दिव्या सीधे क्लास में चली जाती है और क्लास के बाद स्टाफ रूम में चली जाती है. मदन की हरकत से उसका मूड बहुत ख़राब हो गया है. उसका मन स्कूल में नहीं लगता तो वो घर चली जाती है लेकिन घर पर राजेश नहीं है. वो नीचे पार्क में टहलने चला गया था और इतेफाक से कर्नल लाला भी वहीँ था. वो राजेश को देख कर उसके पास आ जाता है.
लाला: और राजेश जी कहाँ गायब रहते है. रजिस्ट्री करवाने के बाद तो आप नजर ही नहीं आये.
राजेश: अरे कर्नल साहब. क्या बताऊँ काम से फुर्सत ही नहीं मिलती. फिलहाल एक हफ्ते की छुट्टी ली है इसलिए नीचे घूम रहा हूँ वरना इस शहर से उस शहर. यही जिंदगी है.
लाला: अरे मैंने तो फ्लैट ये सोचकर आपको दिया था की आप जैसे यंग आदमी के टाइम अच्छा बीतेगा. कंपनी मिलेगी. स्टैमिना कैसा है आपका.
राजेश: जी स्टैमिना मतलब.
लाला: अरे भाई ड्रिंक्स वगेरह में. स्कॉच व्हिस्की लेते हैं या नहीं.
राजेश: कर्नल साब पहले तो कभी कभार ले लेता था लेकिन शादी के बाद तो एकदम बंद है.
लाला: अच्छा. मैंने तो पूरा बार बना रखा है अपने फ्लैट में. कभी आइये देखने.
राजेश: जी कर्नल साब जरूर आऊंगा.
लाला: और कौन कौन है आपके घर में.
राजेश: जी यहाँ तो सिर्फ मेरी वाइफ ही रहती है. बाकी सब तो नेटिव प्लेस में हैं.
लाला: हाँ बताया था आपने. और उनका स्कूल कैसा चल रहा है. कोई भी दिक्कत हो तो मुझे बताइयेगा.
राजेश: स्कूल ठीक चल रहा है कर्नल साब.
लाला: एक काम करिए, कल आप अपनी वाइफ को लेकर मेरे यहाँ डिनर पर आइये.
राजेश: अरे आप क्यों तकल्लुफ करते है.
लाला: अरे इसमें तकल्लुफ की क्या बात है. आप यहाँ नए है. ज्यादा किसी को जानते भी नहीं है. घर में बैठे बैठे बोर हो जाते होंगे. मेरा भी तो कुछ फर्ज है. आखिर हम पडोसी है.
राजेश: जी मैं दिव्या से बात करके बताता हूँ.
लाला: बिलकुल बात कर लीजिये लेकिन डिनर तो आपको कल मेरे साथ ही करना है. इसी बहाने मेरा भी थोडा समय कट जायेगा. हा हा हा...
तभी राजेश को दिव्या कॉल करती है.
दिव्या: कहाँ हो तुम? मैं घर आ गयी हूँ.
राजेश: नीचे थोडा टहलने आ गया था. अभी आता हूँ.
राजेश कर्नल से इजाजत लेकर अपने फ्लैट में आ जाता है और दिव्या को बाँहों में भर लेता है.
Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
राजेश: लौट आई स्कूल से जान.
दिव्या: मुझे तो आये काफी देर हो गयी. तुम नीचे क्या कर रहे थे.
राजेश: अरे बोर हो रहा था तो नीचे टहलने चला गया और वहां कर्नल साहब मिल गए तो उनसे बाते करने लगा. उन्होंने हम दोनों को डिनर पर इनवाइट किया है.
दिव्या: अकेले चले जाना. मैं तो उन्हें जानती भी नहीं.
राजेश: यार उन्होंने हमें ये फ्लैट भी मार्किट रेट से कम में दिया और तुम्हारी नौकरी भी लगवाई है. देख लो.
दिव्या: ठीक है अगर तुम कहते हो तो चली चलूंगी लेकिन हम वहां बोर हो जायेंगे.
अब राजेश दिव्या के कान को किस करके उसके बदन से खेलने लगता है. दिव्या भी गरम होने लगती है लेकिन ये अब वो पहले वाली भोली दिव्या नहीं रही. वो राजेश को थोडा चिढाने के सोचती है. वो राजेश की अपने से दूर कर देती है.
दिव्या: क्या कर रहे हो. तुम्हे ऑफिस का काम नहीं करना क्या?
दिव्या अन्दर बेडरूम में जाकर लेट जाती है. राजेश उसके पीछे पीछे जाकर उसे फिर से अपनी बाँहों में ले लेता है.
राजेश: अब मत तडपाओ मेरी जान. मैं वैसे ही तुम्हारे बिना कैसे रहता हूँ तुम्हे क्या बताऊँ.
राजेश दिव्या को घुमा कर अपने ऊपर ले आता है और उसके होठों पर अपने होठ रख देता है. दिव्या का मन तो राजेश को और तडपाने का था लेकिन अब वो रुक नहीं पाती और राजेश के होठों को चूसने लगती है. राजेश का लंड अब एकदम तन जाता है.
राजेश अपने हाथ दिव्या की गांड की ओर बढ़ा देता है. सलमान से चुद कर दिव्या भी अब सेक्सकला में पारंगत हो गयी है. वो पागलो की तरह राजेश का बदन चूमते हुए राजेश के निप्पल मुह में लेकर काटने लगती है. राजेश नीचे पड़ा आहें भरता है.
राजेश: अआह जान ये क्या कर रही हो आज.
दिव्या का मन अब राजेश के लंड से खेलने का करता है. वो अपना हाथ राजेश के लंड की ओर ले जाती है और राजेश का पूरा लंड उसके हाथ में समा जाता है. दिव्या को थोड़ी निराशा होती है क्योंकि सलमान का लंड उसके हाथ में नहीं आता था. लेकिन वो अपने हस्बैंड से बहुत प्यार करती है.
दिव्या: मुझे तो आये काफी देर हो गयी. तुम नीचे क्या कर रहे थे.
राजेश: अरे बोर हो रहा था तो नीचे टहलने चला गया और वहां कर्नल साहब मिल गए तो उनसे बाते करने लगा. उन्होंने हम दोनों को डिनर पर इनवाइट किया है.
दिव्या: अकेले चले जाना. मैं तो उन्हें जानती भी नहीं.
राजेश: यार उन्होंने हमें ये फ्लैट भी मार्किट रेट से कम में दिया और तुम्हारी नौकरी भी लगवाई है. देख लो.
दिव्या: ठीक है अगर तुम कहते हो तो चली चलूंगी लेकिन हम वहां बोर हो जायेंगे.
अब राजेश दिव्या के कान को किस करके उसके बदन से खेलने लगता है. दिव्या भी गरम होने लगती है लेकिन ये अब वो पहले वाली भोली दिव्या नहीं रही. वो राजेश को थोडा चिढाने के सोचती है. वो राजेश की अपने से दूर कर देती है.
दिव्या: क्या कर रहे हो. तुम्हे ऑफिस का काम नहीं करना क्या?
दिव्या अन्दर बेडरूम में जाकर लेट जाती है. राजेश उसके पीछे पीछे जाकर उसे फिर से अपनी बाँहों में ले लेता है.
राजेश: अब मत तडपाओ मेरी जान. मैं वैसे ही तुम्हारे बिना कैसे रहता हूँ तुम्हे क्या बताऊँ.
राजेश दिव्या को घुमा कर अपने ऊपर ले आता है और उसके होठों पर अपने होठ रख देता है. दिव्या का मन तो राजेश को और तडपाने का था लेकिन अब वो रुक नहीं पाती और राजेश के होठों को चूसने लगती है. राजेश का लंड अब एकदम तन जाता है.
राजेश अपने हाथ दिव्या की गांड की ओर बढ़ा देता है. सलमान से चुद कर दिव्या भी अब सेक्सकला में पारंगत हो गयी है. वो पागलो की तरह राजेश का बदन चूमते हुए राजेश के निप्पल मुह में लेकर काटने लगती है. राजेश नीचे पड़ा आहें भरता है.
राजेश: अआह जान ये क्या कर रही हो आज.
दिव्या का मन अब राजेश के लंड से खेलने का करता है. वो अपना हाथ राजेश के लंड की ओर ले जाती है और राजेश का पूरा लंड उसके हाथ में समा जाता है. दिव्या को थोड़ी निराशा होती है क्योंकि सलमान का लंड उसके हाथ में नहीं आता था. लेकिन वो अपने हस्बैंड से बहुत प्यार करती है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
वो मन से सलमान के लंड का ख्याल निकाल कर राजेश का लंड हिलाना शुरू करती है. राजेश को लगता है की वो ऐसे ही झड जायेगा तो वो दिव्या को अपने नीचे ले आता है और उसके बदन को चूमते हुए नीचे जाने लगता है.
दिव्या अपनी टाँगे इस आस में फैला देती है की आज शायद राजेश उसकी चूत चाट लेगा. वो अपने हाथ राजेश के बाल में डाल कर उसे अपनी चूत की तरफ धकेलती है लेकिन राजेश उसकी नाभि चूम कर वापस उपर बढ़ने लगता है. दिव्या राजेश से खुल कर अपनी चूत चाटने को नही कह पाती.
राजेश दिव्या की गर्दन पर किस करता हुआ अपना हाथ दिव्या की साड़ी में डाल कर उसकी चूत सहलाने लगता है. दिव्या सिसकिया भरने लगती है. राजेश दिव्या का पेटीकोट ऊपर करके अपना लंड दिव्या की चूत में डाल देता है.
आज दिव्या को सलमान और राजेश के लंड के बीच का अंतर अच्छी तरह समझ आ जाता है. सलमान का लंड दिव्या की चूत की जिन गहराईयों में उतर जाता था राजेश का उन जगहों को छू भी नहीं पाता. दिव्या अपने मन में चल रही इस तुलना को रोकने की बहुत कोशिश करती है लेकिन वो नाकाम रहती है. उसे बार बार लगता है की जो मजा सलमान देता है वो राजेश के साथ नहीं आ रहा.
अचानक राजेश बहुत तेज़ झटके मारने लगता है और अपना लंड जड़ तक दिव्या की चूत में डालने की कोशिश करता है. दिव्या को अब थोडा मजा आना शुरू होता है लेकिन तभी राजेश अपना रस दिव्या की चूत में छोड़ देता है.
राजेश रुक जाता है तो दिव्या अपने चूतड़ उठा कर लंड अन्दर बाहर करने की कोशिश करती है लेकिन तब तक राजेश का लंड ढीला पड़ जाता है. राजेश दिव्या के ऊपर से हट कर उसके बगल में लेट जाता है.
दिव्या की प्यास अधूरी रह जाती है.
- Dolly sharma
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
Superb update...
keep posting dear.
waiting for next exiting update
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खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
राजेश: वाह जान आज तो तुम्हे क्या हो गया था. मजा आ गया. तुम्हे मजा आया न?
दिव्या: हाँ बहुत अच्छा था राजेश.
दिव्या राजेश को ये एहसास नहीं दिलाना चाहती की वो दिव्या को संतुष्ट करने में असमर्थ है.
राजेश: मैं कितना खुशनसीब हूँ की मुझे तुम जैसी हॉट बीवी मिली है.
दिव्या: मैं भी तो कितनी लकी हूँ जो तुम जैसा लविंग हस्बैंड मिला. आई लव यू.
राजेश दिव्या के माथे पर किस करके सो जाता है.
दिव्या बाथरूम में जाकर ऊँगली करके अपने को संतुष्ट करती है और वो भी वापस आकर सो जाती है.
अगले दिन दिव्या के स्कूल जाने के बाद राजेश नीचे गार्डन में धूप खाने चला जाता है. वहां उसे फिर से कर्नल लाला मिल जाता है.
लाला: गुड मोर्निंग यंग मैन!
राजेश: मोर्निंग कर्नल साहब.
लाला: तो आज शाम को आ रहे हो न.
राजेश: अरे सर आप खामखाँ परेशान हो रहे है.
लाला: इसमें परेशानी कैसी. अरे इतना स्वीट कपल मेरे पड़ोस में रहने आया है तो मेरा फ़र्ज़ है की मैं उन्हें होस्ट करूं. बस अब और कुछ नहीं सुनना. तुम दिव्या को लेकर सात बजे मेरे घर आ जाना.
राजेश: सर आप अकेले रहते है. हम लोगो के लिए आपको...
लाला: बस बस. अरे अकेले हैं तभी तो तुम्हारे आने से हमको अच्छा लगेगा. हाँ अगर तुमको लगता है की मैं तुम लोगों के
साथ उठने बैठने के लायक नहीं हूँ तो अलग बात है.
राजेश: अरे कैसी बात कर रहे है आप कर्नल साब. अब तो आज का डिनर मैं आपके यहाँ ही करूंगा.
लाला: सिर्फ तुम नहीं राजेश. वाइफ को साथ लाना मत भूलना.
राजेश: बिलकुल सर दिव्या भी आयेगी.
दिव्या: हाँ बहुत अच्छा था राजेश.
दिव्या राजेश को ये एहसास नहीं दिलाना चाहती की वो दिव्या को संतुष्ट करने में असमर्थ है.
राजेश: मैं कितना खुशनसीब हूँ की मुझे तुम जैसी हॉट बीवी मिली है.
दिव्या: मैं भी तो कितनी लकी हूँ जो तुम जैसा लविंग हस्बैंड मिला. आई लव यू.
राजेश दिव्या के माथे पर किस करके सो जाता है.
दिव्या बाथरूम में जाकर ऊँगली करके अपने को संतुष्ट करती है और वो भी वापस आकर सो जाती है.
अगले दिन दिव्या के स्कूल जाने के बाद राजेश नीचे गार्डन में धूप खाने चला जाता है. वहां उसे फिर से कर्नल लाला मिल जाता है.
लाला: गुड मोर्निंग यंग मैन!
राजेश: मोर्निंग कर्नल साहब.
लाला: तो आज शाम को आ रहे हो न.
राजेश: अरे सर आप खामखाँ परेशान हो रहे है.
लाला: इसमें परेशानी कैसी. अरे इतना स्वीट कपल मेरे पड़ोस में रहने आया है तो मेरा फ़र्ज़ है की मैं उन्हें होस्ट करूं. बस अब और कुछ नहीं सुनना. तुम दिव्या को लेकर सात बजे मेरे घर आ जाना.
राजेश: सर आप अकेले रहते है. हम लोगो के लिए आपको...
लाला: बस बस. अरे अकेले हैं तभी तो तुम्हारे आने से हमको अच्छा लगेगा. हाँ अगर तुमको लगता है की मैं तुम लोगों के
साथ उठने बैठने के लायक नहीं हूँ तो अलग बात है.
राजेश: अरे कैसी बात कर रहे है आप कर्नल साब. अब तो आज का डिनर मैं आपके यहाँ ही करूंगा.
लाला: सिर्फ तुम नहीं राजेश. वाइफ को साथ लाना मत भूलना.
राजेश: बिलकुल सर दिव्या भी आयेगी.