बदसूरत

Post Reply
User avatar
Rathore
Novice User
Posts: 534
Joined: 12 Feb 2018 01:27

Re: बदसूरत

Post by Rathore »

waiting for next update
#Rathore– #अंदाज 😎 कुछ #अलग 😏 हैं #मेरे_सोचने 😅 का...!
#सबको 👥 #मंजिल 🏠 का #शौंक हैं और #मुझे 😎 #सही_रास्तों😊 का...!!
:shock: :o :( :arrow:
User avatar
naik
Gold Member
Posts: 5023
Joined: 05 Dec 2017 04:33

Re: बदसूरत

Post by naik »

waiting brother wear are you ?
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: बदसूरत

Post by mastram »

थोड़ी देर बाद जब अविनाश नार्मल हुआ तो वो उठा और बाथरूम चला गया...सुहानी ने आँखे खोली और अपने कपडे ठीक किये और एक कपडा लेके अविनाश का वीर्य साफ़ कर दिया और जब उसे लगा की अविनाश वापस आने वाला है तो झट से सो गयी।


अविनाश ने देखा की सुहानी ब्लैंकेट ओढ़ के सो गयी है...

अविनाश:- मन में...अह्ह्ह्ह आज तो मजा गया....सच में कितनी सेक्सी है सुहानी....स्सस्सस्स सिर्फ सूरत थोड़ी अच्छी रहती तो इसे देख के ही पानी निकल जाता...


अविनाश अभी भी सुहानी की बद्सुरती को अपने मन से पूरी तरह निकाल नही पाया था...लेकिन वो आज जो हुआ उससे बहोत खुश था। वो आगे बढ़ा और बिस्तर पर बैठ गया...उसने सुहानी की तरफ देखा....वो सो रही थी....वो उसके पास गया...और झुक के उसके गाल को किस किया....

अविनाश:- सुहानी...सुहानी...अब तो उठ जाओ...इतना सबकुछ हो गया अब क्या शरमाना....

सुहानी कुछ नही बोली...

अविनाश:- प्लीज़ एक बार मेरी तरफ देखो...सुहानी...सुहानी...

अविनाश ने फिर आवाज दी...और उसे सीधा करने की कोशिस की...

सुहानी को। बहोत शरम आ। रही थी। वो सीधे तो हो गयी लेकिन अपनी आँखे नही खोली...अविनाश ने देखा सुहानी शरमा के हल्का हल्का मुस्कुरा रही थी। उसकी आँखे बंद थी।

अविनाश:- (उसके पास गया और फॉर से गालो पे। किस किया)...सुहानी बोलो ना कुछ... मजा आया???

सुहानी फिर से अपना चेहरा दूसरी और कर दिया...

अविनाश:- सुहानी सच में तुम बहोत सेक्सी हो...तुम्हारी ये चुचिया उफ्फ्फ्फ्फ़ तुम्हारे मांसल नितम्ब....स्सस्सस्स और तुम्हारी गीली चिकनी.....


अविनाश चुप हो गया...वो सुहानी के चहरे के हावभाव पढ़ने लगा....सुहानी अविनाश के मुह से अपने अंगो की तारीफ़ सुन कर उत्तेजित होने लगी थी...उसकी सांस तेज हो रही थी। अवविनाश झुके हुए था...वो धीमी धीमी आवाज में उससे बाते। करने लगा।

अविनाश:- सुहानी मुझे पता है ये सब गलत है....लेकिन मुझसे रहा नही गया....जब से तुम्हे वो ब्रा पॅंटी में देखा तबसे मैं पागल सा गया...और फिर एक बाद एक ऐसी चीजे हुई जिससे मैं अपने। वश में नही रहा....और जब मुझे लगने लगा की तुम्हे भी पसंद आ रहा है तो मैं और भी बेकाबू हो गया....और ये सब कर बैठा....मैं मानता हु सुहानी की आज मैंने बहोत बड़ा पाप किया है...लेकिन सुहानी मैं ये पाप और करना चाहता हु मैं तुम्हे.... ....ओह्ह्ह्ह सुहानी मैं तुम्हे कैसे बताऊ...प्लीज़ आँखे खोलो...एक बार मुझसे बात करो...सुहानी प्लीज़ प्लीज़...

सुहानी अविनाश की बाते सुन रही थी...उसे बहोत ख़ुशी हो रही थी....अविनाश उसको पाने के लिए पागल हो चूका था....

अविनाश:- ओह्ह्ह्ह सुहानी जब भी मैं आँखे बंद करता था तब मेरी आँखों के सामने बस तुम्हारा जिस्म घूमता था....तुम्हे छूना...तुम्हारे चुचियो को दबाना उफ्फ्फ्फ्फ़ सुहानी अह्ह्ह्ह तुम नही जानती मैंने तुम्हारे बारे में क्या क्या नही सोचा....

सुहानी:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् क्या पापा??

आखिर सुहानी ने जवाब दिया...उसकी आवाज सुन के अविनाश बहोत खुश हुआ...लेकिन सुहानी ने अपनी आँखे नहीं खोली...

अविनाश:-ओह्ह्ह सुहानी सब बताऊंगा लेकिन आँखे तो खोलो...

सुहानी:- नाहीईई...मुझे शर्म आती है...सुहानी ने अपना चेहरा अपने हाथो से छुपाते हुए कहा....

अविनाश ने उसके। हाथो को पकड़ा और अपना चेहरा आगे ले गया...उसने धीरे से उसके हाथो पे किस किया और उसके हाथो को चहरे से हटाया...सुहानी जोर जोर से सांसे ले रही थी...

अविनाश:- सुहानी आँखे खोलो...अविनाश बिलकुल उसके चहरे के पास जाक्के धीरे से बोला...

सुहानी को उसकी साँसे अपने चहरे पे महसूस हो रही थी।

सुहानी ने धीरे से अपनी आँखे खोली....वो अविनाश को देखने लगी....अविनाश उसकी आँखों में देख रहा था...वो उसकी आँखों में देखते हुए थोडा और झुका...वो उसे होटो पे किस करना चाहता था...लेकिन सुहानी ने अपना चेहरा फिर से दूसरी तैअफ कर दिया...अविनाश के होठ उसके गालो को छु गए...,

सुहानी:-स्स्स्स पापाआआआ ....नहीई अह्ह्ह्ह

अविनाश:-इधर देखो सुहानी....मैं चाहता हु की मैं जब तुम्हे बताऊ तब तुम मेरी आँखों में देखो स्स्स्स्स्

सुहानी :- नहीईई मुझे बहोत शर्म आ रही है...

अविनाश:- इसीलिए तो कह रहा हु....की अपनी आँखे खोलो...और मुझे देखो...शर्म अपने आप कम हो जायेगी।

सुहानी ने अपनी आँखे खोली वो एकदूसरे को देखने लगे....

अविनाश:-(अपने होठ उसके होठो के नजदीक लेके गया) मैं तुम्हे किस करना चाहता हु

सुहानी:-पापाSSSSSSSSSSSSS......सुहानी अपने होठ थोडा आगे किये.....

अविनाश:- सुहानी......

सुहानी:-पापा......

दोनों के होठ बिच में सिर्फ एक बाल जितना ही अंतर था......और फिर अविनाश ने अपने तपते होठ सुहानी के कांपते होठो पे रैह दिए...इस बार दोनों की आँखे बंद हो गयी। कुछ पल दोनों ऐसेही रहे....फिर अविनाश ने धीरे से अपने होठ खोले और सुहानी के निचे के होठ को धीरे से चूसा....जैसे ही सुहानी को अविनाश ककए होठो का गीलापन महसूस हुआ उसके होठ अपने आप थोडा खुल गए....अविनाश ने स7हानि के होठो को और थोडा अपने होठो में लिया और धीरे धीरे चूसने लगा......वो कभी निचे का होठ चूसता तो कभी ऊपर का.... थोड़ी देर वो ऐसेही सुहानी को किस करता रहा....फिर वो थोडा उठा और अपनी। आँखे खोली....सुहानी ने भी अपनी आँखे खोली....वो एकदूसरे को देख रहे थे....*

सुहानी:- पापा sssssssss

सुहानी ने जैसे ही ये कहने के लिए मुह खोल अविनाश ने फिर से उसे किस करना शुरू कर दिया....और इस बार सुहानी भी उसका साथ दे रही थी....सुहानी ने अपने हाथ उसके गले में डाल दिए और वो अविनाश को किस करने लगी....अविनाश धीरे धीरे उसका निचला होठ चूस रहा था और सुहानी उसका ऊपर का....दोनों धीरे धीरे बड़े मादकता से एक दूसरे को किस कर रहे थे....अविनाश ने किस करते हुए ब्लैंकेट को सुहानी के ऊपर से हटा दिया....और खुद उसके ऊपर चला गया....सुहानी उसका इरादा समझ गयी थी...उसने धीरे से अपने पैर अलग किये और घुटनो से मोड़ लिया....अविनाश लेटे लेटे और सुहानी को किस करते हुए अपना लंड सुहानी के चूत पे ले गया धीरे धीरे रगड़ने लगा....सुहानी उसके लंड का स्पर्श पाते ही मदहोश हो उठी....वो भी अपनी कमर ऊपर उठा के अपनी चूत जादा से जादा अविनाश के लंड पे रगड़ने लगी....इस दौरान अविनाश ने अपनी जुबान सुहानी के मुह में डाल दी थी....सुहानी उसे चूस रही थी.... पाच मिनट तक वो एक दूसरे को ऐसेही किस करते रहे....जब दोनों की सांस उखड़ने लगी तब दोनों ने एक दूसरे अलग हुए....

सुहानी:- पापा...प्लीज़ हटिये ना ऊपर से....

अविनाश उसके ऊपर से हट गया और बाजु में लेट गया....दोनों जोर जोर से सांसे ले रहे थे....जब अविनाश नार्मल हुआ वो पलट के सुहानी के चेहरे को अपनी और किया....सुहानी उसकी आँखों में देख रही थी....

अविनाश:- अब शर्म दूर हुई??

सुहानी:-शर्मा के...नही...

अविनाश:-ह्म्म्म्म ओह्ह्ह्ह सुहानी स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह

सुहानी:-क्या हुआ??

अविनाश:- कुछ नही....

सुहानी:-पापा....बताईये ना...

अविनाश:-क्या???

सुहानी:- यही ककी आप मेरे बारे में क्या सोचते थे....

अविनाश:- यही जो अभी किया...

सुहानी:- क्या पापा??

अविनाश:- किस....

सुहानी:- और....

अविनाश:-और?? तुम्हे जानना है?? शरमाओगी तो नही फिर से??

सुहानी:- नही...

अविनाश:- पक्का??

सुहानी:- हा....

*अविनाश:- ओह्ह्ह सुहानी....जब से तुम्हे उन कपड़ो में देखा था तबसे ....तुम्हे एक बार फिर से वैसेही देखना चाहता था....मैं तुम्हारे जिस्म का दीवाना हो गया था....मैं सोचता था की काश मैं तुम्हारे नंगे जिस्म को एक बार छु सकु .....चूम सकु....

सुहानी:-स्सस्सस पापा....

सुहानी सबकुछ उसकी आँखों में देखते हुए सबकुछ सुन रही थी....

अविनाश:-मैं सोचता था की तुम्हारी ये गोल गोल बड़ी सी चुचियो कको ऐसे दबाउ...अविनाश सुहानी की आँखों में देखते हुए उसकी एक चूची के ऊपर हाथ रखा और धीरे से दबाया......और अपना चेहरा सुहानी चेहरे के पास ले गया।

सुहानी:- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् उम्म्म्म्म्म ....सुहानी के मुह से सिसकारी निकल गयी...सुहानी ने उसके हाथ के ऊपर अपना हाथ रख दिया

अविनाश:-पहले धीरे धीरे सहलाऊँ एक एक करके और फिर इन्हें थोडा जोर से स्स्स्स्स्स्स्स

सुहानी:-अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस पापा धीरे उम्म्म्म्म्म्म्म

अविनाश:-स्सस्सस्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुचिया है अह्ह्ह्ह्ह किसी हेरोइन की भी नही होगी ऐसी अह्ह्ह्ह्ह

अविनाश धीरे से उसे किस करने लगा और साथ में चुचिया दबाने लगा....उसने अपना हाथ टॉप के अंदर डाला और चुचियो को थोडा जोर से भींचने लगा...सुहानी को दर्द का अहसास हो रहा था....

सुहानी। ने किस तोडा...

सुहानी:- अह्ह्ह्ह स्स्स्स्स् दर्द होता है उम्म्म्म्म धीरे कीजिये न.....

अविनाश:-सॉरी...वो कण्ट्रोल नही होता...स्सस्सस्स अह्ह्ह्ह टॉप निकालो न...

सुहानी:- नहीं...मुझे शर्म आती है...

अविनाश:- जी भर के देखना चाहता हु इन्हें अह्ह्ह्ह


User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: बदसूरत

Post by mastram »

अविनाश ने सुहानी के जवाब का इंतजार किये बगैर उसका टॉप ऊपर करते हुए निकाल दिया...सुहानी ने शरमा के अपनी चुचिया अपने हाथो से छिपा ली....अविनाश आगे हुआ और सुहानी की आँखों में देखते हुए उसके हाथ हटाने लगा...

अविनाश:- अह्ह्ह्ह्ह सुहानी हटाओ ना अपने हाथ....उफ्फ्फ्फ्फ्फ

सुहानी:- नो पापा प्लीज़ अह्ह्ह्ह्ह

अविनाश ने थिंदा जोर दिया और सुहानी का हाथ हटा दिया....सुहानी की आँखे बंद हो गयी...अविनाश उसकी चुचियो को देख पागल सा हो गया.....सावले रंग की गोल मटोल चुचियो कोंदेख अविनाश से रहा नही गया उसने धीरे अपना हाथ उसकी चुचियो पर घुमाया...अपनी उंगिलयों से उसके बड़े काले निप्पल को को सहलाया और धीरे से उसे पकड़कर दबाया....

सुहानी:-स्स्साहह्ह्...

सुहानी के मुह से हलकी सी सिसकारी निकली....

अविनाश ने फिर धीरे से उसकी एक निप्पल को मुह में लिया और चूसने लगा....अपनी जुबान से उसके साथ खेलने लगा....और दूसरी चूची को दबाने लगा...सुहानी उसके बालू में से हाथ घुमाने लगी...कभी कभी बिच में उसका सर अपनी चुचियो पे दबा देती....अविनाश बारी बारी से उसकी चुचियो को चूसा और मसला....सुहानी को बहोत मजा आ रहा था....उसके मुह से स्स्स्स्स् अह्ह्ह्ह उम्म्म्म उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ मर गयी आह्ह्ह्ह ऐसी आवाजे निकल रही थी.....

अविनाश ककाफि देर तक उसकी चुचियो का रसपान करता रहा.....फिर सुहानी को देखा...और फिर उसे किस करने लगा...

अविनाश:-सुहानी अह्ह्ह्ह स्स्स्स मजा आया?

सुहानी शरमा के आँखे बंद क्र ली...

अविनाश:- बोलो सुहानी....अच्छा लग रहा है ना?

सुहानी :-हा पापा.....बहोत अच्छा लग रहा है....

अविनाश:- मजा आ रहा है??

सुहानी:-स्सस्सस्सस हा बहोत उम्म्म्म्म

अविनाश:- मुझे भी उम्म्म्म्म्म...इतना मजा कभी नही आया...स्सस्सस्स *

अविनाश ने फिर से उसे किस किया...और फिर धीरे धीरे उसके गले पे चूमने लगा...फिर धीरे धीरे उसे चूमते हुए निचे जाने लगा...सुहानी जानती थी अविनाश अब क्या करने वाला है...उसकी जान तो जैसे हलक में अटक सी गयी थी...अविनाश सुहानी ककए सपाट पेट को चूम रहा था...उसकी नाभि में जुबान डाल के उसे चाटने लगा....सुहानी का हाल बेहाल हो रहा था...अविनाश से भी अब रहा नही जा रहा था...वो धीरे से उसको सलवार को निचे करके उसकी चूत के ऊपर वाले पेट को चूमने लगा....सुहानी *अविनाश को रोकने लगी....अविनाश ऊपर आया...

अविनाश:- क्या हुआ सुहानी??

सुहानी:- कुछ नही...

अविनाश:- फिर रोक क्यू रही हो??प्लीज़ मत रोको मुझे आज...

सुहानी:-क्यू पापा??

अविनाश:-जो सोचता था आज सच में करने का मौका मिला है...छु लेने दो मुझे आज तुम्हे जी भर के...चूम लेने दो तुम्हारे पुरे जिस्म को....स्स्स्स्स् *अह्ह्ह्ह तुम्हारी चुचियो का रस तो पि चूका हु...अब मैं तुम्हारी...सुहानी....मैं अब ...तुम्हारी इस चूत का रस चखना चाहता हु.....अविनाश ने उसकी चूत को सलवार के ऊपर से सहलाया....

सुहानी:-उफ्फ्फ्फ्फ्फ पापाssssssssssssss

अविनाश के मुह से चूत शब्द सुन के सुहानी पागल सी हो गयी....उसकी उत्तेजना सातवे आसमान पे चली गयी...

अविनाश:- हा सुहानी.... मैं तुम्हारी इस चूत को देखना चाहता हु....उसे चूमना चाहता हु...उसे चाटना चाहता हु....और फिर...और...

अविनाश एक झटके में ये सब बोल गया...लेकिन आगे बोलते वक़्त उसका गला सुक्ख गया....

सुहानी:-स्स्स्स्स् पापा....मत बोलो ये सब उफ्फ्फ्फ्फ्फ मैं पागल हो जाउंगी....

अविनाश:-सुन के इतना अच्छा लग रहा है जब करूँगा तो क्या करोगी??

सुहानी:- स्स्स्स नो...नही प्लीज़....हटिये मुझे सोने दीजिये...

अविनाश:-अपनी चूत इस गीली चूत की आग ठंडी किये बिना सो पाओगी??

सुहानी:-अह्ह्ह्ह्ह्ह स्स्स्स हाथ हटाइये उफ्फ्फ्फ्फ़ और ये सब मत बोलिये....

अविनाश:-क्या नही बोलू...चूत ??

सुहानी:-स्स्स्स बंद कीजिये प्लीज़...

अविनाश:-लेकिन मैं तो खोल चूका हु...

अविनाश ने बातो बातो में सुहानी के सलवार का नाडा खोल चूका था...और अपना हाथ उसके अंदर डाल के चूत पे रख दिया था....

सुहानी:-स्स्स्स्स्स्स्स पापा मत कीजिये अह्ह्ह्ह्ह्ह

सुहानी ने अविनाश का हाथ पकड़ लिया....

अविनाश:-स्स्स्स्स्स्स्स सुहानी कितनी गरम है स्सस्सस्स और कितनी गीली हो रही है उम्म्म्म्म्म

सुहानी:-अह्ह्ह्ह्ह प्लीज़ हाथ निकालिये स्सस्सस्सस मत कीजिये....

अविनाश:- तुम बोल रही हो मत करो...लेकिन तुम्हारी चूत तो कह रही है और करो....

सुहानी:-ऐसा कुछ नही कह रही है....

अविनाश:- कह रही है...वो कह रही है मुझे छुओ...मुझे चाटो...चूसो....और...

सुहानी:-और....

सुहानी बेकाबू हो रही थी....

अविनाश:-और....और वो कह रही है की मुझे चोदो....अपना लंड डाल के मुझे खूब चोदो.....

सुहानी:-स्सस्सस्सस्सस्सस्सस नही....उफ्फ्फ्फ्फ्फ*

अविनाश:-स्स्स्स्स् हा सुहानी उसे मेरा लंड चाहिए स्स्स्स्स्स्स्स उम्म्म्म्म

सुहानी:- चुप बैठिये ......और हटिये...मुझे बाथरूम जाना है...

अविनाश उसे छोड़ना नही चाहता था क्यू की वो बहोत उत्तेजित थी.....लेकिन उसे सुहानी को छोड़ना पड़ा...

सुहानी उठी उसने अपना टॉप पहना और सलवार का नाड़ा बाँध लिया...


सुहानी बाथरूम चली गयी...

अविनाश बिस्तर पे अपना लंड मसलते हुए पड़ा रहा....

थोड़ी देर बाद सुहानी बाथरूम से बाहर आयी...उसने लाइट ऑन किया...

अविनाश :- क्या हुआ सुहानी???

सुहानी:- आपको अँधेरे में सिर्फ मेरा जिस्म दिखाई दे रहा था....सोचा लाइट ऑन करके एक बार अपना चेहरा दिखा दू...

सुहानी की आवाज में ग़ुस्सा साफ साफ़ झलक रहा था...अविनाश को समझ नही आ रहा था की अचानक सुहानी को क्या हो गया...वो बस उसे देखे जा रहा था...जो लड़की कुछ देर पहले उसकी बाहो में थी...उसे वो सब ख़ुशी ख़ुशी करने दे रही थी और अब अचानक।उसे क्या हो गया...

सुहानी:- क्या देख रहे हो पापा?? चलिए उठिए और अपने कमरे में जाइए...

अविनाश:- क्या हुआ सुहानी??ऐसे क्यू बोल रही हो...??

सुहानी:- आपको क्या लगता है?? ये सब आप जो कर रहे थे वो आप कर रहे थे...नही...ये सब मैं आपसे करवा रही थी....जिस लड़की को आपने कभी नजर भर देखा तक नहीं...क्या कारण था?? क्यू की वो बद्सुरत थी...लेकिन जब उसका जवान जिस्म देखा तो वो आपको अच्छी लगने लगी...आपके मन में जो प्यार उमड़ रहा है ना...वो प्यार नही हवस है...

अविनाश:- ऐसा मत बोलो सुहानी...अविनाश खड़ा हुआ और सुहानी को पकड़ना चाहा...

सुहानी:- दूर रहिये मुझसे....और चले जाइए...

अविनाश:- मेरी बात तो सुनो...

सुहानी:- कुछ नही सुनना मुझे...ये सब मैंने आपको सबक सिखाने के लिए किया...और अब एक पल भी यहाँ रुके तो मम्मी को फ़ोन करके बताउंगी की आप मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिस ककर रहे हो....

अविनाश को कुछ समझ नही आ रहा था...वो चुप चाप उस कमरे से निकल गया...

सुहानी घुस्से से काँप रही थी...वो धड़ाम से बेड पे गिर पड़ी...और फिर फुट फुट कर रोने लगी....


क्या हो गया था सुहानी को?? अविनाश के साथ इतना आगे बढ़ने के बाद वो एकदम से पीछे क्यू हट गयी थी...

और फिर अब वो इसतरह क्यू रो रही थी??

बहोतसे सवाल थे...लेकिन जवाब सिर्फ सुहानी जानती थी....
Post Reply