पाप (30 कहानियां)
दोस्तो इस शृंखला मे ३० कहानियाँ है जो आपको बहुत पसंद आएँगी दोस्तो कुछ कहानियाँ तो मैं पहले भी पोस्ट कर चुका हूँ पर अब मैं सारी कहानियाँ एक साथ और एक ही थ्रेड मे पोस्ट कर रहा हूँ दोस्तो कहानियों के नाम कुछ इस तरह हैं
01. आईना
02. आठ दिन
03. आधी रात को
04. इश्क
05. एडल्ट्री
06. ऐसा भी होता है।
07. कुछ भी नहीं
08. खौफ
09. ख्वाब था शायद
10. गुड़िया
11. टोटका
12. डेरा
13. तेरे इश्क में
14. दि अदर हाफ
15. नाजायज
16. नौकरानी
17. नौ-लक्खा
18. पीपल
19. ब्लैकमेल
20. भीड़ में एक चेहरा
21. मासूम
22. मुम्बई लोकल
23. मेहराम
24. लाटरी
25. टैबू (वर्जना)
26. सफेद लिबास
27. सिलसिला
28. सुबह की सैर
29. हाफिज खुदा
30. एक छोटी सी लव स्टोरी
Adultery * * * * *पाप (30 कहानियां) * * * * *
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01आईना
01आईना
“वो राजेश अपने को बोला की सोई है तू उसके साथ... सोनू पिंक कलर में ऊपर नीचे हो रही उसकी बड़ी बड़ी छातियों के देखता हुआ बोला।
हाँ... तो..." नीलम जानती थी के वो कहाँ घूर रहा है पर उसे जैसे कोई परवाह नहीं थी।
तो वो कह रहा था की बिस्तर पे बहुत सही मजा देती है तू..”
“अच्छा... और क्या कह रहा था तेरा राजेश..” वो ताना सा मारते हुए बोली।
यही की मस्त होके देती है तू..” वो गाड़ी चलाता उसकी ओर दाँत निकलता हुआ बोला।
और..” नीलम बोर होती खिड़की से बाहर होती देखती रही।
यही की कपड़े के अंदर मस्त चिकनी है तू। कहीं पे भी तो एक बाल नहीं है तेरे...”
*और...”
और की एक बार शुरू हो जाए तो बिस्तर पर तू जन्नत दिखा देती है...”
सही बोलता है वो...” नीलम उसकी ओर देखती हुई बोली- “बहुत गरम हूँ मैं और कपड़े के अंदर में इतनी चिकनी की साला नंगी हो जाऊं तो तेरे माफिक आदमी कुत्ते के जैसे लार टपकाए। और बिस्तर पे मैं सब करती है, आगे, पीछे, मुँह में, हर जगह लेती है। पर उसका पैसा लगता है, समझा। जितना पैसा मेरे को मिलेगा, उतनी ज्यादा जन्नत पैसा देने वाले को देखने को मिलेगी। पैसा, जो तेरे जैसे फोकटिए के पास है नहीं तो लार टपकाना बंद कर और गाड़ी चला। समझा..."
तो मतलब अपने पास माल होयगा तो तू अपने को भी देगी...” सोनू ऐसा बोला जैसे मुँह माँगी मुराद मिल रही हो।
हाँ... देगी भी और तेरा लेगी भी। पर पहले माल लेके आ फोकटिए...” नीलम अब भी खिड़की से बाहर देख रही थी। मगर रात के अंधेरे में उस सुनसान सड़क पर काले अंधेरे के सिवा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
ऐसा काहे को बोलती है। पैसा है ना अपने पास..” सोनू मुँह बनता हुआ बोला।
अच्छा ..."
हाँ... है ना... तू बोल कितना चाहिए तेरे को...”
तेरे पास कितना है...”
हजार है मेरे पास...” सोनू ने खुश होकर दाँत दिखाए।
और उसकी बात सुनकर नीलम जोर जोर से हँसने लगी। दाँत दिखाते सोनू को समझ नहीं आया के उसकी हँसी में शामिल हो या पहले ये समझे के वो हँस क्यों रही है।
इतने तो साले मैं सिर्फ अपना टाप उतारने के ले लेती हूँ..” नीलम ने कहा और फिर जोर से हँस पड़ी। उसके हँसने की वजह सुनकर सोनू का मुँह बन गया।
उसने नजर चुपचाप सामने सड़क पर जमाई और होंडा सिटी की स्पीड बढ़ाई। कुछ देर हँसने के बाद नीलम भी चुपचाप फिर खिड़की से बाहर देखने लगी।
“वो राजेश अपने को बोला की सोई है तू उसके साथ... सोनू पिंक कलर में ऊपर नीचे हो रही उसकी बड़ी बड़ी छातियों के देखता हुआ बोला।
हाँ... तो..." नीलम जानती थी के वो कहाँ घूर रहा है पर उसे जैसे कोई परवाह नहीं थी।
तो वो कह रहा था की बिस्तर पे बहुत सही मजा देती है तू..”
“अच्छा... और क्या कह रहा था तेरा राजेश..” वो ताना सा मारते हुए बोली।
यही की मस्त होके देती है तू..” वो गाड़ी चलाता उसकी ओर दाँत निकलता हुआ बोला।
और..” नीलम बोर होती खिड़की से बाहर होती देखती रही।
यही की कपड़े के अंदर मस्त चिकनी है तू। कहीं पे भी तो एक बाल नहीं है तेरे...”
*और...”
और की एक बार शुरू हो जाए तो बिस्तर पर तू जन्नत दिखा देती है...”
सही बोलता है वो...” नीलम उसकी ओर देखती हुई बोली- “बहुत गरम हूँ मैं और कपड़े के अंदर में इतनी चिकनी की साला नंगी हो जाऊं तो तेरे माफिक आदमी कुत्ते के जैसे लार टपकाए। और बिस्तर पे मैं सब करती है, आगे, पीछे, मुँह में, हर जगह लेती है। पर उसका पैसा लगता है, समझा। जितना पैसा मेरे को मिलेगा, उतनी ज्यादा जन्नत पैसा देने वाले को देखने को मिलेगी। पैसा, जो तेरे जैसे फोकटिए के पास है नहीं तो लार टपकाना बंद कर और गाड़ी चला। समझा..."
तो मतलब अपने पास माल होयगा तो तू अपने को भी देगी...” सोनू ऐसा बोला जैसे मुँह माँगी मुराद मिल रही हो।
हाँ... देगी भी और तेरा लेगी भी। पर पहले माल लेके आ फोकटिए...” नीलम अब भी खिड़की से बाहर देख रही थी। मगर रात के अंधेरे में उस सुनसान सड़क पर काले अंधेरे के सिवा कुछ दिखाई नहीं दे रहा था।
ऐसा काहे को बोलती है। पैसा है ना अपने पास..” सोनू मुँह बनता हुआ बोला।
अच्छा ..."
हाँ... है ना... तू बोल कितना चाहिए तेरे को...”
तेरे पास कितना है...”
हजार है मेरे पास...” सोनू ने खुश होकर दाँत दिखाए।
और उसकी बात सुनकर नीलम जोर जोर से हँसने लगी। दाँत दिखाते सोनू को समझ नहीं आया के उसकी हँसी में शामिल हो या पहले ये समझे के वो हँस क्यों रही है।
इतने तो साले मैं सिर्फ अपना टाप उतारने के ले लेती हूँ..” नीलम ने कहा और फिर जोर से हँस पड़ी। उसके हँसने की वजह सुनकर सोनू का मुँह बन गया।
उसने नजर चुपचाप सामने सड़क पर जमाई और होंडा सिटी की स्पीड बढ़ाई। कुछ देर हँसने के बाद नीलम भी चुपचाप फिर खिड़की से बाहर देखने लगी।
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Re: पाप
साली सयानी बनती है। अमीरों का लण्ड लेने की आदत पड़ी है। खुद साली की औकात भले दो कोड़ी की ना हो, पर मेरा मजाक जरूर उड़ाएगी..” कार चलाता सोनू मन ही मन सोच रहा था।
हजार.. कभी कितनी कीमत रखते थे हजार भी उसके लिए और आज वही रकम उसने कैसे हँसी में उड़ा दी...” खिड़की से बाहर देखती नीलम मन ही मन सोच रही थी।
तेरा बास बताया की आज किसके पास जाने का है...” थोड़ी देर बाद वो बोली।
नहीं...” सोनू ने जवाब दिया। उसका गुस्सा अब भी उतरा नहीं था और ये बात शकल से साफ जाहिर थी- “मेरे को बस इतना बोला की तेरे को लेके खंडाला पहुँचने का है। कोई बड़ी पार्टी आ रही है...”
कोई अंग्रेज तो नहीं है ना.." नीलम ने कहा।
क्यों अंग्रेज का लेने में दिक्कत है तेरे को...”
नहीं दिक्कत तो कोई नहीं है पर इनका साला पता नहीं होता। सारी अजीब अजीब बीमारियां यही साले शुरू करते हैं और बिस्तर पर ऐसी ऐसी फरमाइश करते हैं जैसे खरीद के लाए हों...”
सोई है कभी किसी अंग्रेज के साथ...”
हाँ... सोई थी एक बार..”
फिर.."
फिर सुबह लंगड़ा के चल रही थी और क्या? पता नहीं साला क्या खाके आया था। रात भर सुकून से एक पल नहीं बैठा। पूरा वैसा वसूला साले ने...”
इस बात पर वो दोनों ही हँस पड़े।
बड़े भाई आ रहे हैं शायद..” कुछ देर की खामोशी के बाद सोनू बोला।
बड़े भाई बोले तो..”
अपने भाई के ऊपर के भाई। पीछे से सारा माल वही सप्लाई करते हैं भाई को इसलिए अपने भाई उनको इस बार अच्छे से खुश करना चाहते हैं...” सोनू ने कहा।
तो मेरा ख्याल कैसे आया..”
राजेश बोला... वो कह रहा था की तुझ जैसी आज तक किसी के साथ सोया नहीं है वो। इतना तारीफ किया की भाई बोले की मैं जाके तुझे ही ले आऊँ..."
हम्म्म्म
...” नीलम ने हामी भारी और फिर गाड़ी के बाहर देखने लगी।
“ठीक है...” गाड़ी चलाता सोनू अचानक से बोला।
“क्या ठीक है..” नीलम ने हैरानी से उसकी तरफ देखा।
टाप उतार ने का हजार लेती है ना तू.. अपुन देगा तेरे को हजार। तू टाप उतार.." सोनू गाड़ी धीमी करते हुए बोला।
हजार.. कभी कितनी कीमत रखते थे हजार भी उसके लिए और आज वही रकम उसने कैसे हँसी में उड़ा दी...” खिड़की से बाहर देखती नीलम मन ही मन सोच रही थी।
तेरा बास बताया की आज किसके पास जाने का है...” थोड़ी देर बाद वो बोली।
नहीं...” सोनू ने जवाब दिया। उसका गुस्सा अब भी उतरा नहीं था और ये बात शकल से साफ जाहिर थी- “मेरे को बस इतना बोला की तेरे को लेके खंडाला पहुँचने का है। कोई बड़ी पार्टी आ रही है...”
कोई अंग्रेज तो नहीं है ना.." नीलम ने कहा।
क्यों अंग्रेज का लेने में दिक्कत है तेरे को...”
नहीं दिक्कत तो कोई नहीं है पर इनका साला पता नहीं होता। सारी अजीब अजीब बीमारियां यही साले शुरू करते हैं और बिस्तर पर ऐसी ऐसी फरमाइश करते हैं जैसे खरीद के लाए हों...”
सोई है कभी किसी अंग्रेज के साथ...”
हाँ... सोई थी एक बार..”
फिर.."
फिर सुबह लंगड़ा के चल रही थी और क्या? पता नहीं साला क्या खाके आया था। रात भर सुकून से एक पल नहीं बैठा। पूरा वैसा वसूला साले ने...”
इस बात पर वो दोनों ही हँस पड़े।
बड़े भाई आ रहे हैं शायद..” कुछ देर की खामोशी के बाद सोनू बोला।
बड़े भाई बोले तो..”
अपने भाई के ऊपर के भाई। पीछे से सारा माल वही सप्लाई करते हैं भाई को इसलिए अपने भाई उनको इस बार अच्छे से खुश करना चाहते हैं...” सोनू ने कहा।
तो मेरा ख्याल कैसे आया..”
राजेश बोला... वो कह रहा था की तुझ जैसी आज तक किसी के साथ सोया नहीं है वो। इतना तारीफ किया की भाई बोले की मैं जाके तुझे ही ले आऊँ..."
हम्म्म्म
...” नीलम ने हामी भारी और फिर गाड़ी के बाहर देखने लगी।
“ठीक है...” गाड़ी चलाता सोनू अचानक से बोला।
“क्या ठीक है..” नीलम ने हैरानी से उसकी तरफ देखा।
टाप उतार ने का हजार लेती है ना तू.. अपुन देगा तेरे को हजार। तू टाप उतार.." सोनू गाड़ी धीमी करते हुए बोला।
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Re: पाप
तेरा दिमाग खराब हुआ है."
क्यों दिमाग खराब होने वाली क्या बात है..” उसने गाड़ी सड़क के किनारे लेकर रोक दी- “तू बस अपना टाप उतार, अपना ऊपर का माल मेरे को दिखा दे, मैं तुझे हजार दे दूंगा...” ।
गाड़ी एक सुनसान जगह पर खड़ी थी। कोई इक्की दुक्की गाड़ी ही थोड़ी देर बाद गुजर रही थी।
और तू क्या करेगा... मेरी छातियां देखकर हिलाएगा...”
उसकी बात ने जैसे सोनू के दिमाग में आइडिया डाल दिया।
हाँ.. तू थोड़ी देर अपना टाप और ब्रा उतार कर बैठ और मैं देखकर हिला लूंगा। और हजार तेरे...”
नीलम का दिल किया की फिर जोर से हँस कर उसकी बात टाल दे पर उसके दिमाग ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। थोड़ी देर ऊपर से नंगी होकर बैठने के हजार मिल रहे थे। वैसे भी तो वो पिछले दो घंटे से कार में बैठी ही थी और अगले एक घंटे तक यहीं बैठी रहना था। तो अगर थोड़ी देर ऊपर से नंगी होकर बैठने के अगर हजार मिल रहे हों तो क्या बुरा है...
“ठीक है...” वो सीट पर सीधी होकर बैठ गई- “पर अपने इस पप्पू का निशाना जरा दूसरी तरफ रखना। अगर एक भी छींटा आकर मेरे ऊपर गिरा तो तू मुँह से चाटकर साफ करेगा..”
“ठीक है...” सोनू ने फौरन हामी भर दी।
*और सिर्फ देखना है। अपने हाथ अपने तक ही रखना...”
ठीक है...”
“और कोई फालतू डिमांड नहीं बाद में की हाथ लगाने दे या जीन्स भी उतारने दे, या अपने खुद दबाके दिखा वगेरह वगैरह..."
मंजूर है."
“निकाल हजार..” नीलम ने कहा तो उसने फौरन जेब से 500 के दो नोट निकालकर उसे थमा दिए। नीलम ने पैसे लेकर अपने पर्स में रख लिया।
अब उतार...” सोनू जैसे उतावला हुए जा रहा था।
सबर रख..” कहते हुए नीलम कार पर पूरी तरह सीधी होकर बैठ गई। उसने नीचे से अपने टाप का सिरा पकड़ा और एक झटके से उतारकर सामने ईश-बोर्ड पर रख दिया।
एक मिनट रुक...” उसने ब्रा का हुक खोलने के लिए हाथ पीछे किए तो सोनू ने फौरन रोक दिया- “जरा थोड़ी देर तुझे ब्रा में देख तो लेने दे...”
उसकी बात सुनकर नीलम रुक गई।
हाथ नीचे कर ना...” सोनू ने कहा तो उसने अपने हाथ अपनी टाँगों पर रख लिया।
“वाउ...” सोनू ने थूक निगलते हुए उसकी बड़ी बड़ी छातियों की तरफ देखा।
क्यों दिमाग खराब होने वाली क्या बात है..” उसने गाड़ी सड़क के किनारे लेकर रोक दी- “तू बस अपना टाप उतार, अपना ऊपर का माल मेरे को दिखा दे, मैं तुझे हजार दे दूंगा...” ।
गाड़ी एक सुनसान जगह पर खड़ी थी। कोई इक्की दुक्की गाड़ी ही थोड़ी देर बाद गुजर रही थी।
और तू क्या करेगा... मेरी छातियां देखकर हिलाएगा...”
उसकी बात ने जैसे सोनू के दिमाग में आइडिया डाल दिया।
हाँ.. तू थोड़ी देर अपना टाप और ब्रा उतार कर बैठ और मैं देखकर हिला लूंगा। और हजार तेरे...”
नीलम का दिल किया की फिर जोर से हँस कर उसकी बात टाल दे पर उसके दिमाग ने उसे ऐसा करने से रोक दिया। थोड़ी देर ऊपर से नंगी होकर बैठने के हजार मिल रहे थे। वैसे भी तो वो पिछले दो घंटे से कार में बैठी ही थी और अगले एक घंटे तक यहीं बैठी रहना था। तो अगर थोड़ी देर ऊपर से नंगी होकर बैठने के अगर हजार मिल रहे हों तो क्या बुरा है...
“ठीक है...” वो सीट पर सीधी होकर बैठ गई- “पर अपने इस पप्पू का निशाना जरा दूसरी तरफ रखना। अगर एक भी छींटा आकर मेरे ऊपर गिरा तो तू मुँह से चाटकर साफ करेगा..”
“ठीक है...” सोनू ने फौरन हामी भर दी।
*और सिर्फ देखना है। अपने हाथ अपने तक ही रखना...”
ठीक है...”
“और कोई फालतू डिमांड नहीं बाद में की हाथ लगाने दे या जीन्स भी उतारने दे, या अपने खुद दबाके दिखा वगेरह वगैरह..."
मंजूर है."
“निकाल हजार..” नीलम ने कहा तो उसने फौरन जेब से 500 के दो नोट निकालकर उसे थमा दिए। नीलम ने पैसे लेकर अपने पर्स में रख लिया।
अब उतार...” सोनू जैसे उतावला हुए जा रहा था।
सबर रख..” कहते हुए नीलम कार पर पूरी तरह सीधी होकर बैठ गई। उसने नीचे से अपने टाप का सिरा पकड़ा और एक झटके से उतारकर सामने ईश-बोर्ड पर रख दिया।
एक मिनट रुक...” उसने ब्रा का हुक खोलने के लिए हाथ पीछे किए तो सोनू ने फौरन रोक दिया- “जरा थोड़ी देर तुझे ब्रा में देख तो लेने दे...”
उसकी बात सुनकर नीलम रुक गई।
हाथ नीचे कर ना...” सोनू ने कहा तो उसने अपने हाथ अपनी टाँगों पर रख लिया।
“वाउ...” सोनू ने थूक निगलते हुए उसकी बड़ी बड़ी छातियों की तरफ देखा।
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Re: पाप
नीलम को हमेशा अपने जिश्म के इस हिस्से पर काफी गर्व रहा था। उसकी छातियां हमेशा उसकी सब सहेलियों से बड़ी रही थी। स्कूल में जब उसकी सब दोस्त एक शमीज पहनकर काम चला रही थी तब वो पूरे 36 साइज की ब्रा पहनती थी। स्कूल के लड़के तो क्या टीचर्स भी जब उससे बात करते तो उनकी नजर उसकी छातियों पर ही होती। जैसे देखकर ये अंदाजा लगा रहे हों के कितनी बड़ी होंगी।
सही हैं यार तेरे.”
कहते हुए सोनू ने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना खड़ा लण्ड बाहर निकलकर सहलाने लगा। नीलम ने एक नजर उसके लण्ड पर डाली और चुपचाप उसके चेहरे की तरफ देखने लगी। पर सोनू की नजर तो जैसे उसकी छातियों से चिपक कर रह गई थी।
ब्रा खोल...” वो कुछ देर अपना लण्ड सहलाने के बाद बोला। नीलम ने अपने हाथ पीछे लेजाकर हुक खोला और ब्रा भी उतार कर सामने डैश-बोर्ड पर रख दिया।
आई शपथ... साला बहूत लड़कियां बजाया मैं, बहुत मम्मे देखे हैं पर तेरे जैसे नहीं देखे...” उसका हाथ तेजी से अपने लण्ड पर चलने लगा और आँखें साँस के साथ ऊपर नीचे हो रही छातियों पर गड़ गई।
साला अब समझ में आता है की राजेश क्यों तेरे पे इतना जोर दिया। साला अपना लड़कियों का ही धंधा है पर तेरी जैसी माल मैंने आज तक मार्केट में देखी नहीं."
और भी वो ना जाने क्या क्या बोले जा रहा था पर नीलम चुपचाप बैठी कभी उसकी शकल को तो कभी लण्ड पर तेजी से ऊपर नीचे हो रहे हाथ को देख रही थी। सोनू तो जैसे उसकी बड़ी बड़ी छातियों में कहीं खोकर रह गया था। लण्ड पर हाथ की स्पीड बढ़ती चली गई और दो मिनट में ही उसका काम खतम हो गया।
“आहहह... साला इतना मजा तो कभी किसी लड़की को चोदकर नहीं आया जितना तुझे नंगी देखकर हिलाने में आया। तू अपनी कीमत बोल। मैं कहीं से भी कैसे भी पैसे का जुगाड़ करेगा पर तेरे साथ सोएगा जरूर...”
कुछ देर बाद कार एक बार फिर तेजी से खंडाला की तरफ बढ़ चली।
एक बात बता.. वो राजेश साला कह रहा था की अच्छे घर से है तू काफी तो ये काम काहे को करती है...”
नीलम उसकी बात सुनकर हँस पड़ी।
अच्छे घर से तो साला तू भी है फिर किस वास्ते ये ड्रग्स और लड़कियों के धंधे में आया...” उसने सवाल का जवाब एक सवाल से ही दिया।
सोनू ने कुछ कहने के लिए मुँह खोला ही था की उसका फोन बज उठा।
हाँ... भाई...” उसने फोन उठाया- “बस हम पहुँचने ही वाले हैं। लड़की मेरे साथ है...”
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सही हैं यार तेरे.”
कहते हुए सोनू ने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना खड़ा लण्ड बाहर निकलकर सहलाने लगा। नीलम ने एक नजर उसके लण्ड पर डाली और चुपचाप उसके चेहरे की तरफ देखने लगी। पर सोनू की नजर तो जैसे उसकी छातियों से चिपक कर रह गई थी।
ब्रा खोल...” वो कुछ देर अपना लण्ड सहलाने के बाद बोला। नीलम ने अपने हाथ पीछे लेजाकर हुक खोला और ब्रा भी उतार कर सामने डैश-बोर्ड पर रख दिया।
आई शपथ... साला बहूत लड़कियां बजाया मैं, बहुत मम्मे देखे हैं पर तेरे जैसे नहीं देखे...” उसका हाथ तेजी से अपने लण्ड पर चलने लगा और आँखें साँस के साथ ऊपर नीचे हो रही छातियों पर गड़ गई।
साला अब समझ में आता है की राजेश क्यों तेरे पे इतना जोर दिया। साला अपना लड़कियों का ही धंधा है पर तेरी जैसी माल मैंने आज तक मार्केट में देखी नहीं."
और भी वो ना जाने क्या क्या बोले जा रहा था पर नीलम चुपचाप बैठी कभी उसकी शकल को तो कभी लण्ड पर तेजी से ऊपर नीचे हो रहे हाथ को देख रही थी। सोनू तो जैसे उसकी बड़ी बड़ी छातियों में कहीं खोकर रह गया था। लण्ड पर हाथ की स्पीड बढ़ती चली गई और दो मिनट में ही उसका काम खतम हो गया।
“आहहह... साला इतना मजा तो कभी किसी लड़की को चोदकर नहीं आया जितना तुझे नंगी देखकर हिलाने में आया। तू अपनी कीमत बोल। मैं कहीं से भी कैसे भी पैसे का जुगाड़ करेगा पर तेरे साथ सोएगा जरूर...”
कुछ देर बाद कार एक बार फिर तेजी से खंडाला की तरफ बढ़ चली।
एक बात बता.. वो राजेश साला कह रहा था की अच्छे घर से है तू काफी तो ये काम काहे को करती है...”
नीलम उसकी बात सुनकर हँस पड़ी।
अच्छे घर से तो साला तू भी है फिर किस वास्ते ये ड्रग्स और लड़कियों के धंधे में आया...” उसने सवाल का जवाब एक सवाल से ही दिया।
सोनू ने कुछ कहने के लिए मुँह खोला ही था की उसका फोन बज उठा।
हाँ... भाई...” उसने फोन उठाया- “बस हम पहुँचने ही वाले हैं। लड़की मेरे साथ है...”
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