Adultery नेहा बह के कारनामे
- Rakeshsingh1999
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Re: Adultery नेहा बह के कारनामे
मस्त अपडेट भाई।
Read my other story
एक कायर भाई(Running)....बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी(complete)....मिस्टर चैलेंज by वेद प्रकाश शर्मा(Complete)
क्या.....ये गलत है?(Complete)....चुदाई का ज्ञान(complete)
हाय रे ज़ालिम....(Complete)..माँ बेटी की मज़बूरी(Complete)परिवार(दि फैमिली) Completeपापा की दुलारी जवान बेटियाँ(Complete)....परिवार की लाड़ली(complete)....दीदी से सेटिंग(Complete)...
नाना ने बनाया दीवाना(Complete)...तीन बेटियाँ (complete) -----मेरे गाँव की नदी(complete)....,मेरी कमसिन भांजी और बेटी -1(complete) मेरी कमसिन भांजी और बेटी-2 (complete)-----पापा तुम गंदे हो(complete).......माँ की अधूरी इच्छा(Complete.....मेरी बहु की मस्त जवानी(Complete)....ठरकी अंकल(Complete)
एक कायर भाई(Running)....बाप नम्बरी बेटी दस नम्बरी(complete)....मिस्टर चैलेंज by वेद प्रकाश शर्मा(Complete)
क्या.....ये गलत है?(Complete)....चुदाई का ज्ञान(complete)
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- mastram
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Re: Adultery नेहा बह के कारनामे
कड़ी_50
नेहा के घर में उसका पिता अकेले बह आरती के साथ रात को शादी हुई। नेहा दुल्हन के लिबास में बेहद खूबसूरत दिख रही थी। जिस तरह से उसकी बाल बनाई गई थी, उसकी मेकप वगैरह की गई थी, वो पोडियम पर एक माडेल जैसी दिख रही थी बस। सारे मर्दो की नजरें उसी पर थी बल्की लड़कियां भी नेहा को निहार रही थीं।
रात के करीब बारह बजे सारे मेहमान चले गये और घर में परिवार के सदस्य ही रह गये। नेहा का बड़ा भाई वापस जाना चाहता था क्योंकी उसकी बेटी को स्कूल जाना था मगर सबके जोर देने पर उसको भी रुकना पड़ा
और सुबह सवेरे निकलने का फैसला किया गया।
अब परिवार के सदस्यों के बीच एक तरह की बहस हुई, क्योंकी सुबह को प्रवींद्र और नेहा हनीमून ट्रिप पर निकलने वाले थे। दोनों एक हफ्ते के बाद घर वापस आने वाले थे, तो प्रवींद्र चाहता था कि नेहा के घरवालों में से कोई उसके घर में रहे एक हफ्ते तक, क्योंकी जो टैक्सी सुबह उसको खेत ले जाने के लिए आती था वो बराबर आएगी और किसी को खेत जाना चाहिए था, वर्कर्स लोगों का खयाल के लिए। हर रोज नहीं तो हफ्ते में दो दिन तो किसी को वहाँ जाना ही चाहिए था। वहाँ खेत में एक आदमी को तो प्रवींद्र ने एक मैनेजर के जैसे रखा हुआ था। मगर घर से भी किसी को कम से कम एक या दो बार हफ्ते में वहाँ जाना चाहिए था क्योंकी किसी भी वक्त किसी को किसी भी चीज की जरूरत पड़ सकती थी।
एक लंबी बहस के बाद नेहा का पिता यहाँ एक हफ्ते बिताने के लिए राजी हआ मगर कुछ देर बाद अनिल ने भी कहा कि वो भी रह सकता है क्योंकी आरती तो घर पर अकेली बेकार रहती ही है तो एक चेंज के लिए वह दोनों भी यहीं रह सकते हैं एक हफ्ते के लिए, और अनिल के पास कार तो था ही काम पर जाने के लिए।
तो फाइनल किया गया कि यह तीन लोग प्रवींद्र के घर पर रहेंगे एक हफ्ते के लिए। हाँ, नेहा का पिता बहुत खुश हुआ जब उसने सुना कि आरती एक हफ्ते तक उसके साथ रहेगी उस घर में। एक पूरा हफ्ता उसको मजा करने को मिलेगा उसने सोचा। और नेहा अपने पिता को एक नजर देखते हुए मुश्कुराई क्योंकी वो समझ गई कि उसके पापा की चांदी हो गई।
सोने जाने से पहले नेहा को एक छोटा सा मौका मिला अपने पापा से बात करने के लिए तो उसने अपने पापा
के कान में आहिस्ते से भुनभुनाते हुए कहा- “हाँ, आप बेहद लकी हो पापा, वो आपके साथ पूरा एक हफ़्ता रहेगी, भाई काम पर चला जाएगा और आरती और आप अकेले इस घर में? इस घर को यह चान्स है शायद कि एक औरत इसमें अकेली रहे, और एक मर्द उसके आस-पास भी, खासकर मर्द अधेड़ और औरत जवान, यह इस घर पर या तो एक आशीर्वाद है या श्राप... पता नहीं?"
पिता ने नेहा को बाहों में जकड़ा और इससे पहले कि कोई नजर आता जल्दी से नेहा की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसा। फिर नेहा को जवाब दिया- “यह सब तुम्हारे जरिये से हुआ है बेटी, अगर तुमने दोबारा शादी नहीं किया होता तो मुझको कहाँ से ऐसा मौका मिलता?"
फिर नेहा ने अपने पिता से आरती भाभी को अपने साथ खेत विजिट करने के लिए ले जाने को कहा जब वो जाएगा तो।
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नेहा के घर में उसका पिता अकेले बह आरती के साथ रात को शादी हुई। नेहा दुल्हन के लिबास में बेहद खूबसूरत दिख रही थी। जिस तरह से उसकी बाल बनाई गई थी, उसकी मेकप वगैरह की गई थी, वो पोडियम पर एक माडेल जैसी दिख रही थी बस। सारे मर्दो की नजरें उसी पर थी बल्की लड़कियां भी नेहा को निहार रही थीं।
रात के करीब बारह बजे सारे मेहमान चले गये और घर में परिवार के सदस्य ही रह गये। नेहा का बड़ा भाई वापस जाना चाहता था क्योंकी उसकी बेटी को स्कूल जाना था मगर सबके जोर देने पर उसको भी रुकना पड़ा
और सुबह सवेरे निकलने का फैसला किया गया।
अब परिवार के सदस्यों के बीच एक तरह की बहस हुई, क्योंकी सुबह को प्रवींद्र और नेहा हनीमून ट्रिप पर निकलने वाले थे। दोनों एक हफ्ते के बाद घर वापस आने वाले थे, तो प्रवींद्र चाहता था कि नेहा के घरवालों में से कोई उसके घर में रहे एक हफ्ते तक, क्योंकी जो टैक्सी सुबह उसको खेत ले जाने के लिए आती था वो बराबर आएगी और किसी को खेत जाना चाहिए था, वर्कर्स लोगों का खयाल के लिए। हर रोज नहीं तो हफ्ते में दो दिन तो किसी को वहाँ जाना ही चाहिए था। वहाँ खेत में एक आदमी को तो प्रवींद्र ने एक मैनेजर के जैसे रखा हुआ था। मगर घर से भी किसी को कम से कम एक या दो बार हफ्ते में वहाँ जाना चाहिए था क्योंकी किसी भी वक्त किसी को किसी भी चीज की जरूरत पड़ सकती थी।
एक लंबी बहस के बाद नेहा का पिता यहाँ एक हफ्ते बिताने के लिए राजी हआ मगर कुछ देर बाद अनिल ने भी कहा कि वो भी रह सकता है क्योंकी आरती तो घर पर अकेली बेकार रहती ही है तो एक चेंज के लिए वह दोनों भी यहीं रह सकते हैं एक हफ्ते के लिए, और अनिल के पास कार तो था ही काम पर जाने के लिए।
तो फाइनल किया गया कि यह तीन लोग प्रवींद्र के घर पर रहेंगे एक हफ्ते के लिए। हाँ, नेहा का पिता बहुत खुश हुआ जब उसने सुना कि आरती एक हफ्ते तक उसके साथ रहेगी उस घर में। एक पूरा हफ्ता उसको मजा करने को मिलेगा उसने सोचा। और नेहा अपने पिता को एक नजर देखते हुए मुश्कुराई क्योंकी वो समझ गई कि उसके पापा की चांदी हो गई।
सोने जाने से पहले नेहा को एक छोटा सा मौका मिला अपने पापा से बात करने के लिए तो उसने अपने पापा
के कान में आहिस्ते से भुनभुनाते हुए कहा- “हाँ, आप बेहद लकी हो पापा, वो आपके साथ पूरा एक हफ़्ता रहेगी, भाई काम पर चला जाएगा और आरती और आप अकेले इस घर में? इस घर को यह चान्स है शायद कि एक औरत इसमें अकेली रहे, और एक मर्द उसके आस-पास भी, खासकर मर्द अधेड़ और औरत जवान, यह इस घर पर या तो एक आशीर्वाद है या श्राप... पता नहीं?"
पिता ने नेहा को बाहों में जकड़ा और इससे पहले कि कोई नजर आता जल्दी से नेहा की जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसा। फिर नेहा को जवाब दिया- “यह सब तुम्हारे जरिये से हुआ है बेटी, अगर तुमने दोबारा शादी नहीं किया होता तो मुझको कहाँ से ऐसा मौका मिलता?"
फिर नेहा ने अपने पिता से आरती भाभी को अपने साथ खेत विजिट करने के लिए ले जाने को कहा जब वो जाएगा तो।
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मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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- mastram
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Re: Adultery नेहा बह के कारनामे
अगले सुबह को घर में हलचल मची हुई थी सवेरे-सवेरे, क्योंकी नेहा का बड़ा भाइ घर वापस जा रहा था। जब वो अपनी वाइफ और बेटी के साथ निकल गया तो बाकी के लोगों को कुछ टाइम मिला नाश्ता तैयार करके खाने को। तभी टैक्सी ने बाहर हार्न बजाया, नेहा का पापा निकालने ही वाला था कि वो मैनेजर आया और कहा कि किसी को आने की जरूरत तो नहीं है, क्योंकी वो सब कुछ संभाल सकता है। और अगर किसी चीज की सख़्त जरूरत पड़ी तो वो खुद यहाँ आकर बोल देगा।
नेहा के बाप को नहीं जाना पड़ा। नेहा ने अपने पापा को देखकर स्माइल किया फिर आरती भाभी की ओर देखकर मुश्कुराई और नाश्ता करने लगी।
बाद में जब नेहा और प्रवींद्र अपना समान पैक करने लगे सूटकेस में तो एक बार नेहा अपने पापा के साथ
अकेली गई कमरे में। नेहा को अपनी बाहों में भरके पिता ने कहा- "बहुत एंजाय करोगी बेटी अब तुम, काश मैं भी तुम्हारे साथ जाता और थोड़ा सा वक्त तेरे साथ बिताने को मुझे भी मिलता इस स्पेशल मौके पर..."
नेहा ने कहा- “मेरे जितने खुशकिश्मत तो आप भी हो पापा। मैं अपने हनिमून पर जा रही हूँ पर आपको तो मुफ्त में आरती भाभी मिल गई यहाँ एक हनिमून मानने के लिए, है कि नहीं पापा? हाँ?"
फिर दोनों हँसने लगा।
फिर नेहा ने कहा- “पापा मुझे बहुत उत्तेजना होती है आपके और आरती भाभी को एक साथ सोचकर, बताओ मुझे वो कैसे मिली आपको? वो म न गई पहली बार जब आपने उससे प्रपोज किया तो? कैसे सब गुजरा मुझे बताओ ना... वो मान गई, गुस्सा नहीं किया आपसे उसने, कुछ गड़बड़ नहीं हुआ? पहली बार कहाँ हुई उसके घर या वो आपके यहाँ आई थी? या आप उसके घर गये थे? प्लीज मुझे बताओ ना पहली बार कैसे हुआ आप दोनों के बीच?"
बाप नेहा को बताने जा ही रहा था कि आरती वहाँ आ गई और दोनों को बात करना बंद करना पड़ा।
और आरती ने कहा- “नेहा, मुझे तुमसे बात करनी थी, प्लीज जो कुछ तुमने कल देखा मेरे और तुम्हारे पापा के बीच उसके बारे में कभी किसी को कुछ मत बताना प्लीज...”
नेहा ने अपनी छोटी भाभी को देखते हुए कहा- “क्या? क्या देखा था मैंने? कब? मैंने तो कुछ भी नहीं देखा था भाभी..."
दोनों हँसने लगे और आरती ने नेहा को जोर से हग किया। तो नेहा ने आरती के कान में कहा- “मेरा बूढ़ा पापा बहुत मजबूत है मुझे पता है, जितना हो सके खूब एंजाय करना और मौके का भरपूर फायदा उठना मेरी प्यारी भाभी। तुम लकी हो उसके साथ वक्त बिताने को, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा आप बेफिकर मजा करना
आरती भाभी। एक हफ़्ता मिला आपको भी हनिमून मानने को सो अधिक से अधिक मजा करना...”
आरती की जान में जान आई और नेहा को और जोर से हग करते हुए कहा- “तुम कितनी अच्छी हो नेहा, हमेशा खुश रहो, लोव यू.” और आरती ने नेहा के गालों पर चुंबन किया।
फिर तकरीबन बारह बजे प्रवींद्र और नेहा घर से निकले अपने हनिमून ट्रिप पर। एक बड़ी सी वेन आयी थी उनको लेने के लिए, सब पहले से प्लान किया हुआ था। जिस होटेल में वह लोग जा रहे थे वहाँ से ट्रांसपोर्ट आया था उन्हें लेने के लिए। उस होटेल से टूर आपरेटर वालों की तरफ से वैन आयी था उनको समंदर के किनारे की एक फाइव स्टार होटेल ले जाने के लिए किसी और स्टेट में। दोनों चले गये।
फिर नेहा के पापा ने आरती की तरफ देखा और वो अपने ससुर की नजरों को अपने आप पर आने का इंतजार ही कर रही थी। वो एक महिन साड़ी में थी और एक बैकलेस ब्लाउज़ पहनी हुई थी जिसकी एक डीप 'वी' कट थी सामने छाती पर। क्लीवेज कितने दिख रहे थे कहने की जरूरत नहीं। और वैसे भी आरती हमेशा बहत सेक्सी ड्रेस ही पहना करती है। वो शहर से जो थी। बूढ़े की नजरें आरती को भूखे शेर की तरह देख रही थी उस वक्त।
और वक्त बर्बाद ना करते हुए उसने आरती को गोद में उठाया और नेहा के घर के गेस्टरूम में ले गया। मगर एक चीज का खयाल नहीं किया दोनों ने।
वो यह कि गैरेज के अंदर से ज्ञान सब देख रहा था और उसने खुद से पूछा- “कौन लोग हैं यह? क्यूँ एक इतनी उमर वाले आदमी ने एक इतनी खूबसूरत जवान लड़की को गोद में उठाकर घर के अंदर ले गया भला?"
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नेहा के बाप को नहीं जाना पड़ा। नेहा ने अपने पापा को देखकर स्माइल किया फिर आरती भाभी की ओर देखकर मुश्कुराई और नाश्ता करने लगी।
बाद में जब नेहा और प्रवींद्र अपना समान पैक करने लगे सूटकेस में तो एक बार नेहा अपने पापा के साथ
अकेली गई कमरे में। नेहा को अपनी बाहों में भरके पिता ने कहा- "बहुत एंजाय करोगी बेटी अब तुम, काश मैं भी तुम्हारे साथ जाता और थोड़ा सा वक्त तेरे साथ बिताने को मुझे भी मिलता इस स्पेशल मौके पर..."
नेहा ने कहा- “मेरे जितने खुशकिश्मत तो आप भी हो पापा। मैं अपने हनिमून पर जा रही हूँ पर आपको तो मुफ्त में आरती भाभी मिल गई यहाँ एक हनिमून मानने के लिए, है कि नहीं पापा? हाँ?"
फिर दोनों हँसने लगा।
फिर नेहा ने कहा- “पापा मुझे बहुत उत्तेजना होती है आपके और आरती भाभी को एक साथ सोचकर, बताओ मुझे वो कैसे मिली आपको? वो म न गई पहली बार जब आपने उससे प्रपोज किया तो? कैसे सब गुजरा मुझे बताओ ना... वो मान गई, गुस्सा नहीं किया आपसे उसने, कुछ गड़बड़ नहीं हुआ? पहली बार कहाँ हुई उसके घर या वो आपके यहाँ आई थी? या आप उसके घर गये थे? प्लीज मुझे बताओ ना पहली बार कैसे हुआ आप दोनों के बीच?"
बाप नेहा को बताने जा ही रहा था कि आरती वहाँ आ गई और दोनों को बात करना बंद करना पड़ा।
और आरती ने कहा- “नेहा, मुझे तुमसे बात करनी थी, प्लीज जो कुछ तुमने कल देखा मेरे और तुम्हारे पापा के बीच उसके बारे में कभी किसी को कुछ मत बताना प्लीज...”
नेहा ने अपनी छोटी भाभी को देखते हुए कहा- “क्या? क्या देखा था मैंने? कब? मैंने तो कुछ भी नहीं देखा था भाभी..."
दोनों हँसने लगे और आरती ने नेहा को जोर से हग किया। तो नेहा ने आरती के कान में कहा- “मेरा बूढ़ा पापा बहुत मजबूत है मुझे पता है, जितना हो सके खूब एंजाय करना और मौके का भरपूर फायदा उठना मेरी प्यारी भाभी। तुम लकी हो उसके साथ वक्त बिताने को, किसी को कुछ भी पता नहीं चलेगा आप बेफिकर मजा करना
आरती भाभी। एक हफ़्ता मिला आपको भी हनिमून मानने को सो अधिक से अधिक मजा करना...”
आरती की जान में जान आई और नेहा को और जोर से हग करते हुए कहा- “तुम कितनी अच्छी हो नेहा, हमेशा खुश रहो, लोव यू.” और आरती ने नेहा के गालों पर चुंबन किया।
फिर तकरीबन बारह बजे प्रवींद्र और नेहा घर से निकले अपने हनिमून ट्रिप पर। एक बड़ी सी वेन आयी थी उनको लेने के लिए, सब पहले से प्लान किया हुआ था। जिस होटेल में वह लोग जा रहे थे वहाँ से ट्रांसपोर्ट आया था उन्हें लेने के लिए। उस होटेल से टूर आपरेटर वालों की तरफ से वैन आयी था उनको समंदर के किनारे की एक फाइव स्टार होटेल ले जाने के लिए किसी और स्टेट में। दोनों चले गये।
फिर नेहा के पापा ने आरती की तरफ देखा और वो अपने ससुर की नजरों को अपने आप पर आने का इंतजार ही कर रही थी। वो एक महिन साड़ी में थी और एक बैकलेस ब्लाउज़ पहनी हुई थी जिसकी एक डीप 'वी' कट थी सामने छाती पर। क्लीवेज कितने दिख रहे थे कहने की जरूरत नहीं। और वैसे भी आरती हमेशा बहत सेक्सी ड्रेस ही पहना करती है। वो शहर से जो थी। बूढ़े की नजरें आरती को भूखे शेर की तरह देख रही थी उस वक्त।
और वक्त बर्बाद ना करते हुए उसने आरती को गोद में उठाया और नेहा के घर के गेस्टरूम में ले गया। मगर एक चीज का खयाल नहीं किया दोनों ने।
वो यह कि गैरेज के अंदर से ज्ञान सब देख रहा था और उसने खुद से पूछा- “कौन लोग हैं यह? क्यूँ एक इतनी उमर वाले आदमी ने एक इतनी खूबसूरत जवान लड़की को गोद में उठाकर घर के अंदर ले गया भला?"
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मस्त राम मस्ती में
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Re: Adultery नेहा बह के कारनामे
कड़ी_51 नेहा ने प्रवींद्र के साथ हनिमून पर और आरती ने ससुर के साथ मजा किया।
आप सबको याद होगा कि जब नेहा अपने गाँव से वापस चली आई थी तो उसके पापा ने कैसे आरती के घर जाकर उससे रिश्ता जोड़ा था। बहत हाट एनकाउंटर था वो जब आरती बाथरूम से निकली थी उस दिन। और अब इन दोनों ससुर बहू की एक और आक्सन देखेंगे हम। हाँ बेशक यह दोनों उस दिन के बाद काई बार ऐसे मिलते रहे और इनका चक्कर चलता रहा।
सो अभी के लिए ससुर आरती को गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया... तो जैसे पहले कहा गया कि उसकी साड़ी बहुत महीन थी और डीप 'वी' कट, स्लीवलेश और बैकलेस ब्लाउज़ थी, पीठ पर बस एक-दो लेस थे ब्लाउज़ को होल्ड करने के लिए। आरती के चूतड़ों के मूवमेंट कमाल की थी जब वो लचकते हुए चलती थी और उसकी साड़ी उसकी जांघों, चूतड़ों और गाण्ड पर जिस तरह से चिपकी हुई थी उन सबको आकार देते हुए, उसकी चूची बस कयामत थी जब वो खड़ी रहती थी तब भी और जब झुकती थी तो बस जन्नत का नजारा होता था समझ लो।
ससुर उसको किस करता गया उसकी जीभ का रस निचोड़ते हए। आरती को बिस्तर पर लेटा दिया था नेहा के पापा ने और खुद उसके ऊपर चढ़ गया था, उसकी एक टांग आरती की टांग पर थी और आरती की बाहें ससुर के कंधे से होकर उसकी पीठ पर फिर रही थी। जबकि बूढ़े के हाथ नेहा के नीचे पीठ पर उसके ब्लाउज़ की लेस को खोलने की कोशिश में लगे हुए थे किस करने के दौरान।
फिर अचानक आरती ने किस को रोकते हुए कहा- “डैड, नेहा ने क्या कहा था हमको एक साथ देखकर कल
आपसे? मैं तो शर्म से लाल हो गई थी और मेरे पशीने छूट गये थे, उसने सब कुछ देख लिया था ना?"
ससुर ने उसको किस करना जारी रखा, उसके गाल पर जीभ फेरते हुए उसके गले तक पहुंचा तब जवाब दिया "तुम नेहा को लेकर बिल्कुल टेन्शन मत लो रानी, वो किसी को कुछ नहीं बताएगी कभी..."
मगर आरती ने जिद किया पूछते हुए कि नेहा ने उसको क्या कहा जब वो बाहर चली गई तो?
नेहा के पापा ने अपनी आरती बहू से कहा- “नेहा एक समझदार लड़की है, वो हम दोनों को समझ गई और मुझसे सिर्फ इतना कहा कि मैं खूब एंजाय कर रहा हूँ.."
आरती ने कहा- “सच? बस इतना ही कहा, वो हमारे लिये इतनी अच्छी क्यों है? उसने मुझको अपने हाथ में आपका लण्ड थामे हुए देखा था, अपने बाप के लण्ड को उसकी बह के हाथ में देखा और आपका हाथ मेरी जांघों पर था और नेहा ने आपसे सिर्फ ये कहा कि आप एंजाय कर रहे हो?"
आरती बोलती गई- “कमाल की लड़की है नेहा भी, इतना कुछ देखा और कुछ नहीं कहा उसने, तब तो वो भी आपको खुश कर सकती है। अगर ऐसा हुआ कि नेहा ने आपको अपने बिस्तर पर लिया तो मुझे जरूर बताना ओके? आपकी अपनी बेटी आपके बिस्तर पर होगी तो आप खुश होंगे। ऐसा हुआ तो बोलो?" नेहा के पापा का मन कर रहा था कि वो आरती को अपने और नेहा के बारे में सब कुछ बता दे।
मगर उसको डर था कि कहीं जलन के कारण आरती ने किसी को बता दिया तो क्या होगा, तो उसने आरती से कहा- “मैंने इस बारे में कभी नहीं सोचा और मेरे खयाल से वैसा कभी नहीं होगा.."
पर तब तक आरती ने उसका लण्ड सहलाते हुए कहा- “मगर डैड, ऐसा हो सकता है, यह मुमकिन हो सकता है, उसने हम दोनों को देख लिया, तो उसको मालूम है कि हम क्या करते हैं, तो वो समझती है। तो आप क्यूँ नहीं उसको ट्राइ करते हो? फिर एक दिन हम तीनों एक थ्री-सम कर पाएंगे..."
तो नेहा के पापा उस आइडिया से बहुत खुश हये। तो उसने कहा- “ठीक है, वो नेहा को ट्राइ करेगा..." हकीकत में उसके लिए सब अब बहुत आसान हो गया क्योंकी आरती थ्री-सम चाहती है और नेहा को सब पता है तो सब बहुत आसानी से हो जाएगा उसने सोचा। उसको नेहा से सिर्फ इतना कहना है कि उसकी आरती भाभी उसके साथ सब करना चाहती है। यह सब सोचते हुए बूढा जवान हो गया और जोश में आकर आरती के कपड़े नोचने लगा उसके जिश्म से। साड़ी जल्दी से निकल गई और उसकी ब्लाउज़ भी उतर गई और आरती की
चूचियां ससुर के मुँह में आ गईं।
आरती उसकी बाहों में थी और उसकी चूचियां ससुर के मुँह में, जबकि आरती अपने जिश्म को सीधा करते हुए अपने सर को पीछे कर रही थी। उस आक्सन से उसकी चूचियां और भी ज्यादा ससुर के लिए हाजिर थीं। और उस वक्त अपने हाथों से आरती अपने ससुर की पैंट उतार रही थी। फिर कुछ देर बाद ससुर की शर्ट भी निकाल दिया आरती ने। और दोनों नेहा के बिस्तर पर नंगे हो गये बिल्कुल। ससुर ने आरती की चूची के साइड पर किस किया फिर जीभ फेरा और उसकी कांखों को जबरदस्त चाटने लगा, आरती की कांखें क्लीन शेवन थी, बिल्कुल सफाचट।
आप सबको याद होगा कि जब नेहा अपने गाँव से वापस चली आई थी तो उसके पापा ने कैसे आरती के घर जाकर उससे रिश्ता जोड़ा था। बहत हाट एनकाउंटर था वो जब आरती बाथरूम से निकली थी उस दिन। और अब इन दोनों ससुर बहू की एक और आक्सन देखेंगे हम। हाँ बेशक यह दोनों उस दिन के बाद काई बार ऐसे मिलते रहे और इनका चक्कर चलता रहा।
सो अभी के लिए ससुर आरती को गोद में उठाकर बेडरूम में ले गया... तो जैसे पहले कहा गया कि उसकी साड़ी बहुत महीन थी और डीप 'वी' कट, स्लीवलेश और बैकलेस ब्लाउज़ थी, पीठ पर बस एक-दो लेस थे ब्लाउज़ को होल्ड करने के लिए। आरती के चूतड़ों के मूवमेंट कमाल की थी जब वो लचकते हुए चलती थी और उसकी साड़ी उसकी जांघों, चूतड़ों और गाण्ड पर जिस तरह से चिपकी हुई थी उन सबको आकार देते हुए, उसकी चूची बस कयामत थी जब वो खड़ी रहती थी तब भी और जब झुकती थी तो बस जन्नत का नजारा होता था समझ लो।
ससुर उसको किस करता गया उसकी जीभ का रस निचोड़ते हए। आरती को बिस्तर पर लेटा दिया था नेहा के पापा ने और खुद उसके ऊपर चढ़ गया था, उसकी एक टांग आरती की टांग पर थी और आरती की बाहें ससुर के कंधे से होकर उसकी पीठ पर फिर रही थी। जबकि बूढ़े के हाथ नेहा के नीचे पीठ पर उसके ब्लाउज़ की लेस को खोलने की कोशिश में लगे हुए थे किस करने के दौरान।
फिर अचानक आरती ने किस को रोकते हुए कहा- “डैड, नेहा ने क्या कहा था हमको एक साथ देखकर कल
आपसे? मैं तो शर्म से लाल हो गई थी और मेरे पशीने छूट गये थे, उसने सब कुछ देख लिया था ना?"
ससुर ने उसको किस करना जारी रखा, उसके गाल पर जीभ फेरते हुए उसके गले तक पहुंचा तब जवाब दिया "तुम नेहा को लेकर बिल्कुल टेन्शन मत लो रानी, वो किसी को कुछ नहीं बताएगी कभी..."
मगर आरती ने जिद किया पूछते हुए कि नेहा ने उसको क्या कहा जब वो बाहर चली गई तो?
नेहा के पापा ने अपनी आरती बहू से कहा- “नेहा एक समझदार लड़की है, वो हम दोनों को समझ गई और मुझसे सिर्फ इतना कहा कि मैं खूब एंजाय कर रहा हूँ.."
आरती ने कहा- “सच? बस इतना ही कहा, वो हमारे लिये इतनी अच्छी क्यों है? उसने मुझको अपने हाथ में आपका लण्ड थामे हुए देखा था, अपने बाप के लण्ड को उसकी बह के हाथ में देखा और आपका हाथ मेरी जांघों पर था और नेहा ने आपसे सिर्फ ये कहा कि आप एंजाय कर रहे हो?"
आरती बोलती गई- “कमाल की लड़की है नेहा भी, इतना कुछ देखा और कुछ नहीं कहा उसने, तब तो वो भी आपको खुश कर सकती है। अगर ऐसा हुआ कि नेहा ने आपको अपने बिस्तर पर लिया तो मुझे जरूर बताना ओके? आपकी अपनी बेटी आपके बिस्तर पर होगी तो आप खुश होंगे। ऐसा हुआ तो बोलो?" नेहा के पापा का मन कर रहा था कि वो आरती को अपने और नेहा के बारे में सब कुछ बता दे।
मगर उसको डर था कि कहीं जलन के कारण आरती ने किसी को बता दिया तो क्या होगा, तो उसने आरती से कहा- “मैंने इस बारे में कभी नहीं सोचा और मेरे खयाल से वैसा कभी नहीं होगा.."
पर तब तक आरती ने उसका लण्ड सहलाते हुए कहा- “मगर डैड, ऐसा हो सकता है, यह मुमकिन हो सकता है, उसने हम दोनों को देख लिया, तो उसको मालूम है कि हम क्या करते हैं, तो वो समझती है। तो आप क्यूँ नहीं उसको ट्राइ करते हो? फिर एक दिन हम तीनों एक थ्री-सम कर पाएंगे..."
तो नेहा के पापा उस आइडिया से बहुत खुश हये। तो उसने कहा- “ठीक है, वो नेहा को ट्राइ करेगा..." हकीकत में उसके लिए सब अब बहुत आसान हो गया क्योंकी आरती थ्री-सम चाहती है और नेहा को सब पता है तो सब बहुत आसानी से हो जाएगा उसने सोचा। उसको नेहा से सिर्फ इतना कहना है कि उसकी आरती भाभी उसके साथ सब करना चाहती है। यह सब सोचते हुए बूढा जवान हो गया और जोश में आकर आरती के कपड़े नोचने लगा उसके जिश्म से। साड़ी जल्दी से निकल गई और उसकी ब्लाउज़ भी उतर गई और आरती की
चूचियां ससुर के मुँह में आ गईं।
आरती उसकी बाहों में थी और उसकी चूचियां ससुर के मुँह में, जबकि आरती अपने जिश्म को सीधा करते हुए अपने सर को पीछे कर रही थी। उस आक्सन से उसकी चूचियां और भी ज्यादा ससुर के लिए हाजिर थीं। और उस वक्त अपने हाथों से आरती अपने ससुर की पैंट उतार रही थी। फिर कुछ देर बाद ससुर की शर्ट भी निकाल दिया आरती ने। और दोनों नेहा के बिस्तर पर नंगे हो गये बिल्कुल। ससुर ने आरती की चूची के साइड पर किस किया फिर जीभ फेरा और उसकी कांखों को जबरदस्त चाटने लगा, आरती की कांखें क्लीन शेवन थी, बिल्कुल सफाचट।
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
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