Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- naik
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
excellent update brother keep posting
waiting for the next update 😣
- Dolly sharma
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- Joined: 03 Apr 2016 16:34
Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
Super excellent update! wonderful writing, mind blowing story
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
फिर प्रिन्सिपल मेडम ने अपने बेटी से बात की जो काफ़ी रो रही थी
उसके बाद क्या हुआ यह तो आपको पता ही है
मैने क्लास रूम में पहुँचके देखा वँया किसी लड़की से बात कर रही है,मैं जब वहाँ पे पहुँचा तो वो लड़की झट से खड़ी हो गयी और पीछे जाके बैठ गयी
मैं वँया के पास बैठ गया
वँया- कुछ बोलो मत पता है मुझे प्रिन्सिपल मेडम मान गई हैं
लेकिन कैसे यह बताओ
मैं--अरे वो लड़की जो विशेष के साथ थी.मैं उसके पास गया.और उसे सब बताया.तो वो मेरे साथ मेडम के पास गयी और बस,मेडम मान गई
[मेरी बात सुनके वँया कुछ देर तक मुझे देखी,और हँसने लगी
मेरा तो पोपट हो गया
लेकिन वँया को हंसते देखके सुकून मिला
फिर टीचर आई हम ने अपने आपको इंट्रोड्यूस किया
फिर टीचर आते गये जान पहचान बढ़ाते गये
रिसेस में मैं वँया को लेके कॅंटीन में आ गया
साला ऐसा लग रहा था,मैं कॉलेज का दादा हूँ,कोई भी लड़का मेरी तरफ देख ही नही रहा था
फिर हम समोसे खाने लगे
वँया- चलो दीदी को बताउन्गी आज फिर तुमने कुछ उपर नीचे किया है
[यह सुनते ही समोसा मेरे गले में अटक गया
और मैं खांसने लगा...
वँया जल्दी से मुझे पानी दी मैं पानी पीक वँया को गुस्से भरी नज़रो से देखने लगा
वँया- गुस्सा क्यूँ होते हो.मैं तो मज़ाक कर रही थी
उसके बाद क्या हुआ यह तो आपको पता ही है
मैने क्लास रूम में पहुँचके देखा वँया किसी लड़की से बात कर रही है,मैं जब वहाँ पे पहुँचा तो वो लड़की झट से खड़ी हो गयी और पीछे जाके बैठ गयी
मैं वँया के पास बैठ गया
वँया- कुछ बोलो मत पता है मुझे प्रिन्सिपल मेडम मान गई हैं
लेकिन कैसे यह बताओ
मैं--अरे वो लड़की जो विशेष के साथ थी.मैं उसके पास गया.और उसे सब बताया.तो वो मेरे साथ मेडम के पास गयी और बस,मेडम मान गई
[मेरी बात सुनके वँया कुछ देर तक मुझे देखी,और हँसने लगी
मेरा तो पोपट हो गया
लेकिन वँया को हंसते देखके सुकून मिला
फिर टीचर आई हम ने अपने आपको इंट्रोड्यूस किया
फिर टीचर आते गये जान पहचान बढ़ाते गये
रिसेस में मैं वँया को लेके कॅंटीन में आ गया
साला ऐसा लग रहा था,मैं कॉलेज का दादा हूँ,कोई भी लड़का मेरी तरफ देख ही नही रहा था
फिर हम समोसे खाने लगे
वँया- चलो दीदी को बताउन्गी आज फिर तुमने कुछ उपर नीचे किया है
[यह सुनते ही समोसा मेरे गले में अटक गया
और मैं खांसने लगा...
वँया जल्दी से मुझे पानी दी मैं पानी पीक वँया को गुस्से भरी नज़रो से देखने लगा
वँया- गुस्सा क्यूँ होते हो.मैं तो मज़ाक कर रही थी
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
दिलीप- घर चल तुझे बताता हूँ
[वँया शर्मा गयी
तभी मेरा फोन बजने लगा.फोन विदू का था
मैं फोन वँया को देके उसके सामने हाथ जोड़ने लगा,वो जैसा तैसा बहाना बनाके फोन रख दी
फिर हम क्लास में गये
एक तो मुझे यह समझ नही आरहा था,कि इस कॉलेज में सिर्फ़ फीमेल प्रोफेससेर्स हैं,हद हो गयी,कॉलेज ऑफ होने के बाद जैसे ही हम कॅंपस में पहुँचे वो लड़की मुझे दिखी विशेष के साथ जो थी
वँया का चेहरा देखके मैं समझ गया,वँया को गुस्सा आरहा था
फिर मैं बाइक पे बैठा वँया मेरे पीछे बैठी रास्ते में वँया चुप करके बैठी हुई थी
मैं बाइक रोक दिया.और वँया को देखने लगा
दिलीप- मैं तुमसे बात नही करूँगा
वँया- क्यूँ
दिलीप- क्यूँ यह तुम खुद से पूछो
अब सोचना बंद करो
और मुझसे पूरा सट करके बैठो
वरना मैं अश्लील हो जाउन्गा
[मेरी बात सुनके वँया झट से मेरे से चिपक गयी
उसके दोनो हाथ मेरे सीने पे थे.और उसकी दोनो चुचि मेरी पीठ में दबी हुई
कुछ देर बाद हम गाओं की सरहद पे पहुँच गये,वँया मुझसे थोड़ा दूर होके बैठ गयी
फिर हम घर पहुँचे
मेरी दोनो और दोनो मामी बातें कर रही थी
हम दोनो को देखके सब हमारे पास आ गई
सबसे पहले विदू मेरे चेहरे को निहारने लगी.और बड़ी मामी वँया के चेहरे को
तब तक एलीना हमारे लिए पानी ले आई
[वँया शर्मा गयी
तभी मेरा फोन बजने लगा.फोन विदू का था
मैं फोन वँया को देके उसके सामने हाथ जोड़ने लगा,वो जैसा तैसा बहाना बनाके फोन रख दी
फिर हम क्लास में गये
एक तो मुझे यह समझ नही आरहा था,कि इस कॉलेज में सिर्फ़ फीमेल प्रोफेससेर्स हैं,हद हो गयी,कॉलेज ऑफ होने के बाद जैसे ही हम कॅंपस में पहुँचे वो लड़की मुझे दिखी विशेष के साथ जो थी
वँया का चेहरा देखके मैं समझ गया,वँया को गुस्सा आरहा था
फिर मैं बाइक पे बैठा वँया मेरे पीछे बैठी रास्ते में वँया चुप करके बैठी हुई थी
मैं बाइक रोक दिया.और वँया को देखने लगा
दिलीप- मैं तुमसे बात नही करूँगा
वँया- क्यूँ
दिलीप- क्यूँ यह तुम खुद से पूछो
अब सोचना बंद करो
और मुझसे पूरा सट करके बैठो
वरना मैं अश्लील हो जाउन्गा
[मेरी बात सुनके वँया झट से मेरे से चिपक गयी
उसके दोनो हाथ मेरे सीने पे थे.और उसकी दोनो चुचि मेरी पीठ में दबी हुई
कुछ देर बाद हम गाओं की सरहद पे पहुँच गये,वँया मुझसे थोड़ा दूर होके बैठ गयी
फिर हम घर पहुँचे
मेरी दोनो और दोनो मामी बातें कर रही थी
हम दोनो को देखके सब हमारे पास आ गई
सबसे पहले विदू मेरे चेहरे को निहारने लगी.और बड़ी मामी वँया के चेहरे को
तब तक एलीना हमारे लिए पानी ले आई
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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- rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना
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