प्यार था या धोखा

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josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 31

सभी लोग पूर्वी के घर में थे उसका घर डॉ चूतिया के कहने पर किसी किले की तरह सजा हुआ था,पूर्वी सपना और रोहन तीनो के घरों में सिक्युरिटी बड़ा दी गई थी ,पूर्वी के घर डॉ चूतिया,पूर्वी ,रोहन ,सपना,बल्ला,और पूर्वी के पिता कपूर साहब मौजूद थे…

बल्ला रोये जा रहा था..

“आखिर हमार भइया के कसूर रहे की उन्होको उठा के ले गया”

बल्ला की बात से सभी चकित थे केवल डॉ और सपना के अलावा ..

“ये ये कैसी भाषा में बात कर रहा है”पूर्वी चौकी

“ये लोग कोई शेख वेख नही है ना ही दुबई से आये है इन्हें मैंने बुलवाया था,”

डॉ ने हल्के स्वर में कहा

“व्हाट ..और आपने मुझे भी नही बताया “

“बता देता तो किसी तरफ से गौरव को भी ये बात पता लग जाती ,मैंने इसे किसी और के लिए नही गौरव के लिए ही इन्हें यंहा बुलाया है ,ताकि उसे लगे की यही लोग शेख है “

“लेकिन क्यो ..”

पूर्वी बुरी तरह से झल्ला गई थी वही सभी के चहरे पर एक आश्चर्य था..

“ताकि गौरव को लगे की रफीक उसी शेख का बेटा है जो कविता से फार्मूला पाने की कोशिस कर रहा था ,उसे अब भी लगता है के शेख के पास कुछ तो है और वो इसीलिए यंहा आया है ,शायद इसी लिए गौरव ने रफीक को वंहा से उठा लिया ..”

“लेकिन गौरव ऐसा क्यो कर रहा है डॉ ,उसकी ताकत तो तब तक ही है जब तक की उस दवाई का असर रहेगा उसके बाद क्या फिर उसे हराना कोई बड़ी बात नही रह जाएगी ,और ऐसे भी अब उसके फार्मूले के नोट्स भी मेरे पास है “सपना ने सुबह ही सारे नोट्स अपने पास ही रख लिए थे…

सपना की बात पर डॉ थोड़ा हंसा

“तुम्हे लगता है की गौरव ने कुछ नया बनाया है..नही उसने वही पुराना फार्मूला अपने अंदर इंजेक्ट किया लेकिन शायद थोड़े बदलाव के साथ ,कविता ने ये फाइनल फार्मूला बनाया था जो की गौरव के हाथो लगा था,ये पहली बार नही है जब गौरव ने इसे लिया हो वो इसका उपयोग और भी कभी कर चुका है ..”

सभी ने फिर से डॉ को आश्चर्य के साथ देखा

“कब “पूर्वी की आवाज आयी

“वो सब बताने का अभी समय नही है बस इतना समझ लो की गौरव ने ऐसे इंजेक्शन की खान बना कर रखी होगी ,वो आज डॉ पांडे से सिर्फ ये चेक करवाने गया था की इससे उसके शरीर में कोई बेड इफ़ेक्ट तो नही पड़ रहा,और उसे कुछ भी नही हुआ मतलब है की वो अब और भी ज्यादा खतरनाक है ,अभी तक उसे कुछ हो जाने का डर था इसलिए उसने इसे एक बार के अलावा कभी नही लिया था लेकिन ...अब उसे रोकना मुश्किल होगा..वो दानव बन गया है,कुछ भी कर सकता है,कविता फार्मूले की उन्ही कमियों को दूर करने की कोशिस कर रही थी ,वो कितनी सक्सेस हुई ये कोई नही जानता,शायद यही ना जानना ही उसके गायब होने का कारण बना “

डॉ की आंखों में भी थोड़े आंसू आ चुके थे..

और उसकी बात सुनकर पूर्वी रो पड़ी

“लेकिन मैंने कौन सा पाप किया था या मेरे घर वालो ने ऐसा कौन सा पाप किया था की उसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी,”

पूर्वी जोरो से रोने लगी वही सपना ने उसके कंधे पर अपना हाथ रखा ..

“तुम्हे गौरव ने क्यो चुना ये तो वही जानेगा ……..तुम लोगे के परिवार की गलती ये थी की अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए इन्होंने कविता को सताया,सब कुछ टिक ही चलता लेकिन इसी लिए कविता ने प्रोजेक्ट बंद करके यंहा से जाने का फैसला कर लिया था,तुम्हारे पिता ने तब हम तीनो की ही बेहद बेइज्जती की थी,शायद उन्हें याद भी ना हो क्योकि उस समय हम कुछ भी नही थे,कविता का यू काम अधूरा छोड़ कर जाना गौरव को पसंद नही था,लेकिन कविता ने उससे कहा था की वो फार्मूले को फर्केक्ट बनाने के बहुत ही नजदीक है और उसे कैसे फरफेक्ट बनाया जाए वो उसके दिमाग में है ,लेकिन उसके ऊपर कई तरह के दबाव थे,एक तरफ तुम्हारे पिता और उनके दोस्त तो दूसरी तरफ दुबई का शेख ,शेख ने भी कविता को मिलने बुलाया था पता नही उनके बीच क्या बातचीत ही थी लेकिन …...मेरी कविता तो मुझसे छीन गई ...खैर अभी हमारे पास सबसे बड़ा काम है गौरव को ढूंढना और रफीक को बचाना….”


************

रफीक रस्सी से एक कुर्सी पर बंधा था और कमरे की धीमी रोशनी में वो अपनी आंख को खोलने की कोशिस कर रहा था उसे अंतिम बात यही याद थी की गौरव ने उसे दबोचा था और खिड़की से बाहर छलांग लगा दी थी ,किसी भारी चीज से सर टकराने के कारण वो अपना होश भी खो चुका था..

जैसे ही उसके शरीर में जान आयी उसके ऊपर पूरा बाल्टी पानी उड़ेल दिया गया..

वो चौक कर सचेत हो चुका था,पास ही खड़े गौरव को ऐसे देख रहा था जैसे वो उसकी मौत हो ..

“मुझे यंहा क्यो लाये हो “उसने अपनी पूरी ताकत लगाकर कहा,बदले में गौरव बस पास रखे एक कुर्सी को सरकाते हुए उसके पास पहुच गया..

और उसके सामने ही बैठ गया…

“कविता के बारे में क्या जानता है तू,और तेरे बाप ने तुझे यंहा क्यो भेजा है “

रफीक को मामला समझ आ चुका था गौरव रफीक को शेख का बेटा समझ रहा था..

“तुम्हे गलतफहमी हुई है गौरव मैं कोई शेख का बेटा नही हु “

चटाक

एक जोर का थप्पड़ उसके गालों में पड़ा…

“मैं जानता हु की तू सीधे तरीके से नही बताएगा तुझे टॉर्चर करने के मेरे पास बहुत सारे तरीके है “

गौरव की शैतानी मुस्कान को देखकर रफीक जैसे सख्त जान इंसान भी कांप गया..

“मैं मैं सही कह रहा हु गौरव मैं शेख का बेटा नही हु मैं तो ...मुझे तो डॉ चूतिया ने पैसे देखकर यंहा बुलाया है..”

इस बार गौरव गुस्सा नही हुआ बल्कि कुछ सोच में पड़ गया

“चूतिया ने ??,आखिर क्यो??”

“वो तो मुझे नही पता लेकिन उसने बस जो कहा हमने बस उतना ही किया “

गौरव बहुत देर तक सोचता ही रहा

“ओह तो ये उस साले चूतिया का किया धरा है ,कोई बात नही सब मरेंगे जो भी मेरे रास्ते में आएगा वो सब मरेंगे “

गौरव की बात में एक जुनून था ………

“और पूर्वी ...पूर्वी का क्या “रफीक की आवाज में फिक्र थी ..

“ह्म्म्म पूर्वी मेरी है और वो मेरी ही रहेगी ,चाहे वो डॉ चूतिया कितनी भी कोशिस कर ले वो मेरी पूर्वी को मुझसे नही छीन सकता ,जैसे वो मुझसे मेरी कविता को छिनने की कोशिस की ,लेकिन कविता ….कविता आज भी मेरी है …”

गौरव ने अपनी उंगली एक तरफ उठाई ,रफीक ने उस उंगली का पीछा किया और उसका मुह खुला का खुला रह गया...


josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 32

पुलिस से लेकर इंटेलिजेंस के लोग भी गौरव को ढूंढने की कोशिस में लगे हुए थे,लेकिन उसका निशान कही भी नही मिल रहा था ,सभी बेहद ही परेशान थे ,2 दिन बीत चुके थे…

“गौरव शरीर से ही नही बल्कि दिमाग से भी बेहद ही ताकतवर हो चुका है,वो ऐसी जगह पर छिपा होगा जो हमारी सोच के भी बाहर होगा …”

सपना बहुत ही चिंतित थी

“ह्म्म्म लेकिन वही तो हमे सोचना है की कहा ,मालती कहा है उसे यंहा लेकर लाओ “अचानक ही डॉ बोल उठा …

थोड़ी ही देर में मालती को उन सबके सामने लेकर खड़ा कर दिया गया था..

“मालती मेडम आपसे मुझे बस एक ही सवाल करना है ,ये फ़ोटो आपके पास कहा से आया “

डॉ ने सपना के मोबाइल पर वो फोटो दिखाया जिसे सपना और रोहन ने मालती के घर से खिंचा था…

“ये...ये तो गौरव ने मुझे अपने पास रखने के लिए दिया था ,जब कविता गुम हुई और मेरे और गौरव के बीच रिश्ते बनने लगे तभी ..”

“और वो फार्मूला आपके पास कहा से आये थे..”

डॉ ने फिर से पूछा..

“वो ..वो तो मैंने कविता के नोट्स से चुराए थे,लेकिन वो इतने अजीब थे की मैं उनमे आगे कोई भी काम नही कर पाई …”

“ह्म्म्म लेकिन आपको पता है की ये फोटो आखिर गौरव के पास कहा से आयी “

“आई डोंट नो...बस मुझे उसने इतना बताया था की इन्ही लोगो के कारण ही कविता ने अपनी रिसर्च बन्द कर दी ,और वो इनसे बदला लेना चाहता है ,शायद जिस फोटोग्राफर ने ये फोटो निकाली थी गौरव ने उससे ही ये फोटो ली थी ,”

“हा ये हो सकता है क्योकी ये फोटो गोवा के ही एक फोटोग्राफर ने निकाली थी ,शायद उसके पास और भी कॉपी रही हो “कपूर साहब बोल पड़े …

सभी अपने अपने तरीके से चीजो को सोचने की कोशिस कर रहे थे..तभी पूर्वी बोल उठी

“मालती मेडम सच सच बताइए की आखिर गौरव ने मुझसे शादी क्यो की “

मालती चुप रही फिर कुछ सोचकर बोली

“मुझे नई पता लेकिन वो तुमसे प्यार करता था ,मुझे तो बस यही लगा ..”

मालती की बात सुनकर पूर्वी ने डॉ की तरफ देखा ,वो भी खमोश था...फिर डॉ कपूर साहब की ओर मुड़ा

“कपूर साहब आजकल उस बंगले में कौन रहता है ..”

“वो तो सालों से बंद है …”

“क्यो??”

“कुछ लोग कहते है की यंहा कोई भूत है,और वंहा से किसी चुड़ैल की हँसने और रोने की आवाज आती है ,मैं इन सब चीजो में नही मानता लेकिन वंहा रहना कोई पसंद नही करता,देख रेख करने वाले भी शाम होने से पहले ही वंहा से चले जाते है “

“क्या वंहा कोई तलघर है ??”

डॉ के सवाल से सभी चौके

“नही क्यो???”कपूर साहब ने जल्दी से जवाब दिया और सभी डॉ को देखने लगे

“हमे जल्द से जल्द गोवा के लिए निकलना होगा,गोवा पुलिस को भी इन्फॉर्म कर दीजिए की उस बंगले के आसपास की सभी गतिविधियों पर नजर रखे,हो ना हो गौरव वही छिपा होगा”

“लेकिन तुम इतने विस्वास से कैसे कह सकते हो ??”कपूर साहब फिर से बोले..

“क्योकि गौरव और कविता दोनों ही एक ही सब्जेक्ट के स्टूडेंटस थे और कविता की हर रिसर्च में गौरव उसकी मदद करता था,एक बार जब आपलोग कविता को धमकाने के बाद वंहा से गए तो कविता ने मुझसे कहा था की इन सालों के पैरों के नीचे अपना काम करूंगी और इन्हें पता भी नही चलेगा ,इस बात पर दोनों ही एक दूसरे को देखकर हँस पड़े थे,मुझे कुछ समझ नही आया तो कविता ने मुझसे कहा था की वो एक प्लान में काम कर रहे है वक्त आने पर तुम्हे बताऊंगी ...वो वक्त तो कभी नही आया लेकिन हो ना हो वो उसी फार्महाउस के तलघर की बात कर रहे थे जिसका पता उसके मालिक को भी नही है ,आखिर उससे सेफ जगह क्या हो सकती है,और फिर कोई भूत या चुड़ैल का वंहा होना मेरे शक को और भी गहरा देता है …”

“मतलब कविता भी वही हो सकती है..”सपना ने अचानक से कहा जिससे डॉ की सांस ही रुक गई

“नही ..अगर वो अभी वंहा होती तो मुझसे जरूर संपर्क करती ,मेरी कविता मुझे यू अकेला नही छोड़ सकती ….”

*************

रफीक आंखे फाड़े सामने के नजारे को देख रहा था,एक आदमजात नंगी औरत अपने बालो को बिखराये हुए उसकी ओर ऐसे बढ़ रही थी जैसे कोई जानवर हो ,उसके बाल ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने उसे बुरी तरह से नोचा हो ,उसके पैरों में बस एक पायल थी और गले में एक काला पट्टा ,रंग दूध सा गोरा था लेकिन पूरे शरीर पर धूल लगे हुए थे,आंखों में काजल फैला हुआ था या उसके आंखों में काले घेरे पड़े थे ये मालूम नही पड़ता था,वो किसी जानवर की तरह अपने दोनों हाथो और घुटनो से चल रही थी ,आकर वो गौरव के पैरों के पास रुक गई और उसके पैरों को जीभ निकाल कर ऐसे चाटने लगी जैसे कोई कुत्ता अपने मालिक के पैरों को चाटता है,गौरव ने उसके बालो पर अपने हाथ फिराये ..

“देख देख मेरी कविता को मुझसे कितना प्यार करती है ,कैसे मेरे लिए इतने सालों से यू ही इन अंधेरे कमरे में जानवरो की तरह रह रही है “

कविता की ये हालत देख कर रफीक कांप ही गया,कविता के जिस्म में बस हड्डियां ही दिख रही थी,यंहा वहां बस चोटों के निशान थे वो कुछ भी नही बोल रही थी बस गौरव के पैरों को चाटे जा रही थी …

गौरव ने उसके गले में लगे हुए पट्टे को अपने हाथो से पकड़ा और उसे अपनी ओर खिंच लिया,अब गौरव का हाथ कविता के पिछवाड़े को सहला रहा था,कविता अब भी गौरव के पैरों को चाट रही थी …

“देख देख इसे….. पूर्वी को भी इसीतरह मैं अपनी बनाकर रखूंगा …”

गौरव के चहरे का भाव अचानक से ही दानवों जैसा हो गया और वो कविता के पीठ पर अपने जीभ को चलाने लगा,उसने कविता को उठाकर अपने गोद में उसे झुका लिया था,अब कविता के घुटने जमीन पर थे और उसके पेट गौरव की गोद में वही उसका सर दूसरी तरफ झुका हुआ था,गौरव उसपर झुककर उसे चाट रहा था कभी कभी उसका मुह कविता के कूल्हों तक भी पहुच जाता,उसने कविता के कूल्हों पर अपने दांत गड़ा दिए..

इधर रफीक पूर्वी की बात सुनकर गुस्से से भर चुका था

“कमीने क्या किया है तूने इसके साथ ….”

रफीक चिल्लाया ,और गौरव के चहरे का भाव भी बदलने लगा

“जिसे मैं प्यार करता हु उसे मैं हर हाल में पा के रहता हु…...हा हा हा…”

गौरव की दैत्याकार हंसी से पूरा कमरा गूंज गया वही कविता की ये हालत देख और पूर्वी के बारे में सोचकर बेरहम और धूर्त रफीक के आंखों से भी आंसू छलक गए ……


josef
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Re: प्यार था या धोखा

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अध्याय 32

पुलिस से लेकर इंटेलिजेंस के लोग भी गौरव को ढूंढने की कोशिस में लगे हुए थे,लेकिन उसका निशान कही भी नही मिल रहा था ,सभी बेहद ही परेशान थे ,2 दिन बीत चुके थे…

“गौरव शरीर से ही नही बल्कि दिमाग से भी बेहद ही ताकतवर हो चुका है,वो ऐसी जगह पर छिपा होगा जो हमारी सोच के भी बाहर होगा …”

सपना बहुत ही चिंतित थी

“ह्म्म्म लेकिन वही तो हमे सोचना है की कहा ,मालती कहा है उसे यंहा लेकर लाओ “अचानक ही डॉ बोल उठा …

थोड़ी ही देर में मालती को उन सबके सामने लेकर खड़ा कर दिया गया था..

“मालती मेडम आपसे मुझे बस एक ही सवाल करना है ,ये फ़ोटो आपके पास कहा से आया “

डॉ ने सपना के मोबाइल पर वो फोटो दिखाया जिसे सपना और रोहन ने मालती के घर से खिंचा था…

“ये...ये तो गौरव ने मुझे अपने पास रखने के लिए दिया था ,जब कविता गुम हुई और मेरे और गौरव के बीच रिश्ते बनने लगे तभी ..”

“और वो फार्मूला आपके पास कहा से आये थे..”

डॉ ने फिर से पूछा..

“वो ..वो तो मैंने कविता के नोट्स से चुराए थे,लेकिन वो इतने अजीब थे की मैं उनमे आगे कोई भी काम नही कर पाई …”

“ह्म्म्म लेकिन आपको पता है की ये फोटो आखिर गौरव के पास कहा से आयी “

“आई डोंट नो...बस मुझे उसने इतना बताया था की इन्ही लोगो के कारण ही कविता ने अपनी रिसर्च बन्द कर दी ,और वो इनसे बदला लेना चाहता है ,शायद जिस फोटोग्राफर ने ये फोटो निकाली थी गौरव ने उससे ही ये फोटो ली थी ,”

“हा ये हो सकता है क्योकी ये फोटो गोवा के ही एक फोटोग्राफर ने निकाली थी ,शायद उसके पास और भी कॉपी रही हो “कपूर साहब बोल पड़े …

सभी अपने अपने तरीके से चीजो को सोचने की कोशिस कर रहे थे..तभी पूर्वी बोल उठी

“मालती मेडम सच सच बताइए की आखिर गौरव ने मुझसे शादी क्यो की “

मालती चुप रही फिर कुछ सोचकर बोली

“मुझे नई पता लेकिन वो तुमसे प्यार करता था ,मुझे तो बस यही लगा ..”

मालती की बात सुनकर पूर्वी ने डॉ की तरफ देखा ,वो भी खमोश था...फिर डॉ कपूर साहब की ओर मुड़ा

“कपूर साहब आजकल उस बंगले में कौन रहता है ..”

“वो तो सालों से बंद है …”

“क्यो??”

“कुछ लोग कहते है की यंहा कोई भूत है,और वंहा से किसी चुड़ैल की हँसने और रोने की आवाज आती है ,मैं इन सब चीजो में नही मानता लेकिन वंहा रहना कोई पसंद नही करता,देख रेख करने वाले भी शाम होने से पहले ही वंहा से चले जाते है “

“क्या वंहा कोई तलघर है ??”

डॉ के सवाल से सभी चौके

“नही क्यो???”कपूर साहब ने जल्दी से जवाब दिया और सभी डॉ को देखने लगे

“हमे जल्द से जल्द गोवा के लिए निकलना होगा,गोवा पुलिस को भी इन्फॉर्म कर दीजिए की उस बंगले के आसपास की सभी गतिविधियों पर नजर रखे,हो ना हो गौरव वही छिपा होगा”

“लेकिन तुम इतने विस्वास से कैसे कह सकते हो ??”कपूर साहब फिर से बोले..

“क्योकि गौरव और कविता दोनों ही एक ही सब्जेक्ट के स्टूडेंटस थे और कविता की हर रिसर्च में गौरव उसकी मदद करता था,एक बार जब आपलोग कविता को धमकाने के बाद वंहा से गए तो कविता ने मुझसे कहा था की इन सालों के पैरों के नीचे अपना काम करूंगी और इन्हें पता भी नही चलेगा ,इस बात पर दोनों ही एक दूसरे को देखकर हँस पड़े थे,मुझे कुछ समझ नही आया तो कविता ने मुझसे कहा था की वो एक प्लान में काम कर रहे है वक्त आने पर तुम्हे बताऊंगी ...वो वक्त तो कभी नही आया लेकिन हो ना हो वो उसी फार्महाउस के तलघर की बात कर रहे थे जिसका पता उसके मालिक को भी नही है ,आखिर उससे सेफ जगह क्या हो सकती है,और फिर कोई भूत या चुड़ैल का वंहा होना मेरे शक को और भी गहरा देता है …”

“मतलब कविता भी वही हो सकती है..”सपना ने अचानक से कहा जिससे डॉ की सांस ही रुक गई

“नही ..अगर वो अभी वंहा होती तो मुझसे जरूर संपर्क करती ,मेरी कविता मुझे यू अकेला नही छोड़ सकती ….”

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रफीक आंखे फाड़े सामने के नजारे को देख रहा था,एक आदमजात नंगी औरत अपने बालो को बिखराये हुए उसकी ओर ऐसे बढ़ रही थी जैसे कोई जानवर हो ,उसके बाल ऐसे लग रहे थे जैसे किसी ने उसे बुरी तरह से नोचा हो ,उसके पैरों में बस एक पायल थी और गले में एक काला पट्टा ,रंग दूध सा गोरा था लेकिन पूरे शरीर पर धूल लगे हुए थे,आंखों में काजल फैला हुआ था या उसके आंखों में काले घेरे पड़े थे ये मालूम नही पड़ता था,वो किसी जानवर की तरह अपने दोनों हाथो और घुटनो से चल रही थी ,आकर वो गौरव के पैरों के पास रुक गई और उसके पैरों को जीभ निकाल कर ऐसे चाटने लगी जैसे कोई कुत्ता अपने मालिक के पैरों को चाटता है,गौरव ने उसके बालो पर अपने हाथ फिराये ..

“देख देख मेरी कविता को मुझसे कितना प्यार करती है ,कैसे मेरे लिए इतने सालों से यू ही इन अंधेरे कमरे में जानवरो की तरह रह रही है “

कविता की ये हालत देख कर रफीक कांप ही गया,कविता के जिस्म में बस हड्डियां ही दिख रही थी,यंहा वहां बस चोटों के निशान थे वो कुछ भी नही बोल रही थी बस गौरव के पैरों को चाटे जा रही थी …

गौरव ने उसके गले में लगे हुए पट्टे को अपने हाथो से पकड़ा और उसे अपनी ओर खिंच लिया,अब गौरव का हाथ कविता के पिछवाड़े को सहला रहा था,कविता अब भी गौरव के पैरों को चाट रही थी …

“देख देख इसे….. पूर्वी को भी इसीतरह मैं अपनी बनाकर रखूंगा …”

गौरव के चहरे का भाव अचानक से ही दानवों जैसा हो गया और वो कविता के पीठ पर अपने जीभ को चलाने लगा,उसने कविता को उठाकर अपने गोद में उसे झुका लिया था,अब कविता के घुटने जमीन पर थे और उसके पेट गौरव की गोद में वही उसका सर दूसरी तरफ झुका हुआ था,गौरव उसपर झुककर उसे चाट रहा था कभी कभी उसका मुह कविता के कूल्हों तक भी पहुच जाता,उसने कविता के कूल्हों पर अपने दांत गड़ा दिए..

इधर रफीक पूर्वी की बात सुनकर गुस्से से भर चुका था

“कमीने क्या किया है तूने इसके साथ ….”

रफीक चिल्लाया ,और गौरव के चहरे का भाव भी बदलने लगा

“जिसे मैं प्यार करता हु उसे मैं हर हाल में पा के रहता हु…...हा हा हा…”

गौरव की दैत्याकार हंसी से पूरा कमरा गूंज गया वही कविता की ये हालत देख और पूर्वी के बारे में सोचकर बेरहम और धूर्त रफीक के आंखों से भी आंसू छलक गए ……


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naik
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Re: प्यार था या धोखा

Post by naik »

(#%j&((7) (^^^-1$i7)

fantastic update brother keep posting


waiting for the next update 😋
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