Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
waiting for the next apdate
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
माला की जाँघो को चूमने के बाद मैने माला की पैंटी को निकाल दिया
मुझे यकीन नही हुआ माला की चूत पे एक भी बाल नही था
मैने माला की चूत की फांको को खोलके देखा छेद बहुत छोटा था
फिर मैं माला की चूत पे अपना मुँह रखके चूसने लगा
माला- दिलीप वहाँ मत चुसिये प्लीज़
दिलीप- क्यूँ
माला- वो गंदा है
दिलीप- तू तो कह रही थी तुझे सब पता है
माला- मैं नही चाहती आप वहाँ पे चूसो
दिलीप- चुप रह और मुझे अपना काम करने दे
[मैं वापस माला की चूत चूसने लगा,कुछ देर बाद माला अपना हाथ मेरे सर पे रखके दबाने लगी
कितना नाटक करती हैं यह लड़किया
मैं माला की चूत के दाने को अपने होंठो मे भरके चूस रहा था
माला आअहे भरते हुए मेरा सर अपनी चूत पे दबा रही थी
कुछ ही देर में माला की आअहे तेज़ हो गयी
मैं समझ गया माला झड़ने वाली है
मैं और तेज़ी से माला की चूत चूसने लगा,और माला झड़ने लगी
माला अपनी आँख बंद किए अपनी साँसें काबू कर रही थी
फिर मैने अपनी शर्ट और पॅंट उतार दिया और साथ में अंडरवेर उतारके नंगा हो गया
मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था,और काफ़ी दर्द भी कर रहा था
फिर मैं रूम से बाहर आया और किचन में जाके तेल ढूँढने लगा,तेल एक कटोरी में डालके वापस रूम में आया,माला मुझे देखके बुत बन गयी
मैं उसके पास पहुँचा और उसे हिलाया
वो होश में आई
माला- यह क्या है
दिलीप- नाटक मत कर पहले भी देख चुकी है
माला- पहले छोटा था
दिलीप- दूर से देखी थी इसी लिए
अब इसे प्यार कर
[माला शरमाते हुए मेरे लंड को सहलाने लगी
फिर माला मेरे लंड की चमड़ी को पीछे करके मेरे लंड के सुपाडे को देखने लगी
मैने माला का दूसरा हाथ पकड़के अपने बॉल्स पे रख दिया,वो मेरे लंड के साथ मेरे बॉल्स को भी सहलाने लगी
दिलीप- अब मुँह में ले बहुत दर्द कर रहा है
माला- इसमें दर्द थोड़े ही ना होता है....
दिलीप- इस में दर्द होता है या नही,इसका ज्ञान बाद में लेना,अभी मुँह में ले या फिर ऐसे ही शुरू हो जाऊ
[माला शरमा गयी,और मेरे लंड के टोपे को चूम ली
कुछ देर तक टोपे को चूमने के बाद माला अपना मुँह खोली,और अपनी ज़ुबान बाहर निकालके मेरे पूरे लंड को चाटने लगी
फिर वो मेरे लंड को अपने मुँह भरके चूसने लगी
कुछ देर बाद वो मेरा आधा लंड अपने मुँह में लेके चूसने लगी
फिर मैने उसके मुँह से अपना लंड निकाला
और उसके सर को पकड़ा
वो थोड़ी घबरा गयी
दिलीप- डर क्यूँ रही हो अपना पूरा मुँह खोलो
[माला अपना पूरा मुँह खोली,मैं अपने आधे लंड को उसके मुँह डालके आगे पीछे करने लगा
मैं एक दम आराम से माला के मुँह में अपना लंड आगे पीछे कर रहा था,फिर माला अपने आप मेरे लंड को चूसने लगी
जब माला मेरा लंड चुस्के थक गयी,फिर मैं उसे बेड पे लिटाया
और ढेर सारा तेल उसकी चूत पे डालके उसकी चूत सहलाने लगा
मुझे यकीन नही हुआ माला की चूत पे एक भी बाल नही था
मैने माला की चूत की फांको को खोलके देखा छेद बहुत छोटा था
फिर मैं माला की चूत पे अपना मुँह रखके चूसने लगा
माला- दिलीप वहाँ मत चुसिये प्लीज़
दिलीप- क्यूँ
माला- वो गंदा है
दिलीप- तू तो कह रही थी तुझे सब पता है
माला- मैं नही चाहती आप वहाँ पे चूसो
दिलीप- चुप रह और मुझे अपना काम करने दे
[मैं वापस माला की चूत चूसने लगा,कुछ देर बाद माला अपना हाथ मेरे सर पे रखके दबाने लगी
कितना नाटक करती हैं यह लड़किया
मैं माला की चूत के दाने को अपने होंठो मे भरके चूस रहा था
माला आअहे भरते हुए मेरा सर अपनी चूत पे दबा रही थी
कुछ ही देर में माला की आअहे तेज़ हो गयी
मैं समझ गया माला झड़ने वाली है
मैं और तेज़ी से माला की चूत चूसने लगा,और माला झड़ने लगी
माला अपनी आँख बंद किए अपनी साँसें काबू कर रही थी
फिर मैने अपनी शर्ट और पॅंट उतार दिया और साथ में अंडरवेर उतारके नंगा हो गया
मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था,और काफ़ी दर्द भी कर रहा था
फिर मैं रूम से बाहर आया और किचन में जाके तेल ढूँढने लगा,तेल एक कटोरी में डालके वापस रूम में आया,माला मुझे देखके बुत बन गयी
मैं उसके पास पहुँचा और उसे हिलाया
वो होश में आई
माला- यह क्या है
दिलीप- नाटक मत कर पहले भी देख चुकी है
माला- पहले छोटा था
दिलीप- दूर से देखी थी इसी लिए
अब इसे प्यार कर
[माला शरमाते हुए मेरे लंड को सहलाने लगी
फिर माला मेरे लंड की चमड़ी को पीछे करके मेरे लंड के सुपाडे को देखने लगी
मैने माला का दूसरा हाथ पकड़के अपने बॉल्स पे रख दिया,वो मेरे लंड के साथ मेरे बॉल्स को भी सहलाने लगी
दिलीप- अब मुँह में ले बहुत दर्द कर रहा है
माला- इसमें दर्द थोड़े ही ना होता है....
दिलीप- इस में दर्द होता है या नही,इसका ज्ञान बाद में लेना,अभी मुँह में ले या फिर ऐसे ही शुरू हो जाऊ
[माला शरमा गयी,और मेरे लंड के टोपे को चूम ली
कुछ देर तक टोपे को चूमने के बाद माला अपना मुँह खोली,और अपनी ज़ुबान बाहर निकालके मेरे पूरे लंड को चाटने लगी
फिर वो मेरे लंड को अपने मुँह भरके चूसने लगी
कुछ देर बाद वो मेरा आधा लंड अपने मुँह में लेके चूसने लगी
फिर मैने उसके मुँह से अपना लंड निकाला
और उसके सर को पकड़ा
वो थोड़ी घबरा गयी
दिलीप- डर क्यूँ रही हो अपना पूरा मुँह खोलो
[माला अपना पूरा मुँह खोली,मैं अपने आधे लंड को उसके मुँह डालके आगे पीछे करने लगा
मैं एक दम आराम से माला के मुँह में अपना लंड आगे पीछे कर रहा था,फिर माला अपने आप मेरे लंड को चूसने लगी
जब माला मेरा लंड चुस्के थक गयी,फिर मैं उसे बेड पे लिटाया
और ढेर सारा तेल उसकी चूत पे डालके उसकी चूत सहलाने लगा
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
थोड़ा सा तेल अपने लंड पे लगाया,और माला को इशारा किया,माला मेरे लंड को मुठियाने लगी
कुछ देर बाद माला की चूत पूरी तरह से चिकनी हो गयी
फिर मैं माला की टाँगो के बीच आया,और माला की चूत पे अपना लंड सेट किया
माला थोड़ा डर रही थी
मैं माला के होंठो पे अपने होंठ रखा,और माला की चूत में अपना लंड डालने के लिए दबाव डाला पर कोई फायदा नही हुआ,मैं माला के होंठो पे अपने होंठ रखके अपने लंड को पकड़ा और धक्का मारा,मेरे लंड का सुपाड़ा माला की चूत में चला गया,माला दर्द से तड़पने लगी,मैं माला
के होंठ चूस्ते हुए उसके बूब्स दबाने लगा,कुछ देर बाद वो शांत हुई
अब वक़्त था माला को थोड़ा और दर्द देने का,मैने एक और धक्का मारा,मेरा आधा लंड माला की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया,माला की
चूत से खून बहने लगा,माला रोने लगी,मैं लगातार उसके होंठ चूसने लगा
साथ ही उसके बूब्स दबाने लगा
थोड़ी देर बाद मैने आधे लंड को ही धीरे-धीरे आगे पीछे करना सुरू किया ओर माला दर्द से सिसकने लगी..
माला-दिलीप¡*आहह..दर्द हो रहा¡*आहह¡¯¡¯
दिलीप- बस माला..थोड़ा रूको..सब ठीक होगा¡*
कुछ देर बाद माला की चूत पूरी तरह से चिकनी हो गयी
फिर मैं माला की टाँगो के बीच आया,और माला की चूत पे अपना लंड सेट किया
माला थोड़ा डर रही थी
मैं माला के होंठो पे अपने होंठ रखा,और माला की चूत में अपना लंड डालने के लिए दबाव डाला पर कोई फायदा नही हुआ,मैं माला के होंठो पे अपने होंठ रखके अपने लंड को पकड़ा और धक्का मारा,मेरे लंड का सुपाड़ा माला की चूत में चला गया,माला दर्द से तड़पने लगी,मैं माला
के होंठ चूस्ते हुए उसके बूब्स दबाने लगा,कुछ देर बाद वो शांत हुई
अब वक़्त था माला को थोड़ा और दर्द देने का,मैने एक और धक्का मारा,मेरा आधा लंड माला की सील तोड़ता हुआ अंदर चला गया,माला की
चूत से खून बहने लगा,माला रोने लगी,मैं लगातार उसके होंठ चूसने लगा
साथ ही उसके बूब्स दबाने लगा
थोड़ी देर बाद मैने आधे लंड को ही धीरे-धीरे आगे पीछे करना सुरू किया ओर माला दर्द से सिसकने लगी..
माला-दिलीप¡*आहह..दर्द हो रहा¡*आहह¡¯¡¯
दिलीप- बस माला..थोड़ा रूको..सब ठीक होगा¡*
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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