टिया की फीलिंग्स का स्टार्ट
(टिया बचपन से सिर्फ़ एक ही लड़के के क्लोज़ हुई है. वो तरुण
है. टिया के दिल मे तरुण के लिए ये फीलिंग्स बहुत पहले से है.
वो तरुण को ही अपना सब कुछ मानती थी. उसने कभी किसी और लड़के को अपने पास तक नही आने दिया है. उसे जब से प्यार के इस रूप के बारे मे पता लगा उसने बस तरुण को
ही अपने दिल मे पाया. क्योंकि तरुण एक ऐसा लड़का था. जो उसकी
इतना ज़्यादा केर करता था. उसे हँसाता था..हमेशा उसके
साथ रहता था. इसलिए टिया तरुण को अपना सब कुछ मान
चुकी थी. तरुण बचपन से उसके साथ था. इसलिए वो लाइफ मे
मुसीबत के टाइम पर हेल्प के लिए तरुण को ही पाया. ऑर अपनी लाइफ
मे तरुण के अलावा किसी को नही आने देना चाहती..)
तरुण रूम से निकल कर नीचे जाने ही वाला था की उसकी नज़र
टीना के रूम पर पड़ती है.. वो टीना के रूम पर नॉक करता
है. कुछ देर मे टीना डोर खोलती है.
तरुण – “ हाई दी ,
“
टीना – “ अरे भाई . तू ”
तरुण – “ हा दी आज सुबह से आपसे नही मिला ना तो थोड़ा
टेंशन मे था. “
टीना तरुण को अंदर आने का इशारा करती है. तरुण अंदर जा
कर बेड पर बैठ जाता है. टीना भी गेट बंद करती है लेकिन
लॉक नही करती. ऑर अपनी स्टडी टेबल पर लगी चेयर पर आ कर
बैठ जाती है.
टीना – “ हा वो कॉलेज गयी थी. वैसे स्टडी का लोड बहुत
ज़्यादा है ना. इसलिए टाइम ही नही मिलता. “
तरुण – “ दी इतना स्टडी मे बिज़ी रहना अच्छी बात नही
है.. थोड़ा रेलक्श भी किया करो. “
टीना- “ ओके ओके.. लेकिन तू बता ,, तुझे टेंशन क्यो हो रही थी. ?
“
तरुण – “ वो दी आपसे मिला नही था ना. इसलिए सोच रहा
था.. आप मुझसे नाराज़ तो नही हो. “
टीना – “ अरे नही भाई. मैं तुझसे कभी नाराज़ हो सकती हू क्या. “
टीना इतना कहते हुए तरुण के पास आ कर खड़ी हो जाती है. ऑर
तरुण के सर पर अपना एक हाथ रख कर.. उसके बालो के साथ
अठखेलियाँ करने लगती है. तरुण को ये बहुत अच्छा लग रहता. वो अपने दोनो हाथ को टीना की कमर मे डाल देता है.
टीना भी तरुण की इस हरकत पर कुछ नही कहती. लेकिन कुछ
देर बाद टीना तरुण को अपने से अलग करती है..
टीना – “ भाई मुझे अभी स्टडी करनी है.. जा ऑर मुझे पढ़ने दे.
तरुण – “ ठीक है दी आप पढ़ो मैं चलता हू; “
तरुण इतना कह कर रूम से बाहर आ जाता है ऑर टीना स्टडी मे
बिज़ी हो जाती है. तरुण जब सीडियो से नीचे आ रहा होता है
तो उसे तानिया ऊपर जाती हुई मिलती है वो तरुण को साइड मे
धक्का देती है
तानिया – “ चल हट बे बंदर ,,,साइड दे “
तरुण साइड मे हो जाता है. ऑर तानिया बहुत जल्दी मे थी. वो
जल्दी से अपने रूम मे चली जाती है. तरुण नीचे हाल मे आ
जाता है. ऑर टीवी देखने लगता है उसके दिमाग़ मे अब तानिया से
बदला लेने का प्लान बन रहा है. तरुण सोच ही रहा था की
कैसे तानिया से बदला ले. तभी वहाँ कामिनी आती है ऑर उसे
टी देती है. तरुण चाय लेता है. . कामिनी टीवी पर कोई सीरियल लगा
कर बैठ जाती है. तन्नू भी अपनी चाय ले कर सोफे पर आ कर बैठ
जाती है. ऑर टिया को आवाज़ लगाती है टिया दौड़ कर वहाँ आती है
ऑर सोफे पर अड्जस्ट होने की कोशिश करती है.
कामिनी – “ टिया यहा क्या ज़रूरी है. दूसरे सोफे पर बैठ जा “
टिया – “ नही मोम मुझे भाई के पास ही बैठना है. “
कामिनी – “ ले तू बैठ यहा अपने भाई के पास .. भाई की
लाडली..”
ऑर इतना कह कर कामिनी दूसरे सोफे पर शिफ्ट हो जाती है. टिया
तरुण के बगल मे बैठ जाती है. टिया तरुण से बिल्कुल सट कर
बैठी है. तरुण के दूसरी ऑर तन्नू बैठी है.. टीवी पर सीरियल
स्टार्ट होता है.. सभी लॅडीस सीरियल देखने बिज़ी हो जाती है.
Incest विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड
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Re: विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड
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Re: विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड
तरुण को सीरियल देखना बहुत बोरिंग लगता है. इसलिए वो
वहाँ से उठ कर जाने लगता है. इतना मे तन्नू ऑर टिया दोनो
उसे हाथो कर पकड़ पर वापस सोफे पर बैठा देतीहै
टिया ऑर तन्नू – “ कहाँ जा रहे हो “
तरुण – “ रूम मे जा रहा हू. ये सीरियल बहुत बोरिंग है .
तन्नू ऑर टिया - ( गुस्से मे )” चुपचाप यही बैठे रहो.
ऑर हमारे सीरियल को कुछ मत बोलना . “
इतने मैं कामिनी
कामिनी – “ तुम सब चुप रहोगे. मुझे सीरियल देखने दो.”
तरुण इस वक्त समझ चुका था की वो इन लॅडीस से नही
जीत सकता ऑर वो वही बैठा जाता है. सभी सीरियल देखने
लगता है. तन्नू ऑर टिया दोनो तरुण से चिपक कर बैठे हुए
है.. तरुण तन्नू की ऑर ध्यान देता है. तन्नू का पूरा
ध्यान टीवी पर था. वो धीरे से तन्नू की जाँघ को सहलाना
स्टार्ट करता है. इस हरकत से तन्नू तरुण की ऑर देखती है.
तरुण भी तन्नू को एक नॉटी स्माइल दे देता है.
तन्नू तरुण का हाथ झटक कर दूर कर देती है. एंड मोम ऑर टिया की ऑर
इशारा करती है.. लेकिन तरुण को इससे कोई फ़र्क नही पड़ता.
क्योंकि वो जानता है सभी का ध्यान सिर्फ़ सीरियल मे है.. वो
फिर से अपना एक हाथ तन्नू की जाँघ पर रखता है. ऑर
सहलाने लगता है.
तन्नू इस बार तरुण का हाथ पकड़ती है
लेकिन हटाती नही.. उसे अपनी जाँघ पर दबाने लगती है. तरुण
अपना हाथ वहाँ से छुड़ा कर तन्नू की कमर मे डाल लेता
है.. ऑर तन्नू की कमर को सहलाने लगता है.. इससे किसी के
देखने पर भी तरुण की हरकत दिखाई नही देगी. क्योंकि
उसे अपना हाथ . तन्नू के पीछे की ऑर कमर को सहला रहा
है.. तन्नू की सांसो की स्पीड अब बढ़ने लगी है. तरुण का
पूरा ध्यान अब तन्नू पर था… तन्नू अब सीरियल नही देख पा
रही है. तन्नू खुद को बड़ी मुस्किल से कंट्रोल कर रही थी.
तन्नू खुद को कंट्रोल किए हुए ही टीवी की ऑर देख रही थी.
तरुण भी टीवी की ऑर देख कर ही ये हरकत कर रहा था. तभी
तरुण को अपनी जाँघ पर कुछ महसूस होता है.. वहाँ टिया.
अपनी जाँघ को तरुण की जाँघ के ऊपर रगड़ रही थी. ऑर
तरुण से चिपकी हुई थी.
टिया पर ध्यान जाते ही. उसको टिया के
छोटे बूब्स का अहसास अपने बाजू पर होता है. ऑर उसके
पसीने छूट जाते है. वो सोच रहा था कहा फस गया.. वो
वहाँ से निकालने के लिए दिमाग़ के घोड़े दौड़ाने लगा. ऑर
तन्नू की कमर को अभी भी सहला रहा था जिससे तन्नू को को शक़ ना हो.. तभी उसे एक ऑर झटका लगता है. टिया की जाँघ
रगड़ती-रगड़ती अब तरुण के लंड तक पहुच चुकी है… इस
हालत मे एसी मे भी तरुण के पसीने छूट रहे है.. अब उसे
डेत वाली फीलिंग होने लगी है.. अब उसके सोचने समझने
की पवर ख़त्म हो गयी है . दिमाग़ एक दम सुन पड़ गया
है. उसे दिल मे इतना डर बन गया की वो सर भी नही घुमा
पा रहा था. कही उसके सर घूमने से टिया या तन्नू मे से
कोई अपना सर ना घुमा दे.. .. वो बस अब सीधे टीवी की ऑर देख
रहा था.
वहाँ से उठ कर जाने लगता है. इतना मे तन्नू ऑर टिया दोनो
उसे हाथो कर पकड़ पर वापस सोफे पर बैठा देतीहै
टिया ऑर तन्नू – “ कहाँ जा रहे हो “
तरुण – “ रूम मे जा रहा हू. ये सीरियल बहुत बोरिंग है .
तन्नू ऑर टिया - ( गुस्से मे )” चुपचाप यही बैठे रहो.
ऑर हमारे सीरियल को कुछ मत बोलना . “
इतने मैं कामिनी
कामिनी – “ तुम सब चुप रहोगे. मुझे सीरियल देखने दो.”
तरुण इस वक्त समझ चुका था की वो इन लॅडीस से नही
जीत सकता ऑर वो वही बैठा जाता है. सभी सीरियल देखने
लगता है. तन्नू ऑर टिया दोनो तरुण से चिपक कर बैठे हुए
है.. तरुण तन्नू की ऑर ध्यान देता है. तन्नू का पूरा
ध्यान टीवी पर था. वो धीरे से तन्नू की जाँघ को सहलाना
स्टार्ट करता है. इस हरकत से तन्नू तरुण की ऑर देखती है.
तरुण भी तन्नू को एक नॉटी स्माइल दे देता है.
तन्नू तरुण का हाथ झटक कर दूर कर देती है. एंड मोम ऑर टिया की ऑर
इशारा करती है.. लेकिन तरुण को इससे कोई फ़र्क नही पड़ता.
क्योंकि वो जानता है सभी का ध्यान सिर्फ़ सीरियल मे है.. वो
फिर से अपना एक हाथ तन्नू की जाँघ पर रखता है. ऑर
सहलाने लगता है.
तन्नू इस बार तरुण का हाथ पकड़ती है
लेकिन हटाती नही.. उसे अपनी जाँघ पर दबाने लगती है. तरुण
अपना हाथ वहाँ से छुड़ा कर तन्नू की कमर मे डाल लेता
है.. ऑर तन्नू की कमर को सहलाने लगता है.. इससे किसी के
देखने पर भी तरुण की हरकत दिखाई नही देगी. क्योंकि
उसे अपना हाथ . तन्नू के पीछे की ऑर कमर को सहला रहा
है.. तन्नू की सांसो की स्पीड अब बढ़ने लगी है. तरुण का
पूरा ध्यान अब तन्नू पर था… तन्नू अब सीरियल नही देख पा
रही है. तन्नू खुद को बड़ी मुस्किल से कंट्रोल कर रही थी.
तन्नू खुद को कंट्रोल किए हुए ही टीवी की ऑर देख रही थी.
तरुण भी टीवी की ऑर देख कर ही ये हरकत कर रहा था. तभी
तरुण को अपनी जाँघ पर कुछ महसूस होता है.. वहाँ टिया.
अपनी जाँघ को तरुण की जाँघ के ऊपर रगड़ रही थी. ऑर
तरुण से चिपकी हुई थी.
टिया पर ध्यान जाते ही. उसको टिया के
छोटे बूब्स का अहसास अपने बाजू पर होता है. ऑर उसके
पसीने छूट जाते है. वो सोच रहा था कहा फस गया.. वो
वहाँ से निकालने के लिए दिमाग़ के घोड़े दौड़ाने लगा. ऑर
तन्नू की कमर को अभी भी सहला रहा था जिससे तन्नू को को शक़ ना हो.. तभी उसे एक ऑर झटका लगता है. टिया की जाँघ
रगड़ती-रगड़ती अब तरुण के लंड तक पहुच चुकी है… इस
हालत मे एसी मे भी तरुण के पसीने छूट रहे है.. अब उसे
डेत वाली फीलिंग होने लगी है.. अब उसके सोचने समझने
की पवर ख़त्म हो गयी है . दिमाग़ एक दम सुन पड़ गया
है. उसे दिल मे इतना डर बन गया की वो सर भी नही घुमा
पा रहा था. कही उसके सर घूमने से टिया या तन्नू मे से
कोई अपना सर ना घुमा दे.. .. वो बस अब सीधे टीवी की ऑर देख
रहा था.
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Re: विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड
इतने मे टीवी पर आड्स आने का अनाउन्सस्मेंट होता है. ऑर
सभी रिलेक्स होते है. टिया जल्दिसे अपनी जाँघ हटा लेती है. ऑर
तन्नू भी तरुण से थोड़ी डिस्टेन्स बना लेती है..
कामिनी – “ तन्नू बेटा. चाय के कप किचन मे ले कर जाओ.”
ऑर तन्नू चाय के कप कलेक्ट करती है. ऑर किचन मे चली
जाती है. इस समय तन्नू ऑर टिया दोनो की पैंटी एक साथ गीली
हो गयी थी. लेकिन तरुण का तो सब कुछ गीला हो गया था.
बेचारा पसीने से तर बतर था. इससे पहले की सीरियल दोबारा
स्टार्ट हो. उसने वहाँ से निकलना ही सही समझा. लेकिन टिया
ने फिर से उसका हाथ पकड़ लिया. लेकिन इस बार तरुण नही
रुका.. वो थके होने का बहाना करके वहाँ से निकल गया.
ऑर अपने रूम मे चला गया.
अब तरुण थोड़ा रिलेक्स हुआ .. ऑर बेड पर लेट गया. इतने मे उसने
सोचा क्यो ना अब बाहर एक राउंड लगा लिया जाए.. इतना सोच कर
वो बाथरूम मे एंटर हो गया. ऑर 15 मिंट मे रेडी हो कर
बाहर आ गया. अपना पर्स पॉकेट मे रख ऑर हॉल की ऑर चल
दिया. वहाँ तब तक सीरियल ख़त्म हो चुका था. कामिनी ने
जब तरुण को देखा
कामिनी – “ बेटा कही जा रहे हो.”
तरुण – “ मोम .. थोड़ा घूमने का मन है. “
इतना सुन कर कामिनी किचन मे चली जाती है. तन्नू ऑर टिया
जब ये सुनते है तो. वो तरुण की ऑर ललचाई नज़रो से देखती
है.
टिया – “ भाई मैं भी आपके साथ चलती हू. मुझे भी
घूमने का बहुत मन है.”
तभी तन्नू भी कुछ बहाना सोचने लगती है.
तन्नू – “ भाई मुझे भी मार्केट जाना है.. मैं तेरे साथ ही
चलती हू.. मुझे मार्केट छोड़ देना.
तरुण ये सब सुन कर शांत हो गया ऑर सोचने लगा. मैं
बाहर दिमाग़ ठंडा करने जा रहा हू. या अपनी बॉडी को गर्म
करने . तरुण कुछ सोच ही रहा था. की क्या करे..तभी
तन्नू ऑर टिया दोनो रेडी हो कर आ जाते है. तरुण दोनो को
देखता है.. ऑर सोचता है इन दोनो के साथ एक साथ बाहर
गया तो.. शायद मैं अपने पैरो पर चल कर कभी वापस
नही आउन्गा..
तरुण – “ मैं बाइक से जा रहा हू. तुम दोनो मे से किसी एक को
ही ले जा सकता हू.
कामिनी – “ अरे बेटा कार ले जा ना.. तीनो साथ मे चले जाओ. “
तरुण – “ मोम मुझे बाइक चलना ज़्यादा पसंद है.. ऑर
मैं घूमने जा रहा हू. ऑफीस नही. “
इतना सुना कर टिया ऑर तन्नू दोनो मे बहस होने लगती है. ऑर
लास्ट मे कामिनी डिसाइड करती है की तन्नू को कुछ काम है
इसलिए वो तरुण के साथ जाएगी. टिया इससे बहुत नाराज़ होती
है.. ऑर मुँह लटका कर अपने रूम मे चली जाती है.
तरुण बाहर जा कर अपनी बाइक निकालता है ऑर तन्नू को पीछे बैठा
कर रवाना हो जाता है. रास्ते मे
तरुण – “ दी आपको कोन्से मार्केट जाना है “
तन्नू – “ मुझे मार्केट नही जाना “
तरुण – (चोकते हुए ) “ आप तो घर पर कह रही थी “
तन्नू “ हा वो तो ऐसे ही बहाना बना रही थी.. हमें अब
कुछ टाइम अकेले मिलेगा ना.. इसलिए. “
तरुण भी समझ जाता है ऑर दोनो स्माइल करने लगते है.. ऑर
तरुण बाइक को थोड़ी ऑर स्पीड दे देता है. वो एक काफ़ी दूर निकल
जाते है. तरुण बाइक को रोकता है.
तन्नू – “ क्या हुआ.? “
तरुण – “ दी हम लोंग राइड पर जा रहे है. एंड आगे सिर्फ़ हाइ
वे है. आप दोनो ऑर पैर करके कॉँफटबल हो कर बैठ जाओ. “तन्नू.. तरुण की बात का मतलब समझ गयी थी. इसलिए वो दोनो ऑर पैर करके तरुण से चिपक कर बैठ गयी.. ऑर तरुण ने
बाइक को हाइ वे पर भगा लिया. तन्नू अपने बूब्स को तरुण
की पीठ पर रगड़ रही थी. तरुण को ये अहसांस बहुत अच्छा
लग रहा था. तन्नू उसे ऐसे चिपकी हुई थी की बीच मे से
हवा भी पास नही हो रही थी. तभी तन्नू को एक शरारत
सूझी.. उसने अपने हाथो को तरुण के लंड के आस–पास
जाँघो पर फेरने लगी. तरुण का लंड अब पेंट के अंदर ही
अंगड़ाई लेने लगा. ऑर कुछ ही देर मे अपनी औकात मे खड़ा हो
गया. तरुण ने अपने एक हाथ से तन्नू का एक हाथ पकड़ा ऑर
अपने लंड पर रख दिया.. ऑर उसे सहलाने का इशारा किया..
लेकिन तन्नू ने अपना हाथ वापस हटा लिया ऑर.. सिर्फ़ जाँघो को
सहलाना जारी रखा... कुछ देर बाद तरुण ने फिर एक बार
तन्नू का हाथ अपने अंड पर रखा.. लेकिन तन्नू ने फिर अपना
हाथ हटा लिया. तन्नू तरुण को सिर्फ़ गर्म कर रही थी.. लेकिन
इससे ज़्यादा कुछ नही करने दे रही थी…
तरुण काफ़ी देर तक ये बर्दास्त करता है.. ऑर कुछ देर बाद ही तरुण की कंट्रोल
करने की पवर ख़त्म हो जाती है.. उसने फिर से बाइक साइड
मे रोक दी. ऑर नीचे उतर गया. तन्नू भी नीचे उतरी..
तन्नू – “ भाई अब क्या हुआ. “
तरुण तन्नू को अपनी ऑर खिचते हुए. अपने से चिपका लेता
है. ऑर तन्नू को अपनी बाहों मे बार लेता है.. तन्नू खुद को
छुड़ाने की कोशिश करती है.
तन्नू – “ भाई छोड़ो क्या कर रहे हो. ? कोई देख लेगा. “
तरुण – “ ये हाइ वे है यहा गाड़ी 70-80 से नीचे नही
चलती.. ऑर वैसे यहा अभी कोई नही है.. “
तन्नू – “ लेकिन भाई ऐसे अच्छा नही लगता “
इतना कह कर तन्नू खुद को तरुण की पकड़ से छुड़ा लेती है.
दोनो अलग खड़े हो जाते है.
तरुण – “ वैसे दी आप जो मेरे साथ कर रही थी ना. वो भी ठीक नही था. “
तन्नू अंजान बनते हुए
तन्नू - “ मैं क्या कर रही थी. ”
तरुण का मूड अब ऑफ हो चुका था.. ऑर उसे तन्नू पर
थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था.
तरुण – “ कुछ नही चलो वापस घर चलते है “
तन्नू - “ ठीक है “
इस बार तरुण बाइक बहुत स्लो चला रहा था.. तन्नू अभी
भी तरुण की कमर पर अपने बूब्स रगड़ रही थी.. इससे तरुण
का लंड खड़ा था..
तभी तरुण
तरुण – “ दी आज आप बाइक चलाना चाहेगी “
तन्नू – “ नही . वैसे भी मुझे बाइक चलानी नही आती “
तरुण - “ दी बाइक चलाना बहुत ईज़ी है. बिल्कुल स्कूटी की
तरहा है.. वो तो आपको आती है ना. “
तन्नू – “ हा लेकिन एक मेरा मूड नही है..ऑर तुम बाइक
थोड़ा तेज चलाओ “
तरुण का ये आइडिया फैल हो गया.. वो सोच रहा था. जो तन्नू
ने उसके साथ किया है. वो तन्नू के साथ करेगा.. लेकिन उसकी
फूटी किस्मत.. ने उसका साथ नही दिया
उसके बाद तरुण तन्नू के बूब्स को फील करता हुआ. घर की
ऑर चल दिया. तरुण जब बाइक को गरेज मे एंटर करवा रहा
था तो तानिया ने उन दोनो को इस हालत मे देख लिया.. तरुण
ने बाइक को पार्क किया.. ऑर तन्नू के साथ घर मे एंटर हुआ.
तरुण सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा. ऑर तन्नू अपने रूम
मे चली गयी. कुछ देर बाद तन्नू किचन मे चली जाती है
ऑर कामिनी की हेल्प करने लगती है. तरुण भी अपने रूम की ऑर
चल देता है.
उधर तानिया को कुछ शक़ होता है.. तन्नू दी तो बहुत
सिंपल है वो सभी से दूरिया बना कर रखती है. ऑर तरुण
के साथ ऐसे बाइक पर.. उसे कुछ गड़बड़ लगती है. वो तन्नू
से पूछ नही सकती थी. क्योंकि वो बड़ी है. वो तरुण से इस
बारे मे बात करने के लिए उसके रूम की ऑर चल देती है…
सभी रिलेक्स होते है. टिया जल्दिसे अपनी जाँघ हटा लेती है. ऑर
तन्नू भी तरुण से थोड़ी डिस्टेन्स बना लेती है..
कामिनी – “ तन्नू बेटा. चाय के कप किचन मे ले कर जाओ.”
ऑर तन्नू चाय के कप कलेक्ट करती है. ऑर किचन मे चली
जाती है. इस समय तन्नू ऑर टिया दोनो की पैंटी एक साथ गीली
हो गयी थी. लेकिन तरुण का तो सब कुछ गीला हो गया था.
बेचारा पसीने से तर बतर था. इससे पहले की सीरियल दोबारा
स्टार्ट हो. उसने वहाँ से निकलना ही सही समझा. लेकिन टिया
ने फिर से उसका हाथ पकड़ लिया. लेकिन इस बार तरुण नही
रुका.. वो थके होने का बहाना करके वहाँ से निकल गया.
ऑर अपने रूम मे चला गया.
अब तरुण थोड़ा रिलेक्स हुआ .. ऑर बेड पर लेट गया. इतने मे उसने
सोचा क्यो ना अब बाहर एक राउंड लगा लिया जाए.. इतना सोच कर
वो बाथरूम मे एंटर हो गया. ऑर 15 मिंट मे रेडी हो कर
बाहर आ गया. अपना पर्स पॉकेट मे रख ऑर हॉल की ऑर चल
दिया. वहाँ तब तक सीरियल ख़त्म हो चुका था. कामिनी ने
जब तरुण को देखा
कामिनी – “ बेटा कही जा रहे हो.”
तरुण – “ मोम .. थोड़ा घूमने का मन है. “
इतना सुन कर कामिनी किचन मे चली जाती है. तन्नू ऑर टिया
जब ये सुनते है तो. वो तरुण की ऑर ललचाई नज़रो से देखती
है.
टिया – “ भाई मैं भी आपके साथ चलती हू. मुझे भी
घूमने का बहुत मन है.”
तभी तन्नू भी कुछ बहाना सोचने लगती है.
तन्नू – “ भाई मुझे भी मार्केट जाना है.. मैं तेरे साथ ही
चलती हू.. मुझे मार्केट छोड़ देना.
तरुण ये सब सुन कर शांत हो गया ऑर सोचने लगा. मैं
बाहर दिमाग़ ठंडा करने जा रहा हू. या अपनी बॉडी को गर्म
करने . तरुण कुछ सोच ही रहा था. की क्या करे..तभी
तन्नू ऑर टिया दोनो रेडी हो कर आ जाते है. तरुण दोनो को
देखता है.. ऑर सोचता है इन दोनो के साथ एक साथ बाहर
गया तो.. शायद मैं अपने पैरो पर चल कर कभी वापस
नही आउन्गा..
तरुण – “ मैं बाइक से जा रहा हू. तुम दोनो मे से किसी एक को
ही ले जा सकता हू.
कामिनी – “ अरे बेटा कार ले जा ना.. तीनो साथ मे चले जाओ. “
तरुण – “ मोम मुझे बाइक चलना ज़्यादा पसंद है.. ऑर
मैं घूमने जा रहा हू. ऑफीस नही. “
इतना सुना कर टिया ऑर तन्नू दोनो मे बहस होने लगती है. ऑर
लास्ट मे कामिनी डिसाइड करती है की तन्नू को कुछ काम है
इसलिए वो तरुण के साथ जाएगी. टिया इससे बहुत नाराज़ होती
है.. ऑर मुँह लटका कर अपने रूम मे चली जाती है.
तरुण बाहर जा कर अपनी बाइक निकालता है ऑर तन्नू को पीछे बैठा
कर रवाना हो जाता है. रास्ते मे
तरुण – “ दी आपको कोन्से मार्केट जाना है “
तन्नू – “ मुझे मार्केट नही जाना “
तरुण – (चोकते हुए ) “ आप तो घर पर कह रही थी “
तन्नू “ हा वो तो ऐसे ही बहाना बना रही थी.. हमें अब
कुछ टाइम अकेले मिलेगा ना.. इसलिए. “
तरुण भी समझ जाता है ऑर दोनो स्माइल करने लगते है.. ऑर
तरुण बाइक को थोड़ी ऑर स्पीड दे देता है. वो एक काफ़ी दूर निकल
जाते है. तरुण बाइक को रोकता है.
तन्नू – “ क्या हुआ.? “
तरुण – “ दी हम लोंग राइड पर जा रहे है. एंड आगे सिर्फ़ हाइ
वे है. आप दोनो ऑर पैर करके कॉँफटबल हो कर बैठ जाओ. “तन्नू.. तरुण की बात का मतलब समझ गयी थी. इसलिए वो दोनो ऑर पैर करके तरुण से चिपक कर बैठ गयी.. ऑर तरुण ने
बाइक को हाइ वे पर भगा लिया. तन्नू अपने बूब्स को तरुण
की पीठ पर रगड़ रही थी. तरुण को ये अहसांस बहुत अच्छा
लग रहा था. तन्नू उसे ऐसे चिपकी हुई थी की बीच मे से
हवा भी पास नही हो रही थी. तभी तन्नू को एक शरारत
सूझी.. उसने अपने हाथो को तरुण के लंड के आस–पास
जाँघो पर फेरने लगी. तरुण का लंड अब पेंट के अंदर ही
अंगड़ाई लेने लगा. ऑर कुछ ही देर मे अपनी औकात मे खड़ा हो
गया. तरुण ने अपने एक हाथ से तन्नू का एक हाथ पकड़ा ऑर
अपने लंड पर रख दिया.. ऑर उसे सहलाने का इशारा किया..
लेकिन तन्नू ने अपना हाथ वापस हटा लिया ऑर.. सिर्फ़ जाँघो को
सहलाना जारी रखा... कुछ देर बाद तरुण ने फिर एक बार
तन्नू का हाथ अपने अंड पर रखा.. लेकिन तन्नू ने फिर अपना
हाथ हटा लिया. तन्नू तरुण को सिर्फ़ गर्म कर रही थी.. लेकिन
इससे ज़्यादा कुछ नही करने दे रही थी…
तरुण काफ़ी देर तक ये बर्दास्त करता है.. ऑर कुछ देर बाद ही तरुण की कंट्रोल
करने की पवर ख़त्म हो जाती है.. उसने फिर से बाइक साइड
मे रोक दी. ऑर नीचे उतर गया. तन्नू भी नीचे उतरी..
तन्नू – “ भाई अब क्या हुआ. “
तरुण तन्नू को अपनी ऑर खिचते हुए. अपने से चिपका लेता
है. ऑर तन्नू को अपनी बाहों मे बार लेता है.. तन्नू खुद को
छुड़ाने की कोशिश करती है.
तन्नू – “ भाई छोड़ो क्या कर रहे हो. ? कोई देख लेगा. “
तरुण – “ ये हाइ वे है यहा गाड़ी 70-80 से नीचे नही
चलती.. ऑर वैसे यहा अभी कोई नही है.. “
तन्नू – “ लेकिन भाई ऐसे अच्छा नही लगता “
इतना कह कर तन्नू खुद को तरुण की पकड़ से छुड़ा लेती है.
दोनो अलग खड़े हो जाते है.
तरुण – “ वैसे दी आप जो मेरे साथ कर रही थी ना. वो भी ठीक नही था. “
तन्नू अंजान बनते हुए
तन्नू - “ मैं क्या कर रही थी. ”
तरुण का मूड अब ऑफ हो चुका था.. ऑर उसे तन्नू पर
थोड़ा गुस्सा भी आ रहा था.
तरुण – “ कुछ नही चलो वापस घर चलते है “
तन्नू - “ ठीक है “
इस बार तरुण बाइक बहुत स्लो चला रहा था.. तन्नू अभी
भी तरुण की कमर पर अपने बूब्स रगड़ रही थी.. इससे तरुण
का लंड खड़ा था..
तभी तरुण
तरुण – “ दी आज आप बाइक चलाना चाहेगी “
तन्नू – “ नही . वैसे भी मुझे बाइक चलानी नही आती “
तरुण - “ दी बाइक चलाना बहुत ईज़ी है. बिल्कुल स्कूटी की
तरहा है.. वो तो आपको आती है ना. “
तन्नू – “ हा लेकिन एक मेरा मूड नही है..ऑर तुम बाइक
थोड़ा तेज चलाओ “
तरुण का ये आइडिया फैल हो गया.. वो सोच रहा था. जो तन्नू
ने उसके साथ किया है. वो तन्नू के साथ करेगा.. लेकिन उसकी
फूटी किस्मत.. ने उसका साथ नही दिया
उसके बाद तरुण तन्नू के बूब्स को फील करता हुआ. घर की
ऑर चल दिया. तरुण जब बाइक को गरेज मे एंटर करवा रहा
था तो तानिया ने उन दोनो को इस हालत मे देख लिया.. तरुण
ने बाइक को पार्क किया.. ऑर तन्नू के साथ घर मे एंटर हुआ.
तरुण सोफे पर बैठ कर टीवी देखने लगा. ऑर तन्नू अपने रूम
मे चली गयी. कुछ देर बाद तन्नू किचन मे चली जाती है
ऑर कामिनी की हेल्प करने लगती है. तरुण भी अपने रूम की ऑर
चल देता है.
उधर तानिया को कुछ शक़ होता है.. तन्नू दी तो बहुत
सिंपल है वो सभी से दूरिया बना कर रखती है. ऑर तरुण
के साथ ऐसे बाइक पर.. उसे कुछ गड़बड़ लगती है. वो तन्नू
से पूछ नही सकती थी. क्योंकि वो बड़ी है. वो तरुण से इस
बारे मे बात करने के लिए उसके रूम की ऑर चल देती है…
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Re: विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड
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Re: विदाउट रूल्स फैमिली लव अनलिमिटेड
तरुण अपने रूम मे कपड़े निकाल कर बाथ लेने की तैयारी कर
रहा था. वो सिर्फ़ अंडरवेर मे था.. तानिया.. उसे इस हालत
मे देख लेती है. तानिया के अभी तक बहुत बाय्फ्रेंड रहे है. लेकिन किसी की बॉडी ऐसी नही थी तरुण के जैसे.. बिल्कुल फिट एंड शाइन.
सिक्स-पॅक्स. अंडरवेर मे उसका लंड ने बड़ा तंबू बनाया
हुआ था.. ये तन्नू की बदौलत थी. इतना देख कर तानिया
शर्मा जाती है ऑर वापस अपने रूम मे चली जाती है. तरुण
ने तानिया को देखा नही था. तरुण बाथरूम मे चला जाता
है. तानिया. अपने कमरे मे थी. उसकी साँसे तेज हो गयी थी.
वो सोच रही थी. इस जैसे बंदर की बॉडी ऐसी कैसे हो
सकती है. ऑर उसके अंडर वेर मे इतना बड़ा.. ओ माइ गॉड. ऑर वो इन
सब बात को अपने दिमाग़ से रिमूव करने की कोशिश करती है..
ऑर सब भूल जाती है.
तानिया की फीलिंग्स
( तानिया तरुण को बिल्कुल भी पसंद नही करती है. उसकी
नज़रों मे तरुण एक बेकुफ़ लड़का है जिससे कोई लड़की नही पट
सकती.. सही मायनो मे वो एक लूज़र है. ऑर तानिया खुद को
बहुत इंटेलिजेंट मानती है.. उसकी लाइफ मे बहुत बाय्फ्रेंड
आए गये. लेकिन उसने किसी के साथ किस्सिंग से ज़्यादा कुछ
नही किया. वो अभी तक अपने सच्चे प्यार की तलाश मे है. जो
उसके लिए कुछ भी कर जाए.. इसलिए उसके अफेर तो बहुत हुए..
लेकिन कोई सीरीयस नही था “
तरुण अपने बाथरूम से बाहर आता है ऑर लॅपटॉप पर कुछ
मूवीस डाउनलोड करने मे वयस्त हो जाता है. कुछ देर
बाद… उसे याद आता है.. टिया उसके साथ अपनी लिमिट्स क्रॉस
कर रही है. उसे इस बारे मे टिया से बात करनी चाहिए..
तभी तरुण टिया के रूम की ऑर चल देता है.. टिया के रूम का
गेट ओपन था. तरुण अंदर एंटर होता है.. टिया स्टडी टेबल
पर अपनी बुक्स ठीक कर रही थी. तरुण उसके पास जाता है
तरुण – “ टिया इधर आओ. मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात
करनी है. “
टिया तरुण के पास आ कर बेड पर बैठ जाती है. “
टिया – “ हा भाई बोलो “
तरुण – “ टिया सुन.. जो कुछ भी अभी तक हम लोगो के बीच हुआ है उसे भूल जा वो सब हमारी ग़लती थी.. ऑर अब आगे से हमे सतर्क रहना है की ऐसी ग़लती फिर से ना हो.. ऑर
हमारा रिस्ता बदनाम ना हो… . “
टिया- ( अंजान बनते हुए ) “ भाई आप किस बारे मे बात कर रहे
हो मैं कुछ समझी नही. “
टिया का फेस नीचे हो जाता है ऑर वो थोड़ा सॅड हो जाती है.
लेकिन तरुण इस बारे मे सब कुछ क्लियर करने के मूड से
आया था. अभी उसका सिर्फ़ दिमाग़ काम कर रहा था..
तरुण – “ टिया… देखो जो कुछ भी अभी तक हमारे बीच
हुआ है.. वो सब एक ग़लती थी.. अब प्लीज़ ऐसे कुछ मत करना
… क्योंकि हमारा रिस्ता कुछ अलग है.. इसमे कुछ रूल्स है.
ऑर मैं इन रूल्स को तोड़ कर तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नही कर
सकता.“
टिया – “ भाई इसमे ग़लत कुछ नही है. “
तभी तरुण बीच मे ही बोल पड़ता है .
तरुण – “ टिया मैं आगे बहस नही करना चाहता हू.. ऑर अब
हमें अपनी लिमिट्स मे रहना चाहिए.
टिया – “ लेकिन भाई मैं तुमसे प्यार करती हू”
तरुण – “ मैं किसी ऑर से प्यार करता हू “
ये वर्ड तरुण के खुद के नही थे.. उसने अंजाने मे ही बोल
दिए थे. लेकिन टिया को ये सुन कर साँप सूंघ गया. वो बिल्कुल
शांत खड़ी हो गयी. उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा
था. की उसके साथ ऐसा भी हो सकता है. उसको ऐसा लग रहा
था जैसे उऊस्की दुनिया उजड़ गयी . तरुण ने बिना टिया की ऑर
देखे सीधा अपने रूम मे चला गया.. ऑर रिलेक्स होने की
कोशिश करने लगा.. क्योंकि अभी जो उसने किया है. उसके लिए
पता नही उसके पास हिम्मत कहाँ से आ गयी. अभी तक उसको
अपनी ग़लती का अहसास नही हुआ था की उसने क्या किया है.
रहा था. वो सिर्फ़ अंडरवेर मे था.. तानिया.. उसे इस हालत
मे देख लेती है. तानिया के अभी तक बहुत बाय्फ्रेंड रहे है. लेकिन किसी की बॉडी ऐसी नही थी तरुण के जैसे.. बिल्कुल फिट एंड शाइन.
सिक्स-पॅक्स. अंडरवेर मे उसका लंड ने बड़ा तंबू बनाया
हुआ था.. ये तन्नू की बदौलत थी. इतना देख कर तानिया
शर्मा जाती है ऑर वापस अपने रूम मे चली जाती है. तरुण
ने तानिया को देखा नही था. तरुण बाथरूम मे चला जाता
है. तानिया. अपने कमरे मे थी. उसकी साँसे तेज हो गयी थी.
वो सोच रही थी. इस जैसे बंदर की बॉडी ऐसी कैसे हो
सकती है. ऑर उसके अंडर वेर मे इतना बड़ा.. ओ माइ गॉड. ऑर वो इन
सब बात को अपने दिमाग़ से रिमूव करने की कोशिश करती है..
ऑर सब भूल जाती है.
तानिया की फीलिंग्स
( तानिया तरुण को बिल्कुल भी पसंद नही करती है. उसकी
नज़रों मे तरुण एक बेकुफ़ लड़का है जिससे कोई लड़की नही पट
सकती.. सही मायनो मे वो एक लूज़र है. ऑर तानिया खुद को
बहुत इंटेलिजेंट मानती है.. उसकी लाइफ मे बहुत बाय्फ्रेंड
आए गये. लेकिन उसने किसी के साथ किस्सिंग से ज़्यादा कुछ
नही किया. वो अभी तक अपने सच्चे प्यार की तलाश मे है. जो
उसके लिए कुछ भी कर जाए.. इसलिए उसके अफेर तो बहुत हुए..
लेकिन कोई सीरीयस नही था “
तरुण अपने बाथरूम से बाहर आता है ऑर लॅपटॉप पर कुछ
मूवीस डाउनलोड करने मे वयस्त हो जाता है. कुछ देर
बाद… उसे याद आता है.. टिया उसके साथ अपनी लिमिट्स क्रॉस
कर रही है. उसे इस बारे मे टिया से बात करनी चाहिए..
तभी तरुण टिया के रूम की ऑर चल देता है.. टिया के रूम का
गेट ओपन था. तरुण अंदर एंटर होता है.. टिया स्टडी टेबल
पर अपनी बुक्स ठीक कर रही थी. तरुण उसके पास जाता है
तरुण – “ टिया इधर आओ. मुझे तुमसे कुछ ज़रूरी बात
करनी है. “
टिया तरुण के पास आ कर बेड पर बैठ जाती है. “
टिया – “ हा भाई बोलो “
तरुण – “ टिया सुन.. जो कुछ भी अभी तक हम लोगो के बीच हुआ है उसे भूल जा वो सब हमारी ग़लती थी.. ऑर अब आगे से हमे सतर्क रहना है की ऐसी ग़लती फिर से ना हो.. ऑर
हमारा रिस्ता बदनाम ना हो… . “
टिया- ( अंजान बनते हुए ) “ भाई आप किस बारे मे बात कर रहे
हो मैं कुछ समझी नही. “
टिया का फेस नीचे हो जाता है ऑर वो थोड़ा सॅड हो जाती है.
लेकिन तरुण इस बारे मे सब कुछ क्लियर करने के मूड से
आया था. अभी उसका सिर्फ़ दिमाग़ काम कर रहा था..
तरुण – “ टिया… देखो जो कुछ भी अभी तक हमारे बीच
हुआ है.. वो सब एक ग़लती थी.. अब प्लीज़ ऐसे कुछ मत करना
… क्योंकि हमारा रिस्ता कुछ अलग है.. इसमे कुछ रूल्स है.
ऑर मैं इन रूल्स को तोड़ कर तुम्हारे साथ कुछ ग़लत नही कर
सकता.“
टिया – “ भाई इसमे ग़लत कुछ नही है. “
तभी तरुण बीच मे ही बोल पड़ता है .
तरुण – “ टिया मैं आगे बहस नही करना चाहता हू.. ऑर अब
हमें अपनी लिमिट्स मे रहना चाहिए.
टिया – “ लेकिन भाई मैं तुमसे प्यार करती हू”
तरुण – “ मैं किसी ऑर से प्यार करता हू “
ये वर्ड तरुण के खुद के नही थे.. उसने अंजाने मे ही बोल
दिए थे. लेकिन टिया को ये सुन कर साँप सूंघ गया. वो बिल्कुल
शांत खड़ी हो गयी. उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा
था. की उसके साथ ऐसा भी हो सकता है. उसको ऐसा लग रहा
था जैसे उऊस्की दुनिया उजड़ गयी . तरुण ने बिना टिया की ऑर
देखे सीधा अपने रूम मे चला गया.. ऑर रिलेक्स होने की
कोशिश करने लगा.. क्योंकि अभी जो उसने किया है. उसके लिए
पता नही उसके पास हिम्मत कहाँ से आ गयी. अभी तक उसको
अपनी ग़लती का अहसास नही हुआ था की उसने क्या किया है.
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