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Incest मर्द का बच्चा

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Deerama
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by Deerama »

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josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

दादू- राम अपनी बहनों के यहाँ तुम ही चले जाओ. उन दोनो को साथ ही ले कर आना. अब समय नही रहा.

पापा- पापा मैने कॉल कर दिया है दोनो को की तैयारी कर के रहे. में आज ही चला जाउन्गा और कल आ जाउन्गा.


फिर सब दालान पर चले गये.

समय कम और काम ज़्यादा था. सभी रिश्तेदारों के यहाँ ये सूभ समाचार देना था. विवाह का मार्केटिंग करना था और खेती भी देखना था.

अनिल काका, सुनील काका और पापा को बाहर का काम मिला और छोटे काका को खेती का.

पापा को तो दो दिन बुआ को लाने में ही लगना था. वो अपना तैयारी में लग गये.

लल्लू ने आ कर सब को खाने की तैयारी जल्दी करने को बता दिया क्योंकि मार्केट जाना था.

लल्लू अपनी बहनों को भी जा कर बता दिया.
सभी बहने भी मा और काकी लोगो के साथ लग गई जल्दी से खाना तैयार करने में.

खाना हो जाने के बाद पापा तो चले गये दोनो बुआ को लाने. और दोनो बड़े चाचा भी रिश्तेदारों में न्योता देने चले गये.

लल्लू- काकी यहाँ घर पर कौन रहेगा. क्या सब का जाना सही है.

ऋतु- अभी दिन है तो हम सभी जा ही सकते है बेटा. हा अगर रात होता तो फिर यहाँ किसी को रहना पड़ता.

लल्लू- फिर सब तैयार हो जाइए.

…………………


बाज़ार जाने के नाम पर तो सभी लड़कियो में जैसे पंख लग गये थे. दौड़ दौड़ कर सही काम जल्दी जल्दी निपटा कर घुस गये तैयार होने में सभी.

लल्लू और राघव बाहर बैठे हुए थे.

राघव- यार भाई क्या तुम लड़की को देखे हो.

लल्लू- नही भैया. क्यू क्या हुआ.

राघव- नही हुआ कुछ नही. में ऐसे ही पूछ रहा हूँ.

लल्लू- मुझे तो कुछ पता ही नही था. कल मुझे पता चला है.

राघव- चल हम लोग भी तैयार हो जाते है.

लल्लू- अभी तो दो घंटा लगेगा इन लोगो को भैया. हमें तैयार हमें में 5 मिनिट्स लगेगा.

राघव हँसने लगा.

लल्लू- भैया आप खुश तो हो ना इस शादी से.

राघव- हा भाई. अब उम्र तो हो ही गया था. अब तुम्हारे जैसे सब से छोटा तो हूँ नही. घर में सब से बड़ा बेटा हूँ तो अगर में अभी शादी करने से मना भी करूँगा तो कोई नही मानेगे.

लल्लू- हा ये बात तो है भैया. सब से खुश तो मुझे दादू दिख रहे थे कल.

राघव- सही कह रहे हो. वैसे तो सब ही बहुत खुश है लेकिन दादू के चेहरे की ख़ुसी तो देखते ही बन रही थी कल.

लल्लू हँसने लगा.

ऋतु- तुम दोनो को नही जाना है क्या बाज़ार.
ऋतु जो बाहर निकली थी वो दोनो को हँसते देख कर बोली.

राघव- जा रहा हूँ मा. लल्लू कह रहा है की आप सब को 2 घंटा से पहले होगा नही तो इसी लिए हम यहाँ बैठे है.

लल्लू- ब..भ..भैया. म.म.मैने कब बोला. ये तो..आप ही कह रहे थे.

ऋतु गुस्से से लल्लू को देख रही थी.
लल्लू घबराता हुआ गर्दन झुका लिया.

ऋतु फिर कमरे में चली गई.

लल्लू- भैया आप क्यू मार खिलाना चाहते हो. मैने क्या बिगाड़ा है आप का. मुझ छोटे से मासूम बच्चे पर आप को थोड़ा सा भी तरस नही आता.

राघव- बहुत प्यार आता है भाई. अब चल जल्दी से हम भी तैयार हो जाते है. नही तो अभी अब किसी ने देख लिया ऐसे बैठे तो पक्का मार पड़ेगी.

फिर दोनो वहाँ से उठ कर कमरे में चले गये.

लल्लू का समान तो काजल के कमरे में था और राघव का ऊपर फर्स्ट फ्लोर पर था अपना सेपरेट कमरा.
राघव ऊपर चला गया अपने कमरे में तैयार होने.
लल्लू काजल वाले रूम में चला गया.
जैसे ही रूम का दरवाजा खोला लल्लू वही जम गया.

काजल अभी सिर्फ़ एक कच्छी में खड़ी थी.

काजल दरवाजा खुलते ही घबरा गई और बेड पर रखे साड़ी से खुद को ढकने लगी.

लल्लू को देख कर उसे थोड़ा चैन मिला.
काजल- मुआ ऐसे कोई करता है क्या. डरा ही दिया था अभी.

लल्लू- मैने क्या किया है. सब मेरे पर ही गुस्सा रहते है.

लल्लू पैर पटकता हुआ कमरे से बाहर आ कर फिर से खाट पर बैठ गया.

पूरे 2 घंटे बाद सब बाहर निकल आने लगे.

कोमल- भाई तुम क्या ऐसे ही जाओगे.

लल्लू- गुस्से में; मा तैयार हो रही है. मेरा कपड़ा उसी रूम में है.

पीछे से आती रोमा- तो जा ना जल्दी तैयार हो जा. चाची का अब हो गया होगा.

लल्लू- दीदी आप ज़रा मेरा दो बेग होंगे वो ला दो ना.

रोमा- में क्यू लाउ. जाना है तो जा नही जाना तो मत जा.

लल्लू वही बैठा था तब तक राघव भी आ गया.

राघव- अरे तू अभी तक यही बैठा है.

लल्लू- क्या मेरा जाना ज़रूरी है भैया. यहाँ घर में भी तो कोई रहना चाहिए. आप सब को कार से ले कर चले जाओ ना. में यहाँ घर पर रहता हूँ. वैसे भी दादू भी यहाँ अकेले ही है.

राघव- क्या बात है. क्या हुआ. अभी तो तू बहुत खुश था. फिर तेरा चेहरा क्यू लटक गया है.

लल्लू- कौन कहता है में खुश नही हूँ. में बहुत खुश हूँ.

कोमल- हा तुम कितने खुश हो वो तो तुम्हरे चेहरे से ही पता चल रहा है. पूरे बारह बजे है.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

सोनम पीछे से आती हुई.

सोनम- क्या हुआ. किस के चेहरे पर बारह बजे है. भैया के क्या.

राघव- नही मेरे भाई के.

सोनम नज़र घुमा कर लल्लू को देखी.

लल्लू गर्दन घुमा लिया उधर से.

अब लल्लू के लिए यहाँ बैठना मुश्किल हो रहा था.

क्या करे समझ नही आ रहा था. फिर कमरे में जाए तो कही फिर डाँट ना पड़ जाये और अगर नही जायगा तो तैयार कैसे होगा.

सोनम- क्या हुआ भाई.
सोनम लल्लू के पास आ कर उसके सर के बालो को हाथ से बिगाड़ति बोली.

लल्लू- दी मा के कमरे में कपड़े है मेरे. मा तैयार हो रही होगी. कैसे जाऊ.

सोनम- अरे तू उनका बेटा है. तू चला जायगा तो क्या हुआ. तुम ये सब कब से सोचने लगा.
किसी ने कुछ कहा है क्या तुम्हे फिर से.

लल्लू- नही दीदी. किसी ने कुछ नही कहा. मेरे कपड़े का बॅग ला दो ना कमरे से.

सोनम उठ कर खड़ी होती हुई.
सोनम- ठीक है में लाती हूँ.

लल्लू- दीदी दो बॅग है. दोनो ले आना.

तब तक सभी तैयार हो कर बाहर आ गई.
लग रहा था जैसे इंद्र की सभा से सारी अप्सराएँ यहाँ इस आँगन में उतर आई है.
सब एक से बढ़ कर एक लग रही थी.

लल्लू तो मूह खोले सोच रहा था की किस को देखे और किस को नही.

सोनम तब तक बॅग्स लाने चली गई.

रागिनी- बेटा मूह बंद कर ले. कोई मक्खी चली जाएगी.

आँगन में खड़ी सभी लॅडीस हँसने लगी.

सोनम दोनो बॅग ला कर लल्लू को दे दी.
सोनम- ये लो भाई. अब जल्दी से तैयार हो जाओ.

लल्लू दोनो बॅग ले कर लड़कियो के कमरे के बगल में उसके लिए जो कमरा तैयार था उस में चला गया.

वॉशरूम से फ्रेश हो कर लल्लू आया तो कमरे में सोनम खड़ी थी.

सोनम- कहाँ चले गये थे. कितना समय लगा रहा है. सब गुस्सा कर रहे है.

लल्लू- कौनकौन गुस्सा कर रहा है. लल्लू टवल से मूह हाथ साफ करता बोला.

सोनम- एक हो तो नाम बताऊं ना. सब ही खड़े है आँगन में.


लल्लू- आप सब कमरा बंद करो और चलो. में आ रहा हूँ.

सोनम- ये बोलूँगा तो सब और गुस्सा करेंगे और सब चले जाएँगे तो तु कैसे जायगा. में तेरे बगैर नही जाउन्गी.

लल्लू टी शर्ट जो पहना था वो खोल कर निकाल रहा था की सोनम की बात सुन कर रुक गया.

लल्लू- क्यू आप मेरे बगैर क्यू नही जाओगे.

सोनम- क्यू जब मेरा प्यारा भाई नही जायगा तो में कैसे जा सकती हूँ.

ऋतु- क्या कर रहे हो दोनो भाई बहन. जल्दी तैयार नही हुआ जा रहा तुम्हे. इतना से तो हम सब को भी नही लगता.

लल्लू- आप लोग चलो. में आता हूँ पीछे से.

ऋतु- तू यही बैठा रह. कोई ज़रूरत नही है जाने को.
ऋतु हाथ पकड़े सोनम के कमरे से बाहर निकल आई.

लल्लू अपना कपड़ा पहन कर पर्स ले कर जेब में रखा फिर रुमाल निकाल कर रखा.
बाहर आया तो सब चले गये थे.

लल्लू काजल के रूम की ओर गया तो वहाँ लॉक लगा था.
अब जूता तो उसी घर में बंद रह गया.

लल्लू पुराना स्लीपर ही पहन लिया.
कमरे को बंद कर लल्लू दालान पर आया तो वहाँ सोनम बैठी हुई थी दादू के पास .

लल्लू- आप गई नही दी.

सोनम- नही में तेरे साथ ही जाउन्गी.

लल्लू- घर का चाबी है क्या.

सोनम- क्यू क्या हुआ.

लल्लू- वो जूता मा के कमरे में रह गया है.

सोनम दादू के पास से चाबी ले कर आँगन में आई.
फिर कमरा खोल कर लल्लू वहाँ से अपना जूता निकाला.

लल्लू जब तक जूता पहना तब तक सोनम फिर से कमरे में लॉक लगा कर चाबी दादू को पकड़ा दी.

लल्लू जूता पहन कर दालान पर आया. वहाँ से बुलेट की चाबी ले कर बाहर आ गया.

दोनो बुलेट पर बैठ कर घर से चल दिए.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

Post by josef »

लल्लू- दीदी आप अभी भी गुस्सा हो क्या.

सोनम- तुम से किस ने कहा की में गुस्सा हूँ.

सोनम लल्लू के कंधे को पकड़ कर बोली.

लल्लू- नही मुझे लगा सब गुस्सा है तो आप भी होगे.

सोनम- और तुम्हे ऐसा क्यू लगा.

लल्लू- लेट हो गया ना आप को भी मेरे कारण से इस लिए मुझे लगा……

सोनम- इतना मत सोचा कर तू.

लल्लू बुलेट की स्पीड बढ़ाता हुआ बोला.

लल्लू- दीदी वो लोग कहा मिलेंगे हमें.

सोनम- मैने कोमल और रोमा को समझा दिया है. बाज़ार शुरू होने से पहले छोटी पुलिया है वही ये लोग रुकेंगे.


स्पीड बढ़ने से सोनम डर कर लल्लू से चिपक कर बैठ गई.
लल्लू को सोनम की कठोर उभार अपने पीठ पर रगड़ता हुआ बहुत अच्छा लग रहा था.

लल्लू- दीदी आज आप बहुत सुंदर लग रही हो.

लल्लू सोनम को बाइक क साइड मिरर मे देखता बोला.

सोनम उस में देखी तो दोनो की नज़रे मिल गई.
सोनम शरमा कर मुस्कुराती हुई लल्लू से और कस कर चिपकते हुए उसके कंधे पर पीछे अपना मूह छुपा ली.

थोड़ी देर में सोनम अपना चेहरा निकाल कर मिरर में फिर से देखी तो लल्लू वही देख रहा था.
लल्लू की तो आनंद की कोई सीमा नही थी.

सोनम मिरर में देखी तो लल्लू उसे ही देखता पाया.
सोनम का चेहरा शरम से लाल हो गया टमाटर की तरह.
लल्लू सोनम को देख कर मुस्कुरा पड़ा.



सोनम अब उधर देखी ही नही वो दूसरी साइड देखी तो लल्लू को उस तरफ के मिरर में खुद को देखता पाई.

सोनम एक मुक्का प्यार से लल्लू को मार दी पीठ पर और फिर उसकी पीठ में चेहरा छुपा कर दोनो हाथो से उसके सीने पर बाँध ली.

लल्लू को असीम आनंद का अहसास हो रहा था.

दोनो यू ही लूका च्छूपी का खेल खेलते हुए वहाँ पुलिया के पास आ गये.

वहाँ पर ये लोग थे ही नही.

लल्लू वहाँ रुक गया.
लल्लू- दी ये लोग तो है नही यहाँ. अब क्या आगे देखे.

सोनम- हा भाई आगे ही देखेंगे ना क्योंकि पीछे होने का तो कोई चान्स नही है उन लोगो का.

लल्लू फिर बाइक आगे बढ़ा दिया.

बाज़ार क्रे अंदर आ कर दोनो उन लोगो को देखने लगे.

लल्लू- दीदी आप इस ओर देखना में उस ओर देखता हूँ.

बाज़ार रोड के दोनो साइड था.


दोनो उन लोगो को ढूँढते हुए आगे बढ़ रहे थे.

तभी एक शोरुम के सामने इनका स्कॉर्पियो खड़ी दिखी.

दोनो शोरुम के सामने बाइक ले कर खड़ा कर दिए.

सभी लोग वही खड़े थे.

ऋतु- आ गये तुम. हो गया तुझे नाटक किए हुए. और सोनम तू भी इसके साथ रह कर इसके जैसा ही बनती जा रही है.
अब चल जल्दी से.. लेट हो रहा है.

लल्लू-( मन में.) बहनचोद ये हो क्या रहा है. ऐसा लग रहा है जैसे में सब का पालतू कुत्ता बन गया हूँ. जब मन किया सब आ कर प्यार करते है फिर जब मन किया दुथकार देते है.


लल्लू सब के पीछे पीछे शोरुम में चला गया.
सब अपनी खरीदारी में लग गये.
वहाँ कुछ ज़्यादा उन लोगो को पसंद नही आया तो सब वहाँ से बाहर आ गये.

सोनम- मा में फॉर्म सॅब्मिट करने आई थी ना तो हम एक शोरुम में गये थे वहाँ सब कपड़े बहुत अच्छे है. वही चलते है.

ऋतु- तो इतनी देर से बताई क्यू नही. ऊपर से उस नाटक बाज के चक्कर में पड़ी थी. तुम्हे पता था तो हमारे साथ आना था ना.

लल्लू सब से पीछे खड़ा सब सुनता हुआ मुस्कुरा रहा था.

सोनम लल्लू के पास आ कर उसका हाथ पकड़ बाहर आ गई.

सोनम- भाई हमें उस दुकान ले चलो ना. यहाँ कुछ ख़ास कपड़े थे ही नही.

लल्लू चुप चाप बाइक स्टार्ट कर उस शोरुम की ओर चल पड़ा.
पीछे सभी कार से आ रहे थे.
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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