Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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josef
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Adultery बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी

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बुरी फसी नौकरानी लक्ष्मी


यह कथा सम्पूर्ण काल्पनिक है।

कहानी के मुख्य पात्र

1. विक्की- 18 अभी 12वी क्लास और IIT परीक्षा पूर्ण कर छुट्टियों में घर
2. सनी- 18 विक्की की तरह छुट्टी में घर पर
3. लक्ष्मी- 22 विक्की और सनी के घर झाडू-पोछा लगाना, बरतन धोना और खाना बनाने का काम करती है।
4. पवन- 45 विक्की के पिता, अपने दोस्त के साथ अपनी कंपनी चलाते हैं।
5. समीरा- 43 विक्की की मां, पहले पती के साथ काम करती थी पर अब अपनी एजेंसी चलाती हैं।
6. अश्वेत- 45 सनी के पिता और पवन के दोस्त, कंपनी में साझेदार।
7. श्वेता- 42 सनी की मां और एजेंसी में समीरा की साझेदार।
8. पप्पू- 25 लक्ष्मी का पति, शराबी और जुआरी, लक्ष्मी को रोज़ परेशान करने के सिवा इसके पास होई काम होने का पता नही।
josef
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विक्की
रोज़ की तरह सुबह 8 बजे घरके सारे बड़े अपने अपने काम से चले गए और मैं बोर हो रहा था। 9th क्लास से सुबह 6 बजे उठने की आदत अब सोने नही दे रही थी। सनी को भी यही तकलीफ थी और उसने मुझे अपने कमरे में बुलाया। मैं झटसे टी शर्ट पहनकर उपरी मंजिल पर सनी के घर पहुंचा। सनी ने दिखाया कि किस तरह उसने 6 बजे उठकर कंप्यूटर spyware बनाया और मुझे ईमेल से भेजा। अब सनी मेरे pc का वेबकॅम on कर सकता था। हम ने थोड़ी देर वेबकॅम से मेरा कमरा देखा तभी वहां लक्ष्मी आंटी आयी। वैसे तो कभी हमने इसकी तरफ देखा नही था पर आज हम इसे घूरने लगे।

लक्ष्मी पास ही की बस्ती में रहती थी। मेरे और सनी के घर काम कर अपना घर चलाती थी। हालांकि लक्ष्मी सिर्फ 22-23 की होगी हम उस आंटी बुलाते थे। लक्ष्मी आंटी ने सलवार कमीज़ पहनी थी और अपना दुपट्टा कमर पर बांध कर मेरे कमरे की साफ सफाई करने लगी। मेरा बेड ठीक करने जब वह बेड पर चढ़ी तो उसकी भरी हुई गोरी चूचियां कमीज़ के गले में से हमें साफ नजर आयी। उसके मुड़ते ही उसकी भरी गोल गदराई गंड के भी दर्शन करने को मिले। सब सामान सही करके लक्ष्मी चली गई और हम दोनों ने एक दूरे की तरफ देखा। दोनों के हाथ अपने खड़े लंड को छुपा रहे थे। एक दूसरे की तरफ देख कर हम हंस पड़े और लक्ष्मी का यह दर्शन कर हम उसके साथ क्या क्या करना चाहेंगे इसकी कल्पना करने लगे।

खैर आगे क्या होना था? हम online जाकर maid sex videos को देखने लगे। 2 घंटे बाद पूरी तरह उत्तेजित में अपने कमरे में लौटा। लक्ष्मी हमारे घर का काम पूरा कर उपर सनी के घर जा रही थी। मैं उस के बारे में गंदे विचार करने की वजह से उस से नजर नहीं मिला पाया, लेकिन पीछे से फिर भी उसे ताड़ता रहा। अपने कमरे में मैंने देखा की मेरा वाइलेट आज टेबल पर ही मै भुला रखा। अंदर देखा तो पता चला कि अंदर से 500 की नोट गायब है। मुझे होई खर्च होता नहीं फिर भी मै 500 हमेशा वाइलेट में रखता हूं। मन में एक सवाल उठा तो मैंने सनी को वेबकॅम रेकॉर्डिंग देखने को कहा।

लक्ष्मी सनी के घर साफ सफाई कर रही थी और उसे अभी कहीं और जाने को नहीं मिला था। सनी ने तुरंत footage देखा और पाया कि जब हम maid videos देख रहे थे तब लक्ष्मी ने वापस मेरे कमरे में आकर मेरा वाइलेट साफ किया था।

हमने बात की और सोचा कि आज इसे जाने देते हैं। अगर इसने शाम तक पैसे लौटा दिए तो हम जानते थे की हमारे मम्मी पापा कुछ नहीं बोलेंगे। लक्ष्मी दोनों घर के काम करके, खाना पकाके अपने घर चली गई और हम दो शैतान अपने प्लान बनाने लगे।
josef
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सनी

शाम तक मैं और विक्की अलग अलग प्लान बनाकर बदल रहे थे। असल बात तो यह थी कि पिछले 4 सालों में हम दोनों पधाई में ऐसे मशगूल थे कि हमने कभी यारी दोस्ती नहीं की। हमें डर था कि अगर हम कॉलेज पहुंचे तो गर्लफ्रेंड के मामले में पक्के अनाड़ी साबित होंगे। साथही में अगर थोड़ा भी अनुभव मिले तो क्यों ना लें?

शाम 7 बजे हमारे पापा वापस आए तो हमने उनसे पूछा कि हम कुछ दिन फार्महाउस जाएं। घर पर हम bore होते हैं। परसो शुक्रवार शाम को जा कर सोमवार सुबह तक लौटेंगे। पापा ने पूछा कि तुम दोनों कैसे जाओगे तो मैंने कहा की हम बाइक चलाके जायेंगे। पापा ने हसकर कहा की थोड़ी देर में बताता हूं।

पापा ने पवन अंकल से बात की और कहा की तुम दोनों बाईक पर नहीं कार लेकर जाओ। और 3 रात रहोगे तो खाने पीने का इंतेज़ाम हम कर रहे हैं। मुझे पता था की इंतजाम क्या होना था।

गुरुवार सुबह 9 बजे जब लक्ष्मी आंटी विक्की के घर पहंची तो विक्की वापस मेरे कमरे में आया। आज हम लक्ष्मी को नहीं अपने शिकार को घुर रहे थे। आज लक्ष्मी आंटी ने हरे रंग का कुर्ता और लाल सलवार पेहनी थी। कल की ही तरह विक्की आज भी सब बाहर छोड़ आया था। लक्ष्मी आंटी ने पहले बेड पर चढ कर उसे ठीक किया और फिर सामान जगह पर रखने लगी। आज विक्की के वाइलेट में 4000 रूपए थे। लक्ष्मी आंटी ने झट से 1 नोट खींच ली और अपनी कमीज़ में छुपा ली। हम भी इसी का इंतजार कर रहे थे। हम दोनों विक्की के कमरे में गए और विक्की अपना वाइलेट ढूंढ़ने का नाटक करने लगा।

विक्की-“अरे सनी मैं तुझे बता रहा हूं मैंने अभी 4000 यहां रखे थे।”

“तो अब 500 कम कैसे हो गए? कल भी तो तेरे 500 गायब हो गए थे ना?”

मैंने देखा लक्ष्मी आंटी दबे पांव बाहर खड़ी हमारी बातें सुन रही थी।

सनी-“पता नहीं यार। ये क्या हो रहा है।”

“तो चल किसी ऐसे को पूछते हैं जिसको पता हो कि यहां पर क्या हो रहा है।”

मैं बाहर झपटा और लक्ष्मी आंटी को पकड़ कर उसे कमरे में खींच लाया। लक्ष्मी आंटी ने उसे ऐसे पकड़ने के लिए हमें डांटने की कोशिश की।

मैंने कहा “देखो आंटी आपके सिवा कोई और इस घर में नहीं आया और लगातार 2 दिन पैसे गायब हो रहे हैं। आपके पास 2 रास्ते हैं, या तो हम आपकी तलाशी लेंगे या फिर हम पुलिस को बुलाएं और वोह आपकी तलाशी ले।”

लक्ष्मी आंटी रोने लगी और हाथ जोड़कर बोली कि पुलिस को न बुलाएं, वह बेकसूर है। पर अब मै और विक्की उसका पुलिस का डर भांप चुके थे। हमने कड़ी आवाज में कहा कि अब वह चुप चाप हमें तलाशी लेने दे। क्योंकि चोरी दोनों बार विक्की के पास हुई थी तो विक्की का हक ज्यादा बनता था।

मैं लक्ष्मी आंटी के पीछे खड़ा हो गया और उसके हाथ पकड़ कर शरीर से दूर कर दिए। विक्की ने पहले जेब ढूंढ़ने का नाटक किया और जेब ना मिलने पर लक्ष्मी आंटी के सिनेपर हाथ घुमाने लगा।

मैंने विक्की से कहा, “अरे यार, कभी हिंदी फिल्म नहीं देखी? औरतों की पैसे रखने की जगह अलग होती है।”
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josef
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विक्की

अब तक सब प्लान के मुताबिक हो रहा था पर अब सहना मुश्किल हो रहा था। मैंने लक्ष्मी आंटी के कंधों को दबाकर उसे घुटनों पर बिठा दिया। फिर अपना हाथ कमीज़ के गले के अंदर डाला। लक्ष्मी आंटी सिसकियां भरने लगी और सर हिलाकर मना कर रही थी।

दोनों गरम रसीले गुब्बारों के बीच मैंने अच्छे से हाथ घुमाया और दबा दबा कर टटोला।

“अरे सनी, यहां बीच में तो कुछ भी नहीं मिला।”

सनी-“विक्की तू ना पक्का अनाड़ी है। देख सिर्फ बीच में नहीं, हर तरफ देखना पड़ेगा। तू तेरे राइट वाला ले मै मेरे राइट वाला लेता हूं।”

अब लक्ष्मी आंटी रोने लगी। हाथ जोड़ कर माफी मांगने लगी।

लक्ष्मी-“नहीं, छोड़ दो मुझे। मैंने मज़बूरी में पैसे लिए थे। मैं लौटा देती हूं पर मुझे अब जाने दो।”

मै और सनी तस से मस नहीं हुए और दोनों ने उसके मम्मे दबाने शुरू कर दिया। मेरी उंगलियों को कुछ लगा, वह एक 500 की नोट थी। मैंने उसे निकाल कर लक्ष्मी आंटी और सनी को दिखाया।

“देखो चोरी पकड़ी गई। अब मै मम्मी पापा को फोन कर सब बताता हूं और पुलिस को भी बुलाता हूं। अब से ये किसी घर में चोरी नहीं कर पाएगी।”

लक्ष्मी आंटी ने मेरे पैर पकड़ लिए। बोली कि मै ऐसे ना करूं। पुलिस उसे कहीं का ना छोड़ेंगे और नौकरी गई तो वो बरबाद हो जाएगी। लक्ष्मी आंटी ने कहा कि वो कुछ भी करेगी अगर हम उसे बचा लें।

सनी-“विक्की तुम इसकी बातों में नहीं आना। पता नहीं और क्या क्या चोरी कर चुकी है। सीधे पुलिस को बुलाते हैं।”

“सनी, गरीब औरत ने मज़बूरी में उठा लिया तो इसकी इतनी बड़ी सजा? तूने तो न्यूज़ में पढ़ा ना किस तरह पुलिस पूछताछ के दौरान जवान औरतों को इस्तमाल करते हैं और साथ में उनसे धंदा भी करवाते हैं। 4 साल से हमारे यहां काम कर रही है। कुछ तो सोचना पड़ेगा।”

सनी- “तू इस चोरनी पर भरोसा करेगा? कल भी तेरे पैसे गायब थे, क्या पता और क्या क्या छुपा कर ल जा रही है?”

“बात तो तेरी भी सही है। अभी तलाशी पूरी नहीं हुई है।
देखो आंटी, अगर तुम हमें तलाशी लेने दो और बाद में हम जो सजा दे वोह करो तो हम ये बात राझ रखेंगे। पर अगर अभी तुमने हमें रोका या सजा लेने में कुछ नखरे किए तो हम ये सारी बातें सब को बता देंगे। बोलो मंजूर है?”

लक्ष्मी आंटी ने सर हिलाकर हां कर दी और हम दोनों ने एक शैतानी मुस्कुराहट दी। पहले हम ने लक्ष्मी आंटी को खड़ा किया और फिर उसकी कमीज़ उतारी। लक्ष्मी आंटी ने रोते हुए हमे कोई रोक टोक नहीं किया। इस बात से खुश होकर सनी ने फिर से उसके हाथ शरीर से दूर रखने को कहा। लक्ष्मी आंटी ने स्किन कलर जैसी कॉटन ब्रा पहनी थी जिसमें से उसकी गोरी चुचियाँ उभर कर सामने आ रही थी। लक्ष्मी की बगल के बाल थे जो कि पसीने से भीग गए थे। लक्ष्मी आंटी का पेट सुडौल था और बिलकुल कसा हुआ था। आंटी की नाभि पर सलवार कि गांठ बंधी हुई थी। हम दोनों ने अच्छे से हाथ घुमाकर लक्ष्मी आंटी को टटोला और मज़े लिए। सनी ने सलवार का नाड़ा खींच लिया और लक्ष्मी आंटी ने झटसे अपनी सलवार पकड़ ली।

लक्ष्मी-“ये गलत काम है। मै पतिव्रता हूं। तुमने मुझे सजा दी सो मैंने ली। अब मुझे जाने दो।”

“आंटी अभी तो सिर्फ तलाशी ले रहे हैं। अगर फिर से हमें रोका तो सीधे पुलिस को बुला लेंगे। तेरी ब्रा में हमें 500 मिले हैं, न जाने और कितने तूने कहां छुपा रखे हैं।”

ऐसा कहते हुए मैंने लक्ष्मी आंटी को धक्का दिया और वो बेड पर गिर गई। सनी ने उसके हाथ पकड़ लिए और मैने उसकी सलवार खींच कर उतार दी। लाल गुलाबी फूलों वाली पिली निक्कर पहन कर लक्ष्मी आंटी बेड पर पड़ी अपने पैर पटख रही थी। मैंने फिर से आंटी को धमकाया तो वह मुंह फर कर रोने लगी। मै और सनी किसी औरत को इस रूप में पहली बार देख रहे थे। दोनों एक दम गरम हो चुके थे। पर हमला करना आज के प्लान में नहीं था।

सनी ने आंटी को पकड़ कर उसे उलटा कर दिया तो, अपनी इज्जत बचने की खुशी में आंटी झट से उलटी हो गई। अफसोस की, बात ऐसी नहीं थी। सनी ने आंटी की पीठ के दोनो तरफ अपने घुटने टेक दिए और लक्ष्मी आंटी को पकड़ लिया। अब सनी ने आराम से लक्ष्मी आंटी की ब्रा खोलते हुए उसकी पीठ पर हाथ फेरे। इसी दौरान मै भी बेड पर चढ गया और लक्ष्मी आंटी के पैरों के बीच बैठ गया। लक्ष्मी आंटी चाह कर भी सनी को रोक नहीं पा रही थी और मैंने उनकी पैंटी को कमर से पकड़ लिया।

लक्ष्मी आंटी हाथ पांव मार रही थी पर अब कोई रास्ता नहीं था। कुछ ही देर में लक्ष्मी आंटी पूरी तरह से नंगी होकर बेड पर पड़ी थी। हमने लक्ष्मी आंटी की ब्रा और पैंटी को छू कर, सूंघ कर तलाशा। लक्ष्मी आंटी उलटी पड़ी रो रही थी कि हम ने उसे पकड़ कर सीधा कर दिया।

लक्ष्मी आंटी ने अपने पैर दबाकर अपनी बची कुची इज्जत बचने की कोशिश की। दोनों पैरों में घने घुंघराले काले बालों का जंगल था जिसमें जवानी का हसीन खजाना दबा पड़ा था।

“सनी, क्या लगता है? अब भी इसने कुछ छुपाया होगा?”

सनी-“पता नहीं यार, अभी भी हमने दो पैरों के बीच में नहीं देखा। देख लें?”

लक्ष्मी आंटी-“ तुम अच्छे लड़के हो। मुझे छोड़ दो। अब तो सब कुछ देख लिया है। मेरे पास मेरा अपना भी कुछ नहीं छोड़ा तुम लोगों ने। अब जाने दो।”

मैंने सनी को इशारा किया और हम दोनों बेड से नीचे उतर आए। मैंने लक्ष्मी आंटी को कपड़े पहन कर बाहर आने को कहा। लक्ष्मी आंटी जब बाहर आई तो हम ने tv पर उसे उसका चोरी वाला विडियो दिखाया। लक्ष्मी आंटी ये सबूत देख कर पूरी तरह टूट गई। वोह समझ चुकी थी कि अब उसका बचना सिर्फ हमारे हाथ में है। मैंने लक्ष्मी आंटी को बताया कि कल शुक्रवार शाम से सोमवार सुबह तक हम दोनों बाहर घूमने जा रहे हैं। लक्ष्मी आंटी को हमारे मम्मी पापा हमारे साथ भेजेंगे तो वह मना नहीं करेगी और अगर उसने कोई चालाकी करने की कोशिश की तो उसकी सजा वोह खुद समझ ले।

लक्ष्मी आंटी ने पूछा कि आप घूमने जाओगे तो मैं क्या करूंगी?

सनी-“ अरे लक्ष्मी आंटी, तुम तो हमारी टीचर हो। आज जो भी नहीं किया वोह सब वहां करोगी, हमें लड़कों से मर्द बनाओगी। तुम भी मजे ले कर हमें भी मजे सिखाओ। समझी?”

लक्ष्मी आंटी अपने मुंह पर हाथ पकड़ कर घर से बाहर भाग गई।

हम कल शाम जाने कि तयारी करने में जुट गए और शाम को हमारे मम्मी पापा ने हमें बुला लिया। हमने देखा लक्ष्मी आंटी भी वहां सर नीचे किए खड़ी थी। पापा बोले कि फार्महाउस जाएं तो वहां बाहर कि साफ सफाई करने के लिए लोग हैं पर अंदर की सफाई और खाने के लिए लक्ष्मी आंटी को तुम्हारे साथ भेज रहे हैं। वोह तुम्हारा खयाल रखेगी।

मैंने और सनी ने इस बात का जम के विरोध किया और कहा की हम दोनों अपना खयाल रख सकते हैं। पर हमारे विरोध के साथ पापा का भी फैसला पक्का हुआ और हमें लक्ष्मी आंटी को साथ लेकर चलना पड़ा।

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सनी
आज सुबह से हमें अलग अलग बातें बताई जा रही थी। गाड़ी तेज मत चलाना, ठीक से खाना, वगैरा वगैरा मानो हम फॉर्महाउस नहीं सीधे कॉलेज जा रहे हों। खैर 9 बजे तक सारे बड़े चले गए और हम दो शैतान हमारे शिकार का इंतार करने लगे। 9.15 को एक डरी सहमी लक्ष्मी आंटी ने विक्की के घर दाखिल हुई।

लक्ष्मी आंटी ने निली सलवार के ऊपर पिला कुर्ता पहना था, मानो वह खुद को छुपाना चाहती हो। हमने उसे उसका काम करने दिया। हम बस हमारी पॅकिंग पूरी तरह करते रहे। दोपहर का खाना बनाने के बाद हमने लक्ष्मी आंटी को हमारे साथ बैठ कर खाना खाने को कहा।

खाने की मेज पर लक्ष्मी आंटी 2 शेरों के बीच बैठी बकरी की तरह खा रही थी। जब हमारा खाना खा कर हो गया तो मैंने लक्ष्मी आंटी से पूछा कि उसका पति कैसे राजी हो गया उसे 3 दिन छोड़ने के लिए। लक्ष्मी आंटी ने बताया की पापा ने उसे 4 दिन के अलग 2000 देने का वादा किया है और इसी वजह से उसका पति तयार हो गया है।

मैंने लक्ष्मी आंटी को उसका 3 दिन का bag दिखाने को कहा। उसके bag में 3 जोड़ी कपड़े और साथ में टॉवेल, साबुन, पावडर वगैरह चीजें थी। मैंने आंटी से कहा कि 2 बज रहे हैं और हमें 4 बजे तक निकलना होगा, तो इस देर में वह क्या करना चाहेगी?

लक्ष्मी आंटी समझ नहीं पाई कि अब क्या होगा।

हम लक्ष्मी आंटी को पकड़कर विक्की के कमरे में ले गए। वहां PC पर बुधवार की उसकी चोरी का वीडियो था, उसके बाद गुरुवार की चोरी का वीडियो चला और आखिर में कल की तलाशी लेने के बाद में लक्ष्मी आंटी के कपड़े पहने का वीडियो था। लक्ष्मी आंटी यह सब देख कर सर झुकाए बैठी थी।

“तो आंटी, क्यों न हम तुमको famous बनाएं? कई लडके तेरा नंगा बदन देख कर ही खुश हो जाएंगे। सब लोग तुझे पहचानने लगेंगे, वो रही कपड़े पहन ने वाली आंटी।”

लक्ष्मी आंटी सिर्फ सिर हिलाकर मना करते हुए रो रही थी। विक्की ने उसे हमारे सामने घुटनों के बल बैठ ने को कहा। हम दोनों खड़े हो गए तो हमारी कमर लक्ष्मी आंटी की नाक के सामने थी। मैंने लक्ष्मी आंटी को कहा कि अगर हम ये वीडियो न बांटने के बारे में सोचें तो शायद वह मदद कर सकती है। विक्की ने उसे हमारी पैंट उतार ने को कहा। लक्ष्मी आंटी ने मना करना चाहा तो विक्की ने वो वीडियो email करना शुरु किया।

लक्ष्मी आंटी ने डरते हुए अपना हाथ उसकी पैंट पर रखा और कहा की हम जो बताए वो वह करेगी पर उसे बदनाम ना करें। कांपते हाथों ने विक्की की पैंट उतार दी और उसके underwear में छुपे सांप को उपर से छुआ। विक्की ने उसे underwear उतारने को कहा तो उसने कांपते हाथों से उसकी बात मान ली। विक्की का हथियार 6 इंच लम्बा और काफी मोटा था। लक्ष्मी आंटी उसे देख ऐसे दंग रह गई मानो जिंदगी में पहली बार किसी मर्द का लौड़ा देखा हो।

विक्की ने लक्ष्मी आंटी को उसे हिलाने को कहा। लक्ष्मी आंटी ने हलके हाथों से विक्की ला लौड़ा पकड़ा और उसे आगे पीछे करने लगी। विक्की अपनी आंखे बंद कर मज़े लेने लगा तो लक्ष्मी आंटी को अपने हाथ में एक ताकत का एहसास होने लगा। उसके केवल हाथ हिलाने से विक्की खुश हो रहा था। मैं और इंतजार नहीं कर सकता था और मैंने लक्ष्मी आंटी को मेरी भी पैंट उतार ने को कहा।। लक्ष्मी आंटी भोंचककी हो गई कि वह दोनों को एक साथ कैसे निपटाएगी। एक हाथ से विक्की को हिलाते हुए लक्ष्मी आंटी ने दूसरे हाथ से मेरी पैंट और अंडरवियर एक साथ खींच उतारी। मेरा लौड़ा विक्की जितना मोटा नहीं है लेकिन उस से काफी लंबा है। 7 इंच का गरम छुरा अपने हाथ में लेकर लक्ष्मी आंटी मुझे देखने लगी। मैंने मुस्कुरते हुए उसे कहा कि वह अपने इस आशिक को भी मज़ा दे तो वह शरमाई।

अब तक लक्ष्मी आंटी समझ चुकी थी कि हम दोनों में से कोई भी रुकने वाला नहीं था और दोनों को एक साथ निपटाना जरूरी था। लक्ष्मी आंटी ने दोनों को एक साथ हिलाना शुरू किया। फिर थोड़ी ही देर में हम दोनों ने आह भरी और उसके चेहरे पर अपने रस का लेप करने लगे। लक्ष्मी आंटी किसी भी तरफ मुड़ती तो भी बच नहीं पाती। अपना वीर्य से धुला चेहरा हाथों में लेकर लक्ष्मी आंटी उठी और टॉयलेट में भागी।

अगर हमारे फनफनाते गरम लौड़े इतने में ठंडे पड़ जाते तो हम खाक 18 के होते। जैसे तैसे अपने मूसल वापस पैंट में दबाकर हम दोनों बेड पर बैठ गए। लक्ष्मी आंटी जब टॉयलेट में से बाहर आईं तो हम दोनों ने उसे अपने बीच बिठाया और कहा की तुम ने हम दोनों को बहुत मज़ा दिया है और हम भी तुम को मज़ा देना चाहते हैं। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को बाल पकड़ कर अपनी और मोड़ा और उसके होंठों पर अपने होंठ लगा कर किस करने लगा। अब तक लक्ष्मी आंटी भी गरमा गई थी और मस्ती में आ कर विक्की का साथ दे रही थी। विक्की ने kiss करते हुए लक्ष्मी आंटी को बेड पर लिटया और कमीज़ के अंदर हाथ डालकर उनके मस्त गुब्बारे दाबने लगा। लक्ष्मी आंटी भी उसे पूरा साथ दे रही थी और अपना हाथ उसके बालों में घुमाकर उसे पकड़ कर किस कर रही थी।

इसी दौरान मै लक्ष्मी आंटी के नीचे सरक गया और उसके सलवार का नाड़ा खोल उसे नीचे सरकाया। लक्ष्मी आंटी की निक्कर उनके पैरों में फसी थी पर बाकी मांसल पैर मेरे लिए खुले रहे। जब मैं लक्ष्मी आंटी के पैरों को चूम रहा था तो विक्की ने उसका कुर्ता उतार दिया और उसके गरम दूधिया गुब्बारे दाबने लगा।

लक्ष्मी आंटी अब पूरी तरह गरमा गई थी और हमारा साथ दे रही थी। मैंने आव देखा ना ताव, झपट कर दोनों पैरों को फैला कर बीच में भीगी हुई चड्डी को चूमा। लक्ष्मी आंटी सिहर उठी और उसने मुझे रोकने की आधी अधूरी कोशिश की। मैंने चूमना चालू रखा और साथ में अपनी जीभ को चूसने के लिए लगाया। लक्ष्मी आंटी आहें भरने लगी और अपने पैरों को फैला कर मेरा साथ देने लगी।

उपर विक्की ने लक्ष्मी आंटी के ब्रा को सरका कर उसके मम्मे खोल दिए और गोरे मम्मे चूमने लगा। नीचे मैंने पैरों के बीच में फसी हुई निक्कर की पट्टी को सरका कर लक्ष्मी आंटी के रस भरे खजाने को देखने लगा। काले घने बालों में चुप्पी गुलाबी मुनिया किसी घने जंगल में छिपी जादुई चिड़िया की तरह लग रही थी। मैंने धीरे से आगे बढ़ कर लक्ष्मी आंटी की खास गंध को सूंघा और मदहोश हो गया। अपनी जीभ आगे कर मैंने उसकी गुलाबी पंखुड़ियों के बीच से बेहती धारा को चखा और लक्ष्मी आंटी ने आआः की गूंज से मुझे शाबाशी दी। उपर विक्की ने गोरे मम्मों पर जड़े लाल बेरियों को चूसना शुरू किया और लक्ष्मी आंटी ने उसे अपनी बाहों में पकड़ कर अपनी छाती से चिपका दिया।

मैंने जीभ से जोर लगाकर चाटना शुरु किया तो लक्ष्मी आंटी का बदन अकड़ने लगा। उसने मुझे रोकने की लाख कोशिशों के बावजूद मैंने अपना हमला जारी रखा। कुछ देर बाद लक्ष्मी आंटी ने एक चीख निकाल कर उसके शरीर को ढीला छोड़ दिया। विक्की और मै समझ गए कि लक्ष्मी आंटी भी झड़ चुकी है और हम दोनों उठ कर बैठ गए। मैंने दातों में फसे झाट के बाल को निकालते हुए मुंह बनाया तो विक्की हंस पड़ा।

हम दोनों ने बाहर जाकर अपनी bag समेटी और लक्ष्मी आंटी की भी bag उठाते हुए सारा सामान बाहर दरवाजे के पास रख दिया। लक्ष्मी आंटी शर्माती हुई बाहर आई और सर झुकाए खड़ी हो गई। मैंने विक्की से कहा क्योंकि लक्ष्मी आंटी ने हमें इतना अच्छा अनुभव दिया है तो हमें भी कुछ अच्छा देना चाहिए। लक्ष्मी आंटी हमें अचरज से देख रही थी।

विक्की ने एक डिब्बी से एक लिपस्टिक नुमा चीज निकली। विक्की ने फिर लक्ष्मी आंटी को सलवार का नाड़ा खोल देने को कहा। लक्ष्मी आंटी ने हिचिचाहट के साथ खोल दिया और सलवार नीचे पैरों के नीचे गिर गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के पैरों को फैला कर उसकी गीली निक्कर को थपथपाया तो लक्ष्मी आंटी की आह निकल गई। विक्की ने लक्ष्मी आंटी के पैरों के बीच में निक्कर को नीचे खींचा और वह लिपस्टिक नुमा चीज उसके यौवन के फूल की गिली पंखुड़ियों के बीच रख कर उसकी निक्कर सीधी कर दी। विक्की ने लक्ष्मी आंटी को अपनी सलवार पहनने को कहा और लक्ष्मी आंटी ने झट से अपनी सलवार पहन ली।

हम सब नीचे उतर कर गाड़ी में बैठ गए। मै और विक्की आगे बैठे थे तो लक्ष्मी आंटी पीछे बैठी हुई थी। हम सब के जिंदगी का एक यादगार सफर बस शुरू हो रहा था।

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