अपडेट 16
दिलीप- सुबह 8 बजे मेरी आँख खुली
मैं उठा नाहया धोया तय्यार होके नीचे जाने लगा
तभी सुधा सीधी से उपर आती हुई दिखी
सुधा- छोटे मालिक आपसे बात करनी है
हम दोनो मेरे रूम में आए
दिलीप- बताओ क्या बात है
सुधा ने अपनी गर्दन नीचे कर ली
सुधा- मैं आपसे झूठ नही बोलना चाहती
आपको पता है मैने आपको सेक्स करना क्यूँ सिखाया
दिलीप- नही पता लेकिन इतना भरोसा है कि तुम मुझे धोका नही दोगि
सुधा- मुझे किसी से बदला लेना है जो आप मेरे छोटे मालिक मेरे लिए लेंगे
दिलीप- कैसा बदला सुनो सुधा मैं ऐसा कोई ग़लत काम नही करूँगा जिससे मेरी बड़ी नानी को तकलीफ़ हो
सुधा- छोटे मालिक आप को मेरी कहानी सुनके यह फ़ैसला करना होगा
कि आप मेरी मदद करेंगे कि नहीं सुधा मेरी आँखों में देखने लगी
दिलीप- सुधा पहले मैं अपने दोस्त की मदद कर लूँ फिर तुम्हारी कहानी भी सुनूँगा अगर मुझे सही लगा तो मैं तुम्हारे लिए बदला भी लूँगा [सच बात यह थी कि सुधा की आँखों में अभी आँसुओं का सैलाब आया हुआ था
उसकी आँखों में एक ऐसा दर्द था जिसे शायद मैं समझ नही पाया लेकिन मेरा दिल समझ गया
मेरी बड़ी नानी कहती हैं कि अगर किसी बात का हल ना निकले तो उस बात को थोड़े समय के लिए टाल देना चाहिए ]
अब तुम जाओ और अपना ख्याल रखना
सुधा मेरी तरफ बढ़ी और मेरे होन्ट पे किस किया
सुधा- आप भी अपना ख्याल रखना छोटे मालिक
दिलीप- सुधा नीचे चली गयी
मैं भी नीचे गया
बड़ी नानी मैने ज़ोर से 3 4 बार आवाज़ दी
तभी पीछे से
क्यूँ इतनी ज़ोर से बड़ी माँ को आवाज़ दे रहे हो
मैं पीछे मुड़ा
[मर गया यह तो हिट्लर है कुछ सोच दिलीप वरना तेरा यह हिट्लर मामा तेरा दिल निकाल लेगा]
आइडिया
मैं बड़े मामा के पास गया और उनके पैर छुए
ब मामा- खुश रहिए
दिलीप- बड़ी नानी भी आ गई
[बच गया]
बड़ी नानी हम कब जाएँगे
ब नानी- बस बेटा 30 मिनिट में
दिलीप- [मुझे यहाँ से खिसक लेना चाहिए]
बड़ी नानी मैं बाहर बैठा हूँ
ब नानी- बेटा एक काम कर तू अपनी बाइक पे निकल मैं और तेरे बड़े मामा आते हैं
दिलीप- ठीक है बड़ी माँ मैं वहाँ से निकला बाइक पे बैठा और चल दिया बड़े मामा के घर
आज पहली बार दरबान ने मुझे नही रोका
मैं अंदर गया और
ब मामी को नमस्ते किया
ब मामी मुझसे नज़रे चुरा रही थी
ब मामी .. छोटी मासी प्रिया और वँया कहाँ है
ब मामी- वँया स्कूल गयी है और
सीमित्रा और प्रिया वापस शहर चले गये
दिलीप- आप मुझसे नाराज़ हैं
ब मामी- नही
दिलीप- आप ने मुझे अभी तक पानी के लिए भी नही पूछा
ब मामी- अभी लाती हूँ
दिलीप- नही मामी मैने तो ऐसे ही बोल दिया मैं अब इस घर का सदस्य हूँ कोई मेहमान थोड़ी हूँ
बड़ी मामी मुस्कुरा दी
मेरा कमरा कौनसा है
ब मामी- यह है तुम्हारा रूम
दिलीप- बहुत अच्छा है
पहले किसका था
ब मामी- यह तुम्हारा ही कमरा है अब तुम आराम करो
दिलीप-यह कहके बड़ी मामी चली गयी
मैं अपना कमरा देखने लगा कमरा बहुत अच्छा था
मेरे लिए कपड़े शूस क्रीम आयिल यहाँ तक कि मेरे अंडरवेर तक थे कमरे में
मैने सोचा विनय से मिल लेता हूँ मैं बाहर आया बड़ी मामी शायद अपने कमरे में थी
मैं बड़ी मामी के कमरे पे पहुँचा तो बड़ी मामी ब्रा और पैंटी पहने हुए अपनी साड़ी कबाड़ में से निकाल रही थी
मेरे तो होश ही उड़ गये मुझे सुधा को नंगा देखने में जितना मज़ा आया था
उससे कहीं ज़्यादा मुझे बड़ी मामी को ब्रा और पैंटी में देख मज़ा आ रहा था
मैं एकटक बड़ी मामी के पीठ को देख रहा था बड़ी मामी एक दम गोरी थी
[तभी मेरे दिमाग़ ने मेरे लंड को 2 4 गालियाँ दी और कहा अपनी औकात में रह वो बड़ी मामी है
वरना तू कभी खड़ा नही हो पाएगा]
मैने वहाँ से भागा किचन में 3 गिलास पानी पिया मैं किचन से निकला तो बड़ी मामी नीली सारी में सोफे पे बैठी थी
बड़ी मामी मैं अपने दोस्त के यहाँ जा रहा हूँ
बड़ी मामी ने गर्दन हां में हिला दी मैं बाइक पे बैठा और चल दिया विनय के घर
विनय कैसा है तू
विनय- ठीक हूँ भैया
दिलीप- माँ कैसी है
विनय- वो भी ठीक है
दिलीप- मुझे दीदी से मिलना है
विनय- ठीक है चलिए
दिलीप- चल बैठ बाइक पे
विनय बाइक पे बैठ गया वो मुझे रास्ता बताता गया
मैं बाइक चलाता रहा
आख़िर 2 गाओं पार करके हम दीदी के ससुराल पहुँच गये
यहाँ पे मैं बता दूं मेरी और विनय की दोस्ती 10 साल से है
लेकिन बड़ी नानी ने मुझे बाहर घूमने से मना किया था
इसी लिए गाओं के कुछ लोग ही मुझे जानते हैं......
विनय की दीदी भी मुझे नही जानती है
आज पहली बार मैं विनय की दीदी को देखूँगा....
Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
अपडेट 17
विनय अपनी दीदी को आवाज़ देने लगा विनय की दीदी बाहर आई
दीदी- मेरा भैया कैसा है तू और माँ कैसी है
विनय- मैं ठीक हूँ और माँ भी ठीक है
दीदी मेरी तरफ देखने लगी दीदी यह छोटे मालिक हैं
दिलीप- मैने दीदी को नमस्ते किया
दीदी ने भी मुझे नमस्ते किया
मैने विनय को बोला एक ज़रूरी बात करनी है
विनय- दीदी आप अंदर जाओ हम अभी आते हैं
दिलीप- मैने एक जोरदार मुक्का विनय की पीठ पे मारा
दोस्त बोलने में शरम आती है
विनय- मुँह से निकल गया
दिलीप- अच्छा सुन यह ले 1000 के दो नोट
विनय- यह किस लिए
दिलीप- देख पहली बार मैं दीदी के घर आया हूँ और को गिफ्ट भी नही लाया तू जा और दीदी के लिए एक अच्छी सी साड़ी लेके आ
विनय- उसके लिए तो शहर जाना पड़ेगा शहर जाने आने में 2 घंटे तो लग ही जाएँगे
दिलीप- [2 नही 3 घंटे लगेंगे] तू जाता है या एक और मुक्का मारू
विनय- अभी लेके आता हूँ
दिलीप- मैं घर के अंदर गया दीदी ने मुझे पानी दिया मैं पानी पीने लगा
दीदी- विनय कहाँ है
दिलीप- थोड़ी देर में आ जाएगा दीदी मुझे आपसे कुछ बात करनी है
दीदी- जी कहिए
दिलीप- आप जीजा जी से ज़्यादा प्यार करती हैं या अपने भाई से
दीदी- जी यह कैसा सवाल है
दिलीप- बस आप जवाब दीजिए
दीदी- मैं एक पतिवर्ता स्त्री हूँ मेरे लिए सबसे पहले मेरे पति आते हैं
दिलीप- तो आपका मतलब है कि कल अगर आपके भाई में या आपके पति में से किसी एक को चुनना पड़े तो आप अपने पति को चुनेंगी
दीदी- ऐसा क्या हुआ है जो आप ऐसी बातें कर रहे हैं
दिलीप- क्या फ़ायदा जब आप को अपने भाई की चिंता ही नही है
दीदी- नही आप बताइए मुझे जानना है
दिलीप- मैने दीदी को सारी बात बता दी दीदी रोने लगी
दीदी- यह क्या हो गया मेरी वजह से कहीं मेरे भाई की जिंदगी ना बर्बाद हो जाए
दिलीप- ऐसा कुछ नही होगा मैने कुछ सोचा है आप को पहले किसी डॉक्टर से अपना चेकप करवाना होगा
दीदी- क्यूँ
दिलीप- डॉक्टर से चेकप करवाने पे हमें यह पता चलेगा कि कमी आप में है या जीजा जी में
दीदी- इससे क्या होगा कमी मुझमे हो या ना हो यह दूसरी शादी करेंगे ही
दिलीप- और विनय बर्बाद हो जाएगा
दीदी- यह आप क्या बोल रहे हैं छोटे मालिक
दिलीप- दीदी अगर आप अपना चेकप करवाएगी तो हो सकता है इसका कोई इलाज हो मैं विनय को अपना भाई मानता हूँ इसी वजह से आप मेरी दीदी हुई मेरी यह बात मान लीजिए और मैं दीदी के पैर पकड़ लिए
दीदी- मेरे पैर छोड़िए छोटे मालिक
दिलीप- आप जब तक हाँ नही कहेंगी मैं आपके पैर नही छोड़ूँगा
दीदी- छोटे मालिक मेरे पैर छोड़िए
दिलीप- मेरे लिए नही तो अपने भाई के लिए ही मान जाइए
दीदी-ठीक है मैं तय्यार हूँ
दिलीप- मैने दीदी का पैर छोड़ दिया
दीदी- आज मैं मेरे पति से बात करूँगी
दिलीप- कौन सी बात
दीदी- यही डॉक्टर से चेकप करवाने की
दिलीप- आप जीजा जी से कुछ भी नही कहेंगी
दीदी- क्यूँ दीदी मुझे घूर्ने लगी
दिलीप- आपको डॉक्टर से दिखाने के लिए जीजा जी कभी नही मानेंगे
दीदी- वो मेरे पति हैं मैं उनको किसी भी तरह मना लूँगी
दिलीप- वो आपके पति होने से पहले एक मर्द हैं
[दीदी मेरी बात समझ गयी कि मैं क्या कहना चाहता हूँ]
दीदी- फिर भी मैं उनको बताऊंगी
दिलीप- [दीदी तो मान ही नही रही हैं एक बार और कोशिश करता हूँ]
ठीक है आप जीजा जी को बता देना उससे पहले आप को मेरी एक बात सुननी होगी
दीदी ने अपनी गर्दन हाँ में हिलाई
दिलीप--मान लीजिए अपने जीजा जी को मना लिया डॉक्टर ने आपका चेकप किया
आपका रिपोर्ट सही आया तो
दीदी- क्या मतलब
दिलीप- मतलब आप में कमी होगी तो आप अपना इलाज करवा लेंगी
लेकिन जीजा जी कभी अपना इलाज नही करवाएँगे और दूसरी शादी करेंगे
विनय बर्बाद हो जाएगा और माँ आप दोनो के दुख में मर जाएँगी
दीदी- नही मैं कराउन्गी अपना चेकप पर इनको क्या कहूँगी डॉक्टर तो शहर में है यह कभी नही मानेंगे
दिलीप- आप जीजा जी को बोलिए कि माँ की तबीयत खराब है आप को गाओं जाना है
जीजा जी जब आपसे पूछे कि कितने दिन के लिए जाना है तो आप कह देना 1 महीना तो लग ही जाएगा
दीदी- ठीक है मैं इनको मना लूँगी मैं खाना बनाती हूँ
दिलीप- 1 घंटे बाद
देखिए विनय भी आ गया
विनय- दीदी यह लो आपके लिए
दीदी गिफ्ट को खोलने लगी उसमे एक खूबसूरत सारी थी
दीदी- भैया यह तो बहुत महँगी है 1700 रुपये की तेरे पास इतने पैसे कहाँ से आए
विनय- दीदी यह तो
दिलीप- तभी मैने विनय का हाथ पकड़ा और कहा दीदी यह हम दोनो की तरफ से है
दीदी- आप दोनो बैठो मैं खाना लगाती हूँ
दिलीप- हम दोनो ने खाना खाकर हम ने दीदी को बाइ बोला मैं बाइक चलाने लगा
अच्छा विनय तू एक घंटा लेट कैसे हुवा
विनय- क्या बताऊ भैया 1 घंटा जाने में लगा दुकान पे गया तो कोई साड़ी पसंद ही नही आ रही थी
एक औरत ने मेरी मदद की 1 घंटा दुकान में लग गया
दिलीप- मैं अपनी हँसी कंट्रोल कर रहा था
मैने विनय को घर छोड़ा और चल पड़ा मेरे नये घर जो हिट्लर का था
जब मैं गेट पे पहुँचा
दरबान- छोटे मालिक कहाँ थे आप 5 घंटे से ठाकुर जी बहुत गुस्से में है
दिलीप- यह सुनके मेरी हालत खराब हो गयी....,..
विनय अपनी दीदी को आवाज़ देने लगा विनय की दीदी बाहर आई
दीदी- मेरा भैया कैसा है तू और माँ कैसी है
विनय- मैं ठीक हूँ और माँ भी ठीक है
दीदी मेरी तरफ देखने लगी दीदी यह छोटे मालिक हैं
दिलीप- मैने दीदी को नमस्ते किया
दीदी ने भी मुझे नमस्ते किया
मैने विनय को बोला एक ज़रूरी बात करनी है
विनय- दीदी आप अंदर जाओ हम अभी आते हैं
दिलीप- मैने एक जोरदार मुक्का विनय की पीठ पे मारा
दोस्त बोलने में शरम आती है
विनय- मुँह से निकल गया
दिलीप- अच्छा सुन यह ले 1000 के दो नोट
विनय- यह किस लिए
दिलीप- देख पहली बार मैं दीदी के घर आया हूँ और को गिफ्ट भी नही लाया तू जा और दीदी के लिए एक अच्छी सी साड़ी लेके आ
विनय- उसके लिए तो शहर जाना पड़ेगा शहर जाने आने में 2 घंटे तो लग ही जाएँगे
दिलीप- [2 नही 3 घंटे लगेंगे] तू जाता है या एक और मुक्का मारू
विनय- अभी लेके आता हूँ
दिलीप- मैं घर के अंदर गया दीदी ने मुझे पानी दिया मैं पानी पीने लगा
दीदी- विनय कहाँ है
दिलीप- थोड़ी देर में आ जाएगा दीदी मुझे आपसे कुछ बात करनी है
दीदी- जी कहिए
दिलीप- आप जीजा जी से ज़्यादा प्यार करती हैं या अपने भाई से
दीदी- जी यह कैसा सवाल है
दिलीप- बस आप जवाब दीजिए
दीदी- मैं एक पतिवर्ता स्त्री हूँ मेरे लिए सबसे पहले मेरे पति आते हैं
दिलीप- तो आपका मतलब है कि कल अगर आपके भाई में या आपके पति में से किसी एक को चुनना पड़े तो आप अपने पति को चुनेंगी
दीदी- ऐसा क्या हुआ है जो आप ऐसी बातें कर रहे हैं
दिलीप- क्या फ़ायदा जब आप को अपने भाई की चिंता ही नही है
दीदी- नही आप बताइए मुझे जानना है
दिलीप- मैने दीदी को सारी बात बता दी दीदी रोने लगी
दीदी- यह क्या हो गया मेरी वजह से कहीं मेरे भाई की जिंदगी ना बर्बाद हो जाए
दिलीप- ऐसा कुछ नही होगा मैने कुछ सोचा है आप को पहले किसी डॉक्टर से अपना चेकप करवाना होगा
दीदी- क्यूँ
दिलीप- डॉक्टर से चेकप करवाने पे हमें यह पता चलेगा कि कमी आप में है या जीजा जी में
दीदी- इससे क्या होगा कमी मुझमे हो या ना हो यह दूसरी शादी करेंगे ही
दिलीप- और विनय बर्बाद हो जाएगा
दीदी- यह आप क्या बोल रहे हैं छोटे मालिक
दिलीप- दीदी अगर आप अपना चेकप करवाएगी तो हो सकता है इसका कोई इलाज हो मैं विनय को अपना भाई मानता हूँ इसी वजह से आप मेरी दीदी हुई मेरी यह बात मान लीजिए और मैं दीदी के पैर पकड़ लिए
दीदी- मेरे पैर छोड़िए छोटे मालिक
दिलीप- आप जब तक हाँ नही कहेंगी मैं आपके पैर नही छोड़ूँगा
दीदी- छोटे मालिक मेरे पैर छोड़िए
दिलीप- मेरे लिए नही तो अपने भाई के लिए ही मान जाइए
दीदी-ठीक है मैं तय्यार हूँ
दिलीप- मैने दीदी का पैर छोड़ दिया
दीदी- आज मैं मेरे पति से बात करूँगी
दिलीप- कौन सी बात
दीदी- यही डॉक्टर से चेकप करवाने की
दिलीप- आप जीजा जी से कुछ भी नही कहेंगी
दीदी- क्यूँ दीदी मुझे घूर्ने लगी
दिलीप- आपको डॉक्टर से दिखाने के लिए जीजा जी कभी नही मानेंगे
दीदी- वो मेरे पति हैं मैं उनको किसी भी तरह मना लूँगी
दिलीप- वो आपके पति होने से पहले एक मर्द हैं
[दीदी मेरी बात समझ गयी कि मैं क्या कहना चाहता हूँ]
दीदी- फिर भी मैं उनको बताऊंगी
दिलीप- [दीदी तो मान ही नही रही हैं एक बार और कोशिश करता हूँ]
ठीक है आप जीजा जी को बता देना उससे पहले आप को मेरी एक बात सुननी होगी
दीदी ने अपनी गर्दन हाँ में हिलाई
दिलीप--मान लीजिए अपने जीजा जी को मना लिया डॉक्टर ने आपका चेकप किया
आपका रिपोर्ट सही आया तो
दीदी- क्या मतलब
दिलीप- मतलब आप में कमी होगी तो आप अपना इलाज करवा लेंगी
लेकिन जीजा जी कभी अपना इलाज नही करवाएँगे और दूसरी शादी करेंगे
विनय बर्बाद हो जाएगा और माँ आप दोनो के दुख में मर जाएँगी
दीदी- नही मैं कराउन्गी अपना चेकप पर इनको क्या कहूँगी डॉक्टर तो शहर में है यह कभी नही मानेंगे
दिलीप- आप जीजा जी को बोलिए कि माँ की तबीयत खराब है आप को गाओं जाना है
जीजा जी जब आपसे पूछे कि कितने दिन के लिए जाना है तो आप कह देना 1 महीना तो लग ही जाएगा
दीदी- ठीक है मैं इनको मना लूँगी मैं खाना बनाती हूँ
दिलीप- 1 घंटे बाद
देखिए विनय भी आ गया
विनय- दीदी यह लो आपके लिए
दीदी गिफ्ट को खोलने लगी उसमे एक खूबसूरत सारी थी
दीदी- भैया यह तो बहुत महँगी है 1700 रुपये की तेरे पास इतने पैसे कहाँ से आए
विनय- दीदी यह तो
दिलीप- तभी मैने विनय का हाथ पकड़ा और कहा दीदी यह हम दोनो की तरफ से है
दीदी- आप दोनो बैठो मैं खाना लगाती हूँ
दिलीप- हम दोनो ने खाना खाकर हम ने दीदी को बाइ बोला मैं बाइक चलाने लगा
अच्छा विनय तू एक घंटा लेट कैसे हुवा
विनय- क्या बताऊ भैया 1 घंटा जाने में लगा दुकान पे गया तो कोई साड़ी पसंद ही नही आ रही थी
एक औरत ने मेरी मदद की 1 घंटा दुकान में लग गया
दिलीप- मैं अपनी हँसी कंट्रोल कर रहा था
मैने विनय को घर छोड़ा और चल पड़ा मेरे नये घर जो हिट्लर का था
जब मैं गेट पे पहुँचा
दरबान- छोटे मालिक कहाँ थे आप 5 घंटे से ठाकुर जी बहुत गुस्से में है
दिलीप- यह सुनके मेरी हालत खराब हो गयी....,..
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rajaarkey
- Super member
- Posts: 10097
- Joined: 10 Oct 2014 10:09
- Contact:
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
Happy New Year Dosto
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
- Ankit
- Expert Member
- Posts: 3339
- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
Happy New Year Friends
- rangila
- Super member
- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
happy new year mitr
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )