शुक्रिया दोस्तो
अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete
- rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
रेहाना अमन की नाइट पैंट खींच लेती है, और अंडरवेअर भी। अमन का लण्ड अपनी औकात में आ जाता है। रेहाना बिना देर किए उसके गुलाबी सुपाड़े पे चूम लेती है, और “गलप्प्प… गलप्प्प…” मुँह में भर लेती है। उंह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प।
अमन-“धीरे, साली इतने जोर से नहीं अह्म्मह… अह्म्मह… धीरे ऊह्म्मह…”
रेहाना उसकी बात को अनसुना करके पूरी रफ़्तार से लण्ड चूसने लगती है-“गलप्प्प… गलप्प्प… गलप्प्प… उंह्म्मह… उंह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन रेहाना की गाण्ड पे थप्पड़ मारता जाता है-“चूस साली चूस… कमीनी अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह…”
रेहाना के थूक से अमन का लण्ड और चमकने लगता है-“उह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प उंह्म्मह…”
फिर अमन रेहाना के बाल पकड़कर ऊपर खींच लेता है-“इधर आ रेहाना…” अमन रेहाना के होंठ चाटने लगता है। दोनों एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे।
रेहाना-“उंह्म्मह… अह्म्मह…” फिर रेहाना अपनी चूत को और अमन के लण्ड को एक साथ सहलाने लगती है-“उंह्म्मह… अह्म्मह… आगगघ…”
अमन से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था वो रेहाना को नीचे कर लेता है, और उसके पैरों के बीच आ जाता है।
रेहाना-“उंह्म्मह… अह्म्मह… जानू… अमन उंह्म्मह…”
अमन लण्ड को रेहाना के चूत पे घिसने लगता है।
रेहाना-“अह्म्मह… ओह्म्मह… अह्म्मह… जानू चोदो ना जी अह्म्मह… उंह्म्मह… डालो ना अमन…”
अमन रेहाना के आँखों में देखते हुए-“ले साली अह्म्मह… अह्म्मह…”
रेहाना-ओह्म्मह… इस्स्स्स्स… आह्म्मह… उंह्म्मह… अम्मी उंह्म्मह…”
अमन दनादन रेहाना को चोदने लगता है-“ले रेहाना… ले मेरी जान… चुद ले अपने शौहर से अह्म्मह…”
रेहाना-उंह्म्मह… आह्म्मह… उंह्म्मह… अमन्न जानू धीरे… उंह्म्मह… नहीं…”
दोनों एक दूसरे के अंदर बस समा जाना चाहते थे। अमन इतने जोर से रेहाना को चोद रहा था कि फटक-फटक की आवाज़ रूम में गूँज रही थी, ऊपर से दोनों के चिल्लाने की आवाज़ें। अमन रेहाना की गाण्ड को पकड़कर चोदे जा रहा था।
और रेहाना नीचे से गाण्ड उछाल-उछालकर उसका साथ दे रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह… जानू…”
रेहाना की चूत पूरी तरह से चिकनी हो चुकी थी, जिससे अमन को चोदने में आसानी हो रही थी-“अह्म्मह… रेहाना तेरी चूत अह्म्मह… साली देख कैसे जा रहा है तेरी चूत में अह्म्मह… उंह्म्मह…”
रेहाना-“हाँ हाँ चोदो जानू अह्म्मह… चोदो अपनी रेहाना को अह्म्मह… चीर दो मेरे चूत को अह्म्मह… मैं चल भी ना पाऊँ, ऐसे चोदो अह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह…”
अमन-“अह्म्मह… रेहाना, आज रात भर तुझे चोदना है, रगड़कर जान उंह्म्मह…” दोनों तकरीबन आधे घंटे से चुदाई में मसरूफ थे।
रेहाना-“अह्म्मह… अमन मैं आ रही हूँ…”
अमन-“अह्म्मह… मैं भी… ले रेहाना तेरी चूत में मेरा पानी अह्म्मह… अह्म्मह… श्श्शह…”
और दोनों पानी छोड़ने लगते हैं। तकरीबन 10 मिनट बाद दोनों की सांसें सभलती हैं। अमन अभी भी रेहाना के ऊपर था। अमन रेहाना को अपने ऊपर खींच लेता है, और रेहाना को अपनी बाहों में भर लेता है। अमन रेहाना को अपने ऊपर ले लेता है, पर अमन का लण्ड अभी भी रेहाना की चूत में था और उसकी चूत से दोनों का पानी बाहर निकल रहा था। रेहाना अमन की छाती पे अपना सर रखे हुए उसके गुलाबी निपल्स को काटती है।
अमन-“अह्म्मह… क्या कर रही है?”
रेहाना-“मेरा जानू है, कुछ भी करू?”
अमन-“रेहाना, एक बात बता कि तू मुझसे चुदने के लिये कैसे तैयार हो गई?”
रेहाना-“क्योंकी मैं आपसे सच्ची मोहब्बत करती हूँ अमन…”
अमन-“झूठ… कुछ दिन बाद चाचू वापस आएंगे तो तू उनसे चुदाएगी और मुझे भूल जाएगी…”
रेहाना की आँखों में नमी आ जाती है, और वो अमन को देखने लगती है-“क्या मैं तुझे ऐसी औरत लगती हूँ, वो बस लण्ड के लिये मरती है? तेरे चाचू मेरे शौहर ज़रूर हैं, पर दिल की मोहब्बत मैं तुझसे करती हूँ और करती रहूगी मरते दम तक…” और अमन के ऊपर से उठने लगती है।
अमन उसे वापस खींच लेता है-“अरे, मैं तो मज़ाक कर रहा था जान…”
रेहाना-ऐसा मज़ाक दुबारा मत करना।
अमन रेहाना के होंठ को चूमते हुए-“नहीं करूगा…” फिर रेहाना की चूत में अमन का लण्ड जागने लगता है।
रेहाना-उंन्ह… अमन एक बात कहूँ?
अमन-बोल।
रेहाना-आई लव यू।
अमन रेहाना के होंठों को चूसने लगता है-“आई लव यू टू रेहाना…”
रेहाना-“अह्म्मह… क्या कर रहे हो? उंन्ह… वहाँ नहीं…”
अमन ने रेहाना की गाण्ड में एक साथ दो उंगलियाँ डाल दी थी, जिससे रेहाना मचल उठी थी।
रेहाना-“क्यों जी, क्या इरादा है? अह्म्मह… ओह्म्मह…”
अमन-“तेरी गाण्ड मारने का इरादा है। पर मुझे नहीं लगता कि तू मेरा ले पाएगी…”
रेहाना-“आप प्यार से डालोगे तो मैं ज़रूर ले लूंगी अह्म्मह… ऊऊह्म्मह…”
अमन-“अच्छा देखते हैं। जा तेल की बोतल लेकर आ…”
रेहाना अमन के लण्ड पे से उठ जाती है तो ‘पच्च’ की आवाज़ से अमन का लण्ड बाहर आ जाता है। और रेहाना गाण्ड मटकाते हुए तेल की बोतल लाने चली जाती है। अमन घड़ी के तरफ देखता है तो रात के 2:00 बज रहे थे।
रेहाना-“क्या देख रहे हो जी? आज आपको सोने नहीं दूंगी…”
अमन-“हाहाहाहा… साली छिनाल इधर आ, तेल लगा मेरे लण्ड में…”
रेहाना अपनी हथेली में तेल लेती है। मगर अमन के लण्ड पे तेल लगाने के बजाए खुद की चूत और गाण्ड पे तेल लगाने लगती है, और अमन का लण्ड मुँह में ले लेती है।
अमन-“अह्म्मह… अह्म्मह… रेहाना धीरे, क्या कर रही है? अह्म्मह…”
रेहाना-“उंहूँ गलप्प्प… गलप्प्प… अह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प…” और जोर-जोर से लण्ड चाटने लगती है। रेहाना का थूक अमन के लण्ड को गीला कर चुका था। रेहाना अमन के लण्ड को मुँह से निकालकर फिर तेल अमन के लण्ड पे लगाती है।
अमन-“अह्म्मह… रेहाना तू पक्की एक्सपर्ट है। चाचू का भी लण्ड ऐसे ही चूसती है क्या?”
रेहाना-“नाम मत लो उस हरामी का, मुझे यहाँ अकेले छोड़कर जहाँ गाण्ड मरा रहा है…”
अमन रेहाना के बाल खींचते हुए-इधर आ।
रेहाना तकलीफ और मस्ती में अह्म्मह… अह्म्मह… करते हुये अमन के पास आ जाती है।
अमन-चल घोड़ी बन जा।
रेहाना घोड़ी बन जाती है। उसके चुचियाँ नीचे लटक रही थी, गाण्ड पीछे की तरफ थी और बाल खुले हुए थे। अमन पागल हुआ जा रहा था और अपने लण्ड को मसलते हुए-“पहले कभी पीछे लिया है?”
रेहाना-नहीं जी।
अमन-थोड़ा दर्द होगा।
रेहाना-होने दो आप बस चोदो।
अमन पीछे से रेहाना की गाण्ड पे अपना लण्ड टिका देता है, और रेहाना के कंधे को पकड़कर जोरदार झटका देता है-“अह्म्मह… ले जान…”
रेहाना-“अम्मी उंह्म्मह… अह्म्मह… नहींई निकालो जी उंह्म्मह… प्लीज़ बाहर निकालो उंह्म्मह… सुनिए ना जी बहुत दुखता है… अम्मी जी…”
अमन-“अह्म्मह… चुप कर, बस हो गया…” और एक जोरदार झटके से अपना पूरा लण्ड रेहाना की गाण्ड में पेल देता है।
रेहाना-“अह्म्मह… हाँ उंह्म्मह…” रेहाना के लिये दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल था, मगर अमन की मोहब्बत उसे रोक रही थी चिल्लाने से। रेहाना बेड से चिपक जाती है।
अमन रेहाना की गाण्ड में धीरे-धीरे लण्ड अंदर-बाहर करने लगता है। वो सिर्फ़ दो इंच बाहर निकालकर पेल रहा था। मगर रेहाना को ऐसा लग रहा था जैसे अमन पूरा बाहर निकालकर जड़ तक पेल रहा है।
रेहाना-“अह्म्मह… अजी सुनिए, आराम से मारिये ना अह्म्मह…”
अमन-“हाँ मेरे रानी, बहुत टाइट है तेरी गाण्ड अह्म्मह… ओह्म्मह… उंह्म्मह…”
रेहाना-“चुचियाँ मसलते हुए चोदिए ना जी… अह्म्मह…”
अमन रेहाना की चुचियों को मसलते हुए रेहाना की गाण्ड मारने लगता है। अब थोड़ा आसानी से लण्ड अंदर जा रहा था-“रेहाना तू ठीक तो है ना? दर्द तो नहीं हो रहा ना जान? अह्म्मह…
रेहाना-नहीं, उंह्म्मह… मैं ठीक हूँ अह्म्मह… उंह्म्मह… अम्मी उंह्म्मह… ओह्म्मह…”
अमन-“धीरे, साली इतने जोर से नहीं अह्म्मह… अह्म्मह… धीरे ऊह्म्मह…”
रेहाना उसकी बात को अनसुना करके पूरी रफ़्तार से लण्ड चूसने लगती है-“गलप्प्प… गलप्प्प… गलप्प्प… उंह्म्मह… उंह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन रेहाना की गाण्ड पे थप्पड़ मारता जाता है-“चूस साली चूस… कमीनी अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह…”
रेहाना के थूक से अमन का लण्ड और चमकने लगता है-“उह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प उंह्म्मह…”
फिर अमन रेहाना के बाल पकड़कर ऊपर खींच लेता है-“इधर आ रेहाना…” अमन रेहाना के होंठ चाटने लगता है। दोनों एक दूसरे की जीभ चाट रहे थे।
रेहाना-“उंह्म्मह… अह्म्मह…” फिर रेहाना अपनी चूत को और अमन के लण्ड को एक साथ सहलाने लगती है-“उंह्म्मह… अह्म्मह… आगगघ…”
अमन से बर्दाश्त करना मुश्किल हो रहा था वो रेहाना को नीचे कर लेता है, और उसके पैरों के बीच आ जाता है।
रेहाना-“उंह्म्मह… अह्म्मह… जानू… अमन उंह्म्मह…”
अमन लण्ड को रेहाना के चूत पे घिसने लगता है।
रेहाना-“अह्म्मह… ओह्म्मह… अह्म्मह… जानू चोदो ना जी अह्म्मह… उंह्म्मह… डालो ना अमन…”
अमन रेहाना के आँखों में देखते हुए-“ले साली अह्म्मह… अह्म्मह…”
रेहाना-ओह्म्मह… इस्स्स्स्स… आह्म्मह… उंह्म्मह… अम्मी उंह्म्मह…”
अमन दनादन रेहाना को चोदने लगता है-“ले रेहाना… ले मेरी जान… चुद ले अपने शौहर से अह्म्मह…”
रेहाना-उंह्म्मह… आह्म्मह… उंह्म्मह… अमन्न जानू धीरे… उंह्म्मह… नहीं…”
दोनों एक दूसरे के अंदर बस समा जाना चाहते थे। अमन इतने जोर से रेहाना को चोद रहा था कि फटक-फटक की आवाज़ रूम में गूँज रही थी, ऊपर से दोनों के चिल्लाने की आवाज़ें। अमन रेहाना की गाण्ड को पकड़कर चोदे जा रहा था।
और रेहाना नीचे से गाण्ड उछाल-उछालकर उसका साथ दे रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह… जानू…”
रेहाना की चूत पूरी तरह से चिकनी हो चुकी थी, जिससे अमन को चोदने में आसानी हो रही थी-“अह्म्मह… रेहाना तेरी चूत अह्म्मह… साली देख कैसे जा रहा है तेरी चूत में अह्म्मह… उंह्म्मह…”
रेहाना-“हाँ हाँ चोदो जानू अह्म्मह… चोदो अपनी रेहाना को अह्म्मह… चीर दो मेरे चूत को अह्म्मह… मैं चल भी ना पाऊँ, ऐसे चोदो अह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह…”
अमन-“अह्म्मह… रेहाना, आज रात भर तुझे चोदना है, रगड़कर जान उंह्म्मह…” दोनों तकरीबन आधे घंटे से चुदाई में मसरूफ थे।
रेहाना-“अह्म्मह… अमन मैं आ रही हूँ…”
अमन-“अह्म्मह… मैं भी… ले रेहाना तेरी चूत में मेरा पानी अह्म्मह… अह्म्मह… श्श्शह…”
और दोनों पानी छोड़ने लगते हैं। तकरीबन 10 मिनट बाद दोनों की सांसें सभलती हैं। अमन अभी भी रेहाना के ऊपर था। अमन रेहाना को अपने ऊपर खींच लेता है, और रेहाना को अपनी बाहों में भर लेता है। अमन रेहाना को अपने ऊपर ले लेता है, पर अमन का लण्ड अभी भी रेहाना की चूत में था और उसकी चूत से दोनों का पानी बाहर निकल रहा था। रेहाना अमन की छाती पे अपना सर रखे हुए उसके गुलाबी निपल्स को काटती है।
अमन-“अह्म्मह… क्या कर रही है?”
रेहाना-“मेरा जानू है, कुछ भी करू?”
अमन-“रेहाना, एक बात बता कि तू मुझसे चुदने के लिये कैसे तैयार हो गई?”
रेहाना-“क्योंकी मैं आपसे सच्ची मोहब्बत करती हूँ अमन…”
अमन-“झूठ… कुछ दिन बाद चाचू वापस आएंगे तो तू उनसे चुदाएगी और मुझे भूल जाएगी…”
रेहाना की आँखों में नमी आ जाती है, और वो अमन को देखने लगती है-“क्या मैं तुझे ऐसी औरत लगती हूँ, वो बस लण्ड के लिये मरती है? तेरे चाचू मेरे शौहर ज़रूर हैं, पर दिल की मोहब्बत मैं तुझसे करती हूँ और करती रहूगी मरते दम तक…” और अमन के ऊपर से उठने लगती है।
अमन उसे वापस खींच लेता है-“अरे, मैं तो मज़ाक कर रहा था जान…”
रेहाना-ऐसा मज़ाक दुबारा मत करना।
अमन रेहाना के होंठ को चूमते हुए-“नहीं करूगा…” फिर रेहाना की चूत में अमन का लण्ड जागने लगता है।
रेहाना-उंन्ह… अमन एक बात कहूँ?
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अमन रेहाना के होंठों को चूसने लगता है-“आई लव यू टू रेहाना…”
रेहाना-“अह्म्मह… क्या कर रहे हो? उंन्ह… वहाँ नहीं…”
अमन ने रेहाना की गाण्ड में एक साथ दो उंगलियाँ डाल दी थी, जिससे रेहाना मचल उठी थी।
रेहाना-“क्यों जी, क्या इरादा है? अह्म्मह… ओह्म्मह…”
अमन-“तेरी गाण्ड मारने का इरादा है। पर मुझे नहीं लगता कि तू मेरा ले पाएगी…”
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अमन-“अच्छा देखते हैं। जा तेल की बोतल लेकर आ…”
रेहाना अमन के लण्ड पे से उठ जाती है तो ‘पच्च’ की आवाज़ से अमन का लण्ड बाहर आ जाता है। और रेहाना गाण्ड मटकाते हुए तेल की बोतल लाने चली जाती है। अमन घड़ी के तरफ देखता है तो रात के 2:00 बज रहे थे।
रेहाना-“क्या देख रहे हो जी? आज आपको सोने नहीं दूंगी…”
अमन-“हाहाहाहा… साली छिनाल इधर आ, तेल लगा मेरे लण्ड में…”
रेहाना अपनी हथेली में तेल लेती है। मगर अमन के लण्ड पे तेल लगाने के बजाए खुद की चूत और गाण्ड पे तेल लगाने लगती है, और अमन का लण्ड मुँह में ले लेती है।
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रेहाना-“उंहूँ गलप्प्प… गलप्प्प… अह्म्मह… गलप्प्प… गलप्प्प…” और जोर-जोर से लण्ड चाटने लगती है। रेहाना का थूक अमन के लण्ड को गीला कर चुका था। रेहाना अमन के लण्ड को मुँह से निकालकर फिर तेल अमन के लण्ड पे लगाती है।
अमन-“अह्म्मह… रेहाना तू पक्की एक्सपर्ट है। चाचू का भी लण्ड ऐसे ही चूसती है क्या?”
रेहाना-“नाम मत लो उस हरामी का, मुझे यहाँ अकेले छोड़कर जहाँ गाण्ड मरा रहा है…”
अमन रेहाना के बाल खींचते हुए-इधर आ।
रेहाना तकलीफ और मस्ती में अह्म्मह… अह्म्मह… करते हुये अमन के पास आ जाती है।
अमन-चल घोड़ी बन जा।
रेहाना घोड़ी बन जाती है। उसके चुचियाँ नीचे लटक रही थी, गाण्ड पीछे की तरफ थी और बाल खुले हुए थे। अमन पागल हुआ जा रहा था और अपने लण्ड को मसलते हुए-“पहले कभी पीछे लिया है?”
रेहाना-नहीं जी।
अमन-थोड़ा दर्द होगा।
रेहाना-होने दो आप बस चोदो।
अमन पीछे से रेहाना की गाण्ड पे अपना लण्ड टिका देता है, और रेहाना के कंधे को पकड़कर जोरदार झटका देता है-“अह्म्मह… ले जान…”
रेहाना-“अम्मी उंह्म्मह… अह्म्मह… नहींई निकालो जी उंह्म्मह… प्लीज़ बाहर निकालो उंह्म्मह… सुनिए ना जी बहुत दुखता है… अम्मी जी…”
अमन-“अह्म्मह… चुप कर, बस हो गया…” और एक जोरदार झटके से अपना पूरा लण्ड रेहाना की गाण्ड में पेल देता है।
रेहाना-“अह्म्मह… हाँ उंह्म्मह…” रेहाना के लिये दर्द बर्दाश्त करना मुश्किल था, मगर अमन की मोहब्बत उसे रोक रही थी चिल्लाने से। रेहाना बेड से चिपक जाती है।
अमन रेहाना की गाण्ड में धीरे-धीरे लण्ड अंदर-बाहर करने लगता है। वो सिर्फ़ दो इंच बाहर निकालकर पेल रहा था। मगर रेहाना को ऐसा लग रहा था जैसे अमन पूरा बाहर निकालकर जड़ तक पेल रहा है।
रेहाना-“अह्म्मह… अजी सुनिए, आराम से मारिये ना अह्म्मह…”
अमन-“हाँ मेरे रानी, बहुत टाइट है तेरी गाण्ड अह्म्मह… ओह्म्मह… उंह्म्मह…”
रेहाना-“चुचियाँ मसलते हुए चोदिए ना जी… अह्म्मह…”
अमन रेहाना की चुचियों को मसलते हुए रेहाना की गाण्ड मारने लगता है। अब थोड़ा आसानी से लण्ड अंदर जा रहा था-“रेहाना तू ठीक तो है ना? दर्द तो नहीं हो रहा ना जान? अह्म्मह…
रेहाना-नहीं, उंह्म्मह… मैं ठीक हूँ अह्म्मह… उंह्म्मह… अम्मी उंह्म्मह… ओह्म्मह…”
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन अब दनादन गाण्ड में लण्ड डालने लगता है। जिससे पच-पच की आवाज़ आने लगती है-“अह्म्मह… रेहाना अह्म्मह…” अमन रेहाना से बुरी तरह ऊपर से चिपका हुआ था। उसके हर झटके से रेहाना बेड में धँस जाती थी।
रेहाना-“अम्म्म्मम जानू आपका बहुत बड़ा है। मेरी गाण्ड फट गई है। अह्म्मह…”
अमन-“आह्म्मह… मुझे फाड़नी है तेरी… साली, कल तू चल भी नहीं पाएगी ऐसे चोदना है तुझे आह्म्मह… ले ले ल्ले और जोर-जोर से। अह्म्मह… ऐसे-ऐसे होना ना तुझे ऐसे…” अमन रेहाना की कमर पकड़कर अपनी पूरी ताकत से उसकी गाण्ड मार रहा था।
रेहाना-हाँ हाँ अह्म्मह… ओईईए अम्मी उंह्म्मह… अगघ उंह्म्मह… अम्मी गग्गग्गग… सुनिए जी, सुनिए ना…”
अमन-अह्म्मह… बोल क्या हुआ?
रेहाना-“मुझे जोर से पेशाब आई है। बाहर निकालिये ना जी अह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन इतना हट्टा-कट्टा था कि एक साथ दो औरतों को अपनी गोद में उठा सकता था। अमन ने कहा-“रुक…” और रेहाना को अपनी गोद में उठा लेता है। रेहाना की गाण्ड में अभी भी लण्ड था और वो एक बच्चे की तरह पैर चौड़ा किये अमन की गोद में थी। अमन उसे रूम में बने बाथरूम में ले जाता है, और कमोड पे खड़ा कर देता है, और कहता है-“चल मूत…”
रेहाना-“उंह्म्मह…” वो कोशिश करती है, पर मूत नहीं पाती-“अह्म्मह… सुनिए, नहीं आ रहा है ना जी…”
अमन रेहाना को थोड़ा ठोंकता है, और दनादन-दनादन चोदने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह… मूत साली…”
रेहाना अमन के इतने जोरदार झटकों से काँपने लगती है, और उसकी चूत से पेशाब निकलने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… अम्मी अम्मी… आययी अम्म्म्म…” पेशाब दोनों के पैरों से बहता हुअ नीचे गिर रहा था पर उन्हें इसकी परवाह नहीं थी।
“अह्म्मह… अह्म्मह…” अमन रेहाना की चुचियाँ मरोड़ते हुए-“हो गया?”
रेहाना-“हाँ अह्म्मह… मेरा पानी अह्म्मह…” अमन ने इतने जोर से रेहाना की गाण्ड मारी थी कि पेशाब करने के बाद रेहाना की चूत अब पानी छोड़ने लगी थी-“अह्म्मह… अह्म्मह…
अम्मी…” और रेहाना पानी छोड़ देती है। वो ढीली पड़ गई थी। पर अमन अभी तक झड़ा नहीं था। उसका स्टैमिना देखकर रेहाना पूछ बैठती है-“सुनिए, आपका पानी नहीं निकला?”
अमन-“नहीं… एक बार जब मेरा पानी निकल जाता है तो उसके बाद दुबारा पानी निकलने में वक्त लगता है…” ये कहकर अमन रेहाना की चूत से लण्ड निकाल लेता है।
रेहाना पानी से अपनी चूत और गाण्ड साफ करने के बाद अमन का लण्ड भी साफ करती है, और पेशाब भी।
अमन-चल बेड पे।
रेहाना-मुझसे चला नहीं जा रहा है।
अमन रेहाना को गोद में उठा लेता है, और उसके होंठों को चूसने लगता है-“तू बहुत नौटंकी करती है रेहाना…”
रेहाना-आपके हुंह्म्मह।
अमन रेहाना को बेड पे लेटाकर उसके बाजू में लेट जाता है।
रेहाना अमन से चिपक जाती है-एक बात कहूँ?
अमन-बोल।
रेहाना-“मैं चाहती हूँ कि मैं ऐसे ही पूरी नंगी हर रात आपकी बाहों में पड़ी रहूं और आप मुझे रोज चोदें…”
अमन-कुछ रोज रुक जा फिर तू जैसा चाहेगी वैसा होगा।
रेहाना-सच… और रेहाना अमन के ऊपर आ जाती है।
अमन-सुन मेरे लण्ड पे बैठ जा।
रेहाना-“जी…” और रेहाना पैर चौड़े करके अमन के लण्ड पे बैठते चली जाती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन रेहाना को अपने से चिपकाकर नीचे से लण्ड उसकी चूत में पेलने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… रेहाना अह्म्मह…”
रेहाना ऊपर से अपनी गाण्ड हिलाने लगती है, जैसे अमन को चोद रही हो और अपनी चुचियाँ अमन के बालों वाले छाती पे रगड़ने लगती है-“अह्म्मह… आग्गगघ…”
अमन रेहाना को चोदे जा रहा था और उसकी जीभ को मुँह में लेकर चूसने लगा था। रेहाना की गलप्प्प-गलप्प्प उंह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह… ऊऊऊ ओह्म्मह… फच-फच, पच-पच रूम में उन दोनों की आवाज़ें माहौल को और रोमांटिक बना रही थीं।
अमन-“अह्म्मह… ले मेरा पानी आह्म्मह… अह्म्मह…” और अमन रेहाना की चूत में पानी छोड़ देता है।
रेहाना भी तीसरी बार झड़ रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह…”
दोनों एक दूसरे से चिपके एक दूसरे को शांत कर रहे थे।
10 मिनट बाद रेहाना ने कहा-सुनिए जी।
अमन-बोल।
रेहाना-आप मुझे कल प्रेग्गनेन्सी रोकने की गोलियाँ लाकर देंगे।
अमन-क्यों?
रेहाना-“आपने मुझे इतनी बार चोदा है, मैं प्रेग्गनेंट हो सकती हूँ… मैं रिस्क नहीं लेना चाहती…”
अमन-“क्यों, मेरा बच्चा पैदा नहीं करेगी?”
रेहाना-करूंगी, पर वक्त आने पे।
अमन-ठीक है, ला दूंगा। अब सो जा रात के 3:00 बज रहे हैं।
रेहाना-आप सो जाओ, मैं आपके ऊपर ही सोऊँगी।
अमन-ठीक है, बाहर निकालूं?
रेहाना-“नहीं, अंदर ही रहने दो ना…”
फिर अमन आँखें बंद कर लेता है। रेहाना अमन के ऊपर उससे चिपकी उसका लण्ड अपनी चूत में रखे लेटे हुए अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगती है।
सबेरे 5:00 बजे-
अमन और रेहाना एक दूसरे की बाहों में सो चुके थे। कुछ देर बाद अमन की आँख खुलती है। और वो अभी भी रेहाना को अपने ऊपर चिपका पाता है। अमन का लण्ड ढीला था मगर रेहाना की चूत में था। अमन रेहाना के बालों में हाथ डालकर सहलाने लगता है, और एक हाथ से रेहाना की कमर सहलाता है।
रेहाना अभी-अभी सोई थी-“उंन्ह… सोने दीजिये ना…”
अमन बिना कुछ कहे रेहाना को सहलाता रहता है। रेहाना जाग जाती है, और अमन की आँखों में देखते हुए-“आज आप सोने नहीं दोगे? है ना…”
अमन-नहीं।
रेहाना-फिर?
अमन-चोदना है।
रेहाना-“उंह्म्मह… नीचे लो मुझे…”
अमन रेहाना को नीचे लेता है, और उसकी चुचियों को मसलते हुए-“सुन… लण्ड को टाइट कर…”
रेहाना-“हाँ…” और रेहाना उठकर अमन का लण्ड मुँह में ले लेती है। अमन के लण्ड पे उन दोनों का पानी रेहाना को मदमस्त कर रहा था-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”
अमन-“आ जा…” अमन का लण्ड तो टाइट था ही, बस उसे गीला करना था।
रेहाना अमन के नीचे अपनी टाँगें खोल देती है। और अमन रेहाना के दोनों पैर हवा में उठा देता है। फिर उसकी चूत पे लण्ड रगड़कर अंदर डालने लगता है।
रेहाना-“अह्म्मह… अह्म्मह… जानू अह्म्मह…”
अमन-“रेहाना अह्म्मह… अह्म्मह…”
रेहाना-“आप जब भी मेरी चूत के अंदर लण्ड डालते है तो ऐसा एहसास होता है कि जैसे पहली बार चुद रही हूँ अह्म्मह… धीरे-धीरे जी… अम्मी अम्मी…”
अमन ताकत से रेहाना को चोद रहा था। रेहाना उसके पेट को कुरेदने लगती है। दोनों चुदाई में मस्त थे अपनी ही दुनियाँ में। 30 मिनट बाद दोनों फिर से झड़ जाते है। और फिर से लेट जाते हैं।
सुबह 7:00 बजे-
उन दोनों को सोये हुये एक घंटा ही हुआ था कि फ़िज़ा दरवाजा खटखटाते हुए-“अम्मी दरवाजा खोलिये, मुझे ट्यूशन जाना है…”
रेहाना हड़बड़ाते हुए उठ जाती है, और जल्दी से अमन को उठाती है-“उठो अमन, अपने कपड़े पहनो। फ़िज़ा दरवाजे पे है…”
अमन जल्दी से उठ जाता है। दोनों अपनी कपड़े पहन लेती हैं। फिर अमन अपने बेड पे लेट जाता है। और आँखें बंद करके कंबल ले लेता है।
रेहाना कपड़े पहनकर दरवाजा खोलती है। उसकी आँखें लाल थीं और बाल खुले हुए।
फ़िज़ा-अम्मी, क्या हुआ, आपकी आँखें लाल क्यों हैं?
रेहाना-“कु…कुछ नहीं बेटा, नीचे रात में नींद देर से आई थी। तुम बैठो, मैं नाश्ता बनाती हूँ…” और रेहाना बाथरूम में घुस जाती है।
रेहाना-“अम्म्म्मम जानू आपका बहुत बड़ा है। मेरी गाण्ड फट गई है। अह्म्मह…”
अमन-“आह्म्मह… मुझे फाड़नी है तेरी… साली, कल तू चल भी नहीं पाएगी ऐसे चोदना है तुझे आह्म्मह… ले ले ल्ले और जोर-जोर से। अह्म्मह… ऐसे-ऐसे होना ना तुझे ऐसे…” अमन रेहाना की कमर पकड़कर अपनी पूरी ताकत से उसकी गाण्ड मार रहा था।
रेहाना-हाँ हाँ अह्म्मह… ओईईए अम्मी उंह्म्मह… अगघ उंह्म्मह… अम्मी गग्गग्गग… सुनिए जी, सुनिए ना…”
अमन-अह्म्मह… बोल क्या हुआ?
रेहाना-“मुझे जोर से पेशाब आई है। बाहर निकालिये ना जी अह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन इतना हट्टा-कट्टा था कि एक साथ दो औरतों को अपनी गोद में उठा सकता था। अमन ने कहा-“रुक…” और रेहाना को अपनी गोद में उठा लेता है। रेहाना की गाण्ड में अभी भी लण्ड था और वो एक बच्चे की तरह पैर चौड़ा किये अमन की गोद में थी। अमन उसे रूम में बने बाथरूम में ले जाता है, और कमोड पे खड़ा कर देता है, और कहता है-“चल मूत…”
रेहाना-“उंह्म्मह…” वो कोशिश करती है, पर मूत नहीं पाती-“अह्म्मह… सुनिए, नहीं आ रहा है ना जी…”
अमन रेहाना को थोड़ा ठोंकता है, और दनादन-दनादन चोदने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… अह्म्मह… मूत साली…”
रेहाना अमन के इतने जोरदार झटकों से काँपने लगती है, और उसकी चूत से पेशाब निकलने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… अम्मी अम्मी… आययी अम्म्म्म…” पेशाब दोनों के पैरों से बहता हुअ नीचे गिर रहा था पर उन्हें इसकी परवाह नहीं थी।
“अह्म्मह… अह्म्मह…” अमन रेहाना की चुचियाँ मरोड़ते हुए-“हो गया?”
रेहाना-“हाँ अह्म्मह… मेरा पानी अह्म्मह…” अमन ने इतने जोर से रेहाना की गाण्ड मारी थी कि पेशाब करने के बाद रेहाना की चूत अब पानी छोड़ने लगी थी-“अह्म्मह… अह्म्मह…
अम्मी…” और रेहाना पानी छोड़ देती है। वो ढीली पड़ गई थी। पर अमन अभी तक झड़ा नहीं था। उसका स्टैमिना देखकर रेहाना पूछ बैठती है-“सुनिए, आपका पानी नहीं निकला?”
अमन-“नहीं… एक बार जब मेरा पानी निकल जाता है तो उसके बाद दुबारा पानी निकलने में वक्त लगता है…” ये कहकर अमन रेहाना की चूत से लण्ड निकाल लेता है।
रेहाना पानी से अपनी चूत और गाण्ड साफ करने के बाद अमन का लण्ड भी साफ करती है, और पेशाब भी।
अमन-चल बेड पे।
रेहाना-मुझसे चला नहीं जा रहा है।
अमन रेहाना को गोद में उठा लेता है, और उसके होंठों को चूसने लगता है-“तू बहुत नौटंकी करती है रेहाना…”
रेहाना-आपके हुंह्म्मह।
अमन रेहाना को बेड पे लेटाकर उसके बाजू में लेट जाता है।
रेहाना अमन से चिपक जाती है-एक बात कहूँ?
अमन-बोल।
रेहाना-“मैं चाहती हूँ कि मैं ऐसे ही पूरी नंगी हर रात आपकी बाहों में पड़ी रहूं और आप मुझे रोज चोदें…”
अमन-कुछ रोज रुक जा फिर तू जैसा चाहेगी वैसा होगा।
रेहाना-सच… और रेहाना अमन के ऊपर आ जाती है।
अमन-सुन मेरे लण्ड पे बैठ जा।
रेहाना-“जी…” और रेहाना पैर चौड़े करके अमन के लण्ड पे बैठते चली जाती है-“अह्म्मह… अह्म्मह… उंह्म्मह…”
अमन रेहाना को अपने से चिपकाकर नीचे से लण्ड उसकी चूत में पेलने लगता है-“अह्म्मह… अह्म्मह… रेहाना अह्म्मह…”
रेहाना ऊपर से अपनी गाण्ड हिलाने लगती है, जैसे अमन को चोद रही हो और अपनी चुचियाँ अमन के बालों वाले छाती पे रगड़ने लगती है-“अह्म्मह… आग्गगघ…”
अमन रेहाना को चोदे जा रहा था और उसकी जीभ को मुँह में लेकर चूसने लगा था। रेहाना की गलप्प्प-गलप्प्प उंह्म्मह… उंह्म्मह… अह्म्मह… ऊऊऊ ओह्म्मह… फच-फच, पच-पच रूम में उन दोनों की आवाज़ें माहौल को और रोमांटिक बना रही थीं।
अमन-“अह्म्मह… ले मेरा पानी आह्म्मह… अह्म्मह…” और अमन रेहाना की चूत में पानी छोड़ देता है।
रेहाना भी तीसरी बार झड़ रही थी-“अह्म्मह… उंह्म्मह…”
दोनों एक दूसरे से चिपके एक दूसरे को शांत कर रहे थे।
10 मिनट बाद रेहाना ने कहा-सुनिए जी।
अमन-बोल।
रेहाना-आप मुझे कल प्रेग्गनेन्सी रोकने की गोलियाँ लाकर देंगे।
अमन-क्यों?
रेहाना-“आपने मुझे इतनी बार चोदा है, मैं प्रेग्गनेंट हो सकती हूँ… मैं रिस्क नहीं लेना चाहती…”
अमन-“क्यों, मेरा बच्चा पैदा नहीं करेगी?”
रेहाना-करूंगी, पर वक्त आने पे।
अमन-ठीक है, ला दूंगा। अब सो जा रात के 3:00 बज रहे हैं।
रेहाना-आप सो जाओ, मैं आपके ऊपर ही सोऊँगी।
अमन-ठीक है, बाहर निकालूं?
रेहाना-“नहीं, अंदर ही रहने दो ना…”
फिर अमन आँखें बंद कर लेता है। रेहाना अमन के ऊपर उससे चिपकी उसका लण्ड अपनी चूत में रखे लेटे हुए अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगती है।
सबेरे 5:00 बजे-
अमन और रेहाना एक दूसरे की बाहों में सो चुके थे। कुछ देर बाद अमन की आँख खुलती है। और वो अभी भी रेहाना को अपने ऊपर चिपका पाता है। अमन का लण्ड ढीला था मगर रेहाना की चूत में था। अमन रेहाना के बालों में हाथ डालकर सहलाने लगता है, और एक हाथ से रेहाना की कमर सहलाता है।
रेहाना अभी-अभी सोई थी-“उंन्ह… सोने दीजिये ना…”
अमन बिना कुछ कहे रेहाना को सहलाता रहता है। रेहाना जाग जाती है, और अमन की आँखों में देखते हुए-“आज आप सोने नहीं दोगे? है ना…”
अमन-नहीं।
रेहाना-फिर?
अमन-चोदना है।
रेहाना-“उंह्म्मह… नीचे लो मुझे…”
अमन रेहाना को नीचे लेता है, और उसकी चुचियों को मसलते हुए-“सुन… लण्ड को टाइट कर…”
रेहाना-“हाँ…” और रेहाना उठकर अमन का लण्ड मुँह में ले लेती है। अमन के लण्ड पे उन दोनों का पानी रेहाना को मदमस्त कर रहा था-“गलप्प्प-गलप्प्प-गलप्प्प…”
अमन-“आ जा…” अमन का लण्ड तो टाइट था ही, बस उसे गीला करना था।
रेहाना अमन के नीचे अपनी टाँगें खोल देती है। और अमन रेहाना के दोनों पैर हवा में उठा देता है। फिर उसकी चूत पे लण्ड रगड़कर अंदर डालने लगता है।
रेहाना-“अह्म्मह… अह्म्मह… जानू अह्म्मह…”
अमन-“रेहाना अह्म्मह… अह्म्मह…”
रेहाना-“आप जब भी मेरी चूत के अंदर लण्ड डालते है तो ऐसा एहसास होता है कि जैसे पहली बार चुद रही हूँ अह्म्मह… धीरे-धीरे जी… अम्मी अम्मी…”
अमन ताकत से रेहाना को चोद रहा था। रेहाना उसके पेट को कुरेदने लगती है। दोनों चुदाई में मस्त थे अपनी ही दुनियाँ में। 30 मिनट बाद दोनों फिर से झड़ जाते है। और फिर से लेट जाते हैं।
सुबह 7:00 बजे-
उन दोनों को सोये हुये एक घंटा ही हुआ था कि फ़िज़ा दरवाजा खटखटाते हुए-“अम्मी दरवाजा खोलिये, मुझे ट्यूशन जाना है…”
रेहाना हड़बड़ाते हुए उठ जाती है, और जल्दी से अमन को उठाती है-“उठो अमन, अपने कपड़े पहनो। फ़िज़ा दरवाजे पे है…”
अमन जल्दी से उठ जाता है। दोनों अपनी कपड़े पहन लेती हैं। फिर अमन अपने बेड पे लेट जाता है। और आँखें बंद करके कंबल ले लेता है।
रेहाना कपड़े पहनकर दरवाजा खोलती है। उसकी आँखें लाल थीं और बाल खुले हुए।
फ़िज़ा-अम्मी, क्या हुआ, आपकी आँखें लाल क्यों हैं?
रेहाना-“कु…कुछ नहीं बेटा, नीचे रात में नींद देर से आई थी। तुम बैठो, मैं नाश्ता बनाती हूँ…” और रेहाना बाथरूम में घुस जाती है।
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- shubhs
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- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
Nice
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- Ankit
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
Superb update