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पापा से शादी और हनीमून complete

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shaziya
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पापा से शादी और हनीमून complete

Post by shaziya »

पापा से शादी और हनीमून



हेल्लो फ्रेंड्स मेरा नाम शाजिया है और मैं काफ़ी अरसे से इस फोरम पर हूँ और आप सब की अनमोल कहानियाँ पढ़ रही हूँ ये साइट एक ऐसी जगह है जहाँ सागर में से एक एकमोती खोज कर लाया गया है और यही एक साइट हैं जहाँ पर सबसेकम अधूरी कहानियाँ हैं हालाँकि यहाँ लिखने वाले बहुत कम हैं पढ़ने वाले बहुत ज़्यादा हैं तो मेरा मानना है कि हम सभी रीडर्स का फर्ज़ बनता है कि हम भी आपना रोल सही से अता करें .

फ्रेंड ये कहानी मेरी सहेली की है जिसने मुझे आरएसएस पर पोस्ट करने के लिए दी है तो अब चलते हैं कहानी की तरफ मेरी दोस्त की ज़ुबानी
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shaziya
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Re: पापा से शादी और हनीमून

Post by shaziya »

मेरा नाम किरण है और उम्मीद करती हूँ कि ये स्टोरी आप को पसंद आएगी ये स्टोरी दरअसल मेरी और मेरे पापा की है और मैं आज कल उन के साथ उन की वाइफ बन कर रहती हूँ और हमारे 2 बच्चे हैं. सब से पहले मैं अपने फिगर के बारे मे बताती हूँ मेरा फिगर 34-28-36 है. मैं स्टोरी की तरफ आती हूँ कि कैसे ये सिलसिला स्टार्ट हुआ.


मेरी मोम की डेत जब हुई तो मैं बहुत छोटी थी पापा ने दूसरी शादी कर ली मेरी सौतेली मोम जिन्हें मैं स्टोरी में मोम ही कहूँगी बहुत ज़ालिम औरत थी और मुझे पहले दिन से ही पसंद नही करती थी वो मुझे बे बात के मारती इसी तरह मैं मोम की मार खाते खाते बड़ी हुई वो मुझ से घर का सारा काम करवाती मगर प्यार के दो बोल कभी ना बोलती. मोम के कोई बच्चा नही हुआ.कुछ अरसे तक तो मोम और पापा के ताल्लुक़ात ठीक रहे फिर वो एक दूसरे से दूर होने लगे इस की वजह मेरी मोम का बिहेवियर था वो पापा की केर नही करती पापा भी मोम को नज़र अंदाज़ करते हुए दूसरी औरतों में दिलचस्पी लेने लगे. मैं कॉलेज में आ गई थी और सहेलियो से मुझे सेक्स के बारे मे काफ़ी कुछ पता चल चुका था. एक दिन ये हुआ कि मोम के भाई आए हुए थे उन का बिहेव उस दिन कुछ अजीब लग रहा था मैं किसी काम से मॉम की रूम की तरफ गई तो अंदर से मोम के भाई की आवाज़ सुन कर वही रुक गई और उन की बातें सुनने लगी .

मोम के भाई: जल्दी करो आपा मुझे पैसे दे दो .

मोम: मेरे पास पैसे नही हैं तुम्हें शरम नही आती.

मोम के भाई: मैं क्या करूँ किस से मांगू पैसे एक तुम ही तो हो अगर नही दोगि तो मैं जीजा जी को तुम्हारे बारे मे सब बता दूँगा और वो तुम्हें फॉरन तलाक़ दे देंगे.

मोम: प्ल्ज़ ऐसा मत करना ये आखरी बार पैसे दे रही हूँ इस के बाद नही दूँगी.

इस के बाद मोम ने पैसे अपने भाई को दिए और जैसे ही वो पैसे ले के रूम से बाहर आया तो मुझे रूम के बाहर खड़े देख कर पहले थोड़ा घबराया फिर जल्दी से चला गया जब की मोम की हालत देखने वाली थी उन को पता चल गया था कि मैं ने उन की बातें सुन ली हैं. मोम ने अपने आप को संभाला और उस दिन मुझ से कोई सख़्त बात नही की.

कुछ दिन के बाद मोम के एक कज़िन अंकल रियाज़ जो अक्सर आते थे आए .मोम उन के साथ बहुत फ्रॅंक थीं उस दिन भी मोम के साथ वो रूम मे चले गये और मैं टीवी देखने लगी मैं टीवी देखने में मगन थी और टाइम का पता नही चला मैं ने घड़ी पर टाइम देखा तो दोपहर के खाने का टाइम हो रहा था

मैं जल्दी से उठी और मोम से ये पूछने के लिए कि खाने में क्या बनाना है उन के रूम की तरफ गयी अभी मैं दरवाजे पर ही पहुँची थी कि अंदर का मंज़र देख कर मेरा जिस्म सनसना गया मोम अंकल की गोद में बैठी थीं और अंकल का हाथ मॉम की कमीज़ के अंदर था और वो मोम के बूब्स दबा रहे थे जैसे ही उन दोनो को मेरे आने का अहसास हुआ तो मॉम जल्दी से उठ गई अंकल तो फॉरन वहाँ से चले गये बट मुझे अब समझ में आ गया था कि मों और अंकल के दरम्यान ताल्लुक़ात हैं जिस के बारे मे मोम के भाई को पता था और वो ब्लॅक मैल कर के मोम से पैसे लेता था.
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shaziya
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Re: पापा से शादी और हनीमून

Post by shaziya »

अंकल के जाने के बाद मैं ने नफ़रत भरी निगाहो से मॉम को देखा और वहाँ से किचिन में आ गई थोड़ी देर बाद मॉम भी किचिन में आ गई और मुझ से कहने लगीं कि मैं पापा को कुछ ना बताऊ लेकिन मैं तो अपने सारे बदले लेने के मूड में थी मैं भला ये चान्स क्यूँ छोड़ती . जब पापा आए तो कुछ देर के बाद मैं उन के रूम में गई और पापा को मोम और अंकल की हरकत के बारे में बता दिया.मोम ने कहा कि मैं झूठ बोल रही हूँ बट पापा गुस्से में आ गये और उन्होने मॉम की एक ना सुनी और मोम को खूब मारा और मैं मुस्कुराते हुए मोम को मार ख़ाता देख कर अपने रूम में आ गई.

मोम की मार का सिलसिला ना जाने कितनी देर चला और मैं सो गई.सुबह जब उठी और नाश्ता बना के टेबल पर लगाया और पापा को नाश्ते के लिए बुलाया तो पापा तो आ गये लेकिन मॉम नही आई मैं जानती थी कि वो क्यूँ नही आई हैं. पापा नाश्ता कर के काम पे चले गये और मैं स्कूल चली गई जब स्कूल से वापिस आई तो मैं कपड़े चेंज कर के दोपहर का खाना बनाने किचिन में गई थोड़ी देर बाद मोम वहाँ आ गई और उसके फेस पे नील पड़े हुए थे जो बता रहे थे कि कल रात उन्हें बहुत मार पड़ी है मोम ने मुझ से कहा किरण ये तुम ने अच्छा नही किया अब मैं तुम्हारे साथ वो करूँगी जो तुम ने सोचा भी नही होगा .

मैं ने भी जवाब दिया जाओ जो करना है कर लो मैं तुम से डरने वाली नही हूँ. उस दिन के बाद मेरी मॉम से बोल चाल बिल्कुल बंद हो गई बस काम की बात होती थी मैं खुश थी कि मेरी जान छूट गई लेकिन मुझे पता नही था कि अब फँसने की बारी मेरी है. हमारी गली मे एक लड़का रहता था जो मुझ पर लाइन मारता था मुझे भी वो अच्छा लगता था स्कूल के रास्ते में वो मुझे लेटर दिया करता था जो मैं घर आ कर रात मे पढ़ती और उन लेटर्स का रिप्लाइ लिख कर अगले दिन उस लड़के को देती.कुछ अरसे तक लेटर्स का सिलसिला चला फिर वो लड़का मुझ से डेट पर चलने की ज़िद करने लगा पहले तो मैं ने इनकार किया पर फिर मैं भी राज़ी हो गई प्रोग्राम सेट किया स्कूल जाने की बजाय मैं उस के साथ डेट पर जाउन्गी और स्कूल का टाइम उस के साथ गुज़ार कर छुट्टी के टाइम घर आ जाउन्गी. मेरी बॅड लक थी कि मैं उस लड़के के साथ एक रेस्टोरेंट में आ गई हम कुछ देर तक इधर उधर की बातें करते रहे फिर हम ने खाने का ऑर्डर किया खाना आया और हम खाने लगे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था अभी हम खाना खा रहे थे कि सामने वाली टेबल जो अभी तक खाली थी उस पर 2 आदमी आ कर बैठे उन को देख कर मेरी तो जान निकल गई क्यूँ कि उन में से एक पापा थे.खाना मेरे हलक में फँस रहा था मैं जल्दी से वहाँ से निकल जाना चाह रही थी कि पापा की नज़र मुझ पर पर गई उन के फेस पर हैरत और गुस्से के एमोशन्स थे लेकिन बात का बतंगड़ ना बने इस लिए वो चुप रहे मैं ने उस लड़के को कहा कि फॉरन यहाँ से चलो उस के कुछ कहने से पहले मैं उठ कर रेस्टोरेंट से बाहर आ गई मेरे पीछे वो लड़का भी आ गया

मैं ने उसे बताया क़ि मेरे पापा ने हमे देख लिया है ये सुन कर वो भी परेशान हुआ हम दोनो ने टाइम खराब नही किया और बाइक पर बैठ कर स्कूल की रोड पर आ गये वहाँ उस ने मुझे ड्रॉप किया और चला गया मैं ऑटो में बैठ कर घर आ गई.घर मैं टाइम से पहले आ गई थी मोम ने मुझे हैरानी से देखा और पूछा कि जल्दी केसे आ गई तो मैं ने बहाना बनाया कि तबीयत खराब हो गई थी इस लिए छुट्टी ले कर आई हो.उस दिन दोपहर का खाना मोम ने बनाया मैं अपने रूम में ही रही बहुत डर लग रहा था कि पापा क्या करेंगे ये ही सब सोचती सोचती शाम हो गई और पापा आ गये उन्हो ने मुझे बुलाया और रेस्टोरेंट वाले क़िस्से और उस लड़के के बारे मे पूछा मैं ने झूठ बोलने की कोशिश की तो पापा ने मुझे थप्पड़ मारा. मोम सारी बात से अंजान हैरानी से सब देख रही थी पापा मुझे और मारने के लिए बढ़े तो मोम ने उन को रोका और मुझे अपने रूम में जाने को कहा कि मैं रोती हुई अपने रूम मे आ गई थोड़ी देर गुज़री लेकिन मेरे पास ना मोम आईं ना पापा.

कुछ देर वेट कर के मैं पापा और मोम के रूम की तरफ गई कि शायद मुझे कुछ पता चल जाय कि उन दोनो में मेरे मुतलिक क्या बात हो रही है. जैसे ही मैं उन के रूम के पास पहुँची तो डोर आधे से ज़्यादा बंद था लेकिन अंदर से आवाज़ आ रही थी जो मैं सुनने लगी .

पापा: मैं किरण को जान से मार दूँगा.

मोम: पागल मत बनो.

पापा:ये सब तेरी वजह से हुआ है तू खराब है तुझे देख कर किरण ने ऐसा किया है.

मोम:मैं ने उसे ऐसा करने को कहा था? और तुम कॉन सा बहुत ठीक हो तुम दूसरी औरतो के साथ अयाशी नही करते?
ये सुन कर पापा कुछ देर को चुप हो गये थोड़ी देर के बाद मोम बोली.

मों: देखो मामला खराब है मेरे पास एक आइडिया है वादा करो ठंडे डेमग से सोचोगे. इस तरह हम बदनामी से भी बच जाएँगे तुम्हारा भी काम बन जाएगा और किरण का भी.

पापा: क्या मतलब.

मोम: आइडिया ये है कि तुम किरण से जिस्मानी ताल्लुक बना लो इस तरह तुम्हें भी जवान जिस्म मिल जाएगा और तुम भी घर से बाहर नही रहोगे और दूसरे घर की बात घर मे ही रहेगी.

पापा:क्या बकवास कर रही हो.

मोम: ज़रा सोचो किरण आज उस लड़के के साथ थी क्या पता चुदवा ना लिया हो अगर नही चुदवाया तो कल को चुदवा लेगी फिर क्या करोगे? मैं कोई उस की दुश्मन थोड़ी हूँ.

पापा:लेकिन ये सब होगा केसे और लोग क्या कहेंगे ?किरण मान जाएगी?
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shaziya
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Re: पापा से शादी और हनीमून

Post by shaziya »

प्लीज़ कमेंट ज़रूर करें कहानी के बारे में
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Rathore
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Re: पापा से शादी और हनीमून

Post by Rathore »

Super
Congrats for new story
#Rathore– #अंदाज 😎 कुछ #अलग 😏 हैं #मेरे_सोचने 😅 का...!
#सबको 👥 #मंजिल 🏠 का #शौंक हैं और #मुझे 😎 #सही_रास्तों😊 का...!!
:shock: :o :( :arrow:
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