अनोखा इंतकाम रुबीना का

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mastram
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Re: अनोखा इंतकाम रुबीना का

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इन्हीं खयालो में गुम रुबीना ने जब धीरे-धीरे अपने निपलों को मसला तो उसके मुंह से सिसकारी फूट पड़ी- "कैसे मेरा सागा भाई इन्हें जोर-जोर से मसल रहा था और जब उसने इन्हें मुंह में लिया हुआ था, उफफ्फ़... मेरी तो जान ही निकल गई थी, लगता था बहुत दिनों से भूखा था और फिर जब इतने दिनों के भूखे को चावलों से भरी थाली मिल जाए तो वो तो टूट ही पड़ेगा। बेचारा आखिर करता भी क्या? बहन जब हो ही इतनी खूबसूरत और ऊपर से चुदाई की प्यासी भी हो तो? हाई कैसे सांड़ की तरह चोद रहा था, जैसे उसकी बहन नहीं कोई गश्ती है उफफफ्फ़.

"रुबीना संभाल खुद को तू फिर से वो ही सब कुछ.” रुबीना को अपने अंदर से एक आवाज सुनाई दी।

"हाई मेरी माँ मैं क्या करूं? उफफ्फ़... कैसे मसल रहा था मेरे मम्मों को और जब वो मेरे मम्मे चूस रहा था (रुबीना अपने निपलों मसलने लगी) हाई ऐसा लग रहा था कि जैसे मेरी जान निकल जाएगी। और जब वो हमच हुमच कर अपनी कमर उछाल-उछालकर अपना लण्ड मेरी फुद्दी में डाल रहा था और मैं खुद भी कैसे कमर उछाल-उछालकर और मैं कैसे लफ्ज बोल बोलकर उसे उकसा रही थी, ताकि वो मुझे, अपनी बहन को और जोर लगा कर चोदे, हाई रब्बा, कितना मजा आया था रमीज से अपनी फुददी मरवाके, कितना माल छूटा था उसके लण्ड से, मेरी पूरी फुददी भर दी थी उसने, एक बार तो रमीज ने जन्नत की सैर करवा दी उफफफ्फ़.."

रुबीना की आँखों के सामने वो सीन आ गया जब रमीज पागलों की तरह उसे चोद रहा था और रुबीना का हाथ खुद-ब-खुद नीचे उसकी अपनी फुददी पर चला गया। रुबीना को एक जोरदार झटका लगा जब रुबीना ने महसूस किया कि उसका हाथ पूरा गीला हो गया है अपनी चूत से निकले रस की वजह से। रुबीना अपने भाई रमीज के साथ हुई अपनी चुदाई को याद करके फिर से बहुत ज्यादा गरम होने लगी।

रुबीना एकदम से आईने के सामने से हट गई, वो खुद से ही डर गई थी, रूबीना ने हड़बड़ाहट में बाथरूम का दरवाजा खोल दिया। रूबीना समझी थी कि कमरे में अंधेरा होगा, इसलिए अगर रमीज जाग भी रहा होगा तो वो उसे देख नहीं पाएगा।

मगर रुबीना का अंदाजा गलत निकला, बाथरूम की लाइट कमरे में भी जा रही थी और रुबीना देख रही थी, कि रमीज ना सिर्फ जाग रहा है बल्कि उसका हाथ ऊपर-नीचे हो रहा है। रुबीना की नजर घूमती हुई उसके हाथ पर टिक गई जो उसके लण्ड के इर्द गिर्द कसा हुआ था।

दरवाजा खुलने की आवाज सुनकर रमीज ने बाथरूम की तरफ देखा और जब उसने वहां अपनी बहन रुबीना को एकदम नंगी खड़ी देखा तो?

रुबीना को भी बाथरूम में खड़े-खड़े खयाल आया कि वो एकदम नंगी है तो उसने पास लटका हआ तौलिया उठाकर उसे अपने आगे कर लिया और अपने मम्मे और फुद्दी को छुपाने की नाकाम कोशिश करने लगी।

रमीज की नजरें अपनी बहन पर टिकी हुई थीं, वो नजरें फाड़े उसे देख रहा था।

बीना शर्म से पानी-पानी हो गई, कुछ सूझ नहीं रहा था, चाहती तो बाथरूम का दरवाजा या फिर लाइट बंद कर लेती, मगर वो चाहते हुए भी अपनी जगह से हिल भी नहीं सकी।

रुबीना ने अपनी नजरें ऊपर उठाई तो देखा कि रमीज पूरी बेशर्मी से आँखें फाड़े रुबीना के नंगे जिश्म का मुआयना कर रहा था। रमीज की आँखें जैसे हवस में डूबी होने की वजह से सुर्ख हो रही थी, और उसका हाथ और भी तेजी से उसके लण्ड पर फिसल रहा था।

दोनों बहन भाई की आँखें आपस में टकराई, पिछली पूरी चुदाई चूंकी अंधेरे में हुई थी, इसलिए वो उस वक्त एक दूसरे को नहीं देख पाए थे। रुबीना ने अपनी नजरें घुमाई और अपने भाई के लण्ड को रोशनी में पहली बार गौर से देखकर सिहर गई।

रमीज ने जब देखा कि उसकी बहन उसके लण्ड को देख रही है तो उसने अपने लण्ड से हाथ हटा लिया।

"उफफ्फ़ कितना मोटा है? ये मेरी फुद्दी के अंदर था? उफफ्फ़ टोपी कितनी मोटी है, ये मेरी फुद्दी के अंदर घसा कैसे होगा? रुबीना को यकीन नहीं हो पा रहा था कि इतना मोटा लण्ड उसकी फुद्दी के अंदर घुसा हुआ था..” रुबीना ने फिर से लण्ड की तरफ देखा, लण्ड जोर-जोर से झटके मार रहा था जैसे बहुत गुस्से में हो। रुबीना ने अपने भाई के लण्ड से अपनी नजर हटाकर रमीज की आँखों में आँखें डाली तो उसे अपने भाई की आँखों में अपने लिए हवस का एक तूफान दिखा।

लेकिन हवस के साथ-साथ रुबीना ने अपनी नशीली जवानी अपने मादक बदन की तारीफ भी अपने भाई की आँखों में देखी। मगर जिस चीज ने रुबीना का ध्यान अपनी तरफ खींचा, वो था रमीज की आँखों में एक इल्तिजा, एक ख्वाहिश, एक चाहत, एक भूख जिसकी वजह से रमीज तड़प रहा था। रुबीना ने एक गहरी सांस ली और अपने हाथों से तौलिया छोड़ दिया। तौलिया चोदते ही रूबीना फिर से अपने भाई रमीज के सामने पूरी नंगी हो गई।
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mastram
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Re: अनोखा इंतकाम रुबीना का

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अपनी बहन को इस तरह अपने सामने नंगी होते देखकर रमीज का चेहरा हजार वाट के बल्ब की तरह चमक उठा। उसका लण्ड झटके मारते हुए रमीज के पेट पर चोट मार रहा था, लगता था जैसे और मोटा लंबा होता जा रहा था। रमीज के उस मोटे लण्ड ने रुबीना को मदहोश कर दिया था। हालांकी रुबीना जानती थी कि उन दोनों बहन भाई ने बहुत बड़ा गुनाह किया था। लेकिन गुनाह का एहसास अब रुबीना के दिल में पहले की निसबत कम हो गया था।

रूबीना ये भी जानती थी कि उन्होंने गलती की है, लेकिन वो अब अपने भाई रमीज को बिल्कुल कसूरवार नहीं समझ रही थी और ना ही किसी हद तक खुद को भी।

शायद रुबीना के दिल में इस बात से तसल्ली थी कि रूबीना ने आखिरकार आज अपने बेवफा पति से बदला ले लिया है। एक ऐसा पति जो खुद चाहे कितनी भी औरतों से सेक्स करे, लेकिन उसे औरत बिल्कुल सती सावित्री चाहिए होती है।

बीना अपने पति के सामने बोल तो नहीं सकती थी, लेकिन आज उसने अपने ही भाई से चुदवाकर अपने पति से बराबरी कर ली थी। शायद यही वजह थी कि वो इतनी जल्दी अपने गुनाह की तकलीफ को भूल चुकी थी।
और फिर रुबीना अपने भाई के लण्ड पर नजरें जमाए हुए अपने कदम बेड की तरफ बढ़ने लगी।

* समाप्त ***
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