Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ

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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ

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तभी मेरी नज़र नेहा पर पड़ी जो मुझे अजीब निगाहो से देख रही थी, मैने आँखो से ही पूछ लिया की क्या हुआ और उसने आँखो से ही मुझे बता दिया की मैं अच्छा लग रहा हू ..उसकी इस अदा से मेरे मान मे एक अजीब सी टीस सी उठ गयी ..:


मेरे दिमाग़ मे अभी भी भवानी की मौत की तस्वीरे घूम रही थी, कहने को मैं शांत था लेकिन मान मे बहुत ही बेचैनी चल ही रही थी …


क्लास से छूटने के बाद हम फिर से कॅंटीन मे बैठे थे की मुझे सुस आते हुए दिखाई दी ..


“हाई गाइस “:


“हाई सुस “ आज मोनिका ने ये कहा था , उसने हमेशा की तरह सुस को देखकर नाक कान नही सिकोडे थे शायद इतने दिनों मे उसके दिल से सुस के लिए नफ़रत गायब हो गयी थी उसे भी समझ आ चुका था की ये वैसी लड़की नही है जैसे वो उसे समझते थे , लेकिन नेहा का चेहरा आज भी उसे देखकर मुरझा गया था और ये स्वाभाविक भी था ..


सिवाय नेहा के सभी ने उसे ही कहा :ही:


“तो अंकित चले, आज मेरे घर जाना है तुम्हे “


उसकी बात सुनकर सभी थोड़ा चौक गये


“लेकिन आज तो भवानी की मौत हुई है तुम्हारे घर जाना ठीक होगा “


अज्जु ने कहा


“अरे तो क्या हुआ , इससे हमे क्या लेना देना ये सब पापा का पर्सनल मॅटर है “


सुस की बात सुनकर मैने एक बार अज्जु को देखा , उसने मुझे सुस के साथ जाने का इशारा किया , नेहा का चेहरा बुरी तरह से मुरझा गया था उसे ये सब बिल्कुल भी पसंद नही आ रहा था लेकिन वो बेचारी कर भी क्या सकती थी .. वो ना तो मुझसे और सुस से नज़र भी नही मिला रही थी ..


********


“वाउ यार कितना बड़ा घर है तुम्हारा “


सच मे सुस का घर किसी महल से कम नही था , और साथ ही किसी किले से भी कम नही था , इतने बंदूक धारी इधर से उधर टहल रहे थे , ऐसे लग रहा था की मैं सच मे किसी राजा के पास आ गया हू , चारो ओर बस बंदूक लिए लोगो की भरमार थी …


“ये घर है या फिर किला “


हम अभी भी उसके कार मे बैठे हुए थे , मेन गेट से अंदर आने के बाद भी उसके घर के दरवाजे तक पहुचने मे हमे समय लग रहा था, इतनी बड़ी ज़मीन मे उसका घर बना था कई एकर मे फैला हुआ गार्डन था..


“यार कितने लोग रहते हो तुम लोग इतने बड़े घर मे “


सुस मेरी बार सुनकर बस हँसे जा रही थी ..


“क्या फ़र्क पड़ता है ?? कहने को तो मेरे परिवार मे 5 लोग है , दो भाई है, मा है बाप है लेकिन फिर भी बस अकेले इन नौकरो और बॉडीगार्ड्स के साथ ही रहना पड़ता है , घर वालो को तो कभी मेरी चिंता हुई ही नही…”


वो थोड़ी उदास हो गयी जो की मुझे बिल्कुल भी पसंद नही आ रहा था


“अरे डॉन’त वरी यार मूड ठीक रखो, अपने पिता के पास मुझे ऐसे ही ले जाओगी क्या ??”


मेरी बात सुनकर वो थोड़ा सा हँसी और फिर गंभीर हो गयी


“अंकित मैं तुम्हे पापा से नही मिलवाने वाली हू”


“व्हाट ..??:व्हाट1: तो हम यहाँ आए क्यो है “


इस बार सुस के होठों मे एक मुस्कान थी , और उसने गाड़ी रोक दी


“चलो बताती हू “


हम दोनो नीचे उतरे , मैं अभी भी उस घर के विशाल सौंदर्य मे थोड़ा खो गया था, अंदर जाते ही बड़ा सा कमरा था और जैसा मैने सिर्फ़ फ़िल्मो मे देखा था और गुमावदार दो सीढ़िया , जो की दूसरी मंज़िल मे जाती थी …


हम सीढ़ियो से उपर गये और दूसरी मंज़िल के एक कमरे मे फुचे ..


“वाउ यार क्या कमरा है ये “


मैं अभी भी उस कमरे की सुंदरता से मुग्ध था ,कमरा इतना बड़ा था की गाँव का पूरा घर हो , खिड़की की जाग बड़े बड़े काँच लगाए गये थे जिसपर गोल्डन रंग के पर्दे थे , कमरे के बीचो बीच एक बड़ा सा गोलाकार बिस्तर था जिसपर भी गोल्डन रंग की ही बेडशीट से लेकर सब कुछ गोल्डन ही था , दरवाजो के रंग से लेकर टेबल तक सब कुछ गोल्डन था और साथ ही सभी चीज़ो मे बेहतरीन नक्कासी की गयी थी ..


मैं जहाँ ये सब देखकर अपना मूह फाड़ चुका था वही सुस को मेरे इस एक्सप्रेशन से मानो कोई भी फ़र्क नही पड़ रहा था


“कुछ खाओगे “


उसने पास ही रखे एक फोन को पकड़ते हुए कहा


“नही अभी तो कॅंटीन मे नाश्ता किया था “


“ओके आओ यहाँ बैठो “


उसने अपने बिस्तर की ओर इशारा किया , मैने देखा की उसके कमरे मे एक बड़ा सा सोफा भी रखा हुआ था लेकिन सुस ने मेरा हाथ पकड़कर मुझे अपने बिस्तर मे बैठा दिया ..


“अंकित मैं तुम्हे पापा से नही मिलवाने वाली और ना ही मैं चाहती हू की तुम मेरे बाय्फ्रेंड बनकर मेरे परिवार वालो के सामने जाओ , मैं तुम्हे खाम्खा ही किसी भी मुसीबत मे नही डालना चाहती , मेरे परिवार वालो को कोई भी प्राब्लम नही है की मैं किसी को भी अपना बाय्फ्रेंड बनाऊ, या फिर किसी के साथ भी कुछ भी करू लेकिन …. लेकिन आज तक मैने कभी अपने किसी भी बाय्फ्रेंड कोई घर वालो से नही मिलवाया है , ऐसे भी किसी को कोई भी मतलब नही रहता अगर तुम्हे मिलवा दिया तो वो लोग शक करेंगे और फिर ना जाने शायद तुम्हारे बारे मे पता भी करे और अगर तुम्हे हा मैने उनसे झूठ बोला हो तो फिर ……तो फिर बड़ी परेशानी हो सकती है ..”

“ओह्ह्ह्ह्ह तो ये सब तुम मुझे पहले भी तो बोल सकती थी ना , फिर यहाँ क्यो ले आई “
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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इस बार सुस के होठों मे एक मुस्कान तैर गयी थी


“क्योकि मैं तुमसे बात करना चाहती थी “


“बात तो वहाँ भी हो सकती थी “


“लेकिन वहाँ सब होते है , मैं तुमसे अकेले मे बात करना चाहती थी “


“अकेले मे क्यो..???:?: “


“बस ऐसे ही मुझे और किसी का डिस्टर्बेन्स पसंद नही आता, ऐसे भी तुम मेरे दोस्त हो वो सब नही “
सुस की ये बात सुनकर मैं हैरान हो गया था


“तुम उन्हे पहले से जानती हो ना की मुझे और मैं तुम्हारा दोस्त कब से हो गया मैं तो एक फटीचर था ना “

“हा मुझे ये फटीचर ही पसंद आ गया तो मैं क्या करू “


वो खिलखिलाई साथ ही मैं भी हंसा


“तुम समझ से बाहर हो सुस “


वो चुप हो चुकी थी, जब मैने उसे देखा तो पाया की वो मुझे ही घूर रही थी , बस एकटक मेरे ही चेहरे को देख रही थी … उसकी आँखो मे कुछ तो ऐसा था जिसे मैने कभी नही देखा था ..


“क्या हुआ ऐसे क्या देख रही हो “


“आई लव यू अंकित “


उसने ना सिर्फ़ ये कहा बल्कि मेरे बालो मे अपनी उंगलिया फँसा कर मुझे अपनी ओर खिचने लगी और साथ ही मेरे होठों मे अपने होठों को भी मिला दिया .. मैं बुरी तरह से हैरान हो चुका था, मुझे कैसा रिएक्ट करना चाहिए ये भी मुझे नही पता था , मैने बस अपने होठों को कसकर बंद कर लिए थे लेकिन वो बड़ी ही बेसब्री से मेरे होठों को चूमे जा रही थी …


मैने ज़ोर देकर उसे खुद से अलग किया ..


“सुस ये क्या कर रही हो, हम अभी तो मिले है और तुम ..”
उसने मेरे हाथो को जोरो से अपने हाथो मे पकड़ लिया था उसके आँखो मे आँसू थे जिसे देखकर मैं भी थोड़ा नर्म हो चुका था ..उसने अपने शरीर को मुझसे चिपका दिया था ..


“अंकित ये आज से नही हुआ है ये उस दिन से हुआ जब हम पहली बार मिले थे, आजतक किसी ने भी मुझसे ऐसी बात नही की थी , तुमने मेरी आत्मा को झंझोर दिया था और उसके बाद जब तुमने भाभी के हाथो का पराठा मुझे खिलाया , तुम मुझे बहुत ही पसंद आने लगे थे , और जब जब तुम्हारे पास होती हू तो मुझे लगता है की मेरी दुनिया मे कोई भी परेशानी नही है , तुमने मुझे वो हिम्मत दी है जो अभी तक किसी ने भी नही दी थी , मैं तुम्हे बहुत ही पसंद करती हुई अंकित “


“मैं भी तुम्हे पसंद करता हू सुस लेकिन … ये दोस्ती है ना की प्यार “


मेरी बार सुनकर सुस थोड़ा सा हँसी और मुझसे दूर होकर मेरे सामने खड़ी हो गयी, अभी उसने के वाइट कलर की फ्राक पहनी थी , उसके कपड़े उसके घुटने से उपर ही थे ..


“नही अंकित ये दोस्ती से कही ज़्यादा है , ये पसंद से कही ज़्यादा है , अगर तुम्हे यकीन ना हो तो ये देखो की तुम मेरे जीवन मे कितना महत्व रखते हो “


उसने अपने फ्राकक को नीचे से उठा दिया , मैं कुछ समझ पता उससे पहले ही मेरे सामने जो नज़ारा था उसे देखकर मानो मेरी साँसे ही रुक गयी थी ..


सुस ने एक सफेद रंग की ही पैंटी पहन रखी ती और उसमे लाल रंग से मेरा नाम लिखा हुआ था , अंकित … ऐसा लग रहा था जैसे उसे लिपस्टिक से लिखा गया हो ..


मैं पहली बार किसी लड़की को इस हालत मे देख रहा था , उसके मांसल जांघे मुझे साफ साफ दिख रही थी उसकी पैंटी ऐसे भी उसके योनि को छिपाने मे पूरी तरह से सफल नही हो पा रही थी , वो बहुत ही छोटी सी और पतली पैंटी थी जिसपर यदि मेरा नाम नही लिखा होता तो शायद मुझे सुस की योनि के दर्शन भी हो जाते , उसने बीचो बीच मेरा नाम लिखा था, जो की शायद उसकी योनि की दरार पर था ……..


मेरा गला ये सब देख कर ही सूख गया, ये मेरे जीवन का पहला पल था जहाँ मैं किसी लड़की को ऐसे हालत मे देख रहा था लेकिन …….


लेकिन यही काफ़ी नही था अभी तो सुस की एक और हरकत ने मेरी साँसे ही रोक दी ..


सुस ने अपनी वो पैंटी अपने पैरो से होते हुए उतार दी और उसे मेरे चेहरे मे फेक दिया ………


“ध्यान से देखो इसे अंकित ये मेरे प्यार का प्रूफ है, मैं तुम्हारा नाम उस जगह मे लगा कर घूम रही हू जिसे लड़कियो का सबसे गुप्त अंग कहा जाता है , अब भी तुम ये ही कहोगे की प्यार नही है “


अब मैं क्या कहता ..??


जो हुआ उसने तो मेरा भी दिमाग़ घुमा दिया था , एक तरफ़ मेरी साँसे बेहड़ ही तेज हो गयी थी , दिल की धड़कने तेज थी , वही दूसरी ओर दिमाग़ पूरी तरह से चक्कर खा चुका था ..


लिंग ने भी उत्पात मचाना शुरू कर दिया था ..


क्या सही क्या ग़लत कुछ भी समझ नही आ रहा था .. मैं बुरी तरह से घबराया हुआ वहाँ से भागा .. लेकिन सुस ने फिर से आवाज़ लगाई..


“रूको … मैं तुम पर कोई भी प्रेसर नही डाल रही हू , मैने तो बस अपने दिल की बात कही है … इस बारे मे आराम से सोचना अंकित और ये तुम्हारे लिए है इसे तुम ले जाओ और तुम घर कैसे जाओगे रूको मैं ड्राइवर से बोलकर तुम्हे छुड़वा देती हू ..”


सुस ने मुस्कुराते हुए अपनी पैंटी, जो की ज़मीन मे गिर चुकी थी उसे उठाकर मुझे मेरे हाथो मे दे दिया ……


“मैं … मैं इसका क्या करूँगा “


मैने घबराते हुए कहा, लेकिन वो मुस्कुराइ


“जो मन मे आए करना, लेकिन इसे अपने पास ही रखो “


और वो उसने पैंटी को मेरे हाथो से लेकर मेरे जेब मे डाल दिया ..
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ

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(^%$^-1rs((7)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ

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अपडेट 23

सुस की हरकत से मेरे दिमाग़ का फ्यूज़ ही उड़ चुका था, उसने मुझे घर पहुचने के लिए ड्राइवर का ऑफर दिया लेकिन मैने उसे मना कर दिया, मैं वहाँ से बाहर निकला और तेज़ी के साथ पैदल चलने लगा था ..


मैं अपने ख़यालो मे ही खोया हुआ था की मेरे कानो मे सुस की आवाज़ पड़ी


“नही …. अंकित ..”


वो जोरो से चिल्ला रही थी , मैं अचानक ही अपने ख्वाबो से बाहर आया ..


और जैसे ही मुझे थोड़ा होश आया तो मैने पाया की कोई डंडे जैसी चीज़ मेरे चेहरे के तरफ बढ़ रही थी ..


जैसे मेरे दिमाग़ के सारे तार अचानक से ही आक्टिव हो गये हो , मैं तुरंत ही झुक गया , किसी ने मुझ पर लकड़ी से वॉर किया था, मेरे झुकते ही वो वॉर बेकार हो गया और अचानक से ही जैसे अभी तक सीखी गयी सभी ट्रैनिंग मेरे अंदर से उबाल मार कर बाहर आ गयी , मेरे हाथ अपने आप ही उस मारने वाले इंसान के पेट मे जा लगे और मैने खड़े होते ही अपनी नज़र घुमाई तो देखा की कुछ 4 ब्लॅक ड्रेस पहने लोग मेरी ओर बढ़ रहे है मैं तुरंत ही एक्शन मूड मे आ गया था , उनके हाथो मे डंडे थे लेकिन मैं बिना किसी हथियार के भी उनपर भारी पड़ रहा था , मैं सीधे निशाने पर फोकस करके वॉर कर रहा था , इतने दिनों से जो मुझे सिखाया गया था आज उसका यूज हो रहा था, एक बार तो मुझे यकीन नही आया की मेरी ट्रैनिंग इतनी असरदायक थी ……


तभी सुस की आवाज़ और भी तेज हो गयी


“अरे रुक जाओ ये मेरा दोस्त है ..”


सुस जोरो से चिल्ला कर भागते हुए मेरे पास आ रही थी ..


“रूको ..” एक भारी आवाज़ फिजाओ मे गूँज उठी और सभी लोग जैसे थे वही जम गये , मैं अब भी डिफेन्सिव एक्शन मे ही खड़ा था लेकिन सुस तेज़ी से आकर मेरे पास खड़ी हो गयी और मैं भी रिलॅक्स हो गया था ..


“पापा ये मेरा दोस्त है “


सुस ने लगभग मुझे अपने पीछे छिपाते हुए कहा , मैं जो अभी भी कुछ समझ नही पा रहा था नज़र उठा कर सामने देखा ..


सामने एक लंबा चौड़ा रोबदार मूँछो वाला इंसान खड़ा हुआ मुझे घूर रहा था , कई लोग उसे घेरे हुए थे , रंग गोरा था और काली काली मूँछे पूरे चेहरे मे एक अजीब सी रंगत बिखेर रहे थे …


पापा … यानी यही शख्स था जिसे लोग तिवारी कहते है , कई गार्ड से घिरा हुआ उस शख्स की आँखे लाल थी..


“तुम्हारा दोस्त क्या अँधा और बेहरा है?? जब गार्ड्स ने उसे आवाज़ लगाई तो उसने जवाब क्यो नही दिया, ये तो पापा की तरफ़ तेज़ी से बढ़े ही जा रहा था “


एक लड़के ने कहा , शायद ये सुस का भाई होगा , वही सुस मुझे घुरने लगी , उसकी आँखो मे सवाल था लेकिन मेरी आँखे जब उससे मिली तो शायद उसे जवाब मिल गया और उसके होठों मे मुस्कान आ गयी ..


“अरे पापा असल मे मैने इसे एक पज़्ज़ल पूछा था, और शर्त रखी थी की अगर ये उसे सॉल्व कर लेगा तो इसे मैं प्राइज़ दूँगी , शायद वो उसी सवाल को सोच रहा था और गुम हो गया था क्यो अंकित “


अब उसकी बात तो सच थी मैं उसके ही सवालो मे ही तो खोया हुआ था ..


“जी हा मुझे तो पता ही नही था की कोई मुझे आवाज़ दे रहा है , जब सुस की आवाज़ मेरे कानो मे पड़ी तब मुझे होश आया “


असल मे हुआ ये था की जब मैं घर से बाहर निकला जो की एक बड़े से गार्डन के बीच मे था, मैं एग्ज़िट की तरफ़ ना जाकर गार्डन के अंदर की तरफ़ चलने लगा जहाँ शायद तिवारी और उसके साथी मिलकर बात कर रहे थे, उन्हे देख कर लग रहा था की ये सब अभी अभी कही से आए है , गार्ड्स ने मुझे आवाज़ दी होगी और मैं खोया हुआ था इसलिए मेरे उपर अटॅक कर दिया गया …..


तिवारी अभी भी मुझे खा जाने वाली निगाहो से देख रहा था , तभी एक दूसरे शख्स ने कहा जो की तिवारी से थोड़े कम उमरा का लग रहा था ..


“अच्छा तो ये तुम्हारा दोस्त है बेटी , लड़का तो बड़ा ही चुस्त है , और लड़ना भी जानता है ,कहा से सीखा ये सब “


मैं और सुस एक दूसरे को देखने लगे , मैं कुछ बोलता उससे पहले ही सुस बोल उठी


“भल्ला अंकल असल मे ये गाँव से है , यहाँ हमारे ही कॉलेज मे पढ़ता है, अज्जु का बेस्ट फ्रेंड है उसी ने मुझे इससे मिलवाया था, ये स्वास्तिक अपार्टमेंट मे रूम लेकर रहता है , इसका परिवार गाँव मे है ..शायद वही इसने ये सब सीखा होगा “


अब ये सुस ने कौन से अपार्टमेंट का नाम ले लिया ?? फिर भी सुस की बातों मे बहुत कुछ सच था तो मैने भी कॉन्फिडेन्स के साथ कहा


“जी वो गाँव मे अखाड़ा मे कुश्ती लड़ा करता था और साथ मे एक टीचर ने थोड़ी मार्शल आर्ट भी सिखाई थी तो बस वही है ..”


सुस और मेरी बात सुनकर भल्ला खुश हो गया , अब मुझे याद आया की असल मे अज्जु के पिता को भी भल्ला ही कहा जाता है शायद यही अज्जु का पिता था ..


“ओह ये तो बढ़िया बात है , चलो तुम्हारी और अज्जु की दोस्ती तो हुई “


अब मुझे कन्फर्म हो गया था की यही भल्ला है, भल्ला तिवारी की तरफ़ मुड़ा


“ऐसे एक बात तो है मंत्री जी , लड़के मे दम है , ऐसे ही हमारे लोगो पर अटॅक हो रहे है , आपके परिवार पर भी हमला हो सकता है क्यो ना इस लड़के को ही सुस का बॉडीगार्ड बना दिया जाए , साथ मे रहेगा सुस को भी कंपनी मिल जाएगी और ये अज्जु का दोस्त भी है तो कोई दिक्कत भी नही होगी , इससे आपकी भी चिंता सुस की तरफ़ से ख़त्म हो जाएगी “


मैं कुछ बोलने ही वाला था उससे पहले ही सुस बोल उठी


“हा अंकल ऐसे भी ये अपने घर वालो से झगड़ा कर के आया हुआ है , अपार्टमेंट इसके घर वालो से मिल गया लेकिन अभी इसे पैसे भी चाहिए तो कोई जॉब भी ढूँढ रहा था “


सुस की बाते मेरे दिमाग़ से बाहर जा रही थी आख़िर वो करना क्या चाहती थी ????:?:


“हुम्म ठीक है , आज से इसके लिए भी एक कमरा साफ करवा दो ये यही रहेगा “


तिवारी ने अपनी भारी आवाज़ मे बस इतना ही कहा और वहाँ से निकल गया ..


वही सुस उछाल कर मेरे हाथो को अपने हाथो मे दबा ली , और मैं मूह फाडे ये सब सोचता ही रह गया की ये साला आख़िर हुआ क्या ????


***********


“ये तुमने मुझे किस भसड मे फँसा दिया है ?? “ :


मैं सुस के उपर बुरी तरह से गुस्सा था, वो मुझे अपनी कार मे बैठा कर ना जाने कहा ले जा रही थी ..


“अरे तुम समझते नही , देखो इस तरह से हम दोनो एक दूसरे के पास रह पाएँगे और तुम्हे भी तो अज्जु की शादी तोड़नी है ना “


“हा लेकिन अब मुझे तुमसे डर लगने लगा है “


मेरी बात सुस जोरो से हँसी
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ

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“इतने तगड़े मर्द हो, इतनी मस्त बॉडी है क्या फाइट करते हो और छोटी सी बात से डर गये “


उसके होठों मे अभी भी शरारत भरी मुस्कान थी


“तुमने हरकत ही ऐसी की थी ये क्या है “


मैने अपने जेब की ओर इशारा करके दिखाया जिसमे उसकी पैंटी रखी हुई थी


“मेरा प्यार “


“तुम्हारे इसी बिहेवियर की वजह से तो मुझे डर लग रहा है पता नही तुम ये सब क्या क्या सोच रही हो “


सुस ने मेरी बात का कोई भी जवाब नही दिया बल्कि वो बस गाड़ी चला रही थी, हम दोनो शांत ही थे , उसने गाड़ी एक कॉलोनी मे घुसा दी ..


“ये हम कहा आ गये है “


“वही जहाँ तुम रहते हो “


सुस मुस्कुराइ, जबकि मैने उसे प्रश्नवचक दृष्टि से देखा


“अरे पापा से बोला था ना की स्वास्तिक अपार्टमेंट मे फ्लॅट है तुम्हारा वही लाई हू ..”


“लेकिन मेरा तो यहाँ कोई भी फ्लॅट नही है , और इतने महँगे जगह मे तो मैं सोच भी नही सकता “


सच मे ये बड़ा ही पॉश इलाक़ा लग रहा था , बड़ी बड़ी गाडिया पार्किंग मे पार्क की गयी थी , गगनचुंबी इमारते थी ..


“हा लेकिन मेरा तो है ना अब से वो तुम्हारा होगा “


मैं बुरी तरह से चौक गया


“लेकिन ??”


उसने मेरे होठों मे उंगली रख दी


“लेकिन वेकीन कुछ भी नही, ऐसे भी पापा को बोल चुकी हू की तुम यहाँ रहते हो तो अब से तुम यहाँ रहते हो समझ गये “


“लेकिन तुम्हारे पापा ने तो मुझे घर मे रहने के लिए कहा है “


वो फिर से मुस्कुराइ


“ तुम वहाँ भी रहोगे “


“मैं यहाँ भी रहूँगा मैं वहाँ भी रहूँगा???


और मेरी भाभी मा ..?? उनका क्या होगा मैं उन्हे अकेले नही छोड़ सकता बता देता हू ..


“अरे बाबा उन्हे कौन अकेले छोड़ने बोल रहा है, तुम उन्हे लेकर यहाँ रह सकते हो , और फिर कभी कभी तुम्हे मेरे घर मे भी आना होगा बस ..”


असल मे मुझे सुस की बात अच्छी लगी , ऐसे भी शायद भाभी मा को जब मैं ये फ्लॅट दिखाता तो वो खुस होती..


हम कार से उतर कर लिफ्ट मे गये , लिफ्ट बंद होने ही वाला था की एक लड़की ने दौड़ते हुए लिफ्ट का दरवाजा रोक लिया ..


“हे सुस, वेट फॉर मी “


“ऊ हाई स्वाती ..”


“बहुत दिनों के बाद दिख रही हो “


“या.. यहाँ आना ही नही होता , ऐसे इससे मिलो तुम्हारा नया पड़ोसी अंकित , ये इसी का अपार्टमेंट है , मैं तो बस यहाँ आती जाती हू अब ये यन्हि रहने वाला है “


“ऊहह हाई मैं स्वाती “


उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया , वही मैं अपना मूह खोले उस हुस्न की परी को देख रहा था


“आपको कौन नही जानता “


मेरी बात सुनकर जहाँ सुस ने थोड़ी नाराज़गी से मुझे देखा वही स्वाती के होठों मे मुस्कान आ गयी ..


“थॅंक्स .. आप मेरी फिल्म्स देखते हो “


“ऑफ कोर्स आपकी पिछली फिल्म तो मेरी फेव थी क्या आक्टिंग की थी आपने “


मेरी बात सुनकर स्वाती खुस हो गयी


“थॅंक्स “


तभी दरवाजा खुला और हमारा अपार्टमेंट आ गया


“ ओके बाइ सुस , बाइ अंकित , अब तो मिलना होता रहेगा “


वो हसते हुए हमे बाइ करने लगी जिसका सुस ने कोई भी जवाब नही दिया , वही स्वाती ने जब मेरा नाम लिया था तो उसने नाम पर थोड़ा ज़्यादा ज़ोर दिया था , शायद यही सुस के चिढ़ने की वजह भी थी ..


“वाउ यार स्वाती कपूर तुम्हे जानती है “


फ्लॅट मे घुसते हुए मैं जैसे चीख पड़ा , वही सुस ने मूह बनाया


“कौन सी बड़ी बात है , बाजू मे ही तो रहती है “


“तुम्हारे लिए नही होगा लेकिन मेरे गाँव मे अगर किसी को पता चल गया ना की मैं स्वाती कपूर के साथ एक ही लिफ्ट मे था तो … तो सोच भी नही सकती की वहाँ के लड़के कभी इसे नही मानेंगे , वाउ स्वाती कपूर , तुमने उनका वो गाना सुना है ..”


मैं गाने ही वाला था लेकिन सुस ने मुझे गुस्से से घूरा


“तुम ये ग़रीबो वाली हरकत करना बंद नही कर सकते क्या ?? अब वो तुम्हारी पड़ोसी है , और ये आक्टर, मॉडेल लोग हमारे सामने क्या है , जब मेरा पापा चाहे इनको नचा देते है , मेरे बर्तडे तक मे ये लोग आ कर नाचते है , और तुम उसके साथ ऐसे बिहेव करके मेरी बेज़्जती कर रहे थे , उस साली की औकात क्या है मेरे सामने , किराए के मकान मे रहती है अभी एक कंप्लेन कर दूं तो उसका बोरिया बिस्तर फेक देंगे कॉलोनी वाले “


सुस का गुस्सा देख कर मैं चुप ही हो गया ..
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