बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई complete

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jay
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Re: बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई

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बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई {पार्ट-- 4}

रवि ऑफीस पहुँच कर अपने दोस्तों को फोन करने लग गया. अतुल,सुरेश और बंशी उसके खास दोस्त थे. सबने उसे लड़के के जन्म होने कीबधाई दी. वैसे इन्न चारो मे खुला ख़ाता था. कई बार ग्रूप सेक्स कामज़ा ले चुके थे. रवि ने शाम की पार्टी के बारे मे बताया. तीनो नेही पार्टी की हां कर दी. जगह के लिए सुरेश पर छ्चोड़ दिया. सुरेशका इवेंट मॅनेज्मेंट का दानधा था. जिसकी वजह से उसे मालूम था कीकौनसी जगह अच्च्ची रहेगी. थोड़ी देर बाद सुरेश ने वापस फोनकिया और शाम की पार्टी के लिए बताया की क्लॅसिक क्लब ही अच्च्छारहेगा. अभी इन्न दीनो वहाँ पर एक इंग्लीश मेम आई हुई है औरअच्च्छा डॅन्स भी करती है. साथ ही एक स्पेशल शो भी होता है.

शाम को रवि क्लॅसिक क्लब के लिए रवाना हुवा और साथ मे थी दोनोसालियन लीना और रोमा. थोड़ी ही देर मे तीनो क्लब के गाते परपहुँच गये. 2-4 मिनिट के बाद अतुल और उसकी बीबी देवी भी पहुँचगये. सुरेश और बंशी की बिबीयन मैके गयी हुई थी. वो लोग अकेलेही आए. सब इकठ्ठा हो कर क्लब के अंदर चले गये.

क्लब बहुत ही ख़ास था. आम लोग उसमे नही जेया सकते दा. सुरेश काइवेंट मॅनेज्मेंट का बिज़्नेस होने के कारण उन्न लोगों को एंट्री मिलगयी. क्लब की ख़ास बात यह थी की इसमे हर तरह के क़ानूनी औरगैर-क़ानूनी धंधे चलते दा. पोलिटिकल और टीन नुंबरी लोग अपनीशाम और रात शराब, कबाब और शबाब के लिए यहाँ गुज़ारते थे.क्लब मे दो हॉल और आठ-डूस कमरे बने हुए दा. एक हॉल मे कब्रातेडॅन्स चलता था और दूसरे हॉल मे डॅन्स के साथ स्पेशल शो भीहोता था. हर हॉल मे सात-आठ टेबल्स का घेरा गोल मंच के टीनतरफ बना हुया था. एक हॉल मे 25-30 लोगों के बैठने की जगह थी.बीच के गोल स्टेज पर प्रोग्राम चलते थे और हॉल की लाइट केवलस्टेज पर ही गिरती थी. वेट्रेस सर्विस थी.

यह लोग 7 पर्सन्स होने के कारण 2 टेबल्स को जॉइंट कर दिया. इनकेबैठते ही 2 लेडी वेटर मेनू लेकर उनके पास पहुँची. दोनो कीड्रेससें ऐसी की उनको देख कर किसी भी मर्द की जवानी मे उबालआजाए. काफ़ी टाइट शॉर्ट ब्लाउस और शॉर्ट स्कर्ट. झुके तो सामने वालेको उसके कबूतर आधे से ज़्यादा दीखे और पिच्छेवाले को ट्रॅन्स्परेंटपनटी से उसकी चूत की झलक दीख जाए. चूतड़ तो झुकने के बादपीछे वाले को पूरा का पूरा ही दीखे. लेकिन अफ़सोस कोई हाथ नहीलगा सकता था उन्न वेट्रेस को. अगर किसीने ने गर्ल वेटर को छ्छूभी दिया तो वहाँ पर पाले हुए मुस्टंड बहार फेंकने मे कोई देरनही लगते थे. सिर्फ़ मन मसोस कर उनकी छलक्ति जवानी को देखोऔर अपने लंड को सहलाओ. वैसे किसी को अपने लंड की प्यास बुझानी होतो लड़कियाँ भी अवेलबल थी और रूम भी.

उन लोगो ने एक-एक पेग का ऑर्डर दिया और कुच्छ स्टारटर माँगाया. शोचालू होने मे अभी 5-7 मिनिट की देरी थी. रवि ने दोनो सालियों कापरिचय अपने दोस्तों से कराया. साथ ही अपने दोस्तों का परिचय अपनीसल्लियों को दिया.

सी शेप मे लगी टेबल मे रवि के बाद देवी. देवी के बाद बंशी.बंशी के बाद लीना. लीना के बाद अतुल. अतुल के बाद रोमा. रोमा केबाद सुरेश बैठा था. आपस मे हँसी मज़ाक चालू हो गये. सब एक सेएक सेक्सी और क्षकशकश जोक्स का मज़ा लेने लगे. बंशी ने इसकी शुरुआत की.उसने जाम की चुस्की लेते हुए कहा की एक बार लेफ्ट मुममे ने रिघ्तमुममे से कहा, 'यार, बड़ी मुसीबत है!' तो रिघ्त मुममे नेपूचछा, 'क्या हुआ?' लेफ्ट मुममे ने जवाब दिया, 'लाफद सला नीचे गलीमें होता है... पकड़े जाते हैं हम लोग!'

इतना सुन कर सब खिलखिलाकर हँसने लगे. तभी रवि ने अपना जोक्ससुनाया. एक रांड़ ने एक आदमी को कहा: 'दो सौ रुपी लूँगी, हिल हिलके दूँगी!'आदमी ने मोल भाव करते हुए कहा: 'सौ रुपी दूँगा मैं खुद ही हिललूँगा!'रांड़ ने तड़क कर जवाब दिया: 'साले गान्डू, सौ रुपी भी बचा लेऔर अपने हाथ से ही हिला ले!'

इतना सुन कर सब और ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे. अब बारी थी सुरेश की.सुरेश ने भी रांड़ के उपर ही जोक्स सुनाया की एक बार एक साधु बाबाको बहुत तारक चढ़ती है. चले जाते हैं रेड लाइट एरिया मे.वहाँ की सबसे खूबसूरत रंडी को पकड़ के उसका काम लगा देते हैं.काम लगाने के बाद कपड़े पहन कर निकालने लगते हैं तो रंडी सेरहा नही जाता है. बोलती है, "बाबा पैसे?" साधु बाबा तुरंत कहतेहैं, "बेटी, तुमने मेरी इतनी सेवा की है अब तुमसे पैसे थोड़े हीलूँगा.

यह जोक सुन कर सबके पेट मे हंसते हंसते बाल पद गये. तभी डॅन्सशुरू हो गया. एक गोरी चित्ति इंग्लीश लड़की पुर कपड़ो के साथअकेली ही नाचने लगी. सभी का ध्यान उसकी तरफ गया. लड़की काबदन पूरा गड्राया हुवा और काफ़ी लचक डार्ट हा. अपने डॅन्स से सबकोमोहित कर रही थी. डॅन्स के बीच ही चारो मर्दो ने अपने लिए रिपीटशराब लाने का ऑर्डर दिया. वेट्रेस ऑर्डर लेते हुए झुकी और ऑर्डरनोट करने लगी. उसके बूब्स की गर्मी सभी ने महसूस की. उसके मीडियमसाइज़ के बूब्स को देख कर चारो के मुहन मे पानी आ रहा था. ऑर्डरलेने के बाद जब पलटी तो जान-बूझकर ऑर्डर बुक्स को नीचे गिरादिया. फिर घूम कर मुस्कराती हुई बोली "ऑश... सॉरी." वापस घूमकर नीचे झुक कर ऑर्डर बुक को उथली. उसका तो उठना था लेकिन इसउठाने के बीच अपने पीच्चे कयामत ढा चुकी थी. उसके जाते हीदेवी बोली," देखा! ग्राहक कैसे पटए जाते हैं." सब के सब हंसपड़े.

तीनो जवानिया धीरे धीरे पी रही थी. थोड़ी देर बाद सुरेश देवीसे कहता है, "भाभी आप भी कोई जोक्स सूनाओ.'

देवी भी स्टार्ट हो जाती है. उसने सुनना चालू किया की दो गर्ल्स नंगीहोकर जिम के स्टीम-रूम मे बैठी हुई थी. पहली लड़की दूसरी कीसाफा छत चूत को देखकर पूचछती है, 'तुम्हारे झाँटे क्यो नहीहै?" दूसरी जवाब देती है, "क्या तुमने किसी बिज़ी सड़क पर कभीघास उगते हुए देखा है?"

सॉफ-सॉफ चूत लंड का नाम ले कर जब जोक्स शुरू हो गये तो आपसमे उन्न सब की रही सही झिझक भी ख़तम हो गयी. आपस मे अब एक सेएक जोक्स शुना रहे दा. इधर नशा सब मे बढ़ रहा था और उधरडॅन्सर के कपड़े कूम होते जेया रहे दा. उसके भारी-भारी कबूतर हॉलमे बैठे सभी के होश उड़ा रहे दा. उच्छलते हुए बूब्स कयामत ढारहे दा. उसके बदन पर केवल झीनीसी नाइटी और पनटी थी. सबइंतज़ार कर रहे दा कब वो अपने बाकी के कपड़े उतार अपने जिस्म कीझलक दीखए. तभी देवी ने सुरेश को पूच्छ लिया, "वा क्याटकटकी लगा के देख रहे हो. अभी तो बहुत नाटक करेगी."

जवाब बंशी ने दिया, "आरे भाभी, जब बीबी मैके गयी हो तो सामनेजो भी मिले उसे गवाना नही चाईए."

रवि ने अपनी बाहों से देवी को अपनी और खिसखते हुए बोला, "मैके हीनही बल्कि नौवे महीने मे भी हो तभी भी."

लीना बोली, "भले ही वो अकेले हॉस्पिटल मे लेयिटी हो तब भी."

तभी डॅन्सर ने अपनी पनटी को नीचे खिसका दिया. हालाँकि उसकी चूतनाइटी होने की वजह से सॉफ नही दिख रही थी. लेकिन नाचने केकारण उसकी झलक ज़रूर दिखाई पद जाती थी. एक-दो स्टेप्स के बादअपनी पनटी को अपने पैरो से हवा मे उच्छल दिया. चारो की साँसे उपरनीचे हो रही थी. फिर उल्टी तरफ मुहन करके डॅन्सर ने अपनी नाइटीउपर उठाकर अपने बदन से निकाल दी. सब के सामने उसके चिकने-चिकनेगोरे-गोरे चूतड़ उच्छल-कूद कर रहे दा. उसके भारी चूतड़ सबकेमुहन मे लार पैदा कर रही थी. बंशी के मुहन से "उूउउफफफफफफ्फ़"निकल गयी.

रोमा ने आँख मरते हुए पूचछा, "बड़ी आग लग रही है क्या?"

बंशी,"आग कहाँ? यहाँ तो ज्वालामुखी उबाल रहा है."

देविन ए मुस्करा कर कहा, "चिंता मत करो. अब यह लावा भी आज रातको निकल देंगे."

तभी डॅन्सर ने अपना चेहरा घूमया और अपने बूब्स और चूत कीझलक दिखती हुई मंच से अंदर चली गयी. सभी उसे तरसतीनज़रों से जाते हुए देख रहे दा. अतुल तो अभी भी उसके सपने मेखोया हुया था. लीना बोल पड़ी, "बीबी अगर मैके नही भी गयी हो तोभी क्या? माल दिखना माँगता है."

अतुल गहरी स्वास छ्चोड़ते हुए बोला,"अफ क्या जवानी थी." फिर उनमेवापस हँसी मज़ाक का दौर चालू हो गया. सभी मर्द लोग 4-4 पेग पीचुके दा जबकि तीनो लेडी 2-2 पेग पी चुकी थी. नशा सबके दीमगपर काफ़ी चढ़ चुका था.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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अतुल ने इस बार एक जोक सुनाया, एक राइस औरत एक होटेल मे काफ़ी दारूचढ़ा लेती है. उसे होश ही नही रहता. सुबह जब उसे होश आता हैतो बिस्तर पर वो अपने आप को नंगी लेती हुई पति है. तभी होटेलका मॅनेजर उसके रूम मे आता है.वो औरत मॅनेजर से पूचछती है, "मैं इस रूम मे कैसे?"मॅनेजर जवाब देता है, "रात को आपको होश नही रहा तो आपको मे खुदइस रूम मे ले आया."औरत पूचछती है, "और मेरे कपड़े?"मॅनेजर वापस जवाब देता है, "आपको लाते लाते आपके कपड़े पूरे फॅटगये तो मैने उनको निकाल फेंका."औरत पूचछती है, "ठीक है. लेकिन मेरा अंडरवेर?"मॅनेजर भोलेपन से जवाब देता है, "वो क्या है की मैने सोचा आपकेउंदरवाएर का एलास्टिक आपका खून का सर्क्युलेशन रोक देगा, तो मैने उसेनिकाल दिया."वो राइस औरत भी उसके भोलेपन को देखकर पूचछा," वा क्या रातथी! ज़रूर मैं टाइट हो गयी हूँगी."मॅनेजर ने उसी भोलेपन से जवाब दिया, "जी नही, सिर्फ़ पहली बार हीटाइट थी."

मतलब समझते ही सबकी हँसी छ्छूट गयी. लीना ने कहा, "सालामॅनेजर, रात भर लगा रहा होगा."

तभी स्टेज पर वही गोरी हसीना वापस आई. अबकी बार ड्रेस चेंजकिए हुई थी. एस बार की ड्रेस ज़्यादा कयामत ढा रही थी. झीनीशॉर्ट ड्रेस जिसके सामने से च्चती के नीचे तक बटन खुले हुएजिससे उसकी दोनो गोरी-गोरी गोलाइयाँ बीच से एकद्ूम सॉफ दिख रही थी.ड्रेस घुटनो से काफ़ी उपर थी. उसकी झंघे सॉफ सॉफ दीखाई पदरही थी. स्टेज पर आकर वो नाचने लगी. बाल खाती कमर, नीचेझुकने का अंदाज़ और लटके-झटके ने हॉल मे बैठे सभी मर्दो कोझुलसा दिया. 2-4 मिनिट के बाद स्टेज पर एक कला हबसी और एक गोरापहलवान आकर उस गोरी हसीना के साथ नाचने लगे. दोनो के बदनपर केवल हाफ चड्डी ही थी.

रोमा के मुहन से दोनो को देखकर "आअहह" निकल गयी. उसकी नज़रेंहबसी और पहलवान के चमकीली हाफ चड्डी पर टिकी हुई थी. यहीहाल देवी और लीना का भी था. चड्डी आयेज से तोधी उभरी हुई थी,जिसके अंदर मोटा मोटा सा कुच्छ लग रहा था. रवि, सुरेश, अतुल औरबंशी की नज़रें गोरी हसीना के कपड़े को चीरती हुई उसकी गोरी गोरीजालिम जवानी को भेद रही थी.

हबसी और गोरा पहलवान उस गोरी हसीना को अपने बीच ले कर अपनेबदन से उसके बदन को रग़ाद रहे दा. हबसी आयेज से लगा हुवा थाऔर गोरा पहलवान पीछे से लगा हुवा था. तीनो के जिस्म आपस मेटकरा रहे दा. तभी गोरी हसीना ने नीचे लेट कर अपनी दोनो टाँगेफैला दी. नीचे कोई पनटी नही थी. उसकी चूत हॉल मे मौजूद हरआदमी को दीखाई दे दी. काईओं के मुहन से "उउउफफफ्फ़" निकल गयी. कलाहबसी उसके सर की तरफ झुक कर उसके दोनो मुममे के उपर, जो अभी तकझीनी ड्रेस से ढके हुए दा, अपना हाथ फेरना शुरू कर दिया. गोरापहलवान खड़ा खड़ा देख रहा था. हबसी का हाथ धीरे-धीरेनीचे से उपर उसके मुममे को सहलाता हुआ उसके गाल को च्छुकर हवा मेचला जाता. हसीना मस्त हो लेती हुई अपने दोनो पैरो को आपस मेमिलती और फैला देती. इसतरह चूत खुलती और बूँद हो जाती. उनकोदेख रहे सभी के लंड उत्तेजित हो कर अंदर ही अंदर उबाल खा रहेदा. साथ ही वहाँ बैठी तीनो जवनीओन की छूटेन भी गीली हो चुकीथी.

तभी गोरा पहलवान अपना हाथ बढ़कर गोरी हसीना के दोनो पैरो कोपकड़कर अपने नज़दीक खींच लिया. हसीना के पैर गोरे पहलवान केकमर के इर्द-गिर्द लिपट गये. अब उसकी चूत उसके अंडरवेर के सामनेवाले हिस्से से जाकर चिपक गयी. गोरा पहलवान उसको अपने पास औरकींच कर उसकी चूत को अपने अंडरवेर के साथ और ज़्यादा छिपतालिया. काले हबसी ने उसके दोनो हाथ को पकड़ कर अपनी कमर के इर्द-गिर्द लप्पेट लिया. अपने एक हाथ से उसके कमर के नीचे सहारा देदिया. दोनो तरफ खंबा बन कर खड़े हो गये और बीच मे जालिमहसीना झूला झूल रही थी. कला हबसी उसकी कमर मे हाथ डालकरउसको हल्का हल्का उपर नीचे झूला रहा था जिससे हसीना की चूतगोरे पहलवान के अंडरवेर से रग़ाद खा रही थी. गोरे पहलवान कालंड अंडरवेर के अंदर पूरा खड़ा हो चुका था. उसके लंड के साइज़की झलक साइड से सबको महसूष हो रही थी.

फिर गोरी हसीना ने अपना सर, जो की काले हबसी की कमर से चिपकाहुआ था, तोड़ा नीचे कर उसके लंड को अंडरवेर के उपर से चाटनेलगी. अपनी जीभ बहार निकल कर उसके लंड को छत रही थी. हॉल मेयह सीन देख कर एक-दो सीटियाँ बाज गयी. काले हबसी का लंड उसकीचटाई से अंडरवेर के अंदर उठ खड़ा हुया. उसके लंड का सुपरा उसकेअंडरवेर से बहार आने को उतावला था. बार-बार अंदर पड़ा हुयाउसका लंड झटका दे रहा था. यह चटाई और रगदाई इतनी जबरदस्तथी की तबले पर बैठे लोगों की हालत खराब होने लगी. सबके मुहनसे सिसकारियाँ निकल रही थी.

चटाई और रगदाई को देख कर तीनो हसीना का भी जी मचलनेलगा. नाश एके साथ वासना का उफान भी चढ़ने लगा. देवी ने अपनीदोनो टाँगे दोनो तरफ बढ़ा दी. एक तंग रवि की तंग से टकरा रहीथी और दूसरी तंग बंशी की तंग से पेच लड़ा रही थी. लीना कीझंघो पर अतुल का हाथ लहरा रहा था. वहीं रोमा की गर्दन मे हाथडाल कर सुरेश अपनी अंगूलियों से उसके गाल को सहलाने लगा. सभीआँखो से उस चटाई का मज़ा ले रहे दा और हाथो और टॅंगो से अपनीअपनी रागड़ाई का मज़ा ले रहे दा.

तभी गरम साँसे लेती हुई देवी ने कहा, "यह दोनो को एक साथ लेसकेगी."

जवाब उसके हज़्बेंड अतुल ने दिया, "काफ़ी खैइली खाई लगती है. इन दोको तो आराम से संभाल लेगी."

रवि अपनी तंग से देवी की तंग को सहलाता हुआ बोला,"तो भी दोनो कालंड छ्होटा-मोटा नही है."

बंशी लीना की जाँघो से खेलता रवि के समर्थन मे बोला, "अरे,इनके लंड को खाने के लिए कलेजा भी चाहिए."

लीना बोली, "चलो बताओ, इकनके लंड की क्या साइज़ होगी?"

रोमा बोली, "मेरे अंदाज से गोरे वाले की 10" से कम नही और काले वालेकी 12" से कम नही."

देवी बोली, "साइज़ जो भी हो, गोरे वाले का लंड ज़्यादा तगड़ा होगा."

रवि बोला, "अभी मालूम चल जाएगा की किसका कितना है."

अतुल बोला, "लेकिन कुच्छ भी हो. यह चुदाई देखने लायक होगी. वैसेदेवी तुम इतने बड़े और मोटे दोनो लंड को एक साथ खा सकती हो?"

देवी बोली, "अर्रे, पागल हुए हो क्या? ऐसे दोनो एक साथ खा कर मुझेतो हॉस्पिटल मे रह कर अपनी चूत की सिलाई करवानी पड़ेगी."

अतुल बोला, "लेकिन लास्ट टाइम जब हम सब फ्रेंड्स के साथ मे थी औरमैं और बंशी तेरे साथ लगे हुए दा तब तो तुम कह रही थी मुझेऔर लंड चाहिए."

देवी बोली, "तब की बात कुच्छ और थी."

बंशी बोला, "अर्रे भाई, जब तक दूर है तब तक नही. जब पास मे होया अंदर हो तो कूम ही लगता है."

तभी गोरी हसीना ने अपनी टाँगे गोरे पहलवान से च्छुदा कर औरपलट कर काले हबसी का अंडरवेर नीचे निकल दिया. हबसी काकरीबन 11" लूंबा और 4" मोटा लंड तन-ताना-तन कर उसके मुहन केसामने आगेया. उसका लंड काफ़ी मजबूत और मूसल था. तीनो छूटों केमुहन से सिसकारी निकल गयी.

लीना उसके लंड को देखकर बोली, "हाअए... कितना मुस्टंडा लंड है.अगर कोई कुवारि इससे छुड़वा ले तो मार ही जाएगी."

गोरी हसीना ने वक्त जया ना करते हुए अपनी जीभ निकल कर कालेहुबसी के लंड के सुपरे को चाटने लगी. गोरा पहलवान अपने हाथबढ़कर हसीना की ड्रेस को फाड़ कर अलग फेंक दिया और आयेजबढ़कर उसकी चूत को चाटने लगा. कला हबसी घुटने के बाल बैठाअपना लंड चटवा रहा था और गोरी हसीना स्टेज पर टाँगे फैला करलेती-लेती काले मुस्टंड लंड को चाट रही थी. साथ ही गोरा पहलवानज़मीन पर लेता लेता गोरी हसीना की चूत को छत रहा था.

अतुल यह देखते हुए लीना की जाँघो पर अपनी हथेली की रगदाई औरतेज कर दी. लीना के मुहन से सिसकारी निकालने लगी. यहॉ हाल बाकीदोनो का भी था.

गोरी हसीना ने अपनी जीभ से उसके लंड को छत-छत कर एकद्ूम सेफुल्ला दिया. फिर गुप-से लंड को मुहन मे डाल लिया. अपने मुहन को हिला-हिला कर उसके लंड को चूस रही थी. हबसी ने अपने हाथ बढ़करउसके डोलाते हुए मस्त मुममे को जाकड़ लिया. अपनी हथेली से उसको हॉर्नके जैसे दबाने लगा. उसके गोरे-गोरे मुममे दबाने से धीरे-धीरेगुलाबी रंगत लेने लगे. हसीना उसके लंड को मुहन मे कभी पूराडालती तो कभी आधा डालती. उसका थूक लंड के सुपरे से सरकता हुवाउसके अंगूरो पर आरहा था.

देवी यह देखकर बोली, "देखो कैसे गॅप-गॅप करती चूस रही है.लंड कितना भी मोटा और तगड़ा हो, मुहन से चूसैई बड़े आराम से होजाती है."

रवि देवी की टॅंगो मे अपनी टॅंगो को उलझाते हुए बोला, "मुहन औरचूत कैसे भी लंड फिट ही बैठते है."

गोरा पहलवान उसकी जुवैसी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था. अपनीजीभ के नुकीले हिस्से से उसकी चूत के दाने को च्छेद रहा था. चूतका रस बराबर निकल रहा था. अपनी जीभ को दाने पर रगड़ने केसाथ उसके अंदर भी गश्ड रहा था. फिर गोरा पहलवान उठा औरअपने अंडरवेर को निकाल फेंका. उसका लंड लॅप-लापता हुआ बहारउच्छल कर निकला. लंड था बड़ा ही तगड़ा. काले हबसी से लूंबा ज़्यादाऔर तोड़ा सा ही छोरा कम था. लेकिन अच्च्ची अच्च्ची चूत का कूस-बालनिकल दे ऐसा लंड था उसका.

रोमा को उसके लंड को देखकर मज़ा आगेया. उसे कल वाले प्लमबर कालंड याद आगेया. उसके मुहन से निकल पड़ा, "ऐसे लंड से इस चुदाई कोदेखने का मज़ा बहुत आएगा."
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सुरेश उसके गालों से खेलते हुए बोला, "ऐसी चुदाई और ऐसे पास-पास बैठने का मज़ा कुच्छ और ही है."

रवि बनावटी गुस्से के साथ बोला, "मेरी साली से दूर रहो."

सुरेश ने पलट कर कहा, "तुम्हारी साली है तो अब यह हमारी भीसाली भी हो गयी."

सब एक साथ हंस कर वापस शो को देखने लगे.

अपने लंड को हाथ मे लेकर गोरा पहलवान अपनी चाँदी को तोड़ा आगेपिच्चे कर अपने लंड को हिलाया फिर गोरी हसीना के पेट पर हाथरखकर उसे डॉग्गी स्टाइल मे कर दिया. अब हसीना की चूत उसके लंड केएकद्ूम सामने थी. उसने अपने लंड को उसकी चूत से जा सताया और चूतके जूस से अपने लंड को तोड़ा चिकना किया. फिर गुपप्प से अपने लंडके सुपरे को उसकी चूत मे तेल दिया. लंड का घुसना था और गोरी केमुहन से हबसी का लंड निकल गया. खाली मुहन से एक बड़ी सिसकारीनिकली. "एस्स.... "

फिर गोरे पहलवान ने अपने लंड को पूरा का पूरा गोरी हसीना कीरसीली चूत मे पेल दिया. अपने धक्को की स्पीड उसने स्लो रखी. गोरीहसीना अपने मुहन मे हबसी के लंड को बड़े मादक ढंग से चूस रहीथी. कभी अपने दंटो के बीच ले कर, कभी जीभ पूरी बहार निकलकर लंड को छत-छत कर हॉल मे बैठे दर्शको को दीखा रही थी.

थोड़ी देर बाद गोरा पहलवान ज़मीन पर चिट लेट गया. गोरी हसीनाने अपने मुहन से उसके लंड को चूसा और फिर उसके लंड को अपनी चूतमे डाल कर उसपर सॉवॅर हो गयी. कला हबसी अपने लंड को हाथ मेलेकर खड़ा हो गया और दर्शको के सामने अपने हाथ से हिला रहा था.हसीना उच्छल-उच्छल कर अपनी चूत को छुड़वा रही थी. उसकी चूतका दाना उसकी लंड की जड़ से रग़ाद खा रहा था. इसके कारण गोरीहसीना बहुत ही ज़्यादा मस्त हो गयी. उसके मुहन से सिसकारी निकालनेलगी, ""गोद, ई आम रियली हॉट. युवर कॉक इस सो हार्ड. युवर बॉल्स अरे सोटाइट. योउ'वे मेड मी पुसी सो, सो वेट!"

गोरा पहलवान बड़े आराम से चिट लेता हुवा हसीना को चुड़वते हुएदेख रहा था. अपने हाथ से उसके मुममे को सहलाता हुवा उसके निपल कोखींच रहा था. अपनी हथेली से उसके बूब्स को दबाता और छ्चोड़देता. उच्छलते हुए उसके बूब्स कयामत ढा रहे दा. गोरी हसीनाचुदाई मे मस्त हो कर ज़ोर ज़ोर से उच्छल उच्छल कर छुड़वा रही थी.साथ ही उसकी सिसकारियाँ भी बढ़ती जा रही थी, ""ऑश, तट फील्स सोगुड! ऑश एस! फक -- उन्ह -- फक मे! ऑश गोद एस! फक मेहार्ड, बेबी! एस! दो इट! ओह एस! एस! ऑश गोद एस! ओह, ई थिंकयोउ हॅव दा बिग्गेस्ट, स्वीटेस्ट कॉक इन दा होल वर्ल्ड!"

तभी कला हबसी अपना हाथ उसके उच्छल रहे चूतड़ पर फेरना लगा.अपने हाथ से उसके गोल गोल नितंब पर थपथपा रहा था. फिर अपनी एकअंगूली उसके गांद के च्छेद के पास लेजा कर उसे कुरेदने लगा. गांदपर अंगूली के आते ही गोरी हसीना ज़ोर से सिसकारी लेते हुएबोली, "ओह फक, तट फील्स सो गुड! युवर फिंगर इन मी आस फील्स सोफक्किंग फॅंटॅस्टिक! फक मे इन मी आस. ई वॉंट युवर कॉक उप मी आस!गिव इट तो मे नाउ! एस, एस, ई वॉंट तट बिग फक्किंग कॉक; फक मीआस होल वित युवर बिग कॉक!"

कला हबसी पास पड़े चड्डी की जेब मे से एक क्रीम निकल कर अपने लंडपर लगा लिया. स्टेज पर उसका लंड चमक उठा. फिर अपने लंड केसुपरे को उसकी गांद के च्छेद पर टीका दिया. "टके इट बेबी," कहतेहुए अपने लंड को गांद मे दिया. गोरी हसीना "उूुउउइइ" कहते हुएउसके लंड का गांद मे स्वागत करने लगी. लंड तोड़ा ही अंदर गयाथा. उसे पूरा बहार नही निकलते हुए एक ज़ोर का धक्का मारा. लंडआधा उसकी गांद मे चला गया.

"फक मे... स्क्रू मे... रिप मे! गॉड्डॅम योउ मोतेरफुक्क्िंग बॅस्टर्ड्स...बुल मे! राम मे! टियर... म्य..ऽस्स... अपार्ट!" यह कहकर गोरी हसीनाकाले हबसी को अपनी गांद ज़ोर-ज़ोर से मरने के लिए कहने लगी. कलाहबसी अपने चूतड़ उठा-उठा कर अपना लंड उसकी गांद मे पेल रहा था.गोरा पहलवान अपना लंड उसकी चूत मे होल-होल अंदर बहार करतेहुए नीचे चिट लेता हुवा था. उसके बदन पर 2-2 जिस्म का बोझ थालेकिन परवाह किसे थी.

काले हबसी ने गोरी हसीना की गांद की अच्च्ची धुनाई करने के बादअपने लंड को बहार निकल लिया. वा ज़ोर ज़ोर से हंप रहा था. ऐसा लगरहा था की अगर वा थोड़ी देर और अपने लंड को उसकी गांद मे रखतातो लंड का पानी निकल जाता.

गोरी हसीना को कोई परवाह नही थी. गोरे पहलवान ने पोज़िशनबदलते हुए अब गोरी हसीना को चिट लेता दिया और अपने लंड कोसुर्र्रर-से उसकी चूत मे पेल दिया. फिर चालू हुई तूफान मैल कीस्पीड. अपने चूतड़ को ज़ोर से उठता और उसी स्पीड मे वापस नीचे लेआता. उसका लंड दान-दान करता बहार आता और दान-दान करता अंदरउसकी चूत मे चला जाता. उसकी जोरदार चुदाई ने गोरी हसीना कीभूख को और बढ़ा दिया. ज़ोर ज़ोर से सिसकारी लेते हुए उसने पुरहॉल को गूंजा दिया, ""ऊवू, इट'स सूऊ गुड! ओह! फक! ओह! फक!डॉन'त स्टॉप! डॉन'त स्टॉप! ओह एस, फक मे, फक मे! ई लोवे युवर जाइयंटकॉक इनसाइड मे. ओह! गोद! इट फील्स सो गुड! राम इट इंटो मी कंटहार्डर! ओह फक मे, फिल मे! ओह गोद! युवर थिक कॉक फील्स सो बिग!ओह! मी गोद! ई कॅन फील युवर कोकख़हेाद रब्बिंग ओं दा वॉल्स ऑफ मी कंट!ई लोवे युवर कॉक. प्लीज़ फक मे मोरे."

फिर गोरे पहलवान की कमर को जाकड़ लिया. खुद गोरे पहलवान केधक्के का जवाब अपने धक्के से देने लगी. उसका पानी निकल रहाथा. "ई'एम्म्म कुमिंगगगगगग... " यह कहकर अपनी अनंखे बंद बंद करकेअपनी टाँगे उसकी कमर पर लप्पेट ली और उसकी कमर के साथ झूलनेलगी.

थोड़ी देर बाद गोरी हसीना ने एक-एक करके गोरे पहलवान और कालेहबसी के लंड को मुहन से चूसने लगी. एक को चूसाती तथा दूसरेके लंड को हाथ से हिलती जाती. गोरे पहलवान के लंड का पानी पहलेआया. "एसस्स... तट'स रिघ्त, बेबी... एआट मी कॉक!" कहकर अपना लंडहसीना के मुहन से बहार निकाला और अपना पानी उसके बूब्स पर छ्चोड़दिया. उसका फव्वारा ज़ोर से निकला और उसके दोनो बूब्स को अपने गरम-गरम वीर्या से गीला कर दिया.

गोरी हसीना ने अपने मुहन मे गोरे पहलवान के लंड को लेकर उसकीआख़िरी बूँद को चूस लिया. फिर काले हबसी के लंड को अपने मुहन मेले लिया. मुहन मे लेने की देर ही थी. कला हबसी "यॅ, टके इट ऑल,"कहकर अपनी गरमा-गरम पिचकारी उसके मुहन, गॉल, और उसके बॉल परछ्चोड़ दी. पिचकारी इतनी लंबी थी की उसकी धार 5-6 फीट दूर स्टेजपर जा कर गिरी. पूरा रूस निकालने के बाद काले मोटे लंड को मुहन मेलेकर हबसी को और मज़ा दे दिया. काले हबसी ने उसको गौड़ मे उठालिया. गोरी हसीना उसकी गर्दन मे हाथ डाल कर झूल ली. फिर तीनोहॉल मे बैठे दर्शको को फ्लाइयिंग किस देते हुए अंदर चले गये.

पूरा शो जब ख़तम हुवा तो सबकी हालत खराब हो चुकी थी. सबकोवासना की आग जला रही थी. अगर हॉल नही होता तो अभी तक सब जानएक दूसरे के साथ लग जाते. बाहर आकर सभी खड़े हो गये. सुरेशबोला, "अब क्या प्रोग्राम?"

रवि ने कहा, "चलो मेरे घर चलो. वहीं आराम से मस्ती करेंगे."

सुरेश ने कहा, "नही यार मैं नही आ सकूँगा. कल मुझे एकपैंटिंग की प्रदर्शिनी करवानी है."

लीना, जो इसी काम से अपने जीजा के घर आई थी, ने पूचछा, "कैसीप्रदर्शिनी?"

सुरेश ने बताया, "नये टॅलेंटेड कलाकारो की है."

रवि बोला, "आरे यार, लीना भी बहुत अच्च्ची पेंटर है. तुम तोड़ाउसे गाइड कर दो."सुरेश बोला, "ठीक है. सुबह सात बजे मेरे घर पर लेकर आजना.फिर लीना को लेकर मैं इसे वहाँ ले कर चला जाऊँगा."

रवि ने कहा, "हमारे साथ रहेगी तो कल शाम को सात बजे हीआएगी. ऐसा का राइज़ अभी साथ ले जा."

सुरेश कहा, "कोई बात नही. चलो मेरी मल्लिका, लीना डार्लिंग."

बंशी ने कहा, "हॉल मे बैठा था तब तक रोमा अब लीना."

सुरेश ने हंसते हुए कहा, "भाई हमे भी रात गुजारनी है."

अतुल बोला, "ज़्यादा पैंटिंग नही करना रात भर. रात भर कहीं अपनीपिछपरी से रंग भरते रहे तो सुबह हो गया काम."

ऐसा कहके सब हंसते हुए बीड़ा हुए. रवि, रोमा, देवी, अतुल औरबंशी एक साथ चल पड़े और लीना सुरेश के साथ निकल गयी.

एंड ऑफ दा पार्ट --4

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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई

Post by jay »

बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई {पार्ट --5 फाइनल}

रवि, रोमा, देवी, अतुल और बंशी क्लब से सीधे रवि के घर परपहुँच गये. सभी नशे मे झूम रहे थे. घर पर पहुँचते हीरवि, अतुल और बंशी सोफे पर बैठ गये. म्यूज़िक चालू कर दिया.

रोमा बोली, "मैं और देवी कपड़े चेंज करके आते हैं. तुम लोगचेंज नही करोगे."

रवि ने जवाब दिया, "हमे तो रात मे कपड़े उतारने की आदत है कपड़ेपहनने की नही."

देवी ने जवाब दिया, "हां तुम लोगो को उतारने की है लेकिन हमेउतरवाने की. इसीलिए हम लोग चेंज करके आते हैं.

बंशी ने रिक्वेस्ट की, "भाभी वापस आते समय ग्लास और पानी लेकरआना. रवि विस्की की बॉटल किधर है? निकाल उसको."

देवी और रोमा बेडरूम मे कपड़े चेंज करने चली गयी और रवि नेविस्की की बॉटल अंदर कुपकोआर्ड से निकल ली. तीनो म्यूज़िक सुनते हुएदोनो का इंतज़ार करने लगे. रोमा ने अपनी जीजी रीमा की अलमारी खोलकर 7-8 नाइटी बहार निकाल देवी की और उकचल कर कहा, "लो पसंदकर लो कोई एक."

देवी ने एक नाइटी निकल ली और दोनो कपड़े चेंज करने लगी. नाइटीरवि की अपनी फॅक्टरी से लाई हुई एक से एक सेक्सी थी. जिस्म धकता कूमदिखता ज़्यादा था. देखने वाले मर्द की साँस उपर की उपर और नीचेकी नीचे रह जाए ऐसी निघतियाँ थी वो. जब दोनो नाइटी पहनकरग्लास और पानी साथ मे लेकर हॉल मे पहुँची तो बंशी ने सिटीबजकर उनका स्वागत किया. देवी काले रंग की टू-पीस नाइटी पहनेहुए थी. उसके कबूतर नाइटी मे फँसे हुए फड़फदा रहे थे. उसकीझंघे मलाई क्रीम की तरह चमक रही थी. रोमा ने स्कर्ट-नुमानाइटी पहना और उसका बॅक पूरा का पूरा खुला था. फीचे से उसकेकेवल चूतड़ का आधा हिस्सा ही नाइटी से दाखे हुवा था.

रोमा ने 5 ग्लास मे विस्की और पानी डाल कर सर्व करना चालू किया.पहले देवी, रवि और बंशी जो एक साथ बैठे हुए थे उनको दिया.रवि और बंशी सोफे पर जबकि देवी उनके पास सोफे के नीचे बैठीहुई थी. देवी का पति अतुल अलग सोफे पर अकेला बैठा हुया था.तीनो को सर्व करने के बाद रोमा अतुल को एक ग्लास सर्व की और लास्टग्लास अपने हाथ मे ले ली.

"क्या सर्व कर रही हो? अर्रे ले लेंगे हम लोग. आओ तुम यहाँ बैठो,"कहकर अतुल ने रोमा को झटके से अपनी गौड़ मे खींच लिया. रोमाझटके की वजह से सीधे उसकी झंघो के उपर जाकर बैठ गयी. दोनोएक दूसरे की आँखो मे देखते रहे और ग्लास की विस्की को पूरा गतकलिया. एक दोनो को मुश्कराहट के साथ देखते हुए धीरे धीरे दोनोके होत आपस मे चिपक गये. लगे दोनो चुंबन का आनंद उठाने. उनकाचुंबन काफ़ी लंबा था. दोनो एक दूसरे के होत चूस्ते चूस्ते अपनीजीबो का पेच लड़ने लगे.

इधर तीनो ने भी शराब पूरी की पूरी गतक ली. देवी नीचे बैठेबैठे अपने हाथ बढ़कर रवि और बंशी के लंड को पैंट के उपर सेही सहलाने लगी.

चुंबन लेते लेते अतुल ने रोमा की नाइटी निकाल फेंकी. उसके गोरे-गोरे उन्नत मुममे खुली हवा मे साँस लेने लगे. अतुल एक हाथ से रोमाकी गर्दन संभाले हुए उसके नाज़ुक और गुलाबी होतो का रूस पी रहाथा साथ ही अपने दूसरे हाथ से उसके कड़क हो रहे निपल को सहलानेलगा. रोमा के पुर बदन मे करेंट दौड़ रहा था. सराब का नशातो चढ़ा हुवा था ही अब वासना का रंग भी पुर बदन मे चढ़नेलगा.

देवी उनके लंड को पॅंट की चैन को खोलकर बहार निकल लिया. दोनोलंड को हाथ मे लेकर सहला रही थी. 2-2 लंड को एक साथ देखकरउसकी चूत की ज्वाला और बढ़ गयी. कभी एक हाथ से एक लंड को हिलतीकभी दूसरे हाथ से दूसरे लंड को हिलती. रवि और बंशी दोनो कोही ऐसे मज़ा आरहा था. बंशी ने अपना हाथ नीचे कर उसके एकमचलते हुए मुममे को पकड़ लिया. यह देखकर रवि निब ही अपना हाथबढ़कर अपने हिस एके मुममे को पकड़ लिया. दोनो अपने हाथ से उसकेमुममे को मसल रहे थे. कभी धीरे तो कभी ज़ोर्से. कभी पुरमुममे तो कभी केवल चुचि.

उधर, अतुल ने अपने होतो को उसके होतो से फ्री करके उसके गाल औरगर्दन पर चुंबनो की बोच्चार करते हुए उसके मुम्मो को अपने होतो कीगिरफ़्त मे ले लिया. मुम्मो पर उसके गरम होतो की च्चप पड़ते हीरोमा "एसस्सस्स" कहकर सिसकारी भर्ली. अपने होतो को दबाकर वा इसकाआनंद उठा रही थी. अतुल ने अपने होतो के साथ-साथ अपनी जीभ सेउसके भरे मुम्मो को चाटना शुरू कर दिया. नीचे से उपर चाटने सेरोमा की सिसकारियाँ ज़ोर पकड़ने लगी. "ऑश.. चतो... मेरे बूब्स को....आहह... बड़ा मज़ा आ रहा है... एस्स... एस्स... इनको ज़ोर ज़ोर से अपनी जीभसे रागडो.... मेरे जिस्म मे .... उफ़फ्फ़ .... क्या हो रहा है.... एस्स चतोइन्हे."

इधर, देवी ने रवि के मुस्टंडे लंड को अपने मुहन मे लेकर चूसनेलगी. रवि का लंड मस्त हो कर उसके मुहन मे भंगरा करने लगा. अपनीजीभ और होतो से उसको चूसने लगी. रवि के पुर बदन मे एकसिहरन दौड़ रही थी. वो चाह रहा था की देवी इसे चूस्टी रहे,चूस्टी रहे, चूस्टी रहे. उसके मुहन से सिसकारी निकली, "ऑश बेबी,चूसो.. मेरे लंड को चूसो ... ज़ोर से ... हां .. हां ... स्पीड से ....चूसो .... चूसो मेरे लवदे को .... बड़ा मज़ा आरहा है ... जैसेतुम्हारे होत नही बल्कि नरम-नरम चूत मे मेरा लंड घुसा हुवाहै... चूस ... मेरे लंड को मेरी रानी."

उधर, अतुल चाटने के साथ साथ उसके बड़े बड़े संतरों को अपने मुहनमे भरकर उनको चूस्टा जाराहा था. इस बूब्स छूसा से रोमा इतनीउत्तेजित हो गयी की अपने हाथ बढ़कर उसने अतुल की शर्ट खोलनीचाही लेकिन नही खुलने पर उसने उसको फाड़ दी. अपने हाथ बढ़ा करउसकी पॅंट के हुक्स और चैन को खोल दिया. फिर खुद खड़ी हो गयी.अतुल भी उसके साथ ही खड़ा हो गया. रोमा ने उसकी पॅंट और अंडरवेरको झटके से नीचे खींच लिया. और सामने आगे अतुल का लंड. हल्काकला लेकिन डुमदार. अपने हाथ को बढ़कर उसको लपक लिया और लगीउसको पूछकरने. अपने हाथ से उसको घूमती और ट्विस्ट करती हुई उसकेचिकू और केले को लगी सहलाने.

इधर, बंशी सोफे पर से उठ कर अपने पुर कपड़े निकल दिए औरनीचे लेट कर अपने मुहन को देवी के चूतड़ से लगा दिया. बंशी केहोत के टच होते ही देवी के पुर बदन मे गुदगुदी होने लगी. उसनेरवि का लंड अपने मुहन से बहार निकल कर बंशी को कहा, "उफफफ्फ़ ...क्या कर रहे हो .... मुझे गुदगुदी हो रही है ... छ्चोड़ा ना ... प्लीज़ीए ...छ्चोड़ो ... गुदगुदी हो रही है ना .... प्लीज़े .... "

बंशी ने अपनी होतो को आयेज बढ़ते हुए उसकी चूत का नीचे वालाहिस्सा चूम लिया और आयेज बढ़ते हुए उसकी चूत को चाटने लगा.चूत को चाटते ही देवी की चूत उतावली होकर जूस से भर गयी.उसकी चूत बंशी की जीभ की चूसा मे पागल हो गयी. उसने अपनावजन बंशी के मुहन पर बढ़ा दिया. पोस्टीओं यह थी की रवि सोफे परबैठा अपना लंड देवी से चूस्वा रहा था जबकि देवी बंशी से अपनीचूत चुस्वती हुई रवि के लंड को चूस रही थी.

उधर, रोमा ने लंड को सहलाने के बाद अपनी जीभ बहार निकल करअतुल के अंगूरो को अपने मुहन मे भर लिया. अंगूरो को मुहन मे भरकरउसके सुपरे को हाथ से रगड़ने लगी. उसके इस आक्षन से अतुल के मुहनसे सिसकारी निकली, "एस्स.... रोमा... लो और चतो मेरे अंगूरो को... लेकिनसाथ मे मेरे केले को भी चूसो.... इसे और मत तड़पाव.... चूसो मेरीरानी... मेरे लंड को भी चूसो." यह कहकर उसके रोमा के सिर को बॉलसहित पकड़ लिया. अतुल की तड़फ़ड़ाहट देखकर रोमा ने अपना मुहन खोलाऔर गॅप-से उसके लंड को अंदर भर लिया.

इधर, बंशी देवी की चूत को छत और चूस कर उसको फुल उत्तेजितकर दिया. उसकी चटाई से पागल होकर रवि के लंड को मुहन से बहारनिकाल देवी बंशी से मिन्नटे करने लगी, "उफ़फ्फ़ .. बंशी ... प्लीज़े..अब मेरी चूत को चोदो ना .... प्लीज़े मुझे चोदो ... मुझे तुम्हारा लंडमेरी चूत मे चाहिए ... प्लीज़ी ... अब चोदो मुझे .... चोदो ... कस कसकर मुझे चोदो ..."

बंशी घुटने के बाल बैठकर देवी के चूतड़ को उपर उठाया और अपनेलंड के सुपरे को उसकी चूत के मुहन के निसाने पर रख दिया. लंडका सुपरा उसकी चूत के मुहन पर जाकर फिट हो गया. फिर धीरे-धीरे धक्के मरते हुए अपना पूरा का पूरा लंड उसकी चूत मे पेलदिया. लंड के अंदर जाते ही देवी की चूत मे बवाल मच गया. उसकीचूत हिल-हिल कर छुड़वाने लगी. "एस्स ... मेरी चूत को चोदो ... एस ...लंड को पूरा अंदर डालडो मेरी चूत मे," बड़बड़ाती हुई, बंशी सेचुड़वति हुई, रवि के लंड को भी चूस रही थी.
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Re: बीबी का नौवा महीना - साली ने आग लगाई

Post by jay »

उधर, लंड के मुहन मे जाते ही रोमा धड़ा-धड़ चूसने लगी. इसछूसा से अतुल का लंड एक दूं से बेकूबू हो गया. उसने रोमा केबालों को ज़ोर से पकड़ लिया और बड़बड़ाने लगा, "एस्स... मेरी रानी... अबजाकर मेरी मन की मुराद पूरी हुई है.... चूसो ... इसे ... ज़ोर से ... हां... ज़ोर से .... क्लब से ही तड़फ़ रहा था लंड मेरा... अभी इसे तुम्हारेहोतो और जीभ की ज़रूरत है.... इसे चूसो ... रग़ाद रग़ाद कर चूसोमेरे लंड को."

इधर, देवी ने अब पोज़िशन बदलते हुए बंशी को फर्श पर लेता दियाऔर उपर सवार हो गयी. बंशी के लंड पर अपनी चूत को रख कर एकबड़ा धक्का मार दिया. लंड मसके के माफिक उसकी चूत मे पूरा कापूरा घुस गया. अब देवी उसपर उच्छल उच्छल कर अपनी चूत को छुड़वारही थी. रवि सोफे से खड़े होकर देवी के होठों को अपने होतो कीगिरफ़्त मे लेलिया और अपनी जीभ उसके मुहन मे डालकर उसके मुहन मे गोल-गोल घूमने लगा.

लंड चूसैई से अतुल एक दूं गरम हो चुका था. उसने रोमा को सोफे परउल्टा लेटाकार उसके चूतड़ को अपने हाथ मे थामकर अपना लंड उसकीरसीली चूत मे पेल दिया. बाहर निकल कर वापस एक करारा झटकादिया जिससे लंड उसकी चूत के एक दूं अंदर तक जाकर समा गया. इसझटके से रोमा की चूत अंदर तक हिल गयी और वो आनंद से चीखपड़ी, "एस्स... उफ़फ्फ़ .... आह ... क्या डाला है लंड तूमे.... उफफफफफ्फ़... बड़ा हीमजेदार धक्का लगा है मेरी प्यासी चूत को .... ऐसे ही धक्के मरोमुझे.... हिलाडो मेरी चूत को आज .... मरो ज़ोर ज़ोर के धक्के ... वाकई मेऐसी ही चुदाई होनी चाहिए.... छोड़ो मुझे ... चोदो .... ज़ोर सेछोड़ूऊव "

दूसरी और चुड़ते चुड़ते देवी की मस्ती और बढ़ गयी. रवि भीउसके गोल-गोल चूतड़ पर हाथ फेर रहा था. चूतड़ पर हाथ फेरतेहुए अपनी एक अंगूली उसकी गांद पर फेरने लगा. गांद पर अंगूली केपहुँचते ही देवी ने कहा, "रवि, अंगूली नही. तुम्हारा लंड रखोवहाँ. मेरे गांद मरो. अपने मुस्टंडे लंड को गांद मे डालो दो."

रवि ने देर ना करते हुए खूब सारा थूक अपने लंड पर लगाया औरउसकी गांद के च्छेद पर रख दिया. अपने लंड को देवी की गांद केच्छेद मे फँसा दिया. हल्का दर्द हुवा देवी को. लेकिन चूत उसकी बंशीके लंड पर उकचल कूद कर रही थी इसीलिए लंड बहार निकल गया.तब रवि ने तोड़ा थूक अपने लंड पर और लगाया और देवी की गर्दनपकड़कर उसको झुकते हुए अपने लंड को उसकी गांद मे तेल दिया.

गांद मे लंड के जाते ही देवी चिल्लई, "अरे मदारचोड़ ... फाड़ दिया ....मेरी गांद को ... तेल भी नही लगाया .... और मेरी गांद मे अपने मूसललंड को पेल दिया .... आबे सेयेल .... मार गयी मैं ... कभी गांद मारीनही क्या? सासले .. मदारचोड़ ... चिकना तो करना था अपने लंड को ....सेयेल आइसे ही पेल दिया, भेंचोड़."

लेकिन रवि ने कुच्छ भी नही सुनते हुए अपने लंड को उसकी गांद मेपेलना जारी रखा. थोड़ी ही देर मे देवी को मज़ा आने लगा. अब नीचेसे बंशी का लंड उसकी चूत मे आग लगा था वहीं उपर से रवि कालंड उसकी गांद मे तूफान पैदा कर रहा था.

उधर, करार झाटके ने रोमा की तबीयत खुस कर दी. उसने धक्को केसाथ सिसकारियाँ बढ़नी शुरू हो गयी. पुर हॉल मे सभी चोद्तेलंड और चुड़वति चूत की सिसकारियाँ गूँज रही थी. धक्के परधक्का, झटके पर झटका. लंड अंदर तक पेल रहा था अतुल. रोमा कीचूत ऐसी चुदाई से बड़े मज़े ले रहीथी. "आह" "उूउउफफफफफ्फ़" "ओओह्ह्ह्ह्ह" की आवाज़ से दोनो एक दूसरे को जोशदिला रहे थे.

चूत और गांद मरवाते हुए देवी के कस-बाल ढीले होते दिखाई पड़नेलगे. उसकी चूत अब पानी छ्चोड़ने की त्यारी करने लगी. देवीबड़बड़ाने लगी, "हां ... मरो मेरी गांद और चूत ... साले लगा धक्केमेरी चूत मे ... टू भी ... साले मदारचोड़ ... बगैर तेल लगाए मेरीगांद मार रहा है .... मार अब धक्के मेरी गांद मे ... मरो ... चोदोमुझे ... मेरी चूत का रूस पीला दो अपने लंड को ... चोदो ... और ज़ोर से ...आह ... मेरा ... पानी ... आह ... उफ़फ्फ़ .... निकालने ... वाला है. . निकलगया .... निकल गया.."

तभी प्यासी चूत की प्यास एक बार मिटाने लगी. एक करार झटके केसाथ ही रोमा भी चीखने लगी, "एस .... अतुल.... एस्स... मैं झाड़ रहीहून.... मेरी चूत पानी छ्चोड़ रही है.... मरो एक दो बड़े ज़ोर ज़ोर केझटके .... हाआंन्न... ऐसे ही झटके .... आह ... मेरा पानी निकला... निकला..... निकलाआाआ" इतना कहकर रोमा सोफे पर ढीली हो कर लेट गयी.अतुल का लंड अभी तक अपना माल छ्चोड़ा नही था. वो वैसे ही टंकारखड़ा चूत को सलामी दे रा था.

देवी और रोमा छुड़वा कर मस्त हो कर फर्श पर लेट गयी. क्लब सेचुदाई को देखकर उनकी चूत गरम होना शुरू हुई अब जाकर झड़ी.दोनो बड़ी शांति महसूष कर रही थी. देवी की चूत और गांद दोनोमारे जाने के कारण कुच्छ ज़्यादा ही शॅंटी महसूष कर रही थी. रोमाकी चूत अभी भी खलबली मचा रही थी. उसे अभी एक चुदाई का दौरऔर चाहिए था. देवी ने कहा, "ना बाबा... अभी नही ... अभी रुक जाअ... "

लेकिन तीनो के लंड का पानी नही निकला था. तीनो हालाँकि रुकने कोत्यार थे लेकिन तभी रोमा ने सबको éलाँ कर जोश दिला दिया. रोमा नेएलान किया, "अब मैं तीनो लंड को एक साथ खाऊंगी. मेरे तीनोहोल्स को अपने लंड से भर दो."

यह सुनकर देवी ने कहा, "चलो, मैं भी देखती हून. कितनी देरटिकेगी यह. चलो तीनो, आज इसकी चूत, गांद और मुहन को मार-मारकर अपने रूस से भर दो. फिर जल्दी से इसकी हिम्मत नही हो ऐसा मरोइसकी गांद और चूत को." इतना कहकर देवी सोफे पर पालती मार करबैठ गयी.

बंशी उठकर बाथरूम मे गया और एक तेल की शीशी उठाकर लाया.हाथ से तेल को अपने लंड पर लगा कर कहा, "मैं इसकी गांदमारूँगा."

अतुल बोला, "मेने अभी इसकी चूत की धज्जियाँ उड़ाई है. रवि अबतुम्हारी बारी है इसको छोड़ने की. मेरे लंड को चूसेगी अब यह."

तीनो खड़े हो कर रोमा के मुहन, चूत और गांद से युध करने कोत्यार हो गये. अपने अपने हथियार को हाथ मे लेकर हिलने लगे मानोमोर्चे पे सिपाही अपनी बंदूक की नाल सॉफ कर रहे हो. तभी देवी नेकहा, "तुम लोग मोर्चा लो मैं कॉमेंटरी करूँगी. इसका "लिवटेलएकास्ट" मैं करूँगी."

रोमा की गांद को बंशी नीचे लेट कर अपने उपर रख लिया. पूरा तेलचूपदा होने से उसके लंड को गांद के होल मे फँसने मे देर नहीलगी. रोमा ने कमर उचका कर और तोड़ा उपर हो कर उसके लंड को अपनीगांद की गिरफ़्त मे ले लिया. गांद मे लंड के घुसते ही देवी कीकॉमेंटरी भी चालू हो गयी.

देवी ने कॉमेंटरी चालू की, "अब बंशी का लंड रोमा की गांद मे घुसचुका है. रवि तुम अब अपने लंड को हिलना बंद करो. अपने लंड कोइसकी चूत के दाने पर रागडो. हां ऐसे ही रागडो. इस तरह रगड़ने सेऔरत को बहुत ज़्यादा मज़ा आता है. अब इसकी चूत का रूस अपनी अंगूलीमे लो और इसको अपने लंड पर लगाओ. अब अपनी गांद उचककर अपने लंडको रोमा की चूत मे पेल दो."

देवी बड़े मज़े से रोमा की गांद और चूत की रागड़ाई और चुदाई देखरही थी. अपने मुममे पर वो हाथ से हिला रही थी. साथ ही उसकीकॉमेंटरी चालू थी, "एस.. बंशी तुम नीचे से अपने लवदे को उसकीगांद मे हिलाते रहो. तुम रवि, इसकी चूत मे ज़ोर ज़ोर से अपना लंडपेलो. अतुल, मेरे सरटाज़, अब अपना लंड इसके मुहन मे ठूँश दो. मैंभी देखती हून आज रोमा की चुदाई. अतुल, पीछे से आओ और अपने लंडको इसके मुहन मे डालो और इसके मुममे को मसलना शुरू कर दो."

देवी ऐसी चुदाई की कॉमेंटरी करते करते खुद भी अब भूखी होरही थी. वो सोफे पर से उठकर रोमा के पास आकर बैठ गयी. रविका लंड रोमा की चूत मे अंदर बहार स्पीड से आ-जा रहा था. अपनेबदन को रवि के पीछे से सताते हुए देवी रोमा की चूत के दाने कोसहलाने लगी. साथ ही कॉमेंटरी करती जेया रही थी. "हां अब ज़ोर ज़ोरसे पेलो लंड तुम सब इसमे. इसकी गांद को ज़ोर से मरो बंशी तुम."

थोड़ी देर मे तीनो लंड एक दूं बेकाबू हो गये. एक रोमा की हिम्मतदेखकर टीन लंड खाने की, दूसरा शाम से ही चुदाई क्लब मे देखतेहुए और तीसरा देवी की कॉमेंटरी.

अतुल और रवि ने अपना लंड झटके से बहार निकल लिया. मुहन खालीहोने से रोमा को बोलने का अब जाकर मोका मिला. उसने कहा, "अर्रे मेरेचूत चार बार पानी छ्चोड़ चुकी है इतनी देर मे. बड़ा ही मज़ा आया.और देवी, तुम्हे तो धन्यवाद. तुम्हारी वजह से ही मुझे इतना आनंदमिला."

बंशी ने भी अपना लंड रोमा की गांद से बहार निकल लिया. अब तीनोने रोमा और देवी को नीचे फर्श पर लेता कर उनके उपर अपने लंड कोहिलने लगे. अपने अपने लंड की चाँदी हिलाकर दोनो के पुर बदन परअब उन्हे अपने पीपे से बरसात करनी थी. तभी बंशी का पानी जोरदारझटके से निकला. उसके लंड का पानी रोमा के मुममे को भिगाता हुवादेवी के मुहन पर जाकर गिर रहा था. उसका आधा ही पानी निकला कीअतुल ने सामने से बारिश करते हुए दोनो की चूत को अपने वीर्या सेभिगाना चालू कर दिया. बंशी और अतुल ने अपने लंड को झाड़ कर दोनोके मुहन से अपने लंड को रगड़ने लगे. जितना माल भी अंदर था वोबूँद-बूँद कर बहार आ गया.

तभी रवि ने दोनो को हटते हुए अपना मखखां दोनो के बूब्स परछ्चोड़ना शुरू किया. उसने आधा ही मखखां बहार निकाला और बारीबाअरी से रोमा और देवी के गालो के नज़दीक आकर अपनी बाकी मलाई झाड़दी. पाँचो के चेहरे पर संतुष्टि के भाव थे. और वही लेट कर सोगये.

सुबह गाओं से फोन आया जिसकी वजह से रोमा और लीना को वापस जानापड़ा. लेकिन यह दिन दोनो को जिंदगी भर याद रहने वाले थे.

एंड ऑफ दा पार्ट --5

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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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