लीके त्त्त..तह.त..त.त....फ्फ्फुउ.क्क्क.क...मी...ओह्ह्ह्ह आआआहह
प्रीति पागल हो चुकी थी..उसकी चूत से पानी किसी नल की तरह बह रहा था...और बेड
पे गिर रहा था.......उसकी चुचियाँ तेज़ी धक्कों से आगे पीछे हो रही थी......
आआआआहह ओह साली मज़ा आ रहा है ना..
ओह बास्स्स मेरा निकलने वाला है आहह..
आइ एम्म कमिंग टूऊ फक मी.ए..ओह्ह्ह्ह डोंट स्टॉप्प्प....फक्क्क मी हार्डर...
अहह आइ म कुमिंगगग....आहह
करते हुए प्रीति झड्ने लगती है..उसका शरीर 2 झटके ख़ाता है..और अपना रस निकालना चालू
कर देता है...उधर अब्दुल भी.आहह ले मेराअ रस्सस्स....
और 3 झटके मारता है..और उसकी चूत में छोड़ देता है अपना सारा रस....
प्रीति थक के वैसे ही पेट के बल लेट जाती है.....अब्दुल भी उसके उपर ही लेट जाता है..
दोनो काफ़ी ज़्यादा थक गयी थी...और हाँफ रही थी...ऐसे वाइल्ड फक्किंग के बाद तो
बुरा हाल होना ही है......
उफ़फ्फ़ बड़ा ही हॉट सीन थी..मेरी तो बॅंड ही बज गयी.....अरे अब क्या कमरे में ही
रहना है.....सीन ख़तम बात ख़तम अब क्या कर रहे हो वहाँ पे.....जहाँ ले जाउ वहीं
अटक जाते हो..बाहर निकल जाओ भाई..नही तो अब फीस चार्ज कर लूँगा....
देखो देखो..फीस का नाम लेते ही कैसी बाहर निकल गयी..वाहह..कंजूस कहीं की..
कभी तरस नही आता हम पर.....इतनी मेहनत कर रहे हैं हम तो....सबको आज कल
मुफ़्त का चाहिए..ज़माना ही खराब हो गया है....
ज़ूम आउट्ट......चलो जी पार्टी की हालत देखें..ओफफो यहाँ तो अभी तक वही अरेंजमेंट
चल रहा है....पता नही कितनी देर और चलेगा.....
जब तक क्या करें....क्या करें..बताओ.....अरे जो उपर खोपड़ी दी है उसका यूज़ कर लिया
करो..मुझे परेशान कर देते हो..हर बार में ही दिमाग़ लगाऊ...हुहन...मुफ़्त
में मज़े लो तुम...और मेहनत करें हम...चलो कोई नही कर लेते हैं...
चलिए..फिर गोकुलधाम देखें वहाँ क्या हो रहा है.........
अरे दूरबीन से कहाँ जा रहे हो......मतलब टेक्नालजी आ गई है..तो उसका ऐसा फ़ायदा
उठाओगे शरम नही आती.... हद है...में ले जा रहा हूँ ना..तो दूरबीन की
क्या ज़रूरत है.......
गोकुलधाम की. हाउसिंग सोसायटी......
आज सुबह की बात को याद करते करते...पोपटलाल अपने एक हाथ में छाते को लिए एक हाथ
को अपने लंड पे रख कर धीरे धीरे मसल रहा था...
सुबह मूठ मारते हुए...उसे कोमल ने देख लिया था......और उसके बाद जो उसने कहा उसे
याद करके पोपटलाल थोड़ा उतेज़ीत हो गया था...
तभी अपनी याद से निकलता हुआ..
नही नही....ये क्या कर रहा हूँ में...कोमल भाभी..को याद करके मूठ मार रहा हूँ..
और अपने लंड पे से हाथ हटा लेता है...
कोमल भाभी...नही....उनके साथ.....बिल्कुल नही.....कहाँ वो कहाँ में.....
और अपने शरीर को देखता है....
और फिर अपने लंड को हाथ में पकड़ के.. बिल्कुल नही भाई..कोमल भाभी के नाम पे
खरबदार खड़ा हुआ तो..नही तो तेरी दुनिया हिला दूँगा...
बॅक ग्राउंड. म्यूज़िक..... पोपटलालल्ल्ल्ल...पोपातललल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल......
Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
- rajababu
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Re: Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
तभी तिंगगगग तोंगगगग...डोर बेल बजती है...
पोपातलाल टाइम देखता है....11 बजे...इस वक़्त कौन हो सकता है....
और गेट खोलने के लिए चला जाता है...और गेट खोलता है...तो सामने जो देखता है..
उससे उसकी आँखें फट जाती है..
आप....इतनी रात में......कोमल भाभी..कुछ काम था क्या.....पोपातलाल बोलता है..
कोमल :- हाँ क्या में अंदर आ सकती हूँ....
पोपातलाल थोड़ा झीजकते हुई...हाँ हाँ आई ना....
फिर कोमल अंदर आ जाती है..पोपातलाल डोर बंद करता है..और दोनो सोफ्फे पे आकर
बैठ जाते हैं.....
पोपातलाल :- बोलिए कोमल भाभी....
कोमल :- वो..वो पोपट भाई.....वो...
पोपातलाल समझ गया था कि कोमल क्या बोलना चाहती है..लेकिन वो खुद कुछ नही बोलना
चाहता था...
पोपातलाल :- वो क्या कोमल भाभी..
कोमल :- वो पोपट भाई...सुबह जो हुआ.....उसके बारे में बात करनी है..
पोपातलाल ने जब कोमल के मुँह से सुबह वाली बात सुनी...तो वो फिर से एक बार सुबह की याद
में खो गया...
हुआ यूँ था कि जब कोमल ने पोपातलाल को मुठ मरते देखा तो उसके बाद हुआ यूँ था
की..
कोमल :- पोपट भाई आप ये सब क्यूँ कर रहे हैं..
पोपट :- कोमल भाभी..आप तो जानती है..ना कि में अकेला हूँ अभी तक..और शरीर की
भी कुछ ज़रूरत होती है....अब कोई लड़की तो मिलती नही..इस शरीर की प्यास भुजाने के
लिए...तो इससे काम चला लेता हूँ..
पोपातलाल टाइम देखता है....11 बजे...इस वक़्त कौन हो सकता है....
और गेट खोलने के लिए चला जाता है...और गेट खोलता है...तो सामने जो देखता है..
उससे उसकी आँखें फट जाती है..
आप....इतनी रात में......कोमल भाभी..कुछ काम था क्या.....पोपातलाल बोलता है..
कोमल :- हाँ क्या में अंदर आ सकती हूँ....
पोपातलाल थोड़ा झीजकते हुई...हाँ हाँ आई ना....
फिर कोमल अंदर आ जाती है..पोपातलाल डोर बंद करता है..और दोनो सोफ्फे पे आकर
बैठ जाते हैं.....
पोपातलाल :- बोलिए कोमल भाभी....
कोमल :- वो..वो पोपट भाई.....वो...
पोपातलाल समझ गया था कि कोमल क्या बोलना चाहती है..लेकिन वो खुद कुछ नही बोलना
चाहता था...
पोपातलाल :- वो क्या कोमल भाभी..
कोमल :- वो पोपट भाई...सुबह जो हुआ.....उसके बारे में बात करनी है..
पोपातलाल ने जब कोमल के मुँह से सुबह वाली बात सुनी...तो वो फिर से एक बार सुबह की याद
में खो गया...
हुआ यूँ था कि जब कोमल ने पोपातलाल को मुठ मरते देखा तो उसके बाद हुआ यूँ था
की..
कोमल :- पोपट भाई आप ये सब क्यूँ कर रहे हैं..
पोपट :- कोमल भाभी..आप तो जानती है..ना कि में अकेला हूँ अभी तक..और शरीर की
भी कुछ ज़रूरत होती है....अब कोई लड़की तो मिलती नही..इस शरीर की प्यास भुजाने के
लिए...तो इससे काम चला लेता हूँ..
- naik
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Re: Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
excellent update brother
keep posting
waiting your next update
thank you
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- rajababu
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Re: Fantasy तारक मेहता का नंगा चश्मा
इस वक़्त पोपातलाल का बिल्कुल खड़ा हुआ लंड बाहर था वो उसे अंदर करना भूल गया
था....और कोमल की नज़र भी वहीं अटकी पड़ी थी....
कोमल :- हाँ में समझ सकती हूँ...पोपट भाई..शरीर की प्यास बहुत ज़्यादा ज़रूरी है..
मुझे पता है..
पोपातलाल :- कोमल भाभी..आप कह रही है..जबकि आपके लिए तो हाथी भाई हैं....
पोपातलाल जब बोल रहा था...तो उसने कोमल की आँखों में देखा..और उसका पीछा
करते हुई पोपातलाल ने पाया कि उसकी आँख लंड पे है तो..पोपातलाल ने फट से अपना
पाजामा खोल के उसे अंदर कर दिया....
कोमल :- हंस किसी काम के नही है पोपट भाई..आपको क्या लगता है..वो मुझे सॅटिस्फाइ कर
पाते होंगे...
कोमल पोपातलाल का लंड देख के पगल हो गई थी..इसलिए वो अपने मन की भडास निकाल रही
थी....
पोपातलाल :- ओह्ह..लेकिन क्यूँ...वो तो घर पे ही रहते हैं..
कोमल :- घर पे रहने से कुछ नही होता पोपट भाई...वो मेरे साथ सेक्स करते ही नही है.
में तड़पति रह जाती हूँ..लेकिन उनके इतना मोटे होने की वजह से वो कुछ नही कर पाते..
कभी हुआ तो वो भी महीनो में एक बार ही होता है...
पोपातलाल कोमल की इतनी ओपन बात को सुन के चौंक जाता है....
पोपातलाल :- कोमल भाभी..मतलब आपकी सिचुयेशन भी मेरी जैसी ही है..
कोमल :- आपसे भी बुरी....आप तो अभी किसी के साथ भी कर सकते हूँ..लेकिन में कैसी किसी
के साथ भी कर लूँ...मेरे तो बहुत मुश्किल है...मुझे कौन मिलेगा जो मेरी प्यास
मिटाएगा...
बोलते हुए कोमल की नज़र पोपातलाल के पाजामे पे तने लंड पे उपर अटकी थी...
पोपातलाल तो बहुत ज़्यादा हैरान था कोमल की इतनी ओपन बात पर.....
पोपातलाल :- अब इसमे कोई क्या कर सकता है..
कोमल :- कर सकता है.....और किसी को पता भी नही चलेगा..बात अंदर की अंदर ही
रहेगी...
कोमल बोल तो देती है..लेकिन उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था बोलने के बाद...
पोपातलाल :- क्या मतलब आपका.....
पोपातलाल कुछ कुछ समझा था..लेकिन नाम ही पोपट है तो कैसे कुछ समझेगा
ढंग से....
कोमल :- हमारे बीच हो सकता है..और किसी को कुछ पता भी नही चलेगा.....
कोमल तेज़ी से ये बोल देती है.....उसके सर पे तो बॅस सेक्स सवार था..इसलिए उसे खुद
नही पता कि वो क्या बोल रही है...
पोपातलाल का ये सुन के तो दुनिया हिल गयी..........
पोपट भाई....पोपट भाई.....आप ठीक है.....
कोमल की आवाज़ सुन के पोपातलाल ख्वाबों की दुनिया से बाहर आता है.....
और अपने लंड की तरफ देखता है..जो कि इस वक़्त उफान पे था...वो अपना छाता..अपने
लंड के सामने रख देता है..जिससे कोई देख ना पाए....
था....और कोमल की नज़र भी वहीं अटकी पड़ी थी....
कोमल :- हाँ में समझ सकती हूँ...पोपट भाई..शरीर की प्यास बहुत ज़्यादा ज़रूरी है..
मुझे पता है..
पोपातलाल :- कोमल भाभी..आप कह रही है..जबकि आपके लिए तो हाथी भाई हैं....
पोपातलाल जब बोल रहा था...तो उसने कोमल की आँखों में देखा..और उसका पीछा
करते हुई पोपातलाल ने पाया कि उसकी आँख लंड पे है तो..पोपातलाल ने फट से अपना
पाजामा खोल के उसे अंदर कर दिया....
कोमल :- हंस किसी काम के नही है पोपट भाई..आपको क्या लगता है..वो मुझे सॅटिस्फाइ कर
पाते होंगे...
कोमल पोपातलाल का लंड देख के पगल हो गई थी..इसलिए वो अपने मन की भडास निकाल रही
थी....
पोपातलाल :- ओह्ह..लेकिन क्यूँ...वो तो घर पे ही रहते हैं..
कोमल :- घर पे रहने से कुछ नही होता पोपट भाई...वो मेरे साथ सेक्स करते ही नही है.
में तड़पति रह जाती हूँ..लेकिन उनके इतना मोटे होने की वजह से वो कुछ नही कर पाते..
कभी हुआ तो वो भी महीनो में एक बार ही होता है...
पोपातलाल कोमल की इतनी ओपन बात को सुन के चौंक जाता है....
पोपातलाल :- कोमल भाभी..मतलब आपकी सिचुयेशन भी मेरी जैसी ही है..
कोमल :- आपसे भी बुरी....आप तो अभी किसी के साथ भी कर सकते हूँ..लेकिन में कैसी किसी
के साथ भी कर लूँ...मेरे तो बहुत मुश्किल है...मुझे कौन मिलेगा जो मेरी प्यास
मिटाएगा...
बोलते हुए कोमल की नज़र पोपातलाल के पाजामे पे तने लंड पे उपर अटकी थी...
पोपातलाल तो बहुत ज़्यादा हैरान था कोमल की इतनी ओपन बात पर.....
पोपातलाल :- अब इसमे कोई क्या कर सकता है..
कोमल :- कर सकता है.....और किसी को पता भी नही चलेगा..बात अंदर की अंदर ही
रहेगी...
कोमल बोल तो देती है..लेकिन उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था बोलने के बाद...
पोपातलाल :- क्या मतलब आपका.....
पोपातलाल कुछ कुछ समझा था..लेकिन नाम ही पोपट है तो कैसे कुछ समझेगा
ढंग से....
कोमल :- हमारे बीच हो सकता है..और किसी को कुछ पता भी नही चलेगा.....
कोमल तेज़ी से ये बोल देती है.....उसके सर पे तो बॅस सेक्स सवार था..इसलिए उसे खुद
नही पता कि वो क्या बोल रही है...
पोपातलाल का ये सुन के तो दुनिया हिल गयी..........
पोपट भाई....पोपट भाई.....आप ठीक है.....
कोमल की आवाज़ सुन के पोपातलाल ख्वाबों की दुनिया से बाहर आता है.....
और अपने लंड की तरफ देखता है..जो कि इस वक़्त उफान पे था...वो अपना छाता..अपने
लंड के सामने रख देता है..जिससे कोई देख ना पाए....