अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete
- Kamini
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
mast update Raj ji
.तबाही.....शादी का मन्त्र .....हादसा ..... शैतान से समझौता ..... शापित राजकुमारी ..... संक्रांति काल - पाषाण युगीन संघर्ष गाथा ....
- Viraj raj
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
nice update.......Raj ji
मैं वो बुरी चीज हूं जो अक्सर अच्छे लोगों के साथ होती है।
** Viraj Raj **
🗡🗡🗡🗡🗡
- rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
कृपया बीच मे व्यवधान ना डालें आप अपनी कहानी शुरू कर सकते हैंkomal mbd wrote: ↑18 Dec 2017 12:19 अमन मौका देखकर सभी दरिािे बंद कर देता है।
रजिया ककचेन में सफाई कर रही थी। िो उसे पीछे से िाकर पकड़ लेता है।
रजिया- “अह्म्मह… छोड़ो ना िी क्या कर रहे हो, अनुम आ िाएगी…”
अमन- “आने दे, उसे भी तो पता चले कक उसके माँ ककतनी बड़ी चुदक्कड़ है…” और िो रजिया की चूचचयां मसलने लगता है।
रजिया- “अह्म्मह… क्या मतलब? उंन्ह… आराम से…”
अमन- “मैं तुझे उसके सामने चोदना चाहता हूँ, ताकी िो सब कुछ िान िाए। कफर मैं उसे अपने ररश्ते के बारे में बता दूँगा और मना भी लूँगा…”
रजिया- “िो नहीं मानेगी तो? उंन्ह…” रजिया की चूत में पानी आ चुका था। िो भी अपने बेटी के सामने अपनी गाण्ड उछाल-उछालकर अमन का लण्ड लेना चाहती थे। ये सोच-सोचकर तो उसका सुबह से बुरा हाल था।
राज
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
आप सब के सहयोग के शुक्रिया दोस्तो
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
अमन मौका देखकर सभी दरवाजे बंद कर देता है।
रजिया किचिन में सफाई कर रही थी। वो उसे पीछे से जाकर पकड़ लेता है।
रजिया-“अह्म्मह… छोड़ो ना जी क्या कर रहे हो, अनुम आ जाएगी…”
अमन-“आने दे, उसे भी तो पता चले कि उसके माँ कितनी बड़ी चुदक्कड़ है…” और वो रजिया की चुचियाँ मसलने लगता है।
रजिया-“अह्म्मह… क्या मतलब? उंन्ह… आराम से…”
अमन-“मैं तुझे उसके सामने चोदना चाहता हूँ, ताकी वो सब कुछ जान जाए। फिर मैं उसे अपने रिश्ते के बारे में बता दूँगा और मना भी लूँगा…”
रजिया-“वो नहीं मानेगी तो? उंन्ह…” रजिया की चूत में पानी आ चुका था। वो भी अपने बेटी के सामने अपनी गाण्ड उछाल-उछालकर अमन का लण्ड लेना चाहती थी । ये सोच-सोचकर तो उसका सुबह से बुरा हाल था।
अमन रजिया की नाइटी उतार देता है, और एक झटके में उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार देता है। फिर उसके कान में-“सुन रजिया… जैसे ही मैं तेरी चूत में लण्ड डालूं, तू जोर-जोर से सिसकारियाँ भरना, जैसे तुझे मेरा लण्ड अच्छा लग रहा है अपनी चूत में, और तू अपनी मर्जी से मुझसे चुदा रही है…”
रजिया-“आपका लण्ड जैसे भी मुझे चिल्लाने पे मजबूर कर देता है। और रही बात मज़े की तो वो तो मुझे हमेशा से आता है…”
अमन ने रजिया की चूत में अपनी दो उंगालियाँ डाल दी थी, जिससे रजिया सिसक उठी थी। दोनों रजिया के बेडरूम में चले जाते हैं, और दरवाजा भेड़ कर देते हैं, उसे बंद नहीं करते। अमन जल्दी से नंगा हो जाता है, और अपना लण्ड रजिया के मुँह में डाल देता है-“चूस इसे मेरी जान अह्म्मह…”
रजिया-“हाँ आह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प…” करके जल्दी-जल्दी लण्ड को चूसे जा रही थी। उसका जिस्म इस बात से उछल रहा था कि जब उसकी बेटी उसे ऐसे देखेगी तो कैसा महसूस करेंगी।
अमन रजिया को बेड पे लेटा देता है, और अपना लण्ड एक झटके में अंदर डाल देता है-“अह्म्मह… रजिया मेरी जान्…”
रजिया इतनी जोर से चिल्लाती है कि अगर गली से कोई गुजर रहा होता तो वो भी सुन लेता-“अमन अह्म्मह… मेरी चूत… जोर जोर से चोदो मुझे अह्म्मह… मैं तुम्हारी हूँ अह्म्मह… मेरे शौहर हाँ हाँ ऐसे ही… और जोर-जोर से अह्म्मह… उंन्ह…”
रजिया भले ही चिल्लाने की एक्टिंग कर रही थी मगर उसके अल्फ़ाज़ दिल से निकल रहे थे, जैसा वो अमन के लिये महसूस करती थी-“आअह्म्मह… मुझे प्रेग्गनेंट कर दो जी…
मुझे प्रेग्गनेंट कर दो अह्म्मह… अमन ऐसे ही… उंन्ह…”
अमन-“हाँ मेरी जान, तेरा और तेरी बेटी का ही तो है ये अह्म्मह… ले तुम दोनों मेरी दुल्हन बनोगी? अह्म्मह… मैं करूंगा तुम दोनों से शादी… ले मेरी जान अह्म्मह…” अमन किसी जानवर की तरह रजिया की चूत मारे जा रहा था। उसे कुछ अंदाजा भी नहीं था कि वो क्या-क्या बोल रहा है। हाँ, मगर वो वो भी बोल रहा था, वो जैसे ही करना भी चाहता था शायद।
रजिया-“जानू मैं अह्म्मह… मेरे चूत पानी छोड़ने वाली है। अह्म्मह… उंन्ह…” और रजिया पानी छोड़ देती है।
अमन-“अह्म्मह…” वो दोनों इतने उत्तेजित थे इस चीज़ से कि अनुम ये सब सुन रही होंगी कि 15 मिनट में ही दोनों का पानी निकलने लगता है-“अह्म्मह… मेरी रजिया अह्म्मह…”
दोनों एक दूसरे से चिपके लंबी-लंबी सांसें ले रहे थे।
तभी अनुम तालियाँ बजाते हुए अंदर दाखिल होती है-“वाह वाह… क्या गंदा घिनौना नज़ारा है। मेरे आँखों के सामने तुम दोनों माँ-बेटे हो जलील इंसानो…”
अमन और रजिया पीछे मुड़कर देखने लगते हैं। पच्च की आवाज़ से अमन अपने लण्ड को रजिया की चूत से बाहर निकाल लेता है।
अनुम अपनी उंगली में से रिंग निकालकर अमन के मुँह पे दे मारती है-“ये ले कमीने इंसान, मैं तुझे क्या समझ रही थी और तू क्या निकला? थू है तुझपे…” और वो नीचे बैठकर जोर-जोर से रोने लगती है।
अमन अपने पैंट पहन लेता है, और अनुम का हाथ पकड़ने की कोशिश करता है।
पर अनुम उसका हाथ झटक देती है-“मुझे हाथ मत लगा तू जलील इंसान…”
रजिया जल्दी से अपने कपड़े उठाने किचिन में भागती है।
अमन अनुम का हाथ मजबूती से पकड़ लेता है-“आखिर तेरी प्राब्लम क्या है अनुम? बोल मुझे… क्यूँ तू ऐसे रिएक्ट कर रही है?”
अनुम गुस्से से तिलमिला जाती है-“मैं क्यूँ ऐसे रिएक्ट कर रही हूँ? तुम अपनी अम्मी के साथ थे, मुझे तो सोचते हुए भी शरम आती है…”
अमन अनुम का हाथ पकड़कर बेड पे बैठा देता है-“पहले मेरी बात सुन ले। उसके बाद तुझे वो करना है, कर लेना?”
अमन रजिया को आवाज़ देता है-“रजिया इधर आ, यहाँ बैठ मेरे पास…”
रजिया कपड़े पहन चुकी थे। वो सामने बैठ जाती है।
अनुम का सर नीचे झुका हुआ था, और वो रोए जा रही थी।
अमन अपनी बात शुरू करता है-“अनुम, देख अपनी अम्मी को ज़रा। इसका चेहरा देख, क्या तूने इससे पहले इतना खुश देखा है। जानती है कि ये खुश क्यूँ नहीं रहती थी? क्योंकी इसकी जिंदगी में सब कुछ था, मगर एक चीज़ नहीं थी, वो हर औरत का हक है। और वो चीज़ है-शौहर का प्यार उसके जिस्म के लिये। क्या रजिया औरत नहीं है? क्या उसके सीने में दिल नहीं है? वो क्या पत्थर की बनी हुई है? तेरा बाप साल में दो बार यहाँ आता है। और एक महीने से ज्यादा नहीं रहता। पूछ रजिया से कि वो कितनी बार रजिया को चोदता है? एक या दो बार? क्यूँ है ना… रजिया, मैं सहे कह रहा हूँ ना?”
रजिया धीमी आवाज़ में-“हाँ…”
अमन-“जब एक शौहर अपनी बीवी को नहीं चोदेगा तो वो क्या करे? बोल मुझे वो क्या करे? बाहर जाकर दूसरे मर्द से चुदाई? हाँ मैंने रजिया को चोदा है, क्योंकी मुझे उसका जिस्म नहीं चाहिए था। वो तो मुझे कहीं भी मिल सकता है। पैसे फेंको तो एक से एक जवान लड़कियां मिल सकती हैं। मुझे रजिया से सच्ची मोहब्बत है। जितनी तू मुझसे करती है।
और एक बात… मैं भी तुझे रजिया की तरह चाहने लगा हूँ… मैं तेरे साथ जबरदस्ती नहीं करूंगा, ना तुझे तेरे मर्ज़ी के बगैर चोदूंगा। क्योंकी जिससे प्यार किया जाता है, उसके खुशी देखी जाती है। तेरे अम्मी मेरे साथ खुश है। और मैं भी।
और एक बात… तुझे हम दोनों को देखकर सिर्फ़ और सिर्फ़ जलन हो रही है।
रजिया किचिन में सफाई कर रही थी। वो उसे पीछे से जाकर पकड़ लेता है।
रजिया-“अह्म्मह… छोड़ो ना जी क्या कर रहे हो, अनुम आ जाएगी…”
अमन-“आने दे, उसे भी तो पता चले कि उसके माँ कितनी बड़ी चुदक्कड़ है…” और वो रजिया की चुचियाँ मसलने लगता है।
रजिया-“अह्म्मह… क्या मतलब? उंन्ह… आराम से…”
अमन-“मैं तुझे उसके सामने चोदना चाहता हूँ, ताकी वो सब कुछ जान जाए। फिर मैं उसे अपने रिश्ते के बारे में बता दूँगा और मना भी लूँगा…”
रजिया-“वो नहीं मानेगी तो? उंन्ह…” रजिया की चूत में पानी आ चुका था। वो भी अपने बेटी के सामने अपनी गाण्ड उछाल-उछालकर अमन का लण्ड लेना चाहती थी । ये सोच-सोचकर तो उसका सुबह से बुरा हाल था।
अमन रजिया की नाइटी उतार देता है, और एक झटके में उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार देता है। फिर उसके कान में-“सुन रजिया… जैसे ही मैं तेरी चूत में लण्ड डालूं, तू जोर-जोर से सिसकारियाँ भरना, जैसे तुझे मेरा लण्ड अच्छा लग रहा है अपनी चूत में, और तू अपनी मर्जी से मुझसे चुदा रही है…”
रजिया-“आपका लण्ड जैसे भी मुझे चिल्लाने पे मजबूर कर देता है। और रही बात मज़े की तो वो तो मुझे हमेशा से आता है…”
अमन ने रजिया की चूत में अपनी दो उंगालियाँ डाल दी थी, जिससे रजिया सिसक उठी थी। दोनों रजिया के बेडरूम में चले जाते हैं, और दरवाजा भेड़ कर देते हैं, उसे बंद नहीं करते। अमन जल्दी से नंगा हो जाता है, और अपना लण्ड रजिया के मुँह में डाल देता है-“चूस इसे मेरी जान अह्म्मह…”
रजिया-“हाँ आह्म्मह… गलप्प्प-गलप्प्प…” करके जल्दी-जल्दी लण्ड को चूसे जा रही थी। उसका जिस्म इस बात से उछल रहा था कि जब उसकी बेटी उसे ऐसे देखेगी तो कैसा महसूस करेंगी।
अमन रजिया को बेड पे लेटा देता है, और अपना लण्ड एक झटके में अंदर डाल देता है-“अह्म्मह… रजिया मेरी जान्…”
रजिया इतनी जोर से चिल्लाती है कि अगर गली से कोई गुजर रहा होता तो वो भी सुन लेता-“अमन अह्म्मह… मेरी चूत… जोर जोर से चोदो मुझे अह्म्मह… मैं तुम्हारी हूँ अह्म्मह… मेरे शौहर हाँ हाँ ऐसे ही… और जोर-जोर से अह्म्मह… उंन्ह…”
रजिया भले ही चिल्लाने की एक्टिंग कर रही थी मगर उसके अल्फ़ाज़ दिल से निकल रहे थे, जैसा वो अमन के लिये महसूस करती थी-“आअह्म्मह… मुझे प्रेग्गनेंट कर दो जी…
मुझे प्रेग्गनेंट कर दो अह्म्मह… अमन ऐसे ही… उंन्ह…”
अमन-“हाँ मेरी जान, तेरा और तेरी बेटी का ही तो है ये अह्म्मह… ले तुम दोनों मेरी दुल्हन बनोगी? अह्म्मह… मैं करूंगा तुम दोनों से शादी… ले मेरी जान अह्म्मह…” अमन किसी जानवर की तरह रजिया की चूत मारे जा रहा था। उसे कुछ अंदाजा भी नहीं था कि वो क्या-क्या बोल रहा है। हाँ, मगर वो वो भी बोल रहा था, वो जैसे ही करना भी चाहता था शायद।
रजिया-“जानू मैं अह्म्मह… मेरे चूत पानी छोड़ने वाली है। अह्म्मह… उंन्ह…” और रजिया पानी छोड़ देती है।
अमन-“अह्म्मह…” वो दोनों इतने उत्तेजित थे इस चीज़ से कि अनुम ये सब सुन रही होंगी कि 15 मिनट में ही दोनों का पानी निकलने लगता है-“अह्म्मह… मेरी रजिया अह्म्मह…”
दोनों एक दूसरे से चिपके लंबी-लंबी सांसें ले रहे थे।
तभी अनुम तालियाँ बजाते हुए अंदर दाखिल होती है-“वाह वाह… क्या गंदा घिनौना नज़ारा है। मेरे आँखों के सामने तुम दोनों माँ-बेटे हो जलील इंसानो…”
अमन और रजिया पीछे मुड़कर देखने लगते हैं। पच्च की आवाज़ से अमन अपने लण्ड को रजिया की चूत से बाहर निकाल लेता है।
अनुम अपनी उंगली में से रिंग निकालकर अमन के मुँह पे दे मारती है-“ये ले कमीने इंसान, मैं तुझे क्या समझ रही थी और तू क्या निकला? थू है तुझपे…” और वो नीचे बैठकर जोर-जोर से रोने लगती है।
अमन अपने पैंट पहन लेता है, और अनुम का हाथ पकड़ने की कोशिश करता है।
पर अनुम उसका हाथ झटक देती है-“मुझे हाथ मत लगा तू जलील इंसान…”
रजिया जल्दी से अपने कपड़े उठाने किचिन में भागती है।
अमन अनुम का हाथ मजबूती से पकड़ लेता है-“आखिर तेरी प्राब्लम क्या है अनुम? बोल मुझे… क्यूँ तू ऐसे रिएक्ट कर रही है?”
अनुम गुस्से से तिलमिला जाती है-“मैं क्यूँ ऐसे रिएक्ट कर रही हूँ? तुम अपनी अम्मी के साथ थे, मुझे तो सोचते हुए भी शरम आती है…”
अमन अनुम का हाथ पकड़कर बेड पे बैठा देता है-“पहले मेरी बात सुन ले। उसके बाद तुझे वो करना है, कर लेना?”
अमन रजिया को आवाज़ देता है-“रजिया इधर आ, यहाँ बैठ मेरे पास…”
रजिया कपड़े पहन चुकी थे। वो सामने बैठ जाती है।
अनुम का सर नीचे झुका हुआ था, और वो रोए जा रही थी।
अमन अपनी बात शुरू करता है-“अनुम, देख अपनी अम्मी को ज़रा। इसका चेहरा देख, क्या तूने इससे पहले इतना खुश देखा है। जानती है कि ये खुश क्यूँ नहीं रहती थी? क्योंकी इसकी जिंदगी में सब कुछ था, मगर एक चीज़ नहीं थी, वो हर औरत का हक है। और वो चीज़ है-शौहर का प्यार उसके जिस्म के लिये। क्या रजिया औरत नहीं है? क्या उसके सीने में दिल नहीं है? वो क्या पत्थर की बनी हुई है? तेरा बाप साल में दो बार यहाँ आता है। और एक महीने से ज्यादा नहीं रहता। पूछ रजिया से कि वो कितनी बार रजिया को चोदता है? एक या दो बार? क्यूँ है ना… रजिया, मैं सहे कह रहा हूँ ना?”
रजिया धीमी आवाज़ में-“हाँ…”
अमन-“जब एक शौहर अपनी बीवी को नहीं चोदेगा तो वो क्या करे? बोल मुझे वो क्या करे? बाहर जाकर दूसरे मर्द से चुदाई? हाँ मैंने रजिया को चोदा है, क्योंकी मुझे उसका जिस्म नहीं चाहिए था। वो तो मुझे कहीं भी मिल सकता है। पैसे फेंको तो एक से एक जवान लड़कियां मिल सकती हैं। मुझे रजिया से सच्ची मोहब्बत है। जितनी तू मुझसे करती है।
और एक बात… मैं भी तुझे रजिया की तरह चाहने लगा हूँ… मैं तेरे साथ जबरदस्ती नहीं करूंगा, ना तुझे तेरे मर्ज़ी के बगैर चोदूंगा। क्योंकी जिससे प्यार किया जाता है, उसके खुशी देखी जाती है। तेरे अम्मी मेरे साथ खुश है। और मैं भी।
और एक बात… तुझे हम दोनों को देखकर सिर्फ़ और सिर्फ़ जलन हो रही है।
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