वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास ) complete

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rajaarkey
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Re: वक्त ने बदले रिश्ते ( माँ बनी सास )

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इधर ज्यों ही अपनी बहन शाज़िया के पास खड़े हुए ज़ाहिद ने अपनी बहन के मुँह से 42ड्ड साइज़ सुना. तो वो हैरान हो कर अपनी बहन के मुँह की तरफ देखने लगा.

ज़ाहिद अपनी बहन शाज़िया से अपने जिन्सी ताल्लुक़ात कायम करने से पहले ही ये बात अच्छी तरह जानता था. कि उस की बहन शाज़िया के ब्रेज़ियर का नंबर 40ड्ड है.

इसीलिए अब अपनी बहन के बाते हुए साइज़ को सुन कर ज़ाहिद को बहुत हैरत हुई. और सेल्स गर्ल के पड़े जाते ही वो फॉरन अपनी बहन से हल्की आवाज़ में मुखातिब हुआ “शाज़िया तुम्हारे मम्मो का साइज़ तो 40ड्ड है जब कि तुम ने ऑर्डर 42ड्ड का दिया है क्यों??”.

“वो भाई असल में ये ब्राज़ीएर्स और पॅंटीस में अपने लिए नही खरीद रही” सेल्स गर्ल को साइज़ बताने के बाद शाज़िया अपने भाई से इसी सवाल की तवक्को कर रही थी. इसीलिए उस ने भी एक हल्की आवाज़ में अपने भाई की बात का फॉरन जवाब दिया.

“अच्छा अगर तुम ने ये अपने लिए नही खरीदने, तो फिर और किस के लिए खरीद रही हो,और पर्सो ही तो मेने तुम्हें हेर क्रीम ला कर दी है,और तुम आज फिर दुबारा वो ही चीज़ खरीद रही हो,क्यों??” ज़ाहिद अपनी बहन के जवाब पर मज़ीद हैरत जदा हुआ. और बड़े इश्तियाक से अपनी बहन से दुबारा पूछा.

“वो असल में आज मेने कपड़े धोने के दौरान अम्मी का ब्रेज़ियर देखा, जो काफ़ी पुराना हो चुका था,इसीलिए सोचा क्यों ना आज अम्मी के लिए नई ब्रेजियर्स और पैंटी ही खरीद लूँ,और ये हेर क्रीम भी अम्मी ने लेने का बोला है भाई” शाज़िया ने बड़े सकून और इतमीनान के साथ अपने भाई की बात का जवाब दिया. और जल्दी से चलते हुए काउंटर की तरह बढ़ने लगी.

“किययययययययययययया” शाज़िया की बात सुन कर ज़ाहिद का मुँह हैरत से खुला का खुला रह गया.

ज़ाहिद को यकीन नही हो रहा था. कि आज उस की बहन/बीवी ने अंजाने में उसे अपनी ही सग़ी अम्मी के लिए, अपनी ही पसंद के अंडरवेअर और ब्राज़ीएर्स खरीदने पर मजबूर कर दिया है.

ज़ाहिद को अपनी बहन की इस हरकत पर हैरत तो बहुत हुई.

मगर इस के साथ साथ ये सोच सोच कर ज़ाहिद का लंड उस की पॅंट में अकड़ने लगा.कि चलो अंजाने में ही सही आज उस ने खुद अपने हाथ से अपनी ही अम्मी की मोटी प्यासी फुद्दि को ढकने के लिए छोटी छोटी पट्टियाँ और अपनी अम्मी के मोटे और भारी मम्मो को काबू करने वाले पुश अप ब्रा पसंद किए हैं.

“काश में अपनी अम्मी के वजूद को अपने हाथ से सेलेक्ट की हुई इन पैंटीज और ब्रास में मलबूद देख सकूँ” ये बात जेहन में आते ही ज़ाहिद का लंड अपनी अम्मी की चूत के लिए मचल उठा.

मगर स्टोर में होने की वजह से ज़ाहिद अब अपनी मूठ तो लगाने से मजबूर था.

इसीलिए ज़ाहिद भी अपने जज़्बात पर काबू पाता हुआ और खामोशी के साथ चलता अपनी बहन शाज़िया के पास गया.

फिर दोनो बहन भाई अपनी अम्मी के लिए नई और सेक्सी किसम के अंडर गारमेंट्स खरीद कर स्टोर से बाहर आ गये.

आज अपनी ही अम्मी के उन के अंडर गारमेंट्स खरीदने के साथ साथ अपनी सग़ी अम्मी की मोटी फुद्दि की सफाई के लिए हेर रिमूविंग क्रीम भी खरीदने की वजह से ज़ाहिद का दिल और लंड में एक अजीब सी हल चल मच चुकी थी.

मगर अपनी बहन शाज़िया की अपने पास मौजूदगी की वजह से ज़ाहिद की पूरी कोशिश थी. कि वो अपने लंड और दिल की हालत अपनी बहन शाज़िया के सामने ज़ाहिर ना होने दे.

इसीलिए स्टोर से बाहर आ कर ज़ाहिद ने खामोशी के साथ अपनी मोटर साइकल स्टार्ट की. और अपनी बहन शाज़िया को साथ ले कर अपने घर की तरफ चल पड़ा.

इधर शाज़िया ने ज़ाहिद के छुपने के बावजूद अपने भाई की पॅंट में अकडे हुए उस के लंड को देख लिया था.

अपने भाई की पॅंट में अक्डे हुए ज़ाहिद के लंड को देख कर शाज़िया को अंदाज़ा हो गया था. कि आज अपनी ही सग़ी अम्मी के जिस्म के पोषीदा हुश्न के लिए छोटे छोटे अंदर गारमेंट्स चूज कर के उस के भाई ज़ाहिद का लंड अब बैठने का नाम नही ले रहा.

मगर शाज़िया ने भी अपनी तरफ से कोशिश की कि वो भी अपनी किसी बात से ज़ाहिद को ये ज़ाहिर ना होने दे. कि उस ने ज़ाहिद के हाथों अम्मी के लिए ब्राज़ीएर्स और पानितेस सेलेक्ट करवाने की हरकत जान बोझ कर की है.

इसीलिए शाज़िया भी अपने घर के सारे रास्ते खामोशी से मोटर साइकल पर बैठे रही.

वैसे हक़ीकत ये थी. कि आज अपने भाई/शोहर ज़ाहिद को बहुत शौक और प्यार से अपनी ही सग़ी अम्मी के लिए ये सेक्सी अंडर गारमेंट्स सेलेक्ट करता देख कर शाज़िया की चूत भी अपना पानी बहाने लगी थी.

शाज़िया का दिल तो उधर मोटर साइकल पर ही अपने भाई से अपनी चूत चुदवाने को चाह रहा था.

मगर पब्लिक प्लेस में होने की वजह से शाज़िया अपनी इस ख्वाइश को पूरा करने से महरूम थी. और फिर थोड़ी देर में दोनो बहन भाई अपने घर वापिस आन पहुँचे.

ज़ाहिद शाज़िया को घर के सामने उतार कर खुद किसी कम के सिलसिले में वापिस चला गया.

शाज़िया अपने हाथ में शॉपिंग बॅग उठाए अकेली ही घर में एंटर हुई.तो उस की मुलाकात टीवी लाउन्ज में बैठी हुई अपनी अम्मी रज़िया बीबी से हुई.

“इधर आ कर मुझे अपनी शॉपिंग दिखाओ शाज़िया ” अपनी बेटी शाज़िया के हाथ में शॉपिंग बॅग देख कर रज़िया बीबी ने एक रवायती औरत की तरह बड़े तजसोस से पूछा.

“आज तो मेने सिर्फ़ आप ही के लिए शॉपिंग की है अम्मी जी” शाज़िया ने अपनी अम्मी के हाथ में बॅग पकड़ाते हुए कहा.

“अच्छाा,चलो देखते हैं मेरी बेटी किए खास चीज़ खरीद कर लाई है मेरे लिए” रज़िया बीबी बहुत इश्तियाक से अपनी बेटी के हाथ से शॉपिंग बगले कर जल्दी जल्दी उसे खोलने लगी.

ज्यों ही रज़िया बीबी ने बॅग में पड़ी हुई ब्राज़ीएर्स और पॅंटीस को अपने हाथ में ले कर बॅग से बाहर निकाला.

तो अपने लिए शाज़िया की तरफ से खरीदे हुए डिफरेंट कलर्स में सेक्सी किस्म के ब्राज़ीएर्स और छोटी छोटी पेंटीस को देख कर रज़िया बीबी का मुँह हैरत से खुला का खुला रह गया.



“यहह क्या है शाज़ियास्स्स” रज़िया बीबी ने हैरान होते हुए पहले अपने सामने पड़े हुए अंडर गारमेंट्स को देखा और फिर हैरत से दुबारा अपनी बेटी का मुँह देखने लगी.

“अम्मी आज मेने आप का एक पुराना ब्रेज़ियर देखा था,जो कि काफ़ी दफ़ा इस्तेमाल करने की वजह से तकरीबन फट चुका था,इसीलिए मेने सोचा कि आज बाज़ार जा कर आप के लिए कुछ नये ब्राज़ीएर्स और पैंटी खरीद लाऊ” शाज़िया ने अपनी अम्मी की बात का जवाब दिया.

“मेरे लिए,बेटी ये तो बहुत रेवेलिंग किस्म की इंपोर्टेड पॅंटीस और ब्राज़ीएर्स है, तुम तो जानती हो कि में इस तरह के रेशमी अंडर गारमेंट्स नही पहनती,और तुम फिर भी इस किस्म के कपड़े उठा लाई मेरे लिए” रज़िया बीबी ने थोड़ा गुस्से में अपनी बेटी शाज़िया को डांटा.

“में तो जानती हूँ,मगर ज़ाहिद भाई नही जानते ना,और ये सेक्सी किस्म की इंपोर्टेड पॅंटीस और ब्राज़ीएर्स उन ही की पसंद हैं अम्मी” शाज़िया ने अपनी अम्मी के गुस्से को नज़र अंदाज़ करते हुए बहुत सकून से रज़िया बीबी को जवाब दिया.

अपनी अम्मी से ये बात कहते वक्त शाज़िया इतनी गरम हो गई. कि शाज़िया को अपनी चूत में से पानी बह कर अपनी गुदाज रानो पर फिसलता हुआ महसूस होने लगा.

“क्या मंतलब है तुम्हारा शाज़िया” अपनी बेटी का जवाब सुन कर रज़िया बीबी ना सिर्फ़ चौंक गई. बल्कि अपनी बेटी शाज़िया के मुँह से अपने बेटे ज़ाहिद का ज़िक्र सुन कर रज़िया बीबी की चूत में भी एक दम से जैसे चींटिया रेंगने लगीं.

“असल में ज़ाहिद भाई ये समझ रहे थे कि में अपने लिए ये अंडर गारमेंट्स खरीद रही हूँ,इसीलिए वो दुकान पर जा कर खुद ही मेरे लिए ये ब्राइज़ेर्स और पॅंटीस सेलेक्ट करने लगे” शाज़िया ने बड़ी मासूमियत से अपनी अम्मी रज़िया बीबी को जवाब दिया.

“तो तुम ने ज़ाहिद को बताया तो नही, के ये अंडरगार्मेंट्स तुम ने मेरे लिए खदेड़े हैं” रज़िया बीबी ने दरखाते दिल के साथ फॉरन ही अपनी बेटी से दुबारा सवाल किया.

“मेने पहले तो नही बताया,मगर 42ड्ड साइज़ का सुन कर ज़ाहिद भाई को पता चल गया, कि में ये अंडरगारमेंट्स अपने लिए नही खरीद रही,इसीलिए मुझे मजबूरी में बताना ही पड़ा अम्मी जान” शाज़िया ने हल्की आवाज़ में अपनी अम्मी को जवाब दिया.

“उफफफफफफफफफ्फ़ ये तुम ने क्या किया बेटी” अपनी बेटी के मुँह से ये बात सुन कर रज़िया बीबी के मुँह से तो ये अल्फ़ाज़ निकले.

मगर इस के साथ ये बात जान कर के आज उस का सगा बेटा अपनी सग़ी अम्मी के लिए इंतिहाई सेक्सी किस्म के छोटे छोटे अंडर वेर और पुश अप किस्म के ब्रेजियर्स सेलेक्ट कर के ली है. तो रज़िया बीबी की मोटी प्यासी चूत में जिन्सी भूक की आग एक दम से भड़क उठी.
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रज़िया बीबी के जिस्म में एक करंट से दौड़ गया. जिस वजह से ना सिर्फ़ रज़िया बीबी का जिस्म थोड़ा सा कांप गया. बल्कि साथ ही साथ रज़िया बीबी का चेहरा भी शरम से लाल होने लगा.

शाज़िया ने अपनी अम्मी के जिस्म की हालत और उन के चेहरे का बदलता हुआ रंग देख लिया था.

“मुझे चाहिए कि में अम्मी को मोका दूं, ता कि अम्मी तेन्हाई में अपने बेटे ज़ाहिद के हाथों सेलेक्ट किए गये अंडर गारमेंट्स को अच्छी तरह देख कर इस लम्हे को एंजाय कर सके” ये बात सोच कर शाज़िया ने टीवी लाउन्ज से खिसक जाना ही मुनासिब समझा. और “अम्मी मैं ज़रा पानी पी आऊ”कहती हुई किचन की तरफ चल पड़ी.

इतनी देर में रज़िया बीबी का ध्यान शॉपिंग बॅग पर गया. तो उसे महसूस हुआ कि बॅग में कोई चीज़ पड़ी रह गई. जिसे रज़िया बीबी ने अभी तक नही देखा.

रज़िया बीबी ने जल्दी से शॉपिंग बॅग को उल्टाया. तो शाज़िया की खरीदी हुई हेर रिमूविंग क्रीम बॅग से निकल कर टेबल पर गिर पड़ी.

उधर दूसरी तरफ शाज़िया ज्यों ही किचन में जाने के लिए वापिस मूडी. तो उस के कान में अपनी अम्मी की आवाज़ दुबारा से गूँजी “ये हेर रिमूविंग क्रीम तुम्हारी है शाज़िया”.

“ये भी में और ज़ाहिद भाई आप ही के लिए लाए हैं अम्मी” अपनी अम्मी की बात सुन कर शाज़िया के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कराहट फैली. और बहुत सकून से अपनी अम्मी की बात का जवाब देते हुए शाज़िया किचन में दाखिल हो गई.

“ये क्या बकवास कर रही हो तुम शाज़िया” अपनी बेटी का जवाब सुनते ही रज़िया बीबी शाज़िया के पीछे चीखी.

मगर इतनी देर में शाज़िया अंजान बन कर अपनी अम्मी की नज़रों से ओजल हो चुकी थी.

“उफफफफफफफफफफफ्फ़ ये आज हो क्या रहा है इस घर में,मेरे बेटे ने ना सिर्फ़ मेरे लिए आज अपनी पसंद की सेक्सी अंडर गारमेंट्स सेलेक्ट की हैं,बल्कि अपनी अम्मी की चूत के लिए शेविंग क्रीम भी उठा लाया है आज” अपनी बेटी शाज़िया के किचन में जाते ही रज़िया बीबी ने शेविंग क्रीम को अपने हाथ में पकड़े हुआ सोचा.

अपने बेटे ज़ाहिद की अपनी अम्मी के लिए की गई शॉपिंग को देख देख कर रज़िया बीबी बहुत गरम हो चुकी थी.

रज़िया बीबी अभी अपनी सोचो में ही मगन थी. कि इतने में उस के मोबाइल फोन की बेल बज उठी.

अपने हाथ में पकड़ी हुई शेविंग क्रीम को अपने सामने पड़े टेबल पर रख कर रज़िया बीबी अपने सेल फोन की तरफ मुत्वजो हो गई.

ये रज़िया बीबी की कराची वाली बेटी की कॉल थी. जिस ने आज काफ़ी टाइम के बाद अपनी अम्मी को याद किया था.

अपनी कराची वाली बेटी से बातें करने के दौरान ही रज़िया बीबी ने शाज़िया और ज़ाहिद की लाई हुई अंडर गारमेंट्स और शेविंग क्रीम को दुबारा शॉपिंग बाग में रख कर बाग अपने कमरे की अलमारी में रख दिया.

अपने बच्चो की तरफ से की गई इस स्पेशल शॉपिंग को देख कर रज़िया बीबी की चूत गरम तो ज़रूर हुई थी.

मगर अपने घर के काम काज में मसरूफ़ियत की वजह से वो उस दिन अपनी चूत की आग को अपने हाथ से ठंडा ना कर पाई.

इस दौरान रात हो गई तो दोनो माँ बेटी अपने कमरे में जा कर अपने अपने बिस्तर पर सो गईं.

उस रात देर गये ज़ाहिद जब घर वापिस लोटा. तो हुस्बे मामूल शाज़िया और रज़िया बीबी उस वक्त तक सो चुकी थी. इसीलिए ज़ाहिद और रज़िया बीबी का आपस में सामना ना हुआ.

दूसरी सुबह ज़ाहिद अपनी अम्मी और शाज़िया के उठने से पहले की अपने पोलीस स्टेशन चला आया. इसीलिए आज भी ज़ाहिद का अपनी अम्मी रज़िया बीबी से सामना ना हुआ.

उस दिन ज़ाहिद का जन्म दिन था. मगर हर साल की तरह इस साल भी ज़ाहिद को अपना बर्थदे का दिन याद नही था.

चूँके अपनी बहन का शोहर बनने के बाद ये ज़ाहिद की पहली साल गिरह थी.

इसीलिए एक अच्छी और प्यार करने वाली बीवी की तरह शाज़िया को अपने जानू शोहर का ये जनम दिन बहुत अच्छी तरह याद था.

“क्यों ना में शाम से पहले बाज़ार जा कर अपने भाई के लिए गिफ्ट और केक ले आऊँ,और शाम को घर वापसी पर अपनी जान ज़ाहिद को एक सर्प्राइज़ दूं ” अपने घर के काम काज से फारिग हो कर शाज़िया ने सोचा.

ये सोच कर शाज़िया ने दोपहर का खाना बनाया और फिर फारिग हो बाज़ार जाने के लिए तैयार हो गई.

“अम्मी में ज़रा मार्केट तक जा रही हूँ” तैयार हो कर ज्यों ही शाज़िया अपने कमरे से बाहर आई. तो उस ने सामने सोफे पर बैठी अपनी अम्मी से कहा.

“तुम तो कल ही ज़ाहिद के साथ बाज़ार गईं थी,क्या कोई चीज़ रह गई थी जो अब अकेले मार्केट जा रही हो बेटी” रज़िया बीबी ने सोफे पर बैठे बैठे अपनी बेटी से पूछा.

“अच्छा आप को बता देती हूँ,मगर आप को वादा करना हो गा कि आप ज़ाहिद भाई से इस बात का ज़िक्र नही करो गीं” शाज़िया ने अपनी अम्मी से रिक्वेस्ट की.

ऐसी भी कौन सी राज़ की बात है शाज़िया,अच्छा चलो नही बताउन्गी” रज़िया बीबी ने अपनी बेटी से वादा कर लिया.

“वो असल में आज ज़ाहिद भाई की साल गिरह (बर्थ डे) है,इसीलिए में भाई के लिए गिफ्ट और केक लेने जा रही हूँ’ताकि आज शाम को उन्हे सूप्राइज़ दे सकून” शाज़िया ने अपने दिल की बात अपनी अम्मी से कह दी.

“अच्छा जाओ मगर ज़रा जल्दी आ जाना बेटी” रज़िया बीबी ने अपनी बेटी को इजाज़त दे दी. तो शाज़िया टॅक्सी ले कर अपने घर के करीब ही एक शॉपिंग मार्केट में चली गई.

उस रोज़ एक तो गर्मी की शिद्दत और दूसरी लोड शेडिंग की भर मार ने रज़िया बीबी के बहरूनी जिस्म का बुरा हाल किया हुआ था.

और वैसे भी अपने बेटे के लाए हुए स्पेशल गिफ्ट के बारे में सोच सोच कर रज़िया बीबी के जिस्म के अंदूनी हिस्सो में गर्मी की शिद्दत कल से भरी हुई थी.

जिस की वजह से रज़िया बीबी की शलवार में उस की मोटी फुद्दि सारी रात चिप चिप करती रही थी.




“जब तक शाज़िया शॉपिंग कर के वापिस आती है,उस वक्त तक क्यों ना में जल्दी से शवर ले कर अपने अंदर और बाहर की गर्मी को थोड़ा कम कर लूँ” अपनी बेटी शाज़िया के घर से बाहर निकलते ही रज़िया बीबी ने बाथ रूम में जा कर नहाने का सोचा.

ये सोच जेहन में आते ही रज़िया बीबी अपने कमरे में गई.



और अपनी कमीज़ उतार कर बिस्तर पर फैंक दी.

रज़िया बीबी ने अपनी कमीज़ के नीचे हमेशा की तरह आज भी देसी स्टाइल का एक पुराना ब्रेज़ियर ही पहना हुआ था.

अपनी कमीज़ उतार कर ज्यों ही रज़िया बीबी ने कमरे के शीशे के सामने अपने सेरपे का जायज़ा लिया. तो जिंदगी में पहली बार आज रज़िया बीबी को अपना ये देसी स्टाइल का पुराना ब्रेज़ियर अच्छा नही लगा.

“नहाने के बाद क्यों ना में आज अपने बेटे ज़ाहिद का पसंद किया हुआ ब्रेज़ियर और पैंटी पहन लूँ” रज़िया बीबी के जेहन में ख्याल आया.

इस के साथ ही अपने ब्रेजियर को अपने जिस्म से उतारने के इरादे से रज़िया बीबी अपने हाथों को अपनी छातियों पर लाई. और अपनी हाथों से अपने ब्रेज़ियर के कप्स को अपनी छातियों से नीचे किया.

तो रज़िया बीबी के दोनो भारी भारी मम्मे झट से उस के ब्रेज़ियर के कप्स से बाहर निकल आए.

“उफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआ मेरे मम्मों के निपल्स कितने मोटे हो गये हैं” रज़िया बीबी ने अपने मम्मो के ब्राउन निपल्स को अपने हाथों में थामा. तो उस के मुँह से एक गरम सिसकी निकल गई.


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अभी अपनी सहलवार और ब्रेज़ियर में आधी नंगी रज़िया बीबी शीशे (मिरर) के सामने अपने बड़े बड़े मम्मो का दीदार ही कर रही थी. कि इतने में रज़िया बीबी का बिस्तर पर पड़ा मोबाइल फोन रिंग करने लगा.

“उफफफफफफ्फ़ इस फोन ने भी इसी वक्त बजना था” रज़िया बीबी ने एक चिड चिड़ाहट के साथ अपने हाथों को अपने मम्मो से हटाया. और बिस्तर पर पड़े अपने मोबाइल की तरफ लपकी.



रज़िया बीबी स्क्रीन पर इन कमिंग कॉल का नंबर देखे बिना, उसी तरह ब्रेज़ियर में से झाँकती हुई अपनी पूरी नंगी छातियों के साथ अपने बिस्तर पर नीम दराज़ लेटी.और अपने मोबाइल फोन को अपने कान से लगा कर बोली “हेलो जी कौन”.

“अम्मी में हूँ ज़ाहिद” ज्यों ही ज़ाहिद की आवाज़ फोन के रास्ते रज़िया बीबी के कान (एअर) में गूँजी.

तो रज़िया बीबी को यूँ लगा जैसे ये ज़ाहिद की आवाज़ नही बल्कि उस के बेटे का मोटा सख़्त लंड है. जो कान रास्ते से दाखिल हो कर उस की गरम चूत में समा गया हो.

“हैयय्ाआआआआआआआ बएटााआआआआआआअ” रज़िया बीबी अपने जवान बेटे की रौब भरी मर्दाना आवाज़ सुन कर अपने जज़्बात पर काबू ना पा सकी. और बेइख्तियार उस के मुँह से ये आवाज़ निकल गई.

रज़िया बीबी को एक दम से अपनी इस ग़लती का अहसास हो गया. और वो दिल ही दिल में दुआ करने लगी कि ज़ाहिद अपनी अम्मी इस सिसकी को नज़र आदाज़ कर दे.

उधर ज़ाहिद पोलीस स्टेशन में अपने काम में बिजी होने की वजह से वाकई ही अपनी अम्मी की आवाज़ में छुपी हुई जिन्सी तलब को ना समझ सका.

और वो फोन की दूसरी तरफ से बोला “ अम्मी शाज़िया कहाँ है, में दो तीन दफ़ा उसे फोन कर चुका हूँ,मगर वो फोन का जवाब नही दे रही”

“शाज़िया तो बाथरूम में है,अभी बाहर आती है तो में उसे तुम्हारे फोन का बताती हूँ बेटा” रज़िया बीबी ने अपने बेटे की बात का जवाब दिया.

“अच्छा में शाज़िया के फोन का इंतिज़ार करता हूँ अम्मी” ये कहते हुए ज़ाहिद ने फोन काट दिया.

“शूकर है ज़ाहिद ने मेरी सिसकी नही सुनी” ज़ाहिद की कॉल बंद होते ही रज़िया बीबी ने अपने आप से कहा. और अपनी बेटी शाज़िया को कॉल मिला दी.

शाज़िया ने फोन उठाया तो रज़िया बीबी ने उसे ज़ाहिद की कॉल की इतला दी.

“अच्छा अम्मी में अभी ज़ाहिद भाई को फोन कर लेती हूँ” ये कह कर शाज़िया ने भी जल्दी से फोन बंद कर दिया.
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“अब मुझे फॉरन घुसल (शवर) ले लेना चाहिए” शाज़िया से बात करने के बाद रज़िया बीबी ये बात सोचती हुई बिस्तर से उठी.और अपनी शलवार उतार कर कमरे में ही पूरी नंगी हो गई.

अपनी शलवार उतारने के दौरान रज़िया बीबी चूँकि अभी तक शीशे के सामने ही खड़ी थी.

इसीलिए नंगा होते ही रज़िया बीबी की नज़र अपनी मोटी टाँगों के दरमियाँ पानी छोड़ती अपनी फुद्दि पर गई.

हालाँकि रज़िया बीबी ने अपनी फुद्दि की शेव चन्द दिन पहले ही की थी.

मगर इस के बावजूद इन चन्द दिनो में ही रज़िया बीबी की चूत की जुवैन (पुबिक हेर) दुबारा से थोड़ी थोड़ी उग आईं थी.

“क्यों ना आज अपने बेटे की खरीदी हुई शेविंग क्रीम से अपनी फुद्दि की शेव करूँ” रज़िया बीबी ने अपनी चूत के थोड़े थोड़े सख़्त बल्लों पर अपना हाथ फेरते हुए सोचा.

ज़ाहिद की लाई हुई हेर रिमूविंग क्रीम से अपनी फुद्दि की शेव करने का ये आइडिया रज़िया बीबी को इतना भाया कि रज़िया बीबी की चूत ने शर शर कर के अपना पानी छोड़ दिया. तो अपनी फुद्दि से बैठे हुए झड़ने (वॉटर फॉल) के पानी ने रज़िया बीबी की उंगलियाँ को भी भिगो दिया.

रज़िया बीबी ने अलमारी में रखे हुए बॅग से हेर रिमूविंग क्रीम निकाली और फिर नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई.

उधर दूसरी तरफ अपनी अम्मी की कॉल बंद होने के बाद शाज़िया ने मार्केट में पहुँचते ही अपने भाई ज़ाहिद को फोन किया.

“जी भाई अम्मी ने बताया है कि आप ने कॉल की थी” ज्यों ही ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया की कॉल अटेंड की तो शाज़िया ने कहा.

“बस तुम्हारी याद सता रही थी,तो सोचा तुम्हें फोन कर के तुम्हारी प्यारी आवाज़ ही सुन लूँ”ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया से इश्क लड़ाते हुए कहा.

“अच्छा अगर मेरी याद आ रही है,तो फिर पोलीस स्टेशन में क्या कर रहे हैं,आप घर क्यों नही आ जाते” शाज़िया ने भी अपने भाई की प्यार भरी बात का उसी अंदाज़ में जवाब दिया. तो नीचे से शाज़िया की मोटी प्रेगनेंट फुद्दि भी अपने भाई के मोटे लंड के लिए गरम होने लगी.

“दिल तो चाह रहा है कि आ कर अपनी जान के मोटे मम्मो को चाट खाऊ, मगर तुम तो जानती हो कि इस साली पोलीस की नोकरि में क्या मजबूरी होती है, आज भी आधी रात से पहले घर नही आ पाउन्गा” ज़ाहिद ने अपनी बहन शाज़िया से कहा.

“इतना लेट पर क्यों भाई” शाज़िया अपने भाई के आज भी देर से घर आने की बात सुन कर मुरझा गई.

“नोकर क्या और नखरा क्या मेरी जान” ज़ाहिद ने जवाब दिया और फिर चन्द मिनट्स मज़ीद अपनी बहन से बात कर कर ज़ाहिद ने फोन बंद कर दिया.

शाज़िया तो आज अपने भाई को उस का बर्थडे का सर्प्राइज़ देने के मूड में थी. इसीलिए अब ज़ाहिद के घर लेट वापसी का सुन कर उसे गुस्सा तो आया.

मगर ज़ाहिद की नोकरी ही कुछ ऐसी थी. जिस में घर वापसी का कोई टाइम सेट नही था. इसीलिए शाज़िया सिवाय गुस्से के और कुछ कर भी क्या सकती थी.

“अब मार्केट तो में आ ही चुकी हूँ,इसीलिए केक और गिफ्ट ले ही लूँ,इस तरह आज ना सही कल सुबह ज़ाहिद भाई को ये केक और गिफ्ट दे दूँगी” ये ख्याल आते ही शाज़िया ने दोनो चीज़े खरीदी और एक टेक्शी ले कर वापिस घर की तरफ निकल पड़ी.

अगर चे शाज़िया अपने भाई ज़ाहिद की जल्दी घर आमद ना होने की वजह से उदास सी हो गई थी.

मगर इस के बावजूद अपने भाई ज़ाहिद की प्यार भरी बातों ने शाज़िया की फुद्दि को गरमा दिया था.

इसीलिए वो टॅक्सी में अपने घर वापसी के दौरान अपने भाई की जबरदस्त चुदाई को याद कर के अपनी शलवार में ही अपनी फुद्दि का पानी छोड़े जा रही थी.

इधर बाथरूम में शवर लेती रज़िया बीबी ने अपने बेटे ज़ाहिद की दी हुई शेविंग क्रीम से अपनी चूत के बालों को अच्छी तरह सॉफ सुथरा किया. और फिर नहाने के बाद रज़िया बीबी अपने जिस्म पर टॉवल बंद कर वापिस अपने कमरे में आ गई.

अपने कमरे में आ कर रज़िया बीबी ने अलमारी से दुबारा शाज़िया का दिया हुआ शॉपिंग बॅग निकला.



और उस में से एक ब्रेज़ियर और मॅचिंग पैंटी निकाल कर पहन ली.
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