बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by Smoothdad »


डॉक्टर मुस्कुराता हुआ अपनी पैंट निकालने लगा और मालिनी की आँखें उसकी चड्डी में फँसे हुए लंड पर पड़ी। उसकी चूत में अब भयानक खुजली होने लगी। कितने दिनों की प्यासी है उसकी चूत । तभी पाटिल ने अपनी चड्डी निकाली और अब अपना लंड बाहर निकाला। मालिनी ने अंदाज़ा लगाया कि शिवा के जैसा है बड़ा है और मस्त मोटा भी है।अब पाटिल ने उसकी टाँगें खिंची और उसकी गाँड़ को बेड के एकदम कोने पर ले आया।फिर पाटिल ने बिना समय बिगाड़े अपना लंड खड़े खड़े ही मालिनी की बुर पर ऊपर से नीचे रगड़ा और मालिनी चिल्ला उठी: आऽऽऽऽऽऽह डॉक्टर डाऽऽऽऽऽऽऽलो ना। उफ़्फ़्फ़्फ अब नहीं सहा जा रहा। उत्तेजना में मालिनी यह भी भूल गयी कि वह आज किसी बाहर वाले से चुदने जा रही है। अब पाटिल ने अपना लंड उसकी चूत में डाला और मालिनी को लगा कि वह बरसों के बाद गरम लंड का अहसास कर रही है। तभी पाटिल ने अपना पूरा लंड अंदर पेला और उसकी टाइट चूत का अहसास करके मस्ती में आकर चिल्लाया: ह्म्म्म्म मस्त चूत है बेटी। अब वह अपनी कमर हिलाकर उसकी चुदाई में लग गया। मालिनी कहाँ पीछे रहने वाली थी । वह अपनी गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी। अब डॉक्टर ने उसकी चूचियों को ब्लाउस के ऊपर से ही मसलना शुरू किया। तभी उत्तेजना में आकर मालिनी अपने ब्लाउस का हुक खोली और ब्रा में से अपनी चूचियाँ बाहर निकाली और पाटिल एक एक करके उसकी चूची चूस कर दूसरी को दबाने लगा और ज़ोर के झटके मारने लगा। कमरा फ़च फ़च की आवाज़ और पलंग की चूँ चूँ से गूँज रहा था और साथ ही मालिनी की उन्नन उन्नन भी निकल रही थी हर धक्के के साथ। अचानक मालिनी आऽऽऽऽह कहकर झड़ने लगी और पाटिल भी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कहकर अपना पानी अंदर छोड़ दिया। अब पाटिल उसके ऊपर आधा लेटा हुआ गहरी साँस ले रहा था। मालिनी भी लस्त पड़ी हुई थी।

अब पाटिल ने टिश्यू पेपर से अपना लंड साफ़ किया और पैंट पहन ली। फिर निढाल पड़ी मालिनी की बुर भी साफ़ किया । अब मालिनी भी उठी और अपने कपड़े ठीक किए।

अब डॉक्टर जाकर अपनी कुर्सी पर बैठा और मालिनी भी आकर उसके पास रखी एक कुर्सी पर बैठ गयी।

पाटिल: तो बेटी तुम्हारी चूत का टेस्ट हो गया अब तुम चुदवा सकती हो। वैसे तुम्हारे घर में कौन कौन हैं?

मालिनी: जी पति और ससुर हैं। मेरी दो कज़िंज़ भी अभी आयीं हुईं हैं कुछ समय के लिए।

पाटिल: जानती हो अगर तुम मेरी बहू होती तो मैं तो तुम्हारे पीछे दिवानों की तरह लगा रहता। वह उसके गाल सहलाकर बोला।

मालिनी भी हँसकर: तो ये ससुर कौन से मेरे दीवाने नहीं है।

पाटिल उत्तेजित होकर: वाऽऽह तो ससुर से भी मज़े कर रही हो?

मालिनी हँसकर: और क्या वो भी आपके जैसे ही रोमांटिक हैं । वैसे आपके घर में कौन कौन हैं?

पाटिल: बस मैं और पत्नी ही हैं । हमारा इकलौता बेटा हॉस्टल में रहकर पढ़ता है। वैसे मेरी पत्नी भी ख़ूबसूरत है। चालीस की उम्र में भी मस्त माल है।

मालिनी: जब वो मस्त माल हैं तो आप इधर उधर मुँह क्यों मारते हैं?

पाटिल: सही कहा तुमने। पर हम दोनों वेरायटि के शौक़ीन हैं । हम कई बार दोस्तों के साथ पत्नी की अदला बदली करते हैं । उसे भी नए लंड से चुदवाना अच्छा लगता है।

मालिनी: ओह फिर आप दोनों ही मस्ती करते रहते हो।

पाटिल: वैसे तुम्हारे पति और ससुर का लंड बड़ा तो होगा ही ना?

मालिनी हँसकर: हाँ जी आपके जैसे ही बड़े हैं। क्यों क्या हुआ?

पाटिल: वह बात यह है कि वह सिर्फ़ बड़े लंड से ही चुदवाना पसंद करती है। सोच रहा हूँ कि तुम्हारे ससुर और पति से भी उसे चुदवा दूँ। अगर तुमको आपत्ति ना हो तो?

मालिनी: मुझे भला क्या आपत्ति होगी। वैसे भी बदले में आप मुझे आप भी चोदोगे ही। है ना?

पाटिल: सही कहा। तो बात करवाओ अपने ससुर या पति से । प्रोग्राम बनाते हैं इस इतवार का।

मालिनी: आप अपना नम्बर दे दीजिए मैं उनसे बात करूँगी। अगर वह राज़ी हुए तो आपको बताऊँगी । अच्छा अब दवाई लिख दीजिए मैं चलती हूँ।

फिर पाटिल ने दवाई लिखी और पाटिल प्यार से उसके चूतडों को सहलाया और मालिनी उसको चूमकर दवाई ख़रीद कर घर की ओर चली गयी।

जब वह घर पहुँची तो काफ़ी थक चुकी थी। घर में बाई काम कर रही थी और जब वह अपने बेडरूम में पहुँची तो देखी कि गुड़िया और उसके बग़ल में राजीव सोया हुआ है। वह मन में सोची कि लगता है गुड़िया ने अपने दादा या पता नहीं पापा को बहुत तंग किया है। अब दोनों मज़े से सो रहे हैं । वह अपनी साड़ी उतारी और बाथरूम में जाकर अपनी चूत साफ़ की । वह फिर बाहर आकर अपने ब्लाउस को उतारी और एक ढीला सा टॉप पहन ली और नीचे एक ट्राउज़र पहन कर बाहर आयी।

जब वह किचन में काम कर रही थी । बाई जा चुकी थी कि तभी राजीव की आवाज़ आयी: बहू आ गयी क्या वापस?

मालिनी बेडरूम में जाकर बोली: जी आ गयी। आप तो गुड़िया के साथ मस्त सो रहे थे सो मैंने जगाया नहीं।

राजीव : हाँ वो यहाँ पड़ी तुम्हारी साड़ी ब्लाउस देखकर मै समझ गया था कि तुम वापिस आ गयी हो।

मालिनी आकर उसके पास बिस्तर में बैठी और राजीव ने कहा: क्या कहा डॉक्टर शांति ने?

मालिनी: अरे पापा वो तो छुट्टी में थी मुझे दूसरे डॉक्टर ने देखा?

राजीव: ओह फिर क्या बोली डॉक्टर ?

मालिनी: वो बोली नहीं बोला। क्योंकि वो एक आदमी था?

राजीव: ओह तो तुम अपनी चूत एक आदमी को दिखा आयी?

मालिनी हँसकर: हाँ जी दिखा आयी ।

राजीव: साला किस्मतवाला है जो तुम्हारी मस्त चूत के दर्शन कर लिए उसने।

मालिनी हँसकर: वह भी यही बोल रहा था।

राजीव भी हँसकर: सच में? अच्छा क्या बोला? चुदवा सकती हो या नहीं?

मालिनी: अब क्या बताऊँ? हाँ उसने चुदाई का क्लीयरेंस दे दिया है। और उसकी शुरुआत भी कर दी है।

राजीव चौंक कर: क्या मतलब? क्या उसने तुमको चोद दिया?

मालिनी: हाँ पापा उसने जाँच करते हुए मुझे बहुत उत्तेजित कर दिया और मेरी ले ली।

राजीव: ओह तो तुम आज बाहर वाले से चुदवा ही ली।

राजीव अब उत्तेजित होकर अपना लंड दबाने लगा और बोला: मज़ा दिया उसने? या बस यूँ ही था? क्या उम्र है उसकी?

मालिनी: पापा ४५ के आसपास होगा और हाँ बहुत मज़ा दिया। और एक बात बोला है कि वो अपनी बीवी को आपसे और शिवा से एक साथ चुदवाना चाहता है। हाँ बदले में वह मुझे भी चाहेगा।

राजीव अब मालिनी को अपनी गोद में खींचकर उसे चूमते हुए बोला: वाऽऽह ये तो बढ़िया बात है। कोई फ़ोटो है उसकी वाइफ़ की? वह मालिनी के होंठ चूसने लगा और उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबाने लगा। मालिनी भी बहुत दिनों बाद ससुर के हाथों का मज़ा लेने लगी। फिर बोली: पापा मैंने उसे कहा था कि आप दोनों से बात करके मैं उसे बताऊँगी कि हम आगे सम्बंध रखेंगे या नहीं। उसने अपना नम्बर मैसेज किया है। आप चाहो तो बात कर लेना।

राजीव उसके टॉप को उतारते हुए बोला: बहु , शाम को शिवा के आने के बाद फ़ैसला करेंगे। अभी तो मुझे तुमको चोदना है। बहुत दिन हो गए तुम्हारी चूत का मज़ा लिए हुए।

अब वह मालिनी को नीचे करके उसकी ब्रा भी खोला और बारी बारी से चूचियाँ दबाकर चूसने भी लगा। मालिनी भी अपने ससुर को दूध पिलाते हुए आऽऽऽह करने लगी।

अब उसके पेट को चूमते हुए वह नीचे आया और उसकी ट्राउज़र निकाल दिया। मालिनी ने अपनी गाँड़ ऊपर करके उसे निकालने में मदद की। अब नंगी मालिनी को देखकर वह मस्ती से भर गया और अपनी टी शर्ट और लूँगी निकाल कर पूरा नंगा होकर वह मालिनी की जाँघ चूमने लगा।

मालिनी: आऽऽऽऽऽह पापा ६९ करते हैं । मुझे भी आपका चूसना है।

राजीव पीठ के बल लेटा और बोला: आओ बहू मेरे ऊपर आ जाओ । मालिनी उलटी होकर उसके ऊपर आयी और अपनी चूत ससुर के मुँह पर रखी और अपना सिर उसकी टांगों के बीच डालकर उसका मोटा लंड हाथ में लेकर उसका सुपाड़ा खोली और उसे सूंघी और फिर जीभ से उसे चाटने लगी। वह बोली: आऽऽऽह पापा क्या गंध है आपकी। मस्त हो गयी मैं। अब वह अपना सिर ऊपर नीचे करते हुए उसको मस्त चुसाई का मज़ा देने लगी। जल्दी ही वह उसे डीप थ्रोट भी देने लगी। वह बीच बीच में उसके बॉल्ज़ को भी चूसने लगती थी।

उधर राजीव की आँखों के सामने मालिनी के मस्त मोटे मोटे चुतड थे जिनको वो मस्ती से दबा और चूम रहा था। फिर उसने उसकी गाँड़ फैलायी और उसके गुदा के छेद में अपना मुँह डालकर चाटने लगा और जीभ से उसे कुरेदने भी लगा। मालिनी आऽऽऽऽऽऽह पाआऽऽऽपा चिल्ला उठी। अब वह उसकी बुर की फाँकों को भी खोला और उसकी गुलाबी बुर देखकर मस्त होकर जीभ से चाटने लगा। जल्दी ही वह उसे जीभ और दो उँगलियों से चोद्ने लगा।

मालिनी को लगा कि पापा की हरकतों से वह झड़ जाएगी। सो वह एकदम से उठी और उलटी होकर सामने की ओर आयी और उसका गीला लंड पकाकर अपनी पनियायी हुई बुर के छेद पर रखी और धीरे धीरे नीचे होकर बैठते हुए उसने पूरा लंड अंदर ले लिया। उसके लंड की मोटायी के अहसास को अपनी चूत में महसूस करके वह सिसकी भर उठी और बोली: आऽऽऽऽह पपाऽऽऽऽऽऽऽ आख़िर कितने दिनों के बाद ये सुख मिला है। पपाऽऽऽऽऽऽ जो मज़ा आऽऽऽऽऽऽपसे मिलता है आऽऽऽऽऽऽह वो किसी और से नहीं मिलता।

यह कहकर वह ज़ोर ज़ोर से कूदने लगी और लंड को अंदर बाहर करते हुए चुदाई में लग गयी। राजीव भी उसके मस्त चूचियों को ऊपर नीचे होता देखकर उनको पकड़ कर दबाने लगा। जब वह निपल्ज़ को मसलता था तब मालिनी हाऽऽऽऽऽय्य पपाऽऽऽऽऽऽऽ चिल्ला उठती थी। कमरा पलंग की चूँ चूँ और फ़च फ़च की आवाज़ों से भरने लगा था।

अब मालिनी बोली: आऽऽऽऽऽह पपाऽऽऽऽ अब रुका नहीं जा रहा। आप ऊपर आकर चुदाई ख़त्म करो।

राजीव उसे बाहों में लपेटे हुए पलटा और ऊपर आकर उसकी जाँघों को अपने कंधे पर रखकर चूत के सामने बैठकर ज़बरदस्त पिलाई करने लगा। मालिनी भी वासना में भरकर अपनी गाँड़ उछालकर उसका साथ देते हुए चिल्लाई: आऽऽऽह पपाऽऽऽऽऽ और जोऊओऊऊऊर से। फ़ाऽऽऽऽऽऽऽऽऽड़ दो ना।हाऽऽऽयय्यय चोओओओओओओओओदो ना। पाऽऽऽऽऽपा मैं गयीइइइइइइइइइइइ।

राजीव: आऽऽह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म मैं भी झड़ा बहु राऽऽऽऽऽऽनी।

अब दोनों चिपक कर अपने अपने स्खलन का आनंद लेते हुए शांत पड़े रहे।

मालिनी अपने ससुर के सीने पर हाथ फेरते हुए बोली: आऽऽऽऽऽह पापा आपने तृप्त कर दिया। बहुत प्यासी थी मैं।

राजीव उसके मोटे नितम्बों पर हाथ फेरते हुए बोला: बहू जो मज़ा तुमको चोदने में आता है वह किसी और को चोदने में नहीं आता।

मालिनी: पापा मुझे भी आपसे चुदवाने में सबसे ज़्यादा मज़ा आता है।

वह दोनों एक दूसरे से यूँ ही लिपटे हुए ससुर बहू एक दूसरे के होंठ चूसते हुए प्यारी बातें करने लगे।
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007
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by 007 »

mast update dost
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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jay
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

Post by jay »

Superb...................
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