रंडी खाना complete

Post Reply
josef
Platinum Member
Posts: 5361
Joined: 22 Dec 2017 15:27

रंडी खाना complete

Post by josef »

रंडी खाना

माता पिता के देहान्रत के बाद पुरे घर की जिम्मेदारी मेरे कंधो पर आ पड़ी थी, मैं शहर में रहता था जबकि मेरे परिवार के अन्य लोग पास के गाव में गाव में ऐसे तो पूरा परिवार था पर बटवारे की वजह से कोई अपना कहने को ना था मैं सालो से बहार रहकर ही पढाई की थी और फिर यही जॉब भी करने लगा ,मेरे कॉलेज की एक लड़की काजल से मेरा अफेयर था सोचा था की थोडा सेटल होने के बाद माँ को सब बता दूंगा पर अचानक हुए इस वाकये से मैं स्तब्ध रह गया ,मेरे परिवार में मेरी दोनों छोटी बहनों की जिम्मेदारी अब मेरे ऊपर थी,मैंने उन्हें अपने पास शहर ले आया और उनकी पड़ी की वयवस्था भी यही कर दि,निशा मेरी छोटी बहन थी जो अभी में थी और बड़ी शरारती थी और दूसरी पूर्वी अभी स्कूल से निकली थी और उसे यहाँ के कॉलेज में दाखिला करा दिया था,कुछ दिनों के बाद मैंने काजल से शादी भी कर ली ,ताकि हम दो कमाने वाले हो जाए शादी हमने कोर्ट में की थी जिसमे बस मेरी दोनों बहने और काजल के पापा , भाई वरुण ,और भाई का दोस्त सुशांत आये थे ,काजल की माँ भी गुजर चुकी थी ,काजल और मैं अलग अलग होटल्स में मेनेजर थे...मैंने अपने बड़े काम निपटा दिए और टेंशन फ्री हो गया मैंने अपनी बहनों से कह रखा था की जो लड़का तुम्हे पसंद आये उससे तुम्हारी शादी करा दूंगा,मेरी बहने गाव में रहने के कारन बहुत ही शर्मीली थी लेकिन मुझे क्या पता था की शहर की हवा में क्या जादू होता है,

कहानी तब से शुरू होती है जब मैं अपने होटल के काम से एक दूसरे होटल में गया था,हमारे शहर में कुल 5 बड़े होटल्स थे जिसमे हमेशा बहुत जादा प्रतियोगिता होती थी ,मैंने और काजल ने अपनी शादी की बात तक इसलिए छुपाई थी की कही हमें नौकरी से इसलिए ना निकल दिया जाय की हम दोनों प्रतियोगी होटल्स में काम करते है,मेरे होटल के मालिक कपूर साहब थे और काजल के होटल के मालिक खान साहब दोनों में कट्टर दुश्मनी थी,दोनों बहुत रसूखदार लोग थे और हर चीज में प्रतियोगी थे ,ये सब तबसे शुरू हुआ था जबसे कपूर साहब की बेटी ने खान के बेटे से शादी कर ली सब बढ़िया था पर खान का लड़का अजीम बड़ा आइयाश किस्म का था सो दोनों का तलाक हो गया और दोनों नामी घराने एक दूसरे के दुश्मन ...मैं मेहता एंड संस के होटल में पंहुचा मुझे मेहता साहब के साहबजादे रवि से मिलाना था,मैं रवि के केबिन में पंहुचा ही था की वह के मेनेजर किशन ने मुझे रोक लिया ..

'अबे क्या कर रहा है ,रवि साहब अभी बिजी है ,'हम सभी होटल के मैनेजरों को अच्छी तरह पहचानते थे,और हमारी दोस्ती भी ठीक ठाक ही थी ,


'अबे मुझे रवि ने खुद बुलाया था ,कुछ काम था उन्हें ,'

'बुलाया होगा मेरे भाई पर समझा कर साला रवि अभी यहाँ की HR के साथ लगा हुआ है,अपनी ठरक मिटने दे उसे फिर मिल लेना,'HR का नाम सुनते ही मेरे मुह में पानी आ गया ,नाम था शबनम क्या माल थी

' साला रवि बड़ा खुश किस्मत है यार,'

'साले तेरे पास उतने पैसे होंगे ना तो तू भी खुशकिस्मत हो जायेगा ,साली को पैसे चाहिए और रवि को उसकी जवानी ,बेचारा उसका पति जितना उसने उसे नहीं चोदा होगा उतना तो रवि ने इसे चोद लिया है,'किशन हँसाने लगा,मैंने अपना सर धीरे से उसके केबिन के दरवाजे से लगाने की कोशिस की वह से शबनम की आँहो की आवाजे मुझे साफ़ सुनाई दे रही थी ,,

'साला क्या चोद रहा है बे कितना चिल्ला रही है,'

'अरे कुछ नहीं साली रांड है ,उसे खुस करने के लिए चिल्लाती है,'

'साले तुझे कैसे पता ,'मैंने आँखे बड़ी कर उससे पूछा,

'अबे मैंने भी ली है उसकी जब रवि हॉलिडे पर था ,'किशन ने अपने दांत निकल दिए ,मैं आश्चर्य से उसे देखने लगा,

'भाई मेरी भी कुछ सेटिंग करा दे ना मैं भी उसकी ले लू ,साली कमल की लगती है बे,'मैंने अपनी आँखों में हवास भर कर कहा,

'करा दूंगा पर तुझे मेरी सेटिंग उस खान के होटल वाली मेनेजर से करना पड़ेगा क्या नाम है उसका हां काजल साली चलती है तो लगता है की पकड़ के पेल ही दू,'काजल का नाम सुनकर मेरे दिल की धड़कन ही बड गयी /

'साले वो खान के होटल की है तुझे तो पता है ना,अपना कैसा है वहा से और काजल शादीशुदा लड़की है बे और बहुत संस्कारी भी है,'

'हा जनता हु साले उसके संस्कार,मुझे तो लगता है वो खान का लवंडा उसे फुल पेलता होगा उसके होटल की माल को वो कैसे छोड़ देगा,और उसके पति का तो अता पता भी नहीं है ,सुना हु किसी दुसरे जगह रहता है,और तू साले हमें चुतिया ना बना साथ साथ गार्डन जाता है ना उसके वो भी अपने बहनों के साथ ,साले तू उसे चोदे और हामे बोले संस्कारी ,'मेरा चहरा लाल पड़ने लग गया मुझे समझ नहीं आ रहा था की इसे क्या कहू,और इसने जो आजिम के बारे में कहा उससे मेरा दिल ही दहल गया था मुझे इतना तो पता था की अजीम बहुत ही कमीना लड़का है,

'अबे वो मेरे बहनों की दोस्त है इसलिए ,चल छोड़ इस मादरचोद का काम कब पूरा होगा,'

'हो जायेगा,अभी तो चालू हुआ है चल काफी पीते है,'मैं बुझे मन से उसके साथ चलने लगा,...
josef
Platinum Member
Posts: 5361
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: रंडी खाना

Post by josef »

कपूर साहब आज बहुत गुस्से में थे और मैं सर झुकाए खड़ा था,

'क्या कर रहे हो हो तुम,एक इतना बड़ा प्रोजेक्ट हाथ से चला गया ,आखिर रवि क्यों नहीं माना तुमने तो उससे बात की थी ना ,

'सर मैं क्या कर सकता हु,उन्होंने ऑफ़र किया था की उन्हें लड़की चाहिए तभी वो बात को बढाएंगे और मैं कहा से लड़की लाता,पता नहीं खान साहब ने कहा से लड़की का जुगाड़ कर दिया...'कपूर साहब ने मुझे खा जाने वाली नजर से देखा

'अबे मादरचोद मुझे क्यों नहीं बोला वो साला खान अपनी मेनेजर को भेज दिया होगा .साले तेरी जगह मैं भी कोई लड़की ही रख लेता हु...'मैं फिर काजल के बारे में सोचकर अपसेट हो गया

'सर ऐसा नहीं है ,;तभी कमरे में कपूर साहब ही बेटी रश्मि आई

'पापा आप इसे क्यों डांट रहे है,मैं इससे बात करती हु ,तुम बाहर चलो ,,'मेरी तो फटी पड़ी थी मैं अपने को सम्हालता हुआ उसके पीछे चला गया वो उस रूम में पहुची जो उसके लिए रखा गया था,

'हम्म्म्म तो क्या नाम है तुम्हारा,'

'मेडम देव '

'हम्म्म मेनेजर साहब ,अब से पापा की बात मानने की जरुरत नहीं ही समझे,और वो काजल क्या लगती है तुम्हारी,'काजल का नाम सुनकर मेरी फट के चार हो गयी,

'नहीं मेम कुछ नहीं 'रश्मि ने मुझे बड़े प्यार से देखा मैं नजर झुके खड़ा था,

'साले मैं पापा नहीं हु ,और ये मत समझना की की अजीम से मेरी शादी इसलिए टूटी क्योकि वो ऐयाश था ,असल में मैं भी उतनी ही ऐयाश हु पर बस मैं लड़की हु ना कोई चीज खुलके नहीं कर सकती ,अब बता क्या सम्बन्ध है तेरा और काजल का ,'मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की मैं क्या बोलू,

'सुन बे देव मुझे नहीं पता की तुम दोनों के बीच क्या है पर मैं अब तेरी मालकिन हु और मुझे उन खान लोगो के होटल की वाट लगानी ही तू समझ जा ,बोल क्या प्लान है तेरे पास की सब ठीक हो जाये,'मैं फिर कुछ नहीं बोल पा रहा था ,वो मुझे गुस्से से देखि ,

'अच्छा सुन ,अब से अगर कोई कस्टमर तुम्हे बोले की रात का जुगाड़ है क्या तो क्या बोलोगे,'

मैं थोडा डरा हुआ था

'मेडम दारू या लड़की 'मेम के होठो पर मुस्कान आ गयी

'साले दोनों के बारे में पूछ रही हु,'

'मेडम दारू तो मिल जाएगी पर लड़की कहा से,...'मैं बोलते बोलते हुए रुक गया,

'साले तेरे जैसे मेनेजर के कारन ही ये होटल घाटे में जा रहा है,दोनों में हां बोलना और मुझे बताना समझा ,'मैं थोड़ी देर आश्चर्य से उन्हें देखा फिर हां में सर हिलाया ,

'और तेरा जो भी है ,आजिम की उस रांड काजल के साथ उसे युस कर समझा थोड़ी ना तेरी बीवी है तेरे बहनों की दोस्त बस है ना'अब तो सच में मेरी फट गयी मेरे आँखों से आंसू आने को थे पर मैंने बड़े मुस्किल से उन्हें सम्हाला और हां में सर हिलाया ये तो मैंने किशन को बताया था उसने कब इन्हें बता दिया पर सबसे सवाल ये था की क्या सच में काजल ऐसी है?????

आज मैं बहुत ही बेचैन सा अपने घर में गया ,वह देखा तो मेरी दोनों बहाने पड़ने में लगी थी काजल अभी तक नहीं आई थी,मैंने काजल को फ़ोन किया

'कहा हो जान ,'मैंने उत्सुकता से पूछा ,

'अभी तो मैं (उसकी आवाज नार्मल नहीं थी )वो अजीम सर के साथ हु ,सुनो ना मीटिंग है और लेट हो सकता है और पूर्वी को बोल देना की खाना बना दे ओके बाय,'कहकर उसने कॉल काट दिया मेरे मन की बेचैनी और बढ़ गयी थी मैंने पूर्वी को खाना बनाने को बोल अपने रूम में चला गया मैंने उन्हें बोला की मेरे सर में दर्द है और मैं सोने जा रहा हु ,खाना बना के खा के सो जाना और उठाकर खा लूँगा या जब काजल आएगी खा लूँगा,

मैं अपने कमरे में जाकर ऐसे ही लेटा सोच रहा था की मेरे रूम में निश आ गयी मैंने उसे देख थोडा गुस्सा दिखाया ,

'मैंने कहा था ना की सर में दर्द है ,क्या हुआ आराम करने दे मुझे चल जा,'वो बिना कुछ बोले मेरे बिस्तर के पास आ गयी और उसके हाथो में एक तेल था मेरे सिरहाने बैठ के मेरा सर दबाने लगी और तेल लगाने लगी ,उसके हाथो के कोमल अहसास और उसके प्यार भरे स्पर्श ने मुझे बहुत शुकून दिया मैंने उसे सर उठा कर देखा तो वो मुझे देख मुस्कुरा रही थी,मैंने उसके गोद में अपना सर रख लिया और अपने हाथो को उसके कमर से बांध लिया,वो मेरे सर को सहलाती और मालिश करती रही ..थोड़ी देर में ही मेरी आँखे लग गयी और जब मैं उठा तो देखा की रात के 11 बज चुके थे मुझे लेटे 2 घंटे हो चुके थे काजल शायद अभी भी नहीं आई थी और मैं अब भी निशा के गोद में ही सोया था,मेरे हलचल होने से उसकी भी नींद टूटी वो मेरे बालो को प्यार से सहलाई..

'अब कैसा लग रहा है भईया,'

'मेरी प्यारी बहन ने मालिश की है अच्छा ही लगेगा ना,इधर आ..'वो मेरे ऊपर झुक गयी और मैंने उसके गालो को चूम लिया मैं वहा से उठा उसका प्यार देखकर मेरा दिल हल्का हो गया था,मैंने उसे खाना बनाने को कहा और साथ ही खा कर सो गया ...काजल को काल किया पर उसने नहीं उठाया ,ये हमारे काम में अकसर होता था की हमें रात में भी काम करना पड़ता था और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा था पर आज मैं दुखी था ,पता नहीं क्यों पर मैं दुखी था मुझे काजल का यु मेरा फोन ना उठाना और रात भर बहार रहना अच्छा नहीं लग रहा था,...
User avatar
rajsharma
Super member
Posts: 15829
Joined: 10 Oct 2014 07:07

Re: रंडी खाना

Post by rajsharma »

nayi kahani ke liye dhanywad
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
User avatar
jay
Super member
Posts: 9108
Joined: 15 Oct 2014 22:49
Contact:

Re: रंडी खाना

Post by jay »

congratulations bro
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
Post Reply