मेरी कमसिन भांजी और बेटी 2

Post Reply
User avatar
Rakeshsingh1999
Expert Member
Posts: 3785
Joined: 16 Dec 2017 12:25

मेरी कमसिन भांजी और बेटी 2

Post by Rakeshsingh1999 »


दोस्तो इस कहानी का पहला भाग ज़रूर पढ़ें मेरी कमसिन भांजी और बेटी 1


मैं और मेरी भानजी मेरी बेटी के स्कूल में गए और उसके प्रिन्सिपल से मिल कर कोई बहान बना कर उस की छुटटी ले ली. फिर उसे ले कर हम बाजार गए और कुछ खाने पीने का सामान ले कर पार्क में आ गए और एक एकांत जगह सी बैठ गए.

कुछ देर हमने इधर उधर की बातें की. तभी हमने देखा कि हमारी बायीं तरफ में एक जवान लड़का और एक युवा लड़की चुम्मा चाटी कर रहे थे. दोनों कॉलेज के स्टूडेंट लग रहे थे, बॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड होंगे. लड़का लड़की के बदन को भी बीच बीच में छू रहा था.

मेरी कमसिन बेटी रेखा की नज़र बार बार उधर ही जा रही थी. पिंकी ने रेखा को उस तरफ देखते हुए देखा तो वो भी मुड़ कर देखने लगी और फिर मुस्कुरा कर रेखा से बोली- क्यों रेखा? क्या देख रही हो?
“कुछ नहीं..”
“अरे यार… जवानी का खेल चल रहा है! मजा आ रहा है तो जाओ नजदीक से देख आओ..”
रेखा शायद मुझसे कुछ शर्मा रही थी, इसा लिए बोली- मुझे नहीं देखना, तुम ही देख लो जो देखना है…”
“हुंह… अभी बड़ी नखरे दिखा रही है. कल तो बड़ा मजा ले ले कर सेक्स की बातें कर रही थी?”

पिंकी के चेहरे पर कामुकता के नशे का गुलाबी रंग छा गया. वो उठ कर मेरी बेटी रेखा के बगल में बैठ गई और उसके कंधे पर हाथ रख कर रेखा की उठी हुई चूची मसलते हुए बोली- यार तेरी चूचियां तो हार्ड हो चुकी हैं तुम्हारी. तुम्हारी बुर भी पानी छोड़ रही होगी ना?
अपनी भानजी के मुख से मेरी बेटी के सामने ऎसी खुली अश्लील बातें सुन कर मुझे विश्वास हो गया था कि पिन्की तो आज ही मुझे मेरी बेटी की बुर दिलवा देगी.

लेकिन रेखा झिझकती हुई बोली- पिंकी, क्या करती हो? पापा देख रहे हैं!
पिंकी बोली- अब मैं क्या करूँगी, जिसे करना है वो ही करेगा. जाओ, अपने पापा की गोद में बैठ जाओ.
और उसने रेखा को खींचते हुए मेरी गोद में बैठा दिया.

उसके गोद में बैठते ही मेरा लंड झन्ना गया. रेखा पहले तो थोड़ी झिझकी और मेरी गॉड से उठाने लगी, लेकिन पिंकी ने उसे उठाने नहीं दिया, बोली- कल तो तू अपने पापा से सेक्स की बातें कर रही थी, अब मैं मौक़ा ड़े रही हूँ तो तू ये नौटंकी कर रही है?

इतनी देर में मैं अपनी बेटी की स्कर्ट में हाथ देकर उसकी जांघें सहलाने लगा. क्या चिकनी टांगें थीं. उसके बाद मैंने उसकी चूचियों को सहलाया. उसकी चूचियां पिंकी से छोटी थीं. उसके बाद मैंने अपने होंठ उसके होंठ से लगा दिए और उसकी गुलाब की पंखुरियों जैसे होंठों का रस पीने लगा.
इसमें वो भी मेरा साथ देने लगी.

हम दोनों लिपट गए. पन्द्रह मिनट तक चूमते चाटते रहे फिर दोनों अलग हुए.
अब पिंकी ने कहा- सारा कांड अभी ही कर दोगे या घर के लिए भी कुछ रखोगे?
मैं मुस्कुरा उठा.

पिंकी ने रेखा की ओर देख कर कहा- क्यों रेखा डार्लिंग! मजा आ रहा है न? तुम तो साली पूरी रंडी निकली? अपने सगे बाप से चूची मसलवा कर मज़े ले रही हो?
“तूने तो मज़े ले लिए मेरे बाप से यानि अपने मामा से और दूसरे को चिढ़ाती है.”
“मैं अपने पापा के साथ जो चाहे करूँ तुम्हें क्यों खुजली हो रही है? तू भी ले ले मजे.”
User avatar
Rakeshsingh1999
Expert Member
Posts: 3785
Joined: 16 Dec 2017 12:25

Re: मेरी कमसिन भांजी और बेटी 2

Post by Rakeshsingh1999 »

पिंकी- मेरी बुर सूज गई न होती तो मैं यहीं चुदवा लेती. आज तू खा ले इनका केला. तू ही अपने निम्बू चुसवा ले मामा से!
मैं- यार तुम दोनों लड़ो मत. मैं दोनों को मजे दूंगा… अब घर चलो.
फिर हम तीनों लोग मजा करते हुए घर आए.

दिन तो यूं ही निकल गया. रात को फिर मैंने अपनी बीवी के खाने में नींद की गोली मिला दी. जब सब सो गए तब मैं उन दोनों के रूम में आ गया. दोनों जागी हुई थीं और मेरे आने का इंतजार कर रही थीं. जाते ही मैंने दोनों को किस किया, अपनी बेटी रेखा को कहा कि कपड़े उतार कर आए. मैं उसका नंगा बदन देखना चाहता हूँ.

रेखा शर्माने लगी तो पिंकी ने उसके सारे कपड़े उतारे और कहा- साली, लंड लेने में शर्म नहीं करेगी तो नंगी होने में क्या शर्म? जिसके लंड के वीर्य से पैदा हुई, उसी से शर्म? न जाने कितनी बार इन्होंने तुम्हारी बुर को देखा होगा. अब जब इनके लंड को तेरी कुँवारी बुर की जरूरत है तो नखरे करती है? अब चलो और जिस लंड से तुम पैदा हुई हो, उस लंड का पानी अपनी बुर में ले लो.

रेखा बोली- यार पिंकी, तुम क्यों इतना परेशान होती हो? मैं भी इस लंड से चुदने के लिए बेताब हूँ..
यह कह कर मेरी बेटी झट से नंगी हो गई. उस कच्ची कली का बदन देखक कर मेरे लंड में सिहरन सी दौड़ गई. दूधिया गोरा बदन, टमाटर जैसी छोटी-छोटी चूचियां, चने की दाल के बराबर निप्पल और बिना झाँटों वाली चिकनी चूत, ख़रबूज़े जैसी गांड.

मैंने उसे वैसे ही गोद में उठा लिया और बेड पर ले गया. बेड पर जाते ही मैंने उसकी चूचियां मुँह में ले लिया और चूसने लगा. रेखा के मुँह से “आह्ह्ह्ह्ह्..” की आवाज़ आने लगी. मैं अपनी हथेली से उसकी बुर रगड़ने लगा. मैं इतना जोश में था कि उसके पूरे बदन को चाटने लगा.
फिर मैंने उसे लिटा दिया और टांगें फैलाकर उसकी छोटी सी फूली हुई बुर को चाटने लगा. मुझे उसकी बुर की ख़ुशबू मदहोश कर रही थी. पांच मिनट बुर को जीभ से चोदने के बाद उसके बुर ने रस छोड़ना शुरू कर दिया, मैंने अपनी जीभ से उसकी बुर के रस को चाट-चाट कर साफ कर दिया.

उसके बाद मैं नंगा हो गया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया.
मैंने पूछा- ये ले सकोगी?
वो बोली- हाँ… क्यों नहीं… जल्दी से डालो पापा.

मैंने पिंकी को क्रीम लाने को कहा. पिंकी क्रीम ले कर आई और रेखा की बुर में लगा दी. फिर पिंकी ने मेरे लंड को चूसकर उस में भी क्रीम लगाई. फिर वो क्रीम रेखा की बुर में लगाते हुए बोली- रेखा रंडी, ले आज तेरी बुर का भोसड़ा बनाने का समय आ गया. आज की तकलीफ़ बर्दाश्त कर लो, फिर तुम्हारे मज़े ही मज़े हैं. मैं तो चली जाऊँगी इस बेटीचोद का ख्याल रखना, बड़ा मस्त चुदाई करता है. बोलो खयाल रखोगी ना?
रेखा- हाँ पिंकी, जरूर रखूंगी अपने बेटीचोद बाप का ख्याल… पहले चुदाई होने तो दो.

पिंकी बोली- हरामजादी तेरी बुर में ज्यादा आग लग रही है, चुदने को बड़ी बेताब हो रही है री कुतिया?
रेखा- चुप कर हरामजादी, खुद तो मेरे पापा से अपनी बुर चुदवा कर मज़े ले चुकी. अब मुझे तो ले लेने दे अपने बाप के लंड का स्वाद!
मैं बोला- तुम दोनों लड़ो मत, तुम दोनों को मज़े दूंगा.

पिंकी बोली- मामा, मैं इसा के साथ लड़ नहीं रही हूँ.. रेखा को ट्रेनिंग दे रही हूं. रेखा को मैं सब सिखा दूंगी.
“अब तो मुझे इस गुड़िया की बुर का मजा लेने दो.”
User avatar
Rakeshsingh1999
Expert Member
Posts: 3785
Joined: 16 Dec 2017 12:25

Re: मेरी कमसिन भांजी और बेटी 2

Post by Rakeshsingh1999 »

यह कह कर मैंने पिंकी को हटाया और रेखा की टाँगों के बीच आकर लंड का सुपाड़ा उसकी कुँवारी बुर में फंसा कर दबाने लगा. मेरा लंड बार-बार फ़िसल जाता था. तब मैंने पिंकी से कहा कि इसके हाथ ऊपर फैला कर पकड़ लो.

उसने वैसा ही किया. मैंने एक हाथ से उसका मुँह बंद किया और लंड के सुपारे को बुर में सही जगह फंसा कर जोरदार धक्का दे मारा.
उसें जबरन मेरा हाथ हटाया और दर्द के मारे चीखी- ऊऊऊई ईईई.. ऊऊऊ ऊउई.. मर गई… पापा… बहुत दर्द हो रहा है…. निकाल लो!
बोल कर के रेखा छटपटाने लगी. मेरे लंड का कुछ हिस्सा उस की कुँवारी बुर में चला गया था.

मैं दो मिनट तो शांत पड़ा रहा, फिर उसके मुंह पर हाथ रख कर दुबारा धक्का दिया. लगभग आधा लंड रेखा की कुँवारी कच्ची बुर के अन्दर पेवस्त हो गया. रेखा बुरी तरह छटपटा रही थी और उसकी आँखों से आँसू निकल रहे थे.

मैं रुक गया… इन्तजार करने लगा कि मेरी बेटी की बुर का दर्द कुछ कम हो जाए.
पिंकी उसे समझाने लगी- यार, अभी तो पहली बार है, दर्द होगा ही लेकिन कुछ ही देर में मजा आने लगेगा.

मुँह बंद होने के कारण रेखा कुछ नहीं बोल पा रही थी. मेरा लंड उसकी बुर में जकड़ा हुआ था. मैं अपने होंठ से उसकी चूचियों को चाट रहा था.

कुछ देर तक मैंने कुछ नहीं किया. जब मुझे लगा कि वो शांत है, तब मैंने हाथ उसके मुँह से हटाया तो वो रोते हुए बोली- हट जाओ पापा.. मुझे नहीं चुदाना है, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मेरी बुर फट गई है.

मैंने उसे समझाया- मत रो बेटी, पहली बार सब के साथ ऐसा ही होता है. जब मजा आएगा तो तुम्हीं बोलोगी कि और डालो पापा.

इस तरह पुचकारते फुसलाते हुए मैंने उसे शांत किया. फिर उसके होंठ चूसने लगा. जब उसने रोना बंद किया, तब मैंने लंड एकदम धीरे धीरे आगे पीछे करना शुरू किया. मेरे हर दबाब के साथ वो चिहुंकने लगती थी. मैंने अपने हाथ से उसके गालों को सहलाना शुरू किया.

दस मिनट ऐसे ही करने के बाद मैंने अचानक उसका मुँह बंद किया और एक जोरदार धक्का दे मारा. गच्च से मेरा पूरा लंड उसकी बुर की सील को तोड़ता हुआ पूरा अन्दर हो गया.
वो फिर छटपटाने लगी.
पिंकी ने उसे समझाया कि अब हो गया, पूरा लंड तुम्हारी बुर में चला गया है. अब दर्द नहीं होगा.

वो फिर रोने लगी. जवान लड़की की बुर में चालीस साल का लंड जाएगा तो ऐसा ही होता है. वो भी इतनी टाइट बुर कि मुझे लगा कि मेरा लंड भी जख्मी हो गया होगा. क्योंकि मेरा लंड उसकी बुर में एकदम टाइट फंसा हुआ था.
इतना कसी हुई बुर मैंने कभी नहीं महसूस की थी. मैं वैसे ही शांत होकर उसकी ऊपर लेट गया. वो छटपटा रही थी. पिंकी उस सांत्वना दे रही थी.
User avatar
Rakeshsingh1999
Expert Member
Posts: 3785
Joined: 16 Dec 2017 12:25

Re: मेरी कमसिन भांजी और बेटी 2

Post by Rakeshsingh1999 »

काफी देर की मान मनौव्वल के बाद वो शांत हुई, तब मैंने अपने लंड फिर से अपनी बी की बुर में आगे पीछे करना शुरू किया. काफी देर तक धीरे धीरे लंड पेलने के बाद मैंने देखा कि उसने आँखें बंद कर लीं, तो मैंने हाथ उसके मुँह से हटाया.

पिंकी ने पूछा- रेखा, कैसा लग रहा है अब?
रेखा- अब तो कुछ कुछ ठीक है.
पिंकी- चुदाई को तेजी से किया जाए? अपनी टाँगें थोड़ा-थोड़ा पापा की कमर से लपेट लो.

बस अब मैंने ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी. मेरे हर धक्के पर वो “आह्ह्ह्ह्ह्.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईह्ह्ह्ह्ह्..” करने लगी. अब वह मादक सिसकारियां भरने लगी थी. दस मिनट में ही उसने अपनी बाँहों में मुझे कस लिया और धक्कों के साथ गांड उछाल उछाल कर मजा लेने लगी.

दोस्तो, मैंने अपनी सगी बेटी की बुर की सील तोड़ दी थी.

मैं अपनी बेटी रेखा की मस्त बुर को पेलता रहा, कुछ देर बेटी की चुदाई के बाद मैंने पिंकी को अपने पास बुलाया और पिंकी के रसीले होठों को चूसने लगा. इधर रेखा की कुंवारी बुर को चोद रहा था. अब तो मेरी बेटी रेखा भी अब गांड हिला कर चुदाई का मजा ले रही थी. उसकी दर्द व आनन्द से मिश्रित कराहें, सिसकारियाँ निकाल रही थी- उम्माह… अह… हाह.. हां… हां… ओह्ह!

अब मैं अपने मुँह में पिंकी की छोटी छोटी चुचियों को लेकर चूस रहा था. सच में क्या मस्त मजा आ रहा था, मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं रेखा की चूत में जोर-जोर से लंड पेलने लगा और साथ में पिंकी के होठों को चूसने और काटने लगा. मैं बहुत तेजी से रेखा की कुंवारी चूत चोद रहा था और उंगली से पिंकी की चूत को चोद रहा था.

कुछ ही देर में मेरे लंड से वीर्य रेखा की चूत में गिरने लगा. मेरे साथ साथ रेखा भी झड़ गई और हम दोनों शांत हो गए. पिंकी भी कुछ ही देर में झड़ कर शांत हो गई.

फिर हम लोग एक साथ नंगे ही सो गए.
User avatar
Rakeshsingh1999
Expert Member
Posts: 3785
Joined: 16 Dec 2017 12:25

Re: मेरी कमसिन भांजी और बेटी 2

Post by Rakeshsingh1999 »

रात के लगभग 3 बजे मुझे अपने लंड पर किसी गीली चीज का अहसास हुआ तो मेरी नींद खुल गई. मैंने देखा कि मेरी भांजी पिंकी और मेरी बेटी रेखा दोनों मेरे लंड को चूस रही हैं. मेरा लंड पूरा टाइट हो चुका है. लंड को कभी पिंकी चूस रही है तो कभी रेखा.. कभी कभी दोनों मेरे लंड को अपनी जीभ से चाट रही हैं.

मुझे जागते देख कर मेरी बेटी रेखा शरमाने लगी लेकिन पिंकी तो पूरी रंडी बन चुकी थी.
फिर मैं उठ कर खड़ा हो गया. दो मासूम कलियों को देख कर मेरा लंड झटके मार रहा था. मैंने दोनों को अपने आगे बिठा दिया और बोला- देखो कौन मेरा लंड सबसे अच्छा चूसती है.

यह कह कर मैं अपना लंड दोनों के गालों में सटाने लगा. सबसे पहले मेरी भांजी पिंकी ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी. उसकी देखा देखी रेखा ने भी मेरे लंड को उसके मुँह से छीन कर अपने मुँह में ले लिया.
इस तरह से दोनों मेरे लंड के लिए एक दूसरे से छीना झपटी कर रही थीं. कभी कभी दोनों एक साथ अपनी जीभ से मेरे लंड को चाटने लगती थीं. मेरा लंड झटके पर झटके मार रहा था.

दस मिनट के लंड चूसने से मेरा लंड इतना ज्यादा गर्म हो गया था कि मन कर रहा था कि दोनों की चूत एक साथ चोदूँ. मैंने दोनों को डॉगी स्टाइल में झुकने को कहा. दोनों को कुतिया की तरह झुका दिया और पीछे से दोनों को पेलने लगा. मैं अपना लंड कभी पिंकी की बुर में घुसाता, तो कभी रेखा की बुर में.

दोनों की बुर इतनी टाइट थीं कि मेरा लंड कसा कसा सा जा रहा था. मैं दोनों की बुर को बहुत देर तक चोदता रहा. मेरा लंड रॉड हो चुका था, इसीलिए झड़ने का नाम नहीं ले रहा था. मैं दोनों को गाली दे दे कर पेल रहा था.

“साली तुम दोनों रंडी हो, पिंकी जैसी तेरी मां है.. वैसे ही तुम लोग भी साली रंडी हो. एक दिन इस लंड से तुम दोनों की गांड मारूंगा.. अभी तो चूत मारने में ही तुम लोग का यह हाल हो गया है, जिस दिन तुम दोनों की गांड में अपना लंड डालूंगा, उस दिन तुमको पता चलेगा कि चुदाई क्या होती है.”
यह कह कर मैं दोनों को तेजी से पेलने लगा. आधा घंटा तक मैं चूत बदल बदल कर दोनों की चुदाई करता रहा.. कभी पिंकी को चोदता, तो रेखा से अपना लंड चुसवाता और रेखा की चुदाई करता तो पिंकी से अपना लंड चुसवाता.

मेरा लंड कभी चूत में तो कभी मुँह में मजा ले रहा था. जब मुँह में मेरा लंड जाता तो दोनों के मुँह की गर्मी से मेरा लंड और टाइट हो जाता था. फिर मैं उसे अपनी भांजी और बेटी के चूत में डाल देता. मुझे इतना मजा आ रहा था कि मेरा लंड अब लग रहा था, फट जाएगा.

फिर मैंने दोनों को अपने आगे बैठा दिया और अपना लंड पिंकी के मुँह में घुसा कर अपना बीज गिराने लगा.
मैं पिंकी से बोला- ले साली मेरा वीर्य.. तुम दोनों मिल बांट कर पीना.. कुत्तियों अकेले मत पी जाना साली रंडी..
यह कह कर मैंने अपना पूरा वीर्य पिंकी के मुँह में गिरा दिया. पिंकी और रेखा मेरे वीर्य को मिल बांट कर पी गईं.

अब हम तीनों थक गए थे. हम लोग कपड़े पहन कर अपनी अपनी जगह पर जा कर सो गए. सुबह मेरी ससुराल से फोन आया कि मेरी बीवी की माँ की तबियत थोड़ी ख़राब है.. तो मेरी बीवी मेरे बेटे को लेकर चली गई. वहाँ पहुंच कर बीवी ने फ़ोन पर बताया कि माँ ठीक हैं, मैं कल शाम तक आ जाऊँगी. क्योंकि सब को शादी में जाना है.
Post Reply