/** * Note: This file may contain artifacts of previous malicious infection. * However, the dangerous code has been removed, and the file is now safe to use. */

RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} PART-II ( Unexpected Desire of Dar

Post Reply
Rocksanna999
Posts: 51
Joined: 26 Dec 2018 17:12

RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} PART-II ( Unexpected Desire of Dar

Post by Rocksanna999 »

द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} भाग-2 ( अंधकार की अनपेक्षित चाहत )

परिचय:==>★


प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र और घटना क्रम काल्पनिक है। इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नही है। यदि कोई संबंध होता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। " द मैजिक मिरर (The Magic Mirror)" ये कहानी एक टीन एज लड़के की है जिसे 24 वीं सदी में किश्मत से एक चमत्कारी आईना मिल जाता है। लेकिन चमत्कारी आईने का एक खास राज भी है ये आईना इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिशें तभी पूरी कर सकता है जब वो व्यक्ति उस आईने के लिए अपनी सबसे खास चीज का त्याग करे। ये आईना काले जादू और तंत्र से करीब 100000 साल पहले रानी नेत्रा ने अपने राज्य के तांत्रिकों से बनवाया था। क्योंकि तांत्रिक राजभक्त थे लेकिन राजभक्त होने के साथ साथ वो लोभी भी थे तो उन्होंने इस आईने में जड़े 5 हीरों मैं अपनी-अपनी आत्माओं को क़ैद कर दिया। उनकी आत्मा इस आईने में कैद होने से अब ये आईना अपनी एक ख़्वाहिश के बदले में इस्तेमाल करने वाले को पूरा एक दिन देता है । इस एक दिन मैं आईने का मालिक जो भी ख़्वाहिश करेगा उसे पूरा करने के लिए ये आईना बाध्य था। आईने का इतिहास और उस आईना का कहानी के हीरो तक पहुंच ने तक का सफ़र आप पहले अध्याय में पढ़ेंगे। दूसरे अध्याय में आप हीरो द्वारा आईने का प्रयोग और आईने के प्रयोग के लिए किया गया त्याग पढ़ेंगे। तीसरे अध्याय में आप कहानी अंत देखेंगे।

प्रस्तुत कहानी के सभी पात्र और घटना क्रम काल्पनिक है। इस कहानी का किसी भी जीवित या मृत व्यक्ति से कोई संबंध नही है। यदि कोई संबंध होता है तो इसे मात्र एक संयोग कहा जायेगा। " द मैजिक मिरर (The Magic Mirror)" ये कहानी एक टीन एज लड़के की है जिसे 24 वीं सदी में किश्मत से एक चमत्कारी आईना मिल जाता है। लेकिन चमत्कारी आईने का एक खास राज भी है ये आईना इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति की ख़्वाहिशें तभी पूरी कर सकता है जब वो व्यक्ति उस आईने के लिए अपनी सबसे खास चीज का त्याग करे। ये आईना काले जादू और तंत्र से करीब 100000 साल पहले रानी नेत्रा ने अपने राज्य के तांत्रिकों से बनवाया था। क्योंकि तांत्रिक राजभक्त थे लेकिन राजभक्त होने के साथ साथ वो लोभी भी थे तो उन्होंने इस आईने में जेड 5 हीरों मैं अपनी-अपनी आत्माओं को क़ैद कर दिया। उनकी आत्मा इस आईने में कैद होने से अब ये आईना अपनी एक ख़्वाहिश के बदले में इस्तेमाल करने वाले को पूरा एक दिन देता है । इस एक दिन मैं आईने का मालिक जो भी ख़्वाहिश करेगा उसे पूरा करने के लिए ये आईना बाध्य था। आईने का इतिहास और उस आईना का कहानी के हीरो तक पहुंच ने तक का सफ़र आप पहले अध्याय में पढ़ेंगे। दूसरे अध्याय में आप हीरो द्वारा आईने का प्रयोग और आईने के प्रयोग के लिए किया गया त्याग पढ़ेंगे। तीसरे अध्याय में आप कहानी अंत देखेंगे।







अध्याय-2





अपडेट - 1



राज़ नैना के ऊपर चढ़ा हुआ धक्के लगा रहा था और नैना की आंखों से आंसू निकल रहे थे। जो ना तो बिस्तर पर गिरते है और ना ही उसके गाल से नीचे टपकते है बल्कि आंख से निकल कर गालों तक आते आते गायब हो जाते है। तभी राज़ अपना पानी नैना के भीतर छोड़ देता है। और एक पत्थर जो आईने से राज़ ने पहले ही निकाल लिया था उस से आईने पर चोट करता है। आईने एक दम से हवा में उछलने लगता है घूमने लगता है अचानक से राज़ एक रोशनी की भांति उस आईने में समा जाता है और साथ ही नैना भी...

उधर रानी , कोमल और सोनिया भी वापस उड़ते हुए आईने की तरफ खींची आती है लेकिन कुछ ही देर में आईना बिस्तर पर गिर जाता है..........



करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।

रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है

रानी : दादाजी........?????



कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......



पिछले अंश में आपने देखा की किस प्रकार से राज को तिलिस्मी आईना मिला और कैसे उसके जीवन में परिवर्तन हुआ, उसके परिवार और उसके जीवन की गुत्थी तिलिस्मी आईने के जाल में उलझ गयी थी जिसे सुलझाने के लिए कोमल जो की राज की प्रेमिका है और सोनिया और रानी जो की राज की दोनों बहने है ने ज़िम्मेदारी ली है या फिर कहें नियति ने उन्हे इस काम के लिए चुना है





अब आगे.......



करीब 5 मिनट ही बीते थे कि अब फिर से समय चक्र प्रारम्भ हो गया था।

रानी और सोनिया कोमल के साथ दौड़ते हुए राज़ के कमरे के भीतर आती है तो देखती है एक बुड्ढा आदमी तेजी से जवान हो रहा है। तभी रानी बोल पड़ती है

रानी : दादाजी........?????



कोमल और सोनिया रानी की बात सुनकर , इसका मतलब राजकुमारी नैना सच बोल रही थी। राज़ खतरे में है?.......



रानी और सोनिया अपने दादा जी को देख कर एक दम सदमे मे थी रानी अपने दादाजी जो की मर चुके है अचानक से कैसे वापस ज़िंदा हो सकते है? और इतने जवान? अरे ये तो धीरे धीरे जवान हो रहे है मानो जैसे की समय उल्टा चल रहा हो?



रानी के मन में बहुत सारे विचार चल रहे थे लेकिन उन विचारों का अंत होने से पहले ही एक और चमत्कार हुआ...



राज के दादा जी ने अपना हाथ ऊपर उठा कर एक ग्रीक भाषा से मिलता जुलता कोई शब्द पुकारा और वो शब्द बहुत ही गंभीर और तेज आवाज में पुकारे गए थे जिन्हें सुन कर रानी अपने ख्यालों से वापस बाहर आ गयी और एक आईना बिजली की रफ्तार से उड़ता हुआ राज़ के दादा जी के हाथ मे आकर ठहर गया।







राज के दादा जी :- हा हा हा हा हा हा हा मेरा अपना आईना हा हा हा हा हा हा हा (रानी और सोनिया और कोमल की तरफ देखते हुये) तुम लोग जानते हो इसे पाने के लिए कई जाने गयी है कई और जाने जाएंगी लेकिन इसने मुझे चुना , इसने मुझे चुना अपने मालिक के तौर पर हा हा हा हा हा हा हा। और वो वो जो इसे मुझसे लगभग जीत ही चुका था आज वो इसे के जाल में फंस चुका है हा हा हा हा हा हा हा।



रानी : दादा जी ये आप कैसी बाते कर रहे है? कौन इसे जीतने वाला था? और ये क्या है?



दादा : ये एक तिलिस्मी आईना है जिनहे सप्त ऋषियों के द्वारा बनाया गया था लेकिन ये काली शक्तियों से युक्त है क्यू की वो सप्त ऋषि नही सप्त तंत्र के मालिक ओझा तांत्रिक थे। उन्होने इसे सतो गुण, रजो गुण और तमो गुण का मालिक बना कर रखा था। लेकीन उन तांत्रिकों मे एक तांत्रिक तामसिक प्रव्रती का था तो उसके तामस गुण से ये रज और सत के बीच में समानता नही रही और तामस अपना स्थान और मजबूत करता गया।

जब ये आईना बन कर तैयार हुआ तो इसे राजकुमारी नैना को दिया गया था लेकिन राज कुमारी नैना में तामस नहीं था इसलिए इस आईने ने उनके राज मंत्री और उनके आस पास रहने वाले लोगो से नकारात्मक शक्ति को एकत्रित करना प्रारम्भ कर दिया था लेकिन ये बात कोई नही जानता था सिवा राजकुमारी नैना के......



रानी : ये झूठ है अगर राजकुमारी नैना को ये सब पता होता तो वो कभी भी इस आईने का इस्तेमाल नही करती।



दादा: मेरी बात बीच में मत काट लड़की और सुन राजकुमारी नैना को ये पता चल गया था की ये आईना नकारात्मक शक्तियों का संग्रह करता है लेकिन उन्हे ये पता नही था की ये आईना इसे प्रयोग करने वाले में संग्रह की हुयी शक्तियों का एक अंश डाल देता है। जब इस आईने ने राजकुमारी नैना पर अपना असर दिखाना शुरू किया तो राज कुमारी नैना में वो अवगुण अपना स्थान बनाने लगा जो उनमे आ ही नहीं सकता था।



रानी : कौनसा अवगुण?



दादा: राज कुमारी नैना महल में पाली थी तो उन्हे किसी चीज का लालच नही था, वो राजकुमारी थी तो उन्हे क्रोध दिलाने का किसी में साहस नहीं था। उन्हे अपनी प्रजा से ज्यादा किसी और चीज से मोह नहीं था। ऐसे में आईने द्वारा राजकुमारी में तामस प्रव्रती को बढ़ा दिया जिससे राजकुमारी के गुण ही अवगुण बन गए। तामसी व्यक्ति काम , क्रोध, मद , लोभ, मोह इनमे सिमट कर रेह जाता है। ये सब मानुषी गुण है और यही अवगुण भी है इन गुणों में से कोई भी गुण आवश्यकता से अधिक हो जाये तो अवगुण बन जाता है। राज कुमारी सुंदर थी तो उनमे काम वासना ने स्थान बना लिया जिसके चलते उन्हे क्रोध और लोभ दोनों को स्थान देना पड़ा।



रानी : लेकिन ....



दादा : बस बहुत हुआ इससे ज्यादा तुम्हें जानने की ज़रूरत नही है क्यू की तुम अब वह जाने वाली हो जो मुझसे इस आईने को जीत चुका था।



रानी: राज????



दादा: नैनाSSSSSSSSSS (ज़ोर से चिल्लाता है) अचानक से राज कुमारी नैना किसी परी की तरह वहाँ आ जाती है। नैना जिस काम के लिए तुझे बुलाया है मेंने वो खत्म करो अभी।



राज कुमारी नैना: जी मालिक इतना कहने के साथ ही नैना अपने हाथ ऊपर अंधेरे आकाश की और उठाती है और कुछ अनजानी भाषा में उच्चारण करने लगती है जिसके बोलते ही अचानक से राज के बाग से एक जादुई किताब निकाल कर बाहर आ जाती है ।देखने में वो कोई काले जादू की किताब लग रही थी







नैना कुछ बोलती है तो उस किताब के पन्ने अपने आप खुलने लगते है और उन पन्नों पर जो मंत्र लिखे हुये थे वो खुद ब खूब जैसे अग्नि से जल रहे हो ऐसे जलते हुये एक कतार मे हवा में घूमने लगे पहले तो धीरे धीरे और फिर अचानक से इतनी तेज की वो शब्द एक गोलाकार घेरा बना ने लग गए थे







सोनिया : ये क्या कर रही है?



दादा: ये वो मंत्र है जिनका उचारण नहीं किया जा सकता ये विधुत की भाषा में उच्चरित होते है इसलिए इन मंत्रों को केवल दिव्य मंत्रों से ही बोला जा सकता है।



रानी : हाँ लेकिन ये कर क्या रही है।



कोमल : कुंडलिनी......



रानी चौंक कर कोमल की और देखती है



रानी: क्या ?



कोमल ऊपर आसमान की और इशारा करती है









नैना : जल , अग्नि, वायु, प्रथ्वि, आकाश, और दशों दिशाओं के अंश (अचानक से कमरे मे रखे ग्लास का पानी नीले रंग की भाप बनकर ऊपर उड़ने लगा )





ऊपर एक लाल रंग का चक्र बन गया था







इस चक्र में चार चोर बने हुये थे जिनमे से एक मे जल दूसरे में वायु तीसरे मे आकाश और चौथे में अग्नि का अंश समा जाता है फिर अचानक से मिट्टी बवंडर बन कर इन चारों भूतों को एक साथ एक चक्र में बांधती है



जब इस चक्र को पाँच भूतों से बना कर बांध लिया जाता है तब दशों दिशाओं को निर्देश दिया जाता है की इस चक्कर का अपनी अपनी परिधि में संचालन करे। तो नैना ने अपनी मंत्रों को भाषा में कुछ उच्चारण किया दशों दिशाओं से एक रोशनी तेजी से निकल कर उस चक्र में पड़ने लगी और देखते ही देखते पराव्र्त चक्र तैयार हो गया।





इस चक्र में एक चक्र के भीतर दस चक्र होते है।



जैसे ही पराव्र्त चक्र तयार होता है नैना अपने गर्भ से राज का बीज (वीर्य) का एक अंश मंत्रों की साधना से चक्र में स्थापित कर देती है और फिर सोनिया , रानी और कोमल का नाम पुकारती है।



दादा ; ये क्या कर रही हो ? नहीSSSSSSSS



नैना अचानक से आईने में समा जाती है और नैना के आईने में जाते ही सोनिया कोमल और रानी तीनों उस आईने में समा जाती है







आईने का दूसरा छोर जंगल में था



जंगल के दूसरे छोर पर तीनों लड़कियां बेहोश थी।
Rocksanna999
Posts: 51
Joined: 26 Dec 2018 17:12

Re: RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} PART-II ( Unexpected Desire of Dar

Post by Rocksanna999 »

अपडेट – 2
नैना अचानक से आईने में समा जाती है और नैना के आईने में जाते ही सोनिया कोमल और रानी तीनों उस आईने में समा जाती है



आईने का दूसरा छोर जंगल में था



जंगल के दूसरे छोर पर तीनों लड़कियां बेहोश थी।


अब आगे.....
वर्तमान में दादा चारों और देखता है की समय की धारा अभी तक रुकी हुयी है कोई हिल भी नहीं रहा। अचानक से दादा को चक्कर से आते है और वो वही घर के बाहर बैठ जाता है। दादा अपने सर पर हाथ फेरता है दादा कुछ समझ नहीं पा रहा था अचानक से दादा को ऐसा लगता है जैसे उसके दिमाग से कुछ यादें डिलीट हो गयी हो एक दम फिल्म की तरह । ये एक तरह का साइड इफैक्ट था जब कोई समय की धारा के साथ छेड़ छाड करता है तो जो कुछ भी पहले था वो सब कुछ बदल जाता है और एक नयी टाइम लाइन शुरू हो जाती है क्यू की दादा राज़ से जुड़ा है और किसी और टाइम लाइन से है तो उसकी मेमोरी खतम हो गयी दादा एक पल को ये भी भूल गया की वो कहा है और क्या कर रहा है?
वहीं दूसरी और आईने में सोनिया रानी और कोमल तीनों धीरे धीरे होश में आने लगती है।
कोमल:- रानी सोनिया उठो...
रानी अपना सर पकड़ते हुये उठ बैठती है फिर सोनिया को भी उठाती है।
कोमल चारों और नज़र घूमा कर देखती है तो सब कुछ उल्टा नज़र आता है तभी रानी चोंकते हुये पुछती है....
रानी: राजकुमारी नैना कहाँ है?
रानी के इस सवाल से कोमल भी चोंक जाती है और सोनिया भी रानी के सवाल पर इधर उधर राजकुमारी नैना को ढूंढने की कोशिश करती है लेकिन राजकुमारी नैना कहीं भी नज़र नहीं आती।
तभी रानी को जंगल के बीच से एक रास्ता नज़र आता है।
रानी: चलो उस रास्ते से चलते है।
कोमल : कौनसे रास्ते से?
सोनिया: अरे हमारे सामने तो है देखो वहाँ पर कोई बस्ती या गाँव सा नज़र आ रहा है
कोमल: मुझे तो कोई रास्ता नज़र नही आ रहा।
रानी और सोनिया कोमल की और देख कर झुँझला जाती है।
रानी कुछ बोलने के लिए अपना मुह खोलने ही वाली होती है की अचानक से उन तीनों के पीछे से एक आवाज आती है।
अंजान बूढ़ी औरत :- उसे ये रास्ता नज़र नहीं आएगा......
रानी और सोनिया कोमल के साथ एक दम से डर कर पीछे पलटती है और डर जाती है।
उनके सामने कोई फटे से कपड़े पहने एक 70 या 80 साल की बुद्धि औरत पेड़ का सहारा लिए बैठी हुयी थी। उसके हाथों पर ढेरों झुर्रियां पड़ी थी एक एक नस दिखाई दे रही थी। और चेहरा दूध जैसा सफ़ेद गोरा मगर झाइयाँ और झुर्रियां इतनी की देख कर ही लग रहा था ये कभी भी ऊपर वाले को प्यारी हो सकती है ।
कोमल: आप कौन? और यहा कब आई?
रानी और सोनिया का भी यही सवाल था मगर कोमल ने पहले ही पुच लिया ।
बूढ़ी: मेरी छोड़ो क्या तुम्हें पता है तुम लोग यहाँ क्यू आई हो? और कैसे आई हो?
रानी और सोनिया : अपने भाई को बचाने और क्यू? और कैसे आई है इसका तो एक ही जवाब है की राजकुमारी नैना……….!
बूढ़ी: तुम उसे बचाओगी ? तुम ये सोचो अपने आप को कैसे बचाओगी उससे?
रानी और सोनिया: क्या बकवास कर रही है आप ?
कोमल: (रानी और सोनिया को चुप करवाते हुये) आप कहना क्या चाहती है?
बूढ़ी: तुम लोग ठीक वैसा ही कर रही हो जैसा उसने सोचा था। ऐसा लगता है जैसे आईने की दुनिया और तुम्हारी दुनिया दोनों पर उसने काबू पा लिया है। तुम लोगों ने मुझे अब तक नहीं पहचाना? है ना?
कोमल : किसने ? किसने दोनों दुनियाओं पर काबू कर लिया? और आप कौन है जिसे हम नहीं पहचान रहे ? आप हुमे पहचानती है?
बूढ़ी: हा हा हा हा(हँसते हुये ) खू खू ऊ उ उ (खाँसते हुये) राज़ ने, तुम्हारे प्याए राज़ ने इन दोनों दुनियाओं पर काबू पा लिया है। और में ??? में ही तो हूँ जो तुम लोगों को यहाँ लाई हूँ।
रानी और सोनिया: कौन राज़? क्या आप हुमारे भाई की बात कर रही है ?
बूढ़ी: वही राज़ जिसे तुम बचना चाहती हो। तुम्हारा अपना भाई राज़। और हाँ में ही हूँ राजकुमारी नैना…
तभी आईने की दुनियाँ में काले बादल छाने लगते है।
कोमल सोनिया और रानी तीनों के मुह से एक साथ आवाज निकलती है :- क्याSSSSSSSSSSSSSSSS
बूढ़ी: जानती हो तुम दोनों को ही वो रास्ता क्यू नज़र आ रहा है?(रानी और सोनिया की और देखते हुये) और तुम्हें क्यू नही नज़र आ रहा? (कोमल की और देखते हुये)
तीनों अपनी नज़र ना में हिलाती है।
बूढ़ी: नीलांकर..... तुम दोनों निलांकर ग्रहण कर रखी हो।
रानी और सोनिया: नहीं हमने कभी कोई इस नाम की चीज नही खायी।
बूढ़ी: क्या तुम दोनों ने राज़ के साथ संभोग किया है? या फिर उसका वीर्य पिया है?
रानी: क्या बकवास है हम राज़ की बहन है हम कभी ऐसा नही कर सकती।
बूढ़ी: हो ही नहीं सकता । राज़ एक मात्र ऐसा है जिसने निलांकर पिया है और तुम दोनों उस रास्ते को देख सकती हो इसका मतलब तुम दोनों में निलांकर का अंश है। इसका मतलब साफ है या तो तुम दोनों के गर्भ में राज का वीर्य है या फिर तुम दोनों ने उसके वीर्य का पान किया है।
कोमल: (मन मे) ओह तो चंचल ने जो कप केक में राज का वीर्य मिलकर इन दोनों को खिलाया था उसी वक़्त शायद राज़ के वीर्य के साथ निलांकर भी इनके शरीर में गया हो गा।

रानी और सोनिया तिलमिला कर : ये क्या बकवास पर बकवास किए जा रही हो । आप जानती ही क्या है हमारे बारे में? और अपने आप को राजकुमारी नैना कहने से पहले अपनी उम्र का लिहाज तो कर लिया होता बूढ़ी अम्मा... हे हे हहे (मज़ाक बनाते हुये हँसते हुये )
कोमल : तुम दोनों चुप रहो । (बूढ़ी औरत की और देख कर) अम्मा आप कौन है? क्या आप सच में राजकुमारी नैना है? आप राज़ के बारे में इतना सब कुछ कैसे जानती है? और उसके परिवारवालों के बारे में भी आप सब जानती है?
बूढ़ी: अरे में तो ये भी जानती हूँ इस वक़्त वो शैतान राज़ है कहाँ? इस वक़्त ऐसी अवस्था में है की अगर तुम लोग उसे ऐसे ही रहने देती हो तो वो कभी भी इस आईने की दुनिया से बाहर नही निकल पाएगा। लेकिन अगर तुम लोगो ने उसकी मदद की तो तुम लोगो को उसकी दासी बनकर रहना पड़ेगा।
कोमल : क्या मतलब ?
बूढ़ी : ये आईने का काला जादू और ये सब घटनाए किसी और ने नहीं बल्कि उसी शैतान राज का किया धरा है। यहाँ तक की उसने समय के साथ भी छेड छाड़ की है। इसी कारण से आज राज़ फंसा हुआ है?
रानी और सोनिया: क्या मतलब है आपका? क्या इन सब के पीछे दादा जी नहीं है?
बूढ़ी : हा तुम्हारा दादा हुआ करता था। क्यूकी तुम्हारे दादा को आईने की असीमित शक्तियाँ पाने की लालसा थी लेकिन उसके शरीर में इतनी ताकत नहीं थी की वो आईने की सारी शक्तियों को प्रकट कर सके । इसलिए तुम्हारे दादा ने एक योजना बनाई बालक बाली की... जिसमे वो बालक तुम्हारा भाई राज़ था लेकिन तुम्हारे दादा ने राज़ को कम आँकने की गलती कर दी थी। तुम्हारे दादा में इतना दिमाग इतनी बुद्धि कहाँ.... लेकिन तुम्हारे भाई मे बुद्धि की कोई कमी नहीं उसमे 10000 साल का अनुभव है।
कोमल : क्या मतलब ?
बूढ़ी : वो सब बाद में पहले ये बताओ तुम राज को क्यू बचाना चाहती हो?
कोमल: में राज से बहुत प्यार करती हूँ और उसके लिए कुछ भी कर सकती हूँ।
रानी और कोमल : हम भी राज से बहुत प्यार करती है और वो हमारा भाई है इस लिए हम उसे बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है।
बूढ़ी: ये जानते हुये भी की इन सब के पीछे राज़ ही है और वो यही चाहता है की तुम लोग उसे हमेशा हमेशा के लिए आईने की और समय की क़ैद से आज़ाद कर दो?
तीनों लडकीयाँ: हाँ
कोमल : लेकिन आपने अभी तक ये नही बताया की आप कौन है?
बूढ़ी: बताया ना में ही राजकुमारी नैना हूँ । तुम लोगों को आईने की दुनिया में लाने के लिए मुझे राज़ का वीर्य धारण करना पड़ा क्यूकी तुम्हारा दादा तुम लोगो की बाली देकर राज़ को हुमेशा के लिए यहाँ का कैदी बनाना चाहता था ताकि वो समय के उस पार तुम्हारी माँ से तुम्हारे बाप की जगह मिले और तुम्हारे बाप की जगह तुम्हारा ये दादा समय में पीछे जाकर उसे शादी करता और संतान उत्पन्न करता । इसे तुम्हारा दादा समय को चकमा देकर एक ही समय पर अलग अलग समय की धारा में जीवित रह सकता था क्यूकी तुम्हारी माँ से जो संतान उत्पन्न होती वो तुम्हारा दादा ही होता। लेकिन तुम्हारे भाई राज़ ने अंजाने में ही सही तुम्हारे दादा की सारी योजना विफल कर दी जब राज़ ने अपने ही बाप को आईने की कैद में भेज दिया जिस कारण से राज़ तो आईने की कैद में नहीं आया क्यूकी राज़ की जगह राज़ के बाप ने लेली थी लेकिन तुम्हारे दादा जिनकी जगह पहले राज़ ले रहा था अब वो मुक्त हो गया था जिस कारण से तुम्हारा दादा वापस आईने की अंधेरी गुफा में फेंक दिया गया । फिर तुम्हारे दादा के कारण ही मुझे राज़ के साथ संभोग करना पड़ा लेकिन मेंने तुम्हारे दादा के मनसूबे पहले ही जान लिए थे इसलिए तुम लोगो को आईने में लेकर आयी। लेकिन अगर तुम्हें राज को बचाना है तो एक काम करना होगा ।
तीनों : क्या? (उन्हे बुढ़िया की बात पर कोई भरोसा नहीं था लेकिन राज़ को बचाने के लिए वो कुछ भी कर सकती थी)
बूढ़ी : नीलांकर धारण की हुयी लड़कियों को राज़ के साथ संभोग करना होगा और राज़ की संतानों को जन्म देना होगा ।
तीनों:क्या?
सोनिया: पागल औरत तुझे एक बार में समझ नही आता क्या हम राज की बहन है ।
बूढ़ी : तुम्हारी दुनिया में तो तुम राज के साथ संभोग करने को मरी जा रही थी इसका मतलब तुम दोनों आईने के प्रभाव में हो।
कोमल : आईने के प्रभाव में है से क्या मतलब है आपका?
बूढ़ी: आईना वास्तविकता का उल्टा स्वरूप होता है। यदि तुम लोग राज़ से प्रेम करती हो तो आईने में तुम लोग बहुत जल्द राज़ से नफरत करने लगोगी फिर तुम कभी भी राज़ को नही बचा पाओगी। जब तुम लोग राज़ से नफरत करने लगोगी तो राज़ की संतान कैसे पैदा करोगी ? और अगर कर भी लिया तो तुम खुद उस संतान को नष्ट कर सकती हो ।
रानी: और तुम हमारे मन में राज़ के प्रति जहर घोल रही थी ताकि हम लोग जल्द से जल्द राज़ से नफरत करने लगे।
बूढ़ी: अगर ऐसा होता तो में कभी नही बताती की तुम राज़ को कैसे बचा सकती हो । अब एक बात और सुन लो जब तुम लोग राज की सनताओं को जन्म दोगी तब राज तुम तीनों को वास्तविक दुनिया में ले जाएगा लेकिन तुम लोगो की संतान आईने और समय की क़ैद में रहेंगी केवल यही एक रास्ता है समय और आईने को गुमराह करने का। इससे तुमलोगों का अंश तो यही रहेगा जिस कारण से तुम लोग एक तरह से आईने के कैदी रहोगे। केवल इसी एक तरीके से राज़ एक ही समय पर तुम्हारी दुनिया में भी रह पाएगा और समय और आईने की क़ैद में भी रहेगा।
कोमल : लेकिन मुझे ये नहीं समझ आ रहा की आखिर राज ने किया क्या है? राज़ क्यूँ आईने की क़ैद में है? और राज़ समय चक्र की भी क़ैद में है ?
तभी अचानक से बुढ़िया औरत के ऊपर लाल रंग के जुगनू आकार बैठने लगते है और देखते ही देखते वो बुढ़िया जवान होने लगती है।
(रानी कोमल और सोनिया तीनों एक साथ ) राजकुमारी नैना आप ? मतलब आपने अब तक जो भी कहा वो झुंट नहीं था?
राजकुमारी नैना आँखों से आँसू बहते हुये उन तीनों की तरफ देख कर बस इतना ही कह पायी थी की राज़ को बचा लो जल्दी और इतने में सारे जुगनू उड गए और जुगनूँ के साथ राजकुमारी की देह भी हवा हो गयी।
Rocksanna999
Posts: 51
Joined: 26 Dec 2018 17:12

Re: RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} PART-II ( Unexpected Desire of Dar

Post by Rocksanna999 »

अपडेट – 3

तभी अचानक से बुढ़िया औरत के ऊपर लाल रंग के जुगनू आकार बैठने लगते है और देखते ही देखते वो बुढ़िया जवान होने लगती है।

(रानी कोमल और सोनिया तीनों एक साथ ) राजकुमारी नैना आप ? मतलब आपने अब तक जो भी कहा वो झुंट नहीं था?

राजकुमारी नैना आँखों से आँसू बहते हुये उन तीनों की तरफ देख कर बस इतना ही कह पायी थी की राज़ को बचा लो जल्दी और इतने में सारे जुगनू उड गए और जुगनूँ के साथ राजकुमारी की देह भी हवा हो गयी।



अब आगे ........



राजकुमारी नैना की देह गायब होते ही, तीनों लड़कियाँ—कोमल, रानी और सोनिया—हैरान और चकित खड़ी रह गईं। वे कुछ समझ नहीं पा रही थीं। क्या यह सच था? क्या वाकई राजकुमारी नैना ने उन पर विश्वास किया और उनका मार्गदर्शन किया? और क्या सच में राज आईने की दुनिया में फंसा हुआ था?

तीनों के सिर में अनेक सवाल थे, लेकिन अब कोई समय बर्बाद करने का नहीं था। रानी ने सबसे पहले खड़ा होकर कहा,

रानी : - "हमें राज को बचाना होगा। हमें कुछ करना होगा!"

सोनिया ने उसकी ओर देखा और बोला,

सोनिया:- "लेकिन राजकुमारी नैना ने जो कहा, क्या हम वाकई उस रास्ते पर चलने के लिए तैयार हैं? क्या हम सच में राज से नफरत नहीं करेंगे?" औ सबसे बड़ी बात क्या हम राज़ के................. (शर्मा गयी)



सोनिया के साथ साथ रानी भी शर्मा गयी ये वो पल था जहां भय और रोमांस दोनों एक जगह पनप रहे थे?



रानी और सोनिया दोनों के मन में राज़ के लिए असीम प्रेम था इसलिए राजकुमारी नैना ने झूठ में कह दिया की वो दोनों राज़ से नफरत करने लगेगी ताकि रानी और सोनिया राज़ के साथ संबंध बनाकर संतान उत्पन्न करने में कोई संकोच भी करे तो उन्हे राजकुमारी नैना की कही बात याद रहे।

कोमल, जो अब तक चुप रही थी, धीरे से बोली,

कोमल :- "यह हमारी नियति है। हम इसे बदल नहीं सकते, लेकिन हम यह जरूर तय कर सकते हैं कि हम क्या करेंगे। राज को बचाने के लिए हमें हर हाल में आईने और समय की कैद से बाहर निकलना होगा।" उसकी आवाज़ में एक दृढ़ निश्चय था, जो सबको एक नई दिशा दे रहा था।



अब, उनके सामने सवाल यह था कि वे किस तरह राज को बचा सकती थीं और क्या उन्हें सच में राज से बच्चे पैदा करने होंगे, जैसे राजकुमारी नैना ने कहा था? क्या वे इस क़ीमत पर राज को बचाने के लिए तैयार थीं? यह तो एक कठिन फैसला था, लेकिन किसी को भी यह नहीं भूलना चाहिए कि उन्होंने अपना सब कुछ राज के लिए दांव पर लगा दिया था।

रानी और सोनिया ने एक दूसरे को देखा, फिर कोमल से आँखों में एक नए संकल्प के साथ पूछा, "हम क्या करें?"

कोमल ने गहरी साँस ली और कहा, "हमारे पास अब एक ही रास्ता है—राज को बचाना है। अगर हमें उसकी मदद के लिए वह सब करना होगा, तो हम करेंगे। हम राज से प्यार करते हैं और कोई भी दुष्कर्म उसे बचाने से नहीं रोक सकता।"और फिर याद है न राजकुमारी नैना ने क्या कहा था वो संतान यहीं पर रह जाएंगी और हम सब अपनी दुनिया में वापस जा सकेंगे।



उनकी बातें पूरी नहीं हुई थीं कि अचानक से आईने से एक तेज़ आवाज आई, जैसे कुछ टूट गया हो। उन तीनों की आँखों के सामने आईने की सतह हिलने लगी। फिर, वहां एक अजीब सी रोशनी फैलने लगी, और एक जादुई दृश्य सामने आ गया।

रानी:- दादा जी? ये तो हमारी दुनिया में है ? ओह तो ऐसा हुआ है ?

कोमल ओर सोनिया :- कैसा हुआ है?

रानी:- राजकुमारी नैना सही कह रही थी। देखो दादाजी को वो कहाँ खड़े है ? ये हमारा घर है । हमारी असली दुनिया से .... मतलब राजकुमारी नैना ने जब हुमे यहाँ बुलाया होगा तब दादाजी उनकी शक्तियों से हुमारी दुनिया में चले गए होंगे और हम यहाँ पर आ गए ताकि दादाजी हमे राज़ को आजाद करवाने से रोक ना सके ।

तभी राज की छवि बादलों में उभरने लगी—वो सशक्त, शाही और घबराया हुआ दिख रहा था। उसकी आँखों में दर्द और क्रोध की एक अजीब सी मिश्रण था, जैसे वह कुछ छुपा रहा हो, या फिर उसके भीतर कोई गहरा राज हो।

"तुम लोग आ गए?" राज की आवाज़ आईने से गूंजने लगी। "मुझे पता था कि तुम लोग आओगे, लेकिन क्या तुम सच में वह करने के लिए तैयार हो, जो मैं कह रहा हूँ?"

कोमल ने राज की छवि से आँखें मिलाईं, "हम तुम्हारे लिए तैयार हैं, लेकिन हमें बताओ कि हम कैसे तुम्हारी मदद कर सकते हैं?"

राज की आँखों में एक हल्का सा संतोष झलक आया। "तुम्हारे लिए रास्ता मुश्किल होगा, लेकिन अगर तुम मुझसे प्यार करती हो, तो यह सफर आसान हो जाएगा। तुम सब मुझे बाहर निकालने के लिए तैयार हो, तो तुम्हें मेरी शर्तों पर चलना होगा।"

रानी और सोनिया अब पूरी तरह से निर्णय ले चुकी थीं। वे राज को बचाने के लिए किसी भी जादू और तंत्र का सामना करने को तैयार थीं। आईने का काला जादू, समय की छेड़छाड़, और राज की भूल-भुलैया... यह सब उन्हें रोकने वाला नहीं था।

लेकिन अगला सवाल यह था कि क्या राज उनके लिए वास्तव में वो शख्स था, जिसे उन्होंने हमेशा भाई समझा था?

यह सवाल उनकी आत्मा में गूंज रहा था, लेकिन अब उन्हें इससे बाहर निकलने की कोई राह दिखाई नहीं दे रही थी। जो भी आगे होता, उन्हें उस रास्ते पर चलना ही था, क्योंकि उन्हें यह समझ में आ चुका था कि यह सिर्फ उनके परिवार की नहीं, बल्कि आईने और समय की दुनिया की भी लड़ाई थी।

अब उन्हें राज के साथ उस कठिन रास्ते पर चलने का फैसला करना था, जहां जादू और समय के नियमों से कहीं ज्यादा कुछ और भी था—वो शक्ति, जो उन्हें राज की मदद से ही मिल सकती थी।

जैसे ही राज की छवि बादलों में और स्पष्ट होती गई, तीनों लड़कियाँ चौंक कर उस रहस्यमय दृश्य को देख रही थीं। राज की आँखों में अजीब सी ललक थी—वो अपार दुख और गहरे रहस्य से घिरा हुआ था। उसकी आवाज़ आईने से गूंजते हुए बोली, "तुम लोग सही समय पर आए हो, लेकिन क्या तुम तैयार हो?"

"क्या हमें वह करने के लिए सच में तैयार होना होगा? जो तुम चाहते हो?" कोमल ने डरते हुए पूछा।

राज की आँखों में तीव्रता थी, मानो वह जानता हो कि यह उनके लिए एक अंतिम मौका था। "तुमसे प्यार करता हूं, इसलिए तुमसे यही उम्मीद करता हूं कि तुम वो करो जो मैं कहूं।"

सोनिया और रानी ने एक दूसरे को देखा, और फिर दोनों ने एक साथ नज़रें फेर लीं, "हम इसके लिए तैयार हैं," रानी ने कहा।

राज की छवि हल्की सी मुस्कराई। "तुम तीनों को आईने की दुनिया से बाहर निकालने के लिए तुम्हें एक रास्ता चुनना होगा। लेकिन वह रास्ता तुम्हारे आत्मबल और एकता से तय होगा। तुम लोग मुझे बचा सकती हो, लेकिन इसे करने के लिए तुम्हें एक गहरे दुष्चक्र में फंसना पड़ेगा। तुम्हें हर बात का सामना करना पड़ेगा।"

वो पल अचानक बहुत गंभीर हो गया। एक घना अंधेरा आईने के भीतर फैलने लगा, और आईने की सतह पर लहरें बनने लगीं। कोमल ने अचानक से महसूस किया कि जैसे आईने की दुनिया में कुछ और ही साजिश चल रही हो।

"यह सब क्या है?" रानी ने सवाल किया, घबराई हुई सी।

"यह है समय का चक्र। आईने की दुनिया वह जगह है, जहां सबकुछ उल्टा होता है। यहां हर चीज़ की एक दूसरी परछाई है, और तुम्हें उस परछाई से भी लड़ना होगा।" राज की आवाज़ आईने से फुसफुसाते हुए आयी। "तुमसे मिलकर अच्छा लगा, लेकिन जो रास्ता तुम्हें अब तय करना है, वो सिर्फ तुम्हारे दिल के संकल्प पर निर्भर करेगा।"

जैसे ही राज की आवाज़ थमी, तीनों लड़कियों को अजीब सी गहरी खामोशी का एहसास हुआ। अचानक से चारों ओर घना धुंआ फैलने लगा। उनका दिल तेज़ी से धड़कने लगा, और ऐसा लगा जैसे उनके चारों ओर कोई अज्ञेय शक्ति धीरे-धीरे मंडरा रही हो। वो सब कुछ देख पा रहे थे, लेकिन कोई समझ नहीं पा रहा था कि अगले पल क्या होगा।

"अब हमें क्या करना होगा?" कोमल ने शंका से पूछा।

राज की आवाज़ फिर आई, "तुम्हें सबसे पहले अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानना होगा। जिस किसी में निलांकर का अंश है, वो उस शक्ति को महसूस कर सकता है। लेकिन इससे पहले कि तुम लोग आगे बढ़ सको, तुम्हें एक कठिन परीक्षा का सामना करना पड़ेगा। तुम्हारे सामने तीन रास्ते हैं—तीन भूतिया गुफाएँ। एक रास्ता तुम्हें बाहर ले जाएगा, दूसरा रास्ता तुम्हें हमेशा के लिए आईने की दुनिया में फंसा देगा, और तीसरा रास्ता तुम्हारे अस्तित्व को मिटा देगा।"

"क्या मतलब है तुम्हारा?" सोनिया चिल्लाई। "क्या यह तुम्हारे लिए खेल है? हमें क्या करना होगा?"

राज की छवि ने गहरी साँस ली। "तुम तीनों के अंदर ही एक शक्ति है, लेकिन उसे जागृत करने के लिए तुम्हें अपनी सबसे गहरी आंतरिक कमजोरी से लड़ना होगा।"

अचानक एक गहरी, भयंकर आवाज़ आई, "यदि तुम लोगों ने इसे सही से समझा नहीं, तो तुम हमेशा के लिए इस घड़ी की धारा में फंसे रहोगे।"

तीनों लड़कियाँ फिर से डर गईं। यह डर केवल उनके दिलों में ही नहीं, बल्कि आईने की दीवारों में भी महसूस हो रहा था। चारों ओर से गहरी गूंज सुनाई देने लगी। और तभी, उस गहरी आवाज़ से निकल कर एक नया दृश्य सामने आया—वो कोई रहस्यमय गुफ़ा थी, जो किसी भी क्षण उन्हें निगल सकती थी।









कोमल ने गहरी साँस ली और कहा, "हम जितनी जल्दी हो सके इस गुफा में प्रवेश करेंगे। अगर हमें राज को बचाना है, तो हमें इस दुनिया की सच्चाई को समझना होगा।"

वे तीनों एक साथ उस गुफ़ा में दाखिल हो गईं। जैसे ही वे भीतर घुसीं, अंधेरा बढ़ता गया, और दीवारों से सिसकी और गूंज की आवाजें आने लगीं। वे नहीं जानते थे कि ये आवाजें किसी और के डर से निकल रही थीं या फिर इनकी अपनी कमजोरियों से।

पहली गुफा का रास्ता बिल्कुल सीधा था, लेकिन दीवारों पर लाल रंग के चित्र बने हुए थे। कोमल ने एक चित्र को देखा, और वह अचानक अचकचाई। वह चित्र उसे राज के बचपन के दिन याद दिला रहा था, और उसी में कुछ ऐसा था जो उसने पहले कभी नहीं देखा। उस चित्र में राज़ किसी बूढ़ी स्त्री के साथ उस आयु में संभोग कर रहा था जिस आयु का वर्णन यहाँ करना अवैध है?

"यह क्या है?" रानी ने पूछा।

"यह वह राज़ है, जो राज के दिल में है," कोमल ने कहा। "यह वह डर है जो उसने कभी महसूस किया था।"

"क्या तुम दोनों तैयार हो?" सोनिया ने पूछा। "क्या हम इन तस्वीरों को तोड़ सकते हैं?"

जैसे ही वे तीनों ने उन चित्रों को छुआ, अचानक से गुफा का स्वरूप बदल गया। दीवारें हिलने लगीं, और एक खौ़फनाक दृश्य सामने आया। वह एक विशाल जलते हुए जीव की परछाई थी—जो उनकी ही तरह दिखता था। वह राज था, लेकिन वह एक शैतान में तब्दील हो चुका था। उसकी आँखों में जहर था, और उसकी लहराती हुई खौ़फनाक मुस्कान से गुफा की दीवारें भी कांप रही थीं।

"तुम लोग किसका सामना करने का साहस रखते हो?" वह शैतान राज की आवाज़ में गूंजा।

तीनों की साँसें थम गईं। लेकिन कोमल ने साहस जुटाया। "हम तुम्हें बचाने के लिए आए हैं, राज। तुम सिर्फ अपनी छाया में खो गए हो। हम तुम्हारी मदद करेंगे।"

सोनिया और रानी ने भी अपनी ताकत जुटाई। "हम कभी भी तुम्हें खोने नहीं देंगे, राज।"

"अगर तुम सच में उसे बचाना चाहते हो, तो तुम्हें हमारी शर्तों पर काम करना होगा," शैतान राज की छाया ने कहा, और गुफा में भयंकर तूफान सा आ गया।

अब यह संघर्ष केवल तीनों लड़कियों और शैतान राज के बीच नहीं था, बल्कि यह एक संघर्ष था—आईने की दुनिया और उनके अस्तित्व का।

कोमल : - कैसी शर्त?

शैतान राज की छाया ने कहा :- अपना हाथ गुफा की दीवार पर रखो यह तुम्हारे दिल के सबसे बड़े डर को उजागर कर देगा अगर तुम उस पर विजय पा गयी तो आगे बढ़ सकती हो लेकिन सिर्फ तुम बाकी दो नहीं?

सोनिया और रानी :- और हमे भी आगे बढ्न हो तो क्या करना होगा ?

शैतान राज की छाया ने कहा : - अपना हाथ गुफा की दीवार पर रखो ये तीनों गुफा तुम्हें पार करनी हो गी।

कोमल , रानी और सोनिया ने बिना एक पल गवाए गुफा की दीवार पर अपना हाथ रखा ।

कोमल :- (राज़ कोमल को छोड़ कर जा रहा होता है कोमल अकेला पन महसूस करती है । ये सिर्फ अकेला पैन नहीं था ये सूनापन था जैसे किसी की मौत हो गयी एक अजीब सा शोक मन में उमड़ रहा था।


राज़ को खोने का डर पनप रहा था?अपनी ज़िंदगी में कोमल को फिरसे अकेले रह जाने का खयाल आ रहा था ? कोमल वही गुफा पर डरी, सहमी बैठ गयी और रोने लग गयी। कोमल को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे ?



वही दूसरी और रानी ओर सोनिया अपने अपने डरको देख कर स्तब्ध खड़ी रह गयी।


शैतान राज की छाया:- हा हा हा हा हा हा तुम उसे नहीं ले जा सकती उसे यहीं आईने की दुनिया में रहकर महान शैतान बनना होगा उसने अपनी आत्मा के टुकड़े कर लोए और मुझे यहाँ फेंक दिया इसकी सजा उसे ज़रूर मिलेगी हा हा हा हा .........................

जी हाँ ना तो राज़ के दादा मे ये सब किया था न ही राज़ ने खुद ने बल्कि ये सब किया कराया राज़ के शैतानी अंश का था जिसे राज़ ने खुद से अलग कर दिया था आगे पता लगेगा की राज़ ने ऐसा कब और क्यू किया ? जानने के लिए पढ़ते रहिए एक द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} ( अंधकार की अनपेक्षित चाहत )
josef
Platinum Member
Posts: 5492
Joined: 22 Dec 2017 15:27

Re: RE: द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism} PART-II ( Unexpected Desire of Dar

Post by josef »

plz continuie
Post Reply

Return to “Hindi ( हिन्दी )”