Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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rajsharma
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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नजमा आज अपनी चूत में दो लंड ले चुकी थी। उसके मन में एक अलग सा मजा आ रहा था। जुनैद के घर में होते हुए किसी गैर से चूत मरवाना उसके लिए किसी अइवेंचर से कम नहीं था, वो भी दो लंड से बो भी मान्स्टर। नजमा यही सोचकर जुनैद का नीचे जाने के लिए कहती की आज जो भी होगा देखा जाएगा। आज तो जय के लंड से अपनी चूत मरवाकर ही रहूंगी।

जुनैद के जाते ही राज और जय नजमा की तरफ देखते हैं। नजमा भी उनको देखकर अपनी नजरें झुका लेती हैं। तब राज और जय जुनैद के घर से बाहर जाने का इंतजार करते हैं। जुनैद बाइक लेकर मार्केट की और चला जाता है। तब राज और जय नजमा के पास पहुँचकर नजमा को पूरा नंगी कर देते हैं। अब राज नजमा के मुँह की तरफ और जय नजमा की चूत की तरफ अपना लंड निकालकर खड़े हो जाते हैं।

राज जय को इशारा करता है- "चोद दे साली रांड को..."

नजमा भी जय के लंड को देखकर मन में सोचती है- "अगर आज मैने जय का लंड अपनी चूत में लिया तो पूरी चूत का तो भोसड़ा बन जाएगा, लेकिन जो मजा मिलेगा वो भी कम नहीं होगा.."

नजमा जय को अपने नजदीक आता हुआ देख रही थी। उसकी चूत जय के लंड को देखकर ही पानी बहा रही थी।

तभी जय नजमा की दोनों टाँगें खोल देता है और उसकी हसीन चूत को देखने लगता है। जय ने अपनी लाइफ में बहुत सी औरतों को चोदा था, लेकिन उन सब में नजमा की चूत सबसे कसी हुई और प्यारी थी। वो जितनी बार नजमा की चूत देखता था तो उसे बस नजमा की चूत को खा जाने का ही मन करता था।

जय नीचे झक कर बेड के नीचे घुटने के बल बैठ जाता है और नजमा की चूत को अपने मोटे होंठों से पकड़कर अपनी जीभ को नजमा की चूत की गहराई में पलने लगता है। जय की लंबी जीभ नजमा की चूत को हर तरह से छेड़ रही थी।

उधर राज अपना लंड नजमा के होंठों पर रख देता है। एक साथ दो लंड नजमा की चूत को और नजमा दोनों को पागल कर रहे थे। राज और जय दोनों को पता था की नजमा को चोदने का काम जल्दी खत्म करना होगा, नहीं तो जुनैद कभी भी वापस आ सकता है। जय नजमा की चूत में बड़ी तेजी में अपनी जीभ चला रहा था।

वो उसकी चूत के दाने को भी अपने दांतों और होंठों से काट रहा था।
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नजमा राज के लंड को मुँह में लेने का पूरा प्रयास कर रही थी। लेकिन चाहकर भी वो राज का सिर्फ टोपा ही मुँह मैं ले पा रही थी। नजमा की मस्ती का कोई ठिकाना नहीं था। जय उसे नीचे से तो राज उसे ऊपर से पागल कर रहा था। दोनों के बीच में नजमा अपने आपको ज्यादा संभाल नहीं पाती और अपनी चूत से पानी की बौछार कर देती है।

जय नजमा की चूत से बहते हुए पानी को पूरा पी जाता है।


अब जय अपने लंड का टोपा नजमा की चूत में लगाता है और उसकी कमर को पकड़कर धीरे-धीरे नजमा की चूत में उतारने लगता है। कुछ समय पहले हुई चुदाई के कारण नजमा को जय का लंड लेने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी, बस उसे अपनी चूत पूरी खुली हुई लग रही थी।
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जय का लंड धीरे-धीरे " इंच तक नजमा की चूत में घुस चुका था। उसकी चूत जय के लंड पर चिपकी हई थी । नजमा की आँखें लाल हो गई थी। उससे जय का लंड ना तो अंदर लिया जा रहा था और ना ही बाहर करने का मन हो रहा था।
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......


साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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जय का लंड धीरे-धीरे " इंच तक नजमा की चूत में घुस चुका था। उसकी चूत जय के लंड पर चिपकी हई थी । नजमा की आँखें लाल हो गई थी। उससे जय का लंड ना तो अंदर लिया जा रहा था और ना ही बाहर करने का मन हो रहा था।

राज भी अब जय के लंड को नजमा की चूत में जाता हुआ देख रहा था। वो भी जोश में आकर नजमा के मुँह में अपना लंड तेजी से पेल रहा था। राज का आधा लंड नजमा के मुँह में था और जय का आधा लंड नजमा की चूत में। अब दोनों जगह की फटने की बारी थी।

जय अब नजमा की कमर को जोर से दबाता है और थोड़ा तेजी से अपने लंड को नजमा की चूत में पेलता है। नजमा की एक जोरदार चीख राज के लंड से दब जाती है। नजमा को अब सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था।

राज का लंड भी आधे ज्यादा उसके मुंह में था और जय का लंड राज के लंड की गहराई को नाप चुका था। अभी भी जय का दो इंच लंड बाहर था।

नजमा की जान निकल रही थी। तभी जय राज को लंड बाहर निकालने के लिए कहता है। जैसे ही राज अपना लंड बाहर निकालता है जय जोर का झटका मारकर नजमा की चूत में अपना पूरा लंड उतार देता है। राज का लंड बाहर आने के बाद नजमा जोर-जोर से सांस लेने लगती हैं, लेकिन जय के झटके में उसकी सांस एक बार फिर रुक जाती है। जय का लंड नजमा की बच्चंदानी को बहुत जोर से ठोकर मारता है। उसका लंड नजमा की नाभि में भी अंदर तक जा चुका था और उसके पेंट तक पहुँच गया था।

नजमा को जयका लंड किसी रोड की तरह लग रहा था। उसकी पूरी चूत बिल्कुल गोल हो गई थी। जय के लंड की नसें नजमा की चूत को और भी ज्यादा फैला रही थी। नजमा को जय का लंड अपनी अनचाही गहराई तक घुसा हुआ महसूस हो रहा था। कुछ देर तक जय नजमा की चूत के अंदर अपना पूरा लंड डाल कर खड़ा रहता है। जब नजमा थोड़ा आराम महसूस करती है तो जय अपने लंड को धीरे-धीरे हरकत देता है।

राज भी अपना लंड नजमा के मुँह में दे देता है और उसकी चूचियों को दबाना शुरू कर देता है। दो रियल मर्दों का लंड और जय के आंडों को अपनी चूत की फांकों पर भिड़ते हुए नजमा महसूस कर के गरम हो रही थी। जय का लंड नजमा की चूत की दीवारों को बुरी तरह से रगड़ और फैला रहा था।

नजमा को अपनी चूत की फैलाई साफ महसूस हो रही थी। अब नजमा भी जय के लंड का मजा ले रही थी। अब राज भी अपना लंड नजमा के मुंह में आधे से ज्यादा पैल रहा था, और जय भी अपना लंड नजमा की चूत में तेजी से पेल रहा था।

नजमा को जो मजा आज मिल रहा था वो उसे अब हमेशा मिलने वाला था। नजमा भी इस चुदाई में बार-बार झड़ रही थी, उसकी चूत लगातार पानी बहा रही थी। उधर राज भी उसके मुँह में अपना पूरा लंड पेल चुका था जो उसकी गर्दन तक जाता हुआ दिख रहा था। ऊपर-नीचे की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद नजमा की हालत बहुत खराब हो जाती है। अब जय और राज दोनों झड़ने के करीब थे। वो दोनों नजमा को करीब आधे घंटे से बिना रुके हुए चोद रहे थे।
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला

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नजमा की चूत अब पूरी तरह से थक गई थी तभी घर के बाहर गाड़ी रुकने की आवाज आती है। तब जय और राज अपनी स्पीड और बढ़ा देते हैं। नजमा अब बेहोशी की हालत में पहुँच जाती है। उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था। बो असीम आनंद को महसूस कर रही थी। वो अपने आपको सातवें आसमान में उड़ता हुआ महसूस कर रही थी।


तभी राज और जय अपना पूरा वीर्य नजमा के अंदर ही भर देते हैं। जय का पूरा वीर्य नजमा की पूरी चूत को ऊपर तक भर देता है। जय पूरे हफ्ते की गर्मी से नजमा की बच्चेदानी को भर देता है और राज भी अपना वीर्य नजमा के गले से उतार देता है।

नजमा जय और राज की चुदाई से बिल्कुल पस्त हो चुकी थी। उसके अंदर उठकर चलने की भी ताकत नहीं थी। उसकी चूत अभी भी जय का वीर्य बहा रही थी। नजमा एक नजर जय की तरफ देखती है तो जय उसे किसी शैतान की तरह लग रहा था। उसका लंड अभी भी अपने पूरे आकार में था। नजमा जय के लंड को गौर से देख रही थी।

जय नजमा को अपने लंड की तरफ देखते हुए पाकर मुस्कुरा देता है और वो एक बार फिर नजमा के करीब पहुँच जाता है।

राज उसे रोकता है और कहता है- "अबे साले, इस रांड़ का खसम आ गया है। वो ऊपर ही आ रहा होगा। इसे जल्दी से बाथरूम में भेज देते हैं..."

तब राज और जय नजमा को सहारा देकर बाथरूम में ले जाते हैं, जहां नजमा अपना हुलिया सही करती है। राज और जय बाहर आकर साफ सफाई करने लगते है।
उधर बाथरूम में नजमा अपनी चूत को हाथ लगाकर देखती है तो उसकी पूरी चूत फैल गई थी। वो सोचती है की अगर मैं जय के पास एक हफ्ते के लिए रुक गई तो मेरी चूत राज के मारने लायक भी नहीं बचेगी।

जुनैद गाड़ी खड़ी करके सीधा ऊपर आता है। वो जय को उसका ए.टी.एम. देते हुए थैक्स बोलता है और उसे जल्द ही पैसे वापस लौटाने का वादा करता है।

तब तक जय अपने दिमाग में एक आइडिया सोच लेता है, और वो जुनैद से अपना आइडिया बताता है। जिसे सुनकर जुनैद सोच में पड़ जाता है और फिर जुनैद नजमा से पूछकर बताने के लिए कहता है। तब उसे नजमा की याद आती है तो वो नजमा के बारे में पूछता है।

राज उससे कहता है- "वो बाथरूम में हैं फ्रेश होने के लिए गई है..."

तब तक नजमा भी बाथरूम से लंगड़ाते हुए बाहर आती है। उसे अभी भी जय का लंड अपनी चूत में घुसा हुआ लग रहा था। वो थोड़ा लंगड़ाकर चल रही थी। तब जुनैद यही समझता है की गिरने की वजह में जो चोट लगी थी उसी की बजह से नजमा ऐसें चल रही थी। जब की हकीकत तो नजमा को ही पता थी।
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