त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा
Big update pls.
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा
bhai aap ke udate ka intajaar hai...................................................................plz update
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा
VERY NICE
UPDATE PLEASE
UPDATE PLEASE
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा
नमिता बाहर आकर खाना लगवायी और सब खाना खाने लगे। खाने के बाद सब सोफ़े पर बैठकर बातें करने लगे। अनिका सबसे ज़्यादा बात कर रही थी।
फिर मनीष बोला: मैं तो आराम करने जा रहा हूँ। राज, तुम चलोगे क्या?
राज: हाँ चलो बाद में मुझे थोड़ी पढ़ाई भी करनी है।
वो दोनों मनीष के कमरे में चले गए। नमिता बोली: अनिका, तुम्हारा क्या इरादा है?
अनिका: मम्मी मैं तो रात भर सफ़र करी हूँ इसलिए अब आराम करूँगी, पर मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है।
नमिता: अरे तेरे पापा से मालिश करवा ले। पूरा दर्द निकल जाएगा। फिर आराम से सो जाना। ये मेरी भी दो तीन बार मालिश किए हैं , इनके हाथ में तो जादू है।
सुधाकर थोड़ा हैरानी से नमिता की ओर देखा और नमिता ने आँख मार दी।
सुधाकर: हाँ हाँ बेटा, तेरी मम्मी भी कभी कभी मुझसे मालिश करवा लेती है। मैं तेरी अच्छी से मालिश कर दूँगा।
नमिता उठकर किचन से तेल को गरम करके लायी और सुधाकर के पास रखकर बोली: ये लीजिए इससे मालिश कर दीजिए। आओ बेटा, पापा की गोद में बैठ जाओ । आप इसकी गर्दन से मालिश शुरू कीजिए।
अनिका थोड़ी हिचकते हुए आयी और नमिता ने उसको घूमकर ऐसे बिठाया की उसकी पीठ सुधाकर के सामने थी। उसका लौड़ा खड़ा होने लगा था। उसने उसको अपनी जाँघों के बीच दबा लिया था ताकि अनिका को उसका अहसास ना हो जाए।
अब उसने तेल लेकर उसकी गरदन से नीचे की ओर मालिश शुरू की। गरदन में तेल लगाते हुए वह हल्के से वहाँ दबाकर वहाँ मालिश करने लगा। अनिका को थोड़ा सा अजीब लग रहा था कि वह पापा की गोद में बैठी है। अब सुधाकर ने उसके खुले कंधों को मालिश शुरू की और वहाँ से उसकी एक बाँह को दबाने लगा। सुधाकर का लौड़ा उसकी मखमली बाँह को छूकर अकड़ने लगा। अब वह मालिश करते हुए अपने हाथ को अनिका की बाँह पर ऊपर से नीचे करने लगा। उसकी दो उँगलियाँ उसके ब्रा में क़ैद सख़्त संतरे पर छू रही थी और दोनों के बदन में सुरसुरी हो रही थी।
नमिता मुस्कुरा कर दोनों के हावभाव देख रही थी। फिर वह बोली: आप इसकी मालिश करके इसे सुला देना। मैं जाकर गेस्ट बेडरूम में सो जाती हूँ। फिर वह सुधाकर को आँख मारकर चली गयी।
सुधाकर अनिका के हाथों की मालिश करने के बाद बोला: बेटा, चलो बिस्तर पर लेट जाओ तो अच्छे से मालिश कर दूँगा। अनिका ठीक है पापा कहकर उठ खड़ी हुई और सुधाकर के बेडरूम की ओर चल पड़ी। सुधाकर भी उसके पीछे वहाँ आ गया।
सुधाकर: बेटा, अपना टॉप उतार दो तभी मालिश ठीक से हो पाएगी।
अनिका चौंककर बोली: पापा, वो क्यों? मुझे शर्म आएगी।
सुधाकर: अरे बेटा, टॉप नहीं उतारोगी तो उसने तेल लग जाएगा और मुझसे कैसी शर्म? मैंने तो तुमको बचपन में कयी बार नंगी देखा है।
अनिका: पापा बचपन की बात और थी, अब तो मैं बड़ी हो गयी हूँ।
सुधाकर: सच में बड़ी हो गयी हो? अच्छा चलो देखें तो कितनी बड़ी हो गयी हो।
अनिका: पापा आप भी ना, कुछ भी बोलते हो।
सुधाकर: अच्छा चलो टॉप उतार दो , ब्रा मत उतारना , ठीक है?
अनिका: अच्छा चलिए टॉप उतार देती हूँ।
यह कहके वो टॉप उतार देती है। सुधाकर ब्रा में उसके कसे हुए संतरे देखकर अपने आप को बहुत ख़ुश क़िस्मत समझता है। अब वह उसे पेट के बल लेटने को बोलता है। अनिका पेट के बल लेट जाती है और उसकी पूरी पीठ में ब्रा की एक पतली सी पट्टी ही रहती है। स्कर्ट भी उसकी भरी हुई जाँघों के जोड़ तक उठ जाता है और उसकी पैंटी भी दिखने लगती है।
अब सुधाकर के लिए अपना लौड़ा कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। वह उसे मसलते हुए अनिका की कमर के पास बैठ जाता है और उसकी कमर में तेल लगाता है और मालिश करने लगता है। फिर वह बोला: बेटी ब्रा का स्ट्रैप खोल दूँ इसमें भी तेल लग जाएगा तो दाग़ पड जाएगा।
अनिका: ठीक है पापा, खोल दीजिए।
अब वह उसका स्ट्रैप भी खोल देता है और उसकी नंगी पीठ देखकर मस्ती से उसके चिकने बदन में तेल की मालिश करने लगा। उसके हाथों की मालिश से सचमुच अनिका को आराम मिलने लगा। वह अब आह पापा कहने लगी।
सुधाकर उसकी पीठ से लेकर उसकी गरदन की मालिश किए जा रहा था। फिर वह उसके पैरों की मालिश करने लगा। उसके पंजों से लेकर उसके घुटने और फिर उसकी जाँघों को दबाकर वह मस्ती से भरने लगा
अब वह बोला: बेटी, स्कर्ट उतार दूँ वरना इसमें तेल लग जाएगा। अनिका ने कहा जी उतार दीजिए। अब वह उसकी स्कर्ट का हुक खोला और अनिका ने अपने चूतरों को ऊपर करके स्कर्ट निकालने में उसकी मदद की। अब वह सिर्फ़ एक छोटी सी पैंटी में थी। वह उसका चिकना और जवान होता बदन देखकर बहुत अधिक वासना से भर गया और अब अपने लौड़े को दबाते हुए उसके चूतरों और जाँघों की मालिश करने लगा।पैंटी से उसकी सिर्फ़ बुर और गाँड़ का छेद छुप रहा था।
चूतरों को दबाकर वह ऐसे महसूस किया जैसे बहुत नरम नरम रुई के गोले को दबा रहा हो। फिर जैसे ही उसने उसकी पैंटी में हाथ डालने की कोशिश की , अनिका आह पापा कहकर उसका हाथ हटा दी।
अनिका: ठीक है पापा, अब मुझे आराम मिल गया है, मैं अब सोऊँगी कहकर अपनी ब्रा को अपने सीने पर हाथ से दाबकर उठने लगी। तब सुधाकर बोला: बेटी, सामने की मालिश नहीं करवाओगी ?
अनिका: नहीं पापा, अब आराम आ गया है, मैं सो जाऊँगी। फिर वह बाथरूम में जाकर ब्रा का स्ट्रैप लगायी और आकर एक गाउन निकाली और पहनकर लेट गयी। सुधाकर बाथरूम में जाकर अनिका के नाम की मूठ्ठ मारकर वापस आया और अनिका के बग़ल में आकर सो गया।
शाम को जब नमिता उसे मिली तो वह पूछी: कैसा रहा अनिका की साथ? कुछ आगे बढ़ी बात?
सुधाकर ने उसे पूरा बताया और कहा: देखो धीरे धीरे ही बात आगे बढ़ेगी। अभी नई नई जवानी आयी है ना।
नमिता हँसने लगी।
फिर मनीष बोला: मैं तो आराम करने जा रहा हूँ। राज, तुम चलोगे क्या?
राज: हाँ चलो बाद में मुझे थोड़ी पढ़ाई भी करनी है।
वो दोनों मनीष के कमरे में चले गए। नमिता बोली: अनिका, तुम्हारा क्या इरादा है?
अनिका: मम्मी मैं तो रात भर सफ़र करी हूँ इसलिए अब आराम करूँगी, पर मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है।
नमिता: अरे तेरे पापा से मालिश करवा ले। पूरा दर्द निकल जाएगा। फिर आराम से सो जाना। ये मेरी भी दो तीन बार मालिश किए हैं , इनके हाथ में तो जादू है।
सुधाकर थोड़ा हैरानी से नमिता की ओर देखा और नमिता ने आँख मार दी।
सुधाकर: हाँ हाँ बेटा, तेरी मम्मी भी कभी कभी मुझसे मालिश करवा लेती है। मैं तेरी अच्छी से मालिश कर दूँगा।
नमिता उठकर किचन से तेल को गरम करके लायी और सुधाकर के पास रखकर बोली: ये लीजिए इससे मालिश कर दीजिए। आओ बेटा, पापा की गोद में बैठ जाओ । आप इसकी गर्दन से मालिश शुरू कीजिए।
अनिका थोड़ी हिचकते हुए आयी और नमिता ने उसको घूमकर ऐसे बिठाया की उसकी पीठ सुधाकर के सामने थी। उसका लौड़ा खड़ा होने लगा था। उसने उसको अपनी जाँघों के बीच दबा लिया था ताकि अनिका को उसका अहसास ना हो जाए।
अब उसने तेल लेकर उसकी गरदन से नीचे की ओर मालिश शुरू की। गरदन में तेल लगाते हुए वह हल्के से वहाँ दबाकर वहाँ मालिश करने लगा। अनिका को थोड़ा सा अजीब लग रहा था कि वह पापा की गोद में बैठी है। अब सुधाकर ने उसके खुले कंधों को मालिश शुरू की और वहाँ से उसकी एक बाँह को दबाने लगा। सुधाकर का लौड़ा उसकी मखमली बाँह को छूकर अकड़ने लगा। अब वह मालिश करते हुए अपने हाथ को अनिका की बाँह पर ऊपर से नीचे करने लगा। उसकी दो उँगलियाँ उसके ब्रा में क़ैद सख़्त संतरे पर छू रही थी और दोनों के बदन में सुरसुरी हो रही थी।
नमिता मुस्कुरा कर दोनों के हावभाव देख रही थी। फिर वह बोली: आप इसकी मालिश करके इसे सुला देना। मैं जाकर गेस्ट बेडरूम में सो जाती हूँ। फिर वह सुधाकर को आँख मारकर चली गयी।
सुधाकर अनिका के हाथों की मालिश करने के बाद बोला: बेटा, चलो बिस्तर पर लेट जाओ तो अच्छे से मालिश कर दूँगा। अनिका ठीक है पापा कहकर उठ खड़ी हुई और सुधाकर के बेडरूम की ओर चल पड़ी। सुधाकर भी उसके पीछे वहाँ आ गया।
सुधाकर: बेटा, अपना टॉप उतार दो तभी मालिश ठीक से हो पाएगी।
अनिका चौंककर बोली: पापा, वो क्यों? मुझे शर्म आएगी।
सुधाकर: अरे बेटा, टॉप नहीं उतारोगी तो उसने तेल लग जाएगा और मुझसे कैसी शर्म? मैंने तो तुमको बचपन में कयी बार नंगी देखा है।
अनिका: पापा बचपन की बात और थी, अब तो मैं बड़ी हो गयी हूँ।
सुधाकर: सच में बड़ी हो गयी हो? अच्छा चलो देखें तो कितनी बड़ी हो गयी हो।
अनिका: पापा आप भी ना, कुछ भी बोलते हो।
सुधाकर: अच्छा चलो टॉप उतार दो , ब्रा मत उतारना , ठीक है?
अनिका: अच्छा चलिए टॉप उतार देती हूँ।
यह कहके वो टॉप उतार देती है। सुधाकर ब्रा में उसके कसे हुए संतरे देखकर अपने आप को बहुत ख़ुश क़िस्मत समझता है। अब वह उसे पेट के बल लेटने को बोलता है। अनिका पेट के बल लेट जाती है और उसकी पूरी पीठ में ब्रा की एक पतली सी पट्टी ही रहती है। स्कर्ट भी उसकी भरी हुई जाँघों के जोड़ तक उठ जाता है और उसकी पैंटी भी दिखने लगती है।
अब सुधाकर के लिए अपना लौड़ा कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। वह उसे मसलते हुए अनिका की कमर के पास बैठ जाता है और उसकी कमर में तेल लगाता है और मालिश करने लगता है। फिर वह बोला: बेटी ब्रा का स्ट्रैप खोल दूँ इसमें भी तेल लग जाएगा तो दाग़ पड जाएगा।
अनिका: ठीक है पापा, खोल दीजिए।
अब वह उसका स्ट्रैप भी खोल देता है और उसकी नंगी पीठ देखकर मस्ती से उसके चिकने बदन में तेल की मालिश करने लगा। उसके हाथों की मालिश से सचमुच अनिका को आराम मिलने लगा। वह अब आह पापा कहने लगी।
सुधाकर उसकी पीठ से लेकर उसकी गरदन की मालिश किए जा रहा था। फिर वह उसके पैरों की मालिश करने लगा। उसके पंजों से लेकर उसके घुटने और फिर उसकी जाँघों को दबाकर वह मस्ती से भरने लगा
अब वह बोला: बेटी, स्कर्ट उतार दूँ वरना इसमें तेल लग जाएगा। अनिका ने कहा जी उतार दीजिए। अब वह उसकी स्कर्ट का हुक खोला और अनिका ने अपने चूतरों को ऊपर करके स्कर्ट निकालने में उसकी मदद की। अब वह सिर्फ़ एक छोटी सी पैंटी में थी। वह उसका चिकना और जवान होता बदन देखकर बहुत अधिक वासना से भर गया और अब अपने लौड़े को दबाते हुए उसके चूतरों और जाँघों की मालिश करने लगा।पैंटी से उसकी सिर्फ़ बुर और गाँड़ का छेद छुप रहा था।
चूतरों को दबाकर वह ऐसे महसूस किया जैसे बहुत नरम नरम रुई के गोले को दबा रहा हो। फिर जैसे ही उसने उसकी पैंटी में हाथ डालने की कोशिश की , अनिका आह पापा कहकर उसका हाथ हटा दी।
अनिका: ठीक है पापा, अब मुझे आराम मिल गया है, मैं अब सोऊँगी कहकर अपनी ब्रा को अपने सीने पर हाथ से दाबकर उठने लगी। तब सुधाकर बोला: बेटी, सामने की मालिश नहीं करवाओगी ?
अनिका: नहीं पापा, अब आराम आ गया है, मैं सो जाऊँगी। फिर वह बाथरूम में जाकर ब्रा का स्ट्रैप लगायी और आकर एक गाउन निकाली और पहनकर लेट गयी। सुधाकर बाथरूम में जाकर अनिका के नाम की मूठ्ठ मारकर वापस आया और अनिका के बग़ल में आकर सो गया।
शाम को जब नमिता उसे मिली तो वह पूछी: कैसा रहा अनिका की साथ? कुछ आगे बढ़ी बात?
सुधाकर ने उसे पूरा बताया और कहा: देखो धीरे धीरे ही बात आगे बढ़ेगी। अभी नई नई जवानी आयी है ना।
नमिता हँसने लगी।
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