Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
Nice update, please give next updates early. Thanking you.
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 13
कॉलेज से वापस आकर मैं सीधा संपत मामा से मिलने पहुच गया था ..
मैने उन्हे सारी बात बता दी कि कैसे तिवारी की बेटी हमारे ही कॉलेज मे है और मेरे ही दोस्त की फियाँसे है …
“अबे भल्ला साहब का बेटा तेरा दोस्त है ??”
मैने कंधे उच्काये, मुझे नही पता था कि अर्जित के पिता का नाम क्या था हाँ उसका सरनेम भल्ला ही था ..
“अरे तिवारी की बेटी की शादी बहुत बड़े बिज़्नेसमॅन भल्ला के बेटे से फिक्स हुई है ये तो मैने भी सुना था, तू तो अमीर लोगो के साथ उठने बैठने लगा रे ..”
मामा ने मेरी खिचाई की
“अरे नही मामा वो बस मेरे दोस्त है , और साथ ही मुझे मेरी औकात का पता है ..”
“अरे बेटे तेरी औकात क्या है अभी तुझे नही पता , तू इन सब का बाप बनेगा एक दिन “
मामा ने मेरे कंधे पर हाथ रखा
“अरे वो सब छोड़िए मामा जी , ये बताइए कि क्या कुछ ऐसा हो सकता है कि मेरे दोस्त की भी मदद हो जाए और साथ ही हमारी भी, मतलब आपको तिवारी से खुन्नस है ना ..”
मामा ने मेरी ओर बड़े ही ध्यान से देखा
“बेटा दया शंकर कोई आम इंसान नही है, उससे खेलना किसी आग से खेलने जैसा है, थोड़ी भी चूक हुई तो जल जाएगा …”
“लेकिन मैं सच मे उसकी मदद करना चाहता हूँ “
मामा के होठों मे मुस्कान आ गयी
“ठीक है तू अपने दोस्त की मदद कर, अगर मेरी कोई ज़रूरत हो तो बताना, और रही हमारे गॅंग से उसकी दुश्मनी की बात तो हमपर छोड़ दे, बस एक चीज़ याद रखना कि दया संकर को कभी भी इस बात का पता नही चलना चाहिए कि तू मुझसे रिलेटेड है, अगर उसे ये पता
चला ना तो तुझे मारने मे एक मिनिट की देरी नही करेगा …”
आख़िर क्या था इन दोनो के बीच अभी तक किसी ने मुझे ये बताया नही था,
मैने बस उनकी बातों पर अपना सर हिलाया …….
रात मैं भाभी के पास बैठा हुआ कुछ सोच रहा था ,
“क्या हुआ सोनू कहीं खोया खोया लग रहा है “
मेरा ध्यान भाभी के उपर गया, वो एक झीनी सी साड़ी पहने हुए थी, ब्लाउस से उनका योवन बाहर झाँक रहा था, ऐसे तो मेरे दिल मे कभी भी उनके लिए कोई बुरा ख्याल नही आया था लेकिन नज़रो का क्या करे वो तो पीछे चली ही जाती है ना…….
मुझे उनके गले के पास एक हल्के से खरोच के निशान दिखाई दिए ..
“भाभी ये क्या है “
मैने उस निशान को ध्यान से देखा ऐसा लगा जैसे किसी के नाख़ून से लगे है ..
मेरी बात सुनकर भाभी के चेहरे का रंग जैसे उड़ गया था
“अरे कुछ नही बेटा बस ..”
मेरी भावे टन गई थी , मेरी भाभी मुझसे कभी झूठ नही बोलती थी ये उनका स्वाभाव नही था …
“आप मुझसे अगर झूठ बोलने की कोशिस कर रही हो तो मत बोलना, नही बोल पाओगी…”
उनके होठों मे एक मुस्कान सी आ गयी
“असल मे मेरी लड़ाई हो गई थी “
“व्हाट किससे ..??”
“वो यहाँ काम करने वाली एक औरत से “
“आख़िर कैसे “ भाभी का स्वाभाव बहुत ही शांत किस्म का था वो किसी से लड़ी होगी तो ये कोई ना कोई बड़ी बात ज़रूर रही होगी …
“अरे कुछ नही बस कुछ बाते हो गई थी, मैने भी अच्छे से मज़ा चखा दिया उसे … वो सब छोड़ और तू बता कि तू क्यो मूह लटकाए बैठा है ..??”
मैने भाभी को सभी बाते बताई, तिवारी की बेटी का नाम सुनकर तो उनका भी चेहरा थोड़ा तन गया था ..
“तुझे तो उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए लेकिन ..”
“लेकिन क्या भाभी “
“वो लोग बड़े लोग है बेटा पैसे वाले लोग है , उनके पास ना सिर्फ़ पैसा है बल्कि पॉवेर भी है , और हमारी हालत तो तू जानता ही है , अगर कुछ हुआ तो उस अजजु और सस का कुछ भी नही जाएगा, लेकिन तेरा ……तेरी तो जिंदगी को भी ख़तरा हो सकता है “
भाभी की बात ऐसे तो बिल्कुल ही सही थी
कॉलेज से वापस आकर मैं सीधा संपत मामा से मिलने पहुच गया था ..
मैने उन्हे सारी बात बता दी कि कैसे तिवारी की बेटी हमारे ही कॉलेज मे है और मेरे ही दोस्त की फियाँसे है …
“अबे भल्ला साहब का बेटा तेरा दोस्त है ??”
मैने कंधे उच्काये, मुझे नही पता था कि अर्जित के पिता का नाम क्या था हाँ उसका सरनेम भल्ला ही था ..
“अरे तिवारी की बेटी की शादी बहुत बड़े बिज़्नेसमॅन भल्ला के बेटे से फिक्स हुई है ये तो मैने भी सुना था, तू तो अमीर लोगो के साथ उठने बैठने लगा रे ..”
मामा ने मेरी खिचाई की
“अरे नही मामा वो बस मेरे दोस्त है , और साथ ही मुझे मेरी औकात का पता है ..”
“अरे बेटे तेरी औकात क्या है अभी तुझे नही पता , तू इन सब का बाप बनेगा एक दिन “
मामा ने मेरे कंधे पर हाथ रखा
“अरे वो सब छोड़िए मामा जी , ये बताइए कि क्या कुछ ऐसा हो सकता है कि मेरे दोस्त की भी मदद हो जाए और साथ ही हमारी भी, मतलब आपको तिवारी से खुन्नस है ना ..”
मामा ने मेरी ओर बड़े ही ध्यान से देखा
“बेटा दया शंकर कोई आम इंसान नही है, उससे खेलना किसी आग से खेलने जैसा है, थोड़ी भी चूक हुई तो जल जाएगा …”
“लेकिन मैं सच मे उसकी मदद करना चाहता हूँ “
मामा के होठों मे मुस्कान आ गयी
“ठीक है तू अपने दोस्त की मदद कर, अगर मेरी कोई ज़रूरत हो तो बताना, और रही हमारे गॅंग से उसकी दुश्मनी की बात तो हमपर छोड़ दे, बस एक चीज़ याद रखना कि दया संकर को कभी भी इस बात का पता नही चलना चाहिए कि तू मुझसे रिलेटेड है, अगर उसे ये पता
चला ना तो तुझे मारने मे एक मिनिट की देरी नही करेगा …”
आख़िर क्या था इन दोनो के बीच अभी तक किसी ने मुझे ये बताया नही था,
मैने बस उनकी बातों पर अपना सर हिलाया …….
रात मैं भाभी के पास बैठा हुआ कुछ सोच रहा था ,
“क्या हुआ सोनू कहीं खोया खोया लग रहा है “
मेरा ध्यान भाभी के उपर गया, वो एक झीनी सी साड़ी पहने हुए थी, ब्लाउस से उनका योवन बाहर झाँक रहा था, ऐसे तो मेरे दिल मे कभी भी उनके लिए कोई बुरा ख्याल नही आया था लेकिन नज़रो का क्या करे वो तो पीछे चली ही जाती है ना…….
मुझे उनके गले के पास एक हल्के से खरोच के निशान दिखाई दिए ..
“भाभी ये क्या है “
मैने उस निशान को ध्यान से देखा ऐसा लगा जैसे किसी के नाख़ून से लगे है ..
मेरी बात सुनकर भाभी के चेहरे का रंग जैसे उड़ गया था
“अरे कुछ नही बेटा बस ..”
मेरी भावे टन गई थी , मेरी भाभी मुझसे कभी झूठ नही बोलती थी ये उनका स्वाभाव नही था …
“आप मुझसे अगर झूठ बोलने की कोशिस कर रही हो तो मत बोलना, नही बोल पाओगी…”
उनके होठों मे एक मुस्कान सी आ गयी
“असल मे मेरी लड़ाई हो गई थी “
“व्हाट किससे ..??”
“वो यहाँ काम करने वाली एक औरत से “
“आख़िर कैसे “ भाभी का स्वाभाव बहुत ही शांत किस्म का था वो किसी से लड़ी होगी तो ये कोई ना कोई बड़ी बात ज़रूर रही होगी …
“अरे कुछ नही बस कुछ बाते हो गई थी, मैने भी अच्छे से मज़ा चखा दिया उसे … वो सब छोड़ और तू बता कि तू क्यो मूह लटकाए बैठा है ..??”
मैने भाभी को सभी बाते बताई, तिवारी की बेटी का नाम सुनकर तो उनका भी चेहरा थोड़ा तन गया था ..
“तुझे तो उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए लेकिन ..”
“लेकिन क्या भाभी “
“वो लोग बड़े लोग है बेटा पैसे वाले लोग है , उनके पास ना सिर्फ़ पैसा है बल्कि पॉवेर भी है , और हमारी हालत तो तू जानता ही है , अगर कुछ हुआ तो उस अजजु और सस का कुछ भी नही जाएगा, लेकिन तेरा ……तेरी तो जिंदगी को भी ख़तरा हो सकता है “
भाभी की बात ऐसे तो बिल्कुल ही सही थी
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“लेकिन भाभी अगर दोस्ती निभाने मे अगर जान की परवाह की होती तो हरिया और सोहन ने दोस्ती नही निभाई होती, वो दोनो भी अपने जान की परवाह करते हुए हमे ऐसे ही छोड़ देते ..”
हरिया और सोहन मेरे गाँव वाले दोस्त थे जिन्होने हमे गाँव से भागने मे मदद की थी ..
मेरी बात सुनकर भाभी थोड़ी गंभीर हो गई थी
“तू सही कह रहा है सोनू लेकिन वो दोनो ही तेरे बचपन के दोस्त थे, हमारे परिवार की स्तिथि भी समान थी, लेकिन ये लोग हमसे इतने अलग भी है और साथ ही साथ तू अभी अभी तो इनसे मिला है अभी से इतना भरोशा करना क्या ठीक होगा ..”
मेरे होठों मे के मुस्कान आ गई
“भाभी हम इस शहर मे दूसरो पर भरोसा करके ही तो रह रहे है, देखो ना कालवा भाई पर भरोशा किया और अब संपत मामा पर, अंजान लोगो ने ही तो हमारी मदद की है यहाँ पर “
मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा उठी थी
“सही कहा सोनू, कौन कब मदद करता है पता ही नही चलता, एक वो थे जिसपर इतना भरोशा था कि माँ की बात अनसुनी करके घर छोड़ कर चली आई, और उस शख्स ने ही दिल तोड़ दिया और एक तू है जिसने मुझे इतना प्यार दिया “
फिर से भाभी की आँखे भर आई थी, भाभी की यही बात मुझे सबसे ज्यदा नापसंद थी, वो बात बात मे एमोशनल हो जाती थी..
मैने उनके गले मे अपनी बाँहे डाल दी और उनके नाज़ुक और फूले हुए गालो मे एक चुम्मन दे दिया ..
“फिर से रोना नही, जब देखो शुरू हो जाती हो “
उन्होने मुस्कुराते हुए मेरे कंधे पर हल्की सी चपत लगा दी
“क्या करू बेटा जो धोखा उस आदमी ने मेरे साथ किया और जो नाइंसाफी उनसे तेरे साथ किया है उसे भूल भी तो नही सकती ना ..”
मैने उनके गालो को प्यार से सहलाया
“भाभी वो तो खून के आँसू रोएगा उसकी चिंता आप क्यो कर रही हो, आप जैसी देवी को छोड़कर उसने उस रंडी को अपने घर मे रखा है ना देखना वही उसे लात मार्कर घर से बाहर निकालेगी, और जिस दिन मैं कुछ बन जाउ तो गाँव जाकर उसे दुनिया के सामने जलील करूँगा,
और रही हक की बात तो हाँ साले के गले से नही छीना तो मेरा नाम भी शिवा नही है “
मेरी आँखे गुस्से से लाल हो गई थी, मेरे मूह से शिवा निकला था पता नही क्यो लेकिन मैं सच मे वो बनना चाहता था जो मुझे संपत बनाना चाहता था …
भाभी ने बड़े ही प्यार से मेरे गालो पर अपना हाथ फेरा ..
“तू तो मेरा प्यारा सोनू है, मेरा बेटा है मैं नही चाहती की तू शिवा बने “
भाभी के प्यार भरे स्पर्श से मेरा गुस्सा थोड़ा शांत हो गया था
“आपके लिए तो मैं हमेशा ही सोनू रहूँगा भाभी लेकिन बुरे लोगो की दुनिया मे मैं शिवा बनकर नाम कमाउन्गा और समाज मे अंकित बनकर ..”
उन्होने मेरे गालो मे एक किस दिया
“तू जो भी करे मैं तेरे साथ हूँ सोनू”
उनका ये ममता से भरा हुआ स्पर्श मेरे दिल को बिल्कुल ही शांत कर चुका था
“भाभी मेरे लिए एक काम करना “
“जो बोल “
“कल सुबह क्या आप मेरे और मेरे दोस्तो के लिए आलू के पराठा बना सकती हो, वो मुझे रोज ही कॅंटीन मे ट्रीट देते है मुझे अच्छा नही लगता कल मैं उन्हे कुछ खिलाना चाहता हू “
भाभी ने मुस्कुराते हुए हां मे सर हिला दिया
“और भाभी आप कुछ सोचो ना कि आज्जु को उस सस के चंगुल से कैसे निकाला जाए .”
वो थोड़ी सी हँसी
“बेटा जैसा तूने बताया सूस कोई बुरी लड़की नही है, बस बेचारी है, वो भी नही चाहती कि उसकी शादी आज्जु से हो जाए”
मैने अपनी भाव चढ़ा ली थी
“वो बुरी लड़की नही है ??? भाभी तो ग़रीब लोगो से नफ़रत करती है “
भाभी के चेहरे मे मुस्कान थी
“क्योकि अभी तक उसे तेरे जैसा अच्छा दोस्त नही मिला, उसे कल पराठा खिला और उससे दोस्ती कर ले, उसके बिना कुछ नही हो पाएगा, अगर वो तुम्हारी टीम मे होगी तो मामला आसानी से निपट जाएगा … ऐसे भी कोई जल्दबाज़ी करने की ज़रूरत नही है अभी, तुम लोगो के पास पूरे 3 साल है कॉलेज पूरा हुए बिना तो तिवारी उनकी शादी नही करवाएगा “
मैने सहमति मे सर हिलाया
“हाँ ये भी सही है “
“चल अब सो जा, सुबह जल्दी उठना भी तो पड़ता है ना ..”
“मैं आपके साथ सोउंगा..”
मैं उनके बाँहो मे झूल गया था, जिसके कारण वो बिस्तर मे गिर गई , वो भी हसने ल्गी ..
“इतना बड़ा हो गया है लेकिन बच्पना नही छोड़ता..”
“मैं तो बच्चा ही हूँ आपका “
मैने पूरी ताकत से उनके गालो को अपने होठों मे भर लिया था ,उन्होने आँखे बंद कर ली और फिर मेरे गालो मे एक प्यारा सा चुम्मन देकर मुझे अपने सीने से लगा लिया, उनके वक्षो(बूब्स) की कोमलता को मैं अपने गालो मे महसूस कर रहा था, मैने उस गहराई मे अपने सर को हल्के से चलाया, पर्वतों के समान उठे हुए वक्षो मे मेरे बाल घिस रहे थे, उन्होने भी मुझे अपने सीने मे दबा लिया था, ये एक ऐसा अहसास था
जिसे पाकर मैं अपने को दुनिया का सबसे ख़ुसनशीब इंसान समझने लगता था, भाभी प्रेम से भरी हुई मेरे बालो पर अपने हाथ फिरा रही थी, और मैं उनके उरजो(बूब्स) को अपना तकिया बना नींद की आगोश मे जाने लगा था…
उन प्रेम से उमड़ती हुई छातियो मे खुद को किसी बच्चे के जैसे छिपाए हुए मुझे कब नींद ने जकड लिया मुझे पता ही नही चला ………
हरिया और सोहन मेरे गाँव वाले दोस्त थे जिन्होने हमे गाँव से भागने मे मदद की थी ..
मेरी बात सुनकर भाभी थोड़ी गंभीर हो गई थी
“तू सही कह रहा है सोनू लेकिन वो दोनो ही तेरे बचपन के दोस्त थे, हमारे परिवार की स्तिथि भी समान थी, लेकिन ये लोग हमसे इतने अलग भी है और साथ ही साथ तू अभी अभी तो इनसे मिला है अभी से इतना भरोशा करना क्या ठीक होगा ..”
मेरे होठों मे के मुस्कान आ गई
“भाभी हम इस शहर मे दूसरो पर भरोसा करके ही तो रह रहे है, देखो ना कालवा भाई पर भरोशा किया और अब संपत मामा पर, अंजान लोगो ने ही तो हमारी मदद की है यहाँ पर “
मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा उठी थी
“सही कहा सोनू, कौन कब मदद करता है पता ही नही चलता, एक वो थे जिसपर इतना भरोशा था कि माँ की बात अनसुनी करके घर छोड़ कर चली आई, और उस शख्स ने ही दिल तोड़ दिया और एक तू है जिसने मुझे इतना प्यार दिया “
फिर से भाभी की आँखे भर आई थी, भाभी की यही बात मुझे सबसे ज्यदा नापसंद थी, वो बात बात मे एमोशनल हो जाती थी..
मैने उनके गले मे अपनी बाँहे डाल दी और उनके नाज़ुक और फूले हुए गालो मे एक चुम्मन दे दिया ..
“फिर से रोना नही, जब देखो शुरू हो जाती हो “
उन्होने मुस्कुराते हुए मेरे कंधे पर हल्की सी चपत लगा दी
“क्या करू बेटा जो धोखा उस आदमी ने मेरे साथ किया और जो नाइंसाफी उनसे तेरे साथ किया है उसे भूल भी तो नही सकती ना ..”
मैने उनके गालो को प्यार से सहलाया
“भाभी वो तो खून के आँसू रोएगा उसकी चिंता आप क्यो कर रही हो, आप जैसी देवी को छोड़कर उसने उस रंडी को अपने घर मे रखा है ना देखना वही उसे लात मार्कर घर से बाहर निकालेगी, और जिस दिन मैं कुछ बन जाउ तो गाँव जाकर उसे दुनिया के सामने जलील करूँगा,
और रही हक की बात तो हाँ साले के गले से नही छीना तो मेरा नाम भी शिवा नही है “
मेरी आँखे गुस्से से लाल हो गई थी, मेरे मूह से शिवा निकला था पता नही क्यो लेकिन मैं सच मे वो बनना चाहता था जो मुझे संपत बनाना चाहता था …
भाभी ने बड़े ही प्यार से मेरे गालो पर अपना हाथ फेरा ..
“तू तो मेरा प्यारा सोनू है, मेरा बेटा है मैं नही चाहती की तू शिवा बने “
भाभी के प्यार भरे स्पर्श से मेरा गुस्सा थोड़ा शांत हो गया था
“आपके लिए तो मैं हमेशा ही सोनू रहूँगा भाभी लेकिन बुरे लोगो की दुनिया मे मैं शिवा बनकर नाम कमाउन्गा और समाज मे अंकित बनकर ..”
उन्होने मेरे गालो मे एक किस दिया
“तू जो भी करे मैं तेरे साथ हूँ सोनू”
उनका ये ममता से भरा हुआ स्पर्श मेरे दिल को बिल्कुल ही शांत कर चुका था
“भाभी मेरे लिए एक काम करना “
“जो बोल “
“कल सुबह क्या आप मेरे और मेरे दोस्तो के लिए आलू के पराठा बना सकती हो, वो मुझे रोज ही कॅंटीन मे ट्रीट देते है मुझे अच्छा नही लगता कल मैं उन्हे कुछ खिलाना चाहता हू “
भाभी ने मुस्कुराते हुए हां मे सर हिला दिया
“और भाभी आप कुछ सोचो ना कि आज्जु को उस सस के चंगुल से कैसे निकाला जाए .”
वो थोड़ी सी हँसी
“बेटा जैसा तूने बताया सूस कोई बुरी लड़की नही है, बस बेचारी है, वो भी नही चाहती कि उसकी शादी आज्जु से हो जाए”
मैने अपनी भाव चढ़ा ली थी
“वो बुरी लड़की नही है ??? भाभी तो ग़रीब लोगो से नफ़रत करती है “
भाभी के चेहरे मे मुस्कान थी
“क्योकि अभी तक उसे तेरे जैसा अच्छा दोस्त नही मिला, उसे कल पराठा खिला और उससे दोस्ती कर ले, उसके बिना कुछ नही हो पाएगा, अगर वो तुम्हारी टीम मे होगी तो मामला आसानी से निपट जाएगा … ऐसे भी कोई जल्दबाज़ी करने की ज़रूरत नही है अभी, तुम लोगो के पास पूरे 3 साल है कॉलेज पूरा हुए बिना तो तिवारी उनकी शादी नही करवाएगा “
मैने सहमति मे सर हिलाया
“हाँ ये भी सही है “
“चल अब सो जा, सुबह जल्दी उठना भी तो पड़ता है ना ..”
“मैं आपके साथ सोउंगा..”
मैं उनके बाँहो मे झूल गया था, जिसके कारण वो बिस्तर मे गिर गई , वो भी हसने ल्गी ..
“इतना बड़ा हो गया है लेकिन बच्पना नही छोड़ता..”
“मैं तो बच्चा ही हूँ आपका “
मैने पूरी ताकत से उनके गालो को अपने होठों मे भर लिया था ,उन्होने आँखे बंद कर ली और फिर मेरे गालो मे एक प्यारा सा चुम्मन देकर मुझे अपने सीने से लगा लिया, उनके वक्षो(बूब्स) की कोमलता को मैं अपने गालो मे महसूस कर रहा था, मैने उस गहराई मे अपने सर को हल्के से चलाया, पर्वतों के समान उठे हुए वक्षो मे मेरे बाल घिस रहे थे, उन्होने भी मुझे अपने सीने मे दबा लिया था, ये एक ऐसा अहसास था
जिसे पाकर मैं अपने को दुनिया का सबसे ख़ुसनशीब इंसान समझने लगता था, भाभी प्रेम से भरी हुई मेरे बालो पर अपने हाथ फिरा रही थी, और मैं उनके उरजो(बूब्स) को अपना तकिया बना नींद की आगोश मे जाने लगा था…
उन प्रेम से उमड़ती हुई छातियो मे खुद को किसी बच्चे के जैसे छिपाए हुए मुझे कब नींद ने जकड लिया मुझे पता ही नही चला ………
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
बहुत ही शानदार अपडेट है
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