त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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नमिता ने हाथ बढ़ाकर उसकी ब्रा के ऊपर से उसकी छाती दबाई और एक ऊँगली कप के अंदर डाली और बोली: कप तो ठीक हैं।हाँ थोड़ा स्ट्रैप अजस्ट कर लो थोड़ा टाइट है।
अनिका: जी मम्मी कर लूँगी।
नमिता मुस्कुराते हुए बोली: तुम्हारी उम्र के लिहाज़ से तुम्हारे दूध काफ़ी बड़े हैं , लगता मज़े ले चुकी हो लड़कों से ?
अनिका: छी मम्मी क्या बोल रही हो आप, कुछ मज़ा नहीं लिया मैंने।
नमिता ने उसके दूध सहला कर कहा: : क्यों तुम्हारा कोई बोय फ़्रेंड नहीं है
अनिका: नहीं मम्मी कोई नहीं है।
नमिता: अरे तुम्हारी सहेलियाँ तो होंगी?
अनिका: हाँ दो है और हम बहुत क्लोज़ हैं।
नमिता: सहेलियाँ भी तो कई बार मस्ती में दूध दबा देती हैं। है कि नहीं? यह कहते हुए उसने फिर से उसके दूध दबा दिए।
अनिका: ओह क्या मम्मी आप भी ना मेरे दूध के पीछे ही पड़ गयी हो। हाँ कभी कभी हम दबाती हैं एक दूसरे के।
नमिता: तो तुम्हारी सहेलियों के बड़े हैं या तुम्हारे?
अनिका: मम्मी उनके तो बहुत बड़े हैं आपसे बस थोड़े ही छोटे होंगे।
नमिता: तो वो दोनों जवानी के मज़े ले चुकी हैं क्या?
अनिका : हाँ मम्मी दोनों के ही बोय फ़्रेंड हैं। वो सब कुछ कर चुकी हैं।
नमिता: तो फिर जब उनसे बात होती है तो तुम्हें भी मज़े लेने की इच्छा नहीं होती?
अंकिता: हाँ होती तो है पर डर लगता है।
नमिता अब उसके पास आकर उसके हाथ को अपने हाथ में लेकर अपनी छातियों पर रखकर बोली: लो इनको दबाओ और बताओ कि इसमें डरने वाली क्या बात है?
अंकिता थोड़ा हैरान होकर बोली: मम्मी आप ये क्या कर रही हो?
नमिता ने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और अपने छातियों के खुले नरम माँस पर उसके हाथ रख कर दबाने लगी।
अंकिता की साँस फूलने लगी और उसके संतरे ऊपर नीचे होने लगे।
नमिता: बोलो डर लग रहा है या मज़ा आ रहा है?
अंकिता: आऽऽह मम्मी मज़ा आ रहा है।
नमिता अब उसके दूध भी ब्रा के ऊपर से दबाकर बोली: बेटी इस काम में जो मज़ा है वो किसी और काम में नहीं।
फिर उसने अंकिता को अपनी बाहों में ले लिया और उसके होंठ को धीरे से चुमी और जल्दी ही चूसने लगी। नमिता ने अब अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वह उसे चूसने लगी।
नमिता हाँफते हुए बोली: अपनी जीभ बाहर निकालो।
उसके ऐसा करते ही वह अनिका की जीभ चूसने लगी।
अब वह अंकिता के नितम्बों को भी मस्ती से दबा रही थी।
नमिता: चलो अब जींस भी उतारो। देखें पैंटी में क्या छुपा रखा है?
अंकिता शर्माकर बोली: मम्मी वहाँ तो वही है जो आपके पास भी है।
नमिता के कहने पर उसने जींस उतार दी और उसकी गीली पैंटी नमिता की आँखों के सामने थी। नमिता ने उसकी पैंटी पर हाथ फेरा और कहा: ये तो गीली हो रही है। बस ज़रा सा चूमने से ये हालत हो गयी तुम्हारी?
अंकिता: मम्मी मुझे आजतक किसी ने भी ऐसे नहीं चूमा है।
नमिता: मज़ा आया कि नहीं?
अनिका: जी बहुत आया ।
नमिता: आगे और मज़े लेंगे हम ठीक है।
अनिका ने हाँ में सिर हिलाया। अब नमिता ने उसे नहाने को भेजा और बोली: चलो बाक़ी का मज़ा बाद में।
अब उसको बाथरूम भेजकर अपनी साड़ी ठीक कर वह बाहर आयी।
बाहर सुधाकर पेपर पढ़ रहा था। नमिता उसकी बग़ल में आकर बैठी।
नमिता: मनीष कहाँ है?
सुधाकर: वह भी नहाने गया है। अनिका से जम गयी तुम्हारी?
नमिता: अरे हम तो सहेलियाँ बन गयीं हैं। बहुत प्यारी लड़की है। बहुत मस्त फ़िगर है। एकदम तय्यार माल है, बोलो कब खाना है?
सुधाकर उत्तेजना से अपना लौड़ा अजस्ट करते हुए बोला: क्या सच में वो मान जाएगी? मैं उसके साथ किसी तरह की ज़बरदस्ती नहीं करूँगा। उसे देना है तो अपनी मर्ज़ी से दे।
नमिता: अरे वो अभी सील पैक है। और उसको मैं पटा लूँगी।
सुधाकर नमिता के दूध दबाकर बोला: अरे जान बस दिला दो उसकी बुर , ज़िन्दगी भर तुम्हारा अहसान मानूँगा।
नमिता: हो जाएगा पर बच्ची को आराम से चोदियेगा।
सुधाकर अपने लौड़े को दबाकर बोला: ठीक है जान बहुत आराम से सील तोड़ूँगा।
नमिता मुस्कुरा कर उसके लौड़े को दबायी और बोली: इसे बोलो अभी मेरे से ही काम चलाए अनिका की बुर मिलने में अभी टाइम है।
फिर वह हँसते हुए मनीष के कमरे की ओर जाने लगी। सुधाकर पेपर पढ़ने लगा।
मनीष के कमरे में कोई नहीं था , बाथरूम में गुनगुनाने की आवाज़ आ रही थी। वह बाथरूम के दरवाज़े को खटखटायी तो मनीष बोला: कौन है?
नमिता: मैं हूँ, अभी तक नहीं नहाया ?
मनीष ने झट से दरवाज़ा खोल दिया और बोला : अरे मम्मी बस बदन पोंछ रहा था ।
और फिर वह तौलिए से सिर पोंछते हुए बाहर आ गया। वह पूरा नंगा था। उसका लौड़ा नीचे की ओर लंबा होकर लटक रहा था । नमिता उसके हट्टे क़ट्टे बदन को देखकर गरम होने लगी।
मनीष: मम्मी अनिता से क्या बात हुई?
नमिता: बस जनरल बात हुई।
मनीष: क्या लगता है पापा से चुदवाएगी ?
नमिता: बिलकुल चुदवाएगी ।
मनीष: और हम लोगों से ?
नमिता ने देखा कि इन बातों से इसका लौड़ा खड़ा होने लगा था। उसने अपने हाथ में लेकर उसे सहलाते हुए कहा: हाँ तुम दोनों भी उसे चोद लेना। वो जवान हो गयी है और जल्दी ही चुदायी के लिए हाँ कर देगी।
नमिता ने महसूस किया कि अब मनीष का लौड़ा उसके हाथ में झटका मारने लगा था।
मनीष: मम्मी थोड़ा इसको चूस दो ना? प्लीज़।
नमिता बोली: चल मैं बिस्तर पर बैठ जाती हूँ तू मेरे मुँह में डाल दे खड़े होकर। पहले दरवाज़ा बन्द कर ले।
अब मनीष ने उसके मुँह में लौड़ा डाला और वह चूसने लगी। मनीष ने उसकी साड़ी का पल्लू गिराया और उसके दूध दबाने लगा और उसके मुँह में लौड़ा डालकर उसको मुँह को चोदने लगा।
अब नमिता भी उसकी गाँड़ में ऊँगली डाली ।वह जीभ से उसके सुपाडे को और उसके छेद को भी छेड़ रही थी। फिर उसने उसके आँड भी चाटे और उसको जल्दी से गरम करके उसको झड़ा दिया और उसका वीर्य पी गयी। मनीष भी ह्म्म्म्म्म्म्म्म बोलकर शांत हो गया।
फिर सफ़ाई करके नमिता अपनी गीली पैंटी में बाहर आयी और अनिका के कमरे में गयी और बाथरूम का दरवाज़ा खटखटाई और बोली: अरे नहाना नहीं हुआ क्या?
तभी अनिका अंदर से बोली: आ रही हूँ।
फिर वह ब्रा और पैंटी में बाहर आयी। नहाई हुई बालों में तौलिया लगाए हुए क्या मादक बदन था । नमिता को समलिंगी भावनाओं ने ज़ोर मारा। वैसे भी मनीष का लौड़ा चूसकर उसकी बुर गीली हो ही चुकी थी।
अब वह नमिता को देख कर सिटी बजायी और बोली: सच में तुम बहुत सुंदर हो जो भी तुमसे शादी करेगा बड़ा ही किस्मतवाला होगा।
अनिका शर्मा के बोली: क्या मम्मी मेरी अभी शादी की उम्र थोड़े हुई है।
नमिता : शादी की ना सही मगर मज़ा लेने की उम्र तो हो गयी है। देखी क्या मस्त जवान हो गयी हो तुम। ये सख़्त चूचियाँ और मस्त गदरायी हुई तुम्हारी जाँघें और उसके बीच में ज़रूर से ही एक फूली हुई बुर होगी जो की पैंटी से भी नज़र आ रही है। सच तुम अब चुदायी के लिए तय्यार हो बेबी।
अनिका नमिता के मुँह से ऐसे शब्दों को सुनकर हैरानी से बोली: मम्मी आप कैसी गंदी गंदी बातें कर रही हैं।
नमिता ने जानबुझकर ऐसे शब्द बोले थे।
नमिता: देखो बेबी ये ही शब्द हैं जो कि सेक्स में लिए बोले जाते हैं। अब तुम जल्दी से इनकी आदत डाल लो।
अरे पगली इनहि बातों और काम में ही तो मज़ा है।
अब नमिता उसके पास आयी और उसका तौलिया लेकर उसके बदन को पोंछते हुए बोली: देखो अभी भी गीला है।चलो मैं ही पोंछ देती हूँ। फिर वह उसका बदन पोंछती हुई ब्रा के ऊपर से उसकी छातियाँ दबाने लगी। जल्दी ही अनिका की आऽऽह निकल गयी। फिर जब वह उसकी टाँगें पोंछ रही थी तो तौलिया उसने पैंटी के ऊपर रखकर उसकी बुर को पैंटी के ऊपर से दबाना शुरू किया। अब अनिका और ज़ोर से हाऽऽऽऽऽय मम्मीइइइइइइ कहकर अपनी जाँघों के बीच नमिता के हाथ को भींच ली।बाद में वह उसको घुमाकर उसके चूतरों को दबाने लगी और उसकी बुर को पीछे से ही दबा दी । अनिका की उइइइइइइइ निकल गयी।
नमिता: बेबी मज़ा लेना है तो बोलो। अभी पैंटी उतारूँ क्या?
अनिका : आऽऽह मम्मी लेकिन आप तो औरत हैं , आपके साथ कैसे मज़ा आएगा?
नमिता: अरे मेरी भोली बेटी , एक बार मौक़ा तो दे दो फिर देखना मैं कैसे पागल करती हूँ तुमको।
अनिका ने बड़े भोलेपन से पूछा: मम्मी इसमें दुखेगा तो नहीं?
नमिता उसकी चूचि को दबाकर बोली: अरे नहीं बेटी बिलकुल नहीं। बस मज़ा ही मज़ा मिलेगा।
अनिका : आऽऽऽऽह मम्मी ये क्यों दबा रही हैं? आऽऽह।
नमिता उसकी चूचि दबाते हुए बोली: मज़ा आ रहा है ना बेटा?
अनिका: जी मम्मी बहुत अच्छा लग रहा है।
नमिता: चलो ब्रा और पैंटी भी उतारो फिर देखो मैं कैसे तुमको जन्नत की सैर कराती हूँ।
ये कहते हुए नमिता ने अपनी साड़ी का पल्लू गिराया और ब्लाउस में क़ैद उसकी बड़ी छातियाँ अनिका के सामने थीं। और वह अपने ब्लाउस का हुक खोलने लगी।

नमिता ने अपने ब्लाउस का हुक खोलना शुरू किया। अनिका ब्रा और पैंटी में उसके सामने खड़ी थी। ब्लाउस खुलते ही उसकी ब्रा में क़ैद बड़ी बड़ी गोरी चूचियाँ अनिका की आँखों के सामने थी और वह आँखें फाड़े उनको देख रही थी।

नमिता को विश्वास हो गया कि सच में यह एक भोली और कुँवारी लड़की है । आज नमिता उसे जीवन का नया खेल सिखाने वाली थी जिसे वह कभी भूल नहीं पाएगी।

अब नमिता ने अपना पेटिकोट उतार दिया और वह भी अनिका की तरह ब्रा और पैंटी में आ गयी थी।
वह बिस्तर पर बैठी और अनिका को अपने गोद में खींच लिया। फिर बड़ी देर तक उसके नरम गाल से अपने गाल रगड़ते रही और उसके कानों में मीठी मीठी बातें बोलती रही। जैसे तुम बहुत सुंदर हो। तुम कितनी नरम हो। तुम अब जवान हो गयी हो।
अनिका इतने देर में प्यार से भर गयी और बोली: मम्मी आप भी बहुत सुंदर हो।

नमिता ने अब उसकी बाहों को सहलाते हुए कहा: तुम देखना कि अब तुम्हें कितना मज़ा देती हूँ। फिर उसका हाथ उसके छातियों पर आ गया और वह ब्रा के ऊपर से उसके दूध दबाने लगी।

अनिका आह्ह्ह्ह्ह कर उठी। फिर नमिता ने उसकी ब्रा का स्ट्रैप खोलकर उसकी ब्रा उतार दी। अनिक़ा अब अपने हाथ से शर्म के मारे अपने दूध ढकने लगी।

नमिता ने हँसते हुए कहा: अरे बेटा मुझसे क्या शर्मा रही हो? चलो हाथ हटाओ और मुझे तुम्हारे रस भरे संतरे देखने दो।

यह कह कर उसने अनिका का हाथ हटा दिया। नमिता उसने सख़्त संतरों और उसमें अभी आधे बने निपल देखकर मस्त हो गयी और अपने दोनों हाथों में एक एक दूध लेकर उनकी सख़्ती का अहसास की और फिर निपल को उमेठने लगी। अनिका मज़े से हाऽऽऽऽऽय मम्मी कह उठी।

नमिता ने बड़ी देर तक उसकी चूचियों का मर्दन किया । जब अनिक़ा पूरी मस्ती में आ गयी तो उसने उसके पेट को सहलाना शुरू किया और अपना हाथ नीचे के जाकर उसकी जाँघों को सहलाना शुरू किया।

अनिका ने उत्तेजना में आकर अपनी जाँघें अलग कर दी। नमिता पैंटी के ऊपर से उसकी बुर में ऊँगली फेरने लगी।

नमिता: अरे बेटी देखो तुम्हारी पैंटी तो गीली हो गयी। ये कहते हुए उसने उसकी पैंटी में ऊँगली डाल दी।

नमिता अब उसकी बुर सहलाते हुए पूछी: बेटा कैसा लग रहा है?

अनिका: मम्मी अच्छा लग रहा है। गुदगुदी हो रही है।

नमिता: बेटी कभी किसी ने इस जगह को छुआ है?

अनिका : नहीं मम्मी किसी ने भी नहीं।

नमिता उसकी बुर के दाने को सहलायी तो वह उछल पड़ी।

अब नमिता उसको अपनी गोद से उतार कर उसकी पैंटी उतार दी। उसकी हल्के बालों से ढकी बुर जिसका मुँह अभी भी बंद सा ही था , नमिता की आँखों के सामने थी। जाँघों के बीच में थोड़ी सी फूली हुई कचौरी में जैसे किसी ने बीच से चीरा मार दिया हो। नमिता वहाँ हाथ फेरकर मस्ती से भर गयी।

नमिता अपना हाथ पीछे ले गयी और उसके गुदाज चूतरों को भी दबाकर उनकी नरम छूँअन के अहसास को महसूस करने लगी।

अब नमिता ने अनिका को कहा: चलो अब मेरी ब्रा और पैंटी भी उतारो।

अनिका उत्तेजित हो चुकी थी। वह नमिता के पीछे जाकर उसकी ब्रा के स्ट्रैप को खोली और उसकी ब्रा को उतार दी। वह सामने आके नमिता के बड़े दूधों को देखकर मज़े से भर गयी और बोली: मम्मी आपके कितने बड़े हैं?

नमिता: तभी तो तेरे पापा मुझसे शादी कर रहे हैं।

अनिका: धत्त आप बहुत अजीब बातें करती हो।

अब नमिता ने उसके हाथ पकड़कर अपनी चूचियों पर रखा और अनिक़ा उनको दबाने लगी और बोली: आऽऽह मम्मी कितनी सॉफ़्ट और मस्त हैं आपकी छातियाँ ।

नमिता: इनको चूची कहते हैं। समझी ?

अनिका उनको दबाते हुए अपनी जीभ अपने होंठों पर फिर रही थी।

नमिता ने हँसते हुए पूछा: पीना है क्या?

अनिका ने शर्माकर हाँ में सिर हिलाया।

नमिता मुस्कुराकर बोली: अच्छा पहले पैंटी उतारो।
ये कहते हुए उसने अनिक़ा के कंधे को दबाकर नीचे
बिठाया। अब अनिका का मुँह नमिता की पैंटी के सामने था। अनिका ने अपनी उँगलियाँ पैंटी में फँसायीं और उनको नीचे करने लगी। उसके सामने नमिता की फूली हुई बुर जो की बिलकुल चिकनी थी आ गयी। वह एकटक उसे देखने लगी।

अब नमिता ने उसको खड़े किया और बोली: मम्मी की बुर कैसी लगी?

अनिका कांपते हुए: बहुत अच्छी है।
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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अब दोनों पूरी नंगी थीं। नमिता ने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसके बग़ल में आकर लेट गयी। अब उसने अपने होंठ अनिका की गरदन पर रखकर उसे चूमने लगी और उसका हाथ उसकी पीठ पर घूम रहा था। अनिका भी नमिता को जकड़ ली और उसकी पीठ सहलाने लगी।

फिर नमिता ने उसके गाल,ठुड्डी और आख़िर में उसके होंठ चूमने शुरू किए। अनिका भी चुम्बन में उसका साथ देने लगी। फिर नमिता ने उसकी चूचियाँ दबाते हुए उसके निपल्ज़ को मसलना शुरू किया। अनिका हाऽऽय्य मम्मीइइइइइइइ कहकर हल्के से चिल्लायी। फिर नमिता उसकी एक चूचि अपने मुँह में ले के उसे चूसने लगी। अब अनिका की शर्म ख़त्म हो गयी थी और वह भी नमिता की चूचि दबाने लगी।

नमिता अपने हाथ में अपनी एक चूचि लेकर उसके मुँह के पास लाकर बोली: बेटा दूध पियोगी?

अनिका ने एकदम से अपना मुँह खोला और उसकी चूची चूसने लगी। दूसरे हाथ से वह नमिता की दूसरी चूचि दबा भी रही थी।

यह सब बड़ी देर तक चला और दोनों ने एक दूसरे की चूचियाँ पीं। अब नमिता नीचे को होकर उसके पेट कमर और नाभि को चूमते हुए उसकी जाँघों को चूमने लगी और अनिका ने उत्तेजनापूर्ण होकर अपनी जाँघों को फैला दिया और नमिता अपना मुँह डालकर उसकी कुँवारी बुर को चूमने लगी। नमिता ने अपनी दो उँगलियाँ उसकी बुर के छेद के ऊपर ही ऊपर फिरायी और अनिका अपनी कमर उछाल कर अपना आनंद व्यक्त की।

नमिता: बेटी यहाँ के बाल साफ़ कर लेना , मुँह में आते हैं।

अनिका: जी मम्मी कर लूँगी।

नमिता की जीभ अब उसकी बुर के छेद और उसकी clit से अठखेलियाँ कर रही थी और अनिका उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कहकर नमिता के सिर को अपनी बुर में दबा रही थी और नमिता ने महसूस किया कि अनिका की बुर पूरी तरह से पनिया गयी थी। उसने अपनी जीभ वहाँ से हटा ली और अब उसकी टांगों को और ऊपर की और अब उसकी चिकनी गुलाबी गाँड़ उसके सामने थी। वह अपना मुँह वहाँ रखकर उसको चूमने लगी और फिर जीभ से कुरेदने लगी। अनिका आऽऽऽऽऽह कर उठी। उसे ये पता नहीं था कि उसका वह छेद भी इतना सेंसिटिव है। नमिता उसकी गाँड़ को जीभ से मानो चोदे जा रही थी। अब नमिता ने अपनी एक ऊँगली में थूक लगाया और उसकी गाँड़ में एक ऊँगली धीरे धीरे डालने लगी।

अनिका: आऽऽऽऽऽऽऽह मम्मी दुखता है ।

नमिता: देखो अभी मज़ा आएगा। फिर वह क्रीम लेकर उसकी गाँड़ में एक ऊँगली अंदर बाहर करने लगी। अब अनिका अपनी गाँड़ उछालके ऊँगली से चुदवा रही थी।

फिर नमिता का ध्यान उसकी बुर पर गया और वह उसकी फाँकों को अलग की और एक ऊँगली क्रीम लगाके वहाँ भी डाली। अब अनिका आऽऽऽह मम्मी कहकर चिल्लाके नमिता का हाथ हटा दी।

नमिता सोच में पड़ गयी कि एक ऊँगली से इतना दुखता है तो वह सुधाकर का मोटा लौड़ा कैसे लेगी?

अब नमिता ने कहा: कैसा लगा बेबी?

अनिक़ा : मम्मी जब आप बु-- मतलब सामने में डाली तो बहुत दुखा ।

नमिता: अरे बुर को बु नहीं बुर ही कहते हैं।

अनिका: जी हाँ वहाँ मतलब बुर में बहुत दुखा था। पर जब चूस रही थीं तो बहुत मज़ा आया।

नमिता: मेरी बुर भी चूसेगी?

अनिका: जी आप चाहो तो ज़रूर चूसूँगी।

नमिता आकर उसके बग़ल में लेट गयी और उसकी चूचि चूसकर बोली: जैसा मैंने किया वैसे ही मेरे साथ करो।

अनिका भी उसकी जाँघों के बीच आकर उसकी बुर को ध्यान से देखी और वहाँ दो उँगलियाँ फेरकर मस्ती से उसे सहलाने लगी। फिर नमिता ने अपनी बुर की फाँकों को अलग किया और अनिका ने गुलाबी बुर का अंदर का हिस्सा देखा और नमिता बोली: बेटा यहाँ अपनी तीन उँगलियाँ डालो।

अनिका ने तीन उँगलियाँ डालीं और गीली और गरम बुर के अहसास से मस्त हो गयी।

नमिता: बेटा उसे अंदर बाहर करो ।

अनिका उसे मानो उँगलियों से चोदने लगी।

नमिता: आऽऽऽऽहहह बेएएएएएएटी बहुत मज़ाआऽऽऽऽ रहा है।

अनिका फिर अपनी उँगलियाँ निकाली और नमिता की बुर पर अपना मुँह रखकर उसे चूमने लगी। फिर वह अपनी जीभ से नमिता की बुर को कुरेदने लगी। अब नमिता ने उसको अपनी clit दिखाया और उसे चाटने के लिए कहा। अनिका की clit चटायी से नमिता झड़ने के क़रीब आ गयी और उसने उसको हटा दिया।

अब नमिता बोली: चलो मेरे ऊपर उल्टे लेट जाओ और वह उसे ६९ की पज़िशन में ले आयी। अब अनिका का मुँह उसकी बुर के ऊपर था और अनिका की बुर नमिता के मुँह के ऊपर। अब नमिता ने उसकी बुर और गाँड़ को चाटना चालू किया और अनिका भी उसकी बुर को चाटने लगी। अचानक नमिता ने अपनी जाँघें ज़रा ज़्यादा ही ऊपर उठा दी और अब अनिका के सामने उसकी गाँड़ का छेद था। अनिका पल भर के लिए हिचकी, सालों से बताया गया था कि वह गंदी जगह होती है, पर आज सेक्स के तूफ़ान में वह बह गयी और अपना मुँह नमिता की गाँड़ में घुसेड़कर उसे चाटने और जीभ से चोदने लगी।

तभी उसे महसूस हुआ कि नमिता ने उसकी गाँड़ में एक ऊँगली डाल दी है। उसने भी नमिता की गाँड़ में पहले एक और बाद में दो उँगलियाँ डाल दी और उसकी गाँड़ की गरमी से मस्त होकर उसकी गाँड़ को वैसे ही चोदने लगी जैसे नमिता उसकी गाँड़ को एक ऊँगली से चोदे जा रही थी।

तभी नमिता उसके clit को चाटी और अनिका को लगा कि वह झड़ जाएगी। वह भी नमिता की बड़ी सी clit को ज़ोर ज़ोर से चाटने लगी और फिर दोनों आऽऽऽहहहह करके साथ ही झड़ गयीं। नमिता तो बड़े प्यार से उसका पूरा रस पी गयी पर अनिका नमिता की बुर से रस की धार को देखकर पीछे हो गयी । फिर भी काफ़ी सारा रस उसके मुँह पर लगा था।

अब नमिता उसको ऊपर से हटने को बोली और साथ लिटा कर ख़ूब सारा प्यार किया और बोली: बेटा मज़ा आया मम्मी के साथ?

अनिका उसको चूमते हुए बोली: मम्मी आप पापा के साथ साथ मेरे से भी शादी कर लो। आपके साथ तो बहुत मज़ा आया।

नमिता हँसते हुए: हाँ तेरे पापा के साथ तो तू फ़्री में ही मिल गयी है मुझे।

और मन ही मन सोची कि मनीष भी तो फ़्री में मिला है इस शादी के बनिस्बत ।

अब नमिता उसको बोली: बेटा इस काम में तो मज़ा है ही पर जब तू किसी आदमी से चुदवाएगी तो तुझे और भी ज़्यादा मज़ा आयेगा ।

अनिका : पर मम्मी उसमें तो दुखता है ना? मेरी सहेली को भी दुखा था।

नमिता: अरे एक बार का दर्द फिर हमेशा की मौज ।

अनिका : मम्मी आप तो मुझे ऐसे ही मज़े दे दिया करना मुझे आदमी से मज़ा नहीं लेना है।

नमिता: अरे बेटा ऐसा नहीं है, तू एक बार मेरी और पापा की चुदाई देख ले और उसके बाद तू ख़ुद चुदवाने को तय्यार हो जाएगी।

अनिका: छी मम्मी आप भी ना, कभी ऐसा भी होता है? मैं पापा को कैसे नंगा देख सकती हूँ? और भला मैं किससे चु -- मतलब करूँगी मेरा तो कोई बोय फ़्रेंड ही नहीं है।

नमिता: अरे चुदाई को चुदाई बोलने में क्यों हिचक रही है? अरे तुझे चोदने वाले कई मिल जाएँगे।
वह मन ही मन में सोची कि तीन लोग तो अपने लौड़े लिए इसी घर में बैठे हैं।

नमिता: बेटी एक बात बोलूँ तुम अप्सेट नहीं होना?
अनिका: बोलिए ना मैं अप्सेट नहीं होऊँगी।

नमिता: बेटी ,तेरे पापा को मैंने तेरी चूचियों को घूरते देखा है। वो तेरे चूतरों को भी घूरते हैं और अपना लौड़ा अजस्ट करते हैं।

नमिता ने जानबुझकर लौड़ा शब्द का इस्तेमाल किया।

अनिका: हाय मम्मी आप तो गंदे शब्दों और गालियों का कितने खुल कर इस्तेमाल करती हो? और पापा मुझे ऐसे घूरते हैं? नहीं आपको ज़रूर कोई ग़लत फ़हमी होगी।

नमिता उसकी चूचियाँ दबाते हुए बोली: बेटी, तू है ही इतनी प्यारी कि कोई भी तेरा दीवाना हो जाएगा। और तेरे पापा ने तो तुझे पैदा किया है इसलिए उनका हक़ तो सबसे पहले है।

अनिका: ओह आप क्या बोल रही हैं? ऐसा भी कहीं होता है? वो मेरे पापा है।

नमिता: पापा हैं तो प्यार करने का हक़ भी उनका है ना ?है कि नहीं?

अनिका: वैसा वाला प्यार थोड़े ही कर सकते हैं?

नमिता: अरे प्यार तो प्यार ही होता है बेटी। वह तुम्हारे गाल चूमे या तुम्हारे होंठ? प्यार ही तो हुआ ना?

ये कहते हुए उसने अनिका के होंठ चूम लिए और उसकी बुर में हाथ फेरने लगी।

अनिका: मम्मी मैं आपकी बातों से बहुत कन्फ़्यूज़्ड हो गयी हूँ। आख़िर सही ग़लत भी तो कुछ होता है?

नमिता: प्यार में कुछ ग़लत नहीं होता। एक काम कर, अगर तेरे पापा तुझे प्यार करें तो उनको रोकना मत। ठीक है, ये तो तू कर सकती है ना ?

नमिता ने उसकी बुर के छेद में एक ऊँगली डालकर उसे हिलाते हुए अनिका को मस्त कर दिया।

अनिका: आऽऽह उससे क्या होगा?

नमिता: उससे तुझे ये पता चलेगा कि वह तुझे कितना चाहते हैं और वो तुमसे क्या क्या करना चाहते हैं?

अनिका : करना चाहते हैं मतलब?

अब अनिका ने नमिता की चूचि दबायी।

नमिता: शायद वो तुम्हें चोदना भी चाहते हों? क्या पता ?

अनिका शॉक में आकर : मम्मी ये क्या बोल रही हो आप? भला पापा ऐसे कैसे करेंगे मेरे साथ? आख़िर मैं उनकी इकलौती बेटी हूँ।

उसकी clit को सहलाकर उसे गीली करते हुए नमिता आगे बोली: बेटी, मैं ऐसे कई लड़कियों को जानती हूँ जो अपने पापा से चुदवाती है और ऐसे कई लड़कों को भी जानती हूँ जो की अपनी मम्मी को चोदते हैं।
अनिका ने नमिता की बुर को अपनी मुट्ठी में भींच लिया और बोली: मम्मी आप इसको ग़लत नहीं मानती?

नमिता: नहीं मैं इसको ग़लत नहीं मानती।

अनिका उसके बुर में दो ऊँगली डालकर हिलाती हुए बोली: इसका मतलब आपको मनीष भय्या से भी चु- मतलब करवाने में कोई समस्या नहीं है

नमिता उसके गाँड़ के छेद को सहलाकर बोली: मुझे तो मनीष और यहाँ तक कि राज से भी चुदवाने में कोई समस्या नहीं है, अगर वो चाहें तो।

अनिका:ओह मम्मी राज से भी नहीं? उसे तो आपने पैदा किया है। यहाँ से ही किया है ना? अनिक़ा उसकी बुर में ऊँगली हिलाते हुए बोली।

नमिता: हाऽऽय्यय। तभी तो उस पर मेरा हक़ है। अगर वह चाहे तो मुझे चोद सकता है।

नमिता सोची कि इसे क्या पता कि दोनों लड़के उसे चोद चोद कर बेहाल करते रहते हैं।

अब दोनों फिर से गरम हो चुकी थीं। अबके नमिता उसके ऊपर ६९ की पज़िशन में आयी और दोनों ने एक दूसरे की बुर और गाँड़ चाटनी शुरू की और ऊँगली और जीभ से एक दूसरे को झाड़ कर ही रुकीं।

अब बाथरूम से आकर दोनों ने कपड़े पहने और नमिता उसे चूमकर बोली: तू मेरी एक बात मान ले। अगर तेरे पापा तुझे प्यार करें तो तू उनको रोकना मत । फिर देख आगे आगे क्या होता है? ठीक है?
अनिक़ा : ठीक है मम्मी जैसा आप चाहो। फिर नमिता बाहर आयी और सुधाकर के पास आकर बैठी, वह फ़ोन पर बात कर रहा था।

सुधाकर ने फ़ोन रखा और नमिता की जाँघ सहला कर बोला: क्या हो रहा था इतनी देर से माँ बेटी के बीच में?

नमिता ने आँख मारकर कहा: उसे सेक्स का खेल सिखा रही थी।

सुधाकर: मतलब?

नमिता: अरे उसे तय्यार कर रही थी आपसे चुदवाने के लिए।

सुधाकर अपना लौड़ा अजस्ट करते हुए बोला: आह वो कैसे?

नमिता: वो सब छोड़िए आप बस उसको प्यार करिए वो आपको मना नहीं करेगी।

सुधाकर: प्यार करिए मतलब ? क्या करूँ?

नमिता: अरे उसे गोद में बिठाइए , उसके गाल , गरदन और बाँह चूमिए। उसकी जाँघें सहलाइए । फिर उसकी दूध भी छूकर देखिए। धीरे धीरे आपको सब समझ में आ जाएगा।

यह सुनकर सुधाकर का पूरा लौड़ा कड़क हो गया और वह नमिता के हाथ को पकड़कर उस पर रखा और वह उसको दबाने लगी।

सुधाकर: सच में वह कोई विरोध नहीं करेगी?

नमिता: नहीं करेगी पर आपको सबर से काम लेना होगा, आख़िर अभी बच्ची ही तो है। नयी नयी जवानी आयी है। एकदम से डरा मत देना।
नमिता उसके लौंडे को मसलते हुए बोली।

सुधाकर: आऽऽहहह ज़रूर , बिलकुल आराम से आगे बढ़ूँगा। ठीक है ना?

नमिता उसके लौड़े को सहलाकर बोली: हाँ बिलकुल आराम से आगे बढ़िएगा।

सुधाकर: चलो ना कमरे में एक राउंड कर लेते हैं।

नमिता : चलिए फिर खाना खाएँगे। राज को भी यहीं बुला लें क्या?

सुधाकर: हाँ चुदायी के बाद कार स्कूल भेज देंगे । ड्राइवर उसे यहाँ ले आएगा।

दोनों सुधाकर में कमरे में गए और दरवाज़ा बंद कर लिए।

नमिता : हाँ ये ठीक रहेगा ड्राइवर तो राज को पहचानता ही है।

सुधाकर उसको अपने से चिपका लिया और उसके होंठ चूसने लगा और ब्लाउस खोलने के लिए हाथ बढ़ाया।

नमिता: देखो बच्चे आसपास हैं ऐसा करो बिना कपड़े खोले ही कर लो।

यह कहकर वह उसकी जीप खोलकर उसका लौड़ा बाहर निकाली और नीचे बैठकर उसे मुँह में लेकर चूसने लगी। सुपाडे के ऊपर लार लगी हुई थी जिसे वो मज़े से चाट गयी। अब वह और भी ज़ोर से लौड़ा चूसने लगी।

फिर वह खड़ी हुई और अपनी साड़ी और पेटिकोट को उठाई और पैंटी निकाल दी। सुधाकर उसकी पैंटी सूँघने लगा। अब नमिता बिस्तर को पकड़कर झुक गयी और उसने साड़ी पेटिकोट के साथ ऊपर उठा दी। सुधाकर उसके गोरे बड़े चूतरों को चूमा और फिर झुककर उसकी बुर को जीभ से गीला किया और लौड़े पर थूक लगाकर उसकी बुर में पेल दिया और नमिता आऽऽऽह कर उठी।

अब सुधाकर ने चुदाई चालू कर दी। ठप्प ठप्प की आवाज़ आ रही थी और फ़च फ़च की भी। नमिता अपनी चीख़ पर क़ाबू करके हाऽऽऽऽऽऽय्य आऽऽऽऽऽहहह और जोओओओओओओर सेएएएएएएए चोओओओओओओओदो कहकर अपनी कमर पीछे ठेल कर सुधाकर की चुदायी का आनंद दुगुना कर रही थी। सुधाकर भी अब उसकी बुर की गहरायी में अपना लौड़ा धंसाकर आऽऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा और नमिता भी उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ मैं भी गयीइइइइइइइइ कहकर झड़ने लगी।
फिर दोनों बाथरूम से आकर बाहर आए । वो बैठ कर tv देखने लगे और राज को ले के आने के लिए कार भेज दिए।

तभी अनिका बाहर आयी। वह अभी एक छोटा सा टॉप और एक घुटने से भी अपर तक का स्कर्ट पहने थी और इस ड्रेस में वो नन्ही परी सी नज़र आ रही थी। तभी मनीष भी अपने कमरे से बाहर आया और बोला: मम्मी खाना खाया जाए?

नमिता: बस अभी राज आता होगा फिर सब साथ में खाएँगे।

तभी मनीष की नज़र अनिका पर गयी जो कि फ्रिज से बोतल निकाल रही थी और सामने को झुकी हुई थी। उसकी स्कर्ट उसकी पैंटी को छुपाने में असमर्थ थी। मनीष का लौड़ा कड़ा होने लगा। उसने पापा की ओर देखा तो उसने पाया कि पापा की निगाहें भी अनिका की गाँड़ पर ही चिपकी हुईं हैं और वह अपना लौड़ा दबा रहे हैं। फिर उसने नमिता की ओर देखा तो पाया कि वह मंद मंद मुस्कुरा रही है।
मनीष सोचने लगा कि पता नहीं आने वाले दिनों में यहाँ और क्या क्या होगा?-------------------
casanova0025
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by casanova0025 »

मस्त है लिखते रहिये
Waiting for next
casanova0025
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by casanova0025 »

bhai aap ke udate ka
intajaar hai
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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by Smoothdad »


अनिक़ा पानी की बोतल लेकर नमिता के पास आकर बैठ गयी और पानी पीने लगी। मनीष और सुधाकर उसके सामने बैठे थे। पानी पीते हुए थोड़ा सा उसके टॉप पर गिर गया और नमिता ने अपने रुमाल से उसकी छाती पर गिरा पानी रुमाल से साफ किया और दोनों मर्दों को लगा कि नमिता इसी बहाने उसकी छाती भी शायद दबाएगी।

दोनों मर्दों का खड़ा होने लगा था। तभी राज अंदर आया और सबको नमस्ते किया। नमिता ने उसका परिचय अनिका से कराया । नमिता ने देखा कि राज की आखें उसके गीले टॉप पर थीं। जहाँ उसके ताजे बने हुए संतरे अपनी पूरी उफान पर थे।

नमिता मुस्करायी और राज के पैंट की ओर देखा जहाँ एक उभार नज़र आने लगा था।

नमिता: बेटा चलो अपने स्कूल के कपड़े बदल लो। मनीष, तुम्हारे कपड़ों से एक लोअर और टी शर्ट ले लूँ?

मनीष: मम्मी ये भी कोई पूछने की बात है , प्लीज़ जो भी लेना है ले लीजिए आख़िर राज मेरा छोटा भाई है।

नमिता राज को लेकर मनीष के कमरे में गयी और राज ने दरवाज़ा बंद किया और नमिता को अपनी बाहों में समेट कर उसके होंठ चूमते हुए बोला: माँ आपको पता है कि स्कूल से आकर आपको चोदे बग़ैर मुझे चैन नहीं मिलता तो आप इस समय यहाँ क्या कर रही हैं?

नमिता ने उसके पैंट के ऊपर से उसके खड़े हुए लौड़े को दबाया और बोली: बेटा , आज अनिका आइ है ना इसीलिए मैं यहाँ आयी हूँ, मैं चाहती थी कि तुम भी उससे मिल लेते ताकि मैं जान पाती कि तुमको वह कैसे लगी?

राज: माँ वो तो अच्छी है पर थोड़ी छोटी सी लगी।

नमिता: हाँ मैं देख रही थी कि कैसे तुम्हारा लौड़ा खड़ा हो रहा था और भीगे हुए टॉप और संतरे देख कर।

राज हँसते हुए: माँ आप भी ना बहुत शरारती हो, हाँ मुझे वह अच्छी लगी , झूठ नहीं बोलूँगा। पर माँ मेरे लौड़े का क्या होगा? इसे तो शांत कर दो ना प्लीज़।

नमिता: अब तू ही बता वहाँ सब खाना माँग रहे हैं और तुझे मेरी बुर चाहिए। तो बता मैं क्या करूँ ?
राज मुँह उतारते हुए: ठीक है माँ तुम सबको खाना ही खिला दो। लाओ मुझे कपड़े दो भय्या के। यह कहकर उसने अपनी यूनीफ़ार्म उतार दी और अब वो सिर्फ़ चड्डी में था।

नमिता मुस्कुराते हुए उसके लिए कपड़े लायी और चड्डी के ऊपर से उसके आधे खड़े लौड़े को सहलाते हुए बोली: अच्छा बता , तूने मुझे आजतक कभी भी मेरी बुर माँगी है और मैंने मना किया है?

राज उसकी बुर को साड़ी के ऊपर से दबाकर बोला: नहीं माँ कभी मना नहीं किया है।

नमिता: तो आज कैसे मना करूँगी। ले मेरी पैंटी उतार दे। यह कहते हुए उसने अपना साड़ी और पेटिकोट ऊपर कर दिया।

राज उत्तेजना में भरकर नीचे बैठा और उसकी गदरायी हुई जाँघों पर हाथ फेरा और पैंटी के ऊपर से बुर को महसूस किया। जल्दी ही पैंटी गीली होने लगी। अब उसने पैंटी नीचे उतारी और नमिता की बुर में मुँह घुसेड़कर उसको चूसने लगा। जैसे ही उसकी जीभ ने clit को सहलाना चालू किया , नमिता आऽऽहहह करके गीली होने लगी।

अब वह उसे उठायी और उसकी चड्डी खोलकर घुटने के बल बैठकर उसका लौड़ा चूसने लगी। जल्दी ही राज मस्ती से ह्म्म्म्म्म्म्म करने लगा।

नमिता खड़ी हुई और फिर अपनी साड़ी उठाकर बिस्तर को पकड़कर सामने को झुक गयी और बोली: ले बेटा चोद मुझे, इसे क्विकी कहते हैं। सीधे पेल दे और जम कर चोद।

राज : अच्छा माँ ये लो मेरा लौड़ा । ये कहते हुए उसने नमिता की बुर में एक झटके में ही अपना मोटा सख़्त लौड़ा डाला और नमिता की आऽऽहहह निकल गयी। अब राज नमिता की चुदाई में जुट गया। उसके जवान मजबूत बदन से निकल रही गंध नमिता को जैसे पागल कर रही थी। वह नमिता की गरदन को चूमे जा रहा था और घोड़ी बनी नमिता के ब्लाउस के ऊपर से ही उसकी चूचियाँ भी दबाए जा रहा था।

नमिता भी आऽऽऽहहहह कहकर अपनी गाँड़ पीछे हिला हिला कर उसके धक्कों का जवाब दे रही थी।

जल्दी ही राज ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा और नमिता भी उइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी।

बाद में राज ने कपड़े पहने और नमिता से लिपट कर बोला: माँ सच में यह क्विकी बहुत अच्छी लगी।

नमिता मुस्कुराते हुए बोली: चलो अब खाना खाते हैं।
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