Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग

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rangila
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Re: जिंदगी के रंग अपनों के संग

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जुली -हे मेरी लाइफ बोर्निंग नही है मैं अपनी लाइफ फुल एंजाय करती हूँ तुम अपनी सूनाओ कोई गर्लफ्रेंड बनाई या अब भी ऐसे ही हो.

मैं-तुम ने मेरा सवाल मेरे पे ही डाल दिया इंट्रेस्टिंग पहले की तरह अब तुम हिचक नही रही रही गुड.और हाँ एक बनाई थी पर उस से ब्रेकप कर लिया तुम अपना बताओ

जुली -नही मेरी लाइफ मे अभी कोई नही है पर तलाश जारी है जैसे ही कोई मिलता है सबसे पहले मैं तुम को बताउन्गी ओके.

फिर इसी तरह की बातचीत करते हुए हम बॅंक पहुच गये और बॅंक से सीधा घर. घर पे जाते ही मुझे शेली मिली जो सोफे पे बैठ के दीदी से कुछ बात कर रही थी क्या लग रही थे दोस्तो वाइट टीशर्ट भी पूरे जिस्म से चिपकी हुई ऐसा लग रहा था कि उस के बूब्स अभी टी-शर्ट फाड़ के बाहर आ जाएगे वो जब भी उपर नीचे होती तो उस के बूब्स भी क्या टाइमिंग के साथ हिलते सच कहूँ तो आज पहली बार शैली को ऐसे देख के मुझे काफ़ी औकवाड़ फील हो रहा था मेरी नज़रे तो जैसे वहीं ही चिपक गयी थी मुझे पता ही नही चला कि कितनी देर तक मैं उन्हे देखता रहा मेरा ध्यान तो दी की आवाज़ से टूटा और मुझे काफ़ी शर्मिंदगी महसूस हुई और मैं अपने कमरे मे भाग गया.

वहाँ जा के सब से पहले मैं शावर के नीचे खड़े हो के शवर शालु कर दिया और उस सीन को दिमाग़ से धोने की कोशिश करने लगा फिर नहा के बाहर आया और सोचने लगा कि बस और 02 दिन फिर मैं बिल्कुल नये देश मे नये लोगो के बीच होउंगा ये सोच –सोच के मैं काफ़ी एक्साइट हो रहा था .

फिर मैं नीचे आ गया अब शैली वहाँ नही थी मैं ने राहत की सांस ली फिर मैं ने थोड़ी देर टीवी देख के टाइम पास किया फिर मैं जिम चला गया वहाँ पे अपनी रुटीन एक्सरसाइज़ करने के बाद थोड़ी देर दोस्तो के पास चला गया कुछ टाइम उन के साथ बिताने के बाद मैं घर आ के डिन्नर कर के सो गया इस उम्मीद मे कि कल का दिन मेरा यहाँ पर आख़िर दिन है जहाँ मुझे अपने रियल मोम डॅड और बेहन के पास जाने की खुशी थी वहीं मामा-मामी को छोड़ के जाने का दुख .

सुबह मेरी नीद मेरे फोन के अलार्म से खुली मैं उठ के अपनी मॉर्निंग के रूटीन वर्क को निपटा के नीचे हाल मे आ गया वहाँ पे मामा को मॉर्निंग विश कर के मॉर्निंग वर्क के लिए पार्क की तरफ चला गया वहाँ जा के कुछ देर एक्सर्साइज़ करने के बाद मैं वहाँ पे एक बँच पे बैठ गया और आने जाने वालो को देखने लगा कुछ देर वहाँ टाइम बिताने के बाद मैं घर आ गया और फ्रेश होने के लिए अपने रूम मे चला गया फ्रेश मैं नाश्ता करने के लिए नीचे आ गया नाश्ते पे मैने मामा से बोला कि मुझे कुछ गिफ्ट लेने है मोम डॅड के लिए तो मैं आज गिफ्ट लेने के लिए जाउन्गा .

मामा-ठीक है अपनी मामी को ले के चले जाना

मामी-मुझे आज कुछ काम है इसलिए मैं नही जा सकती

मामा-कोई काम वाम नही तुम आज अजय के साथ जाओगी

मैं-कोई बात नही मामा मैं अकेला ही चला जाउन्गा

मामा-नही बिल्कुल भी नही तुम्हारी मामी जाएगी तुम्हारे साथ

मैं-पर मामा मामी को कोई कुछ काम है

मामा-कोई भी काम तुम्हारी खुशी से ज़्यादा ज़रूरी नही है.

मैं- ओके तो मैं नैना दी को ले जाता हूँ वैसे भी ये आज कल खाली ही है और इनकी पसंद काफ़ी अच्छी है.

मामा-ठीक है मुझे फोन कर के बता देना किस माल मे जा रहे हो मैं बात कर लुगा .

मैं-ओके मामा तो तय रहा मैं और नैना दी चले जाएगे मामा प्लीज़ आप दी को बोल दें कि वो मेरी खिचाई ना करे प्लीज़

मामा-हँसते हुए ओके पर वो है कहाँ

मामी-अभी सो रही है कल किसी पार्टी मे गयी थी तो लेट नाइट आई है मैं बस उठाने ही जा रही थी.

मैं-मामी आप रहने दो मैं उठा के ले आता हूँ और मैं दी के कमरे मे दी को उठाने के लिए चल पड़ा गेट पे जा के मैं गेट को नॉक करने ही वाला था कि मुझे कल का सीन याद आ गया जब उन्होने मुझे बड़े प्यार से उठाया था ये सोचते ही मैं रुक गया और मामा के पास जा के

मैं-- मामा जी मुझे मास्टर के चाहिए थी वो क्या है ना की मैं अपने कमरे मे ही भूल गया हूँ और गेट लॉक है और मुझे दी को कुछ वापस करना है नही तो दी बहुत गुस्सा करेगी

मामा-ओके मेरे कमरे के ड्रॉ के फर्स्ट ड्रॉ मे है जा के ले लो

मैं-ओके
और मैं ने मास्टर की ले के दी के रूम का गेट ओपन किया और जग मे पानी ला के बड़े प्यार से दीदी के सिर पे डाल दिया पानी डालते ही दी ऐसे खड़ी हुई जैसे किसी ने 440वॉल्ट का करंट लगा हो मुझे यूँ हँसता हुआ देख के उन का गुस्सा और बढ़ गया मैं समझ गया कि अब यहाँ रहना ख़तरे से खाली नही दीदी को जैसे ही समझ आया कि क्या हुआ है वो मेरे तरफ झपटी पर मैं तैयार था मैं वहाँ से मामी बचाओ मामी बचाओ चिल्लाते हुए बाहर हॉल मे भागने लगा मेरे यूँ चिल्लाने से मामी भी भागते हुए किचन से हॉल मे आ गयी और दी को ऐसे देख के उन की भी हसी छूट गयी

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rangila
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मामी को हँसता हुआ देख के दी का गुस्सा और बढ़ गया दी ज़ोर से चिल्लाते हुए -- मोम मैं आज इस अजय के बच्चे को नही छोड़ने वाली जानती है आप इस ने क्या किया .

मैं-मामी मैं ने कुछ भी नही किया मैने तो बस दी को उन का गिफ्ट रिटर्न किया है जो उन्होने कल मुझे दिया था

दी-मोम आप सामने से हट जाओ आज मैं इस का खून पी जाउन्गी

मैं-मामी मुझे बचाओ इस चुड़ैल ड्रेक्युला से.

दी-मैं तुझे चुड़ैल और ड्रेक्युला दिखती हूँ रुक अभी बताती हूँ तुझे.

दी ने मुझे सोफे की कुर्सी फेक के मारी पर मैं बच गया और भाग के गार्डन मे मामा के पास जा के बैठ गया .मेरे पीछे पीछे पीछे दी भी भागती हुई गार्डन मे आ गयी पर जब मामा पे नज़र पड़ी तो शांत हो गयी और मेरी शिकायत करने लगी.

दी-डॅड देख लो आप के लाड़ले ने क्या किया है

मामा-क्या किया है इस ने जो तू इस के पीछे पड़ी हुई है तेरी ही कोई ग़लती होगी नही तो मेरा बेटा कभी कुछ ग़लत कर ही नही सकता.

दी-फिर दी ने मामा को सारी बात बता दी.

फिर मामा मुझे देखने लगे जैसे पूछ रहे हो कि क्या ये सही बोल रही है.फिर मैं ने मामा को कल की बात बता दी कि कैसे दी ने मुझे परेशान किया और चॅलेंज किया था कि मैं ऐसा कभी नही कर सकता मैं ने तो बस दी का गिफ्ट रिटर्न किया है.

मामा-तो ये बात है देखो नैना बेटा इस को कहते है जैसे को तैसा और हाँ तुम्हे आज अजय के साथ कुछ शॉपिंग के लिए जाना है उसे कुछ गिफ्ट लेने है और तुम्हारे सजेशन बेस्ट होते है.

दी-पर डॅड मुझे अपनी फ्रेंड्स को पासआउट की पार्टी देनी है आज ही.

मामा-तो प्रॉब्लम क्या है अजय को साथ ले जाओ पार्टी के बाद शॉपिंग कर लेना .

दी-ओके डॅड मैं तैयार हो के आती हूँ...

दीदी तैयार होने के लिए चली गयी. और मैं मामा से बात करने लगा फिर मामा भी तैयार हो के ऑफीस निकल गये. मैने सोचा कि ये ही सही टाइम है मामी को मनाने का मैं मामी के पास चला गया मामी अंदर हॉल मे टीवी देख रही थी मैं उन के पास जा के बैठ गया पर उन्होने कोई ध्यान ही नही दिया फिर मैने अपना सिर मामी की गोद मे रख के लेट गया कुछ टाइम तक ऐसे ही लेटने के बाद जब मुझे लगा कि मामी कुछ ज़्यादा ही नाराज़ है तो मैं ने बात करने का सोचा पर क्या बोलूं यही समझ मे नही आ रहा था और मामी जिन्होने मुझे मेरी सग़ी माँ से भी ज़्यादा प्यार दिया है जिन का चेहरा हमेशा खिला हुआ ही मैने देखा है आज वो सिर्फ़ मेरे कारण उदास है मुझे बहुत ही गिलटी फील हो रहा था मैं ने सोच लिया कि कुछ भी हो जाए मैं आज अपनी दूसरी माँ (मामी) को मना के ही रहुगा चाहे उस के लिए मुझे कुछ भी करना पड़े.

अजय - मामी अब कब तक ऐसे ही नाराज़ रहोगी दो दिन से आप ने मेरे से ठीक से बात तक नही की.

मामी-मैं क्यूँ तेरे से नाराज़ होने लगी और हो भी जाऊं तो क्या फ़र्क पड़ता है किसी को तुझे तो कल जाना ही है ना .

अजय-तो ये बात है आप इसलिए नाराज़ है कि मैं कल इंडिया जा रहा हूँ तो ठीक है आप कहती है तो नही जाता आप इंडिया फोन कर के मना कर दो कि मैं नही आ रहा .

मामी-सच तू नही जाएगा ना मेरा प्यारा बेटा.
और ये कह के मामी ने मुझे अपने गले से लगा लिया बता नही सकता कि दो दिन से कितना बड़ा बोझ था दिल पे जो सिर्फ़ एक बार के गले लगाने से उतर सा गया कोई 5मिंट तक गले लगने के बाद मैं ने मामी से बोला कि आप कब कर रही है इंडिया फोन मना करने के लिए.

मामी-मैं तेरे मामा को बोल देती हूँ वो मना कर देंगे

अजय-नही फोन तो आप को ही करना पड़ेगा आप जानती है मोम पूरे 15साल से इस दिन का वेट कर रही है और जब उन्हे पता चलेगा कि मैं इंडिया नही आ रहा तो शायद ही वो जिंदा रह पाएँ .

मामी-तो तू क्या चाहता है कि मैं तुझे इंडिया भेज के मैं यहाँ जिंदा लाश बन जाऊ दीदी (मेरी मोम मामी उन को दीदी कहती है) ने तेरा 15, साल इंतज़ार किया है पर मैने तुझे पाला है तू समझता क्यूँ नही.

अजय-मैं सब समझता हूँ और फिर ज़्यादा दिन के लिए थोड़ी ना हम लोग अलग हो रहे है आप नेक्स्ट मंत तो आ ही रही है ना इंडिया और फिर हम रोज बात करेगे मैने क्या किया मैं आप को पूरी डीटेल दिया करूगा प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़ मान जाइए ना आप जानती है आप को ऐसे छोड़ के तो मैं भी नही जा सकता अब आप को डिसाइड करना है कि क्या करना है .

मामी-तो तू नही मानेगा चल ठीक है पर तू मुझे रोज फोन करेगा अगर एक दिन भी तूने फोन नही किया ना तो देख लियो और अगर तुझे वहाँ पे थोड़ा भी अजीब लगे तो तू प्रॉमिस कर कि तुरंत वापिस आ जाएगा .

अजय-प्रॉमिस मोम वैसे आप उदास थी ना तो बिल्कुल 60 साल की बुढ़िया लग रही थी .

मामी-हाहाहा अब तू पिटने वाला है किसी के हाथ से शायद तुझे याद नही तुझे नैना के साथ शॉपिंग पे जाना था वो आती ही होगी और तू अब तक तैयार भी नही हुआ और इस बार मैं तुझे नही बचाने वाली .

अजय-आप के होते हुए मुझे कोई भी हाथ नही लगा सकता पर दी की बात ही कुछ और है हाथ छोड़ के बाकी सब से काम लेती है और आज तो वो मुझ से प्यार करने का मोका ही ढूँढ रही है प्लीज़ आप उन को संभाल लेना मैं बस 10 मिंट मे तैयार हो के आया.

मैं तैयार हो के नीचे आया तो दी मोम(मामी जी को यहाँ से अब मैं मोम बोलुगा) से बात कर रही थी और मुझे देखते ही --- लो जी आ गये राजकुमार और इतना टाइम तो शायद कोई दुल्हन भी तैयार होने मे ना लगाए जितना तू ने आज लगाया है और ये तू ने क्या पहन रखा है हम पार्टी मे जा रहे है तेरे लिए लड़की देखने नही जो तू ये चंपू ड्रेस पहन के आया है.

मैं-- वेरी फॅनी दी इस ड्रेस मे क्या प्रॉब्लम है अच्छी ख़ासी तो है.

दीदी-ड्रेस मैं कोई प्रॉब्लम नही है तुझ मे है तेरे पे ये ड्रेस बिल्कुल अच्छी नही लग रही तू मुझे मेरी फ्रेंड्स से सामने शर्मिंदा करवाए गा चल सबसे पहले तेरे ड्रेस चेंज कराते है.दी ने मेरे लिए एक ब्लॅक कलर की शर्ट और ब्लॅक कलर की ही जीन्स निकाल दे और मॅचिंग वॉच'शूज भी दे दिए.

दी-जल्दी से चेंज कर के आ लेट हो रहे है.

मैं-जो हुकुम सरकार.

मैं ने कपड़े चेंज किए और खुद को शीशे मे देखा तो सच मे कमाल का लग रहा था मानना पड़ेगा दी की चाय्स को फिर मे नीचे आया और मोम को विश कर के मैं और दी चल दिए हम को शैली दी को भी पिक करना था हम शैली दी के घर पे पहुच के डोरबेल बजाने ही वाले थे कि गेट ओपन हुआ और शैली दी ने नैना दी को देखते ही शिकायत करनी सुरू कर दी कि कब से वेट कर रही हूँ तेरा पूरे आधा घंटा हो गया क्या गान..सेंटेन्स पूरा हो उस से पहले ही उस की नज़र मुझ पे पड़ गयी और उन्होने बात बीच मे ही छोड़ दी.

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