Adultery दिव्या का सफ़र

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Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या घबरा कर अपना मुंह खोल देती है. उसका मुंह खुलते ही काका उसके मुंह में थूंक देता है.

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दिव्या को बहुत घिन आती है लेकिन काका अपने मुंह से उसका मुंह बंद कर देता है तो दिव्या को उसका थूंक निगलना पड़ता है.

फिर काका दिव्या के मुंह में अपनी जीभ डाल देता है और उसके होंठ चूसने लगता है.

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दिव्या को अपनी टांग के बीच काका का मुरझाया लंड तनता हुआ महसूस होता है. काका भी अपना आधा खड़ा लंड दिव्या की चूत पर रगड़ने लगता है. दिव्या को महसूस होता है की इस बुढ्ढे का लंड तो शायद सलमान से भी बड़ा और मोटा है.

काका: बहुत गरम माल है तू. तुझे तो चोदे बिना छोड़ना गुनाह है. पर पहले जरा तेरी चूत तो चख लूं की नमकीन है या खट्टी है.

काका की बातें सुन कर सलमान भी अपना लंड हिलाने लगता है. उसे दिव्या को इस सिचुएशन में देख कर काफी मजा आ रहा था. काका दिव्या की चूत पर टूट पड़ता है और चटखारे ले लेकर उसे चाटने लगता है.

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दिव्या के पास तो कोई आप्शन नहीं था तो वो चुपचाप पड़ी रहती है. उसको काका से इतनी घिन आ रही थी की उसको चूत चटवाने में भी कोई मजा नहीं आया.

काका: चल अब चुदने को तैयार हो जा.

दिव्या काका के मुंह से सुन कर बेड से हटने की सोचती है लेकिन काका उसकी कमर पकड़ कर उसे रोक लेता है.

काका: कहाँ चल दी रांड. अब तुझे ऐसे नहीं छोड़ सकता.

दिव्या: सलमान प्लीज.

काका: अरे पहले मेरा तो ले ले फिर उसका भी लेना या दोनों एक साथ लेगी साली.

काका पीछे से ही अपना लंड दिव्या की चूत में डाल देता है. दिव्या की गीली चूत होने के बाद भी लंड बहुत रगड़ता हुआ अन्दर जाता है.

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काका: अभी भोसड़ा नहीं बना है. लगता है बच्चा नहीं हुआ तेरा अभी.

दिव्या: नहीं.

काका: तभी इतना कसा जा रहा है.

काका लगातार दिव्या की चूत में धक्के लगाने लगता है. कुछ ही पलों में दिव्या के बड़े बड़े मम्मे बिस्तर से रगड़ने लगते है.

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काका के धक्के तेज़ होते जा रहे थे और दिव्या झड़ने लगती है. काका का लंड भी ज्यादा देर दिव्या की गर्म चूत के आगे टिक नहीं पाता और दिव्या के झड़ते ही वो भी झड जाता है. काका दिव्या की चूत से अपना लंड निकाल कर उसे बिस्तर पर धकेल देता है और अपने कपडे पहनने लगता है. कपडे पहनते हुए वो सलमान से कहता है.

काका: बहुत मस्त चीज है ये. अगर तू बोले तो इसको कम्मो बाई के कोठे पर बिठा दूं. एक रात के लाख रुपये तो आराम से कमा लेगी. ऐश हो जाएगी तुम दोनों की.

सलमान: नहीं नहीं काका. ये तो शरीफ औरत है और आज आखिरी बार यहाँ आई है.

काका: अच्छा तो तू भी ले ले इसकी जब तक मैं रात के लिए दारू लेकर आता हूँ. आज तो बिना पिए नींद नहीं आयेगी.

ये बोल कर काका वहां से निकल जाता है. काका के जाने के बाद दिव्या फूट फूट कर रोने लगती है और अपने कपडे पहनने लगती है.

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सलमान तब तक उसके पास अपना खड़ा लंड लेकर पहुँच जाता है पर दिव्या उसको धक्का दे देती है.

सलमान: अरे मैडम इतनी नाराज़ क्यों हो रही हो.

दिव्या: हरामजादे तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ ऐसा करने की.
Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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सलमान: अरे मैडम आप ही बोलो की अगर मैं काका को मना करता तो वो क्या मान जाता. और अगर वो गाँव में मेरी बीवी को बोल देता तो. मैंने सोचा की आपको एक नया लंड लेकर मजा ही आयेगा और फिर मैंने काका को आपकी शकल नहीं देखने दी.

दिव्या: कमीने सबको अपनी तरह समझ रखा है क्या और जब मुझे उसकी शकल दिख रही थी तो उसको मेरी शकल नहीं दिखी होगी.

सलमान: अरे मैडम वो तो दो तीन दिन में गाँव चला जायेगा. जिंदगी में आपको दुबारा नहीं मिलेगा तो आपको उससे कोई खतरा नहीं है लेकिन प्लीज मुझे प्यासा छोड़ कर मत जाओ.

दिव्या: अब अगर कभी मुझे हाथ भी लगाया तो देखना मैं क्या करूंगी.

दिव्या सलमान की एक नहीं सुनती और कपडे पहन कर बाहर निकलने लगती है तो वो देखती है की बाहर काका खड़ा है.

दरअसल अँधेरे में काका को ये तो लगा की दिव्या बहुत खूबसूरत है लेकिन काका रौशनी में दिव्या का चेहरा देखना चाहता था ताकि उसे पहचान सके इसीलिए बाहर रुका हुआ था. वो जानता था की दिव्या थोड़ी देर में सलमान से चुद कर बाहर आएगी ही. वो दिव्या का घर तक पीछा भी करना चाहता था ताकि जब कभी दुबारा शहर आये तो उसे फिर से चोद सके. दिव्या काका को खड़ा देखकर वापस अंदर आ जाती है.

सलमान: मैं जानता था मैडम मुझसे चाहे जितना नाराज़ हों लेकिन चुदे बिना नहीं जाएँगी.

दिव्या: बकवास न करो. वो बुढ्ढा बाहर खड़ा है. उसे भगाओ.

सलमान: क्यों इसमें मेरा क्या फायदा? और फिर आप तो बोल रहीं थी की उसने आपको देख ही लिया है.

दिव्या: बहस मत करो बस मैं जो बोल रही हूँ वो करो.

सलमान: तो आप भी वो करो जो मैं कह रहा हूँ.

दिव्या: देखो मैं अब कपडे नहीं उतारने वाली और मैंने तुम्हारी शर्त भी पूरी कर दी है. तुम्हारी जबान की कोई कीमत है या नहीं.
सलमान: ठीक है मत उतारिये कपडे बस चूस कर इसे शांत कर दीजिये और विश्वास रखिये अब आज के बाद मैं खुद से आपको कभी परेशान नहीं करूंगा.

सलमान दिव्या के कंधे पर हाथ रख कर उसे नीचे बिठा देता है. दिव्या सलमान का लंड मुंह में ले लेती है और सलमान अपना पूरा लंड उसके मुंह में डाल देता है, दिव्या को तकलीफ तो होती है लेकिन वो पूरा लंड गले तक ले लेती है.

सलमान: क्या बात है मैडम. मेरा पूरा लंड मुंह में तो रंडिया भी नहीं ले पाती. कहाँ प्रैक्टिस कर रही हो आजकल?
दिव्या कोई जवाब नहीं देती. वो बस चुपचाप सलमान का लंड चूसती रहती है. वो जल्द से जल्द इस मुसीबत से निकलना चाहती थी. वो जोर जोर से सलमान का लंड चूसने लगती है और सलमान उसके मुंह में ही झड जाता है.

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झड़ने के बाद सलमान दिव्या की ओर देख कर मुस्कुराता है और दिव्या उसको शिकायत भरी नजरो से देखती है की माल मुंह में क्यों छोड़ा.

दिव्या अपने कपडे ठीक करती है और सलमान भी कपडे पहन लेता है और काका को अन्दर बुलाता है. दिव्या दरवाजे के पीछे छुप जाती है. जब काका अन्दर आ जाता है तो वो मुंह छुपा कर तेज़ी से बाहर निकल कर लगभग दौड़ते हुए स्कूल की पार्किंग में जाती है और अपनी स्कूटी लेकर स्कूल से निकल जाती है.

स्कूल से घर जाते हुए दिव्या को अपने साथ हो रही घटनाओ पर यकीन नहीं होता है. शादी से पहले उसने कभी किसी का भी लंड तक नहीं देखा था और शादी के इतने साल तक भी उसने सिर्फ राजेश का ही लंड देखा था लेकिन पिछले कुछ दिनों में ही उसने सलमान, मनीष, कर्नल के साथ राजेश को धोखा दिया और आज तो एक बुढ्ढे के साथ भी और ये सब सलमान की वजह से शुरू हुआ है. वो उसी की वजह से तरह तरह की मुसीबत में फंस जाती है. आज उसे ख़ुशी है की उसने एग्जाम पेपर्स देकर सलमान से पीछा छुड़ा लिया है.
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rajsharma
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

Post by rajsharma »

बहुत ही शानदार अपडेट है दोस्त


😡 😡 😡 😡 😡 😡
Read my all running stories

(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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यही सब सोचते हुए वो घर पहुँच जाती है और स्कूटी पार्क करके अपने फ्लैट में जाती है. फ्लैट पर पहुँच कर वो देखती है की दरवाजा खुला हुआ है और अन्दर राजेश और कर्नल बैठ कर आपस में बात कर रहे हैं और साथ में पेग भी लगा रहे थे. दिव्या को यकीन नहीं होता की राजेश इतने दिन बाद आया है और आते ही कर्नल के साथ पीने बैठ गया.

कर्नल: ओह आओ आओ दिव्या. आज तो बहुत देर हो गयी तुमको.

दिव्या: आज पेपर्स बना कर देने थे फाइनल्स के लिए इसीलिए स्कूल में ही रुक गयी थी. मुझे तो पता भी नहीं था की ये आने वाले हैं.

राजेश: मैंने कल यही बोलने के लिए फोन किया था तो तुमने उठाया ही नहीं.

दिव्या कुछ नहीं कहती और राजेश को गुस्से का लुक देकर अपने कमरे में चली जाती है.

लाला: लगता है मेरा यहाँ होना दिव्या को पसंद नहीं आया.

राजेश: अरे नहीं अंकल. वो उसको लग रहा है की मैंने उसे बताया नहीं की मैं आ रहा हूँ इसीलिए उसका मूड ऑफ. मैं जरा उसको समझा कर आता हूँ.

राजेश कमरे में जाता है जहाँ दिव्या गुस्से में बैठी थी.

राजेश: क्या हुआ जान. इतने दिनों बाद मैं आया हूँ और तुम गुस्सा कर रही हो.

दिव्या: तुमको मेरे गुस्से से कोई फरक पड़ता है क्या वरना आते ही पीने न बैठ जाते.

राजेश: यार मैं तो तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था की कर्नल साहब बोतल लेकर आ गए और जिद करने लगे.

दिव्या: इस आदमी को तो कोई काम ही नहीं है. तुम भी इसके साथ रहकर इसके जैसे ही हो जाओगे.

राजेश: धीरे बोलो यार. अगर सुन लिया तो बुरा मान जायेंगे.

दिव्या: बुरा माने या भला लेकिन मुझे तुम्हारा और इसका साथ पसंद नहीं है बस.

राजेश: ठीक है आगे से इनको अवॉयड करूंगा बस अब गुस्सा थूंक दो. मेरी अच्छी बीवी.
Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या: मैं तो कहती हूँ की हम ये घर छोड़ कर कहीं और ही शिफ्ट हो जाते है.

राजेश: क्या कह रही हो यार? ये कोई किराये का घर नहीं है. इतने घर देखे थे तब तुमने ये पसंद किया था और हमारे बजट में भी आ गया था.

दिव्या: तब क्या पता था की ऐसा पड़ोसी मिलेगा. बस अब मेरा यहाँ रहने का मन ही नहीं करता.

राजेश: यार ख़राब पड़ोसी तो दूसरी जगह भी हो सकते हैं फिर क्या करेंगे. अभी लोन भी है इस घर पर तो आसानी से बिकेगा भी नहीं. थोडा प्रैक्टिकल होकर सोचो. जब मैं यहाँ ज्यादा दिन रहा करूंगा तब तुमको कोई दिक्कत नहीं होगी मेरी जान.

दिव्या: न जाने वो दिन कब आयेगा जब तुम यहाँ रहोगे. तुमने तो इसको होटल समझ रखा है. बस कुछ भी करो और यहाँ से शिफ्ट करो.

राजेश: तुम्हारा तो दिमाग ख़राब हो गया है.

राजेश भी गुस्सा होकर बाहर निकलता है तो देखता है की कर्नल नहीं है. वो वापस दिव्या के पास आकर उसके ऊपर चिल्ला पड़ता है.

राजेश: मैंने कहा था न की धीरे बोलो. तुम्हारी बातें सुन कर वो चले गए है.

दिव्या: अच्छा हुआ की सुन लिया. मैं भी यही चाहती थी वो सुन लें और आइन्दा से तुमको पीने के लिए न कहें. हुह इनके यहाँ तो हराम होती है फिर भी रोज पीने बैठ जाते हैं.

राजेश दिव्या से और कुछ नहीं बोलता और कर्नल से माफ़ी मांगने उसके फ्लैट पर चला जाता है. दरवाजा रेणुका खोलती है. दोनों एक दुसरे को देख कर मुस्कुराते हैं.

राजेश: कर्नल साहब कहाँ है.

रेणुका: अभी अभी कहीं से आये है और अपने कमरे में चले गए है.

राजेश कर्नल के बेडरूम में ही चला जाता है. कर्नल अन्दर बैठ कर अभी भी पी रहा था.

लाला: अरे राजेश आओ आओ.

राजेश: आप अचानक क्यों चले आये.

लाला: मैं नहीं चाहता की मेरी वजह से मियां बीवी में अनबन हो. वैसे भी मैं अच्छा आदमी नहीं हूँ.

राजेश: क्या कर्नल साहब आप अब ऐसी बातें करेंगे क्या. दिव्या तो किसी और वजह से नाराज थी.

लाला: तो तुमको उसको मनाना चाहिए. वैसे वो तुम्हारे पीने के इतने खिलाफ क्यों है. कहीं ऐसा तो नहीं की पीने के बाद तुम उसको भूखा छोड़ देते हो.

राजेश: आप भी न अंकल. थोड़ी देर में वो खुद शांत हो जाएगी. वो किसी से ज्यादा देर नाराज नहीं रह पाती.

इतने में रेणुका ग्लास में सोडा और व्हिस्की डाल कर लाती है और टेबल पर रखने लगती है. ऐसा करते वक़्त वो राजेश को अपने मम्मों के अच्छे से दर्शन करवा देती है.

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लाला: रहने दो रेणुका. राजेश साहब नहीं पियेंगे. अगर अब इन्होने मेरे साथ पी तो दिव्या न जाने इनके साथ क्या करेगी.

कर्नल की बात सीधे राजेश के ईगो पर लगती है. आखिर रेणुका भी वहीँ थी. वो झट से गिलास उठा लेता है. रेणुका मुस्कुरा कर चली जाती है. राजेश पीते हुए रेणुका का पिछवाडा निहारता रहता है.
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