bahot zaberdast update bhai
shaandaar lajawab
Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
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- Posts: 5698
- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
मुझे यकीन नही हो रहा था,जो प्रीति मुझसे सिर्फ़ एक बार बात की थी,वो आज मुझपे इतना प्यार जता रही है
मैं उसके साथ उसके रूम में गया
वो मुझे अपना रूम दिखाने लगी
दिलीप- आज बड़ा प्यार आरहा है अपने भाई पे
प्रीति- क्यूँ नही आ सकता
आप से कभी बात नही की इसका मटकब यह तो नही है
कि मैं आप से प्यार नही करती
दिलीप- उदास क्यूँ होती हो
और तुम्हारी बड़ी बहेन कहाँ हैं
प्रीति- अपनी फ़्रेंड के यहाँ गयी है
[उसके बाद प्रीति मुझे अपनी पसंद नापसंद के बारे में बताने लगी
दिलीप- आइस क्रीम खाओगी
प्रीति- हां
दिलीप- चलो फिर
[मैं और प्रीति रूम से बाहर आए
प्रीति- माँ मैं भैया के साथ आइस क्रीम खाने जा रही हूँ
दिलीप- आप चेंज करके आइए जल्दी से
विदू- आप जाइए मैं बहुत थक गयी हूँ
[फिर मैं और प्रीति आइस्क्रीम पार्लर पहुँचे
प्रीति और मैं आइस्क्रीम खाने लगे
हम आइस्क्रीम ख़ाके पार्लर से निकले और उसके बाद सिमिता मौसी के घर पहुँचे
वैसे अब मैं समझ गया था कि प्रीति सच में मुझे इतना अपनापन दिखा रही है
विदू और सिमिता मौसी दोनो ने मिलके खाना बनाया था
रात के 8 बज चुके थे और प्रिया अभी तक घर नही आई थी
विदू मुझे एक रूम में लेके गयी
विदू- यह है हमारा रूम
अब आप थोड़ा फ्रेश हो जाइए
दिलीप- मुझे अभी प्यार करना है
[विदू की बोलती बंद हो गयी,वो मुझे फटी आँखो से देखने लगी
दिलीप- ऐसे क्या देख रही हो
मैने कुछ ग़लत कह दिया क्या
विदू- नही नही वो मैं
दिलीप- वो मैं क्या
विदू- आप गुस्सा मत कीजिए
दिलीप- आप मुझे प्यार करने देंगी कि नही
विदू- जी
[मैने विदू को अपने सीने से लगा लिया
मैं उसके साथ उसके रूम में गया
वो मुझे अपना रूम दिखाने लगी
दिलीप- आज बड़ा प्यार आरहा है अपने भाई पे
प्रीति- क्यूँ नही आ सकता
आप से कभी बात नही की इसका मटकब यह तो नही है
कि मैं आप से प्यार नही करती
दिलीप- उदास क्यूँ होती हो
और तुम्हारी बड़ी बहेन कहाँ हैं
प्रीति- अपनी फ़्रेंड के यहाँ गयी है
[उसके बाद प्रीति मुझे अपनी पसंद नापसंद के बारे में बताने लगी
दिलीप- आइस क्रीम खाओगी
प्रीति- हां
दिलीप- चलो फिर
[मैं और प्रीति रूम से बाहर आए
प्रीति- माँ मैं भैया के साथ आइस क्रीम खाने जा रही हूँ
दिलीप- आप चेंज करके आइए जल्दी से
विदू- आप जाइए मैं बहुत थक गयी हूँ
[फिर मैं और प्रीति आइस्क्रीम पार्लर पहुँचे
प्रीति और मैं आइस्क्रीम खाने लगे
हम आइस्क्रीम ख़ाके पार्लर से निकले और उसके बाद सिमिता मौसी के घर पहुँचे
वैसे अब मैं समझ गया था कि प्रीति सच में मुझे इतना अपनापन दिखा रही है
विदू और सिमिता मौसी दोनो ने मिलके खाना बनाया था
रात के 8 बज चुके थे और प्रिया अभी तक घर नही आई थी
विदू मुझे एक रूम में लेके गयी
विदू- यह है हमारा रूम
अब आप थोड़ा फ्रेश हो जाइए
दिलीप- मुझे अभी प्यार करना है
[विदू की बोलती बंद हो गयी,वो मुझे फटी आँखो से देखने लगी
दिलीप- ऐसे क्या देख रही हो
मैने कुछ ग़लत कह दिया क्या
विदू- नही नही वो मैं
दिलीप- वो मैं क्या
विदू- आप गुस्सा मत कीजिए
दिलीप- आप मुझे प्यार करने देंगी कि नही
विदू- जी
[मैने विदू को अपने सीने से लगा लिया
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
और उसके पूरे चेहरे को चूमने लगा,उसकी आँखो को उसके गाल को उसकी नाक को उसके माथे को
दिलीप- मैं इस प्यार की बात कर रहा था
[फिर विदू चली गयी
कुछ देर बाद विदू आई
कुछ परेशान लग रही थी
विदू- प्रिया अभी तक घर नही आई है
आप प्रीति के साथ जाके देखिए ना
दिलीप- रोज कितने बजे आती है
विदू- 7 बजे तक
दिलीप- ठीक है जाता हूँ
[फिर मैं प्रीति के साथ अपनी कार में बैठा
हम प्रिया के जितने भी फ़्रेंड थे उनके घर गये,लेकिन उनका यही कहना था,कि आज कॉलेज के बाद हम ने उसे नही देखा
प्रीति की शकल अब रोने जैसी हो गयी थी
दिलीप- कोई और जगह है जहाँ वो जा सकती है
प्रीति- सब जगह देख चुके हैं
दिलीप- वो आज या कल कही जाने की बात कर रही थी
प्रीति- नही
दिलीप- अच्छे से याद करो
प्रीति- नही हम सब जगह देख चुके हैं
दिलीप- तुमने उसके मुँह से किसी जगह का नाम सुना है
[प्रीति अपने दिमाग़ पे ज़ोर डालने लगी
प्रीति- एक जगह है
[फिर उस जगह जाने के लिए प्रीति मुझे रास्ता बताने लगी,करीब 20 मिनिट बाद हम वहाँ पहुँचे
यह फार्महाउस था जहाँ पार्टी हो रही थी
फार्महाउस के गेट पे 4 सेक्यूरिटी गार्ड खड़े थे
दिलीप- तुम कार में ही बैठो
[मैं फार्महाउस मे जैसे ही अंदर घुसने की कोशिश किया सेक्यूरिटी ने मुझे रोक लिया
दिलीप- मुझे अंदर जाना है
सेक्यूरिटी- पास है
दिलीप- पास तो नही लेकिन पैसा है वो भी दो लाख
[सब की आँखें चमक गयी,मैने दो लाख रुपया जेब से निकालके उन्हे दिया
और अंदर जाके प्रिया को ढूँढने लगा,एक जगह मुझे प्रिया दिखी,मैं उसके पास गया,उसने काफ़ी पी रखी थी,कपड़े ऐसे पहने हुए थे,मैं प्रिया
को गोद में उठाया और आगे बढ़ने लगा
लेकिन एक लड़के ने मुझे रोक दिया और बोला,इतनी मुश्किल से यह हमारे हाथ आई है,तू इसे कहाँ ले जा रहा है
आज तो हम इस बला की खूबसूरत कली को फूल बनाएँगे...
दिलीप- मैं इस प्यार की बात कर रहा था
[फिर विदू चली गयी
कुछ देर बाद विदू आई
कुछ परेशान लग रही थी
विदू- प्रिया अभी तक घर नही आई है
आप प्रीति के साथ जाके देखिए ना
दिलीप- रोज कितने बजे आती है
विदू- 7 बजे तक
दिलीप- ठीक है जाता हूँ
[फिर मैं प्रीति के साथ अपनी कार में बैठा
हम प्रिया के जितने भी फ़्रेंड थे उनके घर गये,लेकिन उनका यही कहना था,कि आज कॉलेज के बाद हम ने उसे नही देखा
प्रीति की शकल अब रोने जैसी हो गयी थी
दिलीप- कोई और जगह है जहाँ वो जा सकती है
प्रीति- सब जगह देख चुके हैं
दिलीप- वो आज या कल कही जाने की बात कर रही थी
प्रीति- नही
दिलीप- अच्छे से याद करो
प्रीति- नही हम सब जगह देख चुके हैं
दिलीप- तुमने उसके मुँह से किसी जगह का नाम सुना है
[प्रीति अपने दिमाग़ पे ज़ोर डालने लगी
प्रीति- एक जगह है
[फिर उस जगह जाने के लिए प्रीति मुझे रास्ता बताने लगी,करीब 20 मिनिट बाद हम वहाँ पहुँचे
यह फार्महाउस था जहाँ पार्टी हो रही थी
फार्महाउस के गेट पे 4 सेक्यूरिटी गार्ड खड़े थे
दिलीप- तुम कार में ही बैठो
[मैं फार्महाउस मे जैसे ही अंदर घुसने की कोशिश किया सेक्यूरिटी ने मुझे रोक लिया
दिलीप- मुझे अंदर जाना है
सेक्यूरिटी- पास है
दिलीप- पास तो नही लेकिन पैसा है वो भी दो लाख
[सब की आँखें चमक गयी,मैने दो लाख रुपया जेब से निकालके उन्हे दिया
और अंदर जाके प्रिया को ढूँढने लगा,एक जगह मुझे प्रिया दिखी,मैं उसके पास गया,उसने काफ़ी पी रखी थी,कपड़े ऐसे पहने हुए थे,मैं प्रिया
को गोद में उठाया और आगे बढ़ने लगा
लेकिन एक लड़के ने मुझे रोक दिया और बोला,इतनी मुश्किल से यह हमारे हाथ आई है,तू इसे कहाँ ले जा रहा है
आज तो हम इस बला की खूबसूरत कली को फूल बनाएँगे...
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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