thanks mitro aapke sahyog ke liye
मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete
- pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
- pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
फिर फहीम अपना लण्ड मुझे चूसने के लिए कहता है, तो मैं सहम जाती हूँ उसका लण्ड देखकर। उसका लण्ड बहुत मोटा तो नहीं, पर ठीक-ठाक लंबा और कुछ ‘यू’ शेप में मुड़ा होता है। मैं अपना पेग पीकर उसका लण्ड चूसने लगती हूँ। तभी हैदर भी मेरे पास आ जाता है।
अब फहीम उठकर मेरी मोम के पास चला जाता है। वो मोम को बेड का कोना पकड़कर झुकने को बोलता है। मैं मोम के पास ही बैठ जाती हूँ। मोम झुक जाती हैं। फहीम अपना लण्ड मोम की गाण्ड पर लगाता है और धीरे से पुश करता है। मोम के मुँह से ‘इस्स्स्स’ की आवाजें निकलती हैं। धीरे-धीरे करके वो पूरा लण्ड अंदर को पुश करता है।
मोम को बहुत तेज दर्द होता है ‘आआह्ह्ह’। मैं मोम को किस करने लगती हूँ, कुछ सेकेंड के बाद वो पूरा लण्ड बाहर निकालता है और एक जोरदार धक्का मारता है।
मोम चीख पड़ती हैं- “आऽऽआह्ह्ह… मर गईई… निकाल लो…”
पर वो उनकी बात पर ध्यान नहीं देता है और फिर से एक जोर का धक्का लगाता है। वो मोम की गाण्ड पर थप्पड़ करने लगता है और जोर-जोर से झटके लगाने लगता है। मोम जितना चीखती हैं, वो उन्हें चूतड़ पर उतनी ही तेज से थप्पड़ मारता है।
मेरी समझ में ये नहीं आ रहा था की इसका लण्ड इतना मोटा नहीं है की मोम ले ना पाएं, तब भी मोम इतना चीख क्यों रही हैं?
उसके हर झटके से मोम आगे-पीछे हो रही होती हैं, और लगतार चीखती हैं- “आह्ह्ह… मर्रर गई… बस बस बस… प्लीज़्ज़… आई आम बेगिंग यू प्लीज़्ज़…”
6-7 मिनट बुरी तरह गाण्ड मारने के बाद वो झड़ जाता है तो मोम के चेहरे पर रिलैक्स की फीलिंग साफ-साफ दिखती है। मोम निढाल होकर बेड पर लेट जाती हैं। मैं आइस क्यूब उठाकर मोम की गाण्ड पर लगाती हूँ की उन्हें दर्द से थोड़ा आराम मिले। उनकी गाण्ड एकदम लाल हो गई होती है।
तभी हैदर दो-तीन आइस क्यूब्स और लाकर मोम की चूत में ठूँस देता है। मोम को कंपकंपी सी आने लगती है, और मोम की आँखें बंद हो जाती हैं, उनके चेहरा पर मिक्स फीलिंग होती है, दर्द और मजे की। मोम सीधे पैर फैलाकर लेटी होती हैं।
तभी अयाज वहां आता है और मोम के पैर के पास बैठ जाता है। मोम की साँसें तेज चल रही होती हैं, जिससे उनके बड़े-बड़े खरबूजे (चूचियां) ऊपर-नीचे हो रहे होते हैं। हैदर अपना लण्ड मोम की चूचियों के बीच रखकर चूचियों की चुदाई करता है, जिसकी रगड़ के कारण मोम की चूचियां भी लाल हो जाती हैं।
अब अयाज मोम की चूत को फैलाता है और उनके दोनों पैर हैदर को पकड़ने को बोलता है और फिर वो अपना लण्ड मोम की चूत पर रगड़कर उन्हें टीज करता है। ऐसा वो एक-दो मिनट तक करता है। इससे मोम अपनी गाण्ड आगे को करने लगती हैं, और मोम आँखें खोलती है। उन्हें देखकर ऐसा लगता है की वो अयाज से अंदर डालने की भीख माँग रही हों। अयाज मुश्कुराने लगता है।
मोम उससे बोलती हैं- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ डोंट टीज… प्लीज़्ज़… चोदो मुझे… चोदो मुझे एक कुतिया कि तरह प्लीज़्ज़…”
तभी वो एक जोरदार झटका मारता है तो उसका पूरा लण्ड मोम की चूत को चीरता हुआ अंदर चला जाता है। मोम की आँखें दर्द से फटी की फटी रह जाती हैं। मोम तड़पने लगती हैं, और फिर अयाज लण्ड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करता है। मोम को थोड़ा-थोड़ा मजा आने लगता है। और हैदर उनकी चूचियां दबाकर उनको और उत्तेजित करता है।
तभी मोम अयाज से कहती हैं- “चोदो मुझे… चोदो मुझे… और जोर से चोदो मुझे…”
अयाज अपनी स्पीड बढ़ा देता है। मोम फिर चिल्लाने लगती हैं- “चोदो मुझे… चोदो मुझे… चोदो मुझे हार्डर… हार्डर हार्डर फास्टर…” मोम की आवाजें तेज हो जाती हैं, और वो अपनी गाण्ड उठा-उठाकर उनका पूरा सपोर्ट करती हैं- “चोदो मुझे… चोदो मुझे… फक फक फक…”
तभी किसी चीज के दबाव से उसका लण्ड चूत से बाहर निकल जाता है, और मोम की चूत से एक तेज धार पानी की निकलती है। उन्हें बहुत तेज स्क्विर्टिंग होती है। मोम उत्तेजना में पूरी कांपने लगती हैं, और खुद अपना हाथ आगे करके उसका लण्ड फिर से अपनी चूत पर लगाती हैं। वो फिर से शाट लगाने लगते हैं, और 30-40 सेकंड बाद वो अपना लण्ड फिर से बाहर निकालता है। मोम को फिर स्क्विर्टिंग होती है। ऐसा दो-तीन बार और होता है और फिर अयाज उनकी नाभि पर अपना माल छोड़ देता है।
मोम बुरी तरह से काँप रही होती हैं। करीब 15 मिनट बाद मोम थोड़ा रिलैक्स होती हैं। हमें टाइम का ध्यान ही नहीं होता, शाम के 6:00 बज गये होते हैं।
फहीम हम दोनों को हमारा ब्लाउज़, पैंटी और बुर्क़ा पहनने को देते हैं। हम ब्लाउज़ और पैंटी पहनकर साड़ी उठाते हैं तो हैदर हमें मना कर देता है। हम अपना मेकप ठीक करते हैं। हैदर हमें इन्हीं कपड़ों के ऊपर बुर्क़ा पहनने को कहता है। फिर हम दोनों हिजाब बाँधते हैं।
फिर रूम सर्विस को बुलाता है, और कहता है- “रूम ढंग से साफ कर देना और बेडशीट बदल देना…”
फिर हमारी तरफ देखकर कहता है- “आप लोग तैयार होकर पूल साइड आ जाओ, हम वहीं आते हैं…”
हम वहां से निकलते हैं। मोम मुझसे थोड़ा आगे चली जाती हैं, पीछे से उनकी पैंटी लाइन विजिबल होती है, और उनकी गाण्ड हर कदम पे ऊपर और नीचे हो रही होती है।
मैं- “मोम, आपका चेहरा देखकर लग रहा है आपको बहुत मजा आया…”
मोम- “मजा तो आया बेटा, पर फहीम की गाण्ड चुदाई से मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हुआ था…”
मैं- “मोम, आप तो पहले भी ले चुकी हो वहां, तो फिर इतना दर्द क्यों?”
मोम- “तुझे अभी बहुत मजा आ रहा है ना? जब फहीम से चुदेगी ना तो सब पता चल जाएगा?”
मैं- “कुछ भी कहो मोम, मुझे तो मजा आया…”
मोम- “हाँ… तू दिन पर दिन और चुदक्कड़ होती जा रही है…”
मैं- “मोम, आखिर बेटी किसकी हूँ?”
तभी हम पूल पर पहुँच जाते हैं। वहां हमारा टेबल लगा होता है। तभी एक बंदा वहां आता है और हमसे पूछता है की कुछ लेंगी आप?
मैं- “हाँ वोडका और कुछ सिगरेटें…”
वो देखकर मुश्कुराता है और फिर चला जाता है। थोड़ी देर बाद वो सब कुछ टेबल पर रखकर हमें घूरकर देखता है, मुश्कुराता है, और चला जाता है।
शाम होने की वजह से पूल साइड पर ज्यादा लोग नहीं होते, हम अपना हिजाब थोड़ा सा खोलकर ड्रिंक करते हैं, और मैं सिगरेट के कश लगाती हूँ, आस-पास बैठे लोगों की नजर हम पर पड़ जाती है।
तभी अयाज, फहीम और हैदर आते हुए दिखते हैं। वो गेट पर खड़े हुए बाउंसर्स से कुछ कहते हैं, और हमारे पास आ जाते हैं। 30 मिनट बीतते हैं और वहां बैठे लोग धीरे-धीरे वहां से चले जाते हैं। फिर हैदर मोम से कहता है- डार्लिंग बुर्क़ा उतारो और पूल में आओ मेरे साथ…”
मोम- “पर मेरे पास तो स्विमिंग की ड्रेस भी नहीं है…”
हैदर- “जो पहना है उसे ही पहनकर आ जाओ…”
मोम- “पर यहां तो कोई भी आ सकता है…”
हैदर- “आता है तो क्या हुआ तुम आओ बस…” और हैदर मोम का बुरक़ा उतार देता है। फिर वो छोटे ब्लाउज़ और ब्रा में पूल में उनको उतार लेता है। और वो लोग स्वीमिंग करते हैं।
अब फहीम उठकर मेरी मोम के पास चला जाता है। वो मोम को बेड का कोना पकड़कर झुकने को बोलता है। मैं मोम के पास ही बैठ जाती हूँ। मोम झुक जाती हैं। फहीम अपना लण्ड मोम की गाण्ड पर लगाता है और धीरे से पुश करता है। मोम के मुँह से ‘इस्स्स्स’ की आवाजें निकलती हैं। धीरे-धीरे करके वो पूरा लण्ड अंदर को पुश करता है।
मोम को बहुत तेज दर्द होता है ‘आआह्ह्ह’। मैं मोम को किस करने लगती हूँ, कुछ सेकेंड के बाद वो पूरा लण्ड बाहर निकालता है और एक जोरदार धक्का मारता है।
मोम चीख पड़ती हैं- “आऽऽआह्ह्ह… मर गईई… निकाल लो…”
पर वो उनकी बात पर ध्यान नहीं देता है और फिर से एक जोर का धक्का लगाता है। वो मोम की गाण्ड पर थप्पड़ करने लगता है और जोर-जोर से झटके लगाने लगता है। मोम जितना चीखती हैं, वो उन्हें चूतड़ पर उतनी ही तेज से थप्पड़ मारता है।
मेरी समझ में ये नहीं आ रहा था की इसका लण्ड इतना मोटा नहीं है की मोम ले ना पाएं, तब भी मोम इतना चीख क्यों रही हैं?
उसके हर झटके से मोम आगे-पीछे हो रही होती हैं, और लगतार चीखती हैं- “आह्ह्ह… मर्रर गई… बस बस बस… प्लीज़्ज़… आई आम बेगिंग यू प्लीज़्ज़…”
6-7 मिनट बुरी तरह गाण्ड मारने के बाद वो झड़ जाता है तो मोम के चेहरे पर रिलैक्स की फीलिंग साफ-साफ दिखती है। मोम निढाल होकर बेड पर लेट जाती हैं। मैं आइस क्यूब उठाकर मोम की गाण्ड पर लगाती हूँ की उन्हें दर्द से थोड़ा आराम मिले। उनकी गाण्ड एकदम लाल हो गई होती है।
तभी हैदर दो-तीन आइस क्यूब्स और लाकर मोम की चूत में ठूँस देता है। मोम को कंपकंपी सी आने लगती है, और मोम की आँखें बंद हो जाती हैं, उनके चेहरा पर मिक्स फीलिंग होती है, दर्द और मजे की। मोम सीधे पैर फैलाकर लेटी होती हैं।
तभी अयाज वहां आता है और मोम के पैर के पास बैठ जाता है। मोम की साँसें तेज चल रही होती हैं, जिससे उनके बड़े-बड़े खरबूजे (चूचियां) ऊपर-नीचे हो रहे होते हैं। हैदर अपना लण्ड मोम की चूचियों के बीच रखकर चूचियों की चुदाई करता है, जिसकी रगड़ के कारण मोम की चूचियां भी लाल हो जाती हैं।
अब अयाज मोम की चूत को फैलाता है और उनके दोनों पैर हैदर को पकड़ने को बोलता है और फिर वो अपना लण्ड मोम की चूत पर रगड़कर उन्हें टीज करता है। ऐसा वो एक-दो मिनट तक करता है। इससे मोम अपनी गाण्ड आगे को करने लगती हैं, और मोम आँखें खोलती है। उन्हें देखकर ऐसा लगता है की वो अयाज से अंदर डालने की भीख माँग रही हों। अयाज मुश्कुराने लगता है।
मोम उससे बोलती हैं- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ डोंट टीज… प्लीज़्ज़… चोदो मुझे… चोदो मुझे एक कुतिया कि तरह प्लीज़्ज़…”
तभी वो एक जोरदार झटका मारता है तो उसका पूरा लण्ड मोम की चूत को चीरता हुआ अंदर चला जाता है। मोम की आँखें दर्द से फटी की फटी रह जाती हैं। मोम तड़पने लगती हैं, और फिर अयाज लण्ड को धीरे-धीरे अंदर-बाहर करता है। मोम को थोड़ा-थोड़ा मजा आने लगता है। और हैदर उनकी चूचियां दबाकर उनको और उत्तेजित करता है।
तभी मोम अयाज से कहती हैं- “चोदो मुझे… चोदो मुझे… और जोर से चोदो मुझे…”
अयाज अपनी स्पीड बढ़ा देता है। मोम फिर चिल्लाने लगती हैं- “चोदो मुझे… चोदो मुझे… चोदो मुझे हार्डर… हार्डर हार्डर फास्टर…” मोम की आवाजें तेज हो जाती हैं, और वो अपनी गाण्ड उठा-उठाकर उनका पूरा सपोर्ट करती हैं- “चोदो मुझे… चोदो मुझे… फक फक फक…”
तभी किसी चीज के दबाव से उसका लण्ड चूत से बाहर निकल जाता है, और मोम की चूत से एक तेज धार पानी की निकलती है। उन्हें बहुत तेज स्क्विर्टिंग होती है। मोम उत्तेजना में पूरी कांपने लगती हैं, और खुद अपना हाथ आगे करके उसका लण्ड फिर से अपनी चूत पर लगाती हैं। वो फिर से शाट लगाने लगते हैं, और 30-40 सेकंड बाद वो अपना लण्ड फिर से बाहर निकालता है। मोम को फिर स्क्विर्टिंग होती है। ऐसा दो-तीन बार और होता है और फिर अयाज उनकी नाभि पर अपना माल छोड़ देता है।
मोम बुरी तरह से काँप रही होती हैं। करीब 15 मिनट बाद मोम थोड़ा रिलैक्स होती हैं। हमें टाइम का ध्यान ही नहीं होता, शाम के 6:00 बज गये होते हैं।
फहीम हम दोनों को हमारा ब्लाउज़, पैंटी और बुर्क़ा पहनने को देते हैं। हम ब्लाउज़ और पैंटी पहनकर साड़ी उठाते हैं तो हैदर हमें मना कर देता है। हम अपना मेकप ठीक करते हैं। हैदर हमें इन्हीं कपड़ों के ऊपर बुर्क़ा पहनने को कहता है। फिर हम दोनों हिजाब बाँधते हैं।
फिर रूम सर्विस को बुलाता है, और कहता है- “रूम ढंग से साफ कर देना और बेडशीट बदल देना…”
फिर हमारी तरफ देखकर कहता है- “आप लोग तैयार होकर पूल साइड आ जाओ, हम वहीं आते हैं…”
हम वहां से निकलते हैं। मोम मुझसे थोड़ा आगे चली जाती हैं, पीछे से उनकी पैंटी लाइन विजिबल होती है, और उनकी गाण्ड हर कदम पे ऊपर और नीचे हो रही होती है।
मैं- “मोम, आपका चेहरा देखकर लग रहा है आपको बहुत मजा आया…”
मोम- “मजा तो आया बेटा, पर फहीम की गाण्ड चुदाई से मुझे बहुत ही ज्यादा दर्द हुआ था…”
मैं- “मोम, आप तो पहले भी ले चुकी हो वहां, तो फिर इतना दर्द क्यों?”
मोम- “तुझे अभी बहुत मजा आ रहा है ना? जब फहीम से चुदेगी ना तो सब पता चल जाएगा?”
मैं- “कुछ भी कहो मोम, मुझे तो मजा आया…”
मोम- “हाँ… तू दिन पर दिन और चुदक्कड़ होती जा रही है…”
मैं- “मोम, आखिर बेटी किसकी हूँ?”
तभी हम पूल पर पहुँच जाते हैं। वहां हमारा टेबल लगा होता है। तभी एक बंदा वहां आता है और हमसे पूछता है की कुछ लेंगी आप?
मैं- “हाँ वोडका और कुछ सिगरेटें…”
वो देखकर मुश्कुराता है और फिर चला जाता है। थोड़ी देर बाद वो सब कुछ टेबल पर रखकर हमें घूरकर देखता है, मुश्कुराता है, और चला जाता है।
शाम होने की वजह से पूल साइड पर ज्यादा लोग नहीं होते, हम अपना हिजाब थोड़ा सा खोलकर ड्रिंक करते हैं, और मैं सिगरेट के कश लगाती हूँ, आस-पास बैठे लोगों की नजर हम पर पड़ जाती है।
तभी अयाज, फहीम और हैदर आते हुए दिखते हैं। वो गेट पर खड़े हुए बाउंसर्स से कुछ कहते हैं, और हमारे पास आ जाते हैं। 30 मिनट बीतते हैं और वहां बैठे लोग धीरे-धीरे वहां से चले जाते हैं। फिर हैदर मोम से कहता है- डार्लिंग बुर्क़ा उतारो और पूल में आओ मेरे साथ…”
मोम- “पर मेरे पास तो स्विमिंग की ड्रेस भी नहीं है…”
हैदर- “जो पहना है उसे ही पहनकर आ जाओ…”
मोम- “पर यहां तो कोई भी आ सकता है…”
हैदर- “आता है तो क्या हुआ तुम आओ बस…” और हैदर मोम का बुरक़ा उतार देता है। फिर वो छोटे ब्लाउज़ और ब्रा में पूल में उनको उतार लेता है। और वो लोग स्वीमिंग करते हैं।
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
थोड़ी देर में कुछ और लोग भी पूल साइड आ जाते हैं, और अपनी-अपनी टेबल्स पर बैठ जाते हैं।
मोम और हैदर पानी में हँसी मजाक कर रहे होते हैं। तभी दिखता है की पूल में एक कपड़ा तैर रहा होता है, ओह्ह्ह… ये तो मोम का ब्लाउज़ था। मैं समझ जाती हूँ कि मोम और हैदर अब नंगे हैं, पर लाइट कम होने के कारण बहुत साफ-साफ नहीं दिख रहा था।
फहीम मेरे बुरके में हाथ डालकर मेरी चूचियां दबाता है, मुझे किस करता है। तभी हैदर बाहर आता है और मोम को पूल से बाहर आने को बोलता है। मोम कोने पर आकर रुक जाती हैं, बाहर नहीं आती। वो तौलिया लेकर खड़ा हो जाता है और कहता है की आकर ले जाओ।
मोम धीरे से बोलती है- “मैंने कुछ भी नहीं पहना है, जो पहना भी था वो आपने उतार दिया, बाहर कैसे आऊँ?”
हैदर कहता है- अब शर्माना क्या? आ जाओ।
मोम झेंपते हुए बाहर आती है और सबसे पहले अपने चेहरे पर हिजाब बांधती हैं, फिर नंगी ही अपनी बाडी को पोंछती हैं।
हैदर, फहीम और अयाज कहते हैं- “तुम लोग रूम में जाओ, हम अपना काम निपटाकर आते हैं…” और वो वहां से चले जाते हैं। हम वापस लौट रहे होते हैं। जब हम बाउंसर्स के पास से गुजरते हैं तो वो दोनों बाउंसर्स हमारी गाण्ड पर चपत लगाते हैं।
मोम- “आउच…”
मैं- “ऊवू…” मैं उनको घूरकर देखती हूँ तो वो आँख मारते हैं।
मोम- “मोना चलो यहां से…”
मैं- “ओके…” और हम रूम में आ जाते हैं।
मैं- “मोम मजा आ रहा है?”
मोम- “बेटा, मजा तो आ रहा है पर कोई हमें पहचान ना ले?”
मैं- “मोम, हमें ऐसे कैसे कोई पहचान लेगा? बिना टेन्शन के एंजाय करो, बाकी बाद में देखेंगे…” हम थक चुके होते हैं और सो जाते हैं।
रात 10:30 बजे वो लोग लौट आते हैं। फिर हम खाना खाते हैं। तभी रूमबाय खाना लेकर आता है और हमारी ओर ध्यान से देखता है। पहली बार किसी ने होटेल में हमारा चेहरा देखा होता है। मैं उसको स्माइल पास करके खाना खाने लगती हूँ।
आधे घंटे बाद फहीम मुझे लेकर बेड पर लेट जाता है और मुझे किस करने लगता है। मेरा बुर्क़ा उतारता है और मेरी चूचियां जोर-जोर से दबाता है, और दाँतों से निप्पल्स को काटता है। मेरे निप्पल्स का साइज 1½” इंच है, और हाफ इंच पफी है।
मैं- “इस्स्स्स… आअह्ह्ह… प्लीज़्ज़… धीरे, दर्द हो रहा है…”
फहीम- “यार, तुम झड़ बहुत जल्दी जाती हो, इस कारण मजा नहीं आ पाता…”
मैं- “तो मैं उसमें कुछ नहीं कर सकती ना… कंट्रोल ही नहीं हो पाता…”
तभी अयाज कोई ज़ेल जैसी चीज मेरी और मोम की चूत में डालता है और कहता है- “अपनी चूत को साँस खींचकर अंदर की ओर सिकोड़ो…”
हम वैसा ही करते हैं और चूत के अंदर कुछ थोड़ा ठंडा सा हो जाता है। मैंने पूछा- “ये क्या था?”
अयाज- “चिंता मत करो कुछ नहीं होगा…”
मेरी चूत में हल्की-हल्की खुजली सी होती है। हैदर मुझे लण्ड चूसने को बोलता है और मैं उनका लण्ड मुँह में ले लेती हूँ। फहीम चूत चाटता है और मुझे डागी पोज में आने को बोलता है, तो मैं एक हाथ से हैदर का पैर पकड़ती हूँ एक हाथ से बेड का कोना और झुक जाती हूँ।
फहीम अपना लण्ड पीछे से मेरी चूत पर लगाता है और ऊपर से रगड़ने लगता है, पर डालता नहीं। थोड़ी देर में मेरी उत्तेजना बढ़ने लगती है तो मैं हल्की सी अपनी गाण्ड आगे-पीछे करती हूँ। वो समझ जाता है की मैं बहुत ज्यादा गरम हो गई हूँ, और अपना लण्ड थोड़ा सा पुश करता है। मैं दाँत भींचकर साँस रोक लेती हूँ। वो थोड़ा सा और पुश करता है और मेरे मुँह से घुटी हुई चीख निकल पड़ती है ‘ऊऊओऽ’
फिर एक और धक्के में उनका लण्ड पूरा अंदर चला जाता है। मुझे थोड़ा एहसास होता है की इसका लण्ड मेरी चूत में काफी गड़ रहा होता है।
तभी मोम मेरे पास आकर बैठती है, और कहती है- “तू मुझसे पूछ रही थी ना की जब ये मेरी गाण्ड मार रहा था तो मुझे कैसा लग रहा था? अब तुझे पता चलेगा की मुझे दर्द क्यों हो रहा था?” और मेरी ओर देखकर आँख मारती है।
मैं कुछ नहीं समझ पाती, और फहीम से कहती हूँ- “आप रुक क्यों गये?”
फहीम- “नहीं, जब तक तू नहीं बोलेगी मैं कुछ नहीं करूँगा…”
मैं- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ फक मी…”
फहीम- “सोच ले, अगर मैं एक बार करने लगा तो तू चाहे रोए चीखे मैं नहीं रुकूंगा…”
मैं- “ओके, नहीं रोकूंगी प्लीज़्ज़… चोदो मुझे…”
फहीम- “सोच ले एक बार फिर?”
मैं- “सोच लिया…”
फहीम धीरे से अपना लण्ड सुपाड़े तक बाहर खींचता है और एक जोर का धक्का देता है।
मैं- “उउइईई माँऽऽऽ मर गई…”
ऐसे ही दो-तीन झटकों के बाद उसकी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ती है। मेरी चीखों की आवाजें तेज हो जाती हैं, अब मुझे एहसास होता है की मोम को इतना दर्द क्यों हो रहा था? उसका लण्ड टेढ़ा था, जो चूत के अंदर की दीवारों को बुरी तरह से रगड़ रहा होता है, ऐसा लगता है जैसे किसी ने उंगली टेढ़ी करके अंदर से घी निकालना हो। दर्द बहुत बुरी तरह से बढ़ जाता है, आँख से आँसू आ जाते हैं, जिसे मोम पोंछती है। फहीम की स्पीड बढ़ने लगती है और मेरी चीखें भी।
मैं- “आअह्ह्ह… आअह्ह्ह… प्लीज़्ज़… रुक जाओ… नहीं बर्दास्त कर पा रही मैं…”
फहीम रुकते हुए- “डार्लिंग, मैंने पहले ही तुमसे पूछा था, तुमने हाँ की तभी डाला, अब झेलो…” और वो जोर-जोर से झटके मारने लगा।
मैं- “आआह्ह्ह… आअह्ह्ह… आआह्ह्ह… उफफ्फ़… उफफ्फ़… बस बस बस… प्लीज़्ज़…” उसकी स्पीड से मेरी चूचियां बहुत तेजी से आगे-पीछे होने लगती हैं। बेड से मेरा हाथ छूट जाता है और मेरा पूरा ऊपर का शरीर बेड पर लेट जाता है, बस पीछे से गाण्ड उठी हुई होती है।
तभी वो मेरे बाल पकड़कर खींचता है और फुल स्पीड में चोदने लगता है, फट-फट फट-फट की आवाजें आने लगती हैं।
मैं बहुत बुरी तरह से थक चुकी होती हूँ, और मैं अब चीखती हूँ- “अब बस बस बस… अब और नहीं… हर धक्के पर ऐसा लगता है की मेरी चूत का मांस बाहर आ जाएगा… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ आई एम बेगिंग यू प्लीज़्ज़…”
फिर वो लण्ड को पूरा जड़ तक अंदर तक डालकर रुक जाता है। मुझे उसका फौवारा अपनी चूत में छूटता हुआ महसूस होता है। एक मिनट बाद वो अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है, तब जाकर मुझे थोड़ी राहत सी महसूस होती है, मैं निढाल होकर बेड पर लेट जाती हूँ। पर मैं संतुष्ट नहीं हो पाई थी, क्योंकी इतनी देर की चुदाई में मैं एक बार भी झड़ी नहीं थी। 5 मिनट के आराम के बाद मैं सीधी हो जाती हूँ, मेरी साँसें बहुत तेज होती हैं, मेरी उत्तेजना अभी खतम नहीं हुई होती, और मैं उत्तेजना में बुरी तरह से काँप रही होती हूँ, और बेड पर अपनी गाण्ड उठा-उठाकर तड़पने सी लगती हूँ।
अयाज- “मुझे पता था कि ऐसा ही होगा तू झड़ेगी नहीं और अभी फिर से हमसे चुदने की भीख माँगेगी इस ज़ेल ने तेरा पानी बाहर आने से रोक दिया है…”
थोड़ी देर के लिए मैं उत्तेजना में बुरी तरह से तड़पने लग जाती हूँ जैसे पानी बिना मछली।
- Kamini
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
mast update
.तबाही.....शादी का मन्त्र .....हादसा ..... शैतान से समझौता ..... शापित राजकुमारी ..... संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा ....
- rangila
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
hot update mitr
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )