Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

Post by Dolly sharma »

मगर राज लगातार ऐसे ही धक्के मारता है और नेहा राज का हर धक्का सहते हुए राज का साथ देने की कोशिश कर रही थी ...

ये राज का नेहा के लिए प्यार था या वासना
ये तो पता नही था बस इस वक़्त राज पर
हवस इस नशा चढ़ा था जिसे इस वक़्त
नेहा की चूत झेल रही थी ...

राज के ताबड तोड़ धक्को ने नेहा को बॅड के किनारे तक ला दिया था ..


राज के ताबड तोड़ धक्को ने नेहा की चूत को भी चर्म पर पहुचा दिया था अगले ही पल नेहा की चूत अपने पानी से राज के लंड को नहला देती है ....फूच फूच की आवाज़ पूरे रूम में गूँज उठती है ....

नेहा पूरी तरह ढीली पड़ चुकी थी और राज के धक्के नेहा को दर्द महसूस करा रहे थे अब राज को भी लंड अंदर बाहर करने में मज़ा नही आ रहा था ....

राज अपना लंड बाहर निकलता है और नेहा को डॉगी स्टाइल में करते हुए अपने लंड को
नेहा के गान्ड वाले छेड़ में सेट करता है ..




नेहा साँसे रोके आने वाले पल की तकलीफ़ महसूस करने लगती है ...
लंड चूत रस से पूरी तरह सना हुआ था राज के प्रेसर से लंड का टोप्पा गान्ड में घुस जाता है ...



नेहा दर्द से चिल्ला उठती है ...
नेहा .... उईईईईईईईईई राज्ज्जज्ज्ज प्लीज़ बाहर निकलल्ल्लूऊ बहुत दर्द हो रहा है

राज ... बस थोड़ा सा और रह गया
राज थोड़ा और अपने लंड को गान्ड में धकेल्ता है

नेहा ... ओह न्न्नाहहिईिइ राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज बॅस में और नही सहह पाउन्गी प्लीज़ ...
मगर राज पूरा लंड नेहा की गान्ड में उतार देता है ...

नेहा की आँखो से आसू निकल जाते है
मगर राज पर उत्तेजना सवार थी और राज अपने लंड को सटासट गान्ड में अंदर बाहर करते हुए धक्के लगाने लगता है ...

नेहा की बुरी हालत थी उसने कभी सोचा नही था उससे गान्ड चुदाई में इतना दर्द सहना पड़ेगा ...
नेहा ....आऐईयईईई आहह उउईईईई आऐईीइसस्स्शह ऊओह आअहह ससीई आआहह

काफ़ी देर धक्के लगाने के बाद आख़िरकार राज भी अपने चरम पर पहुचता है .और राज नेहा के दोनो चूतड़ अपने हाथो में थामते हुए अपने लिक्विड से नेहा की गान्ड भर देता है ....

राज के झड़ने से नेहा की जान में जान आती और दोनो हान्फते हुए बिस्तर पर लूड़क
जाते है .....

नेहा के घर राज को करीब दो घंटे हो चुके थे ..और राज नेहा के घर से चला जाता है ...
क्यूँकी नेहा ने संजना को मार्केट भेजा हुआ था और संजना कभी भी आ सकती थी ....

राज की चुदाई ने नेहा की हालत पहले से भी खराब कर दी थी अब तो नेहा को बिस्तर से उठने में भी दर्द हो रहा था....
बस राज नेहा के जिस्म से अपनी आग शांत करके चला गया....

सनडे की वजह से राज कही और जाने की बजाय सीधे घर पहुचता है ...
घर पहुच कर राज को बड़ा अकेलापन महसूस होता है..

राज थोड़ी देर बाद अपनी दीदी को फोन मिलाने लगता है ...

नेहा राज को अपना तन मन धन सब कुछ शॉप चुकी थी मगर राज का दिल फिर भी कही ना कही दीदी के लिए तड़प रहा था ...
तभी तो नेहा की बजे राज के दिल में दीदी की ही याद आती है ...
शायद इसे कहते है पहला प्यार
और डॉली का फोन रिसीव करती है ...

डॉली... हेलो राज कैसे हो

राज ... बस ठीक हू दीदी.. आपकी बहुत याद आ रही है दिल तो कर रहा अभी उधर तुम्हारे पास आ जाऊं ....

डॉली... क्यूँ इतना बैचेन हो रहे हो राज दो दिन की तो बात है आ जाउन्गी ..

राज ...पता नही दीदी ये दो दिन कैसे कटेंगे कही मेरी जान ही ना निकल जाय...

डॉली... राज ऐसी बाते नही किया करते...

और राज और डॉली दोनो काफ़ी देर बाते करते रहते है ....

राज के दो दिन बड़ी मुश्किल से गुज़रते है ...
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Deerama
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

Post by Dolly sharma »

अपडेट.....29 ....


आज शाम को राज की फैमली देहरादून से वापस आ रही थी....

ऑफीस में राज को सेल्स पर्चेस की फाइल्स सब मिट करनी थी इसलिए राज आज जल्दी ऑफीस चला गया था ...
शाम 4 बजे राज के मोबाइल पर डॉली का मेसेज आता है ...

डॉली.... भाई हम घर आ चुके है तुम भी ऑफीस से जल्दी आ जाना ...

राज अपना मोबाइल उठा कर मेसेज पढ़ता है ...
दीदी के आने की खबर सुन राज के चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है ...
और राज फॉरन दीदी को रिप्लाइ करता है ...

राज ....ओह्ह्ह थॅंक्स गॉड दीदी तुम्हे नही पता तुम्हारे बिन मेरे दिन कैसे कटे...

डॉली... अच्छा जी अपनी दीदी से इतना प्यार करते हो

राज ... दिल चीर के दिख लेना दीदी इसमे सिर्फ़ आपकी तस्वीर नज़र आयगी ....

डॉली... ओह्ह्ह राज ऐसा मुझमे क्या देख लिया तुमने ...

राज ... दीदी आप मुझे ऊपर से नीचे तक बहुत अच्छी लगती हो ....

राज का इस तरह तारीफ करना डॉली को भी अच्छा लगने लगा था ...

डॉली...अच्छा ये बताओ राज तुम्हे मुझमें सबसे अच्छा क्या लगता है ...

राज ... दीदी मुझे तो आप पूरी की पूरी अच्छी लगती हो फिर भी आपके चेहरे की मासूमियत और आपकी प्यारी सी मुस्कुराहट मेरी जान ले लेती है ....

डॉली... सच्ची मेरी कसम

राज ... आपकी कसम दीदी मेरा तो ऐसा दिल करता है बस पूरी लाइफ आपके साथ रहकर गुज़ार दूँ ....

डॉली.... ओह्ह्ह राज तुम सचमुच पागल हो
राज ... आपके प्यार में पागल

डॉली... अच्छा अब नहाने जा रही हू तुम भी जल्दी घर आ जाओ ...

राज ... दीदी में भी आ रहा हू साथ मिलकर नहाएँगे

डॉली..... बहुत नॉटी हो गये हो राज ..
तुम्हारी शिकायत लगानी पड़ेगी ...

राज ... अच्छा ये बात है दीदी तो चलो आज रात आपको अपना नॉटी पन दिखाता हू ...

डॉली...:चुम्मि:
डॉली को एक शरारत सूझती है

डॉली चेटिंग करते करते अपने कपड़े उतार देती है और टॉपलेस होकर अपनी एक सेल्फी लेती है और फिर राज को सेंड कर देती है...



राज पर इसका क्या रियेक्शन होता है उससे जाने बिना अपना मोबाइल यू ही छोड़कर डॉली बाथरूम में घुस जाती है ....

थोड़ी देर बाद ज्योति रूम में आती है बॅड पर कपड़े वागेहरा फेले हुए थे

ज्योति ... दीदी भी ना कही भी कपड़े फेला देती है ज्योति बॅड पर पड़े कपड़े उठाती है और बॅड की चादर सही से बिछाने लगती है तभी उसकी नज़र डॉली के मोबाइल पर पड़ती है .. मोबाइल का व्हाट्सअप खुला हुआ था

ज्योति डॉली का मोबाइल उठाकर देखने लगती है और जेसे ही उसकी नज़र मोबाइल स्क्रीन पर दीदी की टॉपलेस पिक पर पड़ती है ...
ज्योति को 440 वॉल्ट का झटका लगता है ...

ज्योति सारे मेसेज पढ़ती है
ज्योति .... ऊऊऊओ मआआआआी गॉड दीदी और राज भैयाअ ये सब .... ...
ज्योति की तो जेसे ये सब जानकर धड़कने ही बंद हो गई थी दीदी सब के सामने कितनी
सादगी से रहती है कोई सोच भी नही सकता डॉली अपने भाई से इतना ओपन है ...
ज्योति डॉली का फोन जेसे रखा था ऐसे ही रखकर बाहर आ जाती है ...
ज्योति के माइंड में जाने कैसे कैसे सवाल
आने लगे थे ...ये सब कब से चल रहा है दोनो के बीच और क्या क्या चल रहा है
क्या दीदी भैया के साथ सेक्स भी कर चुकी है ज्योति को ये सब सवाल सताने लगे थे ...


उधर राज दीदी की टॉपलेस पिक देखकर
बिल्कुल बावला हो चुका था राज का दिल ऐसा चाह रहा था.. पल भर में घर पहुच कर डॉली को बाँहो में भर ले..

राज जल्दी से जल्दी अपनी फाइल्स कंप्लीट करता है और घर जाने के लिए ऑफीस से निकलता है की तभी बॉस के पापा का फोन आ जाता है ...

राज फोन रिसीव करता है
राज ... गुड ईव्निंग सर

संजीव रॉय... हा गुड ईव्निंग राज...

मेंने इसलिए फोन किया है मुंबई से मल्होत्रा साहब आ रहे है सॅंपल लेने तुम एक काम करो अभी स्टेशन पहुच जाओ और आज रात के लिए उनको कोई अच्छा सा होटेल बुक करा दो सॅंपल सुबह दे देना

राज .... जी सर ठीक है में करा दूँगा ..

संजीव रॉय... गुड
और फोन रख कर राज मन ही मन बड़बड़ाता है इसको भी आज ही आना था ...

राज बुझे मन से अपनी बाइक स्टेशन की तरफ दौड़ता है 20 मिनिट में ही राज रेलवे स्टेशन पहुच जाता है ....
मगर मुंबई की ट्रेन आने में अभी काफ़ी टाइम था राज बुरी तरह झंड होकर स्टेशन पर बैठकर रेल का इंतज़ार करने लगता है ...
करीब आधे घंटे बाद ट्रेन आती है राज मल्होत्रा साहब से मिलता है...
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Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार

Post by Dolly sharma »

रात के करीब 9 बज चुके थे ..

दूसरी तरफ ज्योति के दिमाग़ में दीदी और राज के बीच सबकुछ जानने के नये नये प्लान आ रहे थे ...
ज्योति सोचती है आज रात दीदी ज़रूर भैया के पास जाएँगी और उन्हे अपनी आँखो से देखूँगी दोनो क्या क्या करते है ...
फिर सोचती है अगर भैया ने दरवाज़ा बंद करके अंदर से लाइट बंद कर दी तो कैसे देखूँगी ...
ज्योति की समझ में नही आ रहा था ऐसा क्या करे जिससे पता चल जाय भैया और दीदी में क्या क्या चल रहा है ....

तभी ज्योति को एक आइडिया आता है उसके पास नींद की गोल्लिया रक्खी थी ...
और ज्योति किचिन में पहूचकर दो ग्लास में दूध करती है और एक ग्लास में गोली डालकर अपने रूम में पहुचती है ...

ज्योति ... दीदी लीजिए गरमा गरम दूध पीजिए

डॉली... अर्रे वाह ज्योति आज मेरे लिए दूध

ज्योति ... हा दीदी बहुत कमजोर सी लग रही हो आजकल...
और डॉली ज्योति के हाथ से दूध लेकर गटागट पी जाती है ....

उधर राज मल्होत्रा को एक होटेल में ठहराकर घर पहुचता है ...
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रात के 10 बज चुके थे

गेट मम्मी खोलती है ...

सुषमा .. बेटा . बड़ी देर लगा दी आने में कब से तुम्हारा इंतज़ार कर रहे थे ..

राज ...वो मम्मी ऑफीस के काम में देर हो गई ...

सुषमा... बेटा चल जल्दी से फ्रेश हो जा में खाना लगाती हू ..

राज ... ज्योति और दीदी कहाँ है

सुषमा... बेटा तुम्हारा इंतज़ार करके दोनो सो गई ...

राज ..ओह्ह्ह चलो कोई बात नही मम्मी सुबह मिल लूँगा ..
राज फ्रेश होकर खाना ख़ाता है ...
और फिर अपने रूम में जाकर बॅड पर लेट जाता है...

राज अपना मोबाइल निकालकर टाइम देखता है रात के 10.30 बज चुके थे..

राज व्हाट्सअप पर दीदी को मेसेज करता है ...
राज .. दीदी सो गई क्या ...

मगर दीदी पर तो गोली का नशा चढ़ चुका था ...

मोबाइल ज्योति के हाथ में था जेसे ज्योति को मालूम था राज का मेसेज ज़रूर आयेगा ...
ज्योति राज को रिप्लाइ करती है ... नही बस तुम्हारा इंतज़ार कर रही थी

राज ... ज्योति सो गई क्या

ज्योति.. डॉली...हा सो गई

राज ... तो फिर आ जाओ ना जल्दी से

ज्योति.... डॉली... एक शर्त पर आउन्गी

राज ....केसी शर्त

ज्योति डॉली.... तुम मुझसे आज रात बिल्कुल नही बोलॉगे ...

राज ...उफफफ्फ़ दीदी क्यूँ सता रही हो आ जाओ ना प्लीज़...

ज्योति .डॉली... नही पहले वादा करो

राज ... अच्छा बाबा नही बोलूँगा अब तो आ जाओ

ज्योति ...डॉली... ठीक है आ रही हू तुम लाइट बंद करके बॅड पर लेट जाओ

राज ... ओह्ह्ह गुड दीदी आज मुझे आपके इरादे नेक नही लग रहे अंधेरे में ज़रूर मेरा रेप करोगी ...
और राज बॅड से उठकर कमरे की लाइट बंद कर देता है कमरे में बिल्कुल अंधेरा हो जाता है राज बॅड पर लेटकर दीदी का वेट करने लगता है ...

2 मिनिट बाद राज को दीदी के आने की आहट होती है .......
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