Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र

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Dolly sharma
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Fantasy अनदेखे जीवन का सफ़र

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अनदेखे जीवन का सफ़र

गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा

मैं तो गया मारा

आके यहाँ रे


रे रे रे र से गाओ र से गाओ


रोते रोते हसना सीखो हस्ते हस्ते रोना जितनी चाभी भरी राम ने उतना चले खिलोना


एक बस हाइवे से होते हुए चले जा रही थी बस चलते चलते एक जंगल मे होके गुजर रही थी रोड के साथ साथ ही एक नदी बह रही थी क्या सुंदर नज़ारा था


लड़का : माँ माँ मुझे घर जाना है

माँ : बेटा बस अब ज़्यादा दूर नही है

देखो ना कितने अच्छे अच्छे गाने गा रहे है

लड़का : नही माँ मैं दादू के पास जाउन्गा वो अकेले होंगे

माँ : बेटा

तभी गोली की आवाज़ आती है बस अपना बॅलेन्स खो देती है ऑर सीधे नदी मे जा गिरती है


बचाओ बचाओ

...........................
हवलदार : सर सारे लोग निकल लिए गये है ऑर कोई नही है बस मे

इनस्पेक्टर : ठीक है क्या रिपोर्ट है

हवलदार : सर दो लोग मारे है कुछ ज़ख्मी हुए है एक औरत बेहोश है उससे जल्द ही होश आ जाएगा

तभी

औरत : बेटाआआआआआआआ कहते हुए उठ बैठती है

...................................
घने जंगल मे

दो लोग आपस मे बाते कर रहे थे

आदमी1: ये देखो इसमे हम सबकी मुक्ति है अगर ये किसी के हाथो लग गया तो फिर हम गुलाम बन जाएँगे

आदमी 2 : पर ये है क्या

आदमी 1: ये हम जींनों की शक्ति का पुंज है इसमे जो शक्ति है जिससे हम सब जुड़े है

अगर ये किसी इंसान के हाथ लग गया वो हमारा मालिक हम जिन्नो का बादशाह बन जाएगा अगर इसको किसी इंसान ने छू लिया हम फिरसे गुलाम बन जाएँगे

आदमी 2 : तो क्या हम इसे यहा छुपाएँगे


आदमी 1: हाँ यही सही जगह है सदिओ से यहाँ कोई नही आया यही उचित जगह है इसी जंगल की इस घुफ़ा मे

............................
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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

एक बच्चा बीच जंगल में एक नदी के किनारे बेहोश पड़ा हुआ था सूरज की रोशनी तेज़ हो गयी दोपेहर का वक्त था तभी बच्चा हिला लड़के को होश आगया


लड़का : माआआ माआअ माआआ

पर वहाँ कोई नही था बच्चा रोने लगा


माआ माँ हूहुउ माआ कहाँ हो माँ


दादू दादुउऊउ रोते रोते बच्चा आगे बढ़ने लगा जंगल मे अंदर चला गया


बच्चा भूख से बिलख रहा था माआअ भूक लगी हाई माआáआ कहा हो माआआ


चलते चलते बच्चा जंगल के बीचो बीच पहुच गया ओर एक पेड़ के नीचे बैठ गया


माँ भूख लगी है............. बैठे बैठे बच्चा सो गया थकान की वजह से रात हो चुकी थी बच्चा सोया हुआ था


तभी वयूऊऊओ ओूऊऊऊऊऊऊ कहीं भेड़ियों की आवाज़ आने लगी बच्चे की नींद खुल गयी बच्चा बहुत डरा हुआ था तभी पास के पेड़ो मे हलचल हुई जिसे देख बच्चा भागने लगा भागते भागते


बच्चा एक गुफा मे आ पहुँचा उसको ये जगह कुछ सुरक्षित लगी वो वहीं बैठ गया


रात काफ़ी हो चुकी थी बच्चा बहुत कमजोर हो गया था भूख से


तभी गुफा के अंदर से हल्की रोशनी दिखाई दी बच्चा उस ओर अपने लड़खड़ाते कदमो के साथ चला गया


जब वो अंदर गया तो वहाँ एक शिवलिंग था जिसपे एक चमकता हुआ पत्थर था


बच्चा लड़खड़ाते कदमों के साथ वहाँ पहुच गया ऑर डरते डरते उस पत्थर को उठाया


उसका उतना ही करना था कि पूरी गुफा मे एक तेज़ रोशनी सी फैल गयी बच्चा वहीं बेहोश हो गया रोशनी उस बच्चे मे चली गयी

.............................
जिन्न : ये क्या हो गया ये ये ये कैसे हो सकता है


जिन्न 2 : क्या हो गया क्या हो गया


जिन्न : हम फिरसे गुलाम बन गये हमारा मालिक आगया उसने उस मणि को छू लिया


जिन्न 2: अब क्या हो गा


जिन्न : अब कुछ नही हो सकता जब तक वो है हम उनके गुलाम है ऑर हम उनको नुकसान भी नही पहुँचा सकते उनमे अब हम सबसे कयि गुना ज़्यादा शक्ति है वो हमारे मालिक बन गये हैं चलो


फिर जिन्न गायब होके पहुच गये गुफा मे

जिन्न : ये क्या ये तो एक बच्चा है

जिन्न : पर ये यहाँ तक पहुँचा कैसे

जिन्न: जो भी हो हम इन्हे यहाँ नही छोड़ सकते इन्हे इंसानी दुनिया मे पहुचाना होगा


जब तक ये बड़े नही हो जाते कुछ नही कर सकते

जिन्न.1 ऐसा करते है इसे अनाथ आश्रम मे दे देते है....


जिन2...हाँ यह सही रहेगा...

फिर जिन्न इंसान का रूप लेकर बच्चे को अनाथ आश्रम छोड़ दिया जाता है..


आश्रम से बच्चे को स्कूल मे दाखिल करवा देते है..




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Dolly sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by Dolly sharma »

उधर..

बच्चे की माँ का बुरा हाल था ....


माँ..मुझे मेरा बच्चा चाहिए .ऑर रोने लगी.


यही हाल बच्चे की बेहन का था..

पिता...मत रो मिलजाएगा अपना छोटू कुछ नही होगा उसे..मैं इनस्पेक्टर के पास जा कर आता हूँ...



पिता..इनस्पेक्टर साहब..आपको हमारा बच्चा मिला


इनस्पेक्टर..देखिए जब मिलजाएगा आपको बता देंगे..बार बार आ कर दिमाग़ खराब मत करें हमारा..ऑर वैसे भी बहुत टाइम हो गया है क्या पता जिंदा है या नही .


इनस्पेक्टर की बात सुन पिता की आँखो मे आँसू आ जाते है..ऑर मुँह लटकाए वापिस घर आज जाता है...


उधर


एक बच्चा फटे पुराने कपड़े पहन स्कूल जा रहा था.


जो भी स्कूल मे उसको देखता तो उसे सभी बुरा भला बोलते कोई उससे प्यार से बात नही करता था..

.
आश्रम मे भी ऐसे ही दुत्कार्ते..ज़बरदस्ती बहुत सारा काम करवाते....


ऐसे मे स्कूल मे 10 दिन बीत जाते है..

बच्चा क्लास मे बैठा था कि तभी क्लास्ट मे मेडम आई ऑर उस बच्चे की तरफ हाथ दिखा कर ..


मेडम...ओ बच्चे क्या नाम है तेरा..


बच्चा ..डरता हुया..मेडम जी धनवीर..


मेडम...ह्म जो भी हो चल इधर आ ऑर कुर्सी सॉफ कर..


वहाँ बैठे सारे बच्चे उसे देख रहे थे ...


वीर मेडम को नम आँखो से देखता है ऑर कुर्सी सॉफ कर अपनी सीट पे बैठ जाता है...


सारे स्कूल के बच्चे एसका मज़ाक उड़ाने लगे ..कोई भी टीचर कभी पानी मँगवाता कभी कुर्सी सॉफ करवाता



वीर हमेआा अकेला बैठा रहता था..ऑर अपने मोम डॅड ऑर बेहन के बारे मे ही सोचता रहता..


उसे कुछ समझ नही आता कि क्या होगा उसकी इस जिंदगी का बिना माँ बाप के


एक दिन वीर को बहुत भूख लगी थी
वही पास मे कुछ बच्चे टिफिन खोल खाना खा रहे थे कि..

वीर उनके पास जा कर बैठ जाता है..ऑर खाने की तरफ देखने लगता है


लड़का ...ए ऐसा क्या देखता है. तुझे नही मिलेगा चल भाग यहाँ से..ऑर वीर के उपर मिट्टी फेक देते है..


वीर वहाँ से रोता हुआ बाहर आ जाता है....


जिस बचपन मे बच्चे को हँसी खुशी जिंदगी ज़ीनी थी .आज उसे दर दर की ठोकर खानी पड़ रही है..

समय किसी के लिए नही रुकता


.अब लड़का पढ़ाई के साथ साथ काम भी करता ऑर अपने कपड़े ऑर स्कूल का खर्चा भी उठाता


पड़ाई मे अच्छा होने के बावजूद भी कोई भी टीचर उससे प्यार से बात नही करता था.


उधर..

वीर की माँ बेहन ऐसा कोई दिन नही ऐसा कोई पल नही जब उन्हो ने वीर को याद ना किया

आज वीर17 साल का हो गया था..12 मे था...


उसका कोई भी दोस्त नही था. अगर किसी से भी दोस्ती करता भी तो सब उसे बुरा भला बोल कर भगा देते...


ऐसे मे उसके मन मे लोगो के प्रति गुस्सा बढ़ने लगा उसे ऐसा लगने लगा कुछ भी हो जाए सब से बड़ा आदमी बनके रहूँगा..


2 जिन्न हमेशा उसके साथ रहते...जो उसकी रक्षा करते थे....


दोस्तो जिंदगी मे माता पिता के बिना बच्चे की कोई जिंदगी नही होती..सोच के देखो जिस वक्त उस बच्चे ने अपनी माँ के हाथ से प्यार से खाना खाना था उस बच्चे को खाना गाली देकर मिलता..


जिस बच्चे को उसकी माँ सुबह प्यार से उठाती आज उसी बच्चे एक लात मार के उठाया जाता...



बच्चा स्कूल मे दिल लगा के पढ़ने लगा देर रात तक पढ़ता ऑर बच्चा स्कूल मे फर्स्ट आया जिस से बच्चे को सॅकोलरशिप मिली कॉलेज जाने के लिए..


अब वीर 18 साल का हो गया. था. जैसे ही बच्चा 18 साल का हुआ तो उसे जिन्नो के सपने आने लगे थे


आज उसका कॉलेज मे फर्स्ट डे था....


मॉर्निंग में वीर उठा नहा के अपने मोम डॅड को याद किया नहा कर तैयार हुया ऑर चल पड़ा कॉलेज की तरफ़


वीर ने जैसे ही कॉलेज मे एंटर किया कि तभी उसके फेस पर एक लड़की ने किस किया ऑर उसे धकका दे कर चली गयी..

वीर तो उस लड़की को देख खो सा गया था.. तो उस लड़की को देख वहीं जाम हो गया था जैसे कोई परी देख ली हो



वीर दिखने मे अच्छा था ब्लू आइज़ 6 फीट हाइट..
अच्छी ख़ासी बॉडी थी..पर कपड़े ढंग के नही थे. ऑर ना ही हेर स्टाइल..


ऐसे मे अच्छे कपड़े ऑर बढ़िया हेर स्टाइल हो तो कोई भी लड़की मर मिटे..


वीर आगे चलता है .रास्ते मे उसे कुछ लड़के ऑर लड़किया रोक लेते है...



उनमे से एक लड़का..

लड़का..ओह हेलो इधर आ वहाँ वो लड़की भी खड़ी थी..

लड़का..क्या नाम है बे तेरा
..

वीर...जी मेरा नाम धनवीर है..


लड़का..ओह्ह तो चल एक काम कर ऑर मुर्गा बन जा.


वीर पहला दिन सोच के चुप चाप मुर्गा बन जाता है जिसे देख वहाँ खड़े सारे स्टूडेंट हँसने लगते है..


लड़का..य्र यह तो सच मे बहुत फट्टू है...

चल खड़ा हो बे

वीर खड़ा होता है..

चल एक काम कर अगर तू हमारी टीम मे शामिल होना चाहता है. तो उधर गेट से जो कोई भी आएगा तू उसे किस करेगा


वीर...सॉरी यह मैं नही कर सकता ..


लड़का...देख अगर कॉलेज मे रहना है तो यह करना ही पड़ेगा..


फिर वीर सोचता है खाम्खा क्यू लफडे मे पड़ना पहली बार तो कोई दोस्त बन रहा है..


वीर वहाँ से गेट की तरफ जाता है...

गेट से एक लड़की निकलती है..दिखने मे बहुत ही खूब सूरत..
वियर उसे किस करता है कि तभी...

अब क्या होगा जानने के लिए वेट फॉर नेक्स्ट अपडेट
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rajsharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

Post by rajsharma »

नयी कहानी के लिए बधाई
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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Re: अनदेखे जीवन का सफ़र

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Congratulation
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