Incest मर्द का बच्चा

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badlraj
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by badlraj »

मस्त अपडेट है मित्र । अगले अपडेट की प्रतीक्षा ।
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

चाची- लल्लू बेटा. तुम्हे काम था चॉक पर. लेट हो जायगा तुम्हे. अपना काम कर लो जा कर.

लल्लू चुप चाप वहाँ से निकल लिया.
लल्लू बाइसिकल उठाया और चॉक चला गया.
वहाँ जिसका बाइसिकल था उसे दे के थॅंक्स किया और नाइ के पास चला गया.

नाई इस समय खाली ही बैठा था तो तुरंत उस से अपना बाल सेट करवाया और वापस घर की और चल दिया.
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josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

अपडेट 4.

घर आ कर लल्लू आँगन में जा कर नाले पर नहाने चला गया.

वहाँ से नहा कर वो घर आया. अपने कपड़े निकाल कर पहनने लगा.

मा- आज ये वाले कपड़े पहन ले बाबू. वो पुराने हो गये है.

लल्लू- पुराने हो गये तो क्या हुआ है तो मेरे ही. नया में पहनूंगा तो पुराना कौन पहनेगा.

मा- ये बाद में पहन लेना. आज ये पहन ले.

लल्लू मा के दिए कपड़े पहनने लगा.

गाँव में अमूमन लोग धोती ही पहनते थे पहले. अब तो लगता ही नही की गाँव है. वहाँ भी सारे फैशों वाले कपड़े पहुच गये है.

धोती खोल कर वो पेंट पहनने लगा तो दोनो पैर एक साइड ही डाल रहा था.

मा वही खड़ी हो कर देख रही थी.

एक तो कच्छे में उसका लुल्ली खड़ा था तो मा की नज़र का मुख्य आकर्षण का केन्द्र तो वही था लेकिन ये लल्लू जो बेढंगा कपड़ा पहन रहा था.
मा देख कर हँसने लगी.

लल्लू दोनो पैर एक साइड डाल रहा था और वो उस में जा नही रहा था तो लल्लू डगमगा कर गिरने लगा.
मा वही पास खड़ी थी तो लल्लू मा को ही पकड़ने को हाथ बढ़ाया और लल्लू की किस्मत…
उसके हाथ में मा का कंधे के बदले उसकी एक चुचि आ गई.
लल्लू को हाथ में गुदगुदी मुलायम लग रहा था तो वो पकड़ कर ज़ोर से दबा दिया.
मा की सिसकी निकल गई.

मा- क्या कर रहा है मुआ छोड़ मुझे.( लल्लू क हाथ पर थप्पड़ मारती बोली.

लल्लू सर उठा कर देखा तो देखता है की ग़लती से दूध पकड़ लिया है मा का तो उसने हड़बड़ा कर छोड़ दिया.

लल्लू- मा मेरे से नही पहना जा रहा ये. कैसे पहनु इसे.

मा- ला में पहना देती हू.
फिर मा बैठ कर उसे पेंट पहना दी.
फिर उसके ऊपर शर्ट पहन लिया.

मा- (आँखो से काजल निकाल कर उसे कान के पीछे लगाते हुए.) बहुत सुंदर लग रहा है मेरा राजा बेटा.

लल्लू- मेरी मा भी तो सब से सुंदर है.

मा- अब जा और ब्याह वाले घर जा कर देख वहाँ तुम्हारी सभी बहन गई है.

लल्लू- तुम नही गई मा.
मा- अब में भी जाउन्गी.

लल्लू- फिर यहाँ कौन रहेगा मा.

मा- अभी तो तेरा प्यारी काकी रहेगी. जब बारात आ जायगा तब तेरे दादा जी यहाँ रहेंगे और काकी भी आ जाएँगी वहाँ.

लल्लू - ठीक है मा फिर चलो हम साथ ही चलते है.

फिर मा भी तैयार होने चली गई.

लल्लू बाहर आ गया और इधर उधर देखने लगा.

लल्लू- कहा छुपी हो काकी. में कब से तुम्हे ढूँढ रहा हू.

ऋतु काकी- क्यू मुझे क्यू ढूँढ रहा था. आज बड़ा सुंदर लग रहा है मेरा बेटा.

लल्लू- मेरी प्यारी काकी भी तो सुंदर है.

काकी- हा हा मस्का मत लगा. बता क्यू ढूँढ रहा था.

लल्लू- आप अभी हमारे साथ नही चल रही हो शादी वाले घर.
काकी- में वहाँ जाउन्गी तो यहाँ कौन रहेगा.

लल्लू- तो क्या में तुम्हारे साथ रुक जाऊ.

काकी- ना बेटा तू जा वहाँ मज़े कर. बस अपना ख़याल रखना. किसी से लड़ना नही वहाँ बहुत से लोग आए होंगे.

लल्लू- ठीक है काकी. आप कहती हो तो नही रुकता. वैसे आप का मन हो तो बता देना. में अमृत ले कर आ जाउन्गा.

काकी- चल भाग. ( काकी उसे कमरे से धकेलते हुए बोली.)
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

लल्लू वहाँ से बाहर आँगन में आ गया.
तभी काजल तैयार हो कर बाहर निकली.

आ क्या लग रही थी. बिल्कुल मक्खन.

लल्लू तो मूह खोले बस अपनी मा को ही देखे जा रहा था.
मा- मूह बंद कर ले मखी चला जायगा. ( मा मुस्कुराती बोली.

लल्लू- मा आप इतनी सुंदर कैसे हो.

लल्लू- चुप. मार खाएगा. बिल्कुल चुप चाप चल.( होंठो पर उंगली रखती लल्लू को देख कर बोली.)

लल्लू अपने होंठो पर वैसे ही उंगली रख लिया जैसे काजल दिखाई थी.

काजल आगे आगे और लल्लू उसके मटके को ऊपर नीचे होता हुआ चलता देख रहा था.

लल्लू- मा ये इतना बड़ा कैसे हो गया.

मा- (मार कर लल्लू को देखता हुआ) क्या बड़ा हो गया है.

लल्लू- यही आप के कमर तक लहराते लंबे काले घने बाल.

मा- तुम्हे बोला था ना चुप चाप चलने को.
लल्लू फिर उंगली अपने होंठो पर रख कर चलने लगा.


थोड़ी देर में दोनो मा बेटे शादी वाले घर पहुच गये.

मा- जा कर काका से पूछ लेना कोई काम हो तो कर देना और किसी से लड़ना झगड़ना नही.

लल्लू- ठीक है मा.
लल्लू वहाँ से बाहर चल दिया जहा बरातीयो के रहने की वायवस्था थी.

बाहर टेंट लगा दिया गया था और बहुत सुंदर सजावट के साथ वहाँ सारा इंतज़ाम हो रखा था.
लल्लू वहाँ से घूमता हुआ जहा खाना बन रहा था वहाँ जा कर देखा.
तो वहाँ भी ऑलमोस्ट सब रेडी ही था बस बरातीयो का इंतजार था.

सब कुछ देख कर लल्लू घूमता हुआ वहाँ से शादी वाले आँगन में आ गया.

आँगन में एक से एक फुलझड़ी थी. जैसे एक से एक तितलिया बगीचे में एक फूल से दूसरे फूल पर मंढराती रहती है वैसे ही आज यहाँ एक से एक फुलझड़िया एधर उधर कर रही थी.

लल्लू घूमता हुआ ऐसे ही घर के पीछे की और निकल गया उधर पालतू जानवरों के लिए शेड बना हुआ था और दो कमरे भी थे.

लल्लू इधर उधर धारकता वहाँ शेड के पास आ कर उसके नीचे बैठ गया.

तभी एक कमरे से कुछ आवाज़ आई.

लल्लू उठ कर उधर गया देखा तो कमरे बंद थे बाहर से.
वहाँ से वापस आने लगा तो फिर आवाज़ आई उधर से ही.

लल्लू अब कोई खिड़की देखने लगा जहा से अंदर देखा जाये.

जब घूम कर कमरे क पीछे गया तो एक खिड़की टूटी हुई थी जिस पर परदा लगा हुआ था.

उस पर्दे को उठा कर देखा तो देखता है की एक औरत झुकी हुई है और उसके पीछे एक लड़का हिल रहा है.
उसका पैंट उसके पैरो में ज़मीन पर गिरा हुआ था.

लल्लू का दिल किया कि इन्हे डरा कर भगा दे लेकिन फिर सोचा की देखे तो सही ये है कौन.

2 मिनिट्स बाद लड़का खाली हो गया उस औरत के अंदर और साइड हो कर अपना पेंट पहनने लगा.
वो औरत भी खड़ी हो गई.
जब वो घूम कर खिड़की की और हुई तो लल्लू उसका चेहरा देख कर चकरा गया.

बहनचोद ये यहाँ मरवा रही है.
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