Incest घरेलू चुते और मोटे लंड

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vnraj
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Re: Incest घरेलू चुते और मोटे लंड

Post by vnraj »

(^^d^-1$s7) 😀 जबरदस्त अपडेट है भाई लगे रहिए
rockkeysingh
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Re: Incest घरेलू चुते और मोटे लंड

Post by rockkeysingh »

वाह गजब
rockkeysingh
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Joined: 07 May 2020 00:03

Re: Incest घरेलू चुते और मोटे लंड

Post by rockkeysingh »

आगे क्या हुआ
Masoom
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Re: Incest घरेलू चुते और मोटे लंड

Post by Masoom »

सोनू उर्मिला की बूर को ध्यान से देखता है. उसकी आँखों के सामने पायल की बूर नज़र आने लगती है. सोनू का लंड एक हुंकार मारता है और वो उर्मिला पर छलांग लगा देता है. सोनू का लंड सीधे उर्मिला की खुली हुई गीली बूर में अन्दर तक घुस जाता है और ऊपर सोनू उसके बड़े-बड़े दूध को पीने लगता है. उर्मिला भी अपनी टाँगे सोनू की कमर के इर्द-गिर्द लपेट लेती है. सोनू पायल को याद करता हुआ, उर्मिला के दूध पीता हुआ, अपने मोटे लंड को उर्मिला की बूर में ठूंसने लगता है.

सोनू: आह्ह्ह...!! पायल दीदी....मेरी प्यारी दीदी.....अपने भाई को बूर देदे दीदी...!!

सोनू के पागलपन का पूरा फ़ायदा उर्मिला उठाने लगती है. अपनी दीदी के लिए उसका ये जूनून उर्मिला के लिए किसी वरदान से कम नहीं था. सोनू उर्मिला की बूर को पायल की बूर समझ कर पेले जा रहा था और उर्मिला आँखे बंद किये पायल को मन ही मन दुआएँ दे रही थी.

उधर झोपड़े में गोलू कम्मो को अपने भारी शरीर के निचे दबाये अपना मोटा लंड उसकी बूर में झटके देते हुए पेल रहा था. कम्मो पूरी मदहोश हो चुकी थी.

गोलू: आह....!! कम्मो दीदी....म..मैं आपकी रोज चुदाई करूँगा....आह्ह्ह....!! अपनी प्यारी दीदी की बूर में रोज लंड पेलूँगा.....
कम्मो: ह..हाँ गोलू....अब मैं भी कभी भुट्टा अपनी बूर में नहीं लुंगी. बस तेरा मोटा लंड ही मेरी बूर में जायेगा....आह.....!!

करहाते हुए कम्मो अपने हाथों को सर के पीछे कर लेती है. उसकी हलके बालोवाली दोनों पसीने से भरी बगले गोलू की आँखों के सामने खुल जाती है. अपनी दीदी के बगल की पसीने की महक आग में घी का काम करती है और गोलू अपना मुहँ कम्मो की बगल में घुसा देता है.

गोलू: आह....!! दीदी....(जोर से सांस लेते हुए) हुम्म्म्मम्म्म्म.....!!! आह्ह्हह्ह्ह्ह.....!!

कम्मो के बगल की महक लेते ही गोलू के कमर की रफ़्तार और भी ज्यादा बढ़ जाती है. उसका लंड कम्मो की बूर के अन्दर-बाहर जोर-जोर से होने लगता है. कामो जोश में अपनी टाँगे गोलू की कमर में बाँध लेती है और हाथों को उसके गले में. गोलू भी कम्मो की जाँघों को दोनों हाथो से मजबूती से पकड़ लेता है और एक ही झटके में कम्मो का शरीर गोलू के शरीर से चिपका हुआ हवा में उठ जाता है. अब गोलू खड़ा है और कम्मो अपनी टाँगे और हाथो को गोलू के शरीर से लपेटे हुए है. गोलू का लंड कम्मो की बूर में घुसा हुआ है और गोलू के हाथ पीछे से कम्मो की मोटी जाँघों को पकडे हुए है. गोलू जैसे ही अपने लंड को कम्मो की बूर में झटका देता है, कम्मो उच्छल के फिर से गोलू के लंड पर आ बैठती है. गोलू अपने लंड को उठा-उठा के कम्मो की बूर में देने लगता है और कम्मो गोलू के शरीर से लिपटे हुए उच्छल-उच्छल कर लंड लेने लगती है. ये आसन गोलू कई बार सरपंच के तालाब के पास छुप कर अपने दोस्तों के साथ गन्दी किताबों में देख चूका था. उसी ज्ञान का इस्तेमाल गोलू आज अपनी दीदी की चुदाई में कर रहा था. कम्मो, जिसके के लिए ये सब कुछ नया था, उसे बड़ा ही आनंद दे रहा था. गोलू, जो उसका अपना सगा छोटा भाई था, उससे चुदने में उसे अलग ही मजा आ रहा था. इस रिश्ते में इतनी गन्दगी भी हो सकती ही ये कम्मो ने कभी सोचा भी नहीं था. उसके लिए तो हमेशा से ही ये एक पाप से कम नहीं था. पर आज जब गोलू उसकी बूर में अपना मोटा लंड पेल रहा था तो कम्मो को पता चला की भाई-बहन के बीच का पापी रिश्ता इतना आनंदपूर्ण और उत्साहपूर्ण भी हो सकता है. आक की रात कम्मो गोलू से अलग नहीं होना चाहती थी. वो गोलू को मजबूती से पकडे उसके लंड पर उच्छले जा रही थी.

यहाँ उर्मिला, सोनू, गोलू और कम्मो के बीच चुदाई समारोह चल रहा था और वहाँ दूर, रामपुर, पायल के कमरे में, अलग ही तूफ़ान आया हुआ था. ज़मीन पर शीलाजीत की ३-४ खाली शीशियाँ, माल-डी की गोलियों की पत्ती और पायल की भीगी हुई पैन्टी पड़ी हुई थी. बिस्तर पर पसीने से लथपथ पायल तेज़ साँसे ले रही थी और रमेश जो पसीने से भीगे हुए थे, पायल पर चढ़कर अपना लम्बा और मोटा लंड उसकी बूर में पेले जा रहे थे.

पायल: आह्ह्ह...!! पापाssss....!! और कितना चोदीयेगा मुझे?
रमेश: तेरी जवानी में बड़ी आग है पायल. आज तेरी सारी गर्मी निकाल दूंगा....आह्ह्ह्ह....!!
पायल: ६ घंटे हो गए पापा मेरी चुदाई करते हुए....आह्ह्ह...!! शीलाजीत की ४ शीशियाँ आप खाली कर चुके हो......५ बार आप मेरी बूर में पानी गिरा चुके हो....अब तो रुक जाईये.....!
रमेश: शाम को तो रुक ही गया था ना बेटी. तुझे अपने बड़े-बड़े दूध उठा के किसने कहा था मेरे सामने आने? और फिर मेरे सामने अपनी बालोवाली बूर खोल के क्यूँ बैठ गई थी तू? बोल...?
पायल: बूर में बहुत खुजली हो रही थी पापा....इसलिए आपके सामने चली आई.....
रमेश: अब पापा तेरी बूर की खुजली मिटा रहे है तो क्यूँ चिल्ला रही है?

ये कहकर रमेश अपनी कमर जोर-जोर से पायल की जाँघों के बीच पटकने लगते है. पायल भी मस्ती में अपने हाथ रमेश के गले में डाल देती है और निचे से अपनी कमर उठा-उठा के पापा का लंड बूर में लेने लगती है. पायल की चुदाई करते हुए रमेश अपना चेहरा पायल के पास ले जा कर जीभ निकाल देते है तो पायल भी अपना सर उठा के उनकी जीभ मुहँ में भर के चूसने लगती है. कुछ देर बेटी से जीभ चुस्वाने के बाद रमेश उठकर बैठ जाते है और अपने हाथों को पायल की कमर के निचे ले जा कर उठा देते है. पायल की कमर ऊपर उठ जाती है और उसकी गीली, फैली हुई बालोवाली बूर रमेश के ठीक आँखों के सामने आ जाती है. सर आगे बढ़ाके रमेश पायल की बूर चाट लेते है और फिर अपनी लम्बी जीभ अन्दर घुसा के घुमाने लगते है. बिस्तर पर लेटी पायल पापा की इस हरकत से तड़प उठती है.

पायल: आह्ह्ह्ह....!! पापाssss.....!! मत चूसिये ना ऐसे मेरी बूर को.....मैं मर जाउंगी पापा....आह्ह्हह्ह....!!
रमेश: दिन भर तेरी बूर चुदी है पायल बेटी. तेरी फैली हुई बूर से रस पीने में बड़ा मजा आ रहा है.....उम्म्मम्म्म्म......!!

पायल की बूर का अच्छे से रसपान करने के बाद रमेश एक बार फिर अपने लंड को पायल की बूर में अन्दर तक ठूंस देते है और उसे अपने आलिंगन में ले कर चुदाई शुरू कर देते है. ६ घंटे लगातार चुदने के बाद भी पायल की गर्मी शांत नहीं हुई थी. अपने पापा से चुदाई में वो पूरा साथ देने लगती है. रमेश भी पूरे जोश में पायल की बूर चुदाई करने लगते है.

रमेश: आह्ह्हह्ह...पायल बेटी...पापा झड़ने वाले हैं बेटी....आह्ह्हह्ह्ह्ह.....!!
पापा की बात सुनते ही पायल अपनी टांगो का घेरा रमेश की कमर पर मजबूत कर लेती है और पैरो से पापा की कमर को अपनी तरफ दबा देती है. रमेश भी अब जोर-जोर से झटके देने लगते है. १५-२० जोरदार झटको के बाद रमेश के लंड से पानी निकलकर पायल की बच्चेदानी में गिरने लगता है. अपने पापा को पैरो से पकडे हुए पायल अपनी बूर को कास देती है तो रमेश का लंड झटके लेता हुआ अपना बचा हुआ पानी भी अन्दर गिरा देता है. कुछ देर रमेश वैसे ही पायल के ऊपर पड़े रहते है और फिर धीरे से अपना लंड उसकी बूर से निकाल लेते है. पायल भी आँखे बंद किये बिस्तर पर कुछ देर वैसे ही पड़ी रहती है. रमेश की नज़र पायल की बूर पर पड़ती है. पायल की बूर के ओंठ पूरे फैलकर जुदा हो चुके थे. बूर के अन्दर के लाल भाग में एक बड़ा सा छेद बंद चूका था जो एक घमासान चुदाई की गाथा सुना रहा था. बूर से गाड़ा सफ़ेद पानी धीरे-धीरे बह रहा था.



रमेश एक बार पायल के चेहरे को देखते है और फिर उसकी फैली हुई बूर को. रमेश को अपनी कही बात याद आती है जो उन्होंने पायल की चुदाई के पहले कही थी, "बेटी, आज तेरी इतनी बूर चुदाई करूँगा की तेरे बूर के ओंठ फ़ैल जायेंगे और आपस में चिपक ही नहीं पायेंगे". इस बात को याद करते ही रमेश के चेहरे पर एक मुस्कराहट आ जाती है.

(कहानी जारी है. अब तक कैसी लगी कृपया कर के बतायें )
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