लल्लू ऋतु की चूत के पास नाक ले जा कर उस में से आती सुगंध को सूंघने लगा.
ऋतु की चूत से बहुत मादक खुश्बू आ रही थी.
अभी अभी ऋतु एक बार झारी थी तो खुश्बू थोड़ी ज़्यादा ही आ रही थी.
लल्लू से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो गया था.
लल्लू मूह खोल कर ऋतु की चूत को पूरा एक बार में ही मूह में भर लिया.
ऋतु- आअहह. ये क्या कर रहा है. वो गंदी जगह है. वहाँ से मूह हटा मुआअ. ( ऋतु लल्लू के सिर पर हाथ से सहलाती बोली)
लल्लू तो अभी बहरा हो गया था. वो तो किसी और दुनिया में पहुच गया था. वो मज़े से ऋतु की चूत को पूरा मूह में भरे चूसे जा रहा था और दोनो हाथो से ऋतु के दूध को मिच रहा था.
ऋतु- आहह. ज़रा धीरे बेटा. बहुत मज़ा आ रहा है. कहा था अब तक तू. मुझे पता होता की इतना मज़ा आएगा तो कब का तुम से चुदवा लेती.
ऋतु का पूरा बदन थरथरा रहा था मज़े से.
लल्लू अब चूत में अपना जीभ निकाल कर घुसा ए जा रहा था.
ऋतु दूसरी बार झरने वाली थी.
ऋतु- आहह, मुआअ क्या कर दिया तूने. ये कैसा आग लगा दिया. मुझे ये क्या हो रहा है.
मार जाउन्गी में. प्लस्स छोड़ दे मुझे…
आहह…. मेणिी.. गैइइ रे… मुआअ..
ऋतु दूसरी बार झरने लगी…
ऋतु का पूरा शरीर कांप रहा था.
लल्लू अपना मूह लगाए चूत रस पीने में लगा हुआ था. बड़ा मजेदार लग रहा था.
ऋतु अभी तक कांप रही थी.
लल्लू ऋतु को पकड़ कर अपने आगोश में ले लिया.
थोड़ी देर में जब संभली ऋतु तो लल्लू की पीठ पर दो मुक्का लगा दी.
ऋतु- ये कर दिया था मुझे तू मुआ. मुझ से सास ही नही लिया जा रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे में किसी और ही दुनिया में पहुच गई हूँ.
लल्लू- एक बार फिर जाना चाहेगी उस दुनिया में.
ऋतु- ना बाबा ना. अब मेरे में इतनी ताक़त नही बची. अब में मर ही जाउन्गी.
लल्लू- कुछ नही होता. अभी मारी क्या तुम. मज़े से भी कोई मरता है क्या.
ऋतु- तू ही कर ऐसा मज़ा. मुझे नही करना.
लल्लू- जब तू नही करेगी तो में क्या अकेले मज़े करू.
ऋतु लेटी हुई लल्लू के मूह को पकड़ कर उसके पूरे चेहरे को चूमने लगी.
ऋतु- कहा से सीखा ये सब.
लल्लू- बस तुम्हे देख कर अपने आप आ गया रानी.
लल्लू ऋतु का एक हाथ पकड़ कर उसे अपने लंड पर रख दिया.
लल्लू- बहुत दर्द कर रहा है अब इसका कुछ कर दे ना.
ऋतु- क्या कर दूँ.
लल्लू- ज़्यादा कुछ नही तो कम से कम जैसे उस रात की थी वैसे ही कर दे.
ऋतु- तू चुप चाप यू ही लेटा रह.
ऋतु लल्लू के ऊपर आ कर उसके पूरे चेहरे को चाटने लगी फिर उसके छाती पर आ कर लल्लू के एक चूचुक को अपने जीभ क नोक से सहलाने लगी.
लल्लू सिसक उठा.
लल्लू अपने हाथ से ऋतु के गान्ड को पकड़ कर दबाने लगा.
ऋतु एक चूचुक से खेलने के बाद ऐसे ही दूसरे के साथ भी की.
फिर ऋतु उस से नीचे आ कर लल्लू के छाती को चाटती हुई उसके पेट को चाटने लगी.
पेट से होता हुआ ऋतु लल्लू के कमर से नीचे आ कर उसके बॉल्स को मूह में ले कर चूसने लगी.
फिर मूह हटा कर काफ़ी सारा थूक लल्लू के लंड पर थूक कर उसे हाथ से मलने लगी.
और फिर एक बार लल्लू के बॉल्स को मूह में ले ली.
लल्लू का लंड ऋतु के एक हाथ में पूरा समा नही रहा था तो ऋतु दोनो हाथो से उसके लंड को मालिश दे रही थी.
लल्लू से अब बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था.
लल्लू उठ कर ऋतु के कमर को पकड़ कर अपनी और घुमा लिया और अपने ऊपर खिच लिया अब दोनो 69 पोज़िशन में आ गये थे.
लल्लू ऋतु के गान्ड को दोनो हाथो से फैला कर उस में अपना मूह घुसा दिया.
ऋतु की आँखे मज़े से बंद गई वो मूह हटा कर लल्लू के लोले को अपने मूह में ले ली.
लल्लू का लोडा ऋतु के मूह के हीशब से मोटा ज़्यादा था लेकिन जितना जा रहा था ऋतु उतने को ही मूह में ले कर चुभला रही थी जीभ चला रही थी लोडा के टोपे पर.
Incest मर्द का बच्चा
-
- Platinum Member
- Posts: 5361
- Joined: 22 Dec 2017 15:27
Re: Incest मर्द का बच्चा
Friends read my other stories
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
-
- Platinum Member
- Posts: 5361
- Joined: 22 Dec 2017 15:27
Re: Incest मर्द का बच्चा
लल्लू ऋतु के गान्ड क फलो को फैलाए उस क गुलाबी छेड़ में जीभ घुमा रहा था.
फिर लल्लू जीभ को ऋतु के पानी छोड़ती चूत में लगा कर चाटने लगा.
अब लल्लू के बॉल्स फूलने पिछकने लगा था.
जैसे कुछ निकलने वाला है.
लल्लू ऋतु को हटा दिया और उसे पलट कर उसके चुचे को मूह में ले कर काटने लगा.
ऋतु अचानक इस हमले से घबरा गई और लल्लू को मुक्के से मारने लगी.
लल्लू को इस से क्या होने वाला था.
फिर लल्लू मूह उठा कर ऋतु के होंठो को मूह में भर कर चूसने लगा.
ऋतु अपने दोनो पैरो को उठा कर कैची बना कर लल्लू को अपने से पूरा जकड ली
लल्लू होंठो को चूस्ता हुआ ऋतु के दूध को मिच रहा था.
ऋतु- उउउहह अब मुझे बर्दास्त नही होगा. अब कुछ कर कब तक तड़पाता रहेगा. चोद दे मुझे ये डंडा डाल कर मार मुझे.
लल्लू उठ कर ऋतु के पैरो को पास आ गया और ढेर सारा थूक निकाल कर अपने लंड पर लगा लिया.
लल्लू ऋतु के दोनो पैर को उठा कर अपने दोनो हाथो में ले कर अपना लोला ऋतु की चूत के छेद पर लगा दिया.
ऋतु तकिया उठा कर अपने मूह पर रख लिया दबा कर.
लल्लू एक हल्का धक्का लगाया.
ये लल्लू का पहली बार था तो उसे सही अंदाज़ा भी नही था.
लल्लू का लोला फिसल कर ऋतु के पेट पर जा पहुचा.
ऋतु- मुआअ इतना बड़ा लोला रखा है और कैसे चोदते है ये भी नही पता.
ऋतु लल्लू के लौड़े को पकड़ कर अपने बर के छेद कर लगा दिया और पकड़े रही.
ऋतु- मार हल्के से धक्का.
लल्लू कमर पीछे कर एक धक्का लगा दिया.
लल्लू का लोला फिसलता हुआ ऋतु की चूत को फैला कर टोपा तक अंदर चला गया.
ऋतु अपने हाथ से अब तकिये को दबा कर पकड़ लिया.
लल्लू को लग रहा था जैसे अंदर उसका लोला पिघलता जा रहा है. इतनी गर्मी थी अंदर चूत में . भट्टी की तरह गर्मी था अंदर.
लल्लू मज़े से बहाल था.
लल्लू कमर पीछे किया और एक धक्का लगा दिया. उसे ज़्यादा पता तो था नही धक्का थोड़ा ज़ोर का लग गया.
ऋतु कराहती हुई छटपटाने लगी.
लल्लू का लोला आधे से ज़्यादा घुश गया था ऋतु की चूत को फैला कर.
ऋतु को ल्ग रहा था जिसे किसी ने गर्म सरिया उसकी चूत में घुसा दिया है.
ऋतु- मुआअ आराम से कर. मरेगा क्या. आ फट गई मेरी चूत . हाय्यी कहा फस गई हे भगवान. फट गई मेरी चूत .. गधे का लोला है हरामी का.
लल्लू को अब बर्दाश्त करना मुस्किल हो रहा था.
वो अब रुक नही पा रहा था. ऋतु के चुचे को मीसता हुआ लल्लू जितना लॉडा अंदर गया था इतने से ही ऋतु की चुदाई सुरू कर दी.
लल्लू सटासट अपना लोला निकाल कर पेले जा रहा था.
ऋतु को बहुत दर्द कर रहा था.
अनिल अब ऋतु के साथ सोना कई सालो से छोड़ दिया था.
ऋतु की कई साल से ठुकाई नही हुई थी तो अभी उसका चूत की झिल्ली छोटी हो गई थी.
ऋतु- आराम आराम से चोद मुआ.. बहुत दर्द कर रहा है.
ऋतु लल्लू को पकड़ कर अपने ऊपर खिच ली.
लल्लू का पूरा लॉडा ऋतु की गहराई में घुस गया.
ऋतु- आहह ये तो पेट फाड़ देगा. आ मा रीि. हाय्यी आज तो मॅर गैइइ… हे माआ. बचा ली.. रे..
लल्लू ऋतु पर लेटा अब घचा घच चोदे जा रहा था.
लल्लू अब अपने आप को रोक नही पा रहा था वो पूरा लॉडा निकाल निकाल कर ऋतु की चूत में पेले जा रहा था.
ऋतु- मररर.. गाइ.. अया आ क्या करते रहहाअ है.. आराम्म से.
लल्लू तो सातवे आसमान पर अर रहा था. उसका लोला किसी पिस्टन की तरह ऋतु की चूत में अंदर बाहर हो रहा था.
लल्लू- आअहह ऋतु. कितना गर्मम्म अंदर.. में पिघल्ल्ल रहा हूँ…
लल्लू बैठ कर ऋतु के गान्ड के नीचे दोनो हाथ दे कर उठा लिया और सटसट पेलने लगा.
ऋतु- अया.. आहह.. आहह. धीरे… कर ना मरे गया. क्या…
ऋतु दो बार इस बीच झड़ चुकी थी.
ऋतु की चूत से अब फूच...फ्फूच्च की आवाज़े आ रही थी..
लल्लू भी अब अपने चरम पर पहुच चुका था.
लल्लू एक हाथ से गान्ड उठाए एक हाथ से ऋतु के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाता पूरी गहराई में अपना लॉडा उतरता झरने लगा.
ऋतु- आअहह.. मेनीी गैइइ री माइईइ.. करती हुई लल्लू के लावे को महसूस कर वो भी झड़ गई.
लल्लू जड़ तक अपना लॉडा थोक कर ऋतु के ऊपर ढेर हो गया.
दोनो पसीने से पूरा भीग गये थे. बिस्तर तो अब बचा ही नही था इन दोनो के मल्लयुद्ध में.
दोनो वही नंगे एक दूसरे से चिपके ही ऐसे ही सो गये.
फिर लल्लू जीभ को ऋतु के पानी छोड़ती चूत में लगा कर चाटने लगा.
अब लल्लू के बॉल्स फूलने पिछकने लगा था.
जैसे कुछ निकलने वाला है.
लल्लू ऋतु को हटा दिया और उसे पलट कर उसके चुचे को मूह में ले कर काटने लगा.
ऋतु अचानक इस हमले से घबरा गई और लल्लू को मुक्के से मारने लगी.
लल्लू को इस से क्या होने वाला था.
फिर लल्लू मूह उठा कर ऋतु के होंठो को मूह में भर कर चूसने लगा.
ऋतु अपने दोनो पैरो को उठा कर कैची बना कर लल्लू को अपने से पूरा जकड ली
लल्लू होंठो को चूस्ता हुआ ऋतु के दूध को मिच रहा था.
ऋतु- उउउहह अब मुझे बर्दास्त नही होगा. अब कुछ कर कब तक तड़पाता रहेगा. चोद दे मुझे ये डंडा डाल कर मार मुझे.
लल्लू उठ कर ऋतु के पैरो को पास आ गया और ढेर सारा थूक निकाल कर अपने लंड पर लगा लिया.
लल्लू ऋतु के दोनो पैर को उठा कर अपने दोनो हाथो में ले कर अपना लोला ऋतु की चूत के छेद पर लगा दिया.
ऋतु तकिया उठा कर अपने मूह पर रख लिया दबा कर.
लल्लू एक हल्का धक्का लगाया.
ये लल्लू का पहली बार था तो उसे सही अंदाज़ा भी नही था.
लल्लू का लोला फिसल कर ऋतु के पेट पर जा पहुचा.
ऋतु- मुआअ इतना बड़ा लोला रखा है और कैसे चोदते है ये भी नही पता.
ऋतु लल्लू के लौड़े को पकड़ कर अपने बर के छेद कर लगा दिया और पकड़े रही.
ऋतु- मार हल्के से धक्का.
लल्लू कमर पीछे कर एक धक्का लगा दिया.
लल्लू का लोला फिसलता हुआ ऋतु की चूत को फैला कर टोपा तक अंदर चला गया.
ऋतु अपने हाथ से अब तकिये को दबा कर पकड़ लिया.
लल्लू को लग रहा था जैसे अंदर उसका लोला पिघलता जा रहा है. इतनी गर्मी थी अंदर चूत में . भट्टी की तरह गर्मी था अंदर.
लल्लू मज़े से बहाल था.
लल्लू कमर पीछे किया और एक धक्का लगा दिया. उसे ज़्यादा पता तो था नही धक्का थोड़ा ज़ोर का लग गया.
ऋतु कराहती हुई छटपटाने लगी.
लल्लू का लोला आधे से ज़्यादा घुश गया था ऋतु की चूत को फैला कर.
ऋतु को ल्ग रहा था जिसे किसी ने गर्म सरिया उसकी चूत में घुसा दिया है.
ऋतु- मुआअ आराम से कर. मरेगा क्या. आ फट गई मेरी चूत . हाय्यी कहा फस गई हे भगवान. फट गई मेरी चूत .. गधे का लोला है हरामी का.
लल्लू को अब बर्दाश्त करना मुस्किल हो रहा था.
वो अब रुक नही पा रहा था. ऋतु के चुचे को मीसता हुआ लल्लू जितना लॉडा अंदर गया था इतने से ही ऋतु की चुदाई सुरू कर दी.
लल्लू सटासट अपना लोला निकाल कर पेले जा रहा था.
ऋतु को बहुत दर्द कर रहा था.
अनिल अब ऋतु के साथ सोना कई सालो से छोड़ दिया था.
ऋतु की कई साल से ठुकाई नही हुई थी तो अभी उसका चूत की झिल्ली छोटी हो गई थी.
ऋतु- आराम आराम से चोद मुआ.. बहुत दर्द कर रहा है.
ऋतु लल्लू को पकड़ कर अपने ऊपर खिच ली.
लल्लू का पूरा लॉडा ऋतु की गहराई में घुस गया.
ऋतु- आहह ये तो पेट फाड़ देगा. आ मा रीि. हाय्यी आज तो मॅर गैइइ… हे माआ. बचा ली.. रे..
लल्लू ऋतु पर लेटा अब घचा घच चोदे जा रहा था.
लल्लू अब अपने आप को रोक नही पा रहा था वो पूरा लॉडा निकाल निकाल कर ऋतु की चूत में पेले जा रहा था.
ऋतु- मररर.. गाइ.. अया आ क्या करते रहहाअ है.. आराम्म से.
लल्लू तो सातवे आसमान पर अर रहा था. उसका लोला किसी पिस्टन की तरह ऋतु की चूत में अंदर बाहर हो रहा था.
लल्लू- आअहह ऋतु. कितना गर्मम्म अंदर.. में पिघल्ल्ल रहा हूँ…
लल्लू बैठ कर ऋतु के गान्ड के नीचे दोनो हाथ दे कर उठा लिया और सटसट पेलने लगा.
ऋतु- अया.. आहह.. आहह. धीरे… कर ना मरे गया. क्या…
ऋतु दो बार इस बीच झड़ चुकी थी.
ऋतु की चूत से अब फूच...फ्फूच्च की आवाज़े आ रही थी..
लल्लू भी अब अपने चरम पर पहुच चुका था.
लल्लू एक हाथ से गान्ड उठाए एक हाथ से ऋतु के चुचे को ज़ोर ज़ोर से दबाता पूरी गहराई में अपना लॉडा उतरता झरने लगा.
ऋतु- आअहह.. मेनीी गैइइ री माइईइ.. करती हुई लल्लू के लावे को महसूस कर वो भी झड़ गई.
लल्लू जड़ तक अपना लॉडा थोक कर ऋतु के ऊपर ढेर हो गया.
दोनो पसीने से पूरा भीग गये थे. बिस्तर तो अब बचा ही नही था इन दोनो के मल्लयुद्ध में.
दोनो वही नंगे एक दूसरे से चिपके ही ऐसे ही सो गये.
Friends read my other stories
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
-
- Platinum Member
- Posts: 5361
- Joined: 22 Dec 2017 15:27
Re: Incest मर्द का बच्चा
Friends read my other stories
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
-
- Platinum Member
- Posts: 5361
- Joined: 22 Dec 2017 15:27
Re: Incest मर्द का बच्चा
अपडेट 9.
सुबह के चार बजे लल्लू की नींद खुल गई.
थकावट बहुत हो रखी थी लेकिन इस समय उठने का एक आदत हो गया था तो नींद खुल गई लल्लू की.
उठ कर बैठ गया. देखा तो वो और ऋतु दोनो रात में नंगे ही सो गये थे. लल्लू उठ कर पहले लाइट जला दिया.
लाइट जलते ही कमरे में उजाला फैल गया जहा बेड से नीचे दोनो सोए पड़े थे अभी बिस्तर तो सारा सिमट क एक जगह इक्कथा हो गया था.
ऋतु अभी भी सोई हुई थी.
लल्लू ऋतु की गदराई गोरी बदन को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था.
इस समय ऋतु पीठ के बल लेटी हुई थी.
साष लेने से उसकी चुचिया ऊपर नीचे हो रहा था.
बड़ा मनमोहक दृश्य था.
भरे हुए गाल. पतले होंठ जो रात की चूसाई से अभी फूल गया था.
लंबी गर्दन और उस से नीचे एवरेस्ट चोटी की तरह सर उठाए मोटे मोटे चुचे जो रात क मर्दन से लाल हुआ पड़ा था. कही कही काटने के निशान भी था.
डेढ़ दो इंच लंबे चूचुक जिस पर खून सी लाली आ गई थी.
फुल्ली हुई चिकनी मखमली पेट, गहरी नाभि और उस से नीचे वो जन्नत का द्वार जिस के दर्शन के लिए ही ना जाने कितने खून बहा दिए जाते है
ऋतु की बुर का तो क्या कहना. छोटी छोटी बाल ट्रिम किया हुआ बहुत सुंदर था. बुर की हालत बहुत दयनीय थी अभी लेकिन अभी तो पता नही चलता था की पहले कैसी थी क़्की अभी उसके होंठ फुल कर दोनो तरफ से चिपक कर ऐसा परतीत हो रहा था जैसे यहाँ कोई सुराख ही नही है.
लल्लू और ऋतु दोनो के वीर्य जो सुख गया था अभी साथ में थोड़ा खून भी निकला था सयद क़्की चारो और वीर्य के साथ लाली फैली थी.
मोटे मोटे मंशाल जंघे. देख कर लल्लू का मन कर रहा था की इन जाँघो को जीभ निकाल कर चाट ले दांतो से खूब काटे.
ऐसे मनमोहक दृश्य देख कर लल्लू का लॉडा अपना सर उठा चुका था.
वो आगे बढ़ कर ऋतु के चुचे को मुट्ठी में भर कर दबाने लगा.
तभी दूसरे कमरे में आवाज़ आई.
लल्लू का मन नही कर रहा था छोड़ने का लेकिन अभी अब वक्त नही था तो वो कपड़े पहन कर पहले ऋतु के गालो को अपने दाँतों से काट कर उठा दिया.
ऋतु- हाय्यी माआ. ये जालिक नीरा पागल है. सोए हुए को कैसे उठाते है ये भी नही पता इसे
ऋतु अपने गाल को सहलाती हुई उठ कर बैठ गई तब उसे एहसास हुआ की वो किस हाल में है अभी.
ऋतु- हाय्यी रामम… में ऐसे ही कैसे सो गई.
ऋतु झपट कर चादर उठा कर अपने बदन पर ओढ़ ली.
ऋतु- मुआ खड़ा खड़ा हस रहा है. ऐसे भी कोई करता है क्या.
लल्लू- मैने क्या किया है.
ऋतु- मैने क्या किया है.( नकल उतारती हुई.)
अब क्या बाकी रह गया है मुआ. और क्या करना चाहता है.
लल्लू- फिलहाल तो एक मीठी सी चुम्मि दे दो मेरी प्यारी लुगाई. बाकी आज रात में में खुद ले लूँगा.
लल्लू आगे बढ़ कर ऋतु के होंठो को अपने होंठो से लगा कर चूसने लगा.
थोड़ी देर चूसने के बाद लल्लू ऋतु से अलग हो गया.
लल्लू- जल्दी से कपड़े पहन लो. किसी भी वक्त काका आ सकते है.
लल्लू ऋतु को उसका कपड़ा पकड़ाती बोली.
ऋतु झपट कर कपड़े ली और जल्दी से पहन ली.
फिर एक एक कर दोनो वॉशरूम जा कर फ्रेश हुए.
तब तक दादू और काका भी उठ कर फ्रेश हो गये थे.
फिर चारों एक बॅग में कपड़ा ले कर चल दिए स्नान के लिए.
बहुत भीर था वहाँ. दादू सब से आगे चल रहे थे. वो यहाँ कई बार आ चुके थे तो उन्हे पता था यहाँ का.
उनके साथ काका चल रहे थे.
दोनो के पीछे ऋतु का हाथ पकड़े लल्लू ऋतु का पति की तरह उसके साथ चल रहा था.
सुबह के चार बजे लल्लू की नींद खुल गई.
थकावट बहुत हो रखी थी लेकिन इस समय उठने का एक आदत हो गया था तो नींद खुल गई लल्लू की.
उठ कर बैठ गया. देखा तो वो और ऋतु दोनो रात में नंगे ही सो गये थे. लल्लू उठ कर पहले लाइट जला दिया.
लाइट जलते ही कमरे में उजाला फैल गया जहा बेड से नीचे दोनो सोए पड़े थे अभी बिस्तर तो सारा सिमट क एक जगह इक्कथा हो गया था.
ऋतु अभी भी सोई हुई थी.
लल्लू ऋतु की गदराई गोरी बदन को खा जाने वाली नज़रो से देख रहा था.
इस समय ऋतु पीठ के बल लेटी हुई थी.
साष लेने से उसकी चुचिया ऊपर नीचे हो रहा था.
बड़ा मनमोहक दृश्य था.
भरे हुए गाल. पतले होंठ जो रात की चूसाई से अभी फूल गया था.
लंबी गर्दन और उस से नीचे एवरेस्ट चोटी की तरह सर उठाए मोटे मोटे चुचे जो रात क मर्दन से लाल हुआ पड़ा था. कही कही काटने के निशान भी था.
डेढ़ दो इंच लंबे चूचुक जिस पर खून सी लाली आ गई थी.
फुल्ली हुई चिकनी मखमली पेट, गहरी नाभि और उस से नीचे वो जन्नत का द्वार जिस के दर्शन के लिए ही ना जाने कितने खून बहा दिए जाते है
ऋतु की बुर का तो क्या कहना. छोटी छोटी बाल ट्रिम किया हुआ बहुत सुंदर था. बुर की हालत बहुत दयनीय थी अभी लेकिन अभी तो पता नही चलता था की पहले कैसी थी क़्की अभी उसके होंठ फुल कर दोनो तरफ से चिपक कर ऐसा परतीत हो रहा था जैसे यहाँ कोई सुराख ही नही है.
लल्लू और ऋतु दोनो के वीर्य जो सुख गया था अभी साथ में थोड़ा खून भी निकला था सयद क़्की चारो और वीर्य के साथ लाली फैली थी.
मोटे मोटे मंशाल जंघे. देख कर लल्लू का मन कर रहा था की इन जाँघो को जीभ निकाल कर चाट ले दांतो से खूब काटे.
ऐसे मनमोहक दृश्य देख कर लल्लू का लॉडा अपना सर उठा चुका था.
वो आगे बढ़ कर ऋतु के चुचे को मुट्ठी में भर कर दबाने लगा.
तभी दूसरे कमरे में आवाज़ आई.
लल्लू का मन नही कर रहा था छोड़ने का लेकिन अभी अब वक्त नही था तो वो कपड़े पहन कर पहले ऋतु के गालो को अपने दाँतों से काट कर उठा दिया.
ऋतु- हाय्यी माआ. ये जालिक नीरा पागल है. सोए हुए को कैसे उठाते है ये भी नही पता इसे
ऋतु अपने गाल को सहलाती हुई उठ कर बैठ गई तब उसे एहसास हुआ की वो किस हाल में है अभी.
ऋतु- हाय्यी रामम… में ऐसे ही कैसे सो गई.
ऋतु झपट कर चादर उठा कर अपने बदन पर ओढ़ ली.
ऋतु- मुआ खड़ा खड़ा हस रहा है. ऐसे भी कोई करता है क्या.
लल्लू- मैने क्या किया है.
ऋतु- मैने क्या किया है.( नकल उतारती हुई.)
अब क्या बाकी रह गया है मुआ. और क्या करना चाहता है.
लल्लू- फिलहाल तो एक मीठी सी चुम्मि दे दो मेरी प्यारी लुगाई. बाकी आज रात में में खुद ले लूँगा.
लल्लू आगे बढ़ कर ऋतु के होंठो को अपने होंठो से लगा कर चूसने लगा.
थोड़ी देर चूसने के बाद लल्लू ऋतु से अलग हो गया.
लल्लू- जल्दी से कपड़े पहन लो. किसी भी वक्त काका आ सकते है.
लल्लू ऋतु को उसका कपड़ा पकड़ाती बोली.
ऋतु झपट कर कपड़े ली और जल्दी से पहन ली.
फिर एक एक कर दोनो वॉशरूम जा कर फ्रेश हुए.
तब तक दादू और काका भी उठ कर फ्रेश हो गये थे.
फिर चारों एक बॅग में कपड़ा ले कर चल दिए स्नान के लिए.
बहुत भीर था वहाँ. दादू सब से आगे चल रहे थे. वो यहाँ कई बार आ चुके थे तो उन्हे पता था यहाँ का.
उनके साथ काका चल रहे थे.
दोनो के पीछे ऋतु का हाथ पकड़े लल्लू ऋतु का पति की तरह उसके साथ चल रहा था.
Friends read my other stories
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
-
- Platinum Member
- Posts: 5361
- Joined: 22 Dec 2017 15:27
Re: Incest मर्द का बच्चा
अभी शाही स्नान का समय था तो सभी आखाड़ो क महंत, महामंडलेश्वर, और नागा साधु लोग अभी स्नान के लिए जैकारा लगाते हुए जा रहे थे.
रोड के दोनो और पोलीस और आर्मी के सिपाही कोई पैदल तो कोई घोड़े पर बैठे एक घेरा बना कर आम लोगो से दूरी बनाए हुए इन साधु महात्माओ को रास्ता बना रहे थे. कोई हाथी पर तो कोई घोड़ा और कोई तो सोने चाँदी की पालकी पर शाही स्नान के लिए जा रहे थे.
पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था.
बहुत अजीब भेष भूषा के भी कई साधु बाबा थे वहाँ. कोई पूरे शरीर पर भस्म लगाए हुए. सिर पर जाता, गले में कई तरह क माला, किसी के हाथ में डमरू तो किसी के हाथ में त्रिशूल, किसी के हाथ में गाड़ा, तो किसी के हाथ में चिमटा. कोई आँखो में काजल लगाए तो कोई शॅप को गले में लपेटे.
कई के तो कमर में भी तरह तरह की चीज़े बँधी थी.
सब अपने प्रभु की मस्ती में मस्त झूमते हुए जा रहे थे.
आम लोग रोड के साइड में या तो खड़े हो कर देख रहे थे या आहिस्ता आहिस्ता से स्नान के स्थल की और बढ़ रहे थे.
ये चारो भी इन सभी के पीछे सब देखते हुए आगे बढ़ रहे थे.
तभी एक साधु बाबा जो घोड़े पर चले जा रहे थे.
उनका घोड़ा बिदक कर रोड के साइड में जहा लल्लू खड़ा था उधर आ गया.
लल्लू आवाज़ सुन कर उधर देखा तो सामने एक काले घोड़े पर बिल्कुल नंगा साधु बाबा बैठे है. एक हाथ में डमरू और दूसरे हाथ से घोड़े का लगाम पकड़े हुए अपनी लाल लाल आँखो से लल्लू को घूर रहे थे.
लल्लू उस नागा साधु बाबा की आँखो का तब सह नही पाया और घबरा कर अपना सर दूसरी और घुमा लिया.
नागा साधु बाबा की वो लाल आँखे लल्लू को अपने शरीर के भीतर तक महसूस हो रहा था.
तभी दो फ़ौजी आ कर उस नागा साधु के घोड़े को पकड़ कर बीच रोड में कर दिया.
फिर वो साधु बाबा सब साधुओं के साथ गुम हो गये.
लल्लू अपने दादू और काका काकी के साथ सब तरफ के दृश्य देखता हुआ आगे बढ़ रहा था.
शाही स्नान पूरा होने के बाद आम लोगो को स्नान की इजाज़त मिल गया तो सभी स्नान के लिए चल पड़े.
लल्लू के दादू अपने बेटे अनिल के साथ एक और स्नान करने चले गये और वहाँ से थोड़ा हट कर ऋतु लल्लू के साथ स्नान करने चली गई.
स्नान कर लेने के बाद सब अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गये चलने को.
अभी हम लोग वहाँ से निकल कर रोड पर आ गये थे और जिस तरफ हम ठहरे थे उधर ही बढ़ रहे थे.
दादू- अनिल बेटा में सोच रहा था अभी स्नान कर लिया है तो भगवान की पूजा और दर्शन भी कर ले. क्या कहते हो.
अनिल- उचित बिचार है पापा. फिर कब आएगे यहाँ. अभी आए है तो सभी देवी देवता का पूजा अर्चना तो कर ही लेना चाहिए.
दादू- चलो फिर…..
अभी दादू की बाते भी पूरी नही हुई थी की वहाँ भगदड़ मच गया.
लल्लू झपट कर दादू और काकी को पकड़ कर एक गली में घुस गया वही और दीवाल के सहारे खड़ा हो गया.
भगदड़ बढ़ती ही जा रही थी.
जिसको जहा जगह मिलता गिरता पड़ता भगा जा रहा था.
ये चारो दीवार से पीठ लगाए चिपके हुए थे.
लोगो का हुजूम भगा जा रहा था.
कितने बूढ़े औरत वहाँ गिरते फिर उठते और तब तक लोगो का हुजूम से धक्का लग जाता तो फिर गिर पड़ते.
किसी को किसी की फ़िकर नही था. सब बस अपनी जान बचा कर भागे जा रहे थे.
लाउडस्पिकर पर बार बार चिल्ला कर सब से शांति बनाए रखने को कहा जा रहा था लेकिन कौन सुनता है.
लल्लू काकी और दादू का हाथ पकड़ कर उस गली में दीवार क सहारे से आगे बढ़ने लगा.
थोड़ा आगे जा कर वो गली मूड गया था.
लल्लू- काका हम जहा रुके है वो धर्मशाला का नाम क्या है. और अंदाज कितना दूर होगा यहाँ से.
अनिल- बेटा नाम तो याद नही. दूरी यही कोई 2 किमी होगा.
लल्लू- काका, अभी हम मेन सड़क से अब नही जा सकते है तो ऐसे ही गली से होता हुआ आगे बढ़ते है. अंदाज से 2 किमी आगे चलते है. फिर अपना धर्मशाला ढूंढ़ेंगे.
दादू- हा बेटा. अभी मेन रोड से अब जाना ख़तरनाक होगा. यही से आगे बढ़ता रह.
लल्लू तीनो के साथ अंदाज से ही आगे बढ़ता रहा.
कई गलियो को पार करता हुआ अंदाज़ा तीन किमी चलने के बाद वो लोग एक जगह रुक गये.
लल्लू- काका क्या ख़याल है एक बार अब मेन रोड में निकल कर देखे अब.
दादू- नही नही अभी नही. अभी ऐसा कर किसी भी धर्मशाला में चल. बाद में जब शांत हो जायगा सब तब फिर अपने वाले में चलेंगे.
लल्लू- आप सब यहाँ रुकिये ना में एक बार देख कर आता हूँ. वैसे भी अभी मुझे नही लगता किसी भी धर्मशाला में जगह होगा.
अनिल- तू यही रह पापा और काकी के साथ. में दूर से ही देख कर आता हूँ.
रोड के दोनो और पोलीस और आर्मी के सिपाही कोई पैदल तो कोई घोड़े पर बैठे एक घेरा बना कर आम लोगो से दूरी बनाए हुए इन साधु महात्माओ को रास्ता बना रहे थे. कोई हाथी पर तो कोई घोड़ा और कोई तो सोने चाँदी की पालकी पर शाही स्नान के लिए जा रहे थे.
पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया था.
बहुत अजीब भेष भूषा के भी कई साधु बाबा थे वहाँ. कोई पूरे शरीर पर भस्म लगाए हुए. सिर पर जाता, गले में कई तरह क माला, किसी के हाथ में डमरू तो किसी के हाथ में त्रिशूल, किसी के हाथ में गाड़ा, तो किसी के हाथ में चिमटा. कोई आँखो में काजल लगाए तो कोई शॅप को गले में लपेटे.
कई के तो कमर में भी तरह तरह की चीज़े बँधी थी.
सब अपने प्रभु की मस्ती में मस्त झूमते हुए जा रहे थे.
आम लोग रोड के साइड में या तो खड़े हो कर देख रहे थे या आहिस्ता आहिस्ता से स्नान के स्थल की और बढ़ रहे थे.
ये चारो भी इन सभी के पीछे सब देखते हुए आगे बढ़ रहे थे.
तभी एक साधु बाबा जो घोड़े पर चले जा रहे थे.
उनका घोड़ा बिदक कर रोड के साइड में जहा लल्लू खड़ा था उधर आ गया.
लल्लू आवाज़ सुन कर उधर देखा तो सामने एक काले घोड़े पर बिल्कुल नंगा साधु बाबा बैठे है. एक हाथ में डमरू और दूसरे हाथ से घोड़े का लगाम पकड़े हुए अपनी लाल लाल आँखो से लल्लू को घूर रहे थे.
लल्लू उस नागा साधु बाबा की आँखो का तब सह नही पाया और घबरा कर अपना सर दूसरी और घुमा लिया.
नागा साधु बाबा की वो लाल आँखे लल्लू को अपने शरीर के भीतर तक महसूस हो रहा था.
तभी दो फ़ौजी आ कर उस नागा साधु के घोड़े को पकड़ कर बीच रोड में कर दिया.
फिर वो साधु बाबा सब साधुओं के साथ गुम हो गये.
लल्लू अपने दादू और काका काकी के साथ सब तरफ के दृश्य देखता हुआ आगे बढ़ रहा था.
शाही स्नान पूरा होने के बाद आम लोगो को स्नान की इजाज़त मिल गया तो सभी स्नान के लिए चल पड़े.
लल्लू के दादू अपने बेटे अनिल के साथ एक और स्नान करने चले गये और वहाँ से थोड़ा हट कर ऋतु लल्लू के साथ स्नान करने चली गई.
स्नान कर लेने के बाद सब अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गये चलने को.
अभी हम लोग वहाँ से निकल कर रोड पर आ गये थे और जिस तरफ हम ठहरे थे उधर ही बढ़ रहे थे.
दादू- अनिल बेटा में सोच रहा था अभी स्नान कर लिया है तो भगवान की पूजा और दर्शन भी कर ले. क्या कहते हो.
अनिल- उचित बिचार है पापा. फिर कब आएगे यहाँ. अभी आए है तो सभी देवी देवता का पूजा अर्चना तो कर ही लेना चाहिए.
दादू- चलो फिर…..
अभी दादू की बाते भी पूरी नही हुई थी की वहाँ भगदड़ मच गया.
लल्लू झपट कर दादू और काकी को पकड़ कर एक गली में घुस गया वही और दीवाल के सहारे खड़ा हो गया.
भगदड़ बढ़ती ही जा रही थी.
जिसको जहा जगह मिलता गिरता पड़ता भगा जा रहा था.
ये चारो दीवार से पीठ लगाए चिपके हुए थे.
लोगो का हुजूम भगा जा रहा था.
कितने बूढ़े औरत वहाँ गिरते फिर उठते और तब तक लोगो का हुजूम से धक्का लग जाता तो फिर गिर पड़ते.
किसी को किसी की फ़िकर नही था. सब बस अपनी जान बचा कर भागे जा रहे थे.
लाउडस्पिकर पर बार बार चिल्ला कर सब से शांति बनाए रखने को कहा जा रहा था लेकिन कौन सुनता है.
लल्लू काकी और दादू का हाथ पकड़ कर उस गली में दीवार क सहारे से आगे बढ़ने लगा.
थोड़ा आगे जा कर वो गली मूड गया था.
लल्लू- काका हम जहा रुके है वो धर्मशाला का नाम क्या है. और अंदाज कितना दूर होगा यहाँ से.
अनिल- बेटा नाम तो याद नही. दूरी यही कोई 2 किमी होगा.
लल्लू- काका, अभी हम मेन सड़क से अब नही जा सकते है तो ऐसे ही गली से होता हुआ आगे बढ़ते है. अंदाज से 2 किमी आगे चलते है. फिर अपना धर्मशाला ढूंढ़ेंगे.
दादू- हा बेटा. अभी मेन रोड से अब जाना ख़तरनाक होगा. यही से आगे बढ़ता रह.
लल्लू तीनो के साथ अंदाज से ही आगे बढ़ता रहा.
कई गलियो को पार करता हुआ अंदाज़ा तीन किमी चलने के बाद वो लोग एक जगह रुक गये.
लल्लू- काका क्या ख़याल है एक बार अब मेन रोड में निकल कर देखे अब.
दादू- नही नही अभी नही. अभी ऐसा कर किसी भी धर्मशाला में चल. बाद में जब शांत हो जायगा सब तब फिर अपने वाले में चलेंगे.
लल्लू- आप सब यहाँ रुकिये ना में एक बार देख कर आता हूँ. वैसे भी अभी मुझे नही लगता किसी भी धर्मशाला में जगह होगा.
अनिल- तू यही रह पापा और काकी के साथ. में दूर से ही देख कर आता हूँ.
Friends read my other stories
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा
अधूरी हसरतों की बेलगाम ख्वाहिशें running....विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड running....Thriller मिशन running....बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी running....मर्द का बच्चा running....स्पेशल करवाचौथ Complete....चूत लंड की राजनीति ....काला साया – रात का सूपर हीरो running....लंड के कारनामे - फॅमिली सागा Complete ....माँ का आशिक Complete....जादू की लकड़ी....एक नया संसार (complete)....रंडी की मुहब्बत (complete)....बीवी के गुलाम आशिक (complete )....दोस्त के परिवार ने किया बेड़ा पार complete ....जंगल की देवी या खूबसूरत डकैत .....जुनून (प्यार या हवस) complete ....सातवें आसमान पर complete ...रंडी खाना complete .... प्यार था या धोखा