Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
Amazing update
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 18
आज गार्डन मे मुझे सुस मिल गई
“अज्जु बता रहा था की तुम हमारी शादी तोड़ने का प्लान कर रहे हो “
पहले की अपेक्षा उसके बातों मे मेरे लिए एक दोस्ती का भाव था नफ़रत नही
“हा “
“कैसे “
“पता नही “
“वाह..” उसने सर हिलाया
“क्या हुआ ??”
“बाते बड़ी बड़ी करने से कोई बड़ा नही बन जाता मिस्टर. ?”
“मिस्टर. अंकित “
मैने मुस्कुराते हुए कहा
“हा मिस्टर. अंकित “
वो मुस्कुराइ
“यार हमारा काम है कोशिस करना, रिज़ल्ट तो उपर वाले के हाथो मे है “
“फिलॉसफी मत झाड़ो कोई प्लान हो तो बताओ “
“क्यो ना मैं पहले तुम्हारे पिता जी को समझ लू, मतलब तुम मुझे अपने घर ले जा सकती हो “
उसने मुझे घूरा
“कैसे ..??”
“दोस्त बना कर .. या फिर बाय्फ्रेंड “
उसने मुझे मुस्कुराते हुए देखा, अजीब बात थी की उसके चेहरे मे अभी भी कोई नफ़रत का भाव नही था
“अपनी औकात मे रहो समझे “
ये भी उसने मुस्कुराते हुए ही कहा था, इतना परिवर्तन भाभी के एक पराठे से…? वाह
“और मेरी औकात क्या है “
“तुम एक ग़रीब आदमी हो “
“लेकिन आदमी तो हू ना “
“अच्छा ??“
“यार तुम्हे ग़रीबो से प्राब्लम क्या है, क्या इंसान इंसान नही होते, और मुझे तो ग़रीब इंसानो मे ज्यदा इंसानियत दिखाई देती है “
उसने बस एक गहरी सांस ली
“तुम समझ नही रहे हो मेरे पिता और भाई तुम्हारी पूरी हिस्टरी निकाल लेंगे, मैने उनके डर से कोई दोस्त नही बनाती पता नही कब वो मेरे दोस्तो को ही मार दे “
सुस की आँखो मे आँसू की कुछ बूंदे आ गई थी, मैने आगे बढ़कर उन्हे अपने हाथो से पोंछ दिया ..
“मैं अपने दोस्त के लिए मरने के लिए भी तैयार हू “
मेरी बात सुनकर उसने नज़रे उठाकर मुझे घूरा
“यकीन नही होता ??”
आज गार्डन मे मुझे सुस मिल गई
“अज्जु बता रहा था की तुम हमारी शादी तोड़ने का प्लान कर रहे हो “
पहले की अपेक्षा उसके बातों मे मेरे लिए एक दोस्ती का भाव था नफ़रत नही
“हा “
“कैसे “
“पता नही “
“वाह..” उसने सर हिलाया
“क्या हुआ ??”
“बाते बड़ी बड़ी करने से कोई बड़ा नही बन जाता मिस्टर. ?”
“मिस्टर. अंकित “
मैने मुस्कुराते हुए कहा
“हा मिस्टर. अंकित “
वो मुस्कुराइ
“यार हमारा काम है कोशिस करना, रिज़ल्ट तो उपर वाले के हाथो मे है “
“फिलॉसफी मत झाड़ो कोई प्लान हो तो बताओ “
“क्यो ना मैं पहले तुम्हारे पिता जी को समझ लू, मतलब तुम मुझे अपने घर ले जा सकती हो “
उसने मुझे घूरा
“कैसे ..??”
“दोस्त बना कर .. या फिर बाय्फ्रेंड “
उसने मुझे मुस्कुराते हुए देखा, अजीब बात थी की उसके चेहरे मे अभी भी कोई नफ़रत का भाव नही था
“अपनी औकात मे रहो समझे “
ये भी उसने मुस्कुराते हुए ही कहा था, इतना परिवर्तन भाभी के एक पराठे से…? वाह
“और मेरी औकात क्या है “
“तुम एक ग़रीब आदमी हो “
“लेकिन आदमी तो हू ना “
“अच्छा ??“
“यार तुम्हे ग़रीबो से प्राब्लम क्या है, क्या इंसान इंसान नही होते, और मुझे तो ग़रीब इंसानो मे ज्यदा इंसानियत दिखाई देती है “
उसने बस एक गहरी सांस ली
“तुम समझ नही रहे हो मेरे पिता और भाई तुम्हारी पूरी हिस्टरी निकाल लेंगे, मैने उनके डर से कोई दोस्त नही बनाती पता नही कब वो मेरे दोस्तो को ही मार दे “
सुस की आँखो मे आँसू की कुछ बूंदे आ गई थी, मैने आगे बढ़कर उन्हे अपने हाथो से पोंछ दिया ..
“मैं अपने दोस्त के लिए मरने के लिए भी तैयार हू “
मेरी बात सुनकर उसने नज़रे उठाकर मुझे घूरा
“यकीन नही होता ??”
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
उसने मुझे घूरते हुए कहा
“क्या??”
“यही की तुम मुझे अच्छे लगने लगे हो “
उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हंस पड़ा वही वो भी हसने लगी , ये उसकी मासूमियत से भरी हँसी थी ना की किसी को जलील करने के बाद आई हँसी , और इस हँसी की बात ही कुछ अलग थी , उसका चेहरा खिल गया था किसी बच्चे के जैसे वो स्वच्च्छन्द रूप से खुलकर हंस रही थी ..
“सब भाभी के पराठे का कमाल है “
मैने हसते हुए कहा
“हा सही है उसमे जादू था की एक फटीचर मुझे अपना दोस्त लगने लगा है “
मैने भी उसे मुस्कुराते हुए देखा
लेकिन फिर मेरी निगाह मुझे दूर से देखती हुई नेहा पर पड़ी, मुझे सुस के साथ हँसता हुआ देखकर उसका मूह गुस्से से फूल गया था मैने उसे वेव दिया :वेव: लेकिन वो मेरी तरफ ना आकर दूसरे ओर चली गई ..
शायद मुझे समझ आ चुका था की क्यो ..
“चलो बाद मे मिलता हू प्लान बनाने के लिए “
मैं नेहा के पास जाना चाहता था ..
“अरे रूको ना कहाँ जा रहे हो “
“थोड़ा काम है “
मैने सुस से अलविदा लिया और नेहा की ओर भगा, वो एक पेड़ के नीचे बैठी हुई थी
“हाई नेहा तुम मुझे देख कर भी इग्नोर क्यो कर रही हो “
“तुम मेरे पास क्यो चले आए वो कमिनी कुत्ती छीनाल साली के पास ही रहते , साली रांड़ “
नेहा जैसी सभी सुशील लड़की के मूह से ये सब सुनकर मेरा दिमाग़ ही चकरा गया, मैं मूह फाडे उसे देख रहा था, उसने ये सब अपना चश्मा ठीक करते हुए कहा था, आँखो मे लगे चश्मे से भी उसकी आँखो की लाली साफ साफ दिख रही थी , आज मैने उसे पहली बार चश्मे मे देखा था वो एक मोटी सी बुक निकाले हुए उसे पढ़ने का बहाना कर रही थी , इतना बोलकर शायद उसे भी अपनी ग़लती का अहसास हो गया था इसलिए वो चुपचाप अपनी बुक की ओर देखने लगी थी ..
मैं भी चुपचाप वही बैठकर उसे देख रहा था
“ऐसे क्या घूर रहे हो जाओ ना उसी के पास “
“इतना गुस्सा .. आख़िर क्यो ??:?: हमारी सीधी साधी पढ़ने वाली नेहा के मूह मे इतनी गाली ?:?: बात क्या है “
“कोई बात नही है तुम जाओ ना यार मुझे पढ़ना है “
ये शहर के लोग थोड़े अजीब होते है साले अपने दिल की बात बोलने मे भी इतना टाइम लगा देते है, और दिल ने बस नफ़रत भर कर रखते है ..
मैने उसकी बुक उसके हाथ से छीनकर बाजू मे रख दिया
“अरे ये क्या “ वो अपनी बुक को पकड़ने की कोशिस करने लगी लेकिन मैने उसके हाथ नही लगने दिया
“दो इसे इधर “
“बहुत हो गया इतना भी क्या जल रही हो तुम उससे, सिर्फ़ उससे बात ही तो किया है मैने “
मेरी बात सुनकर वो जैसे जम ही गयी, थोड़ी देर तक बस मुझे ही देखती रही
“साले तेरे उससे बात करने पर मैं क्यो जलूंगी, खुद को समझता क्या है तू “
उसने जोरो से कहा लेकिन मैं उसके गुस्से से दमकते हुए चेहरे को देख रहा था वो और भी प्यारी लग रही थी ..
“तो फिर मुझे देखकर भाग क्यो गई और अब बात भी नही कर रही है, ऐसा तो मेरे गाँव की ओरते तब जलती है जब उनका पति किसी दूसरी औरत से बात कर रहा हो “
उसका चेहरा लाल हो चुका था अब वो गुस्सा था या फिर शर्म था समझ नही आ रहा था, लेकिन मुझे लगा जैसे की ये दोनो का मिश्रण था..
“तुम पागल हो गये हो कुछ भी सोच रहे हो चलो मुझे मेरी बुक दो “
“पहले तुम बताओ की तुम्हे सुस से कोई प्राब्लम है या मुझसे “
“तुम भाड़ मे जाओ “
इतना बोलकर वो उठ गई और क्लास की तरफ जाने लगी, मुझे एक चीज़ तो समझ मे आ चुकी थी की बात उतनी भी सिंपल नही है जितना की मैं सोच रहा था ज़रूर कोई बड़ी बात थी ……
“क्या??”
“यही की तुम मुझे अच्छे लगने लगे हो “
उसकी बात सुनकर मैं जोरो से हंस पड़ा वही वो भी हसने लगी , ये उसकी मासूमियत से भरी हँसी थी ना की किसी को जलील करने के बाद आई हँसी , और इस हँसी की बात ही कुछ अलग थी , उसका चेहरा खिल गया था किसी बच्चे के जैसे वो स्वच्च्छन्द रूप से खुलकर हंस रही थी ..
“सब भाभी के पराठे का कमाल है “
मैने हसते हुए कहा
“हा सही है उसमे जादू था की एक फटीचर मुझे अपना दोस्त लगने लगा है “
मैने भी उसे मुस्कुराते हुए देखा
लेकिन फिर मेरी निगाह मुझे दूर से देखती हुई नेहा पर पड़ी, मुझे सुस के साथ हँसता हुआ देखकर उसका मूह गुस्से से फूल गया था मैने उसे वेव दिया :वेव: लेकिन वो मेरी तरफ ना आकर दूसरे ओर चली गई ..
शायद मुझे समझ आ चुका था की क्यो ..
“चलो बाद मे मिलता हू प्लान बनाने के लिए “
मैं नेहा के पास जाना चाहता था ..
“अरे रूको ना कहाँ जा रहे हो “
“थोड़ा काम है “
मैने सुस से अलविदा लिया और नेहा की ओर भगा, वो एक पेड़ के नीचे बैठी हुई थी
“हाई नेहा तुम मुझे देख कर भी इग्नोर क्यो कर रही हो “
“तुम मेरे पास क्यो चले आए वो कमिनी कुत्ती छीनाल साली के पास ही रहते , साली रांड़ “
नेहा जैसी सभी सुशील लड़की के मूह से ये सब सुनकर मेरा दिमाग़ ही चकरा गया, मैं मूह फाडे उसे देख रहा था, उसने ये सब अपना चश्मा ठीक करते हुए कहा था, आँखो मे लगे चश्मे से भी उसकी आँखो की लाली साफ साफ दिख रही थी , आज मैने उसे पहली बार चश्मे मे देखा था वो एक मोटी सी बुक निकाले हुए उसे पढ़ने का बहाना कर रही थी , इतना बोलकर शायद उसे भी अपनी ग़लती का अहसास हो गया था इसलिए वो चुपचाप अपनी बुक की ओर देखने लगी थी ..
मैं भी चुपचाप वही बैठकर उसे देख रहा था
“ऐसे क्या घूर रहे हो जाओ ना उसी के पास “
“इतना गुस्सा .. आख़िर क्यो ??:?: हमारी सीधी साधी पढ़ने वाली नेहा के मूह मे इतनी गाली ?:?: बात क्या है “
“कोई बात नही है तुम जाओ ना यार मुझे पढ़ना है “
ये शहर के लोग थोड़े अजीब होते है साले अपने दिल की बात बोलने मे भी इतना टाइम लगा देते है, और दिल ने बस नफ़रत भर कर रखते है ..
मैने उसकी बुक उसके हाथ से छीनकर बाजू मे रख दिया
“अरे ये क्या “ वो अपनी बुक को पकड़ने की कोशिस करने लगी लेकिन मैने उसके हाथ नही लगने दिया
“दो इसे इधर “
“बहुत हो गया इतना भी क्या जल रही हो तुम उससे, सिर्फ़ उससे बात ही तो किया है मैने “
मेरी बात सुनकर वो जैसे जम ही गयी, थोड़ी देर तक बस मुझे ही देखती रही
“साले तेरे उससे बात करने पर मैं क्यो जलूंगी, खुद को समझता क्या है तू “
उसने जोरो से कहा लेकिन मैं उसके गुस्से से दमकते हुए चेहरे को देख रहा था वो और भी प्यारी लग रही थी ..
“तो फिर मुझे देखकर भाग क्यो गई और अब बात भी नही कर रही है, ऐसा तो मेरे गाँव की ओरते तब जलती है जब उनका पति किसी दूसरी औरत से बात कर रहा हो “
उसका चेहरा लाल हो चुका था अब वो गुस्सा था या फिर शर्म था समझ नही आ रहा था, लेकिन मुझे लगा जैसे की ये दोनो का मिश्रण था..
“तुम पागल हो गये हो कुछ भी सोच रहे हो चलो मुझे मेरी बुक दो “
“पहले तुम बताओ की तुम्हे सुस से कोई प्राब्लम है या मुझसे “
“तुम भाड़ मे जाओ “
इतना बोलकर वो उठ गई और क्लास की तरफ जाने लगी, मुझे एक चीज़ तो समझ मे आ चुकी थी की बात उतनी भी सिंपल नही है जितना की मैं सोच रहा था ज़रूर कोई बड़ी बात थी ……
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
मैं उसे जाते हुए देखता रहा थोड़ी देर मे मैं भी क्लास पहुचा तो सभी वही लास्ट बेंच मे बैठे हुए थे..
“कहा थे तुम दोनो “
मेरे आते ही अक्की बोल उठा था
“एक चीज़ बता की इसे सुस से क्या प्राब्लम है ??”
मैने धीरे से अक्की से कहा वो एक छोर मे बैठा हुआ था वही नेहा दूसरी छोर मे, वही हमेशा की तरह अज्जु और मोनिका बीच मे बैठे हुए थे
मेरी बात सुनकर अक्की थोड़ा गंभीर हो गया था, एक बार उसने मुझे देखा तो एक बार नेहा की ओर , नेहा का चेहरा अभी भी उतरा हुआ लग रहा था …
“बाद मे बताता हू क्लास के बाद मिलना ”
उसने आहिस्ता से कहा
उसकी बात सुनकर ही मुझे समझ आ गया था की कोई तो बड़ी प्राब्लम है सुस और नेहा के बीच मे
पूरे समय मैं बस नेहा के चेहरे को देख रहा था उसका मासूम सा चेहरा आज उतरा हुआ लग रहा था, देखकर ही लग रहा था की आज उसे पढ़ाई मे कोई भी मन नही लग रहा है, उदासी उसके चेहरे पर छाई हुई थी …….
क्लास के बाद सभी कॅंटीन चले गये वही मैं और अक्की थोड़ी देर मे आने का बोलकर चले गये थे …
“क्या बात है अक्की कोई बड़ी बात है क्या “
अक्की के चेहरे पर एक गंभीर से भाव आए
“नेहा के पिता पोलीस के अधिकारी हुआ करते थे, नेहा उनकी एकलौती बेटी है, वो एक ईमानदार अधिकारी थे, उस समय तिवारी किसी जीवा नाम के गुंडे के साथ मिलकर काम करता था वो लोग बहुत सारे ग़लत काम किया करते थे और नेहा के पिता ने उन्हे पकड़ लिया था .. सुना है की जीवा और तिवारी ने मिलकर ही नेहा के पिता को मारा था, अब तुम ही सोचो की एक लड़की के दिल मे अपने पिता के हत्यारे की बेटी के लिए कितनी नफ़रत होगी …”
अक्की की बात सुनकर मेरे दिल मे एक दर्द उठ गया, बेचारी नेहा , उसके चेहरे से कभी मुझे उस गम का अहसास ही नही हुआ जो वो अपने दिल मे लिए घूमती है, और साथ ही एक और दर्द मेरे दिल मे फैल गया कारण था की अब मैं खुद ही जीवा गैंग का एक मेंबर था ..
अगर नेहा को ये पता चल गया तो …
ना जाने वो कैसा रिएक्ट करेगी…
“कोई नही उसे दुख तो होगा लेकिन वो मान जाएगी, जब उसे पता चलेगा की तू अज्जु के काम से उससे बात कर रहा था …वो समझदार है और वक़्त ने उसे और भी ज्यदा समझदार बना दिया है “
अक्की ने मेरे कंधे मे अपना हाथ रखते हुए कहा, मैने भी सहमति मे अपना सर हिला दिया …..
*********
“कहा थे तुम दोनो “
मेरे आते ही अक्की बोल उठा था
“एक चीज़ बता की इसे सुस से क्या प्राब्लम है ??”
मैने धीरे से अक्की से कहा वो एक छोर मे बैठा हुआ था वही नेहा दूसरी छोर मे, वही हमेशा की तरह अज्जु और मोनिका बीच मे बैठे हुए थे
मेरी बात सुनकर अक्की थोड़ा गंभीर हो गया था, एक बार उसने मुझे देखा तो एक बार नेहा की ओर , नेहा का चेहरा अभी भी उतरा हुआ लग रहा था …
“बाद मे बताता हू क्लास के बाद मिलना ”
उसने आहिस्ता से कहा
उसकी बात सुनकर ही मुझे समझ आ गया था की कोई तो बड़ी प्राब्लम है सुस और नेहा के बीच मे
पूरे समय मैं बस नेहा के चेहरे को देख रहा था उसका मासूम सा चेहरा आज उतरा हुआ लग रहा था, देखकर ही लग रहा था की आज उसे पढ़ाई मे कोई भी मन नही लग रहा है, उदासी उसके चेहरे पर छाई हुई थी …….
क्लास के बाद सभी कॅंटीन चले गये वही मैं और अक्की थोड़ी देर मे आने का बोलकर चले गये थे …
“क्या बात है अक्की कोई बड़ी बात है क्या “
अक्की के चेहरे पर एक गंभीर से भाव आए
“नेहा के पिता पोलीस के अधिकारी हुआ करते थे, नेहा उनकी एकलौती बेटी है, वो एक ईमानदार अधिकारी थे, उस समय तिवारी किसी जीवा नाम के गुंडे के साथ मिलकर काम करता था वो लोग बहुत सारे ग़लत काम किया करते थे और नेहा के पिता ने उन्हे पकड़ लिया था .. सुना है की जीवा और तिवारी ने मिलकर ही नेहा के पिता को मारा था, अब तुम ही सोचो की एक लड़की के दिल मे अपने पिता के हत्यारे की बेटी के लिए कितनी नफ़रत होगी …”
अक्की की बात सुनकर मेरे दिल मे एक दर्द उठ गया, बेचारी नेहा , उसके चेहरे से कभी मुझे उस गम का अहसास ही नही हुआ जो वो अपने दिल मे लिए घूमती है, और साथ ही एक और दर्द मेरे दिल मे फैल गया कारण था की अब मैं खुद ही जीवा गैंग का एक मेंबर था ..
अगर नेहा को ये पता चल गया तो …
ना जाने वो कैसा रिएक्ट करेगी…
“कोई नही उसे दुख तो होगा लेकिन वो मान जाएगी, जब उसे पता चलेगा की तू अज्जु के काम से उससे बात कर रहा था …वो समझदार है और वक़्त ने उसे और भी ज्यदा समझदार बना दिया है “
अक्की ने मेरे कंधे मे अपना हाथ रखते हुए कहा, मैने भी सहमति मे अपना सर हिला दिया …..
*********
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)