत करीब है, कल रात 8 बजे मोनी सोनी बोनी जो भी नाम है इनके, मिलकर दिमाग क्लियर करना ही पड़ेगा की आखिर ये माजरा क्या है ?, फिर उसे बूढ़े के कहे शब्द याद आ गये – वो बहुत खतरनाक लोग है ?
बचपन से पहाड़ो पर उसने बहुत खतरे देखे थे, खतरों से वो डरता नही था, खतरे को सूंघ लेता था, और उसका अनुभव बोल रहा था, खतरा बड़ा है |
उस दिन पूरा वो अपने होटल के रूम से बाहर नही निकला, शाम 7 बजे वो बे एंड बेबस डांस बार में पहुचा, वो बाहर से किसी छोटे मोटे महल की तरह दिख रहा था, वो लाउन्ज पार करता हुआ बार के मेन गेट के बाहर खड़े दरबान ने उसे सलाम किया और बोला –
क्या आपके पास बार का इन्विटेशन कार्ड है ?
उसे नही पता वो किस कार्ड की बात कर रहा था, उसने इंकार से ,मुंह हिलाया
फिर आप अन्दर नही जा सकते – गुंडे जैसे दिखने वाले दरबान ने कहा – या तो आपके पास किसी गेस्ट का आई डी कार्ड होना चाहिए या आप बार के रेगुलर मेम्बर होने चाहिए तभी आप अन्दर जा सकते है |
मयूर अजीब उलझन में फंस गया उसके मुंह से खिसियानी आवाज निकली – मैंने तुम्हारी बार बहुत तारीफ सुनी थी, इसलिए सारे बार छोड़कर इतनी दूर तुम्हारे बार तक आया हूँ, अब मेम्बर बनने के लिए कभी न कभी तो पहली बार आना ही पड़ेगा न |
पर दरबान उसकी बातो से संतुष्ट नही हुआ – सॉरी सर आप अन्दर नही जा सकते |
और उसने कहा – देखो मुझे तुम्हारे बॉस ने बुलाया है उनका नाम मोनी है |
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दरबान के चेहरे पर तुरंत सम्मान के भाव आये – वो मुस्कुराता हुआ बोला – ठीक है अगर आपको मौनी भाई ने बुलाया है तो आपको पहले बताना था और दरवाजा खोल दिया |
अन्दर बहुत कम रौशनी में लाल रंग के सोफे लगे थे, जिनपे कुछ लोग बैठे थे, एक बड़ा सा बार काउंटर था, जिसपर दो लोग बैठे शराब और सिगरेट का धुआ उड़ा रहे थे, दो जवान लडकिया एक स्टेजनुमा खम्बे के आसपास अश्लील मुद्रा में डांस कर रही थी |
वो धीरे धीरे चलता हुआ एक सोफे पर बैठ गया, और वेटर को ब्लू मार्टीनी का एक पेग आर्डर किया |
वेटर पेग ले कर आया और मयूर ने उसको कहा – ये सोनी मोनी कहा मिलेगे, उनको बोलना मसूरी से उनका दोस्त आया है |
वेटर ने आश्चर्य से कहा – कौन रोनी मोनी आप हमारे भाई की बात कर रहे है ?
हा वो ही तुम्हारे मालिक की बात कर रहा हूँ, कहा मिलते है वो ?
पीछे ऑफिस है, पर अभी आये नही है |
मयूर ने गिलास उठाया और वेटर की तरफ चियर्स का इशारा किया, और वो तुरन्त वहां से हट गया |
उसने गिलास खाली किया, टेबल पे रखा बिल के पैसे रखे और वाशरूम की तरफ बढ़ गया |
रोनी और मोनी उस दिन थोड़े लेट हो गये थे, उनकी गाड़ी जब होटल में इंटर हुई, और उन्होंने अपनी पॉकेट संभाली, रागिनी के हाथ उस दिन मरते मरते बचने के बाद दोनों ने डीसाईंड किया था की अब उनका चाकू पुराना पड़ चूका है, अब तो उनके धंधे की लडकिया भी तमंचे ले कर घुमने लग गई है |
अपने इलाके में आने के बाद सबसे पहले उन्होंने दो विदेशी पिस्टल का आर्डर किया और दोनों ने अपनी जेब में फुल्ली लोडेड पिस्टल रखना शुरू कर दी |
वो गेट पर पहुचे और दरबान ने कहा – मोनी भाई आपका एक गेस्ट आया है, जिसको आपने इनवाइट किया था, अन्दर आपका इंतजार कर रहा है |
दोनों ने एक दुसरे देखा और दरबान से बोला – कोई भी बोलेगा की हमने बुलाया है तो क्या अन्दर जाने देगा – गुस्से से उसका काला मुंह और भद्दा दिखने लगा था |
दरबान ने घिघियाते हुए कहा – मुझे क्या पता, मैंने सोचा कही आप नाराज न हो जाये, इसलिए मैंने उसे अन्दर जाने दिया |
रोनी जिसकी नाक पर हल्का सा प्लास्टर लगा था, वाकई में भद्दा और भयानक लग रहा था, तेजी से दरवाजा खोल कर रिसेप्शन पर पहुचा – क्या मेरा पूछने कोई आया था ?
रिसेप्शन पर बेठी लड़की फ़ौरन खड़ी हो गई – नही सर यहाँ तो कोई नही आया अभी तक आपका पूछने |
सुनो अगर कोई आये तो फ़ौरन मुझे फ़ोन करना |
वो किचन की और बढ़ा और वहाँ खड़े सारे वेटर पे चिल्लाया – क्या कोई मेरा आज पूछ रहा था
सबने एक दुसरे को देखा और एक वेटर आगे आया – एक जवान लड़का था, जिसने कहा वो आपका दोस्त है और मिलने आया है |
बेवकूफ – जवान तो बहुत लडके है, वो दिखता कैसा था |
उसकी आखे नीली थी – वेटर ने कहा
रोनी ने मोनी की तरफ देखा एक ने अपनी नाक और दुसरे ने अपनी आखो के निचे पड़े काले धब्बो पर हाथ रखा और दोनों बदहवास हो गये – वो यहाँ तक आ गया, उसकी इतनी हिम्मत ढूंढो उसे, उसको तंदूर में भून कर चिल कव्वों का लंच बनाना है आज |
दोनों तेजी से बार में आये और वहा खड़े दो बाउंसर से रोनी ने चिल्ला कर कहा – एक नीली आखो वाला, गौरा लम्बा लड़का बार में घुसा है, साउंड बंद करो, बार से बाहर जाने का रास्ता बंद कर दो, वो हमे चाहिए जिन्दा .... चाहे मरा हुआ, और उसने अपनी नाक पे हाथ रखा जो अभी भी दुःख रही थी |
तुरंत म्यूजिक बंद हो गया, लगभग 15 से ज्यादा गुंडे और बाउंसर मिला कर पुरे बार में मयूर को खोज रहे थे, और उनके साथ रोनी मोनी भी इधर उधर दौड़ रहे थे |
उन्होंने बार का चप्पा चप्पा छान मारा पर नीली आखो वाला लड़का उन्हें कही नही मिला |
दरबान ने कहा – मैंने उसे बाहर जाते नही देखा, जब वो अन्दर नही था, बाहर जाते नही देखा तो वो गया कहा मोनी ने गुस्से से कहा |
कुछ देर बाद सबने निष्कर्ष निकला की जरुर वो यहाँ से निकलने में कामियाब हो गया था |
रोनी मोनी दोनों का मूड खराब हो चूका था, रोनी जिसकी आख फूटी थी मटन काटने का छुरा ले कर पागल सांड की तरह इधर से उधर घूम रहा था, उसे शराब की तीव्र तलब लगी और वो बार की तरफ बढ़ा, बार टेंडर ने उसका पसंदीदा ब्रांड की बोतल उसके आगे कर दी |
मोनी अपनी नाक को बार बार सम्भाल रहा था, गुस्सा उसे भी आ रहा था पर वो डर भी रहा था, वो लड़का निश्चित ही जुडो के किसी ब्लैक आर्ट का जानकार था, तभी उसने उसको और रोनी को ऐसे नाजुक अंगो पर चोट पहुचाई थी जहाँ तेज दर्द उठता है, और वाकई में उस रात का दर्द वो जीवन भर नही भूल सकता |
सोचते सोचते वो अपने ऑफिस में घुसा, उसने लाइट का स्विच ओन किया और पूरा ऑफिस सफेद रौशनी में नहा गया, उसने अपनी कुर्सी की और देखा, और उसकी आखे डर से काली पड़ गई, उसकी कुर्सी पर बैठा एक शख्श नीली आखो से उसकी और देख रहा था |
तुम, तुम्हारी इतनी हिम्मत – कहते हुए मोनी ने अपने जेब में हाथ डाला और एक सिल्वर क्लर की खिलोने जेसी पिस्तौल उसके हाथ में आ गई उसने पिस्तौल मयूर की और लहराई और कहा –आया तो अपने पांव पे है पर जायेगा नही |
मयूर के चेहरे पर इत्मिनान के भाव थे उसने अपना हाथ हवा में उठाया और रुकने का इशारा करते हुए कहा – मोनी भाई मैं यहाँ फाइट करने नही आया हूँ, तुमसे कुछ बात करने आया हूँ |
बात भी करेंगे, मुलाक़ात भी करेंगे पर पहले पुराना हिसाब तो चुकता कर ले – मोनी ने अपना हाथ अपनी नाक तक ले जाते हुए कहा और मयूर की दिशा में फायर कर दिया |
उसने बहुत फुर्ती से अपने आप को एक तरफ झुकाया और गोली उसके पास से होती हुए पीछे दीवाल के पास रखे एक गुलदस्ते को जा लगी, जो टुकडे – टुकडे हो कर फर्श पर बिखर गया |
एक तरफ 40 के आस पास पहुच चूका शराब, और सिगरेट का आदि मोनी और दूसरी तरफ पहाड़ी, कसरती, फुर्तीला मयूर |
एक गोली चलाने के बाद मोनी के हाथ कांप रहे थे, वो तो चाकू का खिलाडी था, उसने गोली पहली बार चलाई थी और वो भी निशाने पर नही लगी थी, वो अपने आप को कमजोर महसूस कर रहा था |
मयूर तेजी से उठा और उसने चीते की फुर्ती से मोनी के बिलकुल पास पहुच गया, उसने मोनी का रिवाल्वर वाला हाथ पकड़ा और बोला – मोनी भाई मैंने तुम्हारी जान बचाई है, अगर उस दिन मैं रागिनी का हाथ ऊपर नही करता तो तुम उसी मेला ग्राउंड के बाहर मरे पड़े होते |
उसने बड़ी मुश्किल से कहा – कौन रागिनी, तुम किसकी बात कर रहे हो ?
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मोनी हकलाने लगा था, उसका हाथ अब मयूर के हाथ में था, और पहले भी वो मयूर के हाथ से अपनी नाक तुडवा चूका था, वो अपने आप को बहुत अशक्त महसूस कर रहा था – काश इस रिवाल्वर में साइलेंसर नही लगा होता तो अभी तक रोनी और उनके पालतू बाउंसर उसकी मदद के लिया आ चुके होते |
वो ही लडकी जिसको तुम उस दिन मेले में जान से मारने आये थे, और लडकी ने रिवाल्वर निकल ली थी |
उसका नाम रागिन नहीं है, उसका नाम मोना मलिक है, तुम जानते हो कबीर मलिक को, वो यहाँ का सबसे बड़ा डॉन है, वो उसी की लडकी है, तुम उसको ढूंडते हुए यहाँ तक आ गये, पर तुमको मालूम नही तुम आग से खेल रहे हो, जब मलिक को पता चलेगा की तुम उसकी लडकी के पीछे यहाँ तक आ पहुचे हो, तुम्हारी मौत को ऊपर वाला भी नहीं टाल सकेगा |
तुम उसको मारना क्यों चाहते थे ?
हम नही हमारा बॉस बोनी उसको मरना चाहता था, दस साल पहले हमारे बॉस बोनी की पत्नी की हत्या तुम्हारी महबूबा के बाप मालिक ने कर दी थी, तब बोनी ने कसम खाई थी की मलिक के परिवार में किसी को जिन्दा नही छोड़ेंगे, कुछ साल पहले मलिक की माँ को भी हमने टपका दिया था, और अब उसकी इकलौटी बेटी, मोना मलिक हमारे निशाने पर है, और उसका काम तमाम हम बहुत जल्दी कर देंगे |
उसके मन में रोनी का मुह तोड़ने की तीव्र इच्छा हो रही थी, आखिर वो उसकी रागिनी की जान का दुश्मन बना बैठा था, पर इस काले, गुंडे को और मार कर वो अपने हाथ गंदे नही करना चाहता था, उसने रोनी की कलाई पर अपनी मजबूत पकड़ को और बढाई और रिवाल्वर उसके हाथ से छुट कर जमीन पर गिर गई, उसने कलाई को पकड़े पकड़े निचे झुक कर रिवाल्वर उठाई और रोनी की और तान दी – देख रोनी में यहाँ तुझसे फालतू झगड़ा करने नहीं आया हु, मुझे जो जानकारी चाहिए थी वो मिल चुकी है, अब तुम मुझे यहाँ से बाहर निकलना तेरी जवाबदारी है, मेरा अब तुझसे कोई वास्ता नही, मैंने तेरी जान बचाई थी, और लडकी की जान बचाना भी मेरा फर्ज था, तू समझ रहा है न मैं क्या बोल रहा हूँ |
मोनी का ध्यान रिवाल्वर की तरफ था, वो धीरे से फुसफुसाया – यहाँ एक चोर रास्ता है, जो हमने किसी इमरजेंसी के समय भागने के लिए बनवाया था, तुम उस रास्ते से बाहर निकल जाओ, और हाँ किसी को बोलना मत की तुमने मुझे दो बार मारा है |
मयूर ने सहमती से सर हिलाया – चलो बाहर का रास्ता दिखाओ |
उसने एक बटन दबाया और ऑफिस के फर्श पर एक सुरंगनुमा रास्ता दिखाई देने लगा, मयूर तेजी से सुरंग में उतर गया, कुछ ही देर में वो बे एंड बेबस बार के बाहर खड़ा था |
मोना मलिक तो ये असली नाम था रागिनी का |
पहेली लगभग सुलझ गई थी, रागिनी उर्फ़ मोना अंडरवर्ल्ड डॉन की लडकी थी, गेंगवार में उसकी जान पर बन आई थी, संभवतः वो इस घुटन भरे डरावने माहौल से दूर जाना चाहती हो और हिमाचल में आई हो, पर वो दूर जा न सकी, उसका अतीत परछाई की तरह उसका पीछा करता हुआ हिमाचल तक आ पहुचा, और वो उसे बताये बिना वापस अपनी अपराध और भय की दुनिया में लौट आई, ताकि वो सुरक्षित रह सके |
वो तैयार होकर ठीक 6 बजे बार के सामने वापिस उसी चने की रेहड़ी के पास खड़ा था, और बूढ़े का इंतजार कर रहा था, अभी कुछ सवाल बाकि थे, जो उसे रागिनी से पूछने थे, एक बार वो तैयार हो जाये तो वो रागिनी के साथ किसी ऐसी जगह जाने को तैयार था जहाँ उन्हें कोई नही पहचाने |
बुढा धीरे धीरे चलता हुआ गली के किनारे तक बढ़ता हुआ दिखाई दिया, शायद वो गली में ही कही रहता है, घर भी उसने बार के पास ही बनाया था, ताकि दूर नही जाना पड़े, वो तेजी से रेहड़ी के पास से निकला और बूढ़े के सामने रास्ता रोक कर खड़ा हो गया |
उसे देखते ही बूढ़े की आखो में चमक उभर आई वो फिर बोला – तुम नही मानोगे, पर आज में तुम्हारे साथ नही चलूँगा तुम्हारे साथ मेरी भी जान पे बन आएगी |
मयूर ने बोला – आज आपसे कुछ पूछना नही है, बस अकेले पीने के मन नहीं कर रहा है |
बूढ़े ने आस पास देखा, कही कोई देख तो नही रहा, पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद वो बोला – वही चलना है जहा कल गये थे ?
उसने हां में सर हिलाया, और दोनों सामने खड़ी टैक्सी की और बढ़ गये |
फिर वही होटल वही माहौल वही शराब – वेटर ने दोनों को पहचान लिया और फ़ौरन उनकी टेबल पे आ कर खड़ा हो गया |
मयूर ने कहा कल वाला आर्डर रिपीट कर दो, और वेटर फुर्ती से बार टेंडर की और चल पड़ा |
मिल आये रोनी, मोनी से – बूढ़े ने पूछा
नहीं बाबा – कल मेरी फ्लाइट है, आपने सही कहा था, मुझे इस खतरनाक चक्कर में नही उलझना चाहिए |
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