अब मोदी अंकल का चेहरा मुरझा गया था | उनकी सारी आशाएँ मानो खत्म हो गई थीं | थक हार कर वो बोले अच्छा पप्पू मै देखता हूँ अगर कोई अंटी तैयार होती है तो लेकिन प्लीज़ तब तक तुम कबड़वाल अंटी को ये वीडियो मत दिखाना | इतना तो कर सकते हो न?
हाँ अंकल आप से पूछने के बाद ही उन्हें ये दिखाऊँगा |
पक्का न ?
बिलकुल पक्का अंकल |
मोदी अंकल चले गए और मैंने राहत की सांस ली की न उन्हें कोई अंटी मिलेगी जो मुझे ट्रेनिंग दे और न वो वीडियो मुझसे फिर मांग पाएंगे | मै मन ही मन अपने को शाबाशी दे रहा था की वाह क्या चाल चली है |
खैर दोपहर से शाम हुई फिर मोदी अंकल आए और अपने साथ अपने घर खाना खाने ले गए| खाना खाने के बाद मै, मोदी अंकल और मोदी अंटी काफी देर तक बातें करते रहे उसके बाद मोदी अंकल मुझे घर छोड़ने आने लगे तो मै बोला ............... अरे अंकल मै चला जाऊँगा | नही नही पप्पू बेटा मै भी चल रहा हूँ मेरी वाक् भी हो जाएगी | ओके अंकल गुड नाईट आंटी
गुड नाईट बेटा.....आंटी बोली और मै और मोदी अंकल चल पड़े |
वैसे तेरी आंटी भी देखने में बुरी नही है | है न पप्पू?
धत्त अंकल आप भी न ?
अरे बोल न ? मुझे तो बहुत मज़ा आता है उसके साथ |
मै हैरान था की खुलते खुलते मोदी अंकल इतना खुल गए थे की चुदाई की बातें खुलेआम कर रहे थे मुझसे |
आपको तो आता ही होगा | फिर भी आप कबड़वाल अंटी और कविता के पीछे पड़े हैं | अरे पप्पू पहाड़ी माल की बात ही कुछ और है | चिंता मत कर सब कुछ ठीक रहा तो कल संडे है न ?
जी अंकल |
कल से ही हो सकता है तेरी ट्रेनिंग शुरू हो जाए |
अब बारी मेरे चौंकने की थी................ क्या .....क्या कहा आपने ?
हाँ यार कल से ही तुम्हारी चुदाई की ट्रेनिंग शुरू होने की पूरी उम्मीद है |
ये क्या कह रहे हैं आप ?
सही कह रहा हूँ |
कोई ठीक ठाक आंटी होनी चाहिए नही तो पता चला की देख के खडा ही नही हो रहा |
चिंता मत कर तू उस आंटी को जानता है और वो तुझे पसंद भी है |
आपको कैसे पता की मुझे पसंद है?
बस अब और कोई सवाल नही | कल तक इंतज़ार करो और बात पक्की हो जाएगी तो बता दूँगा |
कम से कम ये तो बता दीजिए की कौन सी आंटी है |
तब से अब तक और आगे
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Re: तब से अब तक और आगे
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
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Re: तब से अब तक और आगे
आज रात भर सोचते रहो और कल का इंतज़ार करो | गुड नाईट | यह कह कर मोदी अंकल मुड़ कर वापस हो लिए और मै ताला खोल कर घर में घुसा और बेड पर लेट के सोचने लगा की कहीं मै सपना तो नही देख रहा ? ये कौन सी आंटी है जो मुझसे चुदवाने को तैयार हो गई है | अब मेरा दिल धक धक करने लगा था | मैंने कभी नही सोचा था की बात इतनी आगे बढ़ेगी | जाने क्या क्या सोचते सोचते मुझे नींद आ गई और जब आँख खुली तो सुबह हो गई थी |
आज रात भर सोचते रहो और कल का इंतज़ार करो | गुड नाईट | यह कह कर मोदी अंकल मुड़ कर वापस हो लिए और मै ताला खोल कर घर में घुसा और बेड पर लेट के सोचने लगा की कहीं मै सपना तो नही देख रहा ? ये कौन सी आंटी है जो मुझसे चुदवाने को तैयार हो गई है | अब मेरा दिल धक धक करने लगा था | मैंने कभी नही सोचा था की बात इतनी आगे बढ़ेगी | जाने क्या क्या सोचते सोचते मुझे नींद आ गई और जब आँख खुली तो सुबह हो गई थी |
मै जल्दी से उठा और नहा धो कर तैयार हो गया | मोदी अंकल की बात दिमाग में थी सो लण्ड को अच्छी तरह मल मल के साफ़ कर लिया था की कहीं सच में ही किसी आंटी के सामने नंगा होना पड़ा तो? खैर मै तैयार हो गया लेकिन अभी भी मुझे मोदी अंकल की बात पर भरोसा नही हो रहा था | लगभग आठ बजे मोदी अंकल मेरे घर आए | चलो पप्पू आज नाश्ता लाया नही हूँ | नाश्ता मेरे घर पर हीं करेंगे और फिर तुम्हारी टर्निंग भी तो शुरू करवानी है ?
तो क्या सच में अंकल?
और नही तो क्या ?
कौन है आंटी अब तो बता दीजिए ?
चल के खुद ही देख लो ?
कहाँ हैं अभी वो आंटी ?
मेरे घर पर |
सच?
हाँ भाई | अब ताला लगाओ और ज़ल्दी चलो |
मैंने ताला लगाया और मोदी अंकल के साथ चल पड़ा |
घर पहुँचने पर मोदी आंटी ने दरवाज़ा खोला | आज वो गज़ब की दिख रही थीं | क्या मेकप था ?
खैर घर के अंदर दाखिल हुए आंटी किचेन में नाश्ता लाने चली गई |
मैंने अंकल से पूछा .........कहाँ है वो आंटी ?
यहीं तो थी अभी ?
अरे ये नही वो ट्रेनिंग वाली ?
यही तो है ?
अब मेरा सर चकरा गया | क्क्क्या ? ये क्या कह रहे हैं आप ?
क्यों पसंद नहीं है ?
नन् नही ये बात नही लेकिन आंटी क्या कहेंगी ?
उसी के मुँह से सुन लो की क्या कहेगी?........और ये कह के मोदी अंकल मोदी आंटी को आवाज़ देते हैं..............सुनती हो ?
जी ...आई | और वो आ पहुंचती हैं | हाँ कहिए?
अरे पप्पू पूछ रहा है की आंटी मेरे साथ चुदवाने को तैयार हैं? तो मैंने कहा की हाँ लेकिन वो तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता है |
आज रात भर सोचते रहो और कल का इंतज़ार करो | गुड नाईट | यह कह कर मोदी अंकल मुड़ कर वापस हो लिए और मै ताला खोल कर घर में घुसा और बेड पर लेट के सोचने लगा की कहीं मै सपना तो नही देख रहा ? ये कौन सी आंटी है जो मुझसे चुदवाने को तैयार हो गई है | अब मेरा दिल धक धक करने लगा था | मैंने कभी नही सोचा था की बात इतनी आगे बढ़ेगी | जाने क्या क्या सोचते सोचते मुझे नींद आ गई और जब आँख खुली तो सुबह हो गई थी |
मै जल्दी से उठा और नहा धो कर तैयार हो गया | मोदी अंकल की बात दिमाग में थी सो लण्ड को अच्छी तरह मल मल के साफ़ कर लिया था की कहीं सच में ही किसी आंटी के सामने नंगा होना पड़ा तो? खैर मै तैयार हो गया लेकिन अभी भी मुझे मोदी अंकल की बात पर भरोसा नही हो रहा था | लगभग आठ बजे मोदी अंकल मेरे घर आए | चलो पप्पू आज नाश्ता लाया नही हूँ | नाश्ता मेरे घर पर हीं करेंगे और फिर तुम्हारी टर्निंग भी तो शुरू करवानी है ?
तो क्या सच में अंकल?
और नही तो क्या ?
कौन है आंटी अब तो बता दीजिए ?
चल के खुद ही देख लो ?
कहाँ हैं अभी वो आंटी ?
मेरे घर पर |
सच?
हाँ भाई | अब ताला लगाओ और ज़ल्दी चलो |
मैंने ताला लगाया और मोदी अंकल के साथ चल पड़ा |
घर पहुँचने पर मोदी आंटी ने दरवाज़ा खोला | आज वो गज़ब की दिख रही थीं | क्या मेकप था ?
खैर घर के अंदर दाखिल हुए आंटी किचेन में नाश्ता लाने चली गई |
मैंने अंकल से पूछा .........कहाँ है वो आंटी ?
यहीं तो थी अभी ?
अरे ये नही वो ट्रेनिंग वाली ?
यही तो है ?
अब मेरा सर चकरा गया | क्क्क्या ? ये क्या कह रहे हैं आप ?
क्यों पसंद नहीं है ?
नन् नही ये बात नही लेकिन आंटी क्या कहेंगी ?
उसी के मुँह से सुन लो की क्या कहेगी?........और ये कह के मोदी अंकल मोदी आंटी को आवाज़ देते हैं..............सुनती हो ?
जी ...आई | और वो आ पहुंचती हैं | हाँ कहिए?
अरे पप्पू पूछ रहा है की आंटी मेरे साथ चुदवाने को तैयार हैं? तो मैंने कहा की हाँ लेकिन वो तुम्हारे मुँह से सुनना चाहता है |
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
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Re: तब से अब तक और आगे
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Re: तब से अब तक और आगे
मोदी आंटी मुस्कराती हुई मेरी तरफ आती हैं और मेरे होठों पर एक किस देके अपना मुँह मेरे कान के पास ले जाके फुसफुसाते हुए बोली .................थैंक यू पप्पू मुझे चुनने के लिए | आज तुम्हे मैं स्वर्ग की सैर कराऊँगी ये मेरा वादा है तुमसे | और फिर सीधी होते हुए जोर से बोली आप लोग जल्दी से नाश्ता खतम कीजिए और फिर........? और मेरी तरफ देख के आँख मार देती है | खैर नाश्ता खत्म हुआ और तब सभी लोग बिस्तर पर ही बैठे | मोदी आंटी मोदी अंकल से बोली आप बच्ची को लेके पप्पू के घर चले जाईए | मोदी अंकल बोले अरे मै दूसरे कमरे में चला जाता हूँ ?
मोदी आंटी ने विरोध किया और बोली हम दोनों करेंगे तो क्या आप आवाज़ सुनने के लिए बैठेंगे ? ये ठीक नहीं है ? आप जाईए | मोदी अंकल को मानना पड़ा | मेरा दिमाग घूम गया अरे ये तो अच्छा हुआ की मैंने लैपटाप से वीडियो डिलीट कर दिया है वरना अंकल कुछ कारस्तानी कर सकते थे | अंकल बोले ......... लाओ भाई पप्पू चाभी दो अपने घर की और मैंने चाभी उनकी तरफ बढ़ा दी | तभी मोदी आंटी बोल पड़ीं ........ और हाँ जब तक फोन न करूँ आना मत |
मोदी अंकल बोले .....अरे इसका पहली बार है आज एक बार से ज़्यादा मत करवाना |
तुम अब ज्ञान देना बंद करो और दफा हो जाओ यहाँ से ......कहते हुए मोदी आंटी ने बच्ची को उनकी गोद में थमा दिया और धकेलते हुए उन्हें घर से बाहर कर दरवाजे की कुण्डी लगा दी | मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींचते हुए बोली आओ मेरे छोटे बालम सुहाग सेज तुम्हारा इंतज़ार कर रही है | वो मुझे लिए दिए बिस्तर पर ढह गई और उन्होंने अपनी बाईं टांग मेरी दाहिनी टांग के ऊपर डाल दी | ये मेरा पहला मौक़ा था जब कोई औरत इस तरह से मेरे साथ लेटी थी जिसके बारे में मुझे ये पता था की शायद ये मुझसे चुदवाएगी | शायद इसलिए;की अभी तक न जाने क्यों लेकिन मुझे ये भरोसा नही हो पा रहा था की सच में मोदी आंटी मुझसे चुदवाएगी | मेरी हालत खराब होने लगी | मेरा लण्ड आंटी की गर्माहट के कारण खड़ा होने लगा | तभी आंटी ने अपने होठ मेरे होठों से लगा के एक गहरा चुम्बन लिया और फिर बोली मेरे छोटे बालम देखूँ तो आपका हथियार कैसा है ...................और ये कहते हुए आंटी ने पैंट के ऊपर से ही मेरा लण्ड पकड़ लिया | कड़ापन महसूस हुआ तो एक हाथ से मेरा मुँह अपने सामने करते हुए बोली ...अच्छा ये बताओ की मै तुम्हे पसंद हूँ |
मै चुप रहा | बोलो न | अपनी दुल्हन से कहीं ऐसे शरमाते हैं? अरे अब तुम में और मुझमें शर्म कैसी ? बोलो न राजा | मेरे सैंया | और आंटी ने कस के मुझे अपने से चिपका लिया |
अब मैं भी कुछ कुछ बेकाबू होने लगा था | तभी आंटी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट को घुटने तक ऊपर उठा दिया और अपनी जांघें मेरी जांघों से अच्छी तरह चिपका दीं | फिर बोलीं.......लगता है मै तुम्हे पसंद नही | चलो जाने दो फिर | मै तुम्हारे मोदी अंकल को फोन कर के ये बोल देती हूँ की पप्पू को मै पसंद नही और वो उठने लगीं |
अब मेरे पैरों से मानो जमीन खिसक गई हो | मुझे लगा की सही में किसी औरत को चोदने का सुनहरा मौक़ा हाथ से निकल जाएगा तो मैंने आंटी का हाथ पकड़ के कहा की नहीं आंटी ये बात नहीं है | आप मुझे पसंद हैं|
तो फिर तुम कुछ बोल क्यों नही रहे ?
मुझे शर्म आ रही है |
धत्त पगले कहीं मुझसे थोड़ी न शर्माते हैं | मै तो तुम्हारी दुल्हन बनने जा रही हूँ न ?
धत्त आंटी आप भी ये सब क्या बोल रही हैं ?
क्यों मुझे चोदोगे नहीं ?
मोदी आंटी ने विरोध किया और बोली हम दोनों करेंगे तो क्या आप आवाज़ सुनने के लिए बैठेंगे ? ये ठीक नहीं है ? आप जाईए | मोदी अंकल को मानना पड़ा | मेरा दिमाग घूम गया अरे ये तो अच्छा हुआ की मैंने लैपटाप से वीडियो डिलीट कर दिया है वरना अंकल कुछ कारस्तानी कर सकते थे | अंकल बोले ......... लाओ भाई पप्पू चाभी दो अपने घर की और मैंने चाभी उनकी तरफ बढ़ा दी | तभी मोदी आंटी बोल पड़ीं ........ और हाँ जब तक फोन न करूँ आना मत |
मोदी अंकल बोले .....अरे इसका पहली बार है आज एक बार से ज़्यादा मत करवाना |
तुम अब ज्ञान देना बंद करो और दफा हो जाओ यहाँ से ......कहते हुए मोदी आंटी ने बच्ची को उनकी गोद में थमा दिया और धकेलते हुए उन्हें घर से बाहर कर दरवाजे की कुण्डी लगा दी | मेरा हाथ पकड़ कर मुझे खींचते हुए बोली आओ मेरे छोटे बालम सुहाग सेज तुम्हारा इंतज़ार कर रही है | वो मुझे लिए दिए बिस्तर पर ढह गई और उन्होंने अपनी बाईं टांग मेरी दाहिनी टांग के ऊपर डाल दी | ये मेरा पहला मौक़ा था जब कोई औरत इस तरह से मेरे साथ लेटी थी जिसके बारे में मुझे ये पता था की शायद ये मुझसे चुदवाएगी | शायद इसलिए;की अभी तक न जाने क्यों लेकिन मुझे ये भरोसा नही हो पा रहा था की सच में मोदी आंटी मुझसे चुदवाएगी | मेरी हालत खराब होने लगी | मेरा लण्ड आंटी की गर्माहट के कारण खड़ा होने लगा | तभी आंटी ने अपने होठ मेरे होठों से लगा के एक गहरा चुम्बन लिया और फिर बोली मेरे छोटे बालम देखूँ तो आपका हथियार कैसा है ...................और ये कहते हुए आंटी ने पैंट के ऊपर से ही मेरा लण्ड पकड़ लिया | कड़ापन महसूस हुआ तो एक हाथ से मेरा मुँह अपने सामने करते हुए बोली ...अच्छा ये बताओ की मै तुम्हे पसंद हूँ |
मै चुप रहा | बोलो न | अपनी दुल्हन से कहीं ऐसे शरमाते हैं? अरे अब तुम में और मुझमें शर्म कैसी ? बोलो न राजा | मेरे सैंया | और आंटी ने कस के मुझे अपने से चिपका लिया |
अब मैं भी कुछ कुछ बेकाबू होने लगा था | तभी आंटी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट को घुटने तक ऊपर उठा दिया और अपनी जांघें मेरी जांघों से अच्छी तरह चिपका दीं | फिर बोलीं.......लगता है मै तुम्हे पसंद नही | चलो जाने दो फिर | मै तुम्हारे मोदी अंकल को फोन कर के ये बोल देती हूँ की पप्पू को मै पसंद नही और वो उठने लगीं |
अब मेरे पैरों से मानो जमीन खिसक गई हो | मुझे लगा की सही में किसी औरत को चोदने का सुनहरा मौक़ा हाथ से निकल जाएगा तो मैंने आंटी का हाथ पकड़ के कहा की नहीं आंटी ये बात नहीं है | आप मुझे पसंद हैं|
तो फिर तुम कुछ बोल क्यों नही रहे ?
मुझे शर्म आ रही है |
धत्त पगले कहीं मुझसे थोड़ी न शर्माते हैं | मै तो तुम्हारी दुल्हन बनने जा रही हूँ न ?
धत्त आंटी आप भी ये सब क्या बोल रही हैं ?
क्यों मुझे चोदोगे नहीं ?
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu
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Re: तब से अब तक और आगे
इस बार मैंने सोचा अगर कुछ नही बोलूंगा तो फिर आंटी नाराज़ हो जाएगी सो बोल पड़ा
हाँ चोदुंगा |
तो चोदा तो दुल्हन को ही जाता है न ? अच्छा छोड़ो, चलो मेरे ब्लाउज के हुक पीछे से खोल दो बहुत गर्मी लग रही है .............और यह कहते हुए आंटी करवट ले के मेरी तरफ पीठ कर के लेट गई |
मेरे तो मानो हाथ काँप रहे थे लेकिन मैंने हिम्मत कर के हुक खोल ही दिए |
खुल गए आंटी |
ब्रा भी खोल ही दो , तुम चूची से खेले बिना मानोगे थोड़ी न ? की रहने दूँ ?
नही नही गर्मी है खोल ही दीजिए |
अच्छा जी ! गर्मी के चलते खोल दूँ ? तुम्हे ज़रूरत नही है न मेरी चुचियों की ?
न्नन्नन्न नही न्न्न्न नही ये बात नहीं है |
तो क्या बात है ?
जरूरत तो है |
किस चीज़ की ज़रूरत है ? उसका कोई नाम तो होगा ?
ज़ीईईईईईईईई वही आपकी चुचियाँ |
ये हुई न बात | तो जल्दी से ब्रा भी खोलो |
अब मैं काफी कुछ खुल चुका था सो ब्रा खोलने में ज़्यादा हिचक नही हुई | मैंने झट से ब्रा के हुक खोल दिए| अब आंटी बोली अरे पप्पू ब्लाउज और ब्रा खोलने के लिए बोल रही हूँ केवल हुक खोलने के लिए नही ?
जी जी अभी खोलता हूँ | यह कहते हुए आंटी की बांहों में से ब्लाउज और ब्रा के स्ट्रैप्स निकालने लगा जिस दौरान मेरे हाथ आंटी की चुचियों से छू गए | नंगी चुचियों का स्पर्श मुझे उत्तेजना के चरम पर ले गया लेकिन मै संभलते हुए बोला सौरी आंटी |
किस लिए पप्पू ?
वो गलती से मेरा हाथ आपकी चूची पर लग गया था अभी |
आंटी बहुत जोर से हंसी और मेरे गाल पर एक प्यार भरी चपत लगाते हुए बोली हट पगले अरे चूची छूने पर सौरी बोलेगा तो चोदेगा कैसे ?
मैंने अपना सर झुका लिया | आंटी इतना खुलेआम चुदाई की बात कर रही थी की मेरी हालत खराब होने लगी थी | अब मुझे महसूस हो रहा था की किसी आंटी के बारे में सोच कर मुठ मार लेना तो बहुत आसान है लेकिन वही आंटी अगर सच में चोदने को बोले तो हालत खराब हो जाती है | मेरी भी हालत कुछ ऐसी ही थी |
अब आंटी उठी और बोली अरे बुद्धू अब मै बताती हूँ की कपड़े कैसे खोले जाते हैं | कहते हुए आंटी उठी और बिस्तर पर बैठ गई | फिर मेरा हाथ पकड़ कर बोली चलो खड़े हो जाओ |
मै एक सम्मोहित व्यक्ति की तरह खड़ा हो गया लेकिन मेरी नज़रें आंटी की चुचियो पर जमी हुई थीं | दोनों गोल उभार और हर उभार के ठीक बीचो बीच ब्राउन रंग के निप्पल ! मै तो मानो मदहोश सा होने लगा | तभी मेरी तंद्रा टूटी जब मैंने आंटी का हाथ अपने पैंट के हुक पर महसूस किया | मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और बोला मत खोली प्लीज़ | मुझे शरम आएगी | तो क्या मुझे पैंट पहन के चोदोगे?
हाँ चोदुंगा |
तो चोदा तो दुल्हन को ही जाता है न ? अच्छा छोड़ो, चलो मेरे ब्लाउज के हुक पीछे से खोल दो बहुत गर्मी लग रही है .............और यह कहते हुए आंटी करवट ले के मेरी तरफ पीठ कर के लेट गई |
मेरे तो मानो हाथ काँप रहे थे लेकिन मैंने हिम्मत कर के हुक खोल ही दिए |
खुल गए आंटी |
ब्रा भी खोल ही दो , तुम चूची से खेले बिना मानोगे थोड़ी न ? की रहने दूँ ?
नही नही गर्मी है खोल ही दीजिए |
अच्छा जी ! गर्मी के चलते खोल दूँ ? तुम्हे ज़रूरत नही है न मेरी चुचियों की ?
न्नन्नन्न नही न्न्न्न नही ये बात नहीं है |
तो क्या बात है ?
जरूरत तो है |
किस चीज़ की ज़रूरत है ? उसका कोई नाम तो होगा ?
ज़ीईईईईईईईई वही आपकी चुचियाँ |
ये हुई न बात | तो जल्दी से ब्रा भी खोलो |
अब मैं काफी कुछ खुल चुका था सो ब्रा खोलने में ज़्यादा हिचक नही हुई | मैंने झट से ब्रा के हुक खोल दिए| अब आंटी बोली अरे पप्पू ब्लाउज और ब्रा खोलने के लिए बोल रही हूँ केवल हुक खोलने के लिए नही ?
जी जी अभी खोलता हूँ | यह कहते हुए आंटी की बांहों में से ब्लाउज और ब्रा के स्ट्रैप्स निकालने लगा जिस दौरान मेरे हाथ आंटी की चुचियों से छू गए | नंगी चुचियों का स्पर्श मुझे उत्तेजना के चरम पर ले गया लेकिन मै संभलते हुए बोला सौरी आंटी |
किस लिए पप्पू ?
वो गलती से मेरा हाथ आपकी चूची पर लग गया था अभी |
आंटी बहुत जोर से हंसी और मेरे गाल पर एक प्यार भरी चपत लगाते हुए बोली हट पगले अरे चूची छूने पर सौरी बोलेगा तो चोदेगा कैसे ?
मैंने अपना सर झुका लिया | आंटी इतना खुलेआम चुदाई की बात कर रही थी की मेरी हालत खराब होने लगी थी | अब मुझे महसूस हो रहा था की किसी आंटी के बारे में सोच कर मुठ मार लेना तो बहुत आसान है लेकिन वही आंटी अगर सच में चोदने को बोले तो हालत खराब हो जाती है | मेरी भी हालत कुछ ऐसी ही थी |
अब आंटी उठी और बोली अरे बुद्धू अब मै बताती हूँ की कपड़े कैसे खोले जाते हैं | कहते हुए आंटी उठी और बिस्तर पर बैठ गई | फिर मेरा हाथ पकड़ कर बोली चलो खड़े हो जाओ |
मै एक सम्मोहित व्यक्ति की तरह खड़ा हो गया लेकिन मेरी नज़रें आंटी की चुचियो पर जमी हुई थीं | दोनों गोल उभार और हर उभार के ठीक बीचो बीच ब्राउन रंग के निप्पल ! मै तो मानो मदहोश सा होने लगा | तभी मेरी तंद्रा टूटी जब मैंने आंटी का हाथ अपने पैंट के हुक पर महसूस किया | मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और बोला मत खोली प्लीज़ | मुझे शरम आएगी | तो क्या मुझे पैंट पहन के चोदोगे?
मेरी नशीली चितवन Running.....मेरी कामुकता का सफ़र Running.....गहरी साजिश Running.....काली घटा/ गुलशन नन्दा ..... तब से अब तक और आगे .....Chudasi (चुदासी ) ....पनौती (थ्रिलर) .....आशा (सामाजिक उपन्यास)complete .....लज़्ज़त का एहसास (मिसेस नादिरा ) चुदने को बेताब पड़ोसन .....आशा...(एक ड्रीमलेडी ).....Tu Hi Tu