Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
Happy new year, update please..
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
विदू जाने लगी
मैं उसका हाथ पकड़के अपनी तरफ खींचा
दिलीप- अरे मेरी जान पहले गुडनाइट किस तो दीजिए
विदू शरमाते हुए मेरे होंठो पे किस करके चली गयी
फिर मैं वँया के रूम में गया चुहिया पढ़ाई कर रही थी
मैं उसके पास बैठ गया और उसे देखने लगा
दिलीप- कल मैं और विदू सिमिता मासी के यहाँ जा रहे हैं
वँया- क्यूँ
दिलीप- बस ऐसे ही
वँया- मैं भी चलूंगी
दिलीप- पढ़ाई कौन करेगा
वँया- तुम भी तो जा रहे हो
दिलीप- जल्द ही आजाउन्गा
वँया- सब जानती हूँ,सब से ज़्यादा तुम दीदी से ही प्यार करते हो
दिलीप- यह तो सच कह रही हो तुम
[वँया मुझे मारने लगी
मैने वँया को अपने सीने से लगा लिया
तभी एलीना रूम में आई
एलीना- सारा प्यार उसी पे लूटा दो
दिलीप- अब तुम भी शुरू हो गयी
एलीना- सच ही कह रही हूँ
दिलीप- तू चल रूम में तुझे बता ता हूँ
एलीना- यही पे बताओ जो बताना है
दिलीप- तुम कल से वँया को कॉलेज छोड़ने जाओगी,और लेके भी आओगी
एलीना- इसके बदले मुझे क्या मिलेगा
दिलीप- पास तो आओ
एलीना- नही मेरे साथ चलो
वँया- क्यूँ
तुम कहीं नही जाओगे
एलीना- तुम चल रहे हो कि नही
वँया- तुम नही जाओगे
दिलीप- चुप करो दोनो
एलीना तुम इधर आके सो जाओ
और तू इधर सो मेरी चुहिया
और मैं बीच में सोता हूँ
[फिर क्या था बीच में मैं सोया,एक साइड वँया और एक साइड एलीना
लेकिन मुझे क्या पता था,आज मेरी ऐसी तैसी करने वाली थी यह
मैं उसका हाथ पकड़के अपनी तरफ खींचा
दिलीप- अरे मेरी जान पहले गुडनाइट किस तो दीजिए
विदू शरमाते हुए मेरे होंठो पे किस करके चली गयी
फिर मैं वँया के रूम में गया चुहिया पढ़ाई कर रही थी
मैं उसके पास बैठ गया और उसे देखने लगा
दिलीप- कल मैं और विदू सिमिता मासी के यहाँ जा रहे हैं
वँया- क्यूँ
दिलीप- बस ऐसे ही
वँया- मैं भी चलूंगी
दिलीप- पढ़ाई कौन करेगा
वँया- तुम भी तो जा रहे हो
दिलीप- जल्द ही आजाउन्गा
वँया- सब जानती हूँ,सब से ज़्यादा तुम दीदी से ही प्यार करते हो
दिलीप- यह तो सच कह रही हो तुम
[वँया मुझे मारने लगी
मैने वँया को अपने सीने से लगा लिया
तभी एलीना रूम में आई
एलीना- सारा प्यार उसी पे लूटा दो
दिलीप- अब तुम भी शुरू हो गयी
एलीना- सच ही कह रही हूँ
दिलीप- तू चल रूम में तुझे बता ता हूँ
एलीना- यही पे बताओ जो बताना है
दिलीप- तुम कल से वँया को कॉलेज छोड़ने जाओगी,और लेके भी आओगी
एलीना- इसके बदले मुझे क्या मिलेगा
दिलीप- पास तो आओ
एलीना- नही मेरे साथ चलो
वँया- क्यूँ
तुम कहीं नही जाओगे
एलीना- तुम चल रहे हो कि नही
वँया- तुम नही जाओगे
दिलीप- चुप करो दोनो
एलीना तुम इधर आके सो जाओ
और तू इधर सो मेरी चुहिया
और मैं बीच में सोता हूँ
[फिर क्या था बीच में मैं सोया,एक साइड वँया और एक साइड एलीना
लेकिन मुझे क्या पता था,आज मेरी ऐसी तैसी करने वाली थी यह
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
रात में हम तीनो सो गये कुछ देर बाद मैं नींद में ही करवट लिया और वँया को अपनी बाहो में भर लिया अगले ही पल मेरे पिच्छवाड़े पे किसी ने चींटी काटी,मेरी आँख खुल गयी
मैने देखा एलीना सोई हुई थी,मुझे अजीब लगा
फिर मैं सो गया
एक बार फिर मैं नींद में करवट लेके एलीना को अपनी बाहो में भर लिया
एक बार फिर किसी ने चींटी काटी,मेरी आँख खुल गयी
अब मुझे गुस्सा आने लगा था
दोनो मिलके मेरी ले रही थी
लेकिन मैं कर भी क्या सकता था
मैं दोबारा सो गया
इस बार मैं आराम से सोया,सुबह जब मेरी आँख खुली तो वँया मेरी बाहो में थी,और एलीना मुझे पीछे से गले लगाए हुई थी...
सुबह जब मेरी आँख खुली तो वँया मेरी बाहो में थी,और एलीना मुझे पीछे से गले लगाए हुई थी
मैं उठके बाथरूम गया नाहके कपड़े पहना फिर वँया और एलीना को जगाया
एलीना अपने रूम में चली गयी,मैं अपने रूम में आया
कुछ देर बाद हम सबने नाश्ता किया
बड़े मामा मुझे घूर घुरके देख रहे थे
फिर मैं अपने रूम में आया,एलीना और वँया मेरे रूम में आई और मेरे गले लग गयी फिर एलीना वँया को लेके कॉलेज चली गयी
..................................
मैने देखा एलीना सोई हुई थी,मुझे अजीब लगा
फिर मैं सो गया
एक बार फिर मैं नींद में करवट लेके एलीना को अपनी बाहो में भर लिया
एक बार फिर किसी ने चींटी काटी,मेरी आँख खुल गयी
अब मुझे गुस्सा आने लगा था
दोनो मिलके मेरी ले रही थी
लेकिन मैं कर भी क्या सकता था
मैं दोबारा सो गया
इस बार मैं आराम से सोया,सुबह जब मेरी आँख खुली तो वँया मेरी बाहो में थी,और एलीना मुझे पीछे से गले लगाए हुई थी...
सुबह जब मेरी आँख खुली तो वँया मेरी बाहो में थी,और एलीना मुझे पीछे से गले लगाए हुई थी
मैं उठके बाथरूम गया नाहके कपड़े पहना फिर वँया और एलीना को जगाया
एलीना अपने रूम में चली गयी,मैं अपने रूम में आया
कुछ देर बाद हम सबने नाश्ता किया
बड़े मामा मुझे घूर घुरके देख रहे थे
फिर मैं अपने रूम में आया,एलीना और वँया मेरे रूम में आई और मेरे गले लग गयी फिर एलीना वँया को लेके कॉलेज चली गयी
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- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
करीब 10 बजे हम कार में निकले
दिलीप- आपने सिमिता मासी को फोन किया कि हम आ रहे हैं
विदू- आपने कहा था फोन करने को
दिलीप- नही
विदू- जब हम पहुँच जाए मुझे उठा दीजिएगा
[और विदू मेरी कंधे पे रखके आँखें बंद कर ली
करीब 3 घंटे बाद मैने एक जगह कार रोकी
मैं और विदू एक होटेल के पास रुके और कुछ खाने लगे,जब हम खा रहे थे,तब एक आदमी आया और मेरी कार की डिकी खोलके उसमें
एक बॅग रख दिया
फिर से हमारा सफ़र शुरू हो गया
2 घंटे बाद हम सिमिता के घर पहुँचे
सिमिता मौसी का घर भी काफ़ी बड़ा था
विदू ने डोरबेल बजाई
कुछ देर बाद गेट खुला और सामने प्रीति खड़ी थी
जो उच्छलते हुए विदू के गले लग गयी
सिमिता मौसी- कौन है प्रीति
प्रीति- विद्या दी आई हैं माँ
[यह कहते हुए प्रीति मेरे गले लग गयी
प्रीति- आज मैं बहुत खुश हूँ आप आए
दिलीप- तुम्हारे लिए तो आया हूँ
प्रीति- झूठ मत बोलिए
[फिर विदू और प्रीति अंदर चली गयी
और मैं कार से सामान निकालके अंदर ले गया
विदू और सिमिता मौसी एक दूसरे से बात कर रही थी
मैं मासी के पैर छुआ
मासी सर पे हाथ रखके बोली,हमेशा खुश रहिए
प्रीति मुझे पानी लाके दी
मैं पानी पी लिया
प्रीति- आप मेरी मनझली भाभी और छोटी भाभी को नही लाए
दिलीप- आपकी मनझली भाभी को पढ़ना है,और आपकी छोटी भाभी को उसका ख्याल रखना है
प्रीति- आप मेरे रूम में चलिए मैं आपको अपना रूम दिखाती हूँ
[मुझे यकीन नही हो रहा था,जो प्रीति मुझसे सिर्फ़ एक बार बात की थी,वो आज मुझपे इतना प्यार जता रही है
मैं उसके साथ उसके रूम में गया
वो मुझे अपना रूम दिखाने लगी
दिलीप- आपने सिमिता मासी को फोन किया कि हम आ रहे हैं
विदू- आपने कहा था फोन करने को
दिलीप- नही
विदू- जब हम पहुँच जाए मुझे उठा दीजिएगा
[और विदू मेरी कंधे पे रखके आँखें बंद कर ली
करीब 3 घंटे बाद मैने एक जगह कार रोकी
मैं और विदू एक होटेल के पास रुके और कुछ खाने लगे,जब हम खा रहे थे,तब एक आदमी आया और मेरी कार की डिकी खोलके उसमें
एक बॅग रख दिया
फिर से हमारा सफ़र शुरू हो गया
2 घंटे बाद हम सिमिता के घर पहुँचे
सिमिता मौसी का घर भी काफ़ी बड़ा था
विदू ने डोरबेल बजाई
कुछ देर बाद गेट खुला और सामने प्रीति खड़ी थी
जो उच्छलते हुए विदू के गले लग गयी
सिमिता मौसी- कौन है प्रीति
प्रीति- विद्या दी आई हैं माँ
[यह कहते हुए प्रीति मेरे गले लग गयी
प्रीति- आज मैं बहुत खुश हूँ आप आए
दिलीप- तुम्हारे लिए तो आया हूँ
प्रीति- झूठ मत बोलिए
[फिर विदू और प्रीति अंदर चली गयी
और मैं कार से सामान निकालके अंदर ले गया
विदू और सिमिता मौसी एक दूसरे से बात कर रही थी
मैं मासी के पैर छुआ
मासी सर पे हाथ रखके बोली,हमेशा खुश रहिए
प्रीति मुझे पानी लाके दी
मैं पानी पी लिया
प्रीति- आप मेरी मनझली भाभी और छोटी भाभी को नही लाए
दिलीप- आपकी मनझली भाभी को पढ़ना है,और आपकी छोटी भाभी को उसका ख्याल रखना है
प्रीति- आप मेरे रूम में चलिए मैं आपको अपना रूम दिखाती हूँ
[मुझे यकीन नही हो रहा था,जो प्रीति मुझसे सिर्फ़ एक बार बात की थी,वो आज मुझपे इतना प्यार जता रही है
मैं उसके साथ उसके रूम में गया
वो मुझे अपना रूम दिखाने लगी
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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